सो दोस्तों आज हम पढ़ेंगे क्लास नाइंथ हिस्ट्री का चैप्टर नंबर फाइव जिसका नेम है पेस्टो लिस्ट इन द मॉडर्न वर्ल्ड सो बेसिकली हम इस चैप्टर में पढ़ेंगे कि चरवाहे कौन होते हैं यह कहां से आते हैं और कहां चले जाते हैं सो पहले हम इंडिया के बारे में पढ़ेंगे और फिर पढ़ेंगे कि ओपनि वेसी काल ने इंडिया के चरवाहों को कैसे प्रभावित किया और फिर हम बात करेंगे इंडिया से अलग देश अफ्रीका के बारे में तो चलिए शुरू करते हैं सो पहले हम पढ़ेंगे पेस्टल नोमेड्स एंड देयर मूवमेंट इन द माउंटेन द गुर्जर बकरवाल ऑफ जम्मूकश्मीर तो जम्मूकश्मीर के पेस्टो को हम गुर्जर बकरवाल कहते हैं दिस कम्युनिटी सेटल हेयर इन द 19th सेंचुरी यानी यह समुदाय 19वीं शताब्दी में यहां आकर बस गया था यह लोग गर्मी व सर्दी के अनुसार मूवमेंट करते थे जैसे ठंड के सीजन में जब ऊंचे पहाड़ बर्फ से घिरे होते थे तब यह शिवालिक रेंज की निचली पहाड़ियों में आकर बस जाते थे और जब गर्मियों का सीजन स्टार्ट होता था तभी ये वापस पहाड़ों की ओर चले जाते थे इस तरह की मूवमेंट ही हिमाचल प्रदेश के पेस्टो लिस्ट करते थे वे ठंड शिवालिक में वह गर्मी लाहौल स्पति नामक एक स्थान पर बिताते थे हिमाचल के चरवाहों को गद्दी कहते थे इसी प्रकार गढ़वाल और कुमाऊ के गुर्जर पेस्टो सर्दियां भाबर के सूखे जंगलों में व गर्मियां ऊपरी घास के मैदान बुग्याल में बिताते थे अब ये बुग्याल और भाबर होते क्या है बुग्याल 12000 से भी अधिक ऊंचे पहाड़ों पर स्थित घास के मैदान होते हैं और गड़वाल और कुमाऊ के निचले सूखे जंगलों के इलाके को भाबर कहते हैं अब इन्हीं में ही भोटिया शेरपा और किन्नौरी जै समुदाय ग्रेजिंग लैंड की हरियाली के समाप्त होते ही नए ग्रेजिंग लैंड की खोज में निकल पड़ते थे ऑन द प्लेटोस प्लेंस एंड डेजर्ट द धांगड ऑफ महाराष्ट्र यह महाराष्ट्र की पेस्टो कम्युनिटी है जो मानसून में मिडिल प्लेट में रहते हैं और अक्टूबर में कोंकण की ओर जाना शुरू कर देते हैं कुरूमा एंड कुरूबा कम्युनिटी बिलोंग टू कर्नाटक एंड आंध्र प्रदेश ये लोग भी मवेशी चराते और मौसम के अनुसार दूसरी जगह जाया करते हैं बंजारे कम्युनिटी बिलोंग टू यूपी पंजाब राजस्थान और महाराष्ट्र यह लोग भी ग्रेजिंग लैंड के लिए काफी जगह जाते हैं राजस्थान की पसलिक कम्युनिटी को हम रायका कहते हैं यह लोग अपने मवेशियों से सुविधाएं भी प्राप्त कराते थे और आखिर में यह भी चिरगाल में निकल जाते थे अब यह लोग काफी जगह पर आते जाते थे इसलिए इन्हें कुछ चीजों का ध्यान रखना पड़ता था जैसे कि यह ऐसी जगह पर जाते थे जहां पर पानी उपलब्ध हो उन्हें उस जगह के लिए किस समय निकलना है जहां पर चर गाह उपलब्ध हो जहां से पैसा भी कमा आ सके कॉलोनियल रूल एंड पेस्टोरियस लाइफ दोस्तों अभी तक हमने इंडिया के पसलिक कम्युनिटी के बारे में पढ़ा अब हम पढ़ेंगे कि कॉलोनियल रूल से क्या बदलाव हुए तो यहां से आपके तीन सवाल बनेंगे जिनमें हम इस टॉपिक को पूरा समझ लेंगे अच्छे से सो क्वेश्चन नंबर वन व्हाट हैपन टू पेस्टोरियस रूल कॉलोनियल रूल कंपलीटली चेंज्ड द लेव्स ऑफ पेस्टो द रेवेन्यू दे हैड टू पे इंक्रीजड देयर ग्रेजिंग लेन डिमिनिश्ड हिज एक्टिविटीज वेर कंट्रोल्ड देयर ट्रेड क्राफ्ट एंड एग्रीकल्चर आलो डिसलाइक कि औपनिवेशिक कानून से इनके चरका कम हो गए गतिविधि