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नागरिकता संशोधन विधेयक पर जानकारी

माननीय मंत्री [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] जी यू पुट इट इन इंटरवेंशन यू पुट इट इन [प्रशंसा] [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] [प्रशंसा] इंटरवेंशन माता की ज [संगीत] महोदय जब यह बिल लेकर मैं सदन के सामने उपस्थित हुआ तब मैंने कहा था के बिल उन लाखों करोड़ों शरणार्थियों की यातना का अंत करने वाला बिल है जो आज नर्क का जीवन जी अध्यक्ष जी भाई आप [संगीत] [प्रशंसा] बोल माननीय सदस्य अध्यक्ष जी आप अध्यक्ष जी एक बहुत महत्त्वपूर्ण विषय है एक बार मेरा निवेदन मेरा निवेदन है आपसे संरक्षण चाहता हूं सारे लोग बोले हमने धैर्य से सुना बात सच्ची हो हमें ठीक लगे ना लगे हमारे विचार से इत्तेफाक रखती हो ना रखती हो सबको धैर्य से सुना है मेरा आपके माध्यम से सभी सदस्यों से निवेदन है कि अब मुझे भी धैर्य से सु माननीय सदस्यगण और बीच में टोका टाकी ना कर एक मिनट आसन से व्यवस्था द माननीय सदस्य गण मानेंगे ना माननीय सदस्य गण सभी सदस्यों से मेरा आग्रह है कि इस सदन में एक अच्छी बहस हुई है चर्चा हुई है और सभी सदस्यों को पर्याप्त अवसर दिया है जितना समय आवंटित था जितना समय आवंटित था उस आवंटित समय से ज्यादा समय सभी राजनीतिक दलों को भी दिया है व्यक्तिगत सदस्यों को भी दिया है इसलिए मैं आपसे आग्रह कर रहा हूं कि हम सबको इस महत्त्वपूर्ण विधेयक पर गृहम मंत्री जी का वक्तव्य सुनना चाहिए उसके बाद सदन तय करेगा कि आप जो फैसला करेंगे उस विधेयक के बारे में अंतिम फैसला आप सबकी सहमति से होगा अध्यक्ष महोदय मेरे बिल को प्रस्तुत करने के बाद श्री मनीष तिवारी से लेकर श्री राजू बीच तक सभी दलों के 48 48 सदस्यों ने पक्ष और विपक्ष दोनों के इस बिल की चर्चा में हिस्सा लिया है महोदय मैं ने पहले ही कहा के बिल लाखों करोड़ों शरणार्थियों के यातना पूर्ण नर्क जैसे जीवन से उनको मुक्ति दिलाने का साधन बनने जा रहा है और मुझे बहुत आनंद है कि आज यह लाखों करोड़ों शरणार्थी जो भारत के प्रति श्रद्धा रखते हुए हमारे देश में आए थे उनको नागरिकता और संवैधानिक सन्मान देने का काम यह बिल के माध्यम से जब यह बिल पारित होगा हो जाएगा अध्यक्ष जी काफी सारे सदस्यों ने इसमें हिस्सा लिया है बहुत सारी चीजों का रिपीटेशन भी हुआ है मगर मैं एक एक करकर सभी का जवाब जरूर देना चाहता हूं क्योंकि य बिल के बारे में जो अप प्रचार हो रहा है जो भ्रांति फैलाई जा रही है मैं नहीं चाहता कि इस बिल के माध्यम से इस सदन की चर्चा के माध्यम से भारत के किसी भी कोने में वह भ्रांति फैले ना वह भ्रांति टिक पाए माननीय सदस्य [प्रशंसा] प्लीज उनके प्रॉब्लम है उनकी समस्या है सभापति महोदय श्री मनीष तिवारी जी ने सबसे पहले और बाकी काफी सारे सदस्यों ने अंत तक श्री प्रेमचंद्र जी और बाकी सारे सदस्यों ने सश थरूर जी ने भी आर्टिकल 14 का हवाला देते हुए इस बिल को गैर संवैधानिक करार दिया मैं माननीय अध्यक्ष जी सभी सदस्यों को सदन को और आपके माध्यम से सदन के सदस्य को सदस्यों के माध्यम से पूरे देश की जनता को कहना चाहता हूं कि किसी भी डायमेंशन से यह बिल गैर संवैधानिक नहीं है ना आर्टिकल 14 का उल्लंघन करता है आर्टिकल 14 में जो समानता का अधिकार दिया है उसके तहत मैंने पहले भी कहा कि ने रीजनेबल क्लासिफिकेशन के आधार पर कानून बनाने से आर्टिकल 14 में कोई रोक नहीं है अब मैं थोड़ा इसको एक्सप्लेन करना चाहता हूं थोड़ा बैकग्राउंड में जाना पड़ेगा हो सकता है मेरी बात सबको अच्छी ना लगे मगर सुनने का धैर्य भी रखना चाहिए क्योंकि इसी में से एक कैसे गैर संवैधानिक नहीं है इसका तर्क खड़ा होता है मान्यवर अच्छा तो यह था इस देश का विभाजन धर्म के आधार पर ना होता अगर ये देश का विभाजन धर्म के आधार पर ना होता तो बिल लेकर मुझे आने की जरूरत ही नहीं पती इस देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ यह वास्तविकता वास्तविकता को इस सदन ने स्वीकार करना जब विभाजन धर्म के आधार पर होता है तो आप इसको स्वीकार बगैर आगे नहीं चल सकते हो धर्म के आधार पर विभाजन हुआ जिस हिस्से में मुस्लिम भा ज्यादा रहते थे उस हिस्से को पाकिस्तान के नाम से अलग देश बनाया गया और भारत का बचा हुआ हिस्सा भारतीय संघ के नाम से प्रस्थापित हुआ जो आज हमारा भारत देश है आगे चलकर पाकिस्तान के में भी पश्चिम पाकिस्तान था और पूर्वी पाकिस्तान था वह बांग्लादेश में तब्दील हुआ मगर बीच में एक विभीषिका आई दोनों और से शरणार्थियों का आना जाना मार काट बलात्कार लूट ढेर सारे परिवारों ने यातना को ला है जिन्होंने विभाजन की यातना को ला है वही बता सकते हैं मान्यवर कि यातना कितनी कड़ी और कठिन मगर उसके बाद इसके बाद क्या हुआ मान्यवर नेहरू लियाकत समझौता 1950 में दिल्ली में एक नेहरू लियाकत समझौता हुआ और वह समझौते के तहत यह निश्चित कि किया गया कि दोनों देश अपने अपने अल्पसंख्यकों का ध्यान रखेंगे भारत भी रखेगा पाकिस्तान भी रखेगा और बाद में बांग्लादेश बना मान्यवर मैं यह सब इसलिए बताता हूं कि यह जो बिल लेकर सरकार आई है इसकी एक पृष्ठ भूमि और ये दोनों देशों के सरकारों ने एक दूसरे को विश्वास दिलाया था कि पाकिस्तान के अंदर जो हिंदू सिख बहु जैन क्रिश्चन पारसी है उनके पाकिस्तान ध्यान रखेगा यहां पर भी जो माइनॉरिटी है मुसलमान है क्रिश्चन है पारसी है बौद्ध है जैन है उसका हिंदुस्तान ध्यान रखेगा भारत ध्यान रखेगा