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पब्लिक, प्राइवेट और वैश्विक उद्यम

पैसा कहा जाता है वो भी गवर्नमेंट के खाते में जाता है वो भी गवर्नमेंट की ट्रेजरी में जाता है तो विजनेस अपोर्ट्यूनिटी कभी भी आपके लिए बहुत समय तक इंतिजान नहीं करेगी आपको मौके आपको बहुत समय तक आपके लिए रुके नहीं रहे तो आपको वो तुरंट की तुरंट grab करना पड़ेगा independent होती है ये पैसा raise करने को तो ये government raise जी से इसको पैसा नहीं मिलता the owner is the government government owner है तुमारी quality के goods बना रहे हैं न private sector listening to me and the public sector मैं तुमारी quality के goods बना रहा हूँ बनाकर दे रहा हूं तुमसे 20% शस्ते रेटों में दे रहा हूं करके दिखाओ फैविल सेक्टर खतरा पहुंचेगा बेहार बात तो ठीक है मेरे जैसा गुड़ 20% शस्ता कंपटीशन क्रिएट होगा हाइ एवरीवन मैं आपका एजुकेटर विपुल अगरवाल आज इस लेक्शन मैं आपके लिए लेकर आया हूं क्लास 11 बिजनेस स्टडीज का एक बहुत ही और इंट्रेस्टिंग एंड बहुत ही एक ऐसा चैप्टर जो कि आपको एक रियल लाइफ के बारे में बहुत अच्छी इंफोर्मेशन प्रोवाइड करेगा तो चलिए इस चैप्टर को स्टार्ट करते हैं और इस चैप्टर का नाम है हमारा पब्लिक प्राइवेट एंड ग्लोबल एंटरप्राइजेस इस चैप्टर को स्टार्ट करने से पहले मैं आपनों को बताना चाहता हूँ कि ये टर्म एक्शल में आए कहां से ये हमारे business world के लिए, हमारे business scenario के लिए ये तीनों term इतने ज़्यादा important हो कैसे गए? क्या ऐसे events हुए थे fast के अंदर? जिस वरे से हमारा जो business environment है पूरा इंडिया का, वो इन तीन पार्ट्स में डिवाइड है, कि private, global और public sectors में कैसे डिवाइड हुआ? बच्चो, मैं अपने paid batches में बोलता हूँ, कि एक date जो सबको याद होनी चाहिए, एक साल जो हमेशे commerce के student को याद होना चाहिए, और वो होना चाहिए हमारा कि 1991-1991 एक ऐसा यह था जिसके अंदर का मतलब एक तरीके से इट इस वेरी स्टोरिकल यह फॉर द इंडियन इकोनॉमी क्योंकि उस टाइम के जो हमारे फॉर्मर फाइनेंस मिनिस्टर थे डॉक्टर मनमोण सिंह जी तो बाद प्राइंड मिनिस्टर भी बने थे वह एंड ग्लोबलाइजेशन नाम की एक पॉलिसी लेकर आई गई थी, क्लियर है, अब थोड़ा सा ओवर पीछे चलते हैं, अब चलते हैं इंडिपेंडेंस की तरफ, 1947, आपको पता है 15th of August 1947 में, इंडिया को इंडिपेंडेंट मिली थी from the British rule, और ये हो गया हमारा आज का current time, तो यह timeline ना दो parts के अंदर divide हो गई, एक होई थी pre-economic reform, जो की यह वाला time है, और एक है हमारा post-economic reform, जो की यह वाला time है, थोड़ा सा इस चीज़ को समझ के चलते हैं कि 1991 में ऐसा क्या हुआ था, जिसकी वर्य से यह दो parts में हमारे लिए divide हो गया, जिसकी वर्य से यह दो parts में हमारे लिए divide हो गया, जिसकी वर्य से यह दो parts में हमारे लिए divide हो गया, तो गवर्मेंट ने उस टाइम पर जो एकोनोमिक स्ट्रक्चर बनाया था, मैं बहुत शॉर्ट में बता रहा हूँ, तो गवर्मेंट ने जो प्रायरिटी दी थी इस टाइम पर, इस टाइम पर जो गवर्मेंट ने प्रायरिटी दी थी, वो प्रायरिटी दी थी सिर्फ और स लोगों का जो disposable income है वो बहुत ज़्यादा कम है तो इस time पर government को खुछ से responsibility लेने पड़ेगी कि उनको goods and services provide करवाई जाए clear है अगर government ऐसा करेगी तो government एक better quality goods at a better rates provide करवा पाएगी government का यह भी मानना था कि अगर इस समय हम लोग private sector को role में लेकर आ जाएंगे तो उसका नुकसा नहीं हो सकता है कि private sector मतलब ना कि public के बारे में सोचेगा वो अपनी profitability के बारे में ज़्यादा सोचेगा कि जिसकी वर्य से हो सकता है कि पब्लिक को जो बेनेफिट पहुंचना चाहिए वह बेनेफिट ना पहुंचे तो प्रायोटी दी गई थी कि से पब्लिक सेक्टर को प्राइवेट सेक्टर को रोल रोल मतलब जो इकनॉमी में बहुत ही अधर कम रोल दिया था नेगलीजिबल रोल दिया गया था इसे और ग्रोबल सेक्टर को तो बिल्कुल यानि कि जो कंपनी तो कि इंडिया में अपना बिजनेस कर रही थी उनको तो बिल्कुल मना कर दिया था इसको बिल्कुल नेगलीजिबल रोल था इसका प्लीज बट जरूर अब देश आगे भड़ता गया, साल बाई साल निकलते चले गए। 1991 तक हमारे देश में बहुत ज़्यादा financial crisis होने लगा था, हमलों के पास काफी कम foreign reserve बचे थे। उस जगापर Dr. Manmohan Singh को definitely हमें भार से पैसा चाहिए था, जब हम पर पर्वाश कर सकते हैं, तो हम अपनी इकानॉमी में पैसा को बचा सकते हैं। है तो जब डॉक्टर मनमोहन सिंह जी ब्रिटेन गए थे तो वहां से पैसा लेने गए थे तो वहां पर बोला गया था कि वहीं तीन कंडीशन पैसा देंगे तुम्हें अपनी इकानोमिक के अंदर यह चेंज लाने पड़ेंगे अब इन चेंजिस की वर्य से तो हमारी इससे जो प्री प्री इकानोमिक रिफॉर्म तो हमारी इकानोमिक थी उसके अंदर क्या चेंजिस मिले पहला कि पहले एक एग्जांपल इसका देता हूं अगर पहले कोई प्राइवेट सेक्टर अपना बिजनेस करना चाहता है ठीक है तो उसको गवर्नमेंट से परमीशन लेनी पड़ेगी लाइसेंस लेने पड़ेगी मल्टिपल लाइसेंस लेने पड़ेगी अगर पर अपना बिजनेस बड़ा करना है नहीं ब्रांचिस ओपन करनी है या फिर अपना बिजनेस टार्ट भी करना है तो विदाउट गवर्नमेंट लाइसेंस वह ऐसा नहीं कर सकता तो सबसे पहले ग� कि कुछ पर्टिगुलर स्पेस फिर भी छोड़े गए थे कि यहां पर सिर्फ और सिर्फ गवर्नमेंट रहेगी जैसे आपका क्या बोलते हैं डिफेंस वाला जो डिफेंस वाला जो एरिया था का बना वह गवर्नमेंट के पास रहेगा जो आपका वह पूरा पूरा प्राइवेट शेक्टर ओपन कर दिया कि तुम इन एरियास में कर सकते हैं ना तुम्हें अ बिजनेस ओपन करने के लिए लाइसेंस लेने की जरूर होता है ना बिजनेस को एवॉल्व करने के लाइसेंस के लिए जरूर होता है ना बिजनेस को एक्सपेंट करने के लिए लाइसेंस की जरूर होता है लाइसेंसिंग कतम कर दी थी प्रिवाटिजेशन में यह हुआ था कि जो पब्लिक सेक्टर था ये पब्लिक सेक्टर के असेट को बेख कर क्या करने लगे थे पब्लिक को