कोलकाता रेप केस में सामने आए आरजी कर मेडिकल कॉलेज की एक ऐसी घिनौनी सच्चाई है जो अब तक कई लोगों को नहीं पता और यह घिनौना सत्य पूरे देश और स्पेशली बंगाल की व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है 8थ अगस्त का यह रेप और मर्डर केस तो इंडिया भर में काफी हाईलाइट हुआ लेकिन उससे भी कड़वी दबाई गई सच्चाई यह है कि इस हॉस्पिटल में ऐसी गिरी हुई हरकत कोई पहली बार नहीं हुई है आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में ऐसी छह और मौतें हो चुकी है जो भी हॉस्पिटल ने इसी केस की ही तरह सुसाइड बोल के दबाने की कोशिश की थी बट इट डजन स्टॉप ओवर हियर विक्टिम के फादर का यह सीधा आरोप है कि ये पूरा क्राइम सेमिनार रूम में तो हुआ ही नहीं था मर्डर करने के बाद बॉडी को बस वहां पर रख दिया गया था और जितनी भी कहानिया आपको न्यूज़ मीडिया में सुनने के मिल रही है ये सारी की सारी आपको असली क्राइम से भटकाने की कोशिश कर रही है पूरा का पूरा फोकस और अटेंशन सिर्फ उस रेपिस्ट पर डालने की कोशिश कर रही है जबकि आरजी कर हॉस्पिटल का इस क्राइम में सबसे बड़ा हाथ है ये डायरेक्ट ब्लेम विक्टिम के फादर और कई सारे डॉक्टर्स ने लगाया नाउ दिस इज जस्ट इनसेन ऐसे एलिगेशंस लग रहे हैं कि उस हॉस्पिटल में एक सेक्स रैकेट चलता था वहां पर इलीगल ऑर्गन्स की ट्रैफिकिंग की जाती थी और तो और वहां पर बहुत ही ट्विस्टेड किस्म की पॉर्नोग्राफिक फिल्म्स की शूटिंग तक होती थी इसमें ड्रग्स रैकेट सेक्स रैकेट या सेक्स एक्सप्लोइटेशन ऐसी बहुत सार सारे चीजें आ रही है लेकिन क्योंकि विक्टिम को हॉस्पिटल के यह सारे इल्लीगल धंधों के बारे में पता चल गया इसीलिए उसे रास्ते से हटाने के लिए उसकी जान ले ली गई एलिगेशंस तो यह भी लग रहे हैं कि दरअसल संजय रॉय मेन कल्प्रिट्स हलाल होने के लिए आगे कर दिया गया ताकि कुछ और बहुत ही ज्यादा इंपॉर्टेंट लोगों को बचाया जा सके और फिर आरजी कर कॉलेज के जो प्रिंसिपल है ना संदीप घोष इन पर भी शक की सुई लटकी हुई है क्योंकि इस केस के बस तीन दिन बाद इन्होंने हॉस्पिटल से रिजाइन कर दिया और कुछ ही घंटों के बाद ही उन्हें पास ही के एक दूसरे हॉस्पिटल में प्रिंसिपल की जॉब भी मिल गई और आखिर में सबसे बड़ा एलिगेशन लग रहा है वेस्ट बंगाल के सीएम ममता बैनर्जी और उनकी पार्टी टीएमसी पर आज पूरे देश की जनता ममता बैनर्जी से बहुत ही ज्यादा गुस्सा है लोग उन्हें रेजिग्नेशन डालने के लिए तक कह रहे हैं क्योंकि उनका मानना है कि संजय रॉय और प्रिंसिपल संदीप घोष टीएमसी के खास है और यह सब कारनामा सिर्फ और सिर्फ टीएमसी के पार्टी के कुछ चुनिंदा लोगों को बचाने के लिए किया जा रहा है ममता बैनर्जी के सत्ता को बचाने के लिए किया जा रहा है अब एगजैक्टली विक्टिम के साथ हुआ क्या था कौन है इसके पीछे का मेन कल्पेट्टा बैनर्जी एक औरत होकर एक लड़की के साथ हुए इतने घिनौने अपराध को सिर्फ अपने सत्ता बचाने के लिए दबाने की कोशिश कर रही है आई नो सभी के मन में बहुत सारे सवाल है और ऑनलाइन सोशल मीडिया में आप देखोगे तो बहुत सारी थिरी और हाइपोथिसिस बन रहे हैं कई तो कंस्पिरेशन थ्योरी भी है यानी कि मन घड़न कहानियां जो