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प्रायोगिक भूगोल में मानचित्रों का महत्त्व

Hello and welcome to the GOA Ecologist GS. मैं हूँ Dr. Krishnanand और class 11th का practical geography का जो portion है वह आज हम लोग शुरू कर रहे हैं इस वीडियो में तो आज इस पहले वीडियो में हम लोग बात करने वाले हैं basic introduction to maps, cartography और कुछ basic concepts जो की glossary में भी दिया हुआ है एंसी आर्डे में उसको हम लोग revise करने वाले हैं तो आप देख सकते हैं हमारे playlist section में जाके हमने अभी तक जो भी NCERT's geography cover किया है और और भी जो videos आपको देखने को मिल जाएंगे तो इस channel पे हमारा initiative यह है कि हम general studies से related सारे topics gradually करेंगे हमने geography NCERT से शुरू किया है लेकिन आगे हम history, international relations, internal security यह सारे papers दिरे दिरे लेके आने वाले हैं पर पहले हम NCERT series को खतम करेंगे तो आईए learn करते हैं यह basic introduction to maps और हमारे channel को subscribe करना ना भूलिए और please ये videos को ज़्यादा से ज़्यादा लोगों में share ज़रूर करिये तो जैसा कि आप देख सकते हैं ये है हमारा class 11 का practical geography जिसका chapter number 1 है introduction to maps और इस practical geography का नाम जो है यहाँ पे आप देखेंगे practical work in geography भी दिया गया है तो practical geography बोलिये या practical work in geography तो उसका ये पहला chapter हम लोग revise करने वाले है अब इस basic introduction to maps में सबसे पहले समझने वाली बात क्या है? सबसे पहले समझना है representation of earth on a two dimensional space.

क्यूं? क्योंकि map जो है वो एक 3D का 2D है. मतलब आप जब देखते हैं किसी भी चीज़ को अपने आसपास, तो जब उसी चीज़ को हम map पे represent करते हैं, तो उसके dimensions बदल जाते हैं. यानि एक flat piece of paper पे हम एक 3D चीज़ को represent कर रहे हैं. तो basically एक tool है map.

क्या है? टूल फॉर रेप्रेजेंटिंग दिल्ल स्पेस रेट अब रेप्रेजेंटेशन में क्या खास बात है और क्या-क्या बातों का ध्यान रखना है वहीं इस चैप्टर में हम लोग रिवाइज करेंगे पढ़ेंगे तो सबसे पहले देखिए कि और का शेप कैसा है जी वाइड शेप है यानि थ्री डिमेंशनल शेप है और मैप पर हम उसको क्या करते हैं सिंप्लीफाई करते हैं अंडरस्टैंडिंग बेटर करने के लिए लोग रियल वर्ल्ड कंप्लेक्स है इस एंट इतनी कंप्लेक्सिटीज को आप अगर समझने जाएंगे तो मैप पर नहीं represent कर पाएंगे, तो उसको थोड़ा simplistic way में करते हैं, ताकि आप basics को समझ पाएंगे अच्छे से, तो इसलिए यह two dimensional representation आप देखेंगे, यहाँ दिया गया है, कि three dimensional earth को 2D पर represent करेंगे, और कुछ चीज़ों को use करेंगे, यानि उसमें एक चीज़ है system of projections, जिसको हम बोल ये दो ऐसी चीजे हैं जिसको इस्तमाल करके आप क्या करते हैं? त्री डिमेंशनल को टू डिमेंशनल में कनवर्ट करते हैं और स्केल्स और प्रोजेक्शन को हम डिटेल में एनिवे आने वाले चैप्टर्स में पढ़ेंगे फिर आए देखते हैं कि कहा गया है समझते हैं, experience करते हैं तो basically क्या करना है आपको use करना है symbols, colors, shades और एक particular way of representation जो की आप देखेंगे की generalized representation of total whole होता है या कोई एक part का representation होता है यहाँ पे आप देखें दिल्ली का map दिया गया है तो इस तरफ map of Delhi है इस तरफ sketches है तो अब दो word यहीं आ जाता है sketch क्या होता है और map क्या होता है तो आपको दिखेगा कि sketch जो है वो free hand drawn है इसमें आप measurements नहीं ले सकते कॉंटिफाई नहीं कर सकते यहां से यहां कितना किलोमेटर होगा यह रोड कितनी चौड़ी होगी बट यह टू द स्केल बना हुआ है यानि इसमें रेप्रेजेंटेशन जो है वो यहां दिया गया है कि कितना किलोमेटर को कितने यूनिट्स में रेप्रेजेंट किया गया है अब cadastral जो है वो Latin word से आता है, French में आया, cadastral का मतलब होता है piece of land, तो cadastral map basically क्या है, एक large scale map है, अब यहीं पे मैं clarify कर दूं, जबकि scale पढ़ेंगे वहाँ फैसे करेंगे, कि जब भी आप सुनिए large scale map, यानि जो representation होगा, वो बहुत बड़ा fraction होगा, fraction बड़ा होगा यानि एक 50,000 parts में divide करें कौन सा fraction बड़ा है?