मगर ऐसा हुआ नहीं मान ऐसा ऐसा हुआ नहीं मैंने मैं उस पर बाद में आऊंगा मगर 1950 का नेहरू लियाकत समझौता मान्यवर धरा का धरा रह अब मैं जरा जिन तीन देशों से लघुमति को हम नागरिक बनाने का वादा इस बिल के माध्यम से कर रहे हैं माइनॉरिटी को नागरिक बनाने का वादा कर रहे हैं वह तीन देशों के संवैधानिक स्टेटस पर जाना चाहता उनके राज्य की स्थिति पर जाना चाह मान्यवर अफगानिस्तान इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान के अनुच्छेद दो में निम्नलिखित प्रावधान किया पवित्र धर्म इस्लाम इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान का धर्म है मतलब वहां पर इस्लाम को राज्य के धर्म के रूप में मान्यता दी पाकिस्तान इस्लामिक रिपब्लिकन रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद दो में लिखा गया है पाकिस्तान राज्य का धर्म इस्लाम होगा बांग्लादेश बांग्लादेश जब बना तब तो उसका संविधान सेकुलर था 77 और 1988 में इसमें बदलाव किया गया और इसमें लिखा गया रिपब्लिक का राज्य धर्म इस्लाम है ये तीनों देशों के अंदर राज्य धर्म इस्लाम है इसको मान्यता हमने नहीं दी है मान्यवर श वहां के मैं आता हूं सब बोलूंगा भाई एक एक चीज का जवाब दूंगा बाद में आपको चाहिए तो कल सुबह तक बैठूंगा मुझे टोकियो मत मान्यवर तीनों राज्यों के देशों के जो धर्म संविधान के अंदर लिखे गए हैं वह बताना इसलिए जरूरी है कि वहां पर मान्य रिटी को न्याय मिलने की संभावना इसी से क्षीण हो जाती है लगभग समाप्त हो जाती है मान्यवर उसके बाद में मैं क्या हुआ डिटेल में बहुत सारे सदस्यों ने बताया है कितनी प्रताड़ना हु कैसी घटनाएं हुई वह बाद में बताऊंगा मगर यह दोनों तथ्य बताने के बाद मैं इस स्थिति पर इस स्थिति से आगे सदन को ले जाना चाहता हूं कि जो उसके बाद में 40 50 साल में हुआ वह क्या हुआ मान्यवर 1947 में पाकिस्तान के अंदर अल्पसंख्यकों की आबादी 23 प्र जरा ध्यान से सुनो दादा ध्यान से सुनो पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी 1947 में 23 प्र और 2011 में 23 प्र से कम होकर 3.7 प्र होग मान्यवर बांग्लादेश बांग्लादेश बांग्लादेश में 47 में बांग्लादेश के अंदर अल्पसंख्यकों की आबादी 22 प्र थी और 2011 में वह कम होकर सात % हो मान्यवर कहां गए लोग कहां गए या तो उनका धर्म परिवर्तन हो गया या तो भारत में आए या तो मार दिए गए या तो प्रताड़ित करकर भगा दिए गए मैं पूछना चाहता हूं जो लोग विरोध करते हैं य माइनॉरिटी का य अल्पसंख्यक जो हिंदू सिख बौद्ध ईसाई जैन पारसी है क्रिश्चन है इनका दोष क्या है क्या दोष है उनका इस प्रकार से क्षीण कर दिया गया हम चाहते हैं मान्यवर कि उनका अस्तित्व बना रहे और सन्मान के साथ दुनिया के मान्यवर इनको बिठा दीजिए इनको बिठा दीजिए और [संगीत] [प्रशंसा] मान्यवर बैठ जाओ [संगीत] भाई मैं आता हूं इस पर भी आता हूं मैं इस पर भी आता हूं मान्यवर ठीक नहीं है मान्यवर ठीक नहीं है इनको आपको रोकना चाहिए मान्यवर और और आप आप लोग पूरी दुनिया देख रही है भारत के संविधान को कोई कह रहा है कि हिंदू राष्ट्र बनने जा रहा है भारत का संविधान पक्ष पात कर रहा है मैं आज आपको बताना चाहता हूं भारत में क्या हुआ मान्यवर भारत के अंदर 1951 में भारत के अंदर 1991 में 84 प्र हिंदू था और 2011 में वह 84 प्र से घटकर 79 प्र हुआ यहां पर आबादी नहीं बड़ी है वहां पर आबादी बड़ी है और मुस्लिम 2000 1951 सुन लो भाई 1951 में मुस्लिम मान्यवर 1900 51 में यहां पर मुसलमान 9.8 प्र था आज 14.2 प्र है हमने किसी के साथ धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करा और मैं इस सदन को विश्वास दिलाना चाहता हूं आगे पर भी धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं होगा इसका मैं सदन को विश्वास दिलाता परंतु धर्म के आधार पर अगर पड़ोस के देश के अंदर धर्म के आधार पर वहीं की अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार हो रहा है प्रताड़ना हो रही है तो भारत मु मुख दर्शक बनकर रह नहीं सकता उनको बचाना पड़ेगा उनको सम्मान देना पड़ेगा उनको स्वीकारना मान्यवर इसलिए इसलिए अब मैं फिर से फिर से आर्टिकल 14 पर आता हूं आर्टिकल 14 में कहा गया है कि समानता का अधिकार संसद को कानून बनाने से समानता का अधिकार जिसमें ना हो ऐसे कानून संसद नहीं बना स मैं मानता हूं मगर ये कोई क्लास के लिए नहीं हुआ है कोई एक धर्म के लिए नहीं हुआ है एक एक कोई एक धर्म के लिए नहीं हुआ एक क्लास के लिए हुआ है माइनॉरिटी के लिए हुआ है हिंदू सिख बौद्ध जैन पारसी क्रिश्चन ये सारी माइनॉरिटी के लिए हुआ है अगर इसमें से सिर्फ पारसियों के लिए करते तो आर्टिकल 14 जरूर आड़ आता मान अगर सिर्फ बौद्धों के लिए करते आर्टिकल 14 जरूर सामने रास्ते में आता सिर्फ हिंदुओं के लिए करते तो भी आर्टिकल 14 जरूर इसका वायलेशन होता सिर्फ सिखों के लिए करते तो भी आर्टिकल 14 का जरूर वायलेशन होगा मगर एक प्रताड़ित क्लास के लिए प्रताड़ित माइनॉरिटी के प्रोटेक्शन के लिए अगर कानून करते हैं तो आर्टिकल 14 कहीं पर और मान्यवर क सार ऐसे कानून है यह सारे विद्वान लोग बैठे हैं मुझे जवाब दे अगर आर्टिकल 14 के आधार पर ऐसे कानून नहीं बन सकते हैं तो माइनॉरिटी एजुकेशन इंस्टिट्यूशन के लिए कैसे कानून बना है तोय बात बैठ जाइए मैं बताता हूं बैठ [प्रशंसा] [संगीत] जाइए ओसी जी ओसी जी एक मिनट बैठिए ना तो वो आर्टिकल 14 को वायलेट नहीं करती है क्यों नहीं करता है वो भी करेगा [संगीत] मान्यवर