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Concept of Contract Law

हेलो टू ऑल माय लवली स्टूडेंट्स आई होप यू ऑल आर डूइंग एब्सलूट फाइन एंड रेडी टू बिगिन विद यट अनदर क्लास ऑफ लीगल स्टडीज इन योर सफल 2.0 बैच ऑन सीईटी वाला चैनल सो आज की क्लास में हम क्या चीज डिस्कस करने वाले हैं दैट इज गोइंग टू बी र कांसेप्ट ऑफ कांट्रैक्ट लॉ सो बिफोर आई प्रोसीड विद टुडेज टॉपिक हम जल्दी से देख लेते हैं कि हमने प्रीवियस क्लास में क्या किया था जो आपकी प्रीवियस क्लास थी हमने उसमें क्वेश्चंस प्रैक्टिस किए थे व्हिच वाज सम वट अराउंड 25 टू 30 क्वेश्चंस और वो हमने कौन से टॉपिक्स पे किए थे जो दो टॉपिक्स हम ऑलरेडी कवर कर चुके हैं दैट इज स्ट्रक्चर ऑफ इंडियन जुडिशरी एंड योर कांसेप्ट ऑफ टट लॉज इन दोनों टॉपिक्स में से जितने भी प्रोबेबल क्वेश्चंस बन सकते हैं व्हिच आर कंसीडर्ड वेरी इंपॉर्टेंट फ्रॉम योर एग्जामिनेशन पॉइंट ऑफ व्यू वो सभी मैंने आपके साथ लास्ट क्लास में इंपॉर्टेंट क्वेश्चंस प्रैक्टिस के लेक्चर में डिस्कस किए अपार्ट फ्रॉम दैट जब-जब उन टॉपिक्स की क्लास हुई एंड में हमने 10 क्वेश्चंस एक्स्ट्रा भी प्रैक्टिस किए थे जो कि उस पर्टिकुलर टॉपिक से फॉर्म हो सकते हैं फॉर योर एग्जामिनेशन ठीक है तो वैसे ही आज की क्लास में हम एक बहुत ही इंटरेस्टिंग टॉपिक शुरू करने वाले हैं व्हिच इज योर कांसेप्ट ऑफ कांट्रैक्ट लॉ अब जो ये वर्ड है कांट्रैक्ट लॉ ये आप बहुत सारे बच्चों ने सुना भी होगा या तो वर्ड कांट्रैक्ट सुना होगा कहीं ना कहीं या वर्ड एग्रीमेंट सुना होगा कहीं ना कहीं तो आज हम यही समझेंगे कि ये जो वर्ड कांट्रैक्ट है इसका मतलब क्या है इसका इंपॉर्टेंस क्या है हमारे जीवन में ये कैसे हमारे लाइफ से रिलेटेड है इसका सिग्निफिकेंट क्या है और कैसे एक कॉन्ट्रैक्ट फॉर्म होता है या कैसे एक कॉन्ट्रैक्ट को बनाया जाता है इसकी एसेंशियल कंडीशंस क्या-क्या हैं वो सब हम कॉन्ट्रैक्ट लॉ में पढ़ने वाले हैं सो द कांसेप्ट ऑफ कॉन्ट्रैक्ट लॉ विल बी स्टडीड इन अ कांसेप्ट ऑफ थ्री क्लासेस हम जो कांट्रैक्ट लॉ का सिलेबस है उसको ब्रॉडली तीन क्लासेस में कवर करेंगे तो लेट अस हैव अ क्विक लुक कि आज की क्लास में हम कांट्रैक्ट लॉ के कौन-कौन से टॉपिक्स कवर करने वाले हैं सो द फर्स्ट थिंग दैट वी विल बी फोकसिंग ऑन कि पहले कांट्रैक्ट होता क्या है और इसकी इंपॉर्टेंस क्या है कि हमें हमारी लाइफ में कांट्रैक्ट्स क्यों चाहिए फिर हाउ अ कांट्रैक्ट इज फॉर्म्ड यानी कि एक कॉन्ट्रैक्ट को बनाया कैसे जाता है क्या-क्या कंडीशंस फुलफिल होनी चाहिए क्या स्टेप्स होते हैं एक कॉन्ट्रैक्ट को बनाने में वो सब चीजें भी हम आज जानेंगे फिर इंटेंशन टू एंटर इनटू अ कांट्रैक्ट यह बहुत ही इंपॉर्टेंट एलिमेंट है एक वैलिड कांट्रैक्ट बनाने का जिसको भी हम एक केस लॉ के थ्रू समझेंगे फॉर द बेटर अंडरस्टैंडिंग फिर हम बात करेंगे एग्रीमेंट वर्सेस कांट्रैक्ट अब बहुत सारे बच्चे या बहुत सारे लोग क्या है इन दोनों टर्मिनोलॉजी को कंफ्यूज कर लेते हैं या इन दोनों को आइडेंट समझते हैं कि एग्रीमेंट और कांट्रैक्ट का मतलब सेम होता है बट नहीं देर इज अ डिफरेंस बिटवीन देम उन दोनों के बीच का डिफरेंस क्या है वो हम आज की क्लास में जान ने वाले हैं उसके बाद हम बात करेंगे ऑफर प्रपोजल एंड एक्सेप्टेंस यानी कि जो हमारे कांट्रैक्ट फॉर्मेशन में पहला स्टेप है पहला कदम है वो क्या होता है ऑफर उसके बारे में हम डिटेल में जानेंगे कि क्या-क्या कंडीशन फुलफिल होनी चाहिए ताकि हम यह कह सके हां जी जो यह ऑफर है एक वैलिड ऑफर है या उसके अलावा और क्या-क्या अलग-अलग तरह के ऑफर्स के बारे में भी हम जानेंगे जैसे कि जनरल एंड स्पेसिफिक ऑफर और काउंटर ऑफर अब इन दो इन तीनों तरह के जो ऑफर्स हैं उनका मतलब क्या है इनके एग्जांपल्स मैं आपको बताऊंगी ताकि आपको अच्छे से समझ में आ सके कि जनरल ऑफर क्या है स्पेसिफिक ऑफर क्या है और काउंटर ऑफर क्या है ठीक है सो उसके बाद लास्टली जैसे हम हर क्लास में करते हैं क्वेश्चन एंड आंसर्स जितने भी कांसेप्ट आज की क्लास में हम कवर करने वाले हैं उसके बेसिस पे वी विल बी सॉल्विंग सर्टेन क्वेश्चंस एंड आंसर्स अगेन जैसे मैं आपको हर क्लास में बताती हूं ये बात आपको जरूर अच्छे से ध्यान में रखनी है कि जो जो टॉपिक्स हम आज कवर करेंगे एक बार बच्चों उसको अपनी एनसीआरटी की बुक से जरूर पढ़ लेना ताकि आप जो मैं पढ़ा रही हूं और जो बुक में रिटन है उसको रिलेट कर सको और अगर आपको वोह इंटरप्रेट करने में कोई भी कंफ्यूजन अराइज होती है तो आप डाउट सेक्शन में मुझसे पूछ सकते हैं वहां पर मैं आपके डाउट्स को आंसर जरूर करूंगी ऑल राइट नाउ विद दिस लेट अस स्टार्ट विद दी टुडेज क्लास तो सबसे पहले हम देखते हैं व्हाट इज अ कांट्रैक्ट और इसका इंपॉर्टेंस क्या है अब कांट्रैक्ट जैसे मैंने आपको ये बताया कि हम डे टू डे लाइफ में भी ये वर्ड बहुत बार सुनते हैं कैसे कि मान लो हम हमारे पेरेंट्स कोई कार खरीद रहे हैं या कोई घर खरीद रहे हैं तो उन दो लोगों के बीच में क्या होता है कांट्रैक्ट साइन होता है ठीक है अब कांट्रैक्ट बनाने का पर्पस क्या है जितनी भी हमारी बिजनेस ट्रांजैक्शन है कोई सेल परचेस है वहां पर भी कोई हमेशा कांट्रैक्ट फॉर्म होता है तो कांट्रैक्ट बनाने का पर्पस क्या है क्यों हम कांट्रैक्ट बनाना चाहते हैं क्या ऐसे नहीं हो सकता कि मैं सिर्फ बोल दूं हां तुम मैं तुम्हें आज अपनी प्रॉपर्टी ट्रांसफर कर रहा हूं बदले में तुम मुझे इतने पैसे दे दो क्या वो सफिशिएंट नहीं है नहीं क्योंकि एक कांट्रैक्ट जब हम बना लेते हैं उससे क्या होता है दोनों पार्टीज जो उस कांट्रैक्ट की मेंबर हैं उनकी कुछ म्यूचुअल राइट्स एंड ऑब्लिगेशंस अराइज हो जाती हैं यानी कि मान लीजिए एक सेलर और बायर के बीच का कांट्रैक्ट है तो सेलर को कुछ अपनी राइट्स मिलेंगे बायर को अपने कुछ राइट्स मिलेंगे वैसे ही सेलर की कुछ ऑब्लिगेशंस होंगी और वैसे ही बायर की भी कुछ ऑब्लिगेशंस होंगी जो कि कौन इंफोर्स करेगा वो कांट्रैक्ट अब जो सेलर है या बायर है वो अपनी ऑब्लिगेशन मान लो फुलफिल नहीं करता है तो आप उसे ब्रीच ऑफ कांट्रैक्ट यानी कि तुमने कांट्रैक्ट को फॉलो नहीं किया उसके अंडर आप उससे कंपनसेशन क्लेम कर सकते हो तो ये एडवांटेज है कांट्रैक्ट बनाने का सो आई होप एवरीवन जज अंडरस्टूड कि हमें कांट्रैक्ट बनाने की जरूरत क्यों है सो एज टू क्रिएट लीगल बाइंडिंग रिलेशनशिप बिटवीन द पार्टीज ताकि अगर कल को वो दो लोग जो आपस में कांट्रैक्ट साइन कर रहे हैं उनमें से कोई भी एक व्यक्ति कोई भी एक पार्टी अगर उस कांट्रैक्ट को फुलफिल नहीं करता है या उसमें जो भी कंडीशन ले डाउन की गई है उसकी ड्यूटीज बताई गई हैं वो फॉलो नहीं करता है तो उस व्यक्ति से हम कंपनसेशन क्लेम कर सकते हैं अब इसका मैं एक और आपको एग्जांपल देती हूं जैसे कि एक लैंडलॉर्ड है और एक टेनेंट है टेनेंट कौन होता है जो किराएदार होता है उसको हम टेनेंट कहते हैं लैंडलॉर्ड और टेनेंट के बीच में एग्रीमेंट होता है जिसमें लैंडलॉर्ड कहता है कि मैं तुम्हें एक महीने के लिए या एक साल के लिए घर रेंट पे देता हूं तुम्हें हर महीने की पहली तारीख को मुझे रेंट पे करना है और उस रेंट में तुम्हारा इलेक्ट्रिसिटी बिल भी इंक्लूडेड होगा ठीक है अब आप क्या करते हो हर महीने उसको रेंट पे कर देते हो बट एक्सक्लूडिंग द इलेक्ट्रिसिटी बिल नाउ द लैंडलॉर्ड रिक्वेस्ट्स यू वो एक बार दो बार तीन बार आपसे रिक्वेस्ट करता है कि भाई हमने तो कांट्रैक्ट में ये लिखा था जब बात हुई थी लैंडलॉर्ड और टेनेंट का कांट्रैक्ट बना था कि जब भी तुम मुझे रेंट पे करोगे उसके साथ-साथ जो बिजली का बिल भी है तुम वो भी पे करोगे अब तुम वो पे नहीं कर रहे हो तो वो मुझे करना पड़ रहा है तो वो मेरी पॉकेट से एक्सपेंस हो रहा है अब यहां पर क्योंकि उनके बीच में एक रिटर्न कांट्रैक्ट था अब जो लैंडलॉर्ड है वो टेनेंट को फोर्स कर सकता है या उसके अगेंस्ट एक्शन ले सकता है कि जो कांट्रैक्ट में लिखा था जो तुम्हारी ड्यूटी थी जो तुम्हारी ऑब्लिगेशन थी तुमने उसे फुलफिल नहीं किया और आप उसके अगेंस्ट एक्शन ले सकते हो कहां पर जाओगे एक्शन लेने के लिए कोर्ट में ठीक है तो फायदा क्या हुआ कांट्रैक्ट बनाने का अब इस कांट्रैक्ट में जो दो लोग पार्टी हैं उनकी कुछ लीगली बाइंडिंग ड्यूटीज क्रिएट हो गई अब वो अगर इन ड्यूटीज को फुलफिल नहीं करते हैं तो क्या होगा ब्रीच ऑफ कांट्रैक्ट और ब्रीच ऑफ कांट्रैक्ट में आपको क्या रेमेडी मिलती है आप कोर्ट में जाके उस व्यक्ति के खिलाफ जिसने कांट्रैक्ट को ब्रीच किया है जिसने अपनी ड्यूटी को फुलफिल नहीं नहीं किया उससे कंपनसेशन क्लेम कर सकते हो ऑलराइट आई होप सबको समझ में आ गया है कांट्रैक्ट होता क्या है और उसका सिग्निफिकेंट क्या है यानी कि उसका महत्व क्या है उसकी इंपॉर्टेंस क्या है हमारे जीवन में ठीक है