पब्लिक के लिए पब्लिक मतलब बेसिकली पब्लिक अब क्या कर सकती थी पब्लिक सेक्टर के अंद अवेलेबल करवा दिया था बेसिकली उनका आईपीओ निकाल दिया गया था ग्लोबलाइजेशन में क्या करा गया था कि जो ग्लोबल सेक्टर था जो फॉरेंड कंपनी इसकी उनको इंवाइट करा गया था कि आओ इंडिया में अपनी फैक्टरी सेटअप करो डेफिनेटली एंप्लाइमेंट जनरेट होगा है ना अगर प्राइवेट जेशन जो हुआ था जिसकी वर्य से अब पब्लिक कोशिश कर सकती है है ठीक है कि भाई हमारा पैसा लग रहा है ऐसा क्यों कर रहे हो ऐसा क्यों कर रहे हो जिसकी वजह से इनके ऊपर अकाउंटेबिलिटी बढ़ेगी अब एक काम रंग से कर पाएंगे ग्लोबलाइजेशन का मेन फायदा यह हुआ था कि जो तो यहां से यहां से actual में इंडिया की इकोनॉमी में इन तीन चीजों का बहुत ज्यादा क्या होने लगा और रोल इंक्रीज होने लगा तो प्ले प्ले प्ले प्ल वह पब्लिक को पढ़ने वाले हैं और ग्लोबल को पढ़ने वाले हैं क्योंकि प्राइवेट हम लोग लास्ट चेप्टर के अंदर का चुके जितने भी हमने फॉर्म बिजनेस ऑग्निजेशन पढ़े थे चाहिए वह सोल प्रोप्राइटर था जाए वह पार्टनरशिप देखिए थी टाइप पॉब्लिक एंटरप्रेज पहला डिपार्टमेंटल एंडरटेकिंग स्टैटूटरी कॉर्परेशन गवर्मेंट कंपनी इन तीनों में एक बात कॉमन होती है कि इनका जो ओनर होती है ओनर वह कौन होती है गवर्मेंट होती है कौन होती है गवर्मेंट चाहे वह स्टेट गवर्मेंट हो सकती है है ना चाहे वह यूनियन गवर्मेंट यानि कि जिसम लोग सेंट्रल है ठीक है और स्टेट प्लस सेंट्रल भी हो सकती है स्टेट प्लस सेंट्रल भी हो सकती है अ कि लिया है आ जाइए डिपार्टमेंटल अंडरटेकिंग क्या होता है इसको समझने से पहले हम कुछ चीजें देखते हैं जैसे अभी बच्चों इलेक्शन हुए थे तो अब क्या बोलते एंडिया इलेक्शन में जीती थी कि एंडिया ने अपनी प्राइम मिनिस्टर हमारे हेड़ के अब उनके अंदर कुछ वेरीयस मिनिस्ट्री शायद जैसे रोड रोड मिनिस्ट्री आई ठीक है ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री डिफेंस मिनिस्ट्री आपका रेलवे मिनिस्ट्री ठीक है कम्यूनिकेशन मिनिस्ट्री और फूड से रिलेटिट मिनिस्ट्री यह सारी चीजें आई इसके अंदर ठीक है तो एक्ट्रल में क्या है कि जैसे रेलवे हम प्रेट इंडियन रेलवेज की बात करते हैं तो वह किस मिनिस्ट्री के अंदर आएगी रेलवे मिनिस्ट्री के अंदर आएगी हमारी कौन सी इंडियन रेलवे तो यह इंडियन रेलवे एक ऐसी अंडर टेकिंग है एक ऐसी अंडर टेकिंग है जो कि डायरेक्टली किसके जो कि ओनर कौन है आपको डेफिनेटली गवर्नमेंट है और वो government की ministry ही उसे क्या करती है उसे control करती है इसका अपना कोई वजूद नहीं है अगर मैं इसके में टाइम शुक्र हो दो तो यह वो separate entity नहीं है no separate entity कोई भी इसकी separate entity नहीं है it is a part of the government system यह government system का एक part है इसमें कोई separate entity नहीं है यानि कि Indian Railways को as a government ही देखा जाता है कि यह government का ही ठीक है इट इस पार्ट ऑफ द गवर्मेंट और यही होती है बच्चों के डिपार्टमेंटल एंडर टेकिंग सो बेसिकली यह क्या हो गया इंडियन इल्विस डिपार्टमेंट ऑफ द रेलवेज तो दिखाएं क्या हो गया डिपार्टमेंट ऑफ द रेलवे मिनिस्ट्री तो इस डिपार्टमेंटल एंडर टेकिंग इट एक्चुल यह गवर्मेंट ऑर्ग्नाइजेशन ही होती है ठीक है ओन बाय द गवर्मेंट औ एंड मोस्ट डिशनल फॉर्म ऑगराइजिंग पब्लिक एंटरप्राइज इस ठीक है तो एंटरप्राइज इस टेबल इस डिपार्टमेंट इसका अलग से कोई वजूद नहीं है इसका अलग से कोई इसे एस्टेब्लिश नहीं करा गया थी जो पार्ट ऑफ डेट गवर्नमेंट गवर्मेंट को जो अपने functions करने होते हैं ना वो इन्हीं departments के थ्रू करती है इन्हीं undertakings के थ्रू करती है इस टेट क्लियर एंड वर्क कंसीडर पार्ट और एक्सेंशन थोड़ मिलिटरी स्टेल तक और यह जो डिपार्टमेंट अंडर ट्रेकिंग काम करती है, तो ऐसा माना जाता है कि यह गवर्मेंट काम कर रही है, because it is an integral part, यह गवर्मेंट का अंदरूनी हिस्सा ही तो है, it is a government in itself, बाता ही समझ में, it is a government in itself, इससे क्लियर, कोई प्रॉब्लम है इसमें, एक्साम्पल, प्रेवेज पोस्ट एंड टेलीग्राफ डिपार्टमेंट पोस्ट एंड टेलीग्राफ इसके अंदर आएगा अगर हम यहां पर देखें पोस्ट एंड टेलीग्राफ कम्यूनिकेशन के अंदर आएगा जो इंडियन पोस्ट ऑफिस चल रहा है डिपार्टमेंटल एंडर टेकिंग इट इस डिपार्टमेंटल एंडर टेकिंग ऑफ द कम्यूनिकेशन विनिस्ट्री इट पार्ट ऑफ गवर्मेंट इन इटसेल ठीक कि चैनल क्टिप्स क्या होता है कि इन एंटरपैज फंडिंग होती जो पैसा इन एंटरपैज को मिलता है वह गवर्नमेंट रेजरी से ही मिलता है आपने देखा होगा कि एक फरवरी को हर साल यूनियन बजेट आता है वह यूनियन बजेट इन डिपार्टमेंटल एंडरटेक्टिंग को इतना पैसा दिया जाएगा और यह डिपार्टमेंटल एंड यह बात है दिन एंडल देख सब्सक्राइब और अधिक अच्छा इनके ऊपर अपने बेसिकल यानि कि गवर्नमेंट के कुछ रूल्स है कि वह इसको अपनी रूल्स और यहां पर भी इनके ऊपर भी लगते हैं ठीक है इसका जो एक ऑडिटिंग करता है कि अधिक अधिक है तो accounting भी ना करनी पड़ती है, इनका audit भी होता है, तो ऐसा नहीं है कि government enterprises हैं, तो ये अपने हिसाब किताब से या checking से बच जाएंगे, नहीं, हिसाब किताब भी maintain करेंगे, खाते भी बनाएंगे, accounting भी करेंगे, साथ की साथ उन accounting का examination भी करा जाएगा, कि जब तुमने खाते बन वह जो नौकरी वह करते हैं वह सरकारी नौकरी होती है, अक्शल में genuine सरकारी नौकरी होती है, ठीक है, and they are recruitment, और उनका recruitment and condition of the service, मतलब the terms and condition of the job, और जो उनका पूरा recruitment process होता है, clear है, वो किसके अंदर होता है, सीधा सीधा government के अंदर होता है, जैसे एक example हम लेके चलते हैं, UPSC, तो UPSC is a government department, इस गवर्नमेंट इन इटसेल्फ तो वही पेपर कंडक्ट कराएगा वही रिक्रूटमेंट पूरा प्रोसेस करेगा ठीक है रिक्रूटमेंट मतलब सेलेक्शन करना लोगों का कि कौन-कौन से बंद हम सेलेक्ट करना चाहते हैं ठीक है और वह बंदें सेलेक्ट