मान्यवर मान्यवर मुझे रक्षण देना चाहिए मैंने सबको सुना है मुझे सुनना चाहिए क्या न नहीं है कल्याण बनर्जी न मत करो बैठ जाइए कल्याण बन [संगीत] [प्रशंसा] जी ब बैठ जाइए बैठ जाइए दादा बैठ जाइए बैठ जा [संगीत] मान्यवर यह [संगीत] [प्रशंसा] बिल आप बैठ जाइए नहीं ऐसा नहीं बैठाना पड़ेगा मान्यवर ऐसा भाषण नहीं हो सकता मान्यवर मैं अभी भी कहना चाहता हूं कि जो बिल है वह किसी के प्रति किसी भी धर्म के प्रति भेदभाव से युक्त नहीं है केवल और केवल उन लघुमति के प्रति यह बिल एक पॉजिटिव भाव लेकर आया है जो य तीन देशों के अंदर प्रताड़ित है और जो प्रताड़ित है वोह शरणार्थी वह शरण में आता है व घुस पटिया नहीं हो सक वह भाग कर आया वह वहां से भाग कर आ है हमारी शरण में मान्यवर व उसको घुस पेटे का स्टेटस हम नहीं दे सकते मान्यवर इसलिए मैं कहता हूं कि यह रीजनेबल क्लासिफिकेशन के अर [प्रशंसा] [संगीत] बताएंगे बताएंगे जवाब सुनो माननीय सदस्यगण मैं फिर आपसे आग्रह कर रहा हूं आप पूरा जवाब सुनो बीच बीच में टोका टोकी नहीं किए कोई और मैं आपको मैं आपके माध्यम से सारे लोगों को कहता हूं किसी भी माननीय सदस्य को बैठे बैठे वक्तव्य देने की इजाजत नहीं [संगीत] है [संगीत] माननीय सदस्य आसन की बिना परमिशन के खड़े होने की इजाजत भी नहीं [प्रशंसा] [संगीत] है [संगीत] चलो माननीय सदस्य माननीय अध्यक्ष जी मैं सबको कहना चाहता हूं कि अध्यक्ष जी जो अनुमति देंगे वह सारे सवालों के जवाब मेरे भाषण के बाद भी दूंगा कृपया मेरे भाषण में आप मुझे बोलने दीजिए बाद में आप सवाल पूछे दादा बीच में खड़े मत तो यह बिल ना आर्टिकल 14 ना 21 ना 25 किसी का वायलेशन करता है मान्यवर य पूर्ण रूप से संविधान की दृष्टि से यह बिल ठीक है अपने मनीष जी ने कहा यन कन्वेंशन न रिफ्यूजी और यन प्रोटोकॉल न रेजी 51 और 67 का हमने साइन किया है हमने कभी साइन नहीं किया है आपकी तो क्या [संगीत] बो ठीक है ठीक है मगर हमने कोई रे फ्यूजी पॉलिसी को स्वीकार नहीं किया है और थरूर जी ने कहा मैं फिर से श्रीमान राजनाथ सिंह जी ने जो कहा है सदन के सामने रिपीट करना चाहता हूं ये सरकार मानती है कि कोई रिफ्यूजी पॉलिसी की जरूरत नहीं है हमारा कानून पर्याप्त है भारत सरकार तय करे वो सारे रिफ्यूजी को सरण कोई रिफ्यूजी की जरूरत नहीं पॉलिसी की जरूरत नहीं उन्होंने कहा बहुत अच्छा इतिहास का उदाहरण दिया कि पारसी गुजरात के किनारे आए एक दूध का गिलास भेजा राजा ने उन्होंने अंदर शक्कर डाली और उन्होंने कहा कि हम घुल मिलकर रह जाए ये हमारी परंपरा है पारसी को स्वीकार लिया मनीष जी भूल गए पारसी भी धार्मिक रूप से प्रताड़ित होकर आए थे वैसे नहीं आए थे जब उनको ईरान से भगाया गया उनका धर्म पारसी धर्म अस्तित्व में खतरे में आया तब भारत ने शरण दी थी और आज भी जो जिनको धर्म खतरे में आया जिनको अपने परिवारों का प्रोटेक्शन करना था वोह आए उन्हीं को हम शरण दे रहे हैं मनीष जी आपने जो उदाहरण दिया वह आपके ही दलील के खिलाफ है उन्होंने किया कहा मैं उदाहरण की बात कर रहा हूं माननीय अध्यक्ष जी उन्होंने एक बड़े शान से एक शेर पढ़ा कि लम ने खता की थी और सदियों ने सजा पाई थी मैं यही कह रहा हूं ल ने सजा की थी रमो ने गलती की थी खता की थी और सदियों ने सजा पाई है मगर मगर अब ये नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री है लहो की खता अब नहीं होगी ना सदियों तक सजा प्राप्त करने का मौका आएगा मान्यवर ये खता ये खता हम नहीं करने वाले ये खता हम नहीं करने वाले हैं किसी भी व्यक्ति को अपने परिवार की बहन बेटियों को बहुओं को बचाने के लिए हा और हम नाले उसका धर्म बचाने के लिए आना पड़े और हम ना ले हम उसको नागरिकता दे य गलती हम नहीं कर सकते मान्यवर हम जरूर उनको स्वीकार संवैधानिक सन्मान भी देंगे और पूरे विश्व के सामने सन्मान के साथ खड़े कर उन्होंने कहा कि टू नेशन थ्योरी श्री सावरकर की श्री सावरकर की थी या नहीं थी इस में जाना नहीं मगर जिन्हा साहब ने जब टशन थ्योरी इवल करी प्रचारित करी प्रसारित करी और विभाजन हुआ आप कांग्रेस पार्टी य बताए भला विभाजन क्यों स्वीकार किया रोका क्यों नहीं रो तो किसने साइ किया मान्यवर महात्मा गांधी ने कहा था मान्यवर महात्मा गांधी ने कहा था इस देश के अगर टुकड़े होंगे तो मा गांधी जी के मृत पर होंगे और कांग्रेस पार्टी ने धर्म के आधार पर इस देश के विभाजन को स्वीकार करकर ये सारी चीज आज इसके आधार पर मान्यवर धर्म के आधार पर देश का विभाजन कांग्रेस पार्टी ने स्वीकार किया था ये ऐतिहासिक सत्य है इसको कोई नका नहीं सकता [संगीत] मान्यवर [संगीत] बाद में पूछो बाद में पूछो मान्यवर आप मान्यवर दयानिधि मारण जी ने कहा कि आप पाक ऑक्यूपाइड कश्मीर को मानते हो उसके नागरिकों को नहीं मानते हो दयानिधि महारा साहब आपको वास्तविकता मालूम नहीं पार्क ऑक्यू बाई कश्मीर भी हमारा है उसके नागरिक भी हमारे हैं और आज भी आज भी कश्मीर की असेंबली के अंदर 26 सीट हम इसके लिए रिजर्व रखे 24 सीटें रिजर्व रखे हैं आपको मालूम नहीं है बोलना सरल है और बोले के हिसाब से करना बड़ा कठिन है और मान्यवर उन्होंने कहा श्रीलंका के लोगों को क्यों नहीं दिया मैंने सुबह भी जब पुर स्थापन के वक्त विरोध आया था तब कहा था कि अलग-अलग समय पर अलग-अलग प्रकार से नागरिकता दी गई है जैसे विभाजन के बाद सभी को दी गई जो आए वो सभी को दी गई 71 में बांग्लादेश से आए दी गई दंड कारण में 1959 में जो बांग्लादेश से आए तमिलनाडु से तमिलनाडु के जो भाई लंका