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The End of Bipolarity

हेलो दे स्टूडेंट्स कैसे हैं आप सब लोग मैं मोहिन पठान एक बार फिर से आप सब लोगों के सामने और आप सबका स्वागत है फ्लैश कार्ड के पार्ट नंबर टू में आज हम लोग देखने वाले हैं द एंड ऑफ बाइपोलरिटी का चैप्टर क्विक रिवीजन करेंगे 10 मिनट में इसको खत्म करने की कोशिश करेंगे आप लोगों को अगर इसकी पीडीएफ चाहिए तो आप लोग मुझे मेल कर सकते हैं खान @ 247.com पर और मुझे कह सकते हैं कि सर बनाई गई थी 1989 में इसको तोड़ दिया गया था इसके बाद बर्लिन इंटीग्रेट हो गया था 155 किमी की इसकी लेंथ थी या फिर हम लोग कह सकते हैं 96 माइल्स की इसकी लेंथ थी और जर्मनी को यूनाइट किया गया था आफ्टर द फॉल ऑफ बर्लिन वॉल इन 1990 ठीक है आगे आते हैं अपन आगे हमारे पास है व्हाट वाज द सोवियत सिस्टम सोवियत सिस्टम क्या था तो सोशलिस्ट रिवोल्यूशन या रशियन रिवोल्यूशन 1917 में होता है 1917 में व्लादीमीर लेनिन करते है ना 1922 में यूएसएसआर बन जाता है रशियन रिवोल्यूशन किससे इंस्पायर्ड था रशियन रिवोल्यूशन इंस्पायर्ड था सोशलिज्म के आइडिया से एज अपोज टू कैपिट है ना प्रो पुअर की आइडल जीी थी और ये बनाना चाहते थे एक इलिट सोसाइटी मतलब एक ऐसी सोसाइटी जिसमें सब लोग बराबर हो आगे आते हैं हम लोग तो ये बोल रहा है कि इसमें प्राइमसील थी तो प्राइमसील स दी जाती थी स्टेट को या गवर्नमेंट को ठीक है और सारे का सारा पॉलिटिकल सिस्टम जो था वो कम्युनिस्ट पार्टी के इर्दगिर्द घूमता रहता था इकोनॉमी की अगर हम लोग बात करें तो इकोनॉमी प्लान होती थी और कंट्रोल्ड बाय द स्टेट होती थी आफ्टर द सेकंड वर्ल्ड वॉर ईस्टर्न यूरोपियन कंट्रीज भी किसके अंडर में आ जाती है यूएसएसआर के अंडर में आती है जोसेफ स्टालिन के टाइम पीरियड में आगे आते हैं हम लोग आगे क्या बता रहा है आ है दिस ग्रुप वाज कॉल्ड एज सोशलिस्ट ब्लॉक यूएसएसआर इसका हेड होता था सोशलिस्ट ब्लॉक या सेकंड वर्ल्ड इसको हम लोग बोलते थे और इनका जो मिलिट्री अलायंस था 1955 में बना था जिसको अपन वरसो पैक्ट के नाम से जानते हैं आगे आते हैं सेलेन फीचर्स देखते हैं कि सोवियत यूनियन का सा सोवियत सिस्टम का सेलेन फीचर्स क्या-क्या है तो हम लोग देख रहे हैं इसमें कि अगर इकोनॉमी की बात करें तो पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा इकोनॉमी यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका की थी उसके बाद यूएसएसआर की और फिर पूरी दुनिया की इकोनॉमी आती थी अगर हम लोग बात करें कि यूएसएसआर में और क्या-क्या था सोवियत सिस्टम में और क्या-क्या था तो इनका जो कशन नेटवर्क था बहुत ज्यादा कॉम्प्लेक्टेड जी रिसोर्सेस थे इनके पास ट्रांसपोर्ट सेक्टर इनका बहुत बढ़िया था रिमोटेस्ट एरियाज तक जाता था और अगर हम लोग बात करें इनके कंज्यूमर इंडस्ट्रीज की डोमेस्टिक कंज्यूमर इंडस्ट्री की तो ये लोग पिन से लेकर कार तक हर एक चीज बनाते थे ठीक है दूसरी चीज सोवियत स्टेट इंश्योर्ड अपने सिटीजंस के लिए ये