वैसे तो बहुत लोग डे टू डे बेसिस पे हम छोटी-मोटी ट्रांजैक्शन करते रहते हैं तुमने मुझसे पेंसिल ले ली मैंने तुमसे तु मैंने तुम्हारी कॉपी ले ली ऐसे छोटे-मोटे ट्रांजैक्शन में कांट्रैक्ट बनाने की जरूरत नहीं है क्योंकि यहां पे लीगली बाइंडिंग इफेक्ट क्रिएट करने का कोई फायदा नहीं होगा तो जो सब ेंशियल रिलेशनशिप्स होते हैं जहां पर किसी एक व्यक्ति को कोई बहुत सिग्निफिकेंट लॉस हो सकता है वहां पर हम देखते हैं कि वहां पर जरूरी हो जाता है कांट्रैक्ट्स बनाना स इसीलिए जितने भी हमारे बिजनेस रिलेटेड एस्पेक्ट्स हैं जितने भी हमारे कमर्शियल रिलेटेड आस्कटॉम ैक्लुंद सेल परचेज का है जैसे मैंने आपको घर का सेल परचेज बताया आपको लैंडलॉर्ड टेनेंट का रिलेशनशिप बताया उसके अलावा एक और एग्जांपल अगर आप लोगों ने सुना हो हेल्थ इंश्योरेंस के बारे में सुना हो फायर इंश्योरेंस के बारे में सुना हो आप अपनी कोई गाड़ी खरीदते हो उसका भी इंश्योरेंस करवाते हो तो वो इंश्योरेंस कैसे होता है जो इंश्योरेंस कंपनी है और जिस व्यक्ति ने गाड़ी खरीदी है वो उन दोनों के बीच का जो है एक कांट्रैक्ट होता है जिसे हम इंश्योरेंस कह देते हैं कि कल को आपकी गाड़ी का कोई एक्सीडेंट हो गया आपकी गाड़ी में आग लग गई कोई डैमेज कॉज हो गया तो वह इंश्योरेंस कंपनी आपको कंपनसेशन प्रोवाइड करेगी तो यह क्या है यह भी एक टाइप ऑफ कांट्रैक्ट है बिटवीन टू पीपल अब यहां पर भी कांट्रैक्ट बनाने की जरूरत क्यों पड़ी अब मान लो अगर यह रिटर्न फॉर्म में नहीं होता यह कांट्रैक्ट नहीं बना हुआ होता एक सिर्फ वर्बल कम्युनिकेशन होती तो कैसे वो व्यक्ति प्रूफ करता हां जी इंश्योरेंस कंपनी तो ने तो मुझे इतना इंश्योरेंस कवर बताया था 1 करोड़ का इंश्योरेंस कवर बताया था अब वो कंपनसेशन मुझे सिर्फ एक ₹1 लाख की दे रहे हैं तो इस तरीके से जो रिटर्न कांट्रैक्ट्स हैं वो बहुत ही इजी कर देते हैं हमारे लिए कुछ चीजें जहां पर एक पार्टी अपनी ड्यूटी अच्छे से फुलफिल नहीं कर रही है आप उसको कोर्ट में लेकर जा सकते हो कि हां जी तुमने कांट्रैक्ट में तब ये लिखा था तुम्हें अपनी ये ड्यूटी अच्छे से फुलफिल करनी पड़ेगी तो इंश्योरेंस कांट्रैक्ट इज अनदर काइंड ऑफ कांट्रैक्ट व्हिच आर पार्ट ऑफ योर बिजनेस रिलेटेड लॉस और योर कमर्शियल लॉस तो इस तरीके से जो हमारी डे टू डे लाइफ है ना अगर हम किसी भी तरफ देखें चाहे हम एजुकेशन सेक्टर में देखें स्कूल्स में वहां पर हम फीस दे रहे हैं बदले में हमें सर्विस मिल रही है क्या सर्विस है एजुकेशन तो वो भी क्या है एक तरीके का कांट्रैक्ट है अब स्कूल वाले मान लो आपसे फीस लिए जा रहे हैं इंजीनियरिंग कॉलेज में मान लो आपसे फीस लिए जा रहे हैं बदले में आपको पढ़ाया नहीं जा रहा बदले में आपको सर्विस नहीं प्रोवाइड की जा रही तो वहां पर भी आप कंपनसेशन क्लेम कर सकते हो उस कॉलेज से क्योंकि जो आपका एडमिशन फॉर्म है या एडमिशन स्लिप है या जो आपकी फी स्लिप है वो इट कैन एक्ट एज अ कांट्रैक्ट बिटवीन यू टू ठीक है कांट्रैक्ट किसके स्टूडेंट और इंस्टीट्यूशन के बीच में और जब भी इनमें से कोई भी एक व्यक्ति अपनी ड्यूटी अच्छे से फुलफिल नहीं करेगा तो जिसको कोई भी डैमेज या कोई नुकसान हुआ है वह कंपनसेशन क्लेम करने कोर्ट में जा सकता है तो जो इस तरीके से हमारा जो कांसेप्ट ऑफ कांट्रैक्ट्स है हमारी लाइफ की डे टू डे अलग-अलग एक्टिविटीज से बहुत ही इंपॉर्टेंट रोल प्ले करता है ठीक है सो दैट इज द इंपॉर्टेंस और सिग्निफिकेंट ऑफ हैविंग कांट्रैक्ट्स इन आर डे टू डे लाइव्स अब कांट्रैक्ट क्रिएट्स राइट्स एंड ऑब्लिगेशंस ऑन द पार्टीज यानी कि जो दो व्यक्ति कांट्रैक्ट का हिस्सा है उनके कुछ राइट्स भी होंगे यानी कि उनको कुछ अधिकार भी मिलेंगे और उनकी कुछ ऑब्लिगेशंस भी होंगी यानी कि उनकी कुछ जिम्मेदारियां भी होंगी उनकी कुछ ड्यूटीज भी होंगी जो उन्हें परफॉर्म करनी पड़ेंगी देन इसका एग्जांपल क्या है पहला है इंश्योरेंस कांट्रैक्ट ठीक है इंश्योरेंस का मैं आपको ऑलरेडी एग्जाम दे चुकी हूं इंश्योरेंस कोई भी तरीके का हो सकता है इट कैन बी र हेल्थ इंश्योरेंस फायर इंश्योरेंस तो इस तरीके से डिफरेंट काइंड ऑफ इंश्योरेंस आर देयर जहां पर आप अपने राइट्स को प्रोटेक्ट करने के लिए अगर आपको जो बताया गया है जितना कि आपको इतना इंश्योरेंस अमाउंट या इतना कंपनसेशन दिया जाएगा उतना अगर नहीं दिया गया तो आप कोर्ट में वो कंपनसेशन क्लेम करने जा सकते हैं देन वी हैव सेल एंड परचेज सेल एंड परचेज घर का भी हो सकता है यानी कि इमूवेबल प्रॉपर्टी का भी हो सकता है और मूवेबल प्रॉपर्टी का हो सकता है जैसे कि अगर आप अपना घर बेचना चाहते हैं अपनी एग्रीकल्चरल लैंड सेल करना चाहते हैं या आप अपनी बाइक सेल करना चाहते हैं या आप अपना कोई भी अ मोटर व्हीकल यानी कि कार सेल करना चाहते हैं या आपके कोई जिम इक्विपमेंट्स हैं जो आप सेल करना चाहते हैं वो भी क्या है सेल एंड परचेज वहां पर भी जैसे अगर हम ओल एक की बात करें लएक पे क्या होता है लोग अपनी चीजें सेल कर सकते हैं और उनको कोई बाय कर सकता है सो यू बाय सेकंड हैंड थिंग्स सेकंड हैंड कार हो सकती है सेकंड हैंड बाइक हो सकती है सेकंड हैंड साइकिल हो सकती है इस तरीके से कोई भी ऐसी चीज व्हिच हैज बीन यूज्ड बाय सम अदर पर्सन अब यहां पर यहां पर भी क्या होगा सेल एंड परचेज का एक कांट्रैक्ट बनेगा अब जो व्यक्ति वहां पर उस ल एक के प्लेटफार्म पे कोई चीज आपको बता रहा है कि मेरी गाड़ी की माइलेज इतनी है यह मैंने इस साल में खरीदी थी मैंने इसको इतने किलोमीटर चलाया है अब जब आपने वह गाड़ी खरीद ली आपको बाद में पता चलता है उस व्यक्ति ने तो सब झूठ बोला फ्रॉड कमिट किया है तो वहां पर भी आप उस व्यक्ति के अगेंस्ट एक्शन ले सकते हैं तो ये इंपॉर्टेंस है ये सिग्निफिकेंट है कांट्रैक्ट बनाने का ठीक है कि आप दूसरे व्यक्ति को लीगली बाइंडिंग उसपे इफेक्ट क्रिएट कर सकते हो फिर लैंडलॉर्ड एंड टेनेंट का कांट्रैक्ट का भी मैंने आपको एग्जांपल बता दिया है तो इस तरीके से हम सिंपली समझ सकते हैं हमारे चारों तरफ यानी हमारे इर्दगिर्द अलग-अलग तरीके के कांट्रैक्ट्स एसिस्टिंग है चाहे वो हम कोई शॉपकीपर से सामान खरीदने जा रहे हैं तो वो भी एक फॉर्म ऑफ कांट्रैक्ट है जो बिल हमें मिलता है ठीक है कि ये सर्टेन काइंड ऑफ ऑब्जेक्ट्स हैव बीन सोल्ड बाय मी उसके अलावा आप स्कूल जा रहे हो तो वहां पर भी आपका स्कूल के साथ भी आपका एक सॉर्ट ऑफ कांट्रैक्ट है कि आप फीस पे कर रहे हो बदले में आपको एज एन सर्विसेस आपको एजुकेशन की जो अलग-अलग फैसिलिटी हैं वो प्रोवाइड की जाएंगी ठीक है तो हॉस्पिटल अगर अगर आप जा रहे हो हॉस्पिटल में बिल पे कर रहे हो तो वहां पर भी आप सर्विस क्लेम कर रहे हो उन सर्विसेस में कोई भी आपको अप टू द मार्क सर्विसेस नहीं प्रोवाइड की गई या कुछ ऐसा ट्रीटमेंट दे दे दिया गया जहां पर उन्होंने जिसकी वजह से आपको कोई इंजरी हो गई या जिसकी वजह से उन्होंने नेगलिजेंस कर दी और आपको कुछ नुकसान हो गया तो वहां पर भी आप हॉस्पिटल के अगेंस्ट एक्शन ले सकते हो तो यह सब चीजें कैसे अराइज होती है यह सब कांट्रैक्ट के थ्रू अराइज होती है ठीक है तो इस तरीके से द कांसेप्ट ऑफ कांट्रैक्ट इज इंट्रिसिकली रिलेटेड और इंटरम विद आ डे टू डे लाइफ एक्टिविटीज फिर हम बात करते हैं इट इज गवर्न्ड बाय दी इंडियन कांट्रैक्ट एक्ट अब जैसे हम अलग-अलग ऑफेंसेस अपराधों की बात करते हैं रेप का ऑफेंस है मर्डर का ऑफेंस है थेफ्ट का ऑफेंस है असोल्ट है अ सेक्सुअल असल्ट है ठीक है या डिस रबिंग अ वमन है ये अलग-अलग तरह के ऑफेंसेस कहां डिफाइन किए गए हैं यह डिफाइन किए गए हैं हमारे इंडियन पीनल कोड में वहां पर बताया गया है कि हम कब कहेंगे कि हां किसी चीज की थेफ्ट कमिट हुई है और उसके लिए कितनी पनिशमेंट दी जाएगी वैसे ही जो हमारा इंडियन कांट्रैक्ट एक्ट है उससे रिलेटेड जो प्रोविजंस हैं वो कहां दी गई है वो दी गई है हमारे इंडियन कांट्रैक्ट एक्ट यहां पे सब कुछ बताया गया है कि कैसे कांट्रैक्ट को बनाया जा सकता है क्या-क्या एसेंशियल कंडीशंस हैं जो फुलफिल करनी पड़ेगी इन ऑर्डर टू फॉर्म अ वैलिड कांट्रैक्ट कौन-कौन लोग जो है आपस में कांट्रैक्ट साइन कर सकते हैं तो हर एक माइन न्यूट चीज अब किसी पार्टी ने ब्रीच ऑफ कांट्रैक्ट किया है तो उसको कितनी कंपनसेशन पे करनी पड़ेगी डैमेजेस कितने पे करने पड़ेंगे यह सब चीजें आपकी कहां डिफाइंड है यह सब आपकी इंडियन कांट्रैक्ट एक्ट में डिफाइंड है ऑलराइट अब इसके बाद नाउ लेट्स प्रोसीड फर्द सो बिफोर आई मूव ऑन टू द नेक्स्ट टॉपिक आई वुड लाइक टू टेल यू ल अबाउट डिफरेंट काइंड ऑफ कांट्रैक्ट्स सो ब्रॉडली वी हैव थ्री काइंड ऑफ कांट्रैक्ट्स जिसमें सबसे पहली कैटेगरी है हमारे पास वैलिड कांट्रैक्ट अब वैलिड कांट्रैक्ट क्या है जिसमें सब कुछ परफेक्ट है यानी कि जितनी भी हमारे इंडियन कांट्रैक्ट एक्ट में कंडीशंस बताई गई है एक