तो जैसे एक एग्जांपल में लेकर चलता हूं कि इंडियन रेलवेस का मांके चलो कोई है देख अगर उस हेड को कोई रेस्पॉन्सिबिलिटी दीगी कि भाई तुझे यह काम करना है तो वह रिपोर्ट किसे करेगा वह अपनी मिनिस्टर को रिपोर्ट करेगा जो इस समय वैश्णव जी है क्लियर है कोई प्रॉब्लम इसमें नो सिर्फ मैनेजमेंट इस अरेक्ट इन रि पार्ट गवर्मेंट तो आपको इसमें बात रखने वाली है वह यह है यह इंपोर्टेंट चीज है कि जो इनको पैसा मिलता है वह गवर्नमेंट रेजरी से मिलता है अच्छा अगर यह कोई डिपार्टमेंटल अंडरटेकिंग मांके चलो रेलवे में जाता है तो इनको फंडिंग मिलती है वह भी गवर्नमेंट रेजरी से मिलती है और पैसा जाता है कमाया हुआ वह भी गवर्नमेंट रेजरी के अंदर ही जाता है क्लियर इसके मेरिट्स क्या है दीज अंडर टेकिंग फैसिलिटेट पार्लियामेंट टू एक्सरसाइज एफेक्टिव कंट्रोल ओवर देया ऑपरेशन तो तो गवर्नमेंट क्या करते हैं अलग-अलग डिपार्टमेंट में अलग-अलग मिनिस्ट्री में डिवाइड कर देती है उन मिनिस्ट्री के डिपार्टमेंट होते हैं तो गवर्नमेंट को यह सारे काम करने होते हैं वह इन डिपार्टमेंट के थूं करती है इसकी वर्य से हेल्प होती है पार्लियमेंट की गवर्नमेंट की कि वह अपने काम ठंड से कर पाते हैं ना दीज एंशियर आ हाई डिग्री ऑफ पब्लिक अकाउंटेबिलिटी ओहो चितना भी पैसा यह लोग यूज करते हैं मैंने बोला ना वो पब्लिक के लिए तो पैसा है, तो पब्लिक इन लोगों से क्वेश्चन पूछ सकती है कि भाई जो रेलवेज, जो रेलवेज तुम चला रहे हैं उस पर इतना पैसा खर्च हो, कहां से आया, तुम कैसा तो नहीं है कि पैसा वेस्ट कर रहे हो, क्या तुम जो पैसा खर्� खर्चा हुआ इन जगह पर हुआ यह देखो वंदे भारत चल रही है हमने अभी नए ट्रैक्स ट्रैक्स चेंज करें अभी हम डिवेलपमेंट ऑफ द रेलवेज स्टेशन करें काफी इंडिया में रेलवेज स्टेशन के डिवेलपमेंट हुआ है तो इन पब्लिक वह अपनी आंसरिंग देनी पड़ती है पब्लिक इंस्ट्रेक्शन पूछ सकती है वह कॉशिट करी का जाती है वह कॉशिट करी नेताओं से पूछता है कि बताओ तुमने इस पैसे का क्या करा ऐसा क्यों हुआ इसको सुधारने के लिए तुम क्या करोगे तो पब्लिक एकाउंटेबिलिटी यहां पर बहुत है दर वेन्यू जो रिवेन्यू ने कि तो पैसा यह इंटरपैस इस अर्ड करती है वह और मैंने के लिए एक डिपार्टमेंट से कमाई का सरी है डिपार्टमेंटल अंडर्टेकिंग एक कमाई का सरी है और जहां पर ने मेरिट्स ने जहां पर नेशनल सिक्योरिटी की बात आती है कि भाई हमारे देश की बात है हमारे देश की सिक्योरिटी की बात है तो यह सबसे यादा सूटेबल होती है क्योंकि यह डाइन चौकी एक किसमें आती है डायरेक्ट कंट्रोल में है यहां पर अपनी देश के बारे में पहले सोचेंगे ना ही अपने परसनल परपस के बारे में लिया है देश सबसे पहले आएगा इनके लिए इनके नुकसान क्या है? Departmental undertaking fail to provide flexibility which is essential for the smooth operation of the business.

What do you mean by the flexibility? Flexibility का मतलब होता है कि जैसे मान के चलो scenario कुछ conditions बदल गई, business conditions बदल गई, तो उसके असाप्से department को, department railways मान के चलो जो काम कर रहा है, उसको उन conditions के असाप्से Clear नहीं clear है, जैसे एक example हम लोग लेके चलते हैं, कि आज के time पर, आज के time पर, तो इनसान यह चाहता है कि भाई उसको ना एक लग से रिटेल मिल जाए जो कि उसे एक जगह से दूसरे बाद चलती पहुंचा दिया है तो वन देवारात इंटरड्यूज करें तो तुम्हें क्या लगता है कि ऐसी चीजें जो होती है वह यह लोग उसे अ� कि यह चोटी-चोटी चिनों कुछ अपने आप से डिसाइड करके उन्हें चेंज कर लेते हैं तो आंसर इसनों इनको अपने सुपीरियर से पूछना पड़ता है मिनिस्टर से परमीशन लेनी पड़ती है कि सुपीरियर उनसे परमीशन लेनी पड़ती है हर चीज की परमीशन लेनी पड़ती है उसके बाद जाकर यह काम को आगे कर पाते हैं सुपीरियर फ्लेक्शन फ्लेक्शन प्रोपोर्सल देंगे बहुत टाइम बाद अप्रूवल मिलेगा तब जाकर चीजें चेंज होगी उससे चीजें चेंज नहीं कर सकते उससे डिसीजन नहीं ले सकते इन्हें परमीशन लेना पड़ेगा तो फ्लेक्सिबिलिटी नहीं है यहां पर है ना जो कि देखने के लिए अच्छा लेने वह देरी भी यहां पर देखने को मिलती है डिसीजन मेकिंग बहुत स्लोह रहता है इस एंटरप्रेजी अनेबिल टू टेक एडवांटेज ऑफ बिजनेस अपॉर्चुनिटीज द बीरो का ना देखो बिजनेस अपॉर्चुनिटीज का बिजनेस को भड़ा सकते हैं तो आपको तुरंत करना पड़ेगा बट क्योंकि यहां पर इंडिपेंडेंट डिसीजन नहीं ले सकते तो अगर परमीशन के लिए ऊपर जाना पड़ेगा वीरोक्रेट के बाद जाना पड़ेगा मिनिस्टर के बाद जाना पड़ेगा बट वीरोक्रेट का ओवर कॉशियस नेचर कंसर्वेटिव नेचर मतलब कि वह ज्यादा समल समल के चलते हैं कि लॉस्ट ना हो पैसा बरबात लॉस प्रोटेक्शन की भी लॉस ना हो लॉस ना हो समल समल के चलेगा उस जगह पर क्या होता है कि ये अपना बिजनेस अपॉर्चुनिटी लूस कर देते हैं बिजनेस अपॉर्चुनिटी लूस कर देते हैं तो ये रिस्की है बिजनेस अपॉर्चुनिटी एक तरीके से र बहुत ज्यादा कोई चीज मांगे चलो एप्रूव करवानी है तो 10 स्टेप के बाद एप्रूव की पहले इस परसन का एप्रूवल फिर इसका एक पिका पहले होगा फिर दूसरे के बाद जाएगा फिर उसका मिलेगा फिर तीसरे के बाद ज पॉलिटिकल इंटरफरेंस बहुत ज्यादा है मिनिस्ट्री से पॉलिटिकल इंटरफरेंस का मतलब क्या हो गया जैसे मानकर चलो अभी जो नेता जी आए हैं वह नेता जी कैसे सोचते हैं उसका पूरा का पूरा इंपेक्ट पड़ेगा उस पर्टिकुलर डिपार्टमेंट पर तो अभी के जो हमारे रेलवे मिनिस्टर है वह रेलवे को कैसे देखते हैं उस कि एक नेतर आप आंसाल का हो सकता है अगला अगली बार चेंज हो सकता उसकी बार चेंज हो जाए तो चेंज यहां पर देखने को मिलते हैं जिसकी वर्य से विजन चेंज होते हैं इसके वर्ष काम करने का तरीका भी लोगों क्या हो सकता है चेंज हो सकता है तो पॉलिटिकल इंटरफरेंस बहुत है गवर्नमेंट का इंटरेस्ट मांग कर चलो अगला में टेक्विट पर इंटरफरेंस करें और लोगों का भी मोटिवेशन इंक्रीज होगा बट एक ऐसी गवर्नमेंट आती है तो रेलवेस के लिए लेकर बिल्कुल भी सीरियस नहीं, उसको लगता रेलवेस कुछ है ही नहीं तो रेलवेस में थोड़ा कम ध्यान देगी, रेलवेस को पैसा कम मिलेगा ये बहुत