से आए उसको भी दी गई 3 लाख लोगों को उनकी प्राकृतिक वृद्धि के साथ श्रीलंका की नागरिकता लाल बहादुर शास्त्री और बंदर नायक के बीच 64 में जो समझौता हुआ एक सेकंड मैं वो वहां से नहीं मैं यही कह रहा हूं तो इसमें भी सुनिए प्लीज इसमें भी एग्रीमेंट था भाई इसमें भी एग्रीमेंट था बैठ उसके बाद में भारत सरकार 5.25 लाख लोगों की वृद्धि के साथ 1979 में दी उसके बाद शेष रह गए ढ लाख लोगों को सरकार के समझौते के तहत या तो वहां जाए या तो वहां जाए ऑप्शन दिया 75000 लोग वहां गए 75000 लोग यहां है एक जब नागरिकता दी लंकन तमिलों को तब बांग्लादेश वालों को नहीं दी थी पाकिस्तान वालों को नहीं दी थी युगा आए तब बांग्लादेश वालों को नहीं दी थी अफगानिस्तान वालों को नहीं दी थी पाकिस्तान वालों को नहीं दी थी हर बार जो किया वो एक स्पेसिफिक प्रॉब्लम प्लीज पले मुझे सुन लो ् आपको पूछे मान्यवर जब भी जब भी नागरिकता के बारे में कोई इंटरवेंशन हुआ है एक स्पेसिफिक प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए हुआ है युगांडा के लिए जब नागरिकता दी तब देश भर से दुनिया भर से आए सारे लोगों को नागरिकता नहीं दी थी सिर्फ युगांडा से जो भारतीय आए थी इसलिए इस बार ये तीन देशों से जो धार्मिक लघुमति आई है इसको नागरिकता दी है किसी को भी किसी को भी नागरिकता ना देने का कोई इसमें दुर्भावना नहीं है ना तमिलों को है ना लंका से आए हुए शरणार्थियों को क्योंकि य तीन देशों के जो धार्मिक शरणार्थी आए उनको एड्रेस करने के लिए य लेकर आए इसलिए हो रहा है तो इसको भी मैं जरा स्पष्ट करना चाहता हूं एक उन्होंने कहा कि माइनॉरिटी की व्याख्या बहुत संकुचित मान्यवर हमारी माइनॉरिटी की व्याख्या संकुचित नहीं है दध साहब शायद मेरा हिंदी में वक्तव्य होता है तो ट्रांसलेशन में थोड़ी गड़बड़ हुई होगी मैं आपको बता दूं मैं यहां के माइनॉरिटी की बात ही नहीं करता यह पूरा विधेयक वोह तीन दोषों में जो धार्मिक माइनॉरिटी है इसके लिए हमारी व्याख्या संकुचित नहीं है और यय सनातन सत्य है वह तीन देशों के संविधान के हिसाब से सत्य है कि वहां पर मुस्लिम माइनॉरिटी नहीं है इसको कैसे झुलाया जा सकता है जब जब बांग्लादेश सुनिए बाद में पूछ ध साब बांग्लादेश अफगानिस्तान और पाकिस्तान के माइनॉरिटी की बात करेंगे तीनों राज्यों का धर्म जब इस्लाम होगा तो वहां इस्लामिक लोग कैसे इस्लाम के अनुयाई कैसे माइनॉरिटी हो सकती हमारी व्याख्या संकुचित नहीं है वहां के संविधान का प्रोविजन ऐसा है जो मुस्लिमों को माइनॉरिटी का स्टेटस नहीं देता है इसलिए नहीं है इस देश में इतने सारे मुसलमान है कोई भेदभाव नहीं होता है सब जी रहे हैं और यहां चित्र ऐसा बनाया जा रहा है कि इस देश के मुसलमानों के साथ अन्याय हो रहा है ऐसा नहीं है मान्य वहां पर जो वहां की स्थिति है उसमें मुस्लिम कम्युनिटी मुस्लिम धर्म के अनुयाई वहां माइनॉरिटी नहीं है इसलिए उनको नहीं स्वीकार करें उनके साथ अन्याय नहीं कर रहे अगर वो माइनॉरिटी होते तो उनको भी स्वीकार कर लेते और रोंगिया का कहते हैं रोंगिया के लोग बाय बांग्लादेश आते हैं ब्रह्मदेश के लोग वाय बांग्लादेश आते हैं और ब्रह्मदेश सेकुलर कंट्री है फिर भी वाय बांग्लादेश आते हैं रोंगिया को कभी भी स्वीकार नहीं किया जाएगा मैं आज फिर से स्प मान्यवर उन्होंने कहा कि माइनॉरिटी में डर मान्यवर मैं इतना ही कहना चाहता हूं कि माइनॉरिटी में कोई डर की भावना नहीं है है तो भी आपके वक्तव्य से थोड़ा बहुत खड़ा भी हुआ होगा तो मैं मेरे सभी माइनॉरिटी के भाइयों बहनों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि नरेंद्र मोदी की प्रधानमं प्लीज बैठ [प्रशंसा] प् मान्यवर नरेंद्र मोदी जी के प्रधानमंत्री रहते हुए इस देश में किसी भी धर्म के नागरिक को डरने की जरूरत नहीं है यह सरकार सबको सुरक्षा और सबको समानता समान अधिकार देने के लिए कटिबद्ध है मान्यवर इसलिए किसी को डरने की जरूरत नहीं आज अभिषेक बनर्जी ने भी इस पर भाषण किया उन्होंने मैंने तो पहली बार सुना शायद 6 साल में पहली बार बोले मगर बहुत अच्छा मैंने पहली बार सुना है मैंने पहली इसलिए कहता हूं बहुत अच्छा बोला इन्होंने कहा ना मैंने पहली बार सुना भैया इन्होंने टागोर विवेकानंद और बंकिम बाबू का उल्लेख किया तीनों को कोट किया मगर मैं एक छोटा सा सवाल पूछना चाहता हूं मान अध्यक्ष जी बंकिम बाबू टागोर और विवेकानंद का बंगाल की कल्पना ऐसी थी जिसमें दुर्गा विसर्जन के लिए कोर्ट में जाना पड़े सरस्वती पूजन ना हो एक कल्पना [प्रशंसा] [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] करीज आप तो दुर्गा की पूजा करते हैं बैठ जाए बैठ जा मस् न प्लीज मान्यवर मान्यवर गुस्से क्यों हो रहे मैंने तो उनको कुछ नहीं कहा मैंने तो उनको कुछ नहीं कहा मैंने कहा टीएमसी को कुछ कहा मान्यवर मैंने तो टीएमसी को कुछ कहा ही नहीं नहीं माननीय स प्लीज प्लीज प्लीज प्लीज दादा प्लीज प् प्लीज दादा आज [संगीत] [प्रशंसा] तो प्लीज प्लीज प्लीज मावर मुझे मालूम नहीं पड़ता क्यों इतना गुस्से हो गए मैंने तो टीएमसी का नाम भी नहीं दिया मैं बोला ही नहीं टीएमसी नहीं बोला [संगीत] [प्रशंसा] मान माननीय सुश प्लीज प्लीज प्लीज मान प्लीज प्लीज प्लीज प्लीज प्लीज प्लीज प्लीज प् आप सब बैठ जाइए जी आप आपस में जवाब माननी अध्यक्ष जी माननीय अध्यक्ष जी हा दादा उने कहा दादा शांति है उन्होंने कहा एक मिनट माननीय अध्यक्ष जी उन्होंने कहा कि एनआरसी ऑफ सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल