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नीट परीक्षा 2024: विवाद, समस्याएं, और समाधान

इस महीने हमारे देश के स्टूडेंट्स के साथ ऐसी कई चीजें हुई जो सरकारें हिला सकती हैं पर न्यूज़ में आपको उसके बारे में डिटेल्स शायद ही मिली होगी फिफ्थ मई को नीट एग्जाम कंडक्ट हुआ था 24 लाख स्टूडेंट्स के लिए 4500 से ज्यादा सेंटर्स में करीब 600 शहरों में फोर्थ जून को जिस दिन लोकसभा के रिजल्ट रिलीज हुए उसी दिन नीट के रिजल्ट्स रिलीज हुए थे और इन रिजल्ट्स ने लाखों स्टूडेंट्स को हिला डाला दिस इज द बिग स्टोरी कमिंग इन एंड दिस कंसर्न्स आवर स्टूडेंट्स इन थाउजेंड्स एंड प्रोबेबली इवन इन लक्स एज द नंबर्स आर इंक्रीजिंग रिजल्ट्स में पाया गया कि करीब 1500 स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे बहुत कमजोर लॉजिक के साथ और 67 स्टूडेंट्स ने इस एग्जाम को टॉप कर लिया था जबकि पिछले दो सालों में एक से दो स्टूडेंट ही इस एग्जाम को टॉप कर पाए और पता चला कि 67 में से छह टॉपर्स ने अपना एग्जाम सेम सेंटर में दिया था कोइंसिडेंस 13 जून को एजुकेशन मिनिस्टर ने सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नीट यूजी के एग्जाम में कोई एविडेंस नहीं है पेपर लीक का 5 दिन बाद 18 जून को कई पिटीशन सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई जिन्होंने कहा कि नीट एग्जाम को कैंसिल करना चाहिए क्योंकि वो ढंग से कंडक्ट ही नहीं किया गया दो दिन बाद पता है क्या हुआ बिहार पुलिस ने पेपर लीक के मामले में अनुराग यादव को अरेस्ट किया एक 22 साल के नीट एस्परेंस जिन्होंने कंफेस किया था कि उनको लीक क्वेश्चन पेपर मिल गया उसने पुलिस के सामने दर्ज कराए बयान में कहा है कि जो प्रश्न पत्र लीक हुआ वही परीक्षा में आया और सिस्टम की हालत तो देखो कि जब एजुकेशन मिनिस्टर से पूछा गया कि आपने एनडीए को क्लीन चीट क्यों दी थी तो उन्होंने कहा कि मीडिया पहले दिन ग्रेस मार्क्स के बारे में डिस्कस कर रही थी पेपर लीग के बारे में नहीं दिन जो पहला दिन था उस दिन आप लोगों की चैनल में एजेंडा क्या थी जी सारे देश की मीडिया के अंदर एजेंडा थी ग्रेस मार्क होनी चाहिए या रीटेस्ट होनी चाहिए तब मैंने कहा था कि अभी तक मेरे पास जितनी जानकारी है कि इसमें कोई विसंगति नहीं है यानी कि एजुकेशन मिनिस्टर अपने डिसीजंस इस बेसिस पर ले रहे हैं कि मीडिया में डिस्कशन किस चीज का चल रहा है दूसरी तरफ है इंडियन मेडिकल एसोसिएशन जिनका काम है स्टूडेंट्स की देखभाल करना और वो उल्टा एक लेटर लिखते हैं जहां वो बोलते हैं कि वो प्रिविलेज्ड हैं टू कांग्रेचुलेशन द पीएम एंड अदर मिनिस्टर्स फॉर द प्रोमट रिस्पांस सिचुएशन चाहे कितनी भी सीरियस हो जाए पर चापलूसी नहीं रुकनी चाहिए वो तो भला था नीट एस्परेंस की रेडिट और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कम्युनिटीज का जिसने नीट के बारे में हल्ला किया जो हमें सबक सिखाता है कि आवाज उठानी कितनी जरूरी होती है पर नीट यूजी तो बस एक ट्रेलर था पिक्चर अभी बाकी थी 19 जून को यूनियन एजुकेशन मिनिस्ट्री ने यूजीसी एनटी एग्जाम कैंसिल कर दिया क्योंकि उनको चिंता थी एग्जाम की इंटीग्रिटी के बारे में 2 दिन बाद 21 जून को सीएसआईआर यूजीसी एनटी एग्जाम कैंसिल हुआ फिर अगले दिन 22 जून को सरकार ने नीट पीजी एग्जाम पोस्टपोन कर दिए जबकि वो एग्जाम 23 जून को यानी कि एक दिन बाद होने जा रहा था तो अगर मैं आपको समरी दूं तो इस महीने इंडिया का जो सबसे बड़ा एग्जाम होता है नीट यूजी एग्जाम उस पर कई सवाल उठे और और तीन दूसरे एग्जाम्स को या तो कैंसल या फिर पोस्टपोन कर दिया गया है सीबीआई इंक्वायरी सेट हो गई है और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के जो चीफ है उनको हटा दिया गया पर आप गलती से यह मत समझ लेना कि एग्जाम कैंसिलेशन बहुत छोटी सी चीज होती है 17 जून को रविकांत वर्मा ने 300 किमी ट्रेवल किया ट्रेन से आसाम के दीमा हसाओ से गुवाहाटी तक क्यों यूजीसी एनटी का पॉलिटिकल साइंस एग्जाम देने केलिए अगले दिन 18 जून को उन्होंने एग्जाम दिया भी फिर वो वापस घर गए उन्होंने कहा कि उन्होंने 600 किलोमीटर ट्रेवल किया ओवरनाइट स्टे के लिए पैसे दिए घर आए और थोड़े समय के लिए वह सो गए जब वह उठे तो उनकी दुनिया पलट और इस वक्त एक बड़ी खबर मिल रही है यूजीसी नेट परीक्षा को लेकर यूजीसी नेट 2024 परीक्षा को लेकर यह बड़ी खबर है कि ये परीक्षा रद्द हो गई है एजुकेशन मिनिस्ट्री ने एग्जाम कैंसिल कर दिया क्योंकि साइबर क्राइम ऑफिशियल से उनको कुछ इंफॉर्मेशन मिली इस एग्जाम की लीक के बारे में इसी चीज की वजह से जब एजुकेशन मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान अपनी ओथ देने के लिए गए पार्लियामेंट में उनके साथ यह [प्रशंसा] [संगीत] हुआ पर इन सारे एग्जाम्स में एक चीज कॉमन है नेशनल टेस्टिंग एजेंसी तुम्हारे देश की एजेंसी चार बड़े एग्जाम ढंग से नहीं करवा सकती और यह मत समझना कि पहली बार हो रहा है पिछले सा सालों में 15 स्टेट्स में करीब 70 केसेस हुए हैं एग्जाम लीक के कई लोग तो कोचिंग इंस्टिट्यूट से भी सवाल पूछ रहे हैं जैसे एनआईओएस के फॉर्मर चेयरमैन प्रोफेसर सीबी शर्मा पूछते हैं कि क्या कोचिंग इंस्टिट्यूट जैसे फिजिक्स वाला सुप्रीम कोर्ट जाते अगर