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पब्लिक, प्राइवेट और वैश्विक उद्यम
Sep 1, 2024
पब्लिक प्राइवेट और ग्लोबल एंटरप्राइजेज
पृष्ठभूमि
1991: भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए ऐतिहासिक वर्ष।
डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की नीति लागू।
1947: भारत को स्वतंत्रता, अर्थव्यवस्था दो भागों में विभाजित:
प्री-इकोनॉमिक रिफॉर्म
पोस्ट-इकोनॉमिक रिफॉर्म
पब्लिक सेक्टर
गवर्नमेंट की ओनरशिप।
गुड्स और सर्विसेज प्रदान करने की जिम्मेदारी।
प्राइवेट सेक्टर की तुलना में जनता के लाभ पर फोकस।
डिपार्टमेंटल अंडरटेकिंग
गवर्नमेंट के हिस्से के रूप में कार्य करती हैं।
कोई अलग पहचान नहीं।
उदाहरण: इंडियन रेलवेज, पोस्ट एंड टेलीग्राफ।
स्टैटूटरी कॉर्पोरेशन
विशेष एक्ट द्वारा स्थापित।
स्पष्ट शक्तियाँ और कार्य।
उदाहरण: LIC, SBI।
गवर्नमेंट कंपनियाँ
51% या अधिक गवर्नमेंट शेयर।
प्राइवेट और गवर्नमेंट मिलकर बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को नॉमिनेट करते हैं।
ग्लोबल एंटरप्राइजेज
दुनिया भर में व्यवसाय फैलाते हैं।
विशाल पूंजी और उच्च स्तर की तकनीकी प्रगति।
उदाहरण: माइक्रोसॉफ्ट, एप्पल।
जॉइंट वेंचर
दो या अधिक बिजनेस मिलकर अस्थायी परियोजना के लिए सहयोग करते हैं।
संसाधन और क्षमता वृद्धि।
उदाहरण: हीरो और होंडा का सहयोग।
पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP)
गवर्नमेंट और प्राइवेट सेक्टर मिलकर परियोजनाएं बनाते हैं।
इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए उपयुक्त।
फंडिंग गवर्नमेंट, निर्माण प्राइवेट सेक्टर करता है।
निष्कर्ष
प्राइवेटाइजेशन और ग्लोबलाइजेशन के प्रभाव से भारतीय अर्थव्यवस्था में बड़े परिवर्तन।
पब्लिक, प्राइवेट और ग्लोबल एंटरप्राइजेज का महत्व।
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