कि सवालों के जवाब देने की कोशिश कर रही है बट बट असली सच्चाई क्या है वेल फ्रेंड्स आज मैंने और मेरी टीम ने इन सारे एलिगेशंस पर डिटेल में रिसर्च किया है इस कहानी में जितने भी किरदार इवॉल्वड है ना उन सबके पास्ट को स्टडी करके मैं आपके सामने कुछ ऐसे प्रूफ रखने वाला हूं जो यह क्लियर कर देगा कि कोलकाता रेप केस यह कोई इकलौता क्राइम नहीं है बल्कि ये उस हॉस्पिटल में चल रहे एक बड़े क्राइम के नेक्सस का सिर्फ और सिर्फ एक केस है सो चलिए शुरू करते हैं एक-एक कर के सारे पत्ते खोल दिए सो जैसे हम सभी जानते हैं 8th अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल हॉस्पिटल में एक 31 इयर्स की रेसिडेंट पीजी डॉक्टर की बॉडी सेमिनार हॉल में मिली उनकी आंखों में चश्मे का कांच गड़ा हुआ था उनके दोनों पैर राइट एंगल्स पर थे उनका कॉलर बोन तक टूट चुका था और बॉडी और फेस पर बहुत सारे इंजरी के मार्क्स थे उनके शरीर पर कपड़े भी नहीं थे नाथ अगस्त की सुबह उनके पेरेंट्स को हॉस्पिटल की तरफ से कॉल जाता है कहकर कि उनकी बेटी ने सुईसा इड कर लिया है तो व लोग बोल ही दिया जो आपका लड़की सुसाइड कर दिया आप लोग जल्दी आइए यस जिस बॉडी को देखते ही कोई भी एक झटके में बोल देगा यह क्लियर कट मर्डर है और रेप केस है उसे हॉस्पिटल ने सुसाइड बोलकर दबाने की कोशिश की लेकिन फिर पूरे देश में प्रोटेस्ट शुरू हो गए दो व वाट जस्टिस व हावर इट और अंत में संजय रॉय नाम के इस बंदे को पकड़ा गया जिसने फिर एक झटके में एक्सेप्ट भी कर लिया कि हां मैंने यह क्राइम कमिट किया है और उसने यह तक बोल दिया कि मुझे फांसी की सजा भी दे दो मुझे चलेगा अब यहां तक यह कहानी सुनकर आपको इसमें कुछ थोड़ा तो फिशी नहीं लग रहा क्या अब हालांकि सबसे डिस्टर्बिग बात तो यह है कि ये केस आरजी करर हॉस्पिटल में कोई पहला केस नहीं है इसके पहले भी इसी हॉस्पिटल में छह और लोगों की बॉडीज ऐसे ही बहुत ही मिस्टीरियस कंडीशंस में पाई गई थी सौमित्र दास नाम की एक स्टूडेंट की डेड बॉडी उसके हॉस्टल रूम में पंखे से लटकी हुई मिली अगेन मैनेजमेंट ने बड़े ही कन्वेनिएंट इसे सुसाइड बोलकर रातों-रात दबा दिया लेकिन स्वामि के पेरेंट्स ने यह क्लेम किया कि उनकी बेटी का सरासर मर्डर किया गया है एक स्टूडेंट की भी मौत हुई थी उसकी दोनों हाथों की नसें कटी हुई थी यानी कि वापस से सुसाइड की तरफ इशारा और फिर साल 2016 में आरजी कर के मेडिकल कॉलेज के एक प्रोफेसर के घर से उनकी सीवियरली डीकंपोज बॉडी मिलती है साल 2020 में एक और एक 25 साल के जूनियर डॉक्टर ने आरजी करके मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग से कूदकर सुसाइड कर ली और इवन जस्ट पिछले साल 2023 में एक 23 इयर्स के इंटर्न की भी डेड बॉडी मिलती है रीजन ड्रग ओवरडोज अब इन सारे केसेस में ना दो बात बिल्कुल कॉमन है पहला आरजी कर मेडिकल हॉस्पिटल और दूसरा यह सारी मौतें काफी अननेचुरल और मिस्टीरियस तरीके से हुई और हॉस्पिटल ने इसे हमेशा सुसाइड बोलकर ही दबाने की कोशिश की अब इन मौतों के पीछे जो सबसे बड़ा एलिगेशन लगाया जा रहा है है वो है बाय यूनियन मिनिस्टर सुकांता मजूमदार उन्होंने बताया कि उनको डॉक्टर्स के