कांट्रैक्ट को बनाने के लिए वह सभी कंडीशंस पूरी की गई है वो सभी कंडीशंस फुलफिल की गई है तो इस तरीके से ये एक वैलिड कांट्रैक्ट बन जाता है अब वैलिड कांट्रैक्ट होने का मतलब क्या है कि जब भी उस कांट्रैक्ट का कोई भी ब्रीच होगा या उसका जो कंडीशंस हैं उस कांट्रैक्ट में उसकी कोई भी वायलेशन होगी तो उसके लिए आप कोर्ट में जा सकते हैं कंपनसेशन क्लेम करने के लिए यानी कि ये जो कांट्रैक्ट है दीज आर एनफोर्सेबल एनफोर्सेबल मतलब यू कैन गो टू द कोर्ट यू कैन मूव टू द कोर्ट इन ऑर्डर टू क्लेम रेमेडी ऑन द ब्रीच ऑफ़ कांट्रैक्ट यानी कि जब भी ब्रीच ऑफ कांट्रैक्ट होगा आप कोर्ट जाके अपना कंपनसेशन या डैमेजेस क्लेम कर सकते हैं सो दीज कांट्रैक्ट्स आर व्हाट दज आर एनफोर्सेबल अब इसके बाद नेक्स्ट जो कैटेगरी है नेक्स्ट इज योर वॉइड कांट्रैक्ट्स अब वॉइड कांट्रैक्ट्स क्या होते हैं वॉइड कांट्रैक्ट्स वो कांट्रैक्ट्स होते हैं विच आर नॉट एनफोर्सेबल इन द कोर्ट्स अब जैसे कि मैंने आपको बताया कि हमारा इंडियन कांट्रैक्ट एक्ट कुछ कंडीशंस बताता है जो कि हमें फुलफिल करनी पड़ेंगी एक वैलिड कांट्रैक्ट बनाने के लिए उसमें कुछ कंडीशंस बताई गई है कि आपका जो कांट्रैक्ट है वह लॉफुल पर्पस के लिए होना चाहिए लॉफुल पर्पस मतलब कि जैसे कि कोई भी दो व्यक्ति आपस में कांट्रैक्ट बनाते हैं लैंडलॉर्ड टेनेंट का जैसे कांट्रैक्ट है वो परफेक्टली लॉफुल है या फिर उसमें कुछ भी इलीगल नहीं है बट मान लो इसी कांट्रैक्ट में मैं कहती हूं कि आई विल बी हैंडलिंग यू सर्टेन इलीगल वेपंस व्हिच यू मे यूज फॉर कैरिंग कैरिंग ऑन योर ड्रग ऑपरेशंस जो आप इलिसिट अ ड्रग ट्रेड चला रहे हो या अनलॉफुल या इल्लीगल ट्रेड एक्टिविटीज कर रहे हो जहां पे आप ड्रग सप्लाई कर रहे हो उसमें आपको सिक्योरिटी मिल जाए इसके लिए मैं आपको इलीगल वेपंस प्रोवाइड करूंगी यह भी क्या है एक तरीके का कांट्रैक्ट है क्या ये कांट्रैक्ट है इसको हम कह सकते हैं इज इट अ वैलिड कांट्रैक्ट नो बिकॉज़ इट इज इज अगेंस्ट द पब्लिक पॉलिसी एंड इट इज अनलॉफुल तो इस तरीके के जो कांट्रैक्ट हैं वो अनइनफोर्सेबल होंगे या दे विल कंसीडर टू बी नॉट एनफोर्सेबल अब ए ने बी को बोला कि मैं तुम्हें इल्लीगल वेपंस प्रोवाइड करूंगा और तुम मुझे ये बैंड ड्रग्स प्रोवाइड करोगे अब कल को उसने तो अपनी तरफ से वो ड्रग्स प्रोवाइड कर दिए बट इसने इलीगल वेपंस नहीं दिए तो क्या जो व्यक्ति बी है वो कोर्ट में जा सकता है ब्रीच ऑफ़ कांट्रैक्ट के अंदर कंपनसेशन क्लेम करने नहीं क्योंकि जो ये कांट्रैक्ट है ये कांट्रैक्ट लॉफुल नहीं है जब तक कांट्रैक्ट लॉफुल नहीं होगा आप उसके ब्रीच के अंदर कंपनसेशन क्लेम करने कोर्ट में नहीं जा सकते ठीक है सो वॉइड कांट्रैक्ट मतलब इसको कोर्ट में इफोर्स नहीं कराया जा सकता क्योंकि ये अनलॉफुल है क्योंकि ये इलीगल है अब थर्ड कैटेगरी है हमारे पास वॉयडेबल वॉयडेबल कांट्रैक्ट्स क्या होते हैं वैलिड मतलब को कोर्ट में इफोर्स कराया जा सकता है वॉइड कांट्रैक्ट मतलब जिनको कोर्ट में एनफोर्स नहीं कराया जा सकता तोय थर्ड कैटेगरी क्या है तो डेबल कांट्रैक्ट व होते हैं जहां पर दो व्यक्ति है ए एंड बी इन दोनों के बीच में कांट्रैक्ट हुआ और जो यह बी व्यक्ति है इसकी कंसेंट जो है फ्री कंसेंट नहीं थी ठीक है द कंसेंट यानी कि जब कांट्रैक्ट बनाते समय आपने दूसरे व्यक्ति की कंसेंट उसे झूठ बोलकर या उसे डरा धमका के उसकी कंसेंट ली है तो वहां पर जो कांट्रैक्ट है वो वॉयडेबल होगा अब इसे हम वॉयडेबल क्यों कहेंगे अगर ये व्यक्ति चाहेगा तो इस कांट्रैक्ट को नॉर्मल एज अ वैलिड कांट्रैक्ट भी चला सकता है या इसे लगता है कि अगर मेरे साथ ये फ्रॉड कमिट नहीं होता तो मैं अपनी कंसेंट बिल्कुल भी ना देता यानी कि मुझे अगर सब सच पता होता तो मैं यह कांट्रैक्ट बिल्कुल भी साइन नहीं करता या इस कांट्रैक्ट में एंटर नहीं करता तो इसके पास चॉइस है या तो यह कांट्रैक्ट को वैलिड समझ के इसमें कैरी फॉरवर्ड कर सकता है कि कोई बात नहीं मुझे कोई लॉस नहीं हुआ सच जानने के बाद भी मैं चाहता हूं कि इस कांट्रैक्ट को कैरी फॉरवर्ड करूं क्योंकि मुझे कोई पर्सनल लॉस नहीं हो रहा है तो वहां पर वो कांट्रैक्ट एक वैलिड कांट्रैक्ट माना जाएगा बट इसको अगर लगता है कि इस व्यक्ति ने तो मेरे साथ फ्रॉड कमिट किया है इस की वजह से मुझे लॉस हो गया और मैं तो इस कांट्रैक्ट को खत्म करना चाहता हूं तो वहां पर इस व्यक्ति के पास चॉइस है टू पुट एन एंड टू द कांट्रैक्ट कि वो उस कांट्रैक्ट को खत्म कर सकता है तो वॉयडेबल में क्या है देर इज अ चॉइस चॉइस इज गिवन टू द पर्सन जिसकी कंसेंट फ्री कंसेंट नहीं है या तो वो उस कांट्रैक्ट को कैरी फॉरवर्ड कर सकता है या वो उस कांट्रैक्ट को नल एंड वॉइड डिक्लेयर करवा सकता है सो दैट्ची हाउ अ कांट्रैक्ट इज फॉर्म कैसे एक कांट्रैक्ट की फॉर्मेशन टेक प्लेस करती है या कैसे कांट्रैक्ट को बनाया जाता है तो सबसे पहली चीज जो है हियर वी हैव ऑफर प्लस एक्सेप्टेंस गिव्स यू प्रॉमिस तो कांट्रैक्ट बनाने की फॉर्मेशन में सबसे पहली चीज जो होती है वो होती है मेकिंग एन ऑफ र या इसको हम प्रपोजल भी कह देते हैं कि आप किसी को कुछ ऑफर करते हो आप किसी को कुछ प्रपोज करते हो जैसे कि मैं तुम्हारी गाड़ी खरीदना चाहता हूं या मैं अपनी बाइसिकल सेल करना चाहता हूं या मैं अपना घर सेल करना चाहता हूं वो क्या है ऑफर है यू आर शोइंग योर विलिंग आप दिखा रहे हो किसी व्यक्ति को या किसी व्यक्ति को बता रहे हो कि आई इंटेंड टू सेल माय प्रॉपर्टी और आई इंटेंड टू बाय योर प्रॉपर्टी ठीक है अगर उस ऑफर की एक्सेप्टेंस हो जाती है जैसे कि मैंने तुम्हें कहा कि मैं तुम्हें अपनी कार ₹ लाख में बेच दूंगा आई एम विलिंग टू सेल माय कार टू यू फॉर र 5 लाख एंड यू से ओके आई एक्सेप्ट योर ऑफर अब यहां पर एक्सेप्टेंस भी हो गई तो वो क्या बन गया प्रॉमिस बन गया सो ऑफर प्लस एक्सेप्टेंस से क्या बन गया प्रॉमिस अब अगला स्टेप होता है जब इस प्रॉमिस में कंसीडरेशन मिल जाता है प्रॉमिस प्लस कंसीडरेशन गिव्स यू एग्रीमेंट अब कंसीड प्रॉमिस तो आप लोग समझ गए होंगे कि क्या होगा जब ऑफर एक्सेप्टेंस मिल जाते हैं तो बन जाता है प्रॉमिस अब अगली स्टेज है कंसीडरेशन कंसीडरेशन क्या होता है समथिंग दैट यू गेट इन रिटर्न अब ए बी को अपनी कार सेल कर रहा है और बी उसे र 5 लाख दे रहा है तो ए के लिए कंसीडरेशन क्या वट इ ही गेटिंग रप 5 लाख तो कंसीडरेशन ए के लिए क्या हुई 5 लाख रप और बी के लिए कंसीडरेशन क्या हुई जो गाड़ी उसे मिल रही है तो इस तरीके से जो प्रॉमिस में कंसीडरेशन मिल जाती है तो वह बन जाता है हमारा एग्रीमेंट अब एग्रीमेंट कांट्रैक्ट कब बनता है अगला स्टेज है एग्रीमेंट प्लस एनफोर्स बिलिटी व्ट इज द नेक्स्ट स्टेप न दिस एग्रीमेंट इज एनफोर्सेबल इट बिकम अ कांट्रैक्ट हाउ सो अब जो यहां पे आपका एग्रीमेंट बन गया अगर वह एनफोर्सेबल है यानी कि अगर उसके ब्रीच पर जब उसकी कोई कंडीशन वायलेट हो रही है उसकी कंडीशंस की वायलेशन पे आप कोर्ट में जाके उसे उस व्यक्ति से कोई कंपनसेशन क्लेम कर सकते हो यानी कि जो आपका कांट्रैक्ट है वो कंपलीटली लॉफुल है है उसमें कोई भी इल्लीगल एलिमेंट इंक्लूडेड नहीं है वहां पर फिर हम यह कहेंगे कि दैट कांट्रैक्ट इज परफेक्टली वैलिड कांट्रैक्ट ठीक है सो दिस इज द स्टेप सबसे पहले ऑफर और एक्सेप्टेंस के मिलने से बना प्रॉमिस फिर प्रॉमिस में जब कंसीडरेशन मिल गया तो बना एग्रीमेंट और एग्रीमेंट में जब इंफोर्स बिलिटी आ जाती है इंफोर्स बिलिटी क्या होती है जब आप कोर्ट में जाके उस व्यक्ति के अगेंस्ट एक्शन ले सकते हो यानी कि आपका कांट्रैक्ट परफेक्टली लॉफुल या परफेक्टली वैलिड कांट्रैक्ट है उसमें कुछ भी इलीगल एलिमेंट नहीं है तो आपका जो एग्रीमेंट है वह कांट्रैक्ट बन जाता है इसका एक एग्जांपल देती हूं मैं आपको सपोज कोर्ट में एक केस चल रहा है एंड वन पर्सन ऑफर्स द अ द जज दैट ही विल गिव हिम अ मनी ऑफ रुपी से र 50 लाख टू सेटल द डिस्प्यूट अगर वह इस केस का डिसीजन है वह मेरे फेवर में अगर दे दे तो मैं उसे 50 लाख दे दूंगी अब यह जो जज है ही आल्सो एक्सेप्ट्स दैट ऑफर तो यहां पर क्या हो गया एक की तरफ से ऑफर हुआ दूसरे की तरफ से एक्सेप्टेंस हुआ यहां पे प्रॉमिस तो हो गया ठीक है अब कंसीडरेशन जो जज है उसके लिए द अमाउंट इज द कंसीडरेशन एंड फॉर द पर्सन जिस व्यक्ति ने यह ऑफर किया था उसके लिए क्या है कंसीडरेशन कि डिसीजन उसके फेवर में आ जाएगा तो कंसीडरेशन ये हो गया अब एनफोर्स एबिलिटी पे सवाल आ गया क्या ये एनफोर्सेबल है क्या हम इस एग्रीमेंट को इफोर्स करा सकते हैं नो क्योंकि ऐसे एग्रीमेंट्स आर अगेंस्ट द पब्लिक पॉलिसी दीज एग्रीमेंट्स आर अनलॉफुल इन नेचर दीज एग्रीमेंट्स आर इलीगल इन नेचर तो जो भी जब भी किसी एग्रीमेंट का नेचर अगेंस्ट द पब्लिक पॉलिसी है अगेंस्ट दी मोरल पॉलिसी है अगेंस्ट दी लॉज है हमारी कंट्री में