लोग मिनिमम स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग इंश्योर करते थे सब्सिडीज देते थे किसमें देते थे सब्सिडीज हेल्थ में एजुकेशन में चाइल्ड केयर एक्सेट एक्सेट चीजों में ये लोग सब्सिडीज प्रोवाइड करते थे अनइंप्लॉयमेंट इसमें बिल्कुल भी नहीं था ठीक है क्योंकि सबके पास जॉब होता था क्योंकि इलिट यन सोसाइटी इक्वल सोसाइटी बना बनाने की कोशिश करते थे स्टेट ओनरशिप यहां पर डोमिनेंट फॉर्म ऑफ ओनरशिप होती थी आगे आते हैं हम लोग तो ये क्या बता रहा है क्या-क्या चैलेंज थे सोवियत सिस्टम में कुछ चैलेंज थे क्या हां सोवियत सिस्टम बहुत ज्यादा ब्यूरोक्रेटिक बन गया था यानी कि ऑफिसर्स की चलने लग गई थी यहां पर और बहुत ज्यादा अथॉरिटेरियन बन गया था यानी कि लीडर्स की बहुत ज्यादा चलती थी डेमोक्रेसी यहां पर थी नहीं फ्रीडम ऑफ स्पीच एंड एक्सप्रेशन नहीं था जैसे कि इंडिया के पास है आर्टिकल 19 में ठीक है कम्युनिस्ट पार्टी की अगर बात करें तो कम्युनिस्ट पार्टी अनअकाउंटेबल टू द पीपल थी यानी कि जवाबदेही नहीं थी अपने सिटीजंस को तो कोई क्वेश्चन भी नहीं कर सकता था इनको और क्या है पार्टी रिफ्यूज टू रिकॉग्नाइज द अर्ज ऑफ द 15 डिफरेंट रिपब्लिक्स 15 अलग-अलग कंट्रीज से मिलकर बना था यूएसएसआर इसमें सात एशियन और आठ यूरोपियन कंट्रीज थी और सारे के सारे ऑटोनॉमी मांग रहे थी लेकिन ऑटोनॉमी नहीं दी जाती थी रशिया हर चीज को डोमिनेट करता था है ना वैसे तो पेपर में देखने को देखने में ऐसा लगता था कि रशिया वन ऑफ द कंट्रीज है ऑफ द यूएसएसआर लेकिन रशिया सब कुछ डोमिनेट करता था सारे के सारे लीडर्स भी रशिया के रहने वाले हैं वाज द सोवियत सिस्टम एन अल्टरनेटिव ऑफ वेस्टर्न कैपिटल सिस्टम क्या सोवियत सिस्टम सचमुच में अल्टरनेटिव था वेस्टर्न कैपिटल सटम का तो अगर हम लोग आर्म्स रेस की बात करें तो आर्म्स रेस में यूएसएसआर बराबरी कर लेता था यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका की लेकिन इसके लिए इसको बहुत इकोनॉमिक बर्डन झेलना पड़ता था टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर और फुलफिलिंग द पॉलिटिकल एंड इकोनॉमिक एस्पिरेशंस ऑफ पीपल की अगर बात करें तो इन सब चीजों में यूएसएसआर यूएसए के पीछे ही रहता था ठीक है 1970 से या लेट 1970 से सोवियत यूनियन की जो इकोनॉमी है वो स्टैग्नेंट होनी स्टार्ट हो गई क्यों हुई उसके बारे में भी हम लोग देखने वाले हैं आगे आते हैं ये क्या बोल रहा है लीडर्स देख लेते हैं हम लोग सोवियत यूनियन के तो सबसे पहले आते हैं व्लादिमीर लेनिन जोसेफ स्टालिन फिर निकिता खुशे लियोनिड बेजने मिकाइल कोरबा चव और यूएसएसआर के डिसइंटीग्रेशन के बाद रशिया के पहले प्रेसिडेंट जो बनेंगे उनका नाम है बॉरिस एल्सन याद रखना इंपॉर्टेंट आगे आते हैं हम लोग गौर बाच एंड द डिसइंटीग्रेशन गौरवा चव के टाइम पीरियड में डिसइंटीग्रेशन होता है यूएसएसआर का उसके बारे में हम लोग बहुत अच्छे से देखने वाले हैं गौरवा चव की अगर बात करें तो 1985 में ये कम्युनिस्ट पार्टी के