उनके स्टूडेंट्स के पास एक लीक पेपर पहुंच जाता अगर इनको मिल गया होता तो इनके स्टूडेंट को मिल गया होता तो ये नहीं जाते इनका इंटरेस्ट केवल ये है कि जिन लोगों को पैसा लेकर के हमने कोचिंग दिलवाया वो बच्चे नहीं सक्सेसफुल हो रहे हैं मेरा धंधा भी खराब होगा अगले साल कोई मेरे पास नहीं आएगा इस वीडियो में मैं डिटेल में बात करना चाहता हूं हमारे देश में प्रॉब्लम्स क्या है जिस तरीके से एग्जाम्स कंडक्ट हो रहे हैं और फिर मैं सॉल्यूशंस के बारे में बात करूंगा यह जरूरी है हमारे लिए समझना क्योंकि हर बार जब एक एग्जाम डिले होता है या फिर कैंसिल होता है कोई नौजवान है हमारे देश में जो अपना टाइम वेस्ट करेगा वापस वो एग्जाम देने के लिए तो शुरू से प्रॉब्लम समझते हैं अब वीडियो में आगे मैं आपको इंफॉर्मेशन दूंगा एक 100% स्कॉलरशिप के बारे में जो एक कॉलेज स्टूडेंट को मिलेगी एक ऐसे कॉलेज में इंडिया के जो रेवोल्यूशन क्रिएट करने की कोशिश कर र है कंप्यूटर इंजीनियरिंग में ये कौन सा कॉलेज है स्कॉलरशिप की डिटेल्स मैं आपको थोड़ी देर में बताऊंगा 5थ मई को एनडीए ने नीट यूजी एग्जाम्स करवाए एमबीबीएस और बीडीएस कोर्सेस के लिए जहां 24 लाख स्टूडेंट्स उतरे करीब 5000 सेंटर्स में पर जैसे ही एग्जाम हुआ गुजरात के गोदरा डिस्ट्रिक्ट से एक चीटिंग इंसिडेंट सामने आया बड़ी खबर नीट परीक्षा से जुड़ी हुई जो मिल रही है आपको बता दें गुजरात से ये है पंचमहाल से यह बड़ी खबर मिल रही है यहां पर परीक्षा पास कराने की साजिश का मामला सामने आया है पुलिस इन्वेस्टिगेशन से पता चला कि एक नेक्सस सा कोचिंग इंस्टिट्यूट और एक एग्जाम सेंटर के बीच इस सेंटर का नाम था जय जलराम स्कूल गोधरा के परवरी गांव में जिन स्टूडेंट्स ने इस स्कूल में नीट एग्जाम दिया था उनको बोला गया था कि जो भी आपको आंसर्स आते हैं वो आप ओएमआर शीट में भर दो जो नहीं आते वो आपकी कोचिंग इंस्टिट्यूट की टीचर्स भर देंगे जब आंसर की जो ऑफिशियल आंसर की होगी वो रिलीज हो जाएगी ओएमआर शीट बेसिकली वो शीट्स होती है जहां बबल भरने होते हैं आंसर देने के लिए और एक स्कैनिंग डिवाइस से ये शीट्स चेक होती है इन्वेस्टिगेशन में पता चला कि इन स्टूडेंट्स के पेरेंट्स ने ₹ लाख दिए थे यह चीज करवाने के लिए वो तो भला हुआ कि गोदरा के डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट को एक टिप मिली थी इसके बाद उन्होंने पुलिस का छापा करवाया जिसके खिलाफ एविडेंस हमको मिलते जा रहे हैं हम ऐसे-ऐसे उनके खिलाफ कार्यवाही करते जा रहे हैं रेड के बाद जब एफआईआर फाइल हुई तो एग्जामिनेशन के दौरान ही सुबह के 10 बजे ये स्कैम बंद करवा दिया गया तो इस केस में गुजरात पुलिस ने पांच लोगों को अरेस्ट किया है पुलिस ने अरेस्ट किया परशुराम रॉय को जो कोचिंग इंस्टीट्यूट के ओनर थे पुरुषोत्तम शर्मा को जो जय जलराम स्कूल के प्रिंसिपल थे तुषार भट्ट को जो नीट सेंटर के डेप्युटी सुपर इंटेंडेंट थे और स्कूल में एक फिजिक्स टीचर भी थे और आरफ बहोरा को जो तुषार के साथ काम कर रहे थे अब जो गोदरा में पेपर ली का इंसिडेंट हुआ वो आइसोलेटेड नहीं है एक्चुअली एनटी को और रिसोर्सेस की जरूरत है और उनको टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन की जरूरत है जैसा चाइना में ही देख लो चाइना में एक बहुत बड़ा नेशनल लेवल कॉलेज एंट्रेंस टेस्ट होता है इसको गाव काव बोला जाता है एक समय चाइना में भी कई एग्जाम स्कैम्स हो रहे थे पर आज उधर की प्रोविंसेस एआई और एमएल पावर्ड सिक्योरिटी कैमरा यूज करती है सर्वेस करने के लिए ऐसी चीजें इंडिया में भी होनी चाहिए और अगर आप में चिंगारी है कि आप चेंज क्रिएट करना चाहते हो इंडिया में टेक्नोलॉजी के जरिए तो आपको जॉइन करना चाहिए ऐसा कॉलेज जो टेक एजुकेशन को चेंज करने की कोशिश कर रहा है जैसे स्केलर स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी क्योंकि ये कॉलेज हमारे देश में सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग को चेंज करना चाहता है स्केलर के फाउंडर्स ने खुद बड़ी-बड़ी टेक कंपनीज के साथ काम किया है और उनका करिकुलम micronavdisha.com था जो किसी भी वेबसाइट को इंडिया की रीजनल लैंग्वेजेस में ट्रांसलेट कर देता है इंडस्ट्री लीडर जैसे क्रेड के कुनाल शाह और माइक्रो के एक्स एमडी राजन आनंदन के साथ स्टूडेंट्स को इंटरेक्ट करने का मौका भी मिलता है और डेली डाउट्स के लिए बैच सक्सेस मैनेजर्स हैं जो आपकी बिल्डिंग में ही रहते हैं इसके अलावा आप 4 साल के प्रोग्राम में एक साल तो इंटर्नशिप करोगे इसका मतलब है कि जब आप ग्रेजुएट करोगे आपके पास एक साल का इंडस्ट्री एक्सपीरियंस पहले से ही मौजूद होगा इन सभी चीजों के अलावा आपको स्कॉलरशिप भी मिल सकती है अपनी ट्यूशन फीज में अगर आपका स्कोर एनएससीटी में अच्छा होता है और इंटरव्यू में परफॉर्मेंस भी अच्छा होता है तो डिस्क्रिप्शन में लिंक है और यह मेरा कूपन कोड है अप्लाई करो अब आते हैं वीडियो पर वापस गुजरात पुलिस ने यह मैटर अब सीबीआई के हाथों सौंप दिया है सीबीआई टीम जज नाउ रीच गोदरा टू इन्वेस्टिगेट इनटू द मैटर अलिर दिस मंथ द डिस्ट्रिक्ट कोर्ट इन गोदरा हैड ऑब्जर्व दैट मलप्रैक्टिस सीम्स टू हैव टेकन प्लेस आफ्टर द नीट अंडर ग्रेजुएट एग्जामिनेशन पर गोदरा कोई अकेली जगह नहीं थी