जो लॉज एक्जिस्टिंग है उन लॉज के अगेंस्ट है तो वो एग्रीमेंट कभी भी एनफोर्सेबल नहीं होगा ठीक है तो इस तरीके से दिस इज वन एग्जांपल वेयर वी कैन से यह एग्रीमेंट कांट्रैक्ट नहीं बनेगा ठीक है सो आई होप एवरीवन इज एवरीवन इज़ क्लियर एंड अंडर स्टूड व्हाट आर द थ्री डिफरेंट स्टेजेस ऑफ फॉर्मेशन ऑफ़ अ कांट्रैक्ट फर्स्ट स्टेज बीइंग सबसे पहले कोई व्यक्ति किसी को कुछ ऑफर करेगा जब उस ऑफर की एक्सेप्टेंस हो जाती है यानी कि वह व्यक्ति उस ऑफर को स्वीकार कर लेता है तो बन जाता है प्रॉमिस और अगली स्टेज क्या है नाउ लेट्स गो टू द सेकंड स्टेज जब इस प्रॉमिस में कुछ कंसीडरेशन मिल जाती है कंसीडरेशन क्या होता है समथिंग इन रिटर्न जब बदले में आपको कुछ मिल रहा है उसे आप कहते हो कंसीडरेशन जब प्रॉमिस में कंसीडरेशन मिल गया वो क्या बन गया एग्रीमेंट यह हो गई आपकी सेकंड स्टेज कंप्लीट अब थर्ड एंड लास्ट स्टेज क्या है जो यह एग्रीमेंट बना है अगर यह एनफोर्सेबल है यानी कि कोर्ट में जाके आप इसके ब्रीज के अंदर आप कंपनसेशन क्लेम कर पाओगे तो वो क्या होगा आपका कांट्रैक्ट बन जाएगा सो एग्रीमेंट प्लस एनफोर्सेबल इज द लास्ट स्टेप व्हिच विल रिजल्ट इन द फॉर्मेशन ऑफ अ वैलिड कांट्रैक्ट आई होप एवरीवन जज अंडरस्टूड कि क्या-क्या अलग अलग तरह की स्टेजेस है अब अगला इंपॉर्टेंट पॉइंट है इंटेंशन टू क्रिएट लीगल रिलेशनशिप और इंटेंशन टू एंटर इनटू अ कांट्रैक्ट कि जब भी कोई कांट्रैक्ट बनता है देयर मस्ट बी इंटेंशन टू क्रिएट अ कांट्रैक्ट और इंटेंशन टू क्रिएट लीगल रिलेशनशिप तो यहां पे वी कैन आल्सो राइट इंटेंशन टू क्रिएट अ लीगल रिलेशनशिप कि जब भी कोई कांट्रैक्ट बनता है तो दोनों पार्टीज की इंटेंशन होनी चाहिए कि वह एक दूसरे में एक लीगली बाइंडिंग ड्यूटीज एनफोर्स कर रहे हैं लीगली बाइंडिंग रिलेशनशिप क्रिएट कर रहे हैं जैसे आप यहां दे देख सकते हो बिजनेस एग्रीमेंट्स आर यूजुअली बाइंडिंग इन नेचर बाइंडिंग का क्या मतलब है अगर कोई भी बिजनेस एग्रीमेंट है मान लो दो कंट्रीज में ट्रेड रिलेटेड कोई एग्रीमेंट हुआ है और कोई भी कंट्री उस उसको फॉलो नहीं करती है यानी कि तो जो भी उस कांट्रैक्ट में कंडीशंस दी गई है वो उस परे बाइंडिंग होगी अब दूसरी व्यक्ति को दूसरी कंट्री को जो लॉस हुआ है उसे उसके लिए कंपनसेटर पड़ेगा ठीक है अब हम बात करते हैं सोशल एग्रीमेंट्स की सोशल एग्रीमेंट्स क्या है जैसे कि दो सिब्लिंग्स के बीच का कोई एग्रीमेंट हो गया कि ठीक है 10 दिन तुम साइकिल चलाओगे जब हम स्कूल जाएंगे अगले 10 दिन मैं साइकिल चलाऊंगा जब स्कूल से वापस आएंगे तो क्या ये एक लीगली बाइंडिंग रिलेशनशिप है अगर अगले 10 दिन आपका भाई मना कर देता है कि नहीं मैं तो नहीं साइकिल चला रहा मुझे तो मजा आता है पीछे बैठ के मैं क्यों इतनी मेहनत करूं तुम मुझसे बड़े हो तुम साइकिल चलाओगे तो क्या इसमें जो छोटा भाई है वो बड़े भाई के अगेंस्ट कोर्ट में जा सकता है कि जी इसने मुझे कहा था मैंने तो 10 दिन साइकिल चलाई अब ये अपना पार्ट परफॉर्म नहीं कर रहा एग्रीमेंट का आप इसे बोलो कि मुझे कुछ कंपनसेशन देगा या इसे बोलो कि अगले 10 दिन यह साइकिल चलाएगा तो ये क्या है एक सोशल अग एग्रीमेंट है इसमें कोई इंटेंशन नहीं है लीगली बाइंडिंग रिलेशनशिप क्रिएट करने की इसी तरीके से और एग्जांपल हो सकता है सम सॉर्ट ऑफ अंडरस्टैंडिंग बिटवीन द पेरेंट्स एंड द चिल्ड्रन अब कई बार आपके पेरेंट्स हमारे पेरेंट्स हमें बोल देते हैं एस स्टूडेंट वाइल वी आर स्टडिंग वाइल वी आर इन द स्कूल कि बेटा तुम अच्छे मार्क्स लेके आओ अगले साल जो तुम कहोगे या तुम 12थ में इस पर्टिकुलर कॉलेज में एडमिशन ले लो जो तुम कहोगे तुम्हें वो वाली मोटरसाइकिल मैं दिला दूंगा जो तुम कहोगे वो वाली बाइक मैं तुम्हें दिला दूंगा या कार मैं तुम्हें दिला दूंगा आपने बहुत मेहनत की एक साल दो साल और आपने उनके ड्रीम कॉलेज में जो वो चाहते थे उस पर्टिकुलर कॉलेज में ही एडमिशन ले लिया अब क्या आप अपने पेरेंट्स को कंपेन कर सकते हो हां जी मेरी गाड़ी की चाबी कहां है हां जी मेरी बाइक की चाबी कहां है आपने मुझे एडमिशन लेने के लिए कहा था मैंने तो एडमिशन ले लिया अब मैंने तो अपनी मेहनत करी मैंने तो अपनी ड्यूटी परफॉर्म कर दी अब आपकी भी तो जिम्मेवारी है ना आपकी भी ऑब्लिगेशन है आप मुझे गाड़ी दिलाओ तो क्या ऐसे रिलेशनशिप्स को हम कह सकते हैं कि दैट देयर वाज टेंशन टू क्रिएट लीगल रिलेशनशिप नो तो जो ऐसे सोशल एग्रीमेंट्स होते हैं ना जहां पर देयर इज सम सॉर्ट ऑफ अंडरस्टैंडिंग बिटवीन द टू पार्टीज वहां पर वहां पर जो कोई वहां पर कोई कमर्शियल लॉस या प्रॉफिट वाला कोई एलिमेंट नहीं है वहां हम ये नहीं कह सकते कि द एग्रीमेंट विल बी बाइंडिंग बिटवीन द टू पार्टीज ठीक है तो वहां पर वो क्या है इट इज मियर अ सोशल अंडरस्टैंडिंग ठीक है अब इसको हम यहां से समझते हैं इसमें एक इंपॉर्टेंट केस था बेलफर वर्सेस बेलफर ये बहुत ही इंपॉर्टेंट है एग्जामिनेशन पॉइंट ऑफ व्यू से जैसे मैंने टट लॉ में और जुडिशरी में आपको कुछ केस लॉज बताए वैसे ही साइड बाय साइड हम कांट्रैक्ट लॉ के भी केसेस साथ-साथ पढ़ते रहेंगे एंड अगेन आई एम रिक्वेस्टिंग जैसे मैंने आपको पहले कहा था पिछले लेक्चर में कहा था कि अपना एक पेज बना लो वहां पर आप सिर्फ इंपॉर्टेंट केस लॉज लिखो केस की हेडिंग लिखो और उसका वो कौन से टॉपिक से रिलेटेड है वो लिखो सो अभी तक आई होप यू मस्ट हैव एडेड अराउंड सेवन टू एट केसेस नाउ ए एट दिस केस आल्सो इन द लिस्ट इट इज वेरी इंपोर्टेंट फ्रॉम एग्जामिनेशन पॉइंट ऑफ व्यू दैट व्हिच केस कौन से केस में कोर्ट ने यह कहा था दैट इन ऑर्डर टू फॉर्म अ वैलिड कांट्रैक्ट एक वैलिड कांट्रैक्ट बनाने के लिए दोनों पार्टीज की इंटेंशन होनी चाहिए टू क्रिएट अ लीगल रिलेशनशिप ठीक है सो हेयर इंटेंशन टू क्रिएट अ लीगली बाइंडिंग कांट्रैक्ट बिटवीन द पार्टीज इज नेसेसरी टू फॉर्म अ वैलिड कांट्रैक्ट अब इसकी बेटर अंडरस्टैंडिंग के लिए मैं आपको बताती हूं कि इस केस में हुआ क्या था इस केस में क्या हुआ था हस्बैंड एंड वाइफ हैं वो लोग इंग्लैंड घूमने जाते हैं जो वाइफ है उसकी उस इंग्लैंड के ट्रिप पे बहुत ही ज्यादा तबीयत खराब हो जाती है और जो उस वो उसका हस्बैंड है उसे हॉस्पिटल ले जाता है अब हॉस्पिटल में डॉक्टर उसे कहता है कि इसको तो जी हमें एडमिट करना पड़ेगा शी इज सीवियरली इल बट व्हाल शी वाज एडमिटेड देयर और उसका ट्रीटमेंट चल रहा था उसके हस्बैंड की छुट्टियां खत्म हो गई उसे तो वापस जाना था बट वो इन द मीन टाइम जैसे कि वो अपनी होम कंट्री में चला गया वहां से वो उसके लिए कुछ एक्सपेंसेस भेजता था कि तुम्हें जो भी डे टू डे बेसिस के लिए एक्सपेंसेस चाहिए उसके लिए आई होप तुम्हें इन पैसों से कुछ मदद मिलेगी बट कुछ समय बाद उन दोनों के बीच में कुछ मिसअंडरस्टैंडिंग हो गई या उनके बीच में कुछ कॉम्प्लिकेशन से अराइज हो गई और हस्बैंड ने वो पैसे वाइफ को भेजना छोड़ दिया या उसे उसको उस ट्रांजैक्शन को खत्म कर दिया वहीं के वहीं पर फिर इसमें क्या है जो वाइफ है अपने हस्बैंड के अगेंस्ट कोर्ट में जाती है और वो कहती है दैट देयर वाज अ कांट्रैक्ट बिटवीन द हस्बैंड एंड वाइफ एंड ही वाज सपोज्ड टू सेंड मी द दैट मनी एव्री मंथ बट यहां पर कोर्ट कहता है दैट इट वाज जस्ट अ सोशल अंडरस्टैंडिंग और इट वाज जस्ट अ मोरल ऑब्लिगेशन हस्बैंड अपनी मोरल ऑब्लिगेशन फॉलो कर रहा था कि हां जी एज योर हस्बैंड इट इज हिज मोरल ड्यूटी टू टेक केयर ऑफ यू और टू कंपनसेटर योर एक्सपेंसेस बट यहां कोर्ट ने कहा कि मोरल ऑब्लिगेशन को हम लीगल रिलेशनशिप नहीं मान सकते यानी कि अगर आप दोनों के बीच में अच्छी अंडरस्टैंडिंग नहीं है और यू टू आर नॉट ट्रीटिंग ईच अदर रिस्पेक्टफुली एज हस्बैंड एंड वाइफ ही नीड नॉट टेक केयर ऑफ योर एक्सपेंसेस एनीमोर ठीक है तो यहां पर कोर्ट ने कहा कि जो ये पैसे का ट्रांसफर था बिटवीन द हस्बैंड एंड वाइफ इट इज नॉट अ लीगल बाइंडिंग रिलेशनशिप इट वाज जस्ट अ व्हाट इट इज अ मोरल ऑब्लिगेशन तो यहां ऐसे कोर्ट ने कहा कि जब भी कोई एक कांट्रैक्ट बनाया जाता है एक कांट्रैक्ट बनाने के लिए यह बहुत इंपॉर्टेंट है देखना क्या दोनों पार्टीज की लीगली बाइंडिंग रिलेशनशिप क्रिएट करने की इंटेंशन है या नहीं या वह सिर्फ एक मोरल ऑब्लिगेशन फुलफिल करने की बात कर रहे हैं जैसे कि पेरेंट्स और चिल्ड्रन की बात है वो आपस में कोई ऐसी डिस्कशन करते हैं तो वहां पर भी लीगली बाइंडिंग रिलेशनशिप क्रिएट हम नहीं कर सकते ठीक है सो विद दिस लेट्स प्रोसीड टू द नेक्स्ट टॉपिक दैट इज एग्रीमेंट वर्सेस कांट्रैक्ट तो एग्रीमेंट वर्सेस कांट्रैक्ट में क्या है सबसे पहले हम यह देख लेते हैं एग्रीमेंट डिफाइंड कहां है एग्रीमेंट डिफाइंड है सेक्शन 2e ऑफ द इंडियन कॉन्ट्रैक्ट एक्ट अब यह भी आपके एग्जामिनेशन पॉइंट ऑफ व्यू से इंपॉर्टेंट है कि जो आपका एग्रीमेंट की डेफिनेशन है वो इंडियन