जनरल सेक्रेटरी बन जाते हैं और प्रेसिडेंट बन जाते हैं यूएसएसआर के रिफॉर्म्स लाने की बात करते हैं पॉलिटिकल रिफॉर्म्स जिसको हम लोग पेरिस ट्रॉय का कहते हैं और इकोनॉमिक रिफॉर्म्स जिसको अपन ग्लेसन कहते हैं तो पेरिस ट्रॉक और ग्लैस नॉस्ट की इन्होंने बात करी थी डेमोक्रेसी लाने की बात करी थी मल्टीपार्टी सिस्टम लाने की बात करी थी ये चीज याद रखना इसका इंपैक्ट क्या हुआ जब जैसे इन्होंने रिफॉर्म्स की बात करी जैसे इन्होंने कहा कि हम लोग पेरिस ट्रॉक और ग्लैस नॉस्ट करेंगे तो ईस्टर्न यूरोपियन कंट्रीज है ना खास खास करके जो बाल्टिक नेशंस थे एस्टोनिया लातविया लिथुआनिया वगैरह वगैरह उन लोगों ने प्रोटेस्ट वगैरह करना स्टार्ट कर दिया था ठीक है आगे आते हैं हम लोग गौरवा चव ने क्या करा जब प्रोटेस्ट हो रहे थे तो गौरवा चव ने इंटरवेनर जिसकी वजह से वहां की जो लोकल कम्युनिस्ट गवर्नमेंट थी वो गिरने लग गई और लिथुआनिया सबसे पहली कंट्री बनती है जो आजाद होती है ठीक है कम्युनिस्ट रिजिम कोलप्पन वर अपोज्ड बाय द कम्युनिस्ट पार्टी हार्डलाइनर्स कम्युनिस्ट पार्टी हार्डलाइनर्स क्या करते अपोज करते हैं इन रिफॉर्म्स का और 1991 में कूप करते हैं अगेंस्ट मिखाइल गोर बाच मिखाइल गरबा के हाथ से जबरदस्ती पावर छीन लेते हैं और मिखाइल गौर बाच का दोस्त जिसका नाम है बॉरिस लसिन जो कि मॉस्को का मेयर भी बनाया गया था 1985 में ये इस कूप को अपोज करता है आगे आते हैं हम लोग आगे क्या बता रहा है दिसंबर 1991 में क्या होता है दिसंबर 1991 में रशिया यूक्रेन और बेलारूस अंडर द लीडरशिप ऑफ बॉरिस एल्सन डिक्लेयर करते हैं कि भैया यूएसएसआर को हम लोग डिसबैंड कर रहे हैं हम लोग कह रहे हैं कि यूएसएसआर जैसे कोई चीज नहीं है अब यूएसएसआर को खत्म करना है ठीक है कम्युनिस्ट पार्टी इन लोगों ने क्या कर दिया अनाउंस कर दिया बॉरिस एलस ने अनाउंस कर दिया क्या ये कम्युनिस्ट पार्टी को भी हम लोग क्या कर रहे हैं बैन कर रहे हैं और पोस्ट सोवियत कंट्रीज ने अब क्या अडॉप्ट कर लिया पोस्ट सोवियत कंट्रीज यानी कि 15 कंट्रीज जो अलग हो जाएगी यूएसएसआर से इन लोगों ने अडॉप्ट कर लिया कैपिटल ज्म और डेमोक्रेसी को यानी कि वेस्टर्न आइडल जीी या यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका की आइड को इन लोगों ने अडॉप्ट कर लिया था आगे आते हैं आगे क्या बता रहा है गौर बाज डिसइंटीग्रेशन में मेकिंग ऑफ द सीआ कॉमनवेल्थ ऑफ इंडिपेंडेंट स्टेट्स बनाने की बात होती है मिंस्क में इसकी हेड क्वार्टर है याद रखना इट इज नॉट द सक्सेसर ऑफ यूएसएसआर ठीक है रशिया जो है रशिया यूएसएसआर का सक्सेसर बन के आएगा रशिया यूएसएसआर का सक्सेसर बनने का मतलब है कि यह यूनाइटेड नेश सिक्योरिटी काउंसिल में यूएसएसआर की सीट ले लेगा रशिया दूसरी चीज अ जितने भी इंटरनेशनल ट्रीटीज यूएसएसआर ने करी थी अब उन सारी की सारी को रशिया निभाएगा और न्यूक्लियर वेपंस सिर्फ और सिर्फ इन 15 कंट्रीज में से रशिया के पास आएंगे आगे आते हैं हम लोग आगे देखिए क्या बता रहा है ये हमें