ट्रैप मान्यवर इसमें कोई ट्रैप नहीं एक सीधा साधा लेजिसलेशन है जो तीनों देशों से आए हुए धार्मिक लघुमति हों को शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करेगा मगर ट्रैप उनको जरूर लग सकता है जो वोट बैंक के लिए घुसपैठियों को शरण देना उनको ट्रैप जरूर लग सकता है जो वोट बैंक के लिए घुस पेट को शरण देना चाहते हैं उनको हम सफल नहीं होने देंगे इसलिए जरूर लग सकता है और मैं कहना चाहता हूं बंगाल के सारे सदस्य दोनों और से उत यहां के भी वहां के भी मैं कहना चाहता हूं कि लाखों लाखों लोगों को जो नागरिकता मिलने वाली है वह सारे बंगाली शरणार्थी है क्या आप नहीं चाहते कि बंगाली हिंदू बौद्ध सिख क्रिश्चन शरणार्थी को नागरिकता मिले आप नहीं चाहते [संगीत] हैं और मान्यवर मैं थोड़ी स्पष्टता इसलिए भी करना चाहता हूं मैं इसलिए थोड़ी स्पष्टता करना चाहता हूं कि ये [संगीत] लोग प्लीज माननीय सदस्य प्लीज प्लीज मान्यवर मान्यवर मैं आज इस सदन के माध्यम से यह बिल जिसके लिए लाया गया है वह तीनों देशों से पूरब और पश्चिम देश के दोनों हिस्सों में राजस्थान में गुजरात में पंजाब में दिल्ली तक यहां बंगाल में आसाम में नॉर्थ ईस्ट में हरियाणा में भी है यह सारी जगहों पर जो शरणार्थी नागरिक बनने जा रहे हैं वह सबको कहना चाहता हूं कि एक अपर प्रचार हो रहा है कि आप राशन कार्ड निकाल दो वरना आप विदेशी हो जाओगे आप एक निकाल दो वरना विदेश लाइनों की लाइनों लगा द किसी को डरने की जरूरत नहीं है राशन कार्ड हो ना हो आपको यह विधेयक शक्ति देगा आप नागरिक बन सकते हो किसी को र मैं इसलिए कहता हूं कि कुछ पार्टियां भ्रम फैला कि हम ही आपको बता सकते हम बचा लेंगे आइए राशन कार्ड निकाल दीजिए आइए एक सर्टिफिकेट ले जाइए आइए वो ले जाइए मान्यवर मैंने कहा है डॉक्यूमेंट है नहीं है डेट चली गई है आधा है अधूरा है पूरा नहीं है सबको नागरिक बनाना है भाई कोई जरूरत नहीं है डॉ मान्यवर ये जो अफवाह फैलाई जा रही है वो अफवाहों में किसी को आने की जरूरत नहीं किसी को डरने की भी जरूरत नहीं मान्यवर और मैं फिर से एक बार कहता हूं कि घुस बेठे और शरणार्थी के बीच में अंतर है जो प्रताड़ित होकर अपनी परिवार की महिलाओं की इज्जत बचाने के लिए अपने धर्म को बचाने के लिए धार्मिक प्रताड़ना के आधार पर जो यहां आता है वह शरणार्थी है और जो यहां पर अवैध रूप से घुस कर आता है वह घुस पेटिया है य दोनों के बीच में अंतर है ही है और व मान्यवर सुप्रिया बहन ने कहा कि 370 का मैं जब बिल लेकर आया तो अब 370 के लिए 371 के लिए क्या करना है मैं आपके माध्यम से सदस्य जी को कहना चाहता हूं कि 370 और 371 में अंतर 371 किसी को अलग संविधान नहीं देता 371 किसी को अलग झंडा नहीं देता है 371 अलग राज्य की या राष्ट्र की मांग करने के लिए किसी को नहीं उकता है 37 को हम कभी भी नहीं छोड़ेंगे पूरे नॉर्थ ईस्ट को मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि 371 को हम कभी भी मित्रों माननीय अध्यक्ष जी उन्होंने दूसरा कहा कि श्री चन्ना उल्ला का नाम दिया इसमें सरकार का कोई दोष नहीं है आपके माध्यम से मैं सुप्रिया बैन को कहना चाहता हूं कि विदेशी ट्रिब्यूनल सेकंड कामरूप का एक ऑर्डर है वो ऑर्डर के तहत जब तक फाइनल ऑर्डर ना हो तब तक उनको ये लीस्ट से बाहर रखा गया है ये जुडिशल प्रोसीडिंग है और जुडिशल प्रोसीडिंग के तहत रखा गया है इसलिए इनके साथ कोई भेदभाव हमने नहीं किया है इन्होंने कहा कि मेरे भाषण का उल्लेख करकर सुप्रिया जी ने सच कहा मुझे बोलने मु मेरे से बोलने में गलती हुई थी इसलिए मैं लोकसभा सचिवालय को दूसरे ही दिन इसको सुधार कर मेरा पत्र भी दिया है और अब मैं मानता हूं कि सुधर ही गया होगा मैंने ये कहा था कि इसकी सबसे लोगों से चर्चा हुई है सब लोगों ने सहमति दी है वो शब्द बदलकर मेरे जो समझ में जो अंतर था मेरी जानकारी में जो अंतर था उसको मैंने करेक्ट कर लिया है आपने ठीक ही कहा कि वह गलती हुई थी मान्यवर उन्होंने कहा कि एनआरसी फेल गया है मान्यवर मैं इस सदन को फिर से एक बार आश्वस्त करना चाहता हूं जब हम एनआरसी लेकर आएंगे एक भी घुस पटिहा इस देश के अंदर बच नहीं जाएगा किसी को चिंता करने की जरूरत मैं बड़े अधिकार के साथ कहता अधिर चौधरी जी ने जवाब दिया बिन सांप्रदायिकता जोर-जोर से बोलते रहे मैं भी सुनता रहा क्योंकि अध्यक्ष जी का आदेश था बीच में नहीं बोलता है बोलना है मगर साहब मैं देश की जनता को कहना चाहता हूं कांग्रेस एक ऐसी बिन सांप्रदायिक पार्टी है केरल में इसके साथ मुस्लिम लीग पार्टनर है और महाराष्ट्र में शिवसेना पार्टनर [प्रशंसा] मैंने ऐसी बिन सांप्रदायिक पार्टी मेरे जीवन में [संगीत] नहीं [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] मानवा [संगीत] [प्रशंसा] किसी का गृहमंत्री जी के अलावा किसी का अंकित नहीं हो रहा [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] है माननीय गृहम मंत्री [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] जी [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] माननीय सद प्लीज प्लीज सिट डाउन प्लीज सिट डाउन हां वो बैठ गए आप भी बैठ जाओ बैठ क्यों कोई प्रॉब्लम है क्या [संगीत] प्रॉब्लम है [संगीत] क्या ग्रह मंत्री [संगीत] जी बैठ [संगीत] जाए मान्यवर उन्होंने कहा उन्होंने कहा किय तीन देशों को ही क्यों ले रहे चीन को क्यों नहीं ले रहे नेपाल को क्यों नहीं रहे आप लंका को क्यों नहीं ले रहे