एक इसका कुछ स्क्रीनशॉट हमारे पास भी पास भी पहुंचा है इसमें ड्रग्स रैकेट सेक्स रैकेट या सेक्स एक्सप्लोइटेशन ऐसी बहुत सार सारी चीजें आ रही है एक टीएमसी एमपी उनके भतीजे की भी नाम बार-बार आ रहे हैं अब ऑफकोर्स हमारा काम तो रिसर्च का ही है तो इनके एलिगेशंस पर ब्लाइंड ट्रस्ट हम नहीं कर सकते क्योंकि ये बंगाल के अपोजिशन पार्टी के मेंबर है सो हो सकता है ये सिर्फ अपने पॉलिटिकल गेंस के लिए भी ऐसा बोल रहे हो और इसीलिए मैंने और मेरी टीम ने इस केस पर रिसर्च करना शुरू कर दिया और सरप्राइजिंगली हमें अपनी रिसर्च में कई सारे एविडेंसेस मिले जिससे यह प्रूफ होता है कि शायद इस कॉलेज में वाकई में इलीगल एक्टिविटीज चल रही थी और किसी भी जगह पर अगर इल्लीगल एक्टिविटीज चलती है और किसी को भी उसके बारे में खबर पड़ जाता है तो क्रिमिनल लोग अक्सर जितना हो सके एविडेंसेस को डिस्ट्रॉय करने की कोशिश करते हैं और आई विटनेस इस को 2001 का स्वामि दास वाला केस आपको याद है ना जिसकी बॉडी उसके हॉस्टल रूम में लटकी हुई मिली थी और उसे सुसाइड बोल के केस क्लोज कर दिया गया लेकिन स्वामि के पेरेंट्स का यह कहना था कि उनके बेटे का मर्डर हुआ है सो अगर आप चिटपुर पुलिस की इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट देखोगे ना तो उसमें क्लीयरली ये मेंशंड है कि सौमित्र की बॉडी के साथ फाउल प्ले किया गया था पहली बात तो रिपोर्ट बताती है कि उसके थ्रोट में एक रुमाल डाल के उसे चोक किया गया था और दूसरी बात क्राइम सीन पर जो नायलॉन की रस्सी मिली थी उसे देखकर ही खुद आरजी करर मेडिकल कॉलेज के एक डॉक्टर अपूर्वा बोस ने तभी ऑब्जेक्ट कर दिया था कि कोई भी इंसान इतनी पतली नायलॉन की रस्सी से फांसी लगा ही नहीं सकता अब एटलीस्ट इन चीजों पर इन्वेस्टिगेशन तो होना चाहिए था लेकिन इस पर कोई भी एक्शन नहीं लिया गया उल्टा केस को दबा दिया गया इस केस के बाद कॉलेज के कई सारे स्टूडेंट्स ने मीडिया इंटरव्यूज में कहा कि उनके कॉलेज में एक सेक्स रैकेट चालू है जो बात काफी लोगों को पता है लेकिन सौमित्र के केस में जो हुआ था उसके वजह से सौमित्र की जान चली गई क्योंकि उसकी जीएफ इस रैकेट की विक्टिम बन गई थी जिसे बचाने के लिए वो रैकेट को पब्लिकली एक्सपोज करने वाला था और इसीलिए उसका मर्डर कर दिया गया बेसिकली टाइम्स ऑफ इंडिया को 2001 में दिए इंटरव्यूज में वहां के स्टूडेंट्स ने बताया कि उस हॉस्पिटल में पॉर्नोग्राफिक फिल्म की शूटिंग की जाती थी और उसके लिए वहां के स्टूडेंट्स को या फिर बाहर से सेक्स वर्कर्स को बुलाया जाता था यहां तक कि वहां पर नेक्रोलिटिक पोर्नोग्राफी यानी कि डेड बॉडीज के साथ सेक्स तक शूट करके उसे सेल किया जाता था स्टूडेंट्स का यह भी कहना था कि फिल्म्स पूरे हॉस्पिटल में कहीं पर भी फ्रॉम क्लासरूम्स टू सेमिनार हॉल्स टू हॉस्टल रूम्स हर जगह इसकी शूटिंग होती थी और उसके बारे में सारे अथॉरिटीज को पता था कई बार तो आरजी कर मेडिकल कॉलेज के फीमेल स्टूडेंट्स की फोटोस को तक लेकर पॉर्नोग्राफिक कंटेंट में माफ कर दिया जाता था ऐसे भी बताया जाता है कि इसके पीछे वहां के कुछ सीनियर डॉक्टर्स का भी हाथ था और अब जब पुलिस