व्हाई डिड द सोवियत यूनियन डिसइंटीग्रेट इतना बड़ा सुपर पावर क्यों डिसइंटीग्रेट हुआ तो ये बोल रहा है कि इंटरनल वीकनेस हो गई थी इसके इसकी इकोनॉमी भी खराब हुई थी और इसका एडमिनिस्ट्रेशन भी खराब हो गया था कैसे इंटरनल वीकनेस आई थी उसके बारे में बात करते हैं अगर हम लोग इकोनॉमिक स्टैग्नेशन की बात करें तो इकोनॉमिक स्टैग्नेशन क्यों आया क्यों इसकी इकोनॉमी रुकी बढ़ क्यों नहीं रही है यूएसएसआर की इकोनॉमी दो इसके प्रमुख कारण है एक है कि यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका की बराबरी करने के लिए यह बहुत ज्यादा आर्म्स बनाता था बहुत ज्यादा न्यूक्लियर और मिलिट्री आर्सेनल्स बनाता था जिसमें इसका बहुत पैसा खर्चा होता था और दूसरा ईस्टर्न यूरोपियन कंट्रीज को सेटिस्फाई करने के लिए अपने सैटेलाइट स्टेट्स को सेटिस्फाई करने के लिए और डेवलप करने के लिए बहुत ज्यादा पैसा लगाता था प्लस सेंट्रल एशियन कंट्रीज के ऊपर भी बहुत सारा पैसा लगा था जिसकी वजह से इकोनॉमिक बर्डन आता था जिसकी वजह से इकोनॉमिक स्टैग्नेशन हो गया और कंज्यूमर शॉर्टेजेस होने लग गए और इसके साथ-साथ एक और पॉइंट ये हमें बता रहा है ह्यूज इकोनॉमिक बर्डन आ गया था क्लियर आगे आते हैं आगे देखिए क्या बता रहा है ये हमें आगे ये बता रहा है कि एडमिनिस्ट्रेशन भी इसका जो है खराब हो चुका था यूएसएसआर का क्यों कम्युनिस्ट पार्टी नॉट अकाउंटेबल टू द पीपल थी जवाबदेही नहीं थी लोगों को ठीक है स्लो एंड स्टफिंग एडमिनिस्ट्रेशन हो गया था करप्शन बहुत ज्यादा बढ़ गया था और सेंट्रलाइजेशन था है ना 15 कंट्रीज का एक ग्रुप जिसको हम लोग यूएसएसआर कहते थे वो मॉस्को से चलता था एक ही जगह से डिसेंट्रलाइजेशन ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन नहीं था आगे आते हैं हम लोग आगे देखिए क्या बता रहा है गौरवा चव लॉस्ट सपोर्ट फ्रॉम ऑल साइड्स गौरवा चव के पास कोई सपोर्ट नहीं है गौरवा चव के जो साथ में लोग है वो भी कंफ्यूज ड है भैया गौरवा च को सपोर्ट करें या ना करें राइज ऑफ नेशनलिज्म बहुत इंपॉर्टेंट पॉइंट है कि जो ईस्टर्न यूरोपियन कंट्रीज थी यहां पर नेशनलिज्म का राइज होता है अ क्या कहते हैं उसको हिंदी में राष्ट्रवाद का राइज होता है ठीक है ये लोग कहते हैं कि भैया हमारे एरिया में हमारी चलनी चाहिए हमारी सोव निटी होनी चाहिए ठीक है स्पेशली इन द बाल्टिक रिपब्लिक्स एस्टोनिया लातविया लिथुआनिया में मोस्ट इमीडिएट कॉज फॉर द डिसइंटीग्रेशन ऑफ़ द यूएसएसआर पेपर में आता है कि व्हाट वाज द मोस्ट इमीडिएट कॉज फॉर द डिसइंटीग्रेशन ऑफ़ द यूएसएस तो आंसर क्या आएगा द राइज ऑफ नेशनलिज्म और इसके साथ एक और आंसर आता है इसका क्या द वॉर बिटवीन यूएसए सरन अफ़गानिस्तान जो कि 10 साल चली फ्रॉम 1979 टू 1989 यह भी याद रखना आगे आते हैं हम लोग आगे देखिए क्या बता रहा है 25 दिसंबर 1991 गरबा चव रिजाइन कर देगा और गौरवा चव के रिजाइन करते ही एंड ऑफ द सोवियत यूनियन हो जाएगा सोवियत यूनियन खत्म यूएसएसआर खत्म यूएसएसआर जैसी कोई चीज अब