म्यानमार को क्यों नहीं ले रहे हैं मान्यवर मैंने पहले भी कहा कि हर बार नागरिकता पर जब जब भी इस देश में निर्णय हुआ कोई एक निश्चित परिस्थिति के आधार पर निश्चित प्रकार के समस्या को हल करने के लिए निर्णय हुआ यह अभी बांग्लादेश पाकिस्तान और अफगानिस्तान से जो रिलिजियस माइनॉरिटी आई है इसके लिए निर्णय है इसलिए किसी के साथ उसका सवाल नहीं है दूसरी बात नेपालियों की जहां तक बात है मान्यवर 1950 में 31 जुलाई को भारत नेपाल शांति और मंत्री संधि अनुच्छेद अनुसार दोनों देश अपने अपने क्षेत्र में दूसरे देश को नागरिकों को निवास संपत्ति का सामित्व व्यापार वाणिज्य एक समान अधिकार देने के लिए सहमति हुई है और नेपाली नागरिकों को अर्जी के आधार पर आज भी आसानी से नागरिकता मिल रही है इसमें कोई बात उ आज माननीय सदस्य माननीय सदस्य अगर कोई भी बीच में खड़ा हुआ तो उसको किसी को भी क्लेरिफिकेशन की इजाजत नहीं दी जाएगी नेपाल के नागरिकों को आज के कानून से भी नागरिकता लेने में कोई तकलीफ नहीं मान्यवर ओएसी साहब ने अभी कहा कि एनआरसी का बैकग्राउंड बना रहे हैं एनआरसी का कोई बैकग्राउंड बनाने की जरूरत नहीं है हम इस पर बिल्कुल साफ है कि इस देश में एनआरसी होकर रहेगी कोई बैकग्राउंड बनाने की जरूरत नहीं बैकग्राउंड है ही हमारा घोषणा पत्र ही बैकग्राउंड मान्यवर उन्होंने कहा मुसलमानों से नफरत क्यों है हमें कोई नफरत नहीं है मैं आपको कहता हूं जनाब आप नफरत खड़ी मत करना मेहरबानी कर दीज हमें कोई नफरत नहीं और आप मैं फिर से स्पष्ट करना चाहता हूं बार-बार क्योंकि एक एक सदस्य बोला है मुसलमानों के साथ अन्याय है इस देश के किसी मुसलमान का इस बिल से कोई वास्ता नहीं कोई वास्ता नहीं ये जो है पल जो है वहां से आने वाले हिंदू सिख बौद्ध पारसी जैन और क्रिश्चन शरणार्थियों को नागरिकता देने इसमें भारत में रहते हुए भारत के नागरिक मुसलमानों से कोई लं और मान्यवर और मान्यवर गोगा जी ने [संगीत] कहा मान्यवर गोगा जी ने कहा कि सारे नॉर्थ ईस्ट के राज्य चिंता में मगर शायद उन्होंने बाद में भाषण सुन लिए सारे के सारे नॉर्थईस्ट के राज्यों ने इस बिल का समर्थन किया है और समर्थन में वोट करने के लिए बा सिक्किम के एमपी खड़े होकर उन्होंने कहा मैंने उनको व्यक्तिगत भी बुलाकर कहा और मैं अभी भी उनको कहता हूं कि आपके कोई कानून में इससे दखल नहीं होती है 31 ए आपको अच्छी तरह से प्रोटेक्ट करता है और सीएबी के सारे रूल्स जब तक आपकी असेंबली ओके नहीं करती 371 एफ आपको प्रोटेक्ट करता है इसलिए आपको भी चिंता और फिर से मैं क्योंकि नॉर्थ ईस्ट में बहुत सारे लोग मान्यवर भ्रांति फैलाने की चेष्टा करे हैं इसलिए मैं फिर से कह दे हूं पूरा अरुणाचल ताप गांव जी सुन लीजिएगा पूरा अरुणाचल इनर लाइन परमिट से प्रोटेक्टेड है अरुणाचल को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं पूरा मिजोरम एमपी साहब सुन लीजिएगा और मिजोरम वाले भी सुन ले टीवी पर पूरा मिजोरम इनर लाइन परमिट से प्रोटेक्टेड है किसी को चिंता करनी मान्यवर पूरा नागालैंड इनर लाइन परमिट से दीमापुर के छोटे से हिस्से को बाद करकर पूरा प्रोटेक्टेड है पूरे नागालैंड को चिंता करने की जरूरत नहीं मणिपुर आज प्रोटेक्टेड नहीं है मगर हम य बिल तभी नोटिफाइड करेंगे जब मणिपुर को इनर लाइन परमिशन दे दिया जाएगा त्रिपुरा के अंदर भी त्रिपुरा ट्राइबल एडीसी क्षेत्र में सी भी लागू नहीं होगा और एक हाई लेवल कमिटी ट्राइबल समुदाय के हितों की रक्षा के लिए जो बनाई थी उसको और विस्तृत करकर उनके सारे हितों की चिंता भारतीय जनता पार्टी की नरेंद्र मोदी सरकार कर मेघालय लगभग पूरा थोड़ा हिस्सा छोड़कर सिख शेड्यूल के प्रावधानों के अंदर कैप के बाहर है मेघालय को भी चिंता करने की जरूरत आसाम समझौते के अंदर 1950 से समझौता हुआ मान्यवर कांग्रेस ने क्लॉज सिक्स को कभी नहीं पारित अमल में लाने की चेष्टा की हमने क्लॉज सिक्स के अंदर कमटी बना दी है आसाम के लोगों को ही कमेटी है वह स्पीड से अपना काम कर रही है जो आसाम के मूल निवासियों के सभी अधिकारों की उनकी भाषा की उनके साहित्य की इनकी बोली की इनके पॉलिटिकल रिजर्वेशन की ये सब चीजों की चिंता करेगी और वो कमेटी जल्द ही अपना रिपोर्ट देगी तो आसाम को भी चिंता करने की जरूरत नहीं बीटीसी कार्बी आंगलोंग डी मा ह साव एडीसी सीएबी के बाहर है और आसाम के छह समुदाय के लिए भी सुबह मैंने कहा इस प्रकार से हम अलग से विचार कर रहे हैं मान्यवर इन्होंने एक बात जो स्टेटमेंट किया इसको मैं जरूर क्लियर करना चाहूंगा कि एनआरसी के अंदर गोरखा पंजाबी बिहारी मारवाड़ी जो नॉर्थ ईस्ट के रहते हैं वोह लोग बाहर हो जाएंगे ये सत्य नहीं है स्टेटमेंट ठीक मान बताता हूं भाई आप बैठ जाओ ना सब बता माननीय सदस्य कट [संगीत] गया मान्यवर कोई पंजाबी मारवाड़ी बिहार के उड़ीसा के कोई निवासी को घुस पेठिया करार नहीं दिया जाएगा एनआरसी के अंदर जो भारत के मूल वासी है व सबको यहां पर ही रहना होगा और यहीं पर रहने का उनका अधिकार है वो बंगालियों का भी और पूरे नॉर्थईस्ट को इस दृष्टि से चिंता करने की जरूरत नहीं श्री प्रेम चंद्रन जी ने भी अनकंसर्न्ड मन में सवाल होना चाहिए मगर य जिन तीन देशों के लोगों को दे रहे हैं वहां मुस्लिम माइनॉरिटी नहीं है इसलिए मुस्लिम को नहीं देते माइनॉरिटी नहीं है वहा अगर माइनॉरिटी है तो होते तो उनको भी मिलता मगर वह नहीं है इसलिए नहीं देते बड़ा सरल जवाब है इसमें इतना सारा क्लम कुछ नहीं है कि जो समझ में ना शशि रूर जी