कांट्रैक्ट एक्ट में कौन से सेक्शन के अंदर दी गई है इट इज गिवन अंडर सेक्शन टू क्लॉज ई और कांट्रैक्ट कहां डिफाइन है सेक्शन टू क्लॉज एच में तो इस तरीके से यह जो डेफिनेशन है कुछ इंपॉर्टेंट टर्मिनोलॉजी की वो आपको याद रखनी पड़ेगी कि ट कहां डिफाइन है एग्रीमेंट कहां डिफाइंड है यू मस्ट रिमेंबर दिस पर्टिकुलर सेक्शन च आर दज आर इंपोर्टेंट फ्रॉम योर एग्जामिनेशन पॉइंट ऑफ व्यू देन यह जो लाइन है ना यह बहुत इंपॉर्टेंट है ट ऑल कांट्रैक्ट्स आर एग्रीमेंट्स बट ऑल एग्रीमेंट्स आर नॉट कांट्रैक्ट सो हेयर वी मेक अ सर्कल अनदर सर्कल ठीक है दिस इज योर कांट्रैक्ट्स दिस इज एग्रीमेंट्स अब यह कह रहे हैं कि हर एक एग्रीमेंट कांट्रैक्ट नहीं होता बट हर कांट्रैक्ट एग्रीमेंट होता है ठीक है सो यह जो डिफरेंशिएबल एग्री वच आर नॉट एनफोर्सेबल और कौन से एग्रीमेंट्स कांट्रैक्ट बन गए एग्रीमेंट्स व्च आर एनफोर्सेबल इन नेचर एग्रीमेंट्स व्हिच आर एनफोर्सेबल इन नेचर अब इसकी सिंपल अंडरस्टैंडिंग क्या हुई यह लाइन कहती है कि जितने भी हमारे पास कांट्रैक्ट्स है वो सभी क्या है एग्रीमेंट्स है बट जो सभी एग्रीमेंट्स हैं वह कांट्रैक्ट नहीं है क्यों क्योंकि जैसे मैंने आपको व थ्री स्टेजेस बताई थी कि कैसे कांट्रैक्ट बनता है उसमें लास्ट स्टेज में हमने देखा था कि सिर्फ वो एग्रीमेंट्स कांट्रैक्ट बनते हैं जो कि एनफोर्सेबल है यानी कि जिनके ब्रीज पे आप कोर्ट में कंपनसेशन क्लेम करने जा सकते हो तो इस तरीके से यहां से सिंपली समझो जो बड़ा सर्कल है वह क्या है एग्रीमेंट का अब इस एग्रीमेंट में कुछ कांट्रैक्ट्स होंगे और कुछ कांट्रैक्ट्स नहीं बनेंगे तो कौन-कौन से एग्रीमेंट्स कांट्रैक्ट बनेंगे व्हिच आर एग्रीमेंट व्हिच आर एनफोर्सेबल इन नेचर और जो नॉट एनफोर्सेबल है दे विल रिमन एग्रीमेंट्स दे विल नॉट बिकम एज़ कांट्रैक्ट्स तो यह आपको बहुत अच्छे से याद रखना है कई बार यह कंफ्यूज कर देते हैं आपको पेपर में पूछेंगे जैसे आई विल बी अ एक्सप्लेनिंग इट टू यू इन द फॉर्म ऑफ़ क्वेश्चन एंड आंसर हम लास्ट में सॉल्व भी करेंगे ऐसा क्वेश्चन कि आपको स्टेटमेंट्स दे देंगे और मार्क द मार्क व्हिच वन ऑफ़ द फॉलोइंग इज़ करेक्ट और व्हिच वन ऑफ़ द फॉलोइंग इज़ इनकरेक्ट ऑल कांट्रैक्ट्स आर एग्रीमेंट्स ऑल एग्रीमेंट्स आर कांट्रैक्ट व्हिच ऑफ़ द फॉलोइंग स्टेटमेंट इज करेक्ट तो इसके लिए आपको इसकी अंडरस्टैंडिंग बहुत जरूरी है कि कैसे कांट्रैक्ट बनता है कांट्रैक्ट बनाने की स्टेजेस क्या हैं उसी से ही आप फिर जब जब तक आपको इतनी डीप अंडरस्टैंडिंग नहीं होगी आप ऐसी स्टेटमेंट्स को समझ नहीं पाओगे सो आई होप एवरीवन इज क्लियर कि जितने भी हमारे कांट्रैक्ट्स हैं वो एग्रीमेंट्स हैं क्यों क्योंकि कांट्रैक्ट बनता ही कब है जब एक एग्रीमेंट बन गया और उसमें इंफोर्स बिलिटी आ गई तभी वो एक कांट्रैक्ट बनता है बट ऑल एग्रीमेंट्स आर नॉट कांट्रैक्ट्स क्यों क्योंकि अगर वो एग्रीमेंट नॉट एनफोर्सेबल हुआ कैसे कि अगर वो एग्रीमेंट अनलॉफुल है या इल्लीगल एक्टिविटीज से रिलेटेड है तो वो कभी भी कांट्रैक्ट नहीं बन पाएगा ठीक है सो आई होप एवरीवन इज क्लियर अगर किसी को कोई भी डाउट है इसमें यू कैन आस्क मी इन द कमेंट सेक्शन आई विल बी क्लीयरिंग योर डाउट्स देयर ओनली ऑल राइट नाउ विद दिस लेट्स प्रोसीड फर्द अब हम बात करते हैं ऑफर प्रपोजल एंड एक्सेप्टेंस के बारे में जो सबसे पहला स्टेप हमने पढ़ा था फॉर द फॉर्मेशन ऑफ अ कांट्रैक्ट इट वाज ऑफर तो सबसे पहली चीज क्या है ऑफर सबसे पहला स्टेप जो होता है कांट्रैक्ट की फॉर्मेशन में वह हमेशा ऑफर होता है ऑफर को हम क्या कहते हैं प्रपोजल भी कह देते हैं सबब इज ऑफर समथिंग टू यू और समबे समथिंग टू यू अब ऑफर कहां डिफाइंड है इट इज डिफाइंड अंडर सेक्शन 2a ऑफ दी इंडियन कांट्रैक्ट एक्ट यह बहुत ही इंपॉर्टेंट है अब इसमें दो टर्मिनोलॉजी भी बताई गई है साथ में ऑफर एंड ऑफरी जो व्यक्ति ऑफर करता है कोई चीज जैसे मैं अपना घर सेल करना चाहती हूं या मैं अपनी कार सेल करना चाहती हूं द पर्सन हु मेक्स द ऑफर इज कॉल्ड ऑफर जो इस ऑफर को एक्सेप्ट करता है कि हां जी मैं तुम्हारा घर इतने लाख रुपए में खरीदने में त के लिए तैयार हूं या मैं तुम्हारी कार इतने रुपए में खरीदने के लिए तैयार हूं वो कौन होगा ऑफरी सो दो लोग कौन हो गए ऑफर एंड ऑफरी ऑफर मेक्स द ऑफर ऑफरी एक्सेप्ट्स द ऑफर सो दज टू टर्मिनोलॉजी आर आल्सो इंपॉर्टेंट यह भी आपको याद रखनी पड़ेगी ऑफर एंड ऑफरी तो ए ने मान लीजिए ए मेक्स द ऑफर एंड बी एक्सेप्ट द ऑफर तो ए को हम क्या कहेंगे ए विल बी व्हाट ए विल बी योर ऑफर एंड बी विल बी योर ऑफरी ऑलराइट सो वेरी सिंपल डिफाइंड कहां है ये इट हैज बीन डिफाइंड अंडर सेक्शन 2a सबसे पहली चीज सबसे पहला स्टेप ऑफर का है और अल्फाबेटिकली भी सबसे पहली डेफिनेशन 2a किसकी है इट इज डिफाइन अंडर सेक्शन 2a ऑफ द इंडियन कांट्रैक्ट एक्ट जो हमें सिंपली बताता है कि ऑफर क्या होता है या प्रपोजल क्या होता है अब ऑफर और प्रपोजल इज द फर्स्ट स्टेप इन द फॉर्मेशन ऑफ अ कांट्रैक्ट अब कांट्रैक्ट बनाने के प्रोसेस में सबसे पहली चीज जो होती है वह होती है ऑफर अब मुझे आपसे कोई चीज खरीदनी है तो मैं आपको कुछ प्राइस ऑफर कर दूंगी कि आप मुझे आपके आपका घर बहुत पसंद है या मुझे आपकी कार बहुत पसंद है या मुझे आपकी ये जो वॉच यह बहुत पसंद है मैं आपकी वॉच खरीदना चाहती हूं और इसके बदले में मैं आपको इतने रुपए दे दूंगी तो वोह क्या है ऑफर तो कांट्रैक्ट की इनिशिएटिव से ठीक है और जो ऑफर मेक करता है उसको कहते हैं ऑफर और जो ऑफर को एक्सेप्ट करता है उसे कहते हैं ऑफरी आई होप इट इज वेरी क्लियर इट इज वेरी सिंपल यहां तक सब बहुत सिंपल है फिर हम बात करते हैं एक्सेप्टेंस के बारे में एक्सेप्टेंस कौन करता है य एक्सेप्टेंस डिफाइंड कहां है एक्सेप्टेंस इ डिफाइन अंडर इंडियन कांट्रैक्ट एक्ट सिंपल ऑफर के बाद अगला स्टेप क्या होता है एक्सेप्टेंस वैसे ही डेफिनेशन में भी 2a के बाद ट बी विल बी योर एक्सेप्टेंस सो हेयर आई विल राइट इट डाउन सिंपली ऑफर एक्सेप्टेंस एक्सेप्टेंस 2a एंड 2 बी पहला स्टेप ऑफर वो 2a पर है दूसरा स्टेप एक्सेप्टेंस वो 2 बी पे है और कौन से सेक्शंस हमने करे हमने एग्रीमेंट और कांट्रैक्ट का भी जो पढ़ा एग्रीमेंट कहां डिफाइंड है एग्रीमेंट इज डिफाइंड अंडर सेक्शन टू क्लॉज e ऑफ द इंडियन कांट्रैक्ट एक्ट और कांट्रैक्ट टर्म कहां डिफाइन है इट इज डिफाइंड अंडर सेक्शन टू क्लॉज ए ऑफ दी इंडियन कांट्रैक्ट एक्ट अब इसके बाद आगे चलते हैं ऑफर और एक्सेप्टेंस में ही कि ऑफर और एक्सेप्टेंस से रिलेटेड और कौन-कौन ऐसी कंडीशन है जो हमें पता होनी चाहिए इन ऑर्डर टू फॉर्म वैलिड कांट्रैक्ट कि अगर आपको एक वैलिड कांट्रैक्ट बनाना है तो आपका ऑफर की क्या क्या कंडीशंस है जो आपको फुलफिल करनी पड़ेगी पहला आपका ऑफर हमेशा डेफिनेट और सर्टेन होना चाहिए उसमें कोई भी कन्फ्यूजन नहीं होनी चाहिए कोई भी एंटी नहीं होनी चाहिए सो देर शुड बी नो कंफ्यूजन और एमिगस में किसी तरीके की एमगी या कंफ्यूजन नहीं होनी चाहिए जहां व्यक्ति को क्लियर ही नहीं हो रहा कि आप क्या ऑफर कर रहे हो अब आपके पास मान लो तीन घोड़े हैं एक ब्लैक कलर का है एक गोल्डन कलर का है और एक वाइट कलर का है आप सिंपली दूसरे व्यक्ति को कहते हो कि मैं तुम्हें अपना घोड़ा बेचना चाहता हूं 10 लाख रप में आपने ये स्पेसिफाई नहीं किया कि आप कौन सा घोड़ा बेचना चाहते हो तो इससे क्या होगा एक कंफ्यूजन अराइज हो जाए जाएगी एक एमगी अराइज हो जाएगी तो वहां हम कह सकते हैं कि आपका ऑफर डेफिनेट और सर्टेन नहीं है तो जब ऑफर डेफिनेट और सर्टेन नहीं है तो एक्सेप्टेंस कैसे होगी और एक्सेप्टेंस नहीं होगी तो फिर कांट्रैक्ट कैसे बनेगा तो इस तरीके से सबसे पहली चीज ऑफर और एक्सेप्टेंस दोनों ही डेफिनेट होनी चाहिए और सर्टेन होनी चाहिए या इसका एक और एग्जांपल है एक ऑयल मैन्युफैक्चरर है वो बहुत डिफरेंट डिफरेंट काइंस ऑफ ऑयल मैन्युफैक्चर करता है अब वो ट्रेड करते हुए किसी को सेल करते हुए अपना ऑयल सिंपली कह देता है कि आई विल सप्लाई यू 100 लीटर ऑफ ऑयल एट दिस मच प्राइस अब वो यहां पे मेंशन ही नहीं करता है कि वो कौन से ऑयल की बात कर रहा है कोकोनट ऑयल की बात कर रहा है मस्टर्ड सीड ऑयल की बात कर रहा है सनफ्लावर सीड ऑयल की बात कर रहा है तो यहां पर वो स्पेसिफाई नहीं करता अब वो स्पेसिफाई नहीं कर रहा अपने ऑफर में तो क्या हो गया कंफ्यूजन अराइज हो गई कंफ्यूजन अराइज हो गई तो अगला व्यक्ति एक्सेप्टेंस कैसे बताएगा कि भाई तुम कौन से ऑयल की बात कर रहे हो तुम तो इतने सारे ऑयल सेल करते हो तो जब तक क्लियर ऑफर नहीं हो होगा जब तक डेफिनेट और सर्टेन ऑफर नहीं होगा अगला व्यक्ति अपनी एक्सेप्टेंस नहीं दे पाएगा और इस तरीके से एक्सेप्टेंस नहीं होगी तो कांट्रैक्ट भी नहीं बन पाएगा देन एक्सेप्टेंस और योर ऑफर मस्ट बी कम्युनिकेटेड टू द