बची नहीं है डेथ हो चुकी है किसकी यूएसएसआर की आगे आते हैं हम लोग कंसीक्वेंसेस ऑफ़ डिसइंटीग्रेशन यूएसएसआर टूट गया उसकी वजह से क्या हुआ है ना बहुत सारे पॉइंटर से इंपोर्टेंट है यहां से चार नंबर छह नंबर का क्वेश्चन भी बनता है एंड ऑफ़ द कोल्ड वॉर कंफ्रे यूएसएसआर खत्म कोल्ड वॉर खत्म खत्म आइडियो जिकल वॉर खत्म एंड ऑफ द आर्म्स रेस आर्म्स रेस भी खत्म यूएसए और यूएसएसआर के बीच में जो आइडियो जिकल वॉर थी वो भी खत्म और आर्म्स रेस भी खत्म हो गई दूसरा पावर रिलेशंस चेंज हो गए सर पावर रिलेशंस चेंज का मतलब क्या है यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका अकेला सुपर पावर बचा यानी कि दुनिया अब बाइपोलर वर्ल्ड नहीं है बल्कि यूनीपोलर वर्ल्ड है और कैपिटिस इकोनॉमी जो थी वो डोमिनेंट फॉर्म ऑफ इकोनॉमी बन गई थी और अगर हम लोग बात करें पॉलिटिकली तो सारी की सारी कंट्रीज वो 15 कंट्री जो टूट रही है वो लिबरल डेमोक्रेसी को अडॉप्ट करने वाली है पॉलिटिकली आगे आते हैं हम लोग आगे क्या होता आ रहा है एंड ऑफ यू एंड ऑफ द यूएसएसआर मींस इमरजेंस ऑफ न्यू कंट्रीज यूएसएसआर टूटने का मतलब 15 अलग-अलग कंट्रीज बन गई और ये 15 अलग-अलग कंट्रीज क्या करेगी इनके खुद के एस्पिरेशंस इनके खुद पे खुद की चॉइसेज खुद की इच्छाएं होगी और आगे जाकर ये लोग टो को भी जॉइन करेंगे आगे जाकर ये लोग यूनाइटेड नेशंस को भी जॉइन करेंगे एक्सेट एक्सेट ठीक है आगे आते हैं हम लोग शॉक थेरेपी के बारे में बोलते हैं बात करते हैं बहुत इंपोर्टेंट टॉपिक है छह नंबर का क्वेश्चन यहां से भी बनता है तो इसको ध्यान से देखना इट वाज द मोस्ट पेनफुल प्रोसेस ऑफ ट्रांजिशन ठीक है जब भी एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम में हम लोग जाते हैं तो क्या बहुत पेनफुल प्रोसेस होता है तो ये लोग कहां से कहां जा रहे हैं तो यह 15 की 15 कंट्रीज अथॉरिटेरियन सोशलिस्ट सिस्टम से कन्वर्ट हो रही है इंटू अ डेमोक्रेटिक कैपिटल सिस्टम ठीक है एंड इट वाज इन्फ्लुएंस बाय टू इकोनॉमिक इंस्टीट्यूशंस वर्ल्ड बैंक एंड आईएमएफ ठीक है तो वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ जो थी लोंस वगैरह देती थी फॉर द कन्वर्जन फ्रॉम सोशलिस्ट सिस्टम टू कैपिटल सिस्टम आगे आते हैं इसी को अपन शॉक थेरेपी कहते हैं शॉक थेरेपी इन प्रैक्टिस क्या अगर हम लोग बात करें ऑल 15 कंट्रीज वर रिक्वायर्ड टू मेक अ टोटल शिफ्ट टू द कैपिट इकोनॉमी कंप्लीट कैपिट होना था इनको क्योंकि अब एक ही सुपर पावर है तो सुपर पावर की चलेगी सुपर पावर इन्फ्लुएंस भी कर रहा है वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ को और इनके ऊपर प्रेशर लगा रहा है कि भैया जल्दी-जल्दी से कैपिट लिस्ट बन जाओ प्राइवेट ओनरशिप अब डोमिनेंट फॉर्म ऑफ ओनरशिप बन गई है ठीक है हर चीज का प्राइवेटाइजेशन हो रहा है खास करके स्टेट एसेट्स का इंडस्ट्रीज वगैरह का और एग्रीकल्चर का कलेक्टिवाइजेशन ऑफ़ एग्रीकल्चर था यहां पर लेकिन अब क्या हो रहा है प्राइवेटाइजेशन ऑफ़ एग्रीकल्चर