बहुत बहुत बह� प्राइवेट नहीं है, इनका मुद्धा प्रॉफिट कमाना है ही नहीं, अगर इनका मुद्धा प्रॉफिट कमाना होता हो, तो सबसे पहले कंजिमर नीट्स को यागे रखते हैं, लोक इनका मुद्धा प्रॉफिट कमाना है ही नहीं है, सर्विसिस प्रॉवाइड करवाना ह अब दिन में द स्टैटुटरी कॉर्पोरेशन अभी देखते हैं बच्चों आप सभी ने आप सभी ने हंड्रेट परसेंट एलाईसी का नाम तो कि इस एक्ट्रोली एस्टेटूटरी कॉर्परेशन क्योंकि यह गवर्नमेंट डिपार्टमेंट के अंदर नहीं आता इसकी अपनी अलग से एक पहचान है एक सेपरेट एंटिटी है यह ठीक है लीजिए प्रेट एंटिटी है तूसरी चीज अब सेपरेट एंटिटी से मिली कैसे सेपरेट एंटिटी से मिले क्योंकि इसको जो डिफर्म करा गया इसको जो एस्टेब्लिश करा इसको जो अब जाना है पावर दी गई वह दी गई इसके सेपरेट एक्टर तू तो इट इसका एक सेपरेट एक्ट है कि इसके लिए अलग से एक स्पेशल लॉ बनाया गया अलग से लॉ बनाया गया जिससे बोलते हैं हम लोग एल आई सी एक्ट 1956 उसके अंदर इसकी पावर सेंट फंक्शन गिवेन है कि भाई इसके पास क्या-क्या पावर से क्या यह अपने डिसीजन खुद ले सकती है क्या यह अपने डिसीजन किसी और मतलब गवर्नमेंट इंटरफेयर करेंगे उसके पास अपनी क्या ताकत है यह काम कैसे करेगी यह क्या रूल से नेगलेशन अपने अलग से यह रूल से नेगलेशन फ्रेम करेगी गवर्नमेंट के रूल से नेगलेशन इसके ऊपर लागू नहीं होंगे कि अपने लिए इंप्लोई कैसे हायर करने है यह वह रूल से नेगलेशन बनाएगी मेरे यहां पर इंप्लोई काम कैसे करेंगे यह वह रूल से नेगलेशन खुद बनाएगी समझे ठीक है इंडिपेंडेंट चाहिए अपनी रिटेड रेंडिंग से चाहिए किसी से उधार लेकर यह पैसा खुद पर खुद रेस कर सकती है तो यह जो इसका एक्ट है जो सेपरेट एक्ट है वह इसकी पावर एंड फंक्शन फूल्स एंड रेगुलेशन बताएगा यही बात यहां पर करी गई है यही बात यहां पर करी गई था सचितरी कॉर्परेशन पब्लिक एं� पेशल एक्ट ऑफ पार्लियमेंट और यह स्पेशल एक्ट पास कहां पर होता है यह स्पेशल एक्ट आफ कॉर्सी बात है कोई भी इंडिया के अंदर लॉ इंटरड्यूस करना है कोई भी एक्ट इंटरड्यूस करना है तो पहले आपको लोग तब जाकर प्रेसिडेंट साइन करेगा तब जाकर वह पास हो रहे थे प्रोसेस ना तो वह पार्लियामेंट में जाकर पास होता है स्पेशल एक पास होगा पार्लियामेंट पार्लियामेंट में जब वह स्पेशल एक पास हो जाएगा तो स्टैटिटरी कॉर्पोरेशन अपने employees के लिए इन्होंने rules and regulations बना रखे हैं और वो सारी चीज़ें कहाँ पर given हैं इनके act में given हैं ऐसे LIC 1956, SBI 1955 SBI Act 1955 ठीक है तो ये act बताता क्या ये act नहीं कि powers and functions बताता है rules and regulations बताता है जो कि govern करेंगे जो कि किसके ऊपर लागू होंगे इनके employees के ऊपर लागू होंगे और इनका relationship भी बताता है government department से क्या government department के ये क्या क्या कि आप चीजें जो है तो गवर्नमेंट डिपार्टमेंट डिसाइड करेंगे वह क्या चीज है तो यह खुद डिसाइड कर सकते हैं तो मेजॉरिटी ऑफ द एरिया ऐसे है कि जहां पर इन डिसीजन लेने में गवर्नमेंट की परमिशन नहीं चाहिए यह अपने है तो बिकॉज इट इस प्रियर टिपाइट एंड इस एक पास इंटू द पार्लियरमेंट तो इट लेजिस्लेटिव बॉडी ठीक है लेजिस्लेटर ने पास करा जिसकी अपनी कुछ की पावर्स है अपने कुछ के फंक्शन से एंड इस फाइनेंशली इंडिपेंडेंट इसको पैसा लेने के लिए गवर्नमेंट का बजट जागने की जरूरत नहीं है यह अपना पैसा कुछ से रेस कर सकता है चाहे अपने प् प्रेसिडेट कोर्परेशन के शेयर पब्लिक को बेच करके वहां से पैसा ले सकते हैं पब्लिक इशू कर सकते हैं डेट ले सकते हैं इन्हें जाकने की जरूरत नहीं है गवर्नमेंट के पास ठीक है और इनका क्या है कंट्रोल होता है एंड पर्टिकुलर टाइप ऑफ कमर्शल एक्टिविटी और कुछ एक्टिविटी ऐसी तो कुछ इनकी बिजनेश एक्टिविटीज ऐसी जहां पर गवर्नमेंट इंटरफेयर नहीं कर सकती फीचर्स के सब्सक्राइब और उन्हें उसी एक्ट के प्रोवीशन से वह प्रोप्रेशन को सब इसका एक्ट बताता है इस टाइप ऑग्नाइशन इस होली ओन्ड बैक गवर्नमेंट अच्छा इस टिल द ओनर इस गवर्नमेंट द ओनर इस गवर्नमेंट गवर्नमेंट ओनर है गवर्नमेंट ओनर है तो डेट्स वाइड गवर्नमेंट कहीं तो इसका एक्ट पास है वह इस वर्य से कर आ गया कि गवर्नमेंट का इंटरफरेंस रिलेटिवली कम करा जाए गवर्नमेंट कम से गवर्नमेंट का क्या करेगी फायद लेगी तो होली ओन बाइट गवर्नमेंट चिल्ड ऑनलाइज गवर्नमेंट ठीक है बोर्ड आफ है एक तरीके से प्रॉपर एक सेपरेट एंटिटी है जिसकी वजह से यह किसी के ऊपर केस कर सकती है अपने नाम से तो एलाइस किसी के ऊपर भी केस कर सकती है कोई एलाइस के ऊपर भी केस कर सकता है इसके नाम के ऊपर भी केस कर सकता है एलाइस अपने नाम से किसी कंट्रैक्ट अपने आप से कुछ को पैसा प्रोवाइड करवा सकती है चाहिए किसी से उधार लेकर पैसा प्रोवाइड करवाएं चाहिए वह गवर्नमेंट से ले सकती है चाहिए पब्लिक से पैसा ले सकती है चाहिए अपने रिवेन्यू का यूज कर सकती है ठीक है इसके लिए नॉट नॉट गवर्नमेंट और सिविल सर्वेंट जो जो लोग सब्सक्राइब कर रहे हैं नॉट सब्सक्राइब कि कंपरेजन गवर्नमेंट वालों से करा जाता है क्योंकि जो पर्क्ष एंड पेनिफेट्स गवर्नमेंट को मिलते गवर्नमेंट एंप्लोइड को मिलते हैं वह भी नहीं मिलते हैं वह भी इनको भी वहीं मिलते हैं ठीक है इनकी भी वह एकदम सिक्योर है तो इनको निकाला नहीं जाता था थिंग डेट थिंग इस टेड वियर गोइंट डिस्कस कि ऑफिशली देट नहीं थी जो इनका सेपरेटी एंटिटी ही अलग है बिल्कुल सेपरेट एडियर सेपरेट ली डिफरेंट टू इच अदर ना इस वर्य से यहां पर जो इंप्लॉइस वह गवर्नमेंट इंप्लॉइस है ही नहीं एंड नॉट गवर्नमेंट रूल्स एंड सेलरी कितनी मिलेगी कि स्टेट पर आनी चाहिए क्या-क्या तुम्हें ऑफिस के अंदर कैसे बिहेव करना है कितनी छुट्टी तुम ले सकते हैं तुम्हें क्या-क्या पर्क्स मिलेंगे यह सारी चीजें एक्ट के अंदर डिफाइंड हैती है एक्ट बताता है इंडिपेंडेंस मिली हुई है कि वह अपने मुत्नों को अपने अफियर शो खुद से मैनेज कर सकते हैं विद इंडिपेंडेंस पावर टू मेट डिसीजन ऑन डिवार्मी इंडिपेंडेंस अपना काम कुछ से कर सकते हैं डिसीजन उससे ले सकते हैं डोंट नीड टू टेक परमीशन फ्रॉम डा गवर्नमेंट और एनी मिनिस्ट्री