जहां ये स्कैम चल रहा था हमारे देश में 1500 किमी दूर पटना में एक और स्कैम चल रहा था नीट एग्जाम के स्टार्ट होने के 5 मिनट बाद पटना पुलिस को खबर मिली एक वाइट रेनो डस्टर की जब पुलिस ने गाड़ी पकड़ी तो उनको एक ऑर्गेनाइज गैंग के तीन मेंबर्स मिले और चार नीट एस्परेंस के एडमिट कार्ड्स भी मिले गैंग मेंबर्स की क्वेश्चनिंग के बाद पता चला है कि इस गैंग में और भी कई लोग हैं 56 साल के इंजीनियर सिकंदर ने पुलिस को चार और गैंग मेंबर से मिलवाया गाड़ी में जो उनको एडमिट कार्ड्स मिले उनसे उनको यह भी पता चल गया कि कौन से स्टूडेंट्स इस स्कैम में इवॉल्वड है एक स्टूडेंट का नाम था आयुष राज जो एक एक्चुअली गैंग मेंबर अखिलेश का बेटा था और पता चला कि उस समय आयुष अपना नीट एग्जाम दे रहा था पटना के डीएवी स्कूल में और उसने पुलिस को कहा कि मुझे गैंग मेंबर्स एक प्ले स्कूल में लेकर गए थे पटना के खेमनी चक इलाके में और जब मैं इस प्ले स्कूल में था तो उस समय 510 नहीं बल्कि 35 नीट एस्परेंस उधर मौजूद थे तो गैंग मेंबर्स आयुष को इस प्ले स्कूल में लेकर क्यों गए थे क्योंकि इसी पले स्कूल में गैंग मेंबर्स ने सारे 35 नीट एस्परेंस को क्वेश्चंस और आंसर्स दिए थे नीट एग्जाम के उनको सारे आंसर्स रटने के लिए बोल दिया गया था बेसिकली नीट यूजी का पेपर लीक हुआ था जैसे इन्वेस्टिगेशन आगे बढ़ी तो पता चला कि स्टूडेंट्स के परिवारों ने 25 से 30 लाख दिए थे गैंग मेंबर्स को पेपर लीक करवाने के लिए और इस केस का किंग पिन कौन था संजीव सिंह जिसको संजीव मुखिया भी कहा जाता है कहा गया कि संजीव सिंह ने ये पेपर लीक करवाए और अपने साथी रॉकी को दे दिए और रॉकी को जिम्मेदारी दे दी कि स्टूडेंट्स को रटने के लिए बोल दो संजीव नालंदा डिस्ट्रिक्ट से आते हैं और उधर उनका काफी पॉलिटिकल बोलबाला है इनफैक्ट उनकी बीवी ने 2020 के बिहार असेंबली इलेक्शंस भी लड़े थे और यह जो पेपर लीग का बिजनेस है मानो संजीव का एक फैमिली बिजनेस है उनके बेटे शिव कुमार दो केसेस में अरेस्ट हुए हैं इस साल के बी बीपीएससी पेपर लीग में और 2017 के नीट यूजी पेपर लीग में अभी सोचने की बात है कि जब बिहार पुलिस सारी अरेस्ट कर रही थी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने कहा कि नीट यूजी का पेपर लीक हुआ ही नहीं है इनफैक्ट 13 जून को एजुकेशन मिनिस्टर ने खुद सुप्रीम कोर्ट को कहा कि नीट यूजी के पेपर लीक में कोई एविडेंस है ही नहीं बिहार पुलिस के ऑफिशल्स ने द प्रिंट को खुद कहा कि एनटी ने इस इशू को सिंसेरिटी और अर्जेंसी से डील नहीं कियाम रोज होती है खुल के मैं बता रहा हूं स्कम हर एग्जाम में होता है आप इस चीज को डिनायर हैं और हम भी नहीं दे सकते मैं क्यों दूंगा लेकिन जो पकड़े गए तो स्कम हो गए नहीं पकड़े गए तो बच गए जैसे ये है विजेंद्र गुप्ता जिन्होने नीट एग्जाम के एक महीने पहले ही कह दिया था कि यह एग्जाम लीक होगा वो पेपर लीक गैंग का हिस्सा है जिसके मास्टर माइंड है संजीव मुखिया जिसके बारे में हमने वीडियो के पहले बात करी थी मुखिया को क्यों बोल रहे हैं कि किंग पिन ये सब किंग पिन देखिए बिल्कुल किंग पिन है ये सब माफिया है बहुत बड़ा माफिया है स्कूल से बक्सा पहुंचते तोड़ लेगा कुछ कर देगा कहीं से निकाल लेगा सेंटर से के कर लेगा बिहार पुलिस ने कहा कि जब उन्होंने सवाल पूछे एनटीटीए से इन अरेस्ट के बाद तो एनटीटीए ने कोई तुरंत जवाब नहीं दिया इसके अलावा पुलिस ने कहा कि एनटीटीए ने कई ओपन लीकेज पॉइंट्स रखे थे जिसको ऑर्गेनाइज गैंग्स ने एक्सप्लोइट किया अब मैं इन सारे लीकेज पॉइंट्स के बारे में थोड़ी देर में बात करूंगा पर अभी कहानी में तो कई ट्विस्ट बाकी थे जब 4 जून को नीट यूजी रिजल्ट्स अनाउंस हुए तो पता चला कि 67 कैंडिडेट्स को टॉप रैंक मिली है बिकॉज अ रिकॉर्ड ब्रेकिंग 67 कैंडिडेट डेट्स हैव सिक्योर्ड ऑल इंडिया रैंक वन विद अ परफेक्ट स्कोर ऑफ़ 720 इसके बाद जो पेपर लीक का डर था वो और बढ़ गया फिर पता चला कि एनटीटीए ने कई स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स भी दिए थे इनफैक्ट 67 में से 44 टॉपर्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए क्योंकि उनका जवाब एक बेसिक फिजिक्स क्वेश्चन का गलत था एंटीए ने कहा कि एक पुरानी टेक्स्ट बुक में इसका जवाब गलत दिया गया है इसलिए हम स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क देंगे फिर एनडीए ने कई स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स भी दिए क्योंकि एग्जाम सेंटर्स ने उ उन स्टूडेंट्स को काफी टाइम ही दिया गया था एनटी ने एक 2018 की जजमेंट यूज़ करी सुप्रीम कोर्ट की यह डिसाइड करने के लिए कि उन स्टूडेंट्स को कितने ग्रेस मार्क्स दिए जाएंगे फिर खबर आई कि हरियाणा के बहादुरगढ़ इलाके में हरदयाल पब्लिक स्कूल एक एग्जाम सेंटर था जहां 67 में से छह टॉपर्स पाए गए सारे छह स्टूडेंट्स को परफेक्ट स्कोर मिले और उनको करीब 140 ग्रेस मार्क्स दिए गए ग्रेस मार्क्स दिए गए क्योंकि उस सेंटर में एग्जाम डिस्ट्रीब्यूशन में कोई कंफ्यूजन हो गया था जिस वजह से स्टूडेंट्स का 20 मिनट का नुकसान हो गया फिर इस हरदयाल पब्लिक स्कूल में छह टॉपर्स तो पाए गए जिनको 720 फुल मार्क्स मिले पर इसके अलावा दो और कैंडिडेट्स पाए गए जिनको 718 और 719 मार्क