हो रहा है आगे आते हैं हम लोग कंसीक्वेंसेस ऑफ शॉक थेरेपी शॉक थेरेपी की वजह से क्या-क्या हुआ तो ये बोल रहा है क्या इट ब्रॉट रुन टू द इकोनॉमी एंड पॉलिटिकल क्राइसिस क्या हुआ इकोनॉमी गिरने लग गई सारी की सारी 15 की 15 कंट्रीज की रशिया की अगर हम लोग बात करें तो रशिया में जो वैल्युएबल इंडस्ट्रीज थी वह थ्रो अवे प्राइसेस पर बेची जा रही है और इसको अपन बोलते हैं द लार्जेस्ट गैरेज सेल इन हिस्ट्री ठीक है करोड़ों की जो इंडस्ट्रीज थी वो हजारों में बेची जा रही थी आगे आते हैं आगे देखिए क्या बता रहा है इकोनॉमिक प्रॉब्लम्स क्रिएटेडॉक्युमेंट्सफ्रैगमेंट इसकी वजह से पॉवर्टी की तरफ पुश हो र है ठीक है स्कार्सिटी ऑफ फूड खाने की कमी हो गई है खाना नहीं है क्योंकि प्रोडक्शन नहीं है है ना प्राइवेटाइजेशन हो रहा है हर चीज का और इसी वजह से रशिया को बाहर से फूड इंपोर्ट करना पड़ा जिसकी वजह से और ज्यादा महंगाई बढ़ जाएगी ठीक है आगे आते हैं हम लोग आगे देखिए क्या बता रहा है अगर हम लोग जीडीपी की बात करें तो रशिया की 1989 की जीडीपी 1999 की जीडीपी से ज्यादा थी ओल्ड सिस्टम ऑफ सोशल वेलफेयर वाज डिस्ट्रॉयड जो पुराना सोशल वेलफेयर का सिस्टम था है ना सबके पास जॉब वगैरह होती थी सब्सिडीज वगैरह देते थे वो सब कुछ अब खत्म हो चुका है कोई सबस नहीं है जिसकी वजह से लोग और गरीब होते जा रहे हैं इंटेलेक्चुअल्स जो है वो माइग्रेट कर रहे हैं या डिसइंटीग्रेट हो चुके हैं और माफिया इमर्ज हो रहा है ठीक है क्राइम बढ़ रहे हैं और पूरा के पूरा रशिया या फिर पूरा के पूरा रीजन ये 15 के 15 कंट्रीज वाला वो रिच और पुअर में बढ़ चुका है ठीक है आगे आते हैं पॉलिटिकल प्रॉब्लम्स क्या-क्या थी शॉक थेरेपी की वजह से इकोनॉमिक तो देख लिया हम लोगों ने तो ये जो 15 कंट्रीज थी बहुत सारी कंट्रीज की या 15 की 15 कंट्रीज का जो कॉन्स्टिट्यूशन था वो बहुत ज्यादा हरी में बन गया था जिसकी वजह से इन लोगों ने बहुत ज्यादा पावर्स दे दी थी प्रेसिडेंट को खास करके तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के दो प्रेसिडेंट थे जो 10 साल के लिए इलेक्ट होते हैं और फिर अगले 10 साल खुद रूल करते हैं है ना कहते हैं 10 साल हम लोग और रूल करेंगे ठीक है रशिया की अगर हम लोग बात करें तो रशिया में प्रॉब्लम क्या आ रही थी चेच निया और दगिस्तान दो रीजंस है साथ साउथ रशिया के और ये जो साउथ एशिया के रीजन से ये लोग सेक्से शनिस मूवमेंट करने लग गए थे सेपरेट होने की बात कर रहे थे रशिया से और चेसने के ऊपर बम्स वगैरह गिरा गिरा दिए जाते हैं आगे आते हैं हम लोग ताजिकिस्तान की अगर बात करें तो ताजिकिस्तान में 10 साल तक सिविल वॉर चलता रहेगा 2001 तक इंपॉर्टेंट पेपर में आया हुआ क्वेश्चन है अजरबैजान का एक स्टेट है या एक प्रोविंस है जिसको हम लोग नागोर्नो कारा बक के नाम से जानते हैं वो सेक्सेस्ट मूवमेंट करता है और कहता है कि भैया हमें किसके साथ जोड़ दो आर्मेनिया जो दूसरी कंट्री है पड़ोसी मुल्क है उसके साथ जोड़ने की बात करता है और