पंचायती राज और इसका महत्व

Aug 5, 2024

पंचायती राज का महत्व

परिचय

  • यूपीएसी की तैयारी में पंचायती राज एक महत्वपूर्ण विषय है।
  • यह संविधान में महत्वपूर्ण संशोधन का हिस्सा है।

संविधान में पंचायती राज

  • 73वां और 74वां संशोधन:
    • 73वां: ग्रामीण प्रशासन
    • 74वां: शहरी प्रशासन
  • पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा देने के लिए ये संशोधन आवश्यक थे।
  • मूल संविधान में स्थानीय स्वशासन का कोई उल्लेख नहीं था।

ऐतिहासिक दृष्टिकोण

  • पंचायती राज की शुरुआत वैदिक काल से होती है।
  • ब्रिटिश काल में, लार्ड रिपन को "स्थानीय शासन का जनक" कहा जाता है।
    • 1882 में स्थापित स्थानीय बोर्डों के माध्यम से।

पंचायती राज की परिभाषा

  • स्थानीय स्वशासन: स्थलिय मुद्दों का प्रबंधन, स्थानीय निकायों द्वारा।
  • स्थानीय निकायों का चुनाव स्थानीय लोगों द्वारा किया जाएगा।

ग्राम सभा और ग्राम पंचायत

  • ग्राम सभा:

    • सभी 18 वर्ष से अधिक उम्र के व्यस्कों का समूह।
    • काम: स्थानीय मुद्दों की निगरानी, योजना बनाना।
  • ग्राम पंचायत:

    • पंचों और सरपंचों का समूह।
    • कार्यकाल: 5 वर्ष।

पंचायती राज के स्तर

  1. जिला परिषद (District Panchayat): उच्चतम स्तर।
  2. पंचायत समिति (Block Level): मध्य स्तर।
  3. ग्राम पंचायत (Village Panchayat): निचला स्तर।

कार्य और जिम्मेदारियाँ

  • ग्राम पंचायत जनकल्याण, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे कार्यों का प्रबंधन करती है।
  • स्थानीय करों का संग्रहण और आवंटन।

महत्वपूर्ण अनुच्छेद

  • DPSP:
    • अनुच्छेद 40: स्थानीय स्वशासन को बढ़ावा देने के लिए।
  • PESA अधिनियम 1996: अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायतों के अधिकार।

निष्कर्ष

  • पंचायती राज प्रणाली की गहन समझ यूपीएसी की तैयारी के लिए आवश्यक है।
  • आगे आने वाली कक्षाओं में ग्रामीण एवं शहरी प्रशासन पर चर्चा होगी।

प्रश्न और उत्तर

  • क्लास में चर्चा के दौरान प्रश्नों का समाधान किया जाएगा।
  • छात्रों को अपने विचार और संदेह साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।