अपना डिसीजन कुछ से ले सकते हैं तो यहां पर इंडिपेंडेंस है फ्लेक्सिबिलिटी है इन मौके पर चीजों को बदल सकते हैं ठीक है चीजों को चेंज कर सकते हैं अब पब्लिक कोर्पोरेशन इस फ्री फ्रॉम रेडटेपिजम आहा क्या बढ़िया बात बोली इसके अंदर पेपरवर्क आपको बहुत कम देखने को मिलेगा इसके अंदर नहीं है कि आपको मल्टीपल लेयर से परमीशन लेनी पड़ेगी ऐसा कुछ भी नहीं है बहुत कम इस एंशॉर्स प्रोटेक्शन ऑफ पब्लिक इंटरेस्ट इनके मुद्दे भी पार्लियम एंटर में डिस्कस करे जाते हैं तो एलाईसी का आया था उसका मुद्दा ओपरेशन ने बहुत उसके अपोस्ट गए थे कि भाई तुम एलाईसी को बेच नहीं सकते तुम तो गवर्नमेंट शिक्ति को बेच रहे हो ऐसा बोला गया था मैं यह नहीं बोला ठीक करा था गलत करा था वह तो पर्टिकुलर परसेंट डिपेंड करता है इस वेंचुली अब नहीं बात में भी होगा बिकोस जैसे अच्छे एकोनॉमी डेवलप होती चली जाती डेवलप्पेंट की तरफ भड़ती है तो प्राइवेट सेक्टर का रूप गवर्नमेंट सेक्टर से ज्यादा हो जाता है गवर्नमेंट सेक्टर बिजनेस सेक्टर से निकलना चाहती है उसका काम तो फिर सिर्फ चीजों को देखना होता है कि सारी जीना ठीक चल रही है नहीं चल रही है प्रेसिफिकली फिर देखना पड़ेगा दंडा हमारा काम नहीं है ठीक है कमर्शल एक्टिविटीज करना हमारा काम नहीं है वह प्राइवेट सेक्टर करने दो हम बस देखेंगे प्राइवेट सेक्टर अपना काम दंड से कर रहा है या फिर नहीं कर रहा है ठीक है तो इनका कि भाई हमारा पैसा को कि एक्ट्रल में जो पेलाइसी के अंदर पैसा चल लगा रहा है पब्लिक के लगा रहा है डायरेक्ट वर्ड इंडिटेटली पब्लिक का इंट्रेस्ट के लिए इंटर पार्लियमेंट में डिस्कस होता है पार्लियम डिस्कशन होना मतलब अपनी रिक्वेरमेंट के असाब से अपनी पॉलिसी के असाब से अपने एंप्लोइस को सेलेक्ट कर सकते हैं तो उनको कितने पैसे देने हैं उनके रिक्रूटमेंट कैसे होना है यह खुद डिसाइड कर सकते हैं तो डेफिनेटली इनके स्टाफ कैसे एक्ट हमें पावर देता है, हम अपने rules and regulations बनाएंगे, you don't interfere between us, ठीक है, है न, तुम बोले 20 को हम 50 देंगे, हम अच्छा बंदा लाएंगे, 20 के तुम 4 लाओ, 50 का मैं एक लाओंगा, ज़ादा काम करेगा, समझे, मैं efficient staff उठाओंगा, है न, you don't interfere, हमारा मुद्दा है, जहां क्योंकि इनका सेपरेट एंटिटी है कि अपने रूल से नेगलेशन से तो मैनेजमेंट प्रोफेशनल होगा तो इनके जो बोर्ड आफ डायरेक्टर्स होते हैं ना बेसिकली द रियल ओनर ऑफ द कंपनी जो बोर्ड आफ डायरेक्टर होते हैं बिजनिस एक्सपर्ट्स उसके है तो जैसे कंस्यूमर से रिलेटिव कोई डिस्क्रेशन होना तो बोर्ड ऑफ डिरेक्टर में कंजीमर रिप्रेजेंटिव उठाएगा लेबर जो वर्कर काम करें जो इंप्लॉइस काम करें उनसे रिलेटिव कोई मुद्दा तो लेबर वार रिप्रेजेंटिव कि वह तुम चलाओ हमारा वाला एलाइसी वाला क्लियर है नुकसान क्या है इन रियलिटी पर सचाहिए सचाहिए इतना इंडिपेंडेंस इंजॉय नहीं करती जितना बोला था ठीक है ऑल थे सब्जेक्ट टू मैनी रूल नेगलेशन उनके काम करने के ऊपर भी रूल नेगलेशन जो गवर्नमेंट लगाती है गवर्नमेंट इज ओनर ओनर चलेगी ओनर की ना गवर्मेंट एंड पॉलिटिकल इंटरफरेंस एस ऑलवेस बीन देया रिमेजर डिसीजन यहां पर देखो इन एवरी डिसीजन नहीं बड़े बड़े बिजनेस नहीं चला इस बिजनेस को बेच दें या फिर जहां पर ऐसी कोई ट्रांजेक्शन जहां पर ना उसके अंदर डेफिनेटिंग आफ डेट डेट डेट से किस गवर्नमेंट ना अ गवर्मेंट इंटरफेरेंस रहा होगा जहां पर बड़े मुद्दे होते हैं वहाँ पर गवर्मेंट आती है क्लियर है जहां मैटर बड़े होते हैं वहाँ ये खड़े होते हैं याद रख लेना जहां मैटर बड़े होते हैं वहाँ गवर्मेंट खड़े होते हैं The government has a practice of appointing advisors to the corporation board Corporation के board of directors का government advisors appoint कर सकती है एडवाइजर यह दिए देख देख देख देख दे और जब तक यह अप्रूव नहीं हो यह काम नहीं कर सकते तो एप्रूव बी नहीं है काम नहीं होगा बी अप्रूव एप्रूव एप्रूव नहीं है तो मैटर किसके पास जाएगा और मैंने के पास तब तब हमें यह काम करना है, A4 Advisor बोलेगा नहीं, matter है क्या government के पास, government delay लेगी, यार हमसे time लेके decision देगी, तो ultimately चली ही किसकी, government की, the further delay से action, और delay हो जाता है काम में, काम में बच्चों और ज़्यादा delay आपको देखने को मिलेगा, is that clear? फिर आता है government companies, हमने joint stock company पढ़ा था, यह बिल्कुल वही है, बिल्कुल वही है, exactly वही है, बिल्कुल वही है, government companies पढ़ाता था, exactly वही है, sorry, joint stock company पढ़ाता था, वही है, but joint stock company में हम लोगों ने यह नहीं पढ़ाता, ownership किसके पास है, क्या नहीं है, उसके functions पढ़े थे, features पढ़े थे, सारी चीज़े पढ़े थी, आओ, मान के चलो, एक company है, अब उससे कुछ shares होंगे, कि इस कंपनी के फिफटी वन परसेंट शेयर या उससे अधिक फिफटी वन परसेंट और मोर फिफटी वन परसेंट और मोर फिफटी वन परसेंट या उससे ज्यादा या फिर इसको ऐसे भी लिख सकते हैं नॉट लेस्ट थेंड फिफटी वन परसेंट फिफटी वन परसेंट से कम नहीं होने चाहिए ठीक है ओन कौन करेगा उनके इतने शेयर्स को ओन कौन करेगा ओन बाय गवर्नमेंट ओन बाय गवर्मेंट अब गवर्मेंट ध्यान से सुनना अब गवर्मेंट कैसी हो सकती है पूरी की पूरी सेंट्रल ओन कर सकती है यानि कि फिफ्टी वन परसेंट या उससे ज्यादा सेंटरली ओन कर रही है या फिर स्टेट मिलकर या अकेली कोई स्टेट कर रही है ठीक है या फिर स्टेट गवर्मेंट प्लस कॉर्ड प्लस सेंट्रल उससे ज्यादा किसी कंपनी के अंदर अगर स्टेट गवर्मेंट ओन कर रखा है चाहे गवर्मेंट कि अकेली सेंट्रल गवर्नमेंट और स्टेट गवर्नमेंट जैसे मिलकर भी वह लोग ले सकते हैं अल्टीमेटली फिफ्टीवन परसेंट यह सजाएंगे तो वह कंपनी क्या बन जाती है डेट कंपनी इस गवर्नमेंट कंपनी यह क्या बन गई यह बन गई गवर्नमेंट कंपनी अभी हम सब्सिडी अब सिटरी का भी सीन सुनेंगे तो अगर वर्मेंट दिया इस हेल्ड बाय कौन हेल्ड करता है या तो सेंटरल गवर्मेंट और बाय यानी स्टेट गवर्मेंट और पार्टली यानी