इन्वेस्टिगेशन हुआ तो वहां इस एलिगेशन के कई सारे सबूत भी मिले थे जैसे वहां के हॉस्टल रूम्स में ट्राइपॉड्स और रिफ्लेक्टर्स मिले थे जो उस दौर में ऑफकोर्स सिर्फ प्रोफेशनल श शूटिंग में ही यूज की जाती थी बिकॉज हम 2001 की बात कर रहे हैं और तब सोशल मीडिया एजिस्ट नहीं करता था बट अनफॉर्चूनेटली वेस्ट बंगाल की पुलिस ने इतने स्ट्रांग एविडेंसेस होने के बाद भी इस केस में कुछ भी एक्शन नहीं लिया नेक्स्ट एलिगेशन जो आरजी करर मेडिकल कॉलेज में हुए इतने सारे सस्पिशंस के लिए भी किया जाता था दावा है कि टिनी डॉक्टर को ह्यूमन ऑर्गन ट्रैफिकिंग का पर्दाफाश करने की कोशिशों के चलते मारा गया है सो 8थ अगस्त को जब ये क्राइम हुआ और सोशल मीडिया में एकदम से वायरल हो गया तो मीडिया ने वहां के कुछ स्टूडेंट्स का इंटरव्यू लिया हिंदू पत्रिका को दिए इंटरव्यू में कुछ स्टूडेंट्स ने ये क्लेम किया कि हॉस्पिटल में कई डेड पेशेंट्स की अनक्लेमद कॉलेज लाया जाता था और फिर प्रैक्टिकल्स के बहाने उनके ऑर्गन्स को निकाल दिया जाता था और यह बात विक्टिम डॉक्टर जिनके साथ अभी हाल ही में क्राइम हुआ उन्हें पता चल चुकी थी और वो भी इस नेक्सस को एक्सपोज करने ही वाली थी और इसीलिए उसका भी मर्डर कर दिया गया अब अगेन जब हम इस एलिगेशन पर रिसर्च कर रहे थे तब हमें दो बहुत ही वियर्ड केसेस मिले 9थ जनवरी 2023 की एक रिपोर्ट मिली जो भी यही क्लेम कर रही थी कि उस हॉस्पिटल में टोप्सी के लिए जो भी पेशेंट्स की बॉडीज आती थी उन बॉडीज को वहां से स्टूडेंट्स के डाक्टर के नाम पर यूज कर लिया जाता था जो कि सरासर इल्लीगल है क्योंकि किसी भी डेड बॉडी का बिना फैमिली परमिशन और पुलिस वेरिफिकेशन के डाक्टर के लिए यूज करना बिल्कुल इल्लीगल है ऐसे केसेस में पोस्टमॉर्टम तक नहीं किया जा सकता है उसी रिपोर्ट में यह भी मेंशन है कि 2023 में इसी के खिलाफ कुछ पेशेंट्स के रिलेटिव्स ने सवाल भी उठाए थे लेकिन उसको भी एज यूजुअल हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ने दबा दिया बट इस केस से यह बात तो सरासर प्रूव होती है कि उस हॉस्पिटल में ऑर्गन ट्रैफिकिंग बिल्कुल होता था तो हमें इस पर एक और एक केस भी मिल गया 18 अगस्त 2019 को आरजी कर मेडिकल हॉस्पिटल में एडमिटेड एक 69 इयर्स के आदमी शंभूनाथ दास की मौत हो जाती है इसके बाद हॉस्पिटल ने उनके परिवार को उनकी बॉडी एक प्लास्टिक में रैप करके भेज दी अब यह बात उनके बेटे को थोड़ी सी अजीब लगी और इसीलिए बॉडी को चेक करने के लिए जब उसने प्लास्टिक हटाया तो ही वाज कंप्लीट स्टंड उसके फादर की दोनों आंखें गायब थी हॉस्पिटल ने उसके फादर की दोनों आंखें निकाल ली थी और वो भी परिवार को पूछे बिना अब इस बात पर जब उनके बेटे ने कंप्लेन की तो बस सोचो उसे क्या रीजन दिया गया उसे बोला गया कि उनके फादर की आंखें चूहे खा गए लाइक लिटरली चूहे पूरे डेड बॉडी से सिर्फ आंखें खा गए यह कितना ही ओवर्टली ब्लेट स्टूपिड रीजन है जो इनडायरेक्टली साफ-साफ यह कह रहा है कि हम तो क्राइम करेंगे जो हमें मर्जी आ रही है हम वो करेंगे आपको जो करना है जो उखाड़ना है उखाड़ लो लेकिन ये सारे केसेस 2019 से ही दबते आ रहे थे और आज भी शायद