मिले याद रखना कि 718 और 719 मार्क्स मिल ही नहीं सकते नीट की ऑफिशियल गाइडलाइंस के हिसाब से ये बस तभी मिल सकते हैं जब आपको ग्रेस मार्क्स मिलते हैं तो सेम एग्जाम सेंटर में छह टॉपर्स और दो कैंडिडेट्स जिनके 718 और 719 मार्क आ है और इस एग्जाम सेंटर को चला कौन एक बीजेपी लीडर का परिवार अब एलिगेशंस प्रूव नहीं हुई है पर को रिलेशन तो बहुत ही स्ट्रांग है और 22 जून को इस नीट के केस में एक और नई डेवलपमेंट आती है तो गुजरात हो गया बिहार हो गया हरियाणा हो गया अब केस पहुंचता है उत्तर प्रदेश में 22 जून को यूपी पुलिस रवि आत्री को अरेस्ट करती है जो संजीव मुखिया की तरह ही एक और मास्टरमाइंड है और जो एक देश की गैंग का हेड है इसको कहा जाता है सॉल्वर गैंग इस गैंग की खूबी है कि वो एग्जाम के एक दिन पहले एग्जाम पेपर हासिल करते हैं और फिर egramswaraj.gov.in नीट यूजी पर अभी तो कहानी बाकी है और स्कैम्स की खबर आपको मिलेगी 19 जून को सेंट्रल गवर्नमेंट ने यूजीसी एनटी का एग्जाम कैंसिल कर दिया और उसकी इन्वेस्टिगेशन सीबीआई के हाथ सौंप दी यूजीसी एनटी एग्जाम एक और एग्जाम है जो एंटीए करवाती है असिस्टेंट प्रोफेसर की पोस्ट के लिए जो यूनिवर्सिटीज और कॉलेजेस में होते हैं पर इस एग्जाम के साथ हुआ क्या 18 जून को यह एग्जाम कंडक्ट करवाया गया ओएमआर फॉर्मेट में अगले दिन 19 जून को होम मिस्ट्री के अंडर इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर के थ्रेट एनालिसिस यूनिट ने कहा कि इस एग्जाम की कॉम्प्रोमाइज होने की पॉसिबिलिटी है अब होम मिनिस्ट्री ने कोई भी डिटेल नहीं दी कि एग्जाम कॉम्प्रोमाइज हुआ कैसे उन्होंने बस 19 जून को एक प्रेस रिलीज जारी किया कि एग्जाम कैंसिल हो गया है और मैटर सीबीआई के हाथ में है सीबीआई इन्वेस्टिगेशन ने पाया कि एग्जाम के दो दिन पहले 16 जून को यह पेपर लीक हो गया था डार्क नेट पर डार्कनेट बेसिकली इंटरनेट नेट का वो पार्ट है जिसको हम कम और सफारी जैसे नॉर्मल ब्राउजर से एक्सेस नहीं कर सकते जिसको कई इल्लीगल एक्टिविटीज के लिए यूज किया जाता है और यूजीसी एनटी एग्जाम के साथ भी यही हो रहा था क्योंकि उसको डार्क नेट पर 5 लाख से ज्यादा रुपए में बेचा जा रहा था दो दिन बाद 21 जून को एनटी ने कहा कि वो एक और एग्जाम कैंसिल कर रहे हैं सीएसआईआर यूजीसी एनटी एग्जाम जो साल में दो बार किया जाता है और इस एग्जाम से जूनियर रिसर्च फेलोशिप पीएचडी एडमिशन और असिस्टेंट प्रेसर पोजीशंस की एलिजिबिलिटी देखी जाती है अब भला यह सीएसआईआर यूजीसी एनटी एग्जाम क्यों कैंसिल किया गया मैं आपको एगजैक्टली बताता हूं कि एनटी ने कहा क्या है अनअवॉइडेबल सरकमस्टेंसस एंड लॉजिस्टिकल इश्यूज अब ये अनअवॉइडेबल सरकमस्टेंसस और लॉजिस्टिकल इश्यूज होते क्या है इसके बारे में कोई डिटेल नहीं दी गई है पर मेरा अजमन यह है कि हो सकता है कि एक पेपर लीक की खबर उनको मिल गई हो पर देश को बताना क्यों है ये हम बस अनअवॉइडेबल सरकमस्टेंसस लिख देते हैं अपने प्रेस रिलीज में 22 जून को यह खबर फिर अगले दिन 23 जून को नीट पीजी एग्जाम होना था अब इस एग्जाम को एनडीए नहीं करवाती है जबकि मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ के अंडर नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन फॉर मेडिकल स्टूडेंट्स करवाती है तो नीट यूजी अंडर ग्रेजुएट मेडिकल कोर्सेस के लिए होता है और नीट पीजी पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कोर्सेस के लिए होता है और हेल्थ मिनिस्ट्री ने कहा कि वो इस एग्जाम को पोस्टपोन कर रहे हैं क्योंकि कई एलिगेशंस आई हैं कंपीटेटिव एग्जाम्स की इंटीग्रिटी के बारे में उन्होंने कहा कि हम एग्जाम की थोरो असेसमेंट करेंगे और फिर फर फ्यूचर डेट डिसाइड करेंगे पर एग्जाम था 23 जून को और यह प्रेस रिलीज कब जारी किया गया 22 जून 10 बजे रात के तो यानी कि हजारों स्टूडेंट्स ने कितने किलोमीटर ट्रेवल करे होंगे जब उनको खबर मिली यह कि एग्जाम कैंसिल कर दिए ग अभी कल रात को 10 बजे हमको पता चलता है जो आज नीट पोस्टपोन हो गया मैं कला हंडी से 600 किमी जर्नी करके यहां प आई हूं यू आ ट्रांग टू प्रोटेक्ट द इंटीग्रिटी एंड द सिटी ऑफ द एग्जामिनेशन सीरियसली खुद डॉक्टर पेशेंट बन रहे पेशेंट को ट्रीट करने से पहले इतना दे रहे व्हाट डिड यू डू व्हेन यू र रिलीजिंग द एडमिट कार्ड्स द नीट यूजी कंट्रोवर्सी वाज गोइंग ऑन इवन देन घंटा सिस्टम यू हैव क्योंकि देश के लाखों स्टूडेंट्स ने इतना हल्ला किया है इसी वजह से सरकार पर अब इतना प्रेशर आया है उसी सरकार पर जिसके एजुकेशन मिनिस्टर ने यह कहा था कि पेपर लीक का कोई एविडेंस है ही नहीं कोई क्वेश्चन लीक की कोई भी प्रमाण नहीं है इसी वजह से अब सीबीआई इन्वेस्टिगेशन कर रही है और एनटीटीए के चीफ को हटा दिया गया है पर एनटी के साथ प्रॉब्लम है इनकंसिस्टेंसी की भी नीट यूजी और यूजीसी एनईटीजी जिसके बाद कंट्रोवर्सी आई पेपर लीक की पर यूजीसी एनटी तो उन्होंने कैंसिल करवा दिया है और कहा है कि एक नया एग्जाम किया जाएगा पर नीट यूजी के साथ एक रिएग्जामिनेशन होगा इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है रिएग्जामिनेशन बस उन 1500 स्टूडेंट्स का हुआ है जिनको ग्रेस मार्क्स दिए गए थे और वो भी एनटीटीए की वजह से नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उनका रिएग्जामिनेशन करवाओ एगजैक्टली 1563 स्टूडेंट्स को रीटेस्ट करने के लिए बोला गया था 23 जून को पर उनमें से करीब 50 पर ने ही रीटेस्ट करवाया अब अगर किसी स्टूडेंट ने रीटेस्ट लिया था तो फिर उनका रीटेस्ट जो स्कोर है वो मेन स्कोर हो गया और अगर आपने रीटेस्ट नहीं लिया तो आपका ओरिजिनल स्कोर माना जाएगा बिना किसी ग्रेस मार्क्स के अब इसका मतलब यह भी नहीं है कि हर स्टूडेंट जिसका रीटेस्ट हो रहा है उसने क्राइम कमिट किया ही था जैसे छह में से पांच कैंडिडेट्स जिनको परफेक्ट स्कोर मिला था उनका रीटेस्ट में भी बहुत हाई स्कोर आया पर ऐसे रीटेस्ट करवाने से एग्जाम सिस्टम में जो कॉन्फिडेंस हो है वो बिखड़ जाता है पर यह कंफ्यूजन क्लियर नहीं हुआ कि यूजीसी एनटी का तो वापस एग्जाम होएगा पर नीट यूजी के साथ वैसा नहीं होगा जबकि दोनों केसेस में पेपर लीक पाया गया है स्टूडेंट्स के गुस्से की वजह से अब सरकार भी जग गई है इस साल फरवरी को राज्यसभा ने पब्लिक एग्जामिनेशंस बिल पास किया था और 21 जून को सेंट्रल गवर्नमेंट ने इस एक्ट को इफेक्ट में ला दिया इसके रूल्स बनाकर जिसके तहत एग्जाम में चीटिंग करने के लिए तीन से 5 साल सजा सुनाई जा सकती है और ₹ करोड़ का फाइन भी लग सकता है पर यह फाइन वाइन और लीगल सिस्टम तो चलता रहेगा मेन प्रॉब्लम फाइन की नहीं है मेन प्रॉब्लम एनटीटीए की है तो एनटी में क्या प्रॉब्लम्स है जिसकी वजह से तीन से चार एग्जाम वो ढंग से नहीं करवा पाए पहले समझते हैं कि एनटीटीए है क्या अपनी वेबसाइट में एनटीटीए कहती है कि वो एक प्रीमियर स्पेशलिस्ट ऑटोनोमस एंड सेल्फ सस्टेन टेस्टिंग ऑर्गेनाइजेशन है एनटीएल गया था 2017 में हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स के कंपट एग्जाम्स ऑर्गेनाइज करने के लिए 17 से पहले सीबीएसई और एआईसीटी जैसी ऑर्गेनाइजेशंस इन एग्जाम्स को कंडक्ट करती थी एनटीटीए को बनाने के पीछे पर्पस यह था कि हमें एक स्पेशलाइज बॉडी चाहिए देश में जो बस एग्जाम्स कंडक्ट करे जिससे सीबीएसई अपनी मेन जिम्मेदारी पर फोकस कर पाएगा वह है क्लास 10th और 12थ के स्टूडेंट्स के बोर्ड एग्जाम्स कंडक्ट करना जब एनटीआई को बनाया गया था माना जाता था कि वह कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट कंडक्ट करेंगे चाहे व जेई के लिए हो या फिर यूजीसी एनटी के लिए माना जाता था कि एनटी एक टेक्निकल सर्विस प्रोवाइडर के साथ पार्टनर करेगा जिससे वो ये एग्जाम्स ढंग से कंडक्ट कर पाए तो हुआ क्या पहली बात है कि एनटी अभी ओवर बर्डन है जैसे जो आप स्क्रीन पर देख रहे हो वो सारे एग्जाम्स हैं जिनकी जिम्मेदारी एनटीएल आती है और नीट यूजी तो देश का सबसे बड़ा एग्जाम है इस साल तो 24 लाख स्टूडेंट्स ने एग्जाम दिया था आपको लगता है कि जेई या फिर यूपीएससी सबसे बड़ा एग्जाम है तो आप गलत हो जेई मेंस को करीब 12 से 14 लाख स्टूडेंट्स देते हैं और यूपीएससी को करीब 10 लाख स्टूडेंट स्टेंट्स जबकि नीट एग्जाम इस साल 24 लाख स्टूडेंट्स ने दिया था तो एनटीटीए पर जिम्मेदारी तो बहुत ज्यादा है पर रिसोर्सेस बहुत कम जैसे डिपार्टमेंट ऑफ हायर एजुकेशन के एक फॉर्मर ऑफिशियल ने कहा कि एनटीएटी यूजी की जिम्मेदारी नहीं देनी चाहिए जब एनटीएस वैसे ही इतनी सारी जिम्मेदारी है प्रिंस गजेंद्र बाबू जो जनरल सेक्रेटरी है तमिलनाडु की एक एजुकेशनल बॉडी के वो कहते हैं कि जब एक बॉडी इतने सारे एग्जाम्स को हैंडल करेगी तो गलतियां तो होंगी ही होंगी फिर एनटीटीए बहुत अंडर स्टाफ भी है एनटी के पास जिम्मेदारी है 25 से ज्यादा मेजर एग्जाम्स की पर एनटी के अंदर बस 25 परमानेंट मेंबर्स हैं इसी वजह से एटीए कई चीजों को आउटसोर्स करती है चाहे पेपर सेटिंग हो पेपर डिस्ट्रीब्यूशन हो या फिर डाटा सिक्योरिटी प्रोटोकॉल्स हो इसीलिए डिपार्टमेंट ऑफ हायर एजुकेशन के फॉर्मर ऑफिशियल ने कहा कि हमें नीट यूजी जैसे हाई स्टेक्स एग्जाम के लिए एक सेपरेट बॉडी चाहिए जैसे यूपीएससी में होता है फिर हमें यह भी समझना होगा कि एनटी कई एग्जाम्स ऑफलाइन करवाती है जिनको करवाना इतना आसान नहीं है अब नीट यूजी तो कई समय से एक पेपर बेस एग्जाम ही रहा है पर यूजीसी एनटी एक समय कंप्यूटर बेस्ड था और 2018 में उसको एक पेपर बेस्ड ओएमआर एग्जाम बना दिया गया नेशनल लेवल पर पेन एंड पेपर मोड से इतने बड़े एग्जाम्स करवाने के लिए आपको बहुत ज्यादा लॉजिस्टिकल स्टेजेस ऑर्गेनाइज करनी पड़ती हैं मल्टीपल स्टेजेस होने की वजह से पॉसिबिलिटी होती है कि एक भी स्टेज में ह्यूमन इंटरफेरेंस हो सकता है इसी वजह से बिहार पुलिस ने कहा कि नीट यूजी के पेपर लीक केस में एनटीएल केज पॉइंट्स छोड़ दिए थे एक पेपर बेस एग्जाम में कई स्टेजेस होती हैं जैसे पेपर सेट करना फिर उसको प्रिंट करना और फिर उसको ट्रांसपोर्ट करना बिहार पुलिस के एक ऑफिशल ने अपनी इन्वेस्टिगेशन में बताया कि बेसिकली जो गैंग्स होती हैं वह हर कंपनी और हर इंडिविजुअल को कांटेक्ट करने की कोशिश करती है जो किसी भी स्टेज में शामिल होता है उस पुलिस ऑफिशल ने कहा कि यह ये गैंग्स कुरियर कंपनी और ट्रक ड्राइवर से भी बात करने की कोशिश करते हैं ताकि उनको एक क्वेश्चन पेपर मिल जाए कंप्यूटर बेस जो टेस्ट होते हैं वो ज्यादा सिक्योर होते हैं क्योंकि उनमें ना प्रिंटिंग की जरूरत