ने कहा कि धर्म के आधार पर नागरिकता नहीं देनी चाहिए सशी थर जी कांग्रेस के शासन में जितनी बार भी आजादी के बाद सारे शरणार्थियों को नागरिकता दिया व धर्म के आधार पर ही दिया था मेरी बात सुन लीजिए मेरी बात सुन लीजिए क्योंकि विभाजन ही धर्म के आधार पर हुआ तो जार सारे जो शरणार्थी आए थे वह हिंदू ज्यादातर हिंदू और सिख थे बहुत जैन पारसी भी थे थोड़े बहुत क्रिश्चन भी थे तो सबको पहली बार सबसे पहले अगर ने नागरिकता देना का काम किया तो श्री जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में आपकी स और देश का विभाजन भी ध धर्म के आधार पर हुआ था और मैं आज भी कहना चाहता हूं नेहरू लियाकत समझौता अगर स्पिरिट के साथ लागू होता वहां के अफगानिस्तान के पाकिस्तान के सिखों के धर्म की परिवारों की सुरक्षा होती हिंदुओं की होती बौद्धों की होती क्रिश्चन की होती पारसियों की होती बांग्लादेश के भी होती तो आज उनको यहां ना आना पड़ता परंतु नेहरू लियाकत समझौता 1950 में जो हुआ वह काल्पनिक समझौता था वह फेल हो गया समय की वास्तविकता पर वह खरा नहीं उतरा और इसके कारण आज नरेंद्र मोदी जी ने यह बिल को लेकर इस सदन के सामने आना मान्यवर उन्होंने थोड़ा टोंट में कहा कि पीएम कहते हैं कि सरकार का धर्म संविधान है मैं पूरी गंभीरता के साथ और सदन के अंदर बहुत गंभीरता और विश्वास के साथ देश की जनता को विश्वास दिलाना चाहता हूं जब तक नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री है इस सरकार का धर्म और कोई नहीं है भारत का संविधान ही हमारा धर्म है और भारत के संविधान मान्यवर मान्यवर एक विषय चला कि अभी भी मैं इस बात को थोड़ा एलोबेट इसलिए कहना चाहता हू कि पूरे दिन इस प्रकार से चित्रण किया गया कि हम मुसलमानों के साथ अ कर रहे हैं मैं फिर से क्लियर करना चाहता हूं कि यह बिल का इस देश में रहने वाले इस देश के नागरिक मुसलमानों से कोई स्नान सूतक का संबंध नहीं है उनके साथ कोई अन्याय का सवाल नहीं है परंतु क्यों यह बिल लेकर आना पड़ा तो मान्यवर मैं आपको बताना चाहता हूं मैंने जैसे बताया कि जिस प्रकार से लियाकत नेहरू समझौता विफल हुआ उसके बाद पाकिस्तान के अंदर क्या हुआ मान्यवर 2014 की एक रिपोर्ट बताती है कि 1000 लड़कियों को ज जबरन धर्म परिवर्तन गया बादल साहब ने बताया पवित्र ननकाना साहिब के ग्रंथी की पुत्री ज जगजीत कौर को जबर जबरण धर्म परिवर्तन किया गया हो हल्ला हुआ पूरे दुनिया के अंदर सिखों ने लड़ाई लड़ी भारत के लोगों ने लड़ाई लड़ी और बाद में वापस लाया गया यूएनएचआरसी के रिपोर्ट के हिसाब से अब सिर्फ 20 ही धार्मिक स्थान अन्य धर्मों के पाकिस्तान के अंदर [संगीत] बचे मान्यवर क्या बताता है यह क्या बताता है और जब इतनी प्रताड़ना हो इतने अत्याचार हो वहां से कोई शरण में आ हम उसको शरण ना दे क्योंकि वो हिंदू है क्योंकि वो सीख है मानद बैठ जाओ भाई बैठ जाओ मान्यवर मान्यवर मान्यवर मैंने पहले भी बताया फिर से मैं रिपीट करूंगा 1947 में 23 प्र आबादी सिर्फ 3.7 प्र रह गई और बर्बरता उत्पीडन और संस्थागत अत्याचार मैं सोच समझकर शब्द का प्रयोग कर रहा हूं संस्थागत अत्याचार से से भागे सिखों हिंदुओं तथा ईसाइयों ने भारत में शरण ली है उन लोगों को नागरिकता लेने के लिए हम यहां पर आए मान्यवर इसी प्रकार से बांग्लादेश बनने के बाद एक शांति और मैत्री की ढाका में संधि हुई 1972 में भारत की प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी और बांग्लादेश के प्रधानमंत्री शेख मुजीबुर रहमान द्वारा हस्ता करित हुई जब तक शेख साहब का देह रहा वो जिंदा रहे संधि का बहुत अच्छे से पालन हुआ मैं आज इस संसद के अंदर शेख मुजीबुर रहमान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना चाहता हूं कि उनके रहते किसी भी धार्मिक लघुमति के साथ अल्पस के साथ अत्याचार नहीं हुआ और अभी अभी जो शासन आया है उसने भी बहुत अच्छा किया है बहुत कम हुई मैं इसको भी मान प्रॉब्लम क्या है आपके मान [संगीत] मान बैठ जा बैठ जाओ माननीय सदस्य प्लीज प्लीज मान्यवर इनका नाम ही अधि रंजन इसलिए मुझे कोई आपत्ति नहीं देता हूं देता हूं आपका जवाब भी देंगे [संगीत] बैठ मान्यवर 19 75 में बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की हत्या के बाद वहां पर जो अत्याचार का दौर चालू हुआ इसने वहां की धार्मिक लघुमति हों की रीढ की हड्डी तोड़ दी इनकी हिम्मत तोड़ दी अधिकतर घटनाएं ऐसी हुई जैसे भोला में एक सुनियोजित हमले में अल्प संख्यक समुदाय की 200 महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया क्या हुआ ये बताता हूं सुनिए ध रंजन जी आज सुनिए ना मैं बताता हूं सुनिए शेख मुजीब ना रहने के बाद क्या हुआ है बताता हूं बीएनपी खालिदा जिहादी की पार्टी जब आई गांधी जयंती के दिन नोवा खलीफ गांधी जी बटवारा रोकने के लिए गए थे उस दिन 2 अक्टूबर 2001 में भोला जिला के चार फसन उप जिला में आ से 70 साल की और 100 महिलाओं के साथ बलात्कार की घटना गांधी गांधी जयंती के दिन क्या हुआ य बताता हूं बहुत अब सुनो भाई मान्यवर प्लीज प्लीज माननीय प्लीज मान प्लीज माननीय आप नेता सदन है इस तरीके निक माननीय आप कांग्रेस के नेता है प्लीज माननीय [संगीत] मानी प्लीज प्लीज मान [प्रशंसा] [प्रशंसा] [संगीत] प्लीज मान्यवर इनको बैठाए मान इनको बैठाए हर बार खड़े हो [प्रशंसा] जाते लाल मोहन उप जिला में 1000 परिवारों पर मान्यवर हमला किया 1000 अल्पसंख्यक परिवारों को हमला किया कबल धाम में अक्टूबर 1990 