यह दबा ही रहता अगर 8थ अगस्त को हुए इस हादसे पर इतना बड़ा पब्लिक आउटरेज नहीं होता इस हादसे के बाद जब सीबीआई इन्वेस्टिगेशन चालू हुई और हॉस्पिटल के 19 डॉक्टर्स से पूछताछ की गई तब उसमें से आधे से ज्यादा डॉक्टर्स ने वहां हो रही ऑर्गन ट्रैफिकिंग का जिक्र किया सो डेफिनेटली ये बिल्कुल नक्की है कि इस हॉस्पिटल में ऑर्गन ट्रैफिकिंग जैसा एक इल्लीगल काम बिल्कुल हो रहा था लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल यहां पर ये आता है कि जिस हॉस्पिटल के बारे में सिर्फ एकद दिन रिसर्च करके हमें इतने सारे सबूत मिल गए और जिस हॉस्पिटल में आज से 23 इयर्स पहले से ही ऐसी रहस्यमय मौतें हो रही है इतने सारे इल्लीगल क्राइम्स के रिपोर्ट्स आ रहे हैं वो भी ये हॉस्पिटल एक गवर्नमेंट हॉस्पिटल है तो यह सब गवर्नमेंट के सपोर्ट के बिना कैसे पॉसिबल हो सकता है और इसीलिए लेट्स कम डाउन टू द मोस्ट कंट्रोवर्शियल एलिगेशन जैसे सोशल मीडिया पर भी काफी कम लोगों ने पॉइंट आउट करने का गड्स दिखाया जिस पर बात करने के लिए भी कई लोगों को लीगल नोटिसेज भेजे जा रहे हैं वो एलिगेशन है कि इन सारे इल्लीगल कामों में टीएमसी पार्टी का हाथ है ममता बैनर्जी का हाथ है तो इस एलिगेशन को वेरीफाई करने के लिए हमने इस मुद्दे से टीएमसी के जितने भी लिंक्स हो सकते हैं ना उन सबको खोद के निकाल ने की कोशिश की सो 14th अगस्त की रात को आरजी करर हॉस्पिटल में हुए उस क्राइम सीन को यानी कि सेमिनार हॉल को कुछ गुंडों ने बुरी तरीके से तबाह कर दिया यह बात सब जानते हैं इसके बाद टीएमसी पर ये एलिगेशंस लगे कि वंडलाइजेशन उनके लोगों ने ही करवाया क्योंकि इसके कुछ ही दिन पहले केस को कोलकाता पुलिस से हटाकर सीबीआई को सौंप दिया गया था सो लोगों का कहना था कि अब क्योंकि टीएमसी केस को दबा नहीं पाएगी और इसीलिए एविडेंसेस को डिस्ट्रॉय करना एकदम जरूरी हो गया था एंड एज एक्सपेक्टेड इन आरोपों को ने ओपनली नाई किया उल्टा उन्होंने तो इस सबका इल्जाम अपोजिशन पार्टी पर डाल दिया आउटसाइडर मनेय जक वीडियो देखते पे काते नेशनल फ्लग तरा बीजेपी और काते डीवाई सादा लाल फ्लग बट यहां पर फ्रेंड्स हमें मिले प्रूफ और एविडेंसेस इसकी कंपलीटली ऑपोजिट स्टोरी ही बताते हैं सो इंडियन एक्सप्रेस ने हाल ही में एक रिपोर्ट इशू की जिसमें उन्होंने बकायदा उस प्रोटेस्ट में मौजूद लोगों को आइडेंटिफिकेशन सुकांता सेन शर्मा के लिए काम करता है ऐसा लोकल्स ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया बट इंटरेस्टिंग सुकांता ने इसे पार्टी मेंबर मानने से ही मना कर दिया उन्होंने कहा कि हर टीएमसी सपोर्टर पार्टी वर्कर थोड़ी ना होता है फिर ये है ऋषिकांत मिश्रा यह बंदा प्रोटेस्ट के दौरान पुलिस पर पत्थरबाजी कर रहा था और इंडियन एक्सप्रेस की उसी रिपोर्ट के हिसाब से यह भी एक टीएमसी वर्कर ही है अब ऐसे नामों का मैं एक लिस्ट डाल दूंगा कई सारे नाम हैं और इसमें कुछ फीमेल वर्कर्स भी हैं और शॉकिंग बात जानते हो क्या है यह सब लोग वहां हॉस्पिटल के नियर बाय रेडियस के टीएमसी पार्टी वर्कर्स हैं मतलब जरा मुझे बताओ इतना बड़ा कोइंसिडेंस कैसे हो सकता है कि इतने सारे लोकल वर्कर्स