है ना ट्रांसपोर्टेशन में तो ह्यूमन इंटरफेरेंस की जो पॉसिबिलिटी है वो कम हो जाती है ऐसा ही हमने देखा है मैनेजमेंट एप्टिट्यूड टेस्ट में जो एमबीए कोर्सेस में एडमिशंस के लिए किया जाता है अब 2019 तक ये एग्जाम भी ऑफलाइन होता था पर कोविड की वजह से ये ऑनलाइन हो गया और अब ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन जो है एग्जाम करवाती है कई टेक्नोलॉजीज यूज करती है जैसे आईपी एड्रेसस को ट्रैक करना जिससे यह टेस्ट और सिक्योर हो गया है रेखा सेटी जो डायरेक्टर जनरल है और इस एग्जाम को करवाती हैं उन्होंने कहा कि ऐसी चीजों की वजह से ही पेपर लीक और माल फंक्शंस की पॉसिबिलिटी ऑलमोस्ट जरो हो गई है अब ऐसा भी नहीं कि कंप्यूटर बेस एग्जाम से सारी प्रॉब्लम सॉल्व हो जाएंगी पर कंप्यूटर बेस एग्जाम से पॉसिबिलिटी बहुत कम हो जाती है पेपर लीक की और हम बनना चाहते हैं डिजिटल इंडिया और एक डिजिटल इंडिया एक बड़ा एग्जाम ऑनलाइन बेसिस पर नहीं करवा सकता एक और प्रॉब्लम जो एनटी की है वह है लैक ऑफ अकाउंटेबिलिटी गलती तो वह करेंगे पर मानेंगे नहीं जैसे 2022 में जेएनयू के एक स्टूडेंट बालाजी ने एक बहुत अजीब सी चीज नोटिस करी जेएनयू के एंट्रेंस एग्जाम में जेएनयू के एंट्रेंस एग्जाम के लिए एक एग्रीमेंट बना था जेएनयू और एनटी के बीच पर बालाजी को एंट्रेंस एग्जाम में कई गलतियां मिली उन्होंने कहा कि आंसर कीज में मोटी मोटी गलतियां थी तो बालाजी ने फिर एक आरटीआई फाइल करी कि मुझे बताओ कि जेएनयू और एनटी के बीच कौन सा एग्रीमेंट था रिप्लाई में आया कि हमारे पास एग्रीमेंट की कोई इंफॉर्मेशन है ही नहीं ना कोई फॉर्मल एग्रीमेंट के बारे में बताया गया और ना कि जेएनयू ने कितना पैसा दिया था एनटीटीए को इस एग्जाम करवाने के लिए और ये जो सीक्रेसी है वो एनटीएटी एक खूबी है मानो आयशा किदवाना कहा कि एनटीएल एक प्राइवेट इंस्टिट्यूशन की तरह काम करती है पर उनको बड़े एंट्रेंस एग्जाम्स की जिम्मेदारी दी दी गई है कोई भी ट्रांसपेरेंसी नहीं है कि एनटीएस सेलेक्ट कैसे होते हैं वो कैसे पेपर सेट करते हैं उनका कोई स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर है भी या नहीं उनके फाइनें सेस क्या है हर एग्जाम सेंटर चूज कैसे होता है इसके बारे में कोई इंफॉर्मेशन नहीं है तो एनडीए को बहुत बड़ी जिम्मेदारी दे तो दी गई है पर वह पब्लिक को यह नहीं बताते कि वह जिम्मेदारी निभाते कैसे हैं एक और प्रोफेसर ने कहा कि जब यूनिवर्सिटी खुद एग्जाम सेट करती है तब कम से कम ट्रांसपेरेंसी तो अच्छी होती है क्योंकि आपको पता है कि हेड डिपार्टमेंट जिम्मेदार है अगर एग्जाम के साथ कोई भी प्रॉब्लम हुई पर जब एनटी एग्जाम करवाती है उन प्रोफेसर ने कहा कि हम किसके पास जाएं यह मत समझना कि ये बस एक छोटे-मोटे एग्जाम कैंसलेशन की बात है बल्कि लाखों स्टूडेंट्स की जिंदगी की बात है जैसे इस इंसीडेंट के बारे में सुनो 19 साल के नीट एस्परेंस हनु शर्मा ने कहा कि वह अपने परिवार में पहले व्यक्ति होते जो कॉलेज जाते घर में जो बाकी फैमिली मेंबर्स है कोई भी एजुकेटेड नहीं है कॉलेज तो कोई गया ही नहीं है यहां से तो मैं शायद पहला बच्चा बनता जो और मेरे 12थ में भी मैं अगर आपको बताऊं मेरे मार्क्स अच्छे आए थे 93.6 उन्होंने गैप ये लिया था क्योंकि फैमिली इमरजेंसी की वजह से पिछले साल वो नीट एग्जाम दे नहीं पाए मैंने एक साल ड्रॉप लिया था पहले तो एक साल ड्रॉप लेने का मतलब यही होता है कि मैं अगली बार अच्छा करूंगा न साल के लिए उन्होंने इस एग्जाम के लिए प्रिपेयर किया और उनकी फैमिली ने सपोर्ट भी किया उनको मैं रात दिन भट्टी प अपने बच्चे के लिए खड़ा हुआ कि मैं अच्छे अपने बच्चे की फीस भर सकूं पर सिस्टम ने फेल कर दिया यही है भैया कि प्रेशर यहां हमारे मां-बाप नहीं बनाते और प्रेशर हम पर कोई टीचर नहीं बनाता प्रेशर यहां का एजुकेशन सिस्टम हम पर बनाता है और जो प्रिपरेशन फेज होता है ना भैया वह वर्स्ट फेज होता है वर्स्ट मैंने करके देखी प्रिपरेशन आप उसी में रोते हो उसी में हसते हो उसी में परेशान होते हो कभी कभी सुसाइडल थॉट्स भी आ जाते [संगीत] हैं अब खुद सोचो कि अगर एक आदमी न साल केलिए एग्जाम प्रिपेयर कर रहा है और सिस्टम ऐसे ट्रीट करें उनको तो उनकी मेंटल हेल्थ पर क्या ही बीतेगी और अनफॉर्चूनेटली कोई अकेला इंसिडेंट नहीं है 27 साल के परंजय ने इंडियन काउंसिल फॉर एग्रीकल्चरल रिसर्च के लिए एक टेक्निशियन के रोल के लिए अप्लाई किया था दिसंबर 2021 में उन्होंने एप्लीकेशन दी और 3 साल में कई एग्जाम्स होने के बाद उनको पता चला कि रिजल्ट्स कैंसिल कर दिए गए बच्चे इंतजार कर रहे थे कि अब हमारा जल्दी ही जॉइनिंग लेटर आएगा हमारे लिए खुशखबरी आएगी लेकिन लेकिन सेड न्यूज़ इनकी तरफ से निकल के आई है यह जो एग्जाम में चार दिन जो चले थे एक दो शिफ्ट का नहीं टोटल की टोटल 12 शिफ्ट है इनको इन्होंने एग्जाम को कैंसिल कर दिया है 2021 में उन्होंने हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन का एग्जाम दिया जो ठ महीने के बाद कैंसिल हो गया बिना किसी एक्सप्लेनेशन के अगले साल बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन एग्जाम हुआ पर उसके रिजल्ट्स नलीफ आई कर दिए गए क्योंकि पेपर लीक हो गया था अब हम यह जरूर डिस्कस कर सकते हैं कि