में 300 घरों में आग लगा दी 1991 में जो बांग्लादेश के अंदर हिंदुओं का प्रतिशत 21 था अब 7 प्र से कम रह गया मान्यवर और मैं आज बताना चाहता हूं कि इतने सारे मेरे पास अलग-अलग संस्था के रिपोर्ट है जिसके तहत ये सिद्ध हो सकता है कि वहां पर हिंदू सिख बौद्ध जैन और पारसी क्रिश्चन लोगों के अपने धर्म का अनुसरण करना वो असंभव रह गया था इसलिए वह यहां पर आए थे मान्यवर ढेर सारे मंदिर तोड़ दिए गए ढेर सारे मंदिर तोड़े गए और ढेर सारी जगह पर हुआ अफगानिस्तान के अंदर भी 1992 के पहले 2 लाख सिख और हिंदू थे ज्यादातर सिख लेकिन 2018 तक अब 500 बच गए सिर्फ 500 मान्यवर पूरे देश ने देखा था कि धार्मिक भवनों और गुरुद्वार और मंदिरों को नष्ट कर दिया गया खुले में बनी विश्व की सबसे बड़ी मूर्ति बामियान में बुध की भव्य प्रतिमा को तोक के घोले दागकर तोड़ दिया गया ोप के गोले दाग अरे तालिबान ने जब कहर जाया कहां जाते वो बौद्ध सिख हिंदू ईसाई जैन पारसी कहां जाते हैं वो भारत आए माने इसलिए इनको शरण देने का प्रस्ताव है मान्यवर तालिबान ने सितंबर 98 में एक आदेश जारी किया पूजा स्थल में मंदिर में गुरुद्वारों में कोई जा नहीं सकता मुसलमानों की आलोचना कर नहीं सकते घर की पहचान करने के लिए घर पर पीला एक कपड़े का टुकड़ा लगाना पड़ेगा कि ये नॉन मुस्लिम घर है इतना अपमानित किया हिंदू सिख नॉन मुस्लिम महिलाएं बाहर निकलती है तो एक पीरा कपड़ा अपने कंधे पर डालना पड़ेगा क्योंकि वह मुसलमान नहीं है इस तरह से वहां आदेश पारित किए गए एक विशेष चिन्ह के साथ मैं चिन्ह क्या था नहीं बोलता और गरिमा टूटेगी मगर एक विशेष चिन्ह के साथ कपड़ा लगाना पड़ता था मान्यवर और अगर शुक्रवार को मस्जिद नहीं जाते हैं नमाज पढ़ो ना पढ़ो मस्जिद जी जाना वरना दंडित होना पड़ता था हिंदू और सिख महिलाओं को बुर्खा पहनना पड़ता था और मान्यवर यह सारा चला और इस सारे से जो प्रताड़ित आए हैं उनको नागरिकता देने का एक बिल है मान्यवर मैं आज भी आपको कहता हूं कि इससे मुस्लिमों के साथ जरा भी भेदभाव नहीं है मैं बार-बार इसलिए कह रहा हूं कि यह यहां के मुसलमानों को ये बिल से कोई स्नान सूतक का यहां का मुसलमान सन्मान के साथ जी पाएगा जी रहा है आगे भी जीता रहेगा उसको कोई तकलीफ नहीं होने वाली ये बिल केवल और केवल वहां से आने वाले य छह धार्मिक लघुमति के लिए है और मान्यवर इसमें मुस्लिम का समावेश इसलिए नहीं इसलिए नहीं है कि मुसलमान वहां पर धार्मिक लघुमति नहीं मुझे [संगीत] बताइए मान्यवर [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] मान्यवर दादा मान्यवर मैं अंत में फिर से एक बार एक सदन के माध्यम से पूरे देश के सामने करना चाहता हूं कि शरणार्थी और घुस पेट के बीच में मौलिक अंतर है जो धार्मिक प्रताड़ना के आधार पर अपने घर की स्त्रियों की इज्जत बचाने के लिए स्वधर्म में जीने के लिए अपने धर्म को बचाने के लिए यहां आता है वह शरणार्थी है और वह जो विदाउट परमिशन घुस कर आता है वह घुस पेटिया है दोनों के बीच में बहुत बड़ा अंतर है और यह बिल शरणार्थियों के लिए है यह बिल धार्मिक लघुमति के लिए मैं आज जिन सारे लोगों ने भाषण किया है वो सब लोगों को मन से अपील करता हूं मत बैंक की लालच के कारण आंख अंधी और कान बहरे हुए हैं तो खोल लीजिए खोल लीजिए लाखों करोड़ों लोगों को अन्याय हुआ है लाखों करोड़ों लोगों को अन्याय हुआ है हमारे लोग के अंदर बताता हूं बता मान्यवर लाखों करोड़ों लोग जो नर्क की यातना में जी रहे हैं 7070 साल से उनको नागरिकता नहीं मिली है वह अपना मकान नहीं ले रहे हैं उनको नौकरी नहीं मिल रही है स्वास्थ्य की सुविधाएं नहीं मिल रहे हैं उनको उनके बच्चे को अच्छी शिक्षा नहीं मिल रही है नौकरी नहीं मिलती है घर में भूख मरी है रहने का मकान नहीं है कोई रोड पर रह रहा है कोई रेल की पट्टियां के पास में में जगह पर रह रहा है कोई वैसे ही घूम रहा है ये लाखों करोड़ों लोगों के लिए नरेंद्र मोदी जी उनकी यातना हों से मुक्ति का य दस्तावेज लेकर आज इस सदन के सामने आए हैं और यह दस्तावेज इतिहास में सुवर्ण अक्षरों से लिखे जाने वाला है कि जो विफल हुए 1950 के नेहरू लियाकत समझौते की गलती को आज नरेंद्र मोदी ने सुधारने का काम किया है देश के [संगीत] प्रधानमंत्री इतने सालों से इतने सालों से मान्यवर ये कहते थे कि हमारी कोई सुने हमारी कोई सुने हमारा दोस्त क्या अब ये कह रहे हैं मैं उनको पूछता हूं इनका दोष क्या था क्या दोष था तो क्यों नहीं स्वीकारा उनको क्यों नहीं स्वीकारा अरे अब तक क्यों नहीं स्वीकारा मान्यवर मान्यवर वोट बैंक की पॉलिटिक्स के कारण ये सारी पार्टियों ने उन्होंने स्वीकार नहीं किया है हम नहीं रते हैं मान्यवर आज नरेंद्र मोदी जी ये सबके लिए एक सुवर्ण प्रभात कल का नरेंद्र मोदी जी के कारण इन लोगों का कल का प्रभात सुवर्ण प्रभात होने वाला है और संवैधानिक सन्मान के साथ ये मेरे लाखों करोड़ों भाई बहन अपने देश के अंदर सम्मान के साथ जीने की शुरुआत करने वाले और मान्यवर मैं आपके माध्यम से इतना ही विनंती करना चाहता हूं कि एनआरसी और इसको जोड़ने की जरूरत नहीं एनआरसी करेंगे एनआरसी करेंगे तब स्पष्टता के साथ इसी प्रकार से इसी सदन में एक भी शब्द चोड़ बगैर मैं सबको इसकी भी जानकारी दूंगा इसमें मुझे कोई तकलीफ नहीं है मगर मान कर चलिए एनआरसी आने वाला है एनआरसी ब माननीय सदस्य गण माननीय मंत्री जी ने बड़े विस्तार से सभी सदस्यों का जवाब दिया है मुझे नहीं लगता कि आपको स्पष्टीकरण की आवश्यकता है