बिना पार्टी के हाई कमांड के इतने कोऑर्डिनेटेड तरीके से एक ही टाइम पर एक ही जगह पर अटैक कैसे कर सकते हैं प्रोटेस्ट तो डॉक्टर्स कब से कर रहे थे एगजैक्टली उसी दिन उसी टाइम पर हजारों लोग प्रकट कैसे हो गए पुलिस उनको रोक नहीं पाई और वो पूरा मॉब अंदर घुस गया हम लोग अपनी जान बचा के भागे हैं उन लोगों ने किसी को देखा नहीं जो जो भी वीडियोस आ रहे हैं या जो जो भी बातें सुनने में आ रही है जो उनके सामने आ रहा था उनको मार रहे थे हम पेशेंट पेशेंट पार्टी सबको उन्होने मारना स्टार्ट कर दिया डॉक्टर्स को भी बहुत ज्यादा चोट लगी है कोई इधर सब लोग अलग-अलग जगह छुपे हुए हैं जैसे आप देख ही रहे हैं हम लोग भी एक जगह पे अब चलो कुछ लोगों को यह प्रूफ भी कम लग रहे होंगे तो एनडीटीवी ने एक टीएमसी लीडर से बात की जिन्होंने मुझे पता नहीं क्यों और कैसे लेकिन उन्होंने खुद टीएमसी को इस सबके लिए ब्लेम कर दिया है यस व्हिच इज क्वाइट वियर्ड उन्होंने बताया कि खुद कई टीएमसी लीडर्स को लगता है कि ममता गवर्नमेंट ने इस केस को काफी ढीले तरीके से इन्वेस्टिगेट किया है यही नहीं खुद टीएमसी के सीनियर एमपी सुखेंदु शेखर राय ने भी सीबीआई से कहा कि उन्हें कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल और हॉस्पिटल के प्रिंसिपल संदीप घोष को इंट गट करना चाहिए और सबसे बड़ी आईरनीज शेखर जो कि खुद टीएमसी के ही एमपी है जैसे ही उन्होंने यह पब्लिक स्टेटमेंट दिया टीएमसी के खिलाफ उनका मुंह बंद करने के लिए टीएमसी ने उन्हें भी एक समन भेज दिया इनके अलावा उस हॉस्पिटल का टीएमसी डॉक्टर्स यूनियन भी यही बोल रहा है कि प्रिंसिपल को बचाने के लिए ही उनका हॉस्पिटल से रातों-रात ट्रांसफर कर दिया गया जबकि उन पर इंक्वायरी होनी चाहिए थी लेकिन आखिर टीएमसी के ही वर्कर्स एंटी टीएमसी बात क्यों कर रहे हैं वेल दरअसल रिपोर्ट्स यह है कि टीएमसी पार्टी में अब दो गुठ बन चुके हैं जो एक ममता बैनर्जी को ब्लाइंड सपोर्ट कर रहे हैं और दूसरा गुट उनके खिलाफ रिबेल कर रहा है उनका ओपनली ये एलिगेशन है कि ममता गवर्नमेंट इस केस को दबाने की पूरी कोशिश कर रही है जो कि गलत है और सिर्फ यही नहीं खुद विक्टिम डॉक्टर के लॉयर भी ओपनली ये क्लेम कर रहे हैं कि इस केस के पीछे टीएमसी का क्लियर हाथ है अब अगर इस केस के लॉयर खुद ही ये क्लेम कर रहे हैं तो डे डेफिनेटली उनके पास कुछ वैलिड प्रूफ और एविडेंसेस होंगे जो वो कोर्ट में शो करेंगे और अब फाइनल बात रही इस एलिगेशन की कि संदीप घोष और संजय रॉय भी खुद टीएमसी से ही जुड़े हुए हैं तो हमें इसके भी कुछ प्रूफ मिले हैं पहले तो जैसे मैंने आपको अभी बताया कि कुछ टीएमसी के लीडर्स ने खुद प्रिंसिपल पर एलिगेशंस लगाए पर इनकी हिस्ट्री अगर देखोगे ना तो इनप 2023 में दो बार करप्शन और रैगिंग करने जैसे सीवियर आरोप भी लगे थे लेकिन इसके बाद भी इन्हें गवर्नमेंट जॉब से निकाला ही नहीं गया इनफैक्ट अभी भी तो इनके रिजाइन करते ही तुरंत इन्हें एक नया जॉब भी दे दिया गया तो कई मीडिया रिपोर्ट्स यह क्लेम कर रहे हैं कि इनकी रूलिंग पार्टी टीएमसी से डेफिनेटली कुछ ना कुछ स्ट्रांग कनेक्शन जरूर है वरना मुफ्त में इतने सारे