इन एग्जाम्स में पार्टिसिपेट करना वर्थ वाइल होता भी है या फिर नहीं और वो अगर साइड में रख लो तो यह सोचो कि अगर दो लोग भी एक एग्जाम देने जा रहे हैं तो ठ महीने बाद एग्जाम के अगर वो रिजल्ट्स ही कैंसिल कर दे हमारी सरकार तो क्या कहलाता है हमारे सिस्टम के बारे में इंडियन एक्सप्रेस के एक एनालिसिस ने दिखाया कि पिछले पाच सालों में 41 पेपर लीक के केसेस हुए हैं जिसने 1 करोड़ 40 लाख एप्लीकेंट्स का शेड्यूल बिगाड़ दिया है 1 करोड़ 40 लाख इंडिया में एक एवरेज एप्लीकेंट एक कंपीटेटिव एग्जाम के लिए 3 साल तीन महीने तक प्रिपेयर करते हैं अब इमेजिन करो कि अगर वो रिजल्ट्स कैंसिल हो जाए पेपर लीक हो जाए तो फिर क्या होगा वही स्टूडेंट और समय लगाएगा उस एग्जाम की प्रिपरेशन के लिए यानी कि वो वैल्युएबल स्किल्स कोई हासिल नहीं कर रहा और ना जॉब मार्केट में है तो देश का नुकसान तो हो ही रहा है उस एप्लीकेंट का भी नुकसान हो रहा है और ये किसलिए क्योंकि हमारी सरकार ढंग से एग्जाम्स नहीं करवा पाती जबी भी कोई स्टूडेंट एक एग्जाम देता है ना तो वो ये उम्मीद लगाकर बैठता है कि जो भी उसके कंट्रोल में है उस चीज को वो मैक्सिमाइज करें और जो चीजें कंट्रोल में नहीं नहीं है यानी कि जो एक्सटर्नल है उनको मिनिमाइज करें पर अगर एक्सटर्नल चीजें यह डिसाइड करने लग गई कि आपका परफॉर्मेंस कैसा होगा एग्जाम में तो आपकी मेंटल हेल्थ बिगड़ जाएगी आप खुद फेलियर फील करोगे आप जिंदगी से ही हार मान लोगे बस इस वजह से कि एक टेस्टिंग एजेंसी ढंग से एग्जाम नहीं करवा पाए ऐसा ही हुआ सुरभी के साथ 23 साल की सुरभी सिंह नोएडा में अपने परिवार के साथ एक कमरे के घर में रहती हैं उनके नीट यूजी एग्जाम में 650 माह का है जिससे उनको नॉर्मली लखनऊ कि किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में एडमिशन मिल जाना चाहिए था पर इस साल सुरबी के साथ वो हुआ नहीं क्योंकि रिजल्ट्स ही ऐसे थे इसलिए सुरबी कहती हैं कि उनको लगता है कि वह फेल हो गई है हमारे देश के स्टूडेंट्स पर वैसे ही इतना प्रेशर है इसी वजह से एक साल में कोटा में 26 स्टूडेंट्स ने सुसाइड करी एनसीआरबी डाटा के हिसाब से 8 पर स्टूडेंट्स देश में सुसाइड से मरते हैं और इस रिपोर्ट के हिसाब से इसके पीछे एक मेजर कारण फेलियर इन एग्जामिनेशंस है अ फादर ब्रेक्स डाउन एट द मचरी इन कोटा डाड बाय सुसाइड ऑन मंडे नाथ स्टैंडर्ड स्टूडेंट ऑफ अ डेल्ली स्कूल हैज कमिटेड सुसाइड सोसाइटी और फैमिली का तो प्रेशर होता ही है अब उसमें एनटीटीए का भी प्रेशर शामिल हो गया है कृष्णा कुमार जो एनसीआरटी के फॉर्मर चेयरपर्सन है उन्होंने कहा कि ऐसी चीजों की वजह से एक बहुत बड़ा साइकोलॉजिकल इंपैक्ट पड़ता है ऑनेस्ट एग्जाम गोइंग स्टूडेंट्स पर एक 2023 की स्टडी ने दिखाया कि पेपर लीक्स की वजह से स्टूडेंट्स का एकेडमिक रिजल्ट ही नहीं बल्कि उनका हमारे देश के एजुकेशन सिस्टम में कॉन्फिडेंस भी गिर जाता है ऐसी चीजें करने के बाद हम पूछते हैं कि इंडियन स्टूडेंट्स कजाकिस्तान या फिर रशिया क्यों जा रहे हैं उधर डॉक्टर की डिग्री पाने के लिए और उधर काम करने के लिए इसलिए क्योंकि उनका कॉन्फिडेंस नहीं है हमारे सिस्टम पर एक कैंडिडेट ने कहा कि मेरा कोई प्लान नहीं था कि मैं अब्रॉड जाऊंगा अपनी मास्टर्स के लिए स्पेशली रशिया यूक्रेन कॉन्फ्लेट के बाद पर शायद दूसरे डॉक्टर्स यह जरूर करेंगे पर यह भी याद रखना कि इससे स्टूडेंट्स का य नुकसान नहीं होता बल्कि देश का भी होता है टैक्स पेयर पैसों से यह सरकारी एग्जाम करवाए जाते हैं जैसे गेस करो पिछले साल सीबीएसई ने कितने पैसे खर्च करे अपना एग्जाम करवाने के लिए 17 करोड़ 17 करोड़ बस सीबीएससी एग्जाम था अब दूसरे एग्जाम्स के बारे में सोचो और अब सोचो कि जब एक रीटेस्ट होना पड़ता है क्योंकि किसी का पेपर लीक हो गया था उसके पैसे कहां से आ रहे हैं हमारी पॉकेट से ही यह पैसा देश को और इनोवेटिव बनाने में यूज होना चाहिए बल्कि ये यूज हो रहा है और रीटेस्ट करवाने के लिए फिर जब एग्जाम्स नहीं होते तो उसकी वजह से वेकेंसीज नहीं और उसकी वजह से जो हमें सर्विस डिलीवरी मिलती है व बेकार मिलती है दिल्ली में जो एम्स है वह 50 के दशक में बना था देश के कोने कोने से लोग आकर दिल्ली एम्स में इलाज कराते थे लेकिन दशकों तक किसी ने यह नहीं सोचा कि देश के दूसरे हिस्सों में भी एम्स ख बोलने चाहिए और ये कुछ हद तक सही है जब से नरेंद्र मोदी हमारे देश के प्रधानमंत्री बने पब्लिक हॉस्पिटल्स की संख्या 9 पर से बड़ी है पर मेन प्रॉब्लम लैक ऑफ हॉस्पिटल्स की नहीं है बल्कि लैक ऑफ डॉक्टर्स की है 2023 की एक रिपोर्ट ने दिखाया कि इंडिया में 80 पर से ज्यादा शॉर्टेज है सर्जन और पीडियाट्रिशियंस की डब्ल्यू एओ का रेकमेंडेड डॉक्टर पेशेंट रेशो 1 टू 1000 होना चाहिए चाइना में यह नंबर 2.4 टू 1000 है पर इंडिया में 7 टू 1000 देश में 24 लाख स्टूडेंट्स डॉक्टर बनने का एग्जाम देना चाहते हैं पर फिर भी देश में डॉक्टर्स की कमी है क्या बताता है हमारे सिस्टम के बारे में इनफैक्ट पिछले साल यूनियन मिनिस्टर जितेंद्र सिंह ने पार्लियामेंट को कहा था कि सेंट्रल गवर्नमेंट की मिनिस्ट्री और डिपार्टमेंट में 10 लाख पोस्ट वेकेंट है 10 लाख पोस्ट वेकेंट है तो जहां हमारे देश में हमें अच्छी पुलिस सर्विस अच्छे