अदर पर्सन यानी कि ऑफर और एक्सेप्टेंस की कम्युनिकेशन बहुत जरूरी है अगर अब आप किसी को मान लो किसी को ऑफर करना चाहते हो कि मैं तुम्हारा घर 10 करोड़ रुप में खरीदना चाहता हूं और यह आप थ्रू लेटर कर करते हो आप वो लेटर लिख के अपने घर पे ही अपने बॉक्स में रख लेते हो उस तक पहुंचाते ही नहीं हो या पहुंचाया ही नहीं जाता है तो वो ऑफर वैलिड ऑफर कैसे होगा ऑफर कम्युनिकेट ही नहीं हुआ या अपने सर्वेंट को आपने वो लेटर लिख के दे दिया और वो आपका सर्वेंट उसे घर उसके उसको वो ऑफर लेटर देने की बजाय किसी और व्यक्ति को दे आया जाके वहां पर भी क्या है कम्युनिकेशन ही नहीं हो पाया और जब तक कम्युनिकेशन ऑफ ऑफर नहीं होगा या कम्युनिकेशन ऑफ एक्सेप्टेंस नहीं होगा तो कांट्रैक्ट कैसे बनेगा अब मैंने तो अपने सर्वेंट को कहा था कि तुम यह लेटर मिस्टर ए को दे आना बट उसे कुछ कंफ्यूजन अराइज हो गई और वो यह लेटर मिस्टर बी को दि आया तो बट मिस्टर बी को तो मेरी कोई इंटेंशन ही नहीं है लीगल रिलेशनशिप क्रिएट करने की तो चाहे वो एक्सेप्ट भी कर ले इस ऑफर को इट विल नॉट बी बाइंडिंग ऑन मी बाइंडिंग कब होगा कि जिस व्यक्ति को मैंने ऑफर भेजा है अगर वह इस ऑफर को एक्सेप्ट कर लेता है तभी जो वो है कांट्रैक्ट बनेगा वह दोनों पार्टीज पे बाइंडिंग होगा ठीक है सो ऑफर और एक्सेप्टेंस दोनों की कम्युनिकेशन टू दी अदर पार्टी इज इ वेरी इंपोर्टेंट अगर वह कम्युनिकेशन सही तरीके से नहीं हो पाती है तो वह कांट्रैक्ट एक वैलिड कांट्रैक्ट नहीं बनता देन एक्सेप्टेंस मस्ट बी एब्सलूट विदाउट एनी कंडीशंस अब जो व्यक्ति एक्सेप्टेंस दिखा रहा है या एक्सेप्टेंस दे रहा है कौन है वह ऑफरी ऑफरी जो है एक्सेप्टेंस जो है उसकी हमेशा एब्सलूट होनी चाहिए बिना किसी कंडीशन के होनी चाहिए अब मैं तुम्हें कहती हूं कि मैं तुम्हें अपना घर सेल करूंगी इतने इतने रुपए में बट तुम आगे से कह देते हो कि नहीं मैं इतने रुपए में तो नहीं खरीद सकता मैं तो इससे 10 लाख कम में लूंगा एक करोड़ में नहीं मैं तो इसे 90 लाख में खरीद लूंगा अब तुम बताओ तुम क्या चाहते हो तो क्या ये एक एब्सलूट एक्सेप्टेंस है नहीं क्योंकि यहां पे आपने कंडीशन लगा दी या आप यूं कह देते हो कि मैं तुम्हारे घर को खरीद लूंगी इतने पैसे में पर पहले तुम्हें इसको इस पर्टिकुलर पे इस पर्टिकुलर कलर का पेंट कराना पड़ेगा या इसका स्ट्रक्चर थोड़ा चेंज करना पड़ेगा या यहां पर मुझे एक पार्किंग स्पेस एक्स्ट्रा दे नी पड़ेगी तो यह सब क्या है एडिशनल कंडीशंस हैं एक्सेप्टेंस के साथ तो जब तक की एक्सेप्टेंस एब्सलूट नहीं होगी जब तक एक्सेप्टेंस बिना कंडीशंस के नहीं होगी एक कांट्रैक्ट नहीं बन पाएगा तो वैलिड कांट्रैक्ट होने के लिए क्या जरूरी है कि जो एक्सेप्टेंस है वो हमेशा एब्सलूट होनी चाहिए और हमेशा विदाउट एनी कंडीशंस होनी चाहिए और हमेशा ऑफर की मिरर इमेज होनी चाहिए इसका क्या मतलब हुआ कि एक्सेप्टेंस शुड बी मिरर इमेज ऑफ दी ऑफर कि जो चीज जैसे आपको ऑफर की गई है उसको आप वैसे ही अगर एक्सेप्ट कर लेते हो तो ही एक कांट्रैक्ट बनता है नहीं तो कांट्रैक्ट नहीं बनेगा सो दीज थ्री कंडीशंस यू मस्ट नो और इनको मेमोराइज अच्छे से कर लेना इनमें ही डायरेक्ट क्वेश्चन भी पूछा जा सकता है या इसमें से ही आपको कुछ एप्लीकेशन बेस्ड क्वेश्चन भी पूछे जा सकते हैं पहली क्या थी दैट ऑफर एंड एक्सेप्टेंस मस्ट बी डेफिनेट एंड सर्टेन कि आपके उसमें कोई भी एमिगस नहीं होनी चाहिए आपके ऑफर में एक्सेप्टेंस में फिर ऑफर एंड एक्सेप्टेंस मस्ट बी कम्युनिकेटेड टू द अदर पर्सन अगर वह आपका ऑफर या आपकी एक्सेप्टेंस सही व्यक्ति को नहीं कम्युनिकेट की गई तो भी कांट्रैक्ट नहीं बन पाएगा देन एक्सेप्टेंस मस्ट बी एब्सलूट विदाउट एनी कंडीशंस अगर एक्सेप्टेंस पर ऑफरी ने कोई कंडीशन लगा दी तो भी एक वैलिड कांट्रैक्ट नहीं बन पाएगा आफ्टर दैट ऑफर लेप्सस बाय रेवोकेशन और विड्रॉल लैप्स लैप्स का मतलब क्या होता है लैप्स मींस इट कम टू एन एंड हम कब कहेंगे कि ऑफर हैज कम टू एन एंड ऑफर खत्म हो गया है अब मान लो ए ने सपोज यहां पर मैं आपको बताऊ ए ने बी को कोई ऑफर भेजा ठीक है और यहां पर उसने कहा कि तुम ने अगर 10 दिन में मुझे अपना जवाब नहीं दिया तो द ऑफर वि स्टैंड रिवॉग रिवॉग मतलब मान लो कि ऑफर कैंसल माना जाएगा कि इट हैज कम टू एन एंड अब 10 दिन में अगर इसने इसे एक्सेप्ट नहीं किया द ऑफर विल लैप्स लैप्स मतलब इट विल कम टू एन एंड या वो इसे विड्रॉ भी कर सकता है जो जो ऑफर है ऑफर कैन विड्रॉ द ऑफर यानी कि अपना ऑफर वापस भी ले सकता है बट कब तक जब तक इसने अपनी एक्सेप्टेंस नहीं दी है बिफोर दी द एक्सेप्टेंस बाय ऑफरी जब एक बार बी ने या ऑफरी ने आपका ऑफर एक्सेप्ट कर लिया तो फिर दोनों के बीच में लीगली बाइंडिंग रिलेशनशिप क्रिएट हो जाता है ठीक है तो कब कब तक चांस है ऑफर के पास अपना ऑफर रिव करने का विड्रॉ करने का जब तक कि अपोजिट पार्टी उसका ऑफर एक्सेप्ट ना कर ले एक बार ऑफर अगर एक्सेप्ट हो गया फिर आपके पास चॉइस नहीं है मान लो आपने 1 करोड़ में इसे ऑफर किया कि मैं तुम्हें अपना घर ₹1 करोड़ में बेचूंगा बट बाद में तुम्हें इंफॉर्मेशन मिली या तुम्हें लगता है कि मैं तो इस अपने घर को और भी महंगा बेच सकता हूं बट उससे पहले तुम्हारा ऑफर यहां एक्सेप्ट हो गया अब तुम्हारे पास चॉइस नहीं है वंस द ऑफर मेड बाय यू इज एक्सेप्टेड यू हैव यू देर इज अ लीगली बाइंडिंग रिलेशनशिप बिटवीन बोथ द पार्टीज द ऑफर एंड द ऑफरी अब आप कल को यूं नहीं कह सकते कि मैं तो अपना ऑफर रि रिवॉग कर रही हूं ठीक है तो इस तरीके से दीज आर सर्टेन अदर इंपॉर्टेंट टर्मिनोलॉजी और कांसेप्ट जो आपको ऑफर और एक्सेप्टेंस से रिलेटेड याद रखने चाहिए या समझने चाहिए अच्छे से इन दी डिटेल फ्रॉम योर एग्जामिनेशन पॉइंट ऑफ व्यू अब अगला अगला टॉपिक जो है हमारा वो है जनरल एंड स्पेसिफिक ऑफर नाउ वी विल बी कवरिंग वेरियस टाइप्स ऑफ ऑफर्स कि ऑफर्स किस-किस तरी होते हैं तो सबसे पहला है जनरल ऑफर जैसे यहां पर आप देख रहे हो इ सम इ मेकिंग एन अनाउंसमेंट अब इसका मैं आपको सिंपली एग्जांपल देती हूं पहले जनरल ऑफर का न्यूजपेपर एडवर्टाइजमेंट तो जो जनरल ऑफर होता है जनरल ऑफर इज ऑलवेज मेड टू पब्लिक एट लार्ज यानी कि यह ऑफर किसे किसे दिया जाता है किसको किया जाता है टू द पब्लिक एट लार्ज यानी कि जनरल पब्लिक के लिए य ऑफर होता है और जो दूसरा ऑफर है हमारा च इ स्पेसिफिक ऑफर जो स्पेसिफिक ऑफर है इट इज मेड टू इट इज मेड टू अ पर्टिकुलर इंडिविजुअल यानी कि जब भी कोई भी एक ऑफर पब्लिक को मेक किया जाता है पब्लिक को कोई चीज ऑफर की जा सकती है की जाती है उसे हम जनरल ऑफर कहते हैं बट वहीं जब इस ऑफर को एक पर्टिकुलर इंडिविजुअल को दिया जाता है कि तुम्हारे पास चॉइस है तुम क्या चाहते हो तुम एक्सेप्ट करना चाहते हो तुम यह प्रॉपर्टी बाय करना चाहते हो तो वहां पर उसे हम स्पेसिफिक ऑफर कह देते हैं तो जनरल ऑफर कैसे हो सकता है जनरल ऑफर हम न्यूज़पेपर एडवर्टाइजमेंट के थ्रू भी कर सकते हैं ठीक है तो न्यूज़पेपर एडवर्टाइजमेंट हमारा क्या है इट इज अ फॉर्म ऑफ जनरल ऑफर मान लो कि कहीं किसी पब्लिक डिपार्टमेंट में गवर्नमेंट डिपार्टमेंट में कोई वैकेंसी निकलती है तो वो क्या है वहां पर जनरल ऑफर क्रिएट करते हैं कि इतनी वैकेंसी है हम इतनी सैलरी पे करेंगे और वहां पर एप्लीकेंट्स अप्लाई कर सकते हैं दैट दे वांट टू अ टेक पार्ट और दे वांट टू टेक अप दिस पर्टिकुलर जॉब तो वो क्या है एक जनरल ऑफर है या एक पब्लिक ऑ ऑक्शन की अगर हम बात करें कि अगर कि कोई बैंक एक प्रॉपर्टी की पब्लिक ऑक्शन कर रहा है और वह न्यूज़पेपर में एडवर्टाइजमेंट डाल रहा है उसकी तो वोह भी क्या है पब्लिक ऑफर कि पब्लिकली जो भी लोग हैं पब्लिक प्लेटफॉर्म पे हम इस प्रॉपर्टी को बेचेंगे और जो भी लोग इंटरेस्टेड हैं इस प्रॉपर्टी को खरीदने में दे कैन कम एंड बाय इट ऑन दिस पर्टिकुलर डेट एंड टाइम तो वो क्या है वो भी आपका एक जनरल ऑफर है स्पेसिफिक ऑफर क्या है जब आपने वही ऑफर एक पर्टिकुलर व्यक्ति को दिया है या एक पर्टिकुलर इंडिविजुअल को जब वो चीज आपने ऑफर की है उसे हम स्पेसिफिक ऑफर कहेंगे ठीक है सो आई होप एवरीवन हैज अंडरस्टूड जनरल एंड स्पेसिफिक ऑफर अब इसका भी एक लैंडमार्क केस है कार्लाइल वर्सेस कार्बोलिक स्मॉक बॉल एंड कंपनी अब इस केस में क्या हुआ था जो ये कंपनी है कार्बोलिक स्मोक बॉल कंपनी यह एक मेडिसिन बनाती थी जो कि इन्फ्लुएंस को क्यर करती थी और इन्होंने न्यूजपेपर में एक एडवर्टाइजमेंट निकाला और उसमें उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति इस मेडिसिन को कंज्यूम करेगा उसको कभी भी इन्फ्लुएंस नहीं होगा और अगर उसे इन्फ्लुएंस हो जाता है तो हम उसे इतनी कंपनसेशन एस क्लेम देंगे अब क्या होता है एक व्यक्ति इनकी न्यूज़पेपर में य एडवर्टाइजमेंट पढ़कर उस मेडिसिन को कंज्यूम करता है और उसे कंज्यूम करने के बाद भी