फेवर्स किसी को नहीं मिलते भाई और रही बात मेन एक्यूज्ड रेपिस्ट संजय रॉय की तो टाइम्स ऑफ इंडिया के हिसाब से इस बंदे का हॉस्पिटल में इतना होल्ड था कि पेशेंट्स को तक बेड दिलाने के पैसे लेता था इसमें यह कई बार पकड़ा भी गया था और जानते हैं हॉस्पिटल में बेड एलोकेशन कौन देख था टीएमसी के लोग मतलब एक सरकारी हॉस्पिटल में उन्हें बेडस दिए जाते थे जो इन जैसे गुंडों को घूस देते थे इस लेवल का करप्शन था और अगर यह सारे प्रूफ भी आपको कम लग रहे हैं ना तो यह है टीएमसी के मिनिस्टर जो सबको ओपनली धमकी दे रहे हैं कि अगर ममता दीदी के खिलाफ कोई भी कुछ बोलेगा ना तो उसका हाथ काट देंगे कैन यू बिलीव दिस किस लेवल की दादागिरी वेस्ट बंगाल में आज चल रही है ऐसा होगा तो कौन से कॉमन लोग गवर्नमेंट के खिलाफ आवाज उठाएंगे और अभी लेटेस्ट न्यूज़ यह है कि टीएमसी सरकार ने विमेन सेफ्टी के लिए राट साथी नाम की एक स्कीम निकाली है जो नाइट ड्यूटी करने वाली बंगाली फीमेल्स की सेफ्टी इंश्योर करेगा बट द क्वेश्चन इज व्हाई नाउ व्हाई सो लेट इवन आफ्टर नोइंग एवरीथिंग 2016 और 2019 में उसी आरजी कर मेडिकल हॉस्पिटल में एक और एक केस हुआ था कुछ लोगों ने वहां के जूनियर डॉक्टर्स के साथ मारपीट की थी इस बात पे सभी डॉक्टर्स ने मिलकर प्रोटेस्ट किया था लेकिन गवर्नमेंट ने इसे इग्नोर कर दिया उल्टा उन्हें धमका गाया गया कि अगर उन्होंने प्रोटेस्ट बंद नहीं किए ना तो उन्हें जॉब से निकाल दिया जाएगा 700 डॉक्टर्स ने हॉस्पिटल छोड़ भी दिया था फिर भी डॉक्टर्स की सेफ्टी के लिए कुछ भी एक्शन नहीं लिया गया क्यों क्योंकि मामला मीडिया में नहीं आया था ना इनफैक्ट उस हॉस्पिटल में 16 साल तक नौकरी कर चुके एक डेप्युटी सुपरिंटेंडेंट अख्तर अली ने तो आज से 2 साल पहले ही बंगाल के सीएम को गवर्नर को यहां तक कि इंडिया के प्रेसिडेंट को तक लेटर लिखकर बताया था कि आरजी कर मेडिकल हॉस्पिटल में बहुत सारे इल्लीगल काम हो रहे हैं और एक मेगा लेवल का करप्शन चालू है मैंने अपने पूरे कैरियर में इतना गंदा इंसान नहीं देखा मतलब आरजी करर में जो भी काम होता था पोस्टिंग हो ट्रांसफर हो हाउस स्टफ शिप हो सब जगह वो पैसा खाते थे सिर्फ यही नहीं गेस्ट हाउस में जूनियर जो स्टूडेंट है उन लोगों को बैठ कर के शराब वगैरह पिलाते थे और उन स्टूडेंट लोगों से आंदोलन भी करवाते थे मतलब एक माफिया राजा बोल सकते हैं खुद उनकी सिक्योरिटी के लिए 20 आदमी था प्लस चार आदमी बाउंसर को लेके चलते थे हमने तो फिल्म स्टार को देखा बाउंसर लेके चलते हुए किसी प्रिंसिपल को अपनी जिंदगी में नहीं देखा उसने लिटरली हॉस्पिटल के प्रिंसिपल संदीप घोष का नाम लेकर कंप्लेन फाइल की थी कि इन सारे इल्लीगल कामों के पीछे इन्हीं का हाथ है लेकिन इसके बावजूद उस प्रिंसिपल के साथ क्या हुआ नो एक्शन एट ऑल लेकिन आज जब पूरी देश की जनता एक हो गई है सोशल मीडिया पर ममता बैनर्जी पर सवाल उठने लगे हैं जब उनका रेजिग्नेशन डिमांड किया जा रहा है वी विल गेट रिड ऑफ ममता बैनर्जी देश भर में प्रोटेस्ट शुरू हो गए हैं तब जाके टीएमसी गवर्नमेंट को यह रियलाइक्स पहले लिया जाता था 23 साल से आपके पास सारा रिकॉर्ड सारा इंफॉर्मेशन