कि दोनों मिलकर है पार्टली वाइट सेंटरल गवर्मेंट एंड पार्टली वाइट वन और मोर स्टेट गवर्मेंट क्लियर है ओके अब नया है जो कि किसी दूसरी गवर्मेंट कंपनी की सब्सक्राइब होगी लेट्स टेक एंड एग्जांपल अ कि दो कंपनी है एक कंपनी है पी लिमिटेड पी प्राइवेट लिमिटेड पी प्राइवेट लिमिटेड ठीक है एक कंपनी है जी लिमिटेड वेरी गुड जी लिमिटेड इस पब्लिक इज गवर्नमेंट कंपनी पब्लिक कंपनी नहीं गवर्नमेंट कंपनी या इट इज गवर्नमेंट कंपनी ठीक है पी प्राइवेट लिमिट इस प्राइवेट कंपनी जी लिमिटेड ने जो गवर्मेंट कंपनी है उसने पी लिमिटेड के क्या कर रखें ध्यान से सुनना इसने क्या कर रखें इसने पी लिमिटेड के 51% शेयर खरीद रखें आगे पी लिमिटेड के 50% और मोर और इसम क्या लिख सकते हैं एट लीज 50% यहाँ पर जो इधर जो है वह 51% है सब्सक्रीब के इसमें 50% होता है अगर कोई गवर्मेंट कंपनी कि किसी भी कंपनी में किसी भी कंपनी में फिफ्टी पर सिफ्टी परसेंट या उससे ज्यादा फिफ्टी परसेंट या स्थिति परसेंट शेयर पर्चेस कर सकती है यानि कि पी लिमिटेड के फिफ्टी परसेंट या उससे ज्यादा शेयर अगर पी लिमिटेड के पास है और जी लिमिटेड गवर्नमेंट कंपनी है तो ऑटोमेटिकली जी लिमिटेड क्या होगी पेरेंट कंपनी हो गई किसकी पेरेंट कंपनी हो गई इसकी पेरेंट कंपनी होगी पी प्राइवेट लिमिटेड की पी प्राइवेट क्या हो गई सब्सिद्री सब्सिद्री और जी लिमिटेड वह जी लिमिटेड की सब्सिडरी हो गई क्योंकि वह एक गवर्नमेंट कंपनी की सब्सिडरी है तो ऑटोमेटिकली पी प्राइवेट लिमिटेड अपने आप में क्या बन जाएगी पी प्राइवेट लिमिटेड भी एक गवर्नमेंट कंपनी बन जाएगी एक गवर्नमेंट कंपनी बन जाएगी बट ध्यान रखना ओनर्शिप नॉर्मली बात करें दिग्वर्नमेंट कितना अब इसका जो एक्ट होता है जो कि जो गवर्न करता है वह फिर 2013 ही होता है एंड इस अपने प्रोवीजियन और इस कंपनी को बनाने के लिए भी कंपनी 2013 के प्रोवीजियन सॉल्व करेंगे और किस तरीके से कंपनी चलेगी वह भी कंपनी 2013 बताएगा दिस आफ टेबलेज फॉर प्यूर्ड लिए बिजनेस परपार्टेस इनका मेन मुद्दा क्या होता है एंड इन ट्रू स्पिरिट कॉंपीट और अपने पूरी शिद्धस से कंपटीशन करती है किसके साथ प्राइवे� कि तक कि प्राइवर सेक्टर के ऊपर प्रेशर बना पाए देखो हम तुम्हारी क्वालिटी का गुड्स बना रहे हैं ना प्राइवर सेक्टर लिस्टिंग टू मी एंड पब्लिक सेक्टर मैं तुम्हारी क्वालिटी का गुड्स बना कर दे रहा हूं तुमसे कि लियर तो इंडारेटली करते पब्लिक के फ्राइड आ रहे हैं बट इनका मेन परपस बिजनेस करना होता बिजनेस करो पैसा कमाओ तैयार वह पैसा एडिटली पब्लिक के पास ही जाएगा ना इन टर्म्स ऑफ सम अ क्या बोलते बेनिफिट्स ना नहीं बच्चों पर आगे पहला फीचर्स रजिस्ट्रेशन रजिस्ट्रेशन का होता है कंपनी जैसे 2013 में होता है जैसे जो इसका और होली, होली मतलब 100% share कौन own करके बैठा है government या partly में भी कितना होगा at least 51% at least 51% ठीक है तो कम से कम 51% तो own करके बैठी होगी, तो 51% और 100% के बीच में है तो partly wholly 100% है तो wholly owned management, the government company is managed by the board of directors who are nominated by the government and other shareholders तो जो गवर्मेंट कंपनी के बाद के शेयर होल्डर होते जैसे मांग के चला गवर्मेंट कंपनी ने 52 परसेंट होल्ड कर रखा है गवर्मेंट ने 52 परसेंट होल्ड कर रखा है तो गवर्मेंट कंपनी हो गई 48 परसेंट तो किसी और अधर शेयर होल्डर और गवर्मेंट मिलकर जिस भी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर को नॉमिनेट करेंगे वह बोर्ड ऑफ डायरेक्टर कंपनी को मैनेट करेगा तो बोर्ड ऑफ डायरेक्टर को कौन नॉमिनेट करेगा गवर्मेंट और अधर शेयर होल्डर मिलकर ए लिए एंटिटी इनका सेपरेट लेगल एंटिस्टेंस प्रोपर्टी खरीद सकती है बेच सकती है इनको आप कर सकते हैं यह किसी को सूट कर सकते हैं है ना यह सारी चीजें मिनिस्टेरियल कंट्रोल व कंसर्ड मिनिस्ट्री में एक आप पॉइंटमेंट ऑफ डाइरेक्टर आहार तो यहां पर जो मैंने बोला ना जो गवर्नमेंट अपॉइंट लेगी तो गवर्नमेंट का कॉल पर उसकी कंसर्ड मिनिस्ट्री होगी कंसर्ड मिनिस्ट्री होगी ठीक है कंसर्ड मिनिस्ट्री होगी कि यह कंसर्ट मिनिस्टर की मांगे चलो एक गवर्नमेंट कंपनी है रोड लिमिटेड करके रोड लिमिटेड वह करते सडके बनाते हैं मान लेते हैं रोड लिमिटेड ठीक है अब वह उसका काम क्या सडके बनाना बट उसके अंदर ओनर्शिप की रोड बनाती है रोड बनाने का मुद्दा रोड एंड ट्रांसफॉर्ड मिनिस्टर के अंदर आता है तो नितिन गड़करी जी क्या करेंगे उसके बोर्ड ऑफ डिरेक्टर को अपॉइंड करेंगे ना मिनिस्ट्री में इशु डायरेक्शन एंड कैन एस्यूम दो वर्ल्ड सुपरवीजन ऑफ डांडर टेकिंग तो वह कर सकता है तो पता भी सकते हैं भी तो कि फाइनेंशल ऑटोनॉमी इनके पर फाइनेंशल ऑटोनॉमी बॉर्राइंग पावर्स होती है यह अपना पैसा जो है पब्लिक से भी रेस कर सकती है अपनी अलग-अलग इसे डिबेंचर इशू करके पब्लिक से पैसा रेस कर लिया पब्लिक डिपोजिट इशू करके पब्लिक से पैसा रेस कर लिया शेयर शिशू करके पब्लिक से पैसा रेस कर लिया ठीक है और यह अपने रिवेन्यू को कि फायदे क्या होते हैं अगर वर्मेंट कंपनी कैन बी एस्टेब्रिश्ट बाय फुल्फिलिंग न रिक्वायरमेंट ऑफ द इंडियन कंपनी से तो वर्मेंट कंपनी इंडियन कंपनी से पता है कि किस तरीके से कंपनी को फॉर्म कर जाता है वह चीज इसके पास सेपरेड लीगल एंटिटी होती है यह ऑटोनॉमी इन ऑल मैनेजमेंट डिसीजन करते थे तो सबसे अगर मैं इंडिपेंडेंट की बात करूं तो सबसे अगर इंडिपेंडेंट होती है इसके पास गवर्नमेंट कंपनी के पास पर वह नहीं होती है इस पर वह नहीं होती है इस पर वह नहीं होती है इस पर वह नहीं होती है इस पर वह नहीं होती है इस पर वह नहीं होती है इस पर वह नहीं होती है इस पर वह नहीं होती है इस पर लुट लुट लुट ठीक है तो इससे क्या होगा कि यह मार्केट को कंट्रोल करते हैं तो उन्हें प्राइस कम करने दे यह गुसे मार्केट में उन्हें प्राइस कम कर दिया है कंपटीशन प्राइस कम कर दिया इसकी वर्ष अनहेल्थी बिजनेस प्रैक्टिसेस क्या होते हैं इन केस और वह कि बात में करता हूं ना गवर्नेंट कंपनी में गवर्नेंट से फिर ओल्डर होती है ना प्रोवीजन ओंट कंपनी डस डॉट हैव