उसे इन्फ्लुएंस हो जाता है अब इस केस में क्या है यहां पर वो व्यक्ति कोर्ट में जाता है कि उन्होंने कोई चीज ऑफर की थी उनका ऑफर मैंने एक्सेप्ट कर लिया तो इस व इसलिए हम दोनों के बीच में एक लीगली बाइंडिंग कांट्रैक्ट फॉर्म हो गया अब क्योंकि लीगली बाइंडिंग कांट्रैक्ट फॉर्म हो गया तो उन्हें अपना पार्ट ऑफ कांट्रैक्ट फॉलो फुलफिल करना पड़ेगा यानी कि उन्होंने जो कहा था कि अगर इसको खाने के बाद भी किसी व्यक्ति को इफल हो जाता है तो हम इतनी कंपनसेशन देंगे तो अब मेरा अधिकार है कि मैं उनसे वो कंपनसेशन क्लेम करूं तो कोर्ट ने कहा बिल्कुल सही जब भी कोई जनरल ऑफर मेक करता है और उस जनरल ऑफर में जो जो कंडीशंस दी होती हैं वो फुलफिल करता है तो दूसरी पार्टी यानी कि जो ऑफर है ही और शी इज बाउंड टू फुलफिल हिज कंडीशंस यानी कि जो जनरल ऑफर में कोई भी व्यक्ति उसको एक्सेप्ट कर सकता है एंड लीगली बाइंडिंग कांट्रैक्ट जो है वहां पर क्रिएट हो जाएगा तो इस केस में में कार्बोलिक स्मोक बॉल कंपनी में कार्लाइल को जो है कंपनसेशन मिला था क्योंकि उसने मेडिसिन कंज्यूम भी कर ली थी उसके बाद भी उसे इनफ्लुएंजा हो गया था तो दिस इज द केस लॉ ऑन व्हाट दिस इज लैंडमार्क केस ऑन योर कांसेप्ट ऑफ जनरल ऑफर यानी कि आपके जनरल ऑफर से भी लीगली बाइंडिंग क्र लीगली बाइंडिंग कांट्रैक्ट्स क्रिएट करे जा सकते हैं ठीक है ऐसा नहीं है कि सिर्फ स्पेसिफिक यानी कि इंडिविजुअल एक इंडिविजुअल को जब आप ऑफर कर रहे हो तब वहीं पर ही कांट्रैक्ट बनेगा नहीं जनरल ऑफर करके भी आप वैलिड कांट्रैक्ट्स क्रिएट कर सकते हो ठीक है अब इसके बाद अनदर काइंड ऑफ कांट्रैक्ट दैट वी हैव इज काउंटर ऑफर सॉरी अनदर काइंड ऑफ ऑफर दैट वी आर गोइंग टू स्टडी इज काउंटर ऑफर अब काउंटर ऑफर अगेन आई विल मेक यू अंडरस्टैंड दिस कांसेप्ट विद द हेल्प ऑफ एन एग्जांपल ए अग्री टू सेल हिज बाइसिकल टू बी फॉर र 10000 ठीक है a ने बी को ऑफर किया कि मैं तुम्हें अपनी साइकिल सेल करना चाहता हूं फॉर र 10000 अब बी ने ए को कहा ऑलराइट आई विल बाय योर बाइसिकल मैं तुम्हारी साइकिल खरीद लूंगा बट फॉर र 5000 क्योंकि तुम्हारी साइकिल बहुत पुरानी हो चुकी है मुझे भी इस पर कुछ मेंटेनेंस के लिए पैसे लगाने पड़ेंगे तो मैं तुम्हारी ये साइकिल ₹ ज में खरीद लूंगा अब क्या हम इसे एक्सेप्टेंस कहेंगे यह तो ऑफर था ए ने जो बी को किया दैट इज योर ऑफर अब इसे क्या कहेंगे हम जो बी ने ए को किया है दिस इज नॉट एक्सेप्टेंस ये याद रखना दिस इज नॉट एक्सेप्टेंस व्हाट इज दिस दिस इज योर काउंटर ऑफर यह काउंटर ऑफर है यह एक्सेप्टेंस नहीं है अब क्योंकि ये काउंटर ऑफर है यहां पे कोई भी लीगली बाइंडिंग रिलेशनशिप क्रिएट नहीं हुआ यहां पे कोई कांट्रैक्ट नहीं बना है अब अगर ए जो है इस काउंटर ऑफर को एक्सेप्ट कर लेता है कि ठीक है मैं 000 में तुम्हारी साइकिल खरीद लूंगा तो इन दोनों के बीच में कांट्रैक्ट फॉलो होगा या कांट्रैक्ट क्रिएट होगा अब वो नया कांट्रैक्ट क्या होगा ए बी को अपने बाइसिकल देगा फॉर र 5000 जो पुराना कांट्रैक्ट था वो कैंसिल हो गया ठीक है सो ये होता है हमारा काउंटर ऑफर जब जो हमारी ऑफरी है यानी कि जो जिसको ऑफर मेक किया गया है वो कुछ और कंडीशन पुट फॉरवर्ड कर दे ता है और उसके बेसिस पर जब कांट्रैक्ट बनता है उसे हम कहते हैं काउंटर ऑफर सो आई होप एवरीवन जज अंडरस्टूड जनरल ऑफर क्या है स्पेसिफिक ऑफर क्या है और काउंटर ऑफर क्या है नाउ विद दिस लेट्स प्रोसीड फर्द टू द क्वेश्चन आंसर्स सो द फर्स्ट क्वेश्चन वी हैव फॉर टुडे इज व्हिच ऑफ द फॉलोइंग इज रिक्वायर्ड फॉर फॉर्मेशन ऑफ अ वैलिड कांट्रैक्ट कि अगर हमें एक वैलिड कांट्रैक्ट क्रिएट करना है तो हमें क्या-क्या कंडीशंस फुलफिल करनी पड़ेंगी फर्स्ट वन बीइंग डेफिनेट एंड सर्टेन ऑफर एंड एक्सेप्टेंस यह ट्रू है जब हमने ऑफर एंड एक्सेप्टेंस के बारे में पढ़ा था वहां मैंने आपको स्पेसिफिकली बताया था जो ऑफर है या एक्सेप्टेंस है वो हमेशा डेफिनेट और सर्टेन होनी चाहिए उसमें कोई कंफ्यूजन नहीं होना चाहिए एक्सेप्टेंस मस्ट बी एब्सलूट दिस इज आल्सो ट्रू यानी कि जब ऑफरी अपनी एक्सेप्टेंस दे रहा है वो उस परे कोई कंडीशंस इंपोज नहीं कर सकता थर्ड इज कम्युनिकेशन ऑफ ऑफर एंड एक्सेप्टेंस कि जब तक आप अपना ऑफर और एक्सेप्टेंस कि को कम्युनिकेट नहीं करेंगे तब तक वैलिड कांट्रैक्ट फॉर्म नहीं हो सकता सो अकॉर्डिंग ऑप्शन डी विल बी द करेक्ट आंसर ऑल ऑफ दी अबब आर करेक्ट सो डी इज दी करेक्ट आंसर फॉर दिस क्वेश्चन आफ्टर दिस नेक्स्ट क्वेश्चन वी हैव इन व्हिच केस इट वाज लेड डाउन दैट इंटेंशन टू क्रिएट लीगल रिलेशनशिप मस्ट एजिस्ट बिटवीन द पार्टीज टू द क अ पार्टीज टू द कांट्रैक्ट यानी कि जब भी कोई दो पार्टीज कांट्रैक्ट बनाना चाहती हैं आपस में उनके बीच में इंटेंशन टू क्रिएट लीगल रिलेशनशिप हमेशा प्रेजेंट होना चाहिए वाज इट स्टेटेड इन द केस ऑफ लेस्ले वर्सेस शील और इट वाज सेड इन द केस ऑफ स्मिथ वर्सेस स्मिथ और इन द केस ऑफ स्टीव वर्सेस स्मिथ और डी सेज बेलफर वर्सेस बेलफर वी हैव ऑलरेडी कवर्ड दिस केस इन टुडेज क्लास जहां पर हमने बेलफर वर्सेस बेलफर के केस में पढ़ा था कि जब भी एक वैलिड कांट्रैक्ट बनता है उसका एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण और इंपोर्टेंट एलिमेंट है इंटेंशन टू क्रिएट लीगल रिलेशनशिप जहां पे मैंने आपको सिब्लिंग्स वाला एग्जांपल दिया था पेरेंट्स एंड चिल्ड्रन वाला भी एग्जांपल दिया था वहां से हम समझ सकते हैं कि कई बार दो पार्टीज के बीच की मोरल ऑब्लिगेशन होती है या कोई सोसाइटल ऑब्लिगेशन होती है उसे हम कांट्रैक्ट नहीं बना सकते या उसे हम यूं नहीं समझ सकते दैट देयर इज इंटेंशन टू क्रिएट लीगल रिलेशनशिप सो बेलफर वर्सेस बेलफर इज द केस रिलेटेड टू इंटेंशन टू क्रिएट लीगल रिलेशनशिप वाइल मेकिंग कांट्रैक्ट आफ्टर दिस नेक्स्ट क्वेश्चन वी हैव च ऑफ द फॉलोइंग इज नॉट करेक्टली मैच्ड इनमें से कौन सा करेक्टली मैच्ड नहीं है रीड द क्वेश्चन वेरी केयरफुली ठीक है ए कहता है ऑफर इज डिफाइंड अंडर सेक्शन 2a ऑफ द इंडिय इंडियन कांट्रैक्ट इज इट करेक्ट यस बी कहता है एक्सेप्टेंस इज डिफाइंड अंडर सेक्शन 2 बी ऑफ द इंडियन कांट्रैक्ट एक्ट एब्सलूट करेक्ट सी कहता है एग्रीमेंट इज डिफाइंड अंडर टू सी ऑफ द इंडियन कांट्रैक्ट एक्ट कांट्रैक्ट डी कहता है कांट्रैक्ट इज डिफाइंड अंडर सेक्शन 2 ए ऑफ द ययन कांट्रैक्ट एक्ट सो दिस इज आल्सो ट्रू सो सी इज द राइट आंसर यानी कि जो सी ऑप्शन है इट इज नॉट करेक्ट क्योंकि एग्रीमेंट कहां डिफाइंड है एग्रीमेंट इज डिफाइंड अंडर सेक्शन 2ई ऑफ दी इंडियन कांट्रैक्ट एक्ट ठीक है सो इस तरीके से क्या है दिस वे वाइल वी आर प्रैक्टिसिंग दीज क्वेश्चंस आपका जो जितना भी हमने क्लास में चीजें कवर की है वो सॉर्ट ऑफ रिवाइज हो जाती हैं ठीक है सो पे अटेंशन टू द क्वेश्चंस आल्सो अब इसके बाद नेक्स्ट हम चलते हैं मार्क दी करेक्ट स्टेटमेंट इनमें से करेक्ट स्टेटमेंट को आपको मार्क करना है ऑल कांट्रैक्ट्स आर एग्रीमेंट्स क्या यह सही है ऑल कांट्रैक्ट्स आर एग्रीमेंट्स यस दिस इज ट्रू ऑल एग्रीमेंट्स आर कांट्रैक्ट्स नो बोथ ए एंड बी नो नन ऑफ द अबब नो सो कौन सी स्टेटमेंट इनमें से करेक्ट है ऑल कांट्रैक्ट्स आर एग्रीमेंट्स क्यों क्योंकि कांट्रैक्ट कैसे बनता है एग्रीमेंट प्लस एनफोर्सेबल पहले एग्रीमेंट बनेगा और अगर वो एग्रीमेंट एनफोर्सेबल होगा तो ही वो कॉन्ट्रैक्ट बनेगा तो इस तरीके से कौन सी स्टेटमेंट करेक्ट है ओनली ए स्टेटमेंट इज करेक्ट अमंग दी फॉलोइंग स्टेटमेंट्स ऑल राइट आई होप एवरीवन इज अंडरस्टूड अगर इस पॉइंट में किसी को कोई भी कंफ्यूजन है एक बार डाउट सेक्शन में जरूर पूछ लेना आ विल बी क्लीयरिंग योर डाउट्स देयर ओनली ऑलराइट नाउ विद दिस लेट्स मूव फर्द टू द नेक्स्ट क्वेश्चन अब ये जो क्वेश्चन है ये एक एप्लीकेशन बेस्ड क्वेश्चन है यानी कि जो कांसेप्ट हमने पढ़े हैं उनकी एप्लीकेशन समझ रहे हैं हम कि कैसे उन कांसेप्ट को हम रियल सिचुएशंस पर रियल लाइफ सिचुएशंस पर अप्लाई करते हैं तो क्वेश्चन कहता है रवि ओनस थ्री हाउसेस इन दिल्ली पुणे एंड चंडीगढ़ ही प्रॉमिस टू डिलीवर हिज हाउस टू शिवम अब वो यहां पे रवि शिवम को प्रॉमिस करता है कि वो उसे अपना एक हाउस वन हाउस यहां पे फॉर मोर क्लेरिटी आई विल राइट डाउन वन वन हाउस टू शिवम ठीक है विल दिस रिजल्ट इन अ वैलिड कांट्रैक्ट क्या यहां पे एक वैलिड कांट्रैक्ट बन जाएगा उसके पास तीन घर हैं वो शिवम को कहता है मैं तुम्हें एक घर दूंगा जबकि यहां उसने कुछ भी स्पेसिफाई नहीं किया कि कौन सा घर देगा चंडीगढ़ वाला दिल्ली वाला या पुणे वाला तो क्या इस नेचर इस कांट्रैक्ट का नेचर क्या होगा या इससे एक वैलिड कांट्रैक्ट बन पाएगा क्या सो ए ऑप्शन कहता है यस एज इट इज रवी चॉइस अल्टीमेटली नो यह कोई वी हैव नॉट रेड एनीथिंग ऑफ दिस सॉर्ट बी नो एज इट ए एस देयर इज नो सर्टेनटीज