है कि किस तरह के क्राइम्स हो रहे हैं उस हॉस्पिटल में तो शायद इतने सालों तक जो जो हादसे हुए जिन-जिन लोगों ने अपनी जाने गवाई वो मंजर उनकी फैमिलीज को और इस देश को कभी भी नहीं देखना पड़ता और इसीलिए मेरा मेन सवाल य है कि क्या सरकार रेप और मर्डर जैसा एक बड़ा क्राइम होने का इंतजार कर रही थी शर्मनाक बात तो यह है कि आज हमारे समाज में रेप्स जैसे क्राइम्स आम क्राइम हो गए डटा के हिसाब से हमारे देश में हर रोज 90 रेप केसेस रिपोर्ट होते हैं और यह तो वो केसेस है जो रिपोर्ट हो रहे असली गिनती कितनी है यह तो किसी को भी नहीं पता और इसीलिए हमारी मांग सिंपल है ऐसे मुद्दों को टॉप प्रायोरिटी दी जाए उन्हें कभी भी दबाया ना जाए सत्ता के लिए या किसी भी और रीजन के लिए सेफ्टी और सिक्योरिटी हर एक भारतीय सिटीजन की एक बेसिक नीड है हर देश में हर सिस्टम में संजय रॉय जैसे दरिंदे होते हैं लेकिन इन पर अगर एक्शन ना लिया जाए या फिर जस्टिस को डिले किया जाए तो ऐसे अपराधियों को सरकार की नजरअंदाज से शय मिल जाता है हिम्मत मिलती है इंस्पिरेशन मिलता है मोटिवेशन मिलता है इस देश में कोई उनका बाल भी बाका नहीं कर सकता इस सोच से वो ऐसे क्राइम्स दोहराने लगते हैं और इसीलिए हमारी मांग बस इतनी है कि देश में कड़े से कड़े कानून तो बनने ही चाहिए लेकिन उससे भी ज्यादा इंपॉर्टेंट है कि उन कानूनों का पालन होना चाहिए उन्हें एग्जीक्यूट करना चाहिए ठीक तरीके से सरकार को सिटीजंस की जरूरत नहीं होनी चाहिए कि सिटीजंस बताए कि आपको अपना काम अच्छे से एग्जीक्यूट करना है अभी लेटेस्ट ही रिपोर्ट है 1992 के अजमेर रेप केस में छह अपराधियों को 5 लाख का जुर्माना और लाइफ इंप्रिजनमेंट की सजा सुनाई गई अजमेर गैंगरेप और ब्लैकमेल कांड के बाकी बचे छह आरोपियों को स्पेशल पोक्सो कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुना दी है साथ ही -5 लाख का जुर्माना भी लगाए गया इन्होंने कम से कम 100 नाबालिक बच्चियों का रेप किया था यानी कि उनकी सजा पॉक्सो एक्ट के तहत सुनाई गई जो सारे रेप्स में सबसे कड़ी सजा मानी जाती है लेकिन इज दिस रियली इनफ यह क्राइम कभी हुआ था और 20 साल बाद इनको सजा मिलती है ऐसे गुनाह करने वाले लोग पर्वर्ट्स एजुकेटेड से एजुकेटेड और अमीरों से अमीरों घरों में भी आपको मिल जाएंगे क्योंकि यह प्रॉब्लम एजुकेशन की है ही नहीं बल्कि सोच की प्रॉब्लम है ये एक मानसिकता है जिसका इलाज सिर्फ और सिर्फ सख्त कानून ही कर सकता है और इसीलिए हमें हमारे कानूनों को बदलने की जरूरत है उन्हें एग्जीक्यूट करने वाले एजेंसीज को और सख्त बनाने की जरूरत है और सिस्टम में जहां-जहां पे करप्शन है उसे जड़ से उखाड़ने की जरूरत है ताकि अगली बार कोई भी पॉवर्ट इंसान किसी भी लड़की को बुरी नजर से देखने से भी पहले 100 बार सोचे और इस मुद्दे को कुछ ही दिनों में हमें भूल नहीं जाना है आज पूरा देश जब एक हुआ है तब जाकर हम इतना बड़ा इंपैक्ट ला पाएं और इसीलिए अगर इस बार नहीं तो फिर कभी भी नहीं मैं इस वीडियो को दबाव बनाते प्रेशर बनाते तब जाकर इंपैक्ट आता है हमारा समाज सुधरता है सो लेट्स ऑल कलेक्टिवली कंट्रीब्यूट फॉर दिस कॉज जय हिंद वंदे मातरम