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भारत में राष्ट्रीयता का विकास
Sep 21, 2024
भारत में राष्ट्रीयता
परिचय
राष्ट्रीयता
का अर्थ: देश के प्रति प्रेम और गर्व की भावना।
महत्व
: भारत में देशभक्ति की भावना का उदय कैसे हुआ।
प्रथम विश्व युद्ध (1914)
दो पक्ष
: सहयोगी शक्तियां (ब्रिटेन, अमेरिका, जापान) और केंद्रीय शक्तियां (जर्मनी, ओटोमन साम्राज्य)।
प्रभाव
: ब्रिटेन का भारत पर शासन और उसके आर्थिक प्रभाव।
कस्टम ड्यूटी और आयकर का बढ़ना।
महंगाई और जबरन भर्ती।
प्राकृतिक आपदाएं और महामारी
1918-1919: फसल बर्बाद, खाद्यान्न की कमी।
इंफ्लुएंजा महामारी से 13 मिलियन लोगों की मृत्यु।
महात्मा गांधी का आगमन (1915)
सत्याग्रह
: अहिंसा पर आधारित आंदोलन।
प्रथम आंदोलन
: 1917 में चंपारण, बिहार में नील की खेती के खिलाफ।
अन्य आंदोलन
: खेड़ा सत्याग्रह और अहमदाबाद में आंदोलनों की सफलता।
रॉलेट एक्ट और जलियांवाला बाग हत्याकांड (1919)
रॉलेट एक्ट
: बिना मुकदमे गिरफ्तारी की शक्ति।
प्रतिक्रिया
: गांधी का सत्याग्रह आंदोलन और अमृतसर में विरोध।
जलियांवाला बाग हत्याकांड
: जनरल डायर द्वारा निहत्थे लोगों पर गोलीबारी।
खिलाफत आंदोलन और असहयोग आंदोलन
खिलाफत मुद्दा
: तुर्की के खलीफा का अपमान।
असहयोग आंदोलन
: ब्रिटिश शासन के खिलाफ असहयोग की नीति।
असफलताएं और आंदोलन का स्थगन
कारण
: हिंसा का उदय (चौरी चौरा कांड) और गांधीजी द्वारा आंदोलन का वापस लेना।
सुराज पार्टी
: ब्रिटिश नीतियों का विरोध करने के लिए चुनाव में भागीदारी।
सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930)
नमक सत्याग्रह
: नमक पर ब्रिटिश कर के विरोध में गांधी का डांडी मार्च।
राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
: नमक कानून का उल्लंघन, विदेशी कपड़ों का बहिष्कार।
आंदोलन की सीमाएं
दलित और मुस्लिम भागीदारी
: सीमित भागीदारी और राजनैतिक द्वेष।
पूना पैक्ट (1932): दलितों के लिए आरक्षण।
भारतीय राष्ट्रीयता का उदय
एकजुट संघर्ष
: ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता का साझा उद्देश्य।
संस्कृति और कला
: लोककथाएं, गीत, फिगर्स और फ्लैग्स ने राष्ट्रीय भावना को प्रोत्साहित किया।
निष्कर्ष
विभिन्न आंदोलनों और संघर्षों के माध्यम से अंततः भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई।
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