को नियंत्रित किया गया इनके व्यापार शिल्प और कृषि में गिरावट हुई और उन्हें जो राजस्व देना पड़ता था वह भी बढ़ा दिया गया क्वेश्चन नंबर टू व्हाट हैपन आफ्टर ऑल दिस हैपन ऑल ग्रेजिंग लैंड वाज कन्वर्टेड इनटू एग्रीकल्चर लैंड द एक्ट इंपोज्ड रिस्ट्रिक्शन ऑन देयर मूवमेंट्स द ब्रिटिश कं साइड विद दिस ही इंप्लीमेंटेड द क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट इन 187 टैक्सेस वेयर इंपोज्ड ऑन कैटल व्हिच वेंट अप रैपिड कैटल डेड ड्यू टू स्केरिडी ऑफ फेडर मतलब इसे लोगों पर एक्ट लगा दिया गया चरवाहों को अपराधी मानने लगे चरवाहा भूमि को कृषि भूमि बना दिया मतलब इससे लोगों पर एक्ट लगा दिया गया चरवाहों को अपराधी मानने लगे चरका भूमि को कृषि भूमि बना दिया और चारे के कारण काफी सारे पशु पक्षी या मारे गए क्वेश्चन नंबर थ्री इसके बाद क्या परिवर्तन देखने को मिले कुछ ने अपने झुंड में मवेशी की संख्या कम कर दी कुछ ने नए रगा खोजे कुछ ने जमीन खरीदी और सेटल हो गए कुछ गरीब किसान ने जीवित रहने के लिए पैसे उधार लिए और धीरे-धीरे उन्होंने अपने मवि श्यों को खो दिया अंत में वे मजदूर बन गए दोस्तों इन तीन टॉपिक से हमने अपने टॉपिक को समझ लिया है अब हम देखते हैं पेट्रोल इन अफ्रीका चेंजेज इन द मसाई वे ऑफ लाइफ मसाई अफ्रीका का चरवाहा समुदाय है जो चरवाहों के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान आते जाते रहते हैं ले लेकिन औपनिवेशिक कानून ने इनका जीने का तरीका बदल दिया क्योंकि इससे इनके चरंग सिमर जा रहे थे जिसके निम्न कारण है जैसे कि क्षेत्रों के विभिन्न भागों में बांटा हुआ था चरवाहों पर कब्जा करा हुआ था चरवाहों के लिए संघर्ष करना पड़ता था इससे ने बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था अफ्रीका में चरवाहों के काफी टैक्स लगाया गया था और रूल एंड रेगुलेशन लगा रखे थे यानी उनके इंडिया से भी ज्यादा बुरी हालत थी और कई जगहों पर जाने से प्रतिबंध भी था वह उन्हें घूमने के लिए परमिट लेना होता था लेकिन इन्हें परमिट उपलब्ध कराया नहीं जाता था जिससे इनके मवेशी भूख के कारण ही मारे जाते थे वो भी काफी ज्यादा बड़ी संख्या में वाय खान बादो पेस्टो खान बादो होते हैं क्योंकि इससे उन्हें सूखे में बचने में मदद मिलती है अब जिस समय की हम बात कर रहे हैं उस समय में मसाई समाज दो भागों में बंटा हुआ था शासक और योद्धा शासक शासन करते थे और योद्धा लोगों की सेवा करते थे वह गांव को कठिनाइयों से बचाते थे जब अंग्रेजों द्वारा जनजाति व्यवस्था का विरोध हुआ तब उन्होंने उसका विरोध किया जिससे दो कार्य हुए पहला बुजुर्गों और योद्धाओं के बीच पारंपरिक अंतर टूट गए दूसरा अमीर व गरीब के बीच अंतर स्पष्ट और ज्यादा बढ़ गए दोस्तों आपकी नाइंथ क्लास में इतना ही है बाकी आप इस वीडियो को अच्छे से पढ़ोगे तो आपका इस चैप्टर से कोई भी क्वेश्चन नहीं छूटेगा क्योंकि हमने इस चैप्टर में बेसिकली इंपॉर्टेंट टर्म्स के ऊपर बात की है बाकी अगर आपको कोई डाउट है वह आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हो और आपको इस वीडियो से कुछ भी सीखने को मिला हो तो इस को लाइक करकर चैनल को सब्सक्राइब याद से कर लेना बाकी आपको नेक्स्ट वीडियो किस पर चाहिए बता देना तब तक के लिए टिल देन टेक केयर बा बाय