मच रिलेवेंस जहां पर होली ओन गवर्नमेंट कंपनी के बातों तो कंपनी जाकर प्रोवीजन पर मैटर करते नहीं है वी आट गवर्नमेंट हमने तो कंपनी जैसे बनाया है हम पूरे के पूरे ओनर है पर कार्य के नवान कंपनी है बट क्या अम्मानी जी के छोटे-मोटे शेयर होल्डर है दांसर इस नो कि अम्मानी जी छोटे-मोटे शेयर ओल्डर तो नहीं है अम्मानी जी गवर्नमेंट अगर विवेश्वल लेती है जो कि मन जिगर चाहिए तो अम्मानी भी कम नहीं पड़ेंगे यह बाइट 10% कमू मैं तुमसे है तो उस जगह पर हो सकता गवर्नमेंट वही न चलाते हैं तो अपने वो पावर्स का यूज करकर आकर which a company financed by the government should have it is not answerable directly to the parliament क्योंकि पार्लियामेंट में भी इनके मुद्दे नहीं उठाए जाते they are not answerable to the parliament statutory corporation उठाए जाते हैं departmental के तो उठानी पड़ेगे because it is the government itself the government being the sole shareholder वही holy own the management and administration rest in the hands of the government क्योंकि कोई और है ही नहीं कोई owner है ही नहीं कि सब कुछ हम डिसाइड करेंगे तो हमें डिसाइड करेंगे कौन मैनेजमेंट में होना चाहिए अग्निस्ट्रेशन उन्हें होना चाहिए यह हम डिसाइड करेंगे तो में परपस अगॉटमेंट कंपनी रजिस्टर लाइक अगर कंपनी कि प्रोपरली लेकर आए कि उसकी मैंनेटमेंट का फुली ऑटोनॉमी हो वह मैंने वह मुद्दा ही खत्म हो गया वह मुद्दा ही खत्म हो गया समझ नहीं समझ अब मेरे को बता हो क्या प्राइवेट इजेशन जरूरी है बिल्कुल जरूरी है अब आधे ग्लोबल एंटरपाइज कि जो अपने करते हैं नहीं है बिजनेस एक्टिविटी उनका बिजनेस मल्टिपल कंट्रीज में रहता है अरांट वर्ल्ड पूरी दुनिया में देख सब्सिडरी और ब्रांच इसकी फॉर्म में जैसे एक्सेंचर की बात करें अ माइक्रसॉफ्ट की बात करें गूगल की बात करें इस अलग एमेंसीज तो इनका हेड ऑफिस होता है एक जगह पर सिचुएटेड और उस हेड ऑफिस से ही अपनी मल्टिपल ब्रांच को सब्सिडरीज को क्या करती है ऑपरेट करती है मल्टिपल कंट्रीज में कि यह नहीं दिशा को लोग एंटरप्राइज अलग-अलग कंट्री में ब्रांचिस होते हैं सब्सक्रीब रिजिएज जो कि ने अलाव करती है कि अपना बिजनेस ग्लोबल स्किल पर पूरी दुनिया में कर सकें फीचर्स का होते हैं पैसा बहुत होता है यह पैसा बहुत ज्यादा है कि यह बहुत पैसा रेस कर सकते हैं अलग-अलग रेप्टेशन वेरी हुज कैपिटल रेजिंग रेजिंग एबिलिटीज इनके बाद बहुत कैपिटल रेस करने की ताकत होती है और बहुत कैपिटल ऑलरेडी इनके बाद होती भी है वर एग्जांपल एप्पल एप्पल के बाद हम बता कितना कैश है फॉर एंड कॉल्लीबरेशन ग्लोबल इंटू प्रोडक्शन ऑफ ब्रांड नेम फॉर फाइनल प्रोडक्ट अ एक एक्सांपल मैं इस चीज का देना चाहता हूं फर एक्सांपल मारूती सुजूकी है ना अभी तो मारूती का पूरा-पूरा शेयर ने खरीद लिया थोड़े साल पहले की बात करता है तो मारूती का भी अपना वर्चेस्ट हुआ करता था मारूती है इंडिया आई एन ग्रोबल इंटरव्राइस वह आपस मिले और उन्होंने मिलकर प्रोडक्ट बनाया नेटिस कॉलर मारू अब एक ग्लोबल कंपनी अगर दूसरी कंट्री में जाना चाह रही है तो बाकी कंट्री में अपना प्रोडक्ट किस तरीके से बनाएं?

तो मेरे पास सारी चीज़े नहीं है, मांगे चलो मैं ग्लोबल कंपनी हूँ, मुझे इंडिया में जाना है और मैं इंडिया में जाना हूँ, मैं इंडियन कंपनी के पास गया हूँ, मैं बोलता हूँ यार मुझे यह प्रोडक्ट बेसना है, इंडियन कंपनी बोलती है, दे� पर उस प्रोडक्ट को बनाने के लिए टेक्नोलॉजी नहीं है हमारे पर रॉ मेटेरियल भी सब चीज है तो टेक्नोलॉजी ला तो पैसा ला ठीक है तो पैसा ला टेक्नोलॉजी ला मैं लेवर लाता हूं जगह लाता हूं रिसर्च लेकर आता हूं तो यह दोना चीज फायदा होगा तो यही बात चलती है तो वह जो कंट्रैक्ट करते हैं पर टेक्नोलॉजी सेल करने पर करेंगे प्रोडक्शन आफ गुड्स पर करेंगे भी लेवर मेरी जगह मेरी अ ब्रेंड का यूज करना इसे मेरा ब्रेंड नेम भी बहुत है तो एक काम कर सकता मेरे ब्रेंड नेम के साथ अपना ब्रेंड नेम जोड़ सकता है ठीक है तो तेरा भी इसमें फायदा हो जाएगा जियो बीपी आया था भी बिरिटिश पेट्रोलियम जियो सबको पता है जियो वरोसा भी सब लोग करते हैं दिसेमेंसीस में कॉल्लाबरेट विद द कंपनी इन द पब्लिक कि पब्लिक सेट्नेट गवर्नमेंट सेक्टर में भी आपके कर सकती है कोलीबरेशन और प्राइवर सेक्टर में भी आपके कर सकती है इनके पास टेक्नोलॉजी भी बहुत अच्छी होती है बीज एंटरप्राइज प्रोजेस टेक्नोलॉजिकल प्रोजेस प्रोजेस प्रोजेस एकदम वेल्ड डेबलप रिसर्च एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट होते हैं जिसके अंदर बहुत सारे लोग काम कर रहे होते हैं और वहां पर लोग काम ही बस ही होता है कि नए प्रोडक्ट को डेवलप करो नए टेक्नोलॉजी डेवलप करो नए प्रोडक्ट करो ठीक है और सुपीरियल डिजाइन बनाओ नहीं डिजाइन बना तो आप देखते हो कि हैरियर आई हैरियर के तीन मॉडल आ कि अगले फेसलिफ्ट पर भी काम करना स्टार्ट हो गया वह रिसेशन डेवलपमेंट स्टार्ट होगी टाटा के अंदर टाटा की इवीज आती है उसके ऊपर डेली सेशन डेवलपमेंट चलती होगी कि किस तरीके से अपनी बैटरी लाइफ को बढ़ाया जाए इस तरीके से बैटरी की चार्ज इनको स्पीड अप करा जाए ना किस तरीके से एक चार्ज में इंसान 6,000 दो दो और क्या होता है ब्रेंड दिखाई देता को पैसा बहुत है अपनी सेल्स इंक्रीज करने के लिए काफी अग्रेसिव मार्केटिंग करेंगे और बात ही समझ में है ना एक्सपेंटर ऑफ मार्केट टेरिटरी यह क्या करते हैं दूसरी कंट्री में जा जाकर अपना एक्सपेंटर बढ़ाता है अपनी मार्केट को बढ़ाते हैं अपनी ऑपरेशन को बढ़ाते हैं तो ऑपरेशन एक्टिविटी एक्सटेंट पॉइंट आप दिन पॉइंट आपना बिजनेस चलाते हैं अपनी कंट्री से बाहर जाकर अपना बिजनेस चलाते हैं अपनी हेडक्वार्टर ने होम कंट्री के अंदर होता है और वहीं से उस हेडक्वार्टर के थ्रू ही यह कंट्रोल करते हैं अपनी सारी ब्रांची सब्सक्रिब्ब पूरी दुनिया में फैली हुई है जो पूरी दुनिया में फैली हुई है हावेबर इस टंट्रोल इस लिमिटिट टू द ब्रॉड पॉलिसी फ्रेमवर्क ऑफ द पेरेंट कंपनी पूरी तरीके से कंट्रोल नहीं कर सकती है और में चीजों को कंट्रोल कर सकती है में चीजों को