रिवर वाटर्स के ऊपर भी लड़ाई होती रहती थी इन 15 कंट्रीज के बीच में रेज ऑफ होप ठीक है सर आशा की किरणें कब आएगी तो आशा की किरणें आती है ऑलमोस्ट ऑलमोस्ट 2000 से सर 2000 में ऐसा क्या हो गया है ना इकोनॉमी रिवाइव होने लग गी सर इकोनॉमी रिवाइव क्यों हो रही है क्योंकि इन लोगों ने ने ये जो 15 रिपब्लिक्स थी इन लोग इन लोगों के पास नेचुरल रिसोर्सेस वगैरह है तो इन लोगों ने क्या कर दिया नेचुरल रिसोर्सेस सच एज ऑइल नेचुरल गैस मिनरल्स का एक्सपोर्ट स्टार्ट कर दिया था ठीक है इनको रेंट मिलता था फ्रॉम ऑयल पाइपलाइंस और कुछ अमाउंट में मैन्युफैक्चरिंग भी स्टार्ट हो गई थी जिससे इनकी इकोनॉमी रिवाइव होनी स्टार्ट हो चुकी थी आगे आते हैं हम लोग आगे क्या बता रहा है इंडिया एंड द पोस्ट सोवियत कंट्रीज बहुत इंपॉर्टेंट है छह नंबर का क्वेश्चन यहां से ही बनता है देखिए क्या बता रहा है इंडिया जो था इसके 15 के 15 कंट्रीज के साथ रिलेशंस बहुत अच्छे थे लेकिन स्ट्रांगेस्ट रिलेशन जो थे वो ऑफकोर्स रशिया के साथ थे ठीक है राज कपूर अमिताभ बच्चन हाउसहोल्ड नेम्स थे रशिया में ठीक है हिंदी फिल्म्स जो है पूरे के पूरे अ सोवियत यूनियन के एरिया में हम लोग सुन सकते थे इंडिया और रशिया जो है इन दोनों का विजन बिल्कुल सेम था आफ्टर 1991 कि एक म एक मल्टीपोलर वर्ल्ड क्रिएट करना है और इसके साथ-साथ क्या था कलेक्टिव सिक्योरिटी की बात करते थे ये लोग इंडिया और रशिया दोनों इंडिया रशिया साइंड मोर दन 80 बायलट एग्रीमेंट्स इंडिया और रशिया ने 80 से ज्यादा बायलट एग्रीमेंट साइन करे थे 2001 में एज अ पार्ट ऑफ इंडो रशियन स्ट्रेटेजिक एग्रीमेंट ठीक है आगे आते हैं हम लोग आगे देखिए क्या बता रहा है इंडिया एंड द पोस्ट सोवियत कंट्रीज में रशिया हमारे लिए बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट था क्यों इट वाज रशिया बहुत इंपॉर्टेंट है हमारे इंडियाज न्यूक्लियर एनर्जी प्लांस के लिए हमारे न्यूक्लियर एनर्जी प्लांस के लिए बहुत इंपोर्टेंट है रशिया ने हमारी हेल्प करी है हमारे स्पेस इंडस्ट्री की हेल्प करी है प्लस जब हमारे पास क्या नहीं था क्रायोजेनिक रॉकेट नहीं था तो हम लोगों को क्रायोजेनिक रॉकेट भी इसने प्रोवाइड किया था किसने यूएसएसआर ने रशिया ने सॉरी रशिया बोल दिया मैंने यूएसएसआर ने जब हम लोग हम लोगों के पास क्रायोजेनिक रॉकेट नहीं था तो इसने प्रोवाइड किया था इंडिया रशिया की बात करें तो इंडिया और रशिया ने बहुत सारी चीजों पर कोलैबोरेशन करा है साइंटिफिक प्रोजेक्ट्स वगैरह पे ठीक है आगे आते हैं आगे क्या बता रहा है यह इंडिया और यूएसएसआर के रिलेशनशिप को देखें अगर हम लोग कोल्ड वॉर में तो मल्टी डायमेंशन रिलेशनशिप थी इंडिया और यूएसएसआर की ठीक है इकोनॉमिक रिलेशनशिप पॉलिटिकल रिलेशनशिप कल्चरल रिलेशनशिप और मिलिट्री रिलेशनशिप इकोनॉमिक को देखते हैं तो यूएसएसआर ने इंडिया के पब्लिक सेक्टर कंपनीज को यानी कि गवर्नमेंट कंपनीज को बहुत हेल्प करी है जब हमें कोई पैसा नहीं दे रहा था तो रशिया हमें पैसा दे