कांट्रैक्ट नहीं बन पाएगा दिस इ एब्सलूट ट्रू और दिस इज एब्सलूट करेक्ट सी कहता है नो एज दिस इ अनलॉफुल कांट्रैक्ट अनलॉफुल तो नहीं है यह किसी भी तरीके से यहां पर कुछ इलीगल एलिमेंट भी प्रेजेंट नहीं है डी कहता है यस एस देयर इज कंप्लीट सर्टेनटीज सेल कर रहा है अपना तो इसका आंसर होगा ऑप्शन बी यानी कि ये एक वैलिड कांट्रैक्ट नहीं बना क्यों क्योंकि उसके ऑफर में सर्टेनटीज मूव टू द नेक्स्ट क्वेश्चन श्याम ऑफर्स टू परचेस तनवी हाउस फॉर रव करोड़ बट तनवी ऑफर्स टू सेल हर हाउस फॉर र 1.5 करोड़ इ द कांट्रैक्ट फॉर्म बिटवीन श्याम एंड नवी अब श्याम ने नवी को ऑफर किया कि वह उसका घर रुपी न करोड़ में खरीदेगा दिस वाज हि ऑफर ठीक है नाउ नवी इ सेइंग शी विल सेल हर हाउस टू श्याम फॉर रुपी 1 25 करोड़ नाउ दिस 1.25 करोड़ इज दिस एक्सेप्टेंस नो व्हाट इज दिस दिस इज योर काउंटर ऑफर तो यह तो सिर्फ काउंटर ऑफर हुआ ये एक्सेप्टेंस नहीं हुई और क्योंकि ऑफर में एक्सेप्टेंस नहीं हुई है तो ये एक वैलिड कांट्रैक्ट नहीं है तो क्वेश्चन क्या पूछा गया है इज द कांट्रैक्ट फॉर्म्ड बिटवीन श्याम एंड नवी नो क्योंकि एक काउंटर ऑफर मेक किया गया है कांट्रैक्ट कब बनेगा अगर जो तान भी का ऑफर है वो शामने एक्सेप्ट कर लिया तो एक वैलिड कांट्रैक्ट बन सकता था या जो ऑफर शाम ने दिया नवी ने उसको एज इट इज एक्सेप्ट कर लिया तो भी एक वैलिड कांट्रैक्ट बन सकता था अब यहां पर क्वेश्चन में कहीं पर भी नहीं लिखा है कि श्याम ने तन्वी का ऑफर एक्सेप्ट कर लिया है तो यहां पर क्या होगा देयर इज नो वैलिड कांट्रैक्ट फॉर्म्ड सो द राइट आंसर फॉर दिस क्वेश्चन विल बी ऑप्शन बी दैट इज नो अब इसके बाद लेट्स मूव टू द नेक्स्ट क्वेश्चन व्हिच ऑफ द फॉलोइंग इज ट्रू अबाउट योर जनरल ऑफर जनरल ऑफर के कौनसे के बारे में इसमें से कौन सी स्टेटमेंट करेक्ट है फर्स्ट इट इज एन ऑफर मेड टू द पब्लिक एट लार्ज दिस इज ट्रू जनरल हमेशा जनरल ऑफर हमेशा पब्लिक को मेक किया जाता है सेकंड इट क्रिएट्स बाइंडिंग रिलेशनशिप बिटवीन पार्टीज दिस इज आल्सो ट्रू कि जब भी जनरल ऑफर होता है और दूसरी पार्टी उस जनरल ऑफर को एक्सेप्ट कर लेती है तो एक लीगली बाइंडिंग रिलेशनशिप यानी कि एक कांट्रैक्ट बन जाता है जैसे हमने कार्लाइल वर्सेस कार्बोलिक स्मोक बॉल कंपनी में भी देखा कि जनरल ऑफर की एक्सेप्टेंस से एक कांट्रैक्ट फॉर्म हो सकता है फिर हम बात करते हैं कार्लाइल वर्सेस का कार्बोलिक स्मोक बॉल कंपनी इज द लैंडमार्क केस ऑन जनरल ऑफर दिस इज आल्सो ट्रू सो इस तरीके से ऑल ऑफ द अबब आर ट्रू इस तरीके से जनरल ऑफर आपका फिर से रिवाइज हो गया कि जनरल ऑफर होता क्या है कौन सा उसका लैंडमार्क केस है और कब इसमें एक बाइंडिंग कांट्रैक्ट फॉर्म होता है ठीक है नाउ आफ्टर दिस लेट्स मूव टू द नेक्स्ट क्वेश्चन व्हिच ऑफ द फॉलोइंग इज करेक्टली मैच्ड इनमें से कौन सा ऑप्शन करेक्टली मैच किया गया है इज इट ऑफर प्लस एक्सेप्टेंस बिकम कांट्रैक्ट नो क्योंकि ऑफर और एक्सेप्टेंस के मिलने से क्या बनता है प्रॉमिस बनता है फिर एक्सेप्टेंस प्लस कंसीडरेशन बिकम कांट्रैक्ट नो क्योंकि एक्सेप्टेंस में और कंसीडरेशन का तो हमने कोई मेल ही नहीं पढ़ा था हमने क्या पढ़ा था प्रॉमिस में कंसीडरेशन मिलता है तो एग्रीमेंट बनता है तो दिस इज नॉट अ करेक्ट मैच फिर एग्रीमेंट में जब इफोर्स एबिलिटी मिल जाती है तो कांट्रैक्ट बनता है दिस इज करेक्ट फिर प्रॉमिस में जब कंसीडरेशन मिल जाती है तो कांट्रैक्ट बनता है नो क्योंकि प्रॉमिस और कंसीडरेशन के मिलने से क्या बनता है इनके मिलने से एग्रीमेंट फॉर्म होता है कांट्रैक्ट फॉर्म नहीं होता है सो राइट मैच कौन सा है इट इज योर ऑप्शन सी कि जब भी एक एग्रीमेंट एनफोर्सेबल होगा तो वह क्या बन जाएगा इट विल बिकम अ कांट्रैक्ट सो नेक्स्ट क्वेश्चन वी हैव आफ्टर दिस इज अ बैंक पुट्स एन यहां पर दिस इज नॉ एंड दिस इज ए अ बैंक पुट्स एन ए एडवर्टाइजमेंट इन दी न्यूज़पेपर टू सेल द प्रॉपर्टी केप्ट विद इट एज सिक्योरिटी फॉर टेकिंग लोन व्हाट इज द नेचर ऑफ दिस एडवर्टाइजमेंट यानी कि किसी व्यक्ति ने बैंक से लोन लिया था और लोन लेते वक्त उसने अपनी कुछ प्रॉपर्टी एज सिक्योरिटी उस बैंक के पास रखी थी अब जितना समय सीमा के लिए उसने वोह लोन लिया था उस समय सीमा में उसने वो लोन नहीं चुकाया अब बैंक को तो अपने पैसे वापस चाहिए अब बैंक क्या है न्यूज़पेपर में एडवर्टाइजमेंट डाल देता है कि हम इस घर को सेल कर रहे हैं ऑल दोज हु आर इंटरेस्टेड कैन कम एंड बाय दिस ठीक है तो यहां पर इसको हम क्या कहेंगे वेदर इट इज अ स्पेसिफिक ऑफर नो जनरल ऑफर यस काउंटर ऑफर नो नन ऑफ द अबब नो सो एडवर्टाइजमेंट का जो कांसेप्ट है इट कम्स अंडर दी हेडिंग ऑफ योर जनरल ऑफर्स ठीक है काउंटर ऑफर क्या होता है ए ने आपको कुछ और ऑफर किया बदले में आपने उसको कुछ और कह दिया कि नहीं मैं ₹10 में नहीं ₹ में तुमसे यह चीज खरीदूंगा इज काउंटर ऑफर ठीक है इसके बाद नाउ नेक्स्ट क्वेश्चन वी हैव व्हिच ऑफ द फॉलोइंग डिफाइंस कांट्रैक्ट अंडर दी इंडियन कांट्रैक्ट एक्ट यानी कि इंडियन कॉन्ट्रैक्ट एक्ट का कौन सा सेक्शन हमारे को डेफिनेशन बताता है कॉन्ट्रैक्ट टर्म की इज इट सेक्शन 2f 2जी 2 एच और 2 आई तो इसका राइट आंसर होगा ऑप्शन सी यानी कि जो हमारी टर्म कांट्रैक्ट है वह सेक्शन 2 ए में डिफाइन की गई है ऑलराइट अब आफ्टर दिस वी हैव देयर आर टू क्वेश्चंस व्हिच विल बी गिवन टू यू एज योर होमवर्क इन क्वेश्चंस को समझना है इसके आंसर आपको मुझे बताने हैं कमेंट सेक्शन में आई विल बी वेटिंग फॉर योर रिस्पांस सो पहला क्वेश्चन है गिव एग्जांपल ऑफ जनरल ऑफर्स तो जैसे मैंने आपको जनरल ऑफर का एग्जांपल दिया था न्यूज़पेपर एडवर्टाइजमेंट वैसे ही मुझे आपको कुछ और एग्जांपल्स देने हैं इन दी कमेंट सेक्शन कि कौन-कौन से ऐसे ये एग्जांपल्स हैं व्हिच विल बी डीम्ड वैलिड एंड दे विल बी टर्म्ड एज़ दी जनरल ऑफर्स बी है सेकंड क्वेश्चन है इज़ काउंटर ऑफर बाइंडिंग ऑन द पर्सन हु मेड द ओरिजिनल ऑफर यस एंड व्हाई कि क्या काउंटर ऑफर दूसरी पार्टी पर जिसने ओरिजिनल ऑफर किया था क्या वोह उसपे बाइंडिंग होता है इसका भी आंसर मुझे आपको देना है इन दी कमेंट सेक्शन एंड आई विल बी ईगर्ल वेटिंग फॉर द रिस्पांस ऑफ़ द स्टूडेंट्स अ एक्चुअली व्हाट हैपेंस व्हेन यू गिव मी रिस्पांस टू दीज क्वेश्चंस इट अल्टीमेटली मेक्स मी फील मोर मोटिवेटेड कि नेक्स्ट टाइम आई कम मोर प्र पेयर्ड विद द क्वेश्चन सच क्वेश्चंस इससे क्या होता है आपका ब्रेन स्टॉर्मिंग होता है आप एप्लीकेशन करते हो कांसेप्ट का कि जो आपने आज की क्लास में पढ़ा वो आपको कितना समझ में आया और अगर नहीं भी समझ में आया तो इन क्वेश्चंस के आंसर ढूंढते हुए आप और पढ़ोगे और आपकी अच्छी अंडरस्टैंडिंग डेवलप होगी उन कांसेप्ट की ठीक है सो इन क्वेश्चंस का आंसर जरूर देना इन दी कमेंट सेक्शन आई विल बी वेटिंग फॉर योर रिस्पांस सो ओके सो दैट्ची ऑफ कांट्रैक्ट कि कांट्रैक्ट होता क्या है उसका इंपॉर्टेंस क्या है और वह कैसे हमारी डे टू डे लाइफ से जुड़ा हुआ है कहां कहां हम देखते हैं कांट्रैक्ट का जो रिफ्लेक्शन है हमारी लाइफ में उसके अलावा हमने क्या-क्या पढ़ा कि कांट्रैक्ट फॉर्म कैसे होता है उसके स्टेप्स क्या-क्या है वो भी हमने पढ़े फिर हमने पढ़ा एग्रीमेंट और कांट्रैक्ट में क्या फर्क होता है इंटेंशन टू क्रिएट लीगल रिलेशनशिप उसका जो लैंडमार्क केस है वो भी मैंने आपको बताया बेलफर वर्सेस बेलफर फिर हमने एक इंपॉर्टेंट एसेंशियल एलिमेंट पड़ा कांट्रैक्ट बनाने का दैट इज ऑफर एंड एक्सेप्टेंस उसके भी कुछ एसेंशियल कंडीशंस पड़ी कौन से सेक्शन में ऑफर और एक्सेप्टेंस को डिफाइन किया गया वो भी जाना और हमारे तीन अलग-अलग तरह के ऑफर्स भी पड़े जनरल ऑफर स्पेसिफिक ऑफर एंड काउंटर ऑफर और इनके इंस्टेंसस भी मैंने आपके साथ शेयर किए ठीक है सो अब ये एक पार्ट हो गया कांट्रैक्ट लॉ का अगले पार्ट में हम और इंपॉर्टेंट एसेंशियल एलिमेंट्स डिस्कस करेंगे कि एक वैलिड कांट्रैक्ट बनाने के लिए कौन कौन सी कंडीशंस हमें फुलफिल करनी पड़ेगी सो लेट्स अ आई विल बी वेटिंग फॉर योर रिस्पांस फॉर द होमवर्क बेस्ड क्वेश्चंस जो मैंने आपको होमवर्क में क्वेश्चंस दिए हैं उसके रिस्प उसके उसके आंसर्स का आई विल बी वेटिंग फॉर द रिस्पांस ऑफ ऑल द स्टूडेंट्स हु विल वाच दिस वीडियो एंड अपार्ट फ्रॉम दैट आई विल बी अपकमिंग अ क्लास में आई विल बी पुटिंग अप मोर एप्लीकेशन बेस्ड क्वेश्चंस सो प्लीज बी प्रिपेयर्ड अगली क्लास का भी कुछ जो कांसेप्ट है जैसे फ्री कंसेंट है कंसीडरेशन है ये सब चीजें आप पढ़ के आना सो दैट इट विल बी इजियर फॉर यू टू रिलेट विद दी अपकमिंग क्लास ठीक है सो दैट ऑल फॉर टुडेज क्लास थैंक यू एवरीवन आई होप यू ऑल हैड हैड एन अमेजिंग टाइम स्टडिंग द कांसेप्ट ऑफ कांट्रैक्ट लॉ सी यू ऑल इन दी नेक्स्ट क्लास थैंक यू एवरीवन हैव अ ग्रेट डे थैंक यू