बच्चों कंट्रोल कर सकती है आगे एक आता है आपका इसे बोलते हैं हम लोग ज्वाइंट वेंचर वर्डी मीन में ज्वाइंट वेंचर नो दो पर्सन आपस में मिलते हैं पर्सन वन प्लस परसन टू प्लस परसन थ्री आपस में यह मिले इन्होंने अग्रीमेंट करना कि हम साथ मिलकर बिजनेस चलाएंगे इसे क्या बोलते हैं बताई होगा आपसे को पार्टनर्शिप इसे क्या बोलते हैं पार्टनर्शिप बोलते हैं लेकिन लेकिन जहां पर बिजनेस वन बिजनेस तू परसन नहीं है बिजनेस थ्री वह आपस में मिले बिजनेस चलाने के लिए फॉर सम स्पेसिफिक परपस अ फॉर सम स्पेसिफिक प्रोजेक्ट या फिर कुछ प्रेसिफिक परपस के लिए तो उसको बोला जाता है क्या जॉइंट वेंचर जॉइंट वेंचर में दो बिस्टेस आपस में मिलते हैं और वह दो बिस्टेस आपस में मिलकर एक प्रोजेक्ट है इसका नाम है भी ए है आर्किटेक्ट एक बच्चों आर्किटेक्ट बी है बच्चों, interior designer अब मान के चलो, बी के पास, एके पास, एक आया contract उस contract में यह लिखा था कि इसे न एक building बना रही है और 100 crore का contract था एक building इसे पूरी तरीके से बना कर देनी है, A to Z बना कर देनी है along with the fan, furniture, सारी चीज़ें, full furniture से building बना कर देनी है यह कहता है as I am an architect मैं building का structure तो बना दूँगा कि कैसे-कैसे होगा वह सारी चीजें बना दूंगा लेकिन अंदर का फर्नीसर बनाना क्या कलरिंग करनी है क्या नहीं करना वह सारा काम तो इंटरनेट डिजाइनर का होता है यह दोनों अपना-अपना बिजनेस चला रहे हैं ठीक है यह एबिजनेस बनाया तो इनकी जो एक तरीके से जॉइंट वेंचर था कि बिजनेस मिले हैं ना पर संभी बिजनेस मिले तो जॉइंट वेंचर जो प्रॉफिट हुआ आपस में बाता और अलग-अलग हो गए डेट्स कॉल जॉइंट वेंचर यह टेंपरली टाइम के लिए होता है फॉर सब्सक्राइब पर पस है ना यह कॉमन पर पर भूल सकते हो दोनों का एक ही परफेसर ना ब एंड टोगेथर देखो बात यहां देखना बिजनेस इस तब वह एग्री कर देंगे वह दोना इन दूसरे के साथ मिलेंगे एक कॉमन परपस के साथ एंड म्यूच्यल बेनेफिट और एक दूसरे का फायदे के लिए इट गेस राइस टू वेंट वेंचर डीज टू अग्नेटेशन्स में भी प्राइवेट पब्लिक ओन और सॉरी गवर्नमेंट ओन और फॉरेंड कंपनी आने की ध्यान से होना प्राइवेट प्लस गवर्नमेंट भी हो सकती है ठीक है प्राइवेट प्लस फॉरेंड भी हो सकता है अ गवर्मेंट प्लस फॉरेंड भी हो सकता है गवर्मेंट प्लस फॉरेंड भी हो सकता है प्राइवेट प्लस फॉरेंड भी हो सकता है गवर्मेंट ठीक है यह इतनी सारी तरीके यहां पर आप देख सकते हो फीचर्स इंक्रीज रिसोर्सेस एंड कैपिसिटी देखो दो बिजनेस आपस में मिलेंगे दोनों की यूमन रिसोर्सेस मिलेंगे फैनेंशल रिसोर्सेस भी मिलेंगे दोनों की फैक्ट्री का सेटअ� तो उनकी जो रिसोर्सेस होते हैं साधन होते हैं वह क्या होते हैं बड़े हो जाते हैं गेट लार्जर रिसोर्सेस फाइनेंशली एज़ वेल एस कि होंडा आई हीरो के पास उसमें हीरो को टेक्नोलॉजी नहीं हीरो ने मार्केट इसेज दिया तो ही होंडा ने अपना इंडिया में जगह कैसे बनाई हीरो के साथ मिलकर और होंडा ने साथ में अपनी खोड़ा नाम की अलग कंपनी बिक रही है और बाइक भी भी भी भी होंडा एक्टिवेज अबेट तो आया कैसे डिस्ट्रीवेशन नेटवर्क उसे मिला कैसे तो नया मार्केट मिला कैसे जब हीरो के साथ आके मिली एक्सिस टो टेक्नोलॉजी एडवांस एक्नेज प्रोडक्शन और लीड्स यू सुपीरियर कॉलिटी ऑफ द प्रोडक्ट एंड डिड्यूज़ अ कॉस्ट प्रोडक्शन एक इंसान के पास एक बिजनेस के पास अच्छी टेक्नोलॉजी हो सकती है जिससे कि प्रोडक्शन तेरी से हो सकते हैं अच्छी कॉलिटी का हो सकते हैं जिसके देखते और अपने फॉरेंड पार्टनर की वजह से लो कॉस्टर प्रोडक्शन में इंटरनेशनल कंपनी मर्च विद इंडियन कंपनी जो एक इंटरनेशनल कंपनी इंडियन कंपनी से मर्च करती है देगा इस इमेंज मेनिफिट जो तो लोगों कॉस्टर प्रोडक्शन इंडियन में क्यों इंडिया में आकर क्यों प्रोडक्शन करेंगे लेबर सचती है जगह सचती है गवर्नमेंट क्योंकि चाहती एस्टेब्लिश ब्रेंड नेम और कोई भारती कंपनी अगर इंडिया में आ रही है तो उसका वह किसी बिजनेस से चुड़ना चाहिए क्योंकि जो बिजनेस ऑलेडी इंडिया में काम कर रहा है उस बिजनेस का इंडिया में एक बहुत ही अच्छा ब्रेंड एस्टेब्लिशर जीवर बीपी बीपी मतलब ब्रिटेंस बिटिश पेट्रोलियम बीपी और जीवर दोनों मिलकर समय प्राइवेट पब्लिक पार्टनर्शिप आहा जहां पर पब्लिक एंटरप्राइज जाने गवर्नमेंट गवर्नमेंट सेक्टर प्राइवेट सेक्टर के साथ मिल से कुछ बनाता है और ऐसा कब होता है ऐसा होता है जहां पर जो प्रोजेक्ट यह लोग करने प्रोजेक्ट करेंगे या गवर्नमेंट के द्वारा इन्फ्रासक्टर प्रोजेक्ट लेंटी के द्वारा बनाएंगे या लेंटी काफी प्रोजेक्ट मिले इस बार तो एलन टी अपने प्राइवेट कंपनी बट पैसा कौन दे रहा है गवर्नमेंट आईडे किसका गवर्नमेंट तो प्राइवेट पब्लिक पार्टनर्शिप डेस्क्राइव अ गवर्नमेंट सर्विस और प्राइवेट बिजनेस वेंचर यानि कि दोनों मिलकर बना रहे हैं कि कॉन्ट्रैक विद प्राइवेट पार्टी डू डिजाइन एंड बिल्ड पब्लिक फैसिलिटी करते क्यों है आपसे पर प्राइवेट सेक्टर के साथ पब्लिक सेक्टर मिलता क्यों है कि पब्लिक की फैसिलिटी के लिए कुछ बना सके तो हम लोग ले बोर्ड बनते हैं ब्लेट बनते हैं ठीक है तो वह कौन बनाता है बेसिकली फंड्स एंड रिसोर्स प्रोवाइड बाय गवर्मेंट एंड देट बिल्ड बाय प्राइवेट सेक्टर फैसिलिटी फाइनेंस इन पॉइंट बाय पब्लिक सेक्टर पैसा कि ड्राइवर इस ट्रांसफर ऑफ डिजाइन एंड कंस्ट्रक्शन रिस्क ध्यान से सुनना कंस्ट्रक्शन रिस्क किसका है कंस्ट्रक्शन रिस्क है किसका अगर मांगे चलो एलएंटी का प्रोडक्ट जा रहा है एलएंटी बना रही है कोई ब्रेस तो और हम ओनर बन जाएंगे। सबसे बड़ा फायदा है पीपीपी उस जगह पर सुटेबल है जहां पर हाई प्रियारिटी प्रोजेक्ट सच इंफ्रास्क्शन जहां पर प्रोजेक्ट जो कि हाई प्रियारिटी पर इंडिया में समय गवर्नमेंट का मोर थोड़ा ऐसा चल रहा परपस गवर्नमेंट अपना है वो यही वाला अपना है PPP Public Private Partnership प्राइवेट कंप्री को ठेका देते हैं कि तुम बनाओ पैसा हमारा ओनर हम बनाओगे तुम कंस्ट्रक्शन दिस्कों के पास चला गया डिजाइन तुम प्रिपेर करके दोगे हमारा काम पैसे देना है जमीन देना है इसे ट्रियर एवरीवन ओके