रहा था ठीक है गेव एड फॉर स्टील प्लांट्स हमारे पास स्टील प्लांट्स लगाने के भी पैसे नहीं थे तो हमारे स्टील प्लांट्स के लिए चाहे वो भिलाई का स्टील प्लांट हो चाहे बोकारो का विशाखापट्टनम का हो या फिर भेल जैसी भेल या फिर भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड जैसे मशीनरी प्लांट्स हो तो इसके लिए पैसा किसने प्रोवाइड किया था यूएसएसआर ने प्रोवाइड किया था और हमारी बहुत हेल्प करी थी ये लगाने में ठीक है और क्या बता रहा है ये हमारे पास जब इंडियन करेंस हमारे पास जब फॉरेन एक्सचेंज नहीं था यानी कि इंटरनेशनल ट्रेड करने के लिए डॉलर्स नहीं था तो यूएसएसआर ने इंडियन करेंसी को एक्सेप्ट कर लिया था और कहा था कोई बात नहीं मैं इंटरनेशनल अ इंटरनेशनली इसको चेंज करवा दूंगा और तू मुझे रुपीज में ही पैसा दे दे तो बहुत इकोनॉमिकली हेल्प करी है किसने यूएसएसआर ने हमारी कोल्ड वॉर के टाइम पीरियड में अगर हम लोग पॉलिटिकल रिलेशनशिप की बात करें इंडिया और यूएसएसआर की तो पॉलिटिकली यूएसएसआर ने कश्मीर के मुद्दे पर यूनाइटेड नेशंस में हमारी हमेशा हेल्प करी है उसके साथ-साथ इट सपोर्टेड इंडिया ड्यूरिंग वॉर्स 1971 का वॉर हम लोगों को याद है ट्रीटी ऑफ पीस एंड फ्रेंडशिप अगस्ट 1971 ठीक है और इसने कहा था यूएसएसआर ने कि किसी ने इंडिया को हाथ लगाया तो मैं वॉर में आ जाऊंगा 20 साल के लिए ट्रीटी हुई थी याद है इंडिया टू सपोर्टेड यूएसएसआर फॉरेन पॉलिसी इनडायरेक्टली इंडिया भी यूएसएसआर की फॉरेन पॉलिसीज को हेल्प करता था लेकिन इनडायरेक्टली इनडायरेक्ट इनडायरेक्टली क्यों क्योंकि इंडिया वाज नॉट द मेंबर ऑफ यूएसएसआर स् कैंप बट इंडिया वाज द मेंबर ऑफ़ नेम तो इनडायरेक्टली सपोर्ट करता था इसको है ना जैसे 1956 में इसने हंगरी के ऊपर अटैक किया था ठीक है तब इंडिया साइलेंट रहा इंडिया ने कोई प्र कोई प्रोटेस्ट नहीं किया था अगर मिलिट्री की बात करें हम लोग तो इंडिया रिसीवड मोस्ट ऑफ इट्स मिलिट्री हार्डवेयर फ्रॉम यूएसएसआर इंडिया ने बहुत सारा आज भी इंडिया सबसे ज्यादा मिलिट्री हार्डवेयर जो है यूएसएसआर से ही मंगवा आता है वेरियस एग्रीमेंट्स वर साइंड बिटवीन इंडिया एंड यूएसएसआर टू जॉइंट प्रोड्यूस मिलिट्री इक्विपमेंट्स ठीक है इंडिया और यूएसएसआर ने बहुत सारे एग्रीमेंट्स करे थे क्या करने के लिए मिलिट्री इक्विपमेंट्स को बनाने के लिए ठीक है और अगर हम लोग बात करें किसकी कल्चर की तो हिंदी फिल्म्स इंडिया का कल्चर बहुत ज्यादा पॉपुलर है य पॉपुलर था यूएसएसआर में और बहुत सारे इंडियन आर्टिस्ट इंडियन राइटर्स जो हैं वो विजिट करते थे यूएसएसआर में और यहां पर हमारा ये चैप्टर हो जाता है खत्म आई होप कि आप लोगों को यह चैप्टर जो है बहुत बहुत बहुत बहुत ज्यादा पसंद आएगा ठीक है आशा करता हूं आज वाली वीडियो आप लोग को बहुत ज्यादा पसंद आई होगी वीडियो के नीचे कमेंट करके बताना यह वाली वीडियो कैसी लगी टे ग्रा पर मेरे साथ जुड़ते रहना मिलते हैं अपन रीस्टार्ट में तब तक के लिए मोन पठान आप सबसे कहता है जय हिंद