टीचर्स और अच्छे डॉक्टर्स मिलने चाहिए वो हो नहीं रहा क्योंकि वेकेंसीज नहीं भरी जा रही अब यह कहना बहुत आसान है कि हमारा देश तो ऐसा ही रहेगा एकदम बेकार एकदम गरीब ज्यादा मुश्किल है ऑप्टिमिस्टिक होना और मैं एक ऑप्टिमिस्ट हूं और चाहता हूं कि हम सब एक ऑप्टिमिस्टिक माइंडसेट ही सेट करें प्रॉब्लम्स की बात तो हो गई प्रॉब्लम्स पर बहुत सारा डिस्कशन हो सकता है अब सॉल्यूशंस पर आते हैं तो इस पार्ट को स्किप मत करना जैसे हमने पहले बात करी थी कि एनटी एक्सटर्नल एजेंसीज पर निर्भर करती है चाहे पेपर सेटिंग हो या फिर पेपर डिस्ट्रीब्यूशन हो क्योंकि ये डिपेंडेंस एक्सटर्नल एजेंसीज पर ज्यादा है इसलिए पेपर लीक का रिस्क बहुत हाई रहता है इनफैक्ट यूनियन एजुकेशन मिनिस्ट्री ने खुद कहा है कि क्योंकि एनटी के पास इनहाउस एक्सपर्टीज नहीं है तो ये बहुत बड़ी प्रॉब्लम है तो पहली चीज जो एनटी को करनी होगी वो है उनको और रिसोर्सेस चाहिए उनको और फुल टाइम एंप्लॉयज चाहिए ताकि वो अपनी जिम्मेदारी ढंग से निभा पाए जब वो ये कर लेंगे तो जो उन्होंने रूल्स भी बनाए हैं ना वो उनको इंफोर्स कर पाएंगे ऐसे नीट के लिए एनटीएस हैं कि हर एग्जाम रूम में कम से कम दो सीसीटीवी कैमरा होनी चाहिए पर जब एक थर्ड पार्टी रिव्यूअर 4000 में से करीब 400 एग्जाम सेंटर्स में गया तो उनको पता चला कि 48 पर सेंटर्स में दो वर्किंग कैमरा हर एग्जाम रूम में नहीं थे वो एग्जाम्स जो ऑनलाइन हो सकते हैं वो हमें ऑनलाइन करने चाहिए ताकि पेपर लीक का रिस्क कम हो जाए और जो नहीं हो सकते उस चीज के लिए हम सीख सकते हैं चाइना से यह वीडियो [संगीत] देखो जो चाइना के एक हाई स्कूल का है जहां करीब 10000 स्टूडेंट्स गाव काव एग्जाम दे रहे हैं यह एग्जाम डिसाइड करता है कि हाई स्कूल स्टूडेंट्स कौन से कॉलेज में जाएंगे अपनी अंडर ग्रेजुएट डिग्री के लिए अगर आपको लगता है कि इंडिया में बड़े एग्जाम्स होते हैं तो आपको नहीं पता कि कितने लोग चाइना का यह एग्जाम देते हैं 1 करोड़ 30 लाख स्टूडेंट्स हर साल अब इमेजिन करो कि चाइना एक पेपर एग्जाम करवाता है हर साल 1 करोड़ 30 लाख स्टूडेंट्स के लिए जहां कोई मेजर स्कैम नहीं होता अब इसका मतलब यह नहीं है कि इस एग्जाम में करप्शन नहीं पाया गया जैसे 2014 में ये डिस्कवर हुआ था कि 127 कैंडिडेट्स ने दूसरे लोगों को हायर किया था यह एग्जाम उनके लिए देने के लिए पर उस समय से से चाइनीज सरकार ने बहुत मेहनत करी है इस एग्जाम को फुल प्रूफ बनाने के लिए जैसे इस एग्जाम की कैंडिडेट्स की आइडेंटिटी वेरीफाई करने के लिए बायोमेट्रिक लिए जाते हैं ताकि बस रजिस्टर्ड स्टूडेंट्स ही एग्जाम हॉल के अंदर आ सके अब यूपीएससी भी ये करने का सोच रही है हमारे देश में पर अभी तो इंडिया में बस सोच विचार हो रहा है काम करना बाकी है फिर हम जानते हैं कि इंडिया में कई गैंग्स ट्रांसपोर्टर्स को कुरियर वालों को ब्राइब कर देती हैं घूस दे देती हैं ये पेपर लीक करवाने के लिए चाइना में ऐसा करना मुश्किल है जैसे मैं आपको कुछ एग्जांपल्स देता हूं चाइना का ये एग्जाम सेट किया जाता है कई हाई स्कूल टीचर्स और कॉलेज टीचर्स से जिनको एक बहुत तगड़े वेटिंग प्रोसेस से पास करना पड़ता है कॉन्फिडेंशियल्टी एग्रीमेंट साइन करने पड़ते हैं और उनको फिर स्ट्रिक्ट ट्रेनिंग मिलती है कि सीक्रेट्स रखते कैसे हैं जब ये लोग एग्जाम पेपर बना रहे होते हैं तो ये कोई भी एक्सटर्नल डिवाइस यूज नहीं कर सकते उधर जैमिंग डिवाइसेज लगा दिए जाते हैं बस एक लैंडलाइन वो यूज कर सकते हैं वो भी मॉनिटर किया जाता है 247 इन पेपर्स को ट्रांसपोर्ट किया जाता है बहुत स्पेशल व्हीकल्स में जिनमें सैटेलाइट नेविगेशन और एक रिमोट मॉनिटरिंग सिस्टम होता है और इन गाड़ियों को यूजुअली चाइनीज पुलिस और मिलिट्री फॉलो करती है पर नीट की प्रॉब्लम ये सीक्रेट रखना नहीं है सबसे बड़ी प्रॉब्लम है डिमांड और सप्लाई की 40 लाख से ज्यादा कैंडिडेट्स ने एग्जाम दिया करीब 1 लाख सीट्स के लिए और मोस्ट लोगों के लिए कंपटीशन 1 लाख सीट्स के लिए नहीं है बल्कि 50000 सीट्स के लिए है क्योंकि ऑलमोस्ट 50000 सीट्स प्राइवेट यूनिवर्सिटी की सीट्स हैं जहां ट्यूशन फी 80 लाख से लेकर ढ करोड़ की है जिसका मतलब है कि अगर आपने किसी तरह नीट का एग्जाम क्लियर भी कर दिया फिर आपको पैसे जोड़ने पड़ेंगे एक प्राइवेट इंस्टीट्यूशन के लिए अच्छी क्वालिटी एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स में सीट्स की इतनी कमी है कि लोग डेस्प्रिंग में विश्वास हो बैठे हैं जैसे इस साल कोटा के कोचिंग इंस्टीट्यूट्स में मेडिकल एडमिशंस 30 पर तक गिर चुके हैं जब तक हम और क्वालिटी कॉलेजेस नहीं बनाएंगे इतनी डेस्प्रिंग ही रहेगी अब सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में तो कई इंस्टीट्यूट्स खुल रहे हैं जो इसको चेंज करने की कोशिश कर रहे हैं मेडिकल में क्या होगा और जब तक कुछ नहीं होगा तब तक संजीव मुखिया जैसे लोगों का बोलबाला चलता रहेगा और एसएसटी को चेक आउट करना मत भूलना डिस्क्रिप्शन में लिंक है याद रहे कि अगर आपको स्कॉलरशिप चाहिए तो आपको एनएससीटी के लिए रजिस्टर करना होगा और मेरा कूपन कोड एसएसटी मोक यूज करना होगा अगर इधर तक आ गए और आपको वीडियो से वैल्यू मिली तो सब्सक्राइब कर देना मिलेंगे अगले वीडियो में h