obviously ये fraction बड़ा है तो जो fraction बड़ा है वो ज़्यादा detail देगा आप इसलिए इसको cadastral map कहते हैं तो cadastral map जो है वो आपकी properties वाली जो होती है अगर आप कभी अपने गाउ जाएंगे या आप गए होंगे पत्वारी के पास जो map होता है वो cadastral map होता है इसको हमारे यहाँ पे खाता खस्रा भी बोलता है जो उसका number होता है उसमें दिया होता है और आप उसके हिसाब से अपने plots को identify कर पाते हैं तो उतनी डिटेल होती है इसमें लार्ज स्केल मैप में फिर कुछ बात है कार्डिनल पॉइंट्स अब कार्डिनल डिरेक्शन सब समझते हैं तो आप नॉर्मली नॉर्थ को ऊपर रखते हैं मैप में इस्ट वेस्ट सौथ यह कार्डिनल पॉइंट्स है कार्डिनल पॉइंट्स पिट कार्टिनल पॉइंट्स पॉइंट्स पॉइंट्स पॉइंट आप basic generalization करके जो appropriate scale और purpose से map बनाते हैं, visual form है, जनरल purpose maps कहते हैं, और बहुत specific purpose maps भी होते हैं, वो हम आगे देखेंगे, फिर आता है शब्द geoid, अब geoid जो है एक common word यूज़ के जाता है, earth के shape को represent करने के लिए, जो की एक oblate spheroid से लिया गया है, oblate spheroid का मतलब यह है कि earth जो है वो, poles पे flat है, और center में बाहर निकला हुआ है, bulged out है, राइट, ऐसे shape को हम कहते हैं, oblate spheroid, अब क्योंकि geoid, spheroid, ये सब जो है, geometrical figures और उससे derivatives हैं, तो इसको हम आगे भी देखेंगे, कि इसको क्यों ऐसे कहते हैं, क्योंकि earth, real earth अगर आप देखेंगे, तो वो उबर खाबर है, तो उसमें हम एक average value लेके इसको plot करते हैं, earth जैसा है, इसलिए geo word है, geoid है, अब आते हैं map, selectic symbolized, generalized representation of whole, और part of earth है at a reduced scale and map series क्या है एक particular series of map जो same scale पे हो same style में हो और उसमें specification हो किसी country या region का उसको बोलते है map series उसके अलावा map projection scale और sketch map तो देखिए map projection क्या होता है एक projection का मतलब आप देखेंगे कि light पहीं से आप throw करते हैं object पे और उसका shadow कहीं cast होता है तो इसी तरीके से आप देखेंगे कि map जो है वो three dimensional को two dimensional में करना है तो 3 dimensional को 2 dimensional करने के लिए आप क्या करते हैं उसको project करते हैं एक plane surface पे इसी process को projection कहते हैं आपने घर में देखा होगा या schools में या कहीं और देखा होगा projector use करते हैं उसमें slide होती है जिसको वो project करता है बड़े में और वो आपको दिखाता है ऐसे ही scale क्या है scale है ratio basically एक fraction है किस ची� A से B का distance है map के उपर क्या है और same A से B का distance ground के उपर क्या है तो map upon ground ये जो होगा वो होगा scale of the map कितने चीज को आपने कितने भाग को आपने कितने में दिखाया है और sketch क्या होता है ये एक free hand drawn sketch है किसी जगह का जहाँ पे आपको scale जो है वो नहीं मिलेगा तो इन ही बातों का ध्यान cartography को पढ़ते हुए तो ये सारी बाते अब बात करते हैं आगे Essentials of Map Making की Essentials of Map Making में सबसे important क्या चीज़ें हैं इसको समझ लीजिए तो Scale, Projection, Generalization, Design and finally Map Construction and Production तो एक-एक करके इसको समझिए कि यह जो components हैं Cartography के यह जो 1, 2, 3, 4, 5 components of Cartography हैं यह कैसे इसको समझना है और यह क्या-क्या होता है तो सबसे पहले Scale जो कि अलग chapter भी है बट यहाँ पे समझिए कि आपको reduce करना है real world space को, right? आपको 10 km का area, अगर 1 cm में दिखाना है map में, तो आपको क्या करना होगा? इसको scale down करना होगा, right? तो आप देखें इसको, first decision क्या है? कि आपको ये देखना है कि आप scale क्या रखने वाले हैं?

1 cm map पे ground का कितना km दिखाने वाला है? तो आप देखेंगे projection से क्या होता है? Simplification of the representation of three dimensional surface of the earth on a plain sheet of paper. तो आप देखेंगे earth जो है वो कुछ उबर खाबर सा है, यानि ये earth जो आपको पूरा round ऐसे दिखता है, ये नहीं है, यानि ये real है और ये projected है, तो यही फर्क जो होता है projection करता है, आपको reality को थोड़ा सा simplify करने का काम करता है, Radical transformation करते हैं, और इसमें आप देखेंगे shapes को, areas को, distances को कोशिश करते हैं preserve करके रखने की और इसी को हम geoid बोलते हैं तो यह बहुत सारे तरीके के projections होते हैं अलग-अलग purpose के हिसाब से वो हम आगे देखेंगे तो अब यह वाला map आप देखेंगे, और अगला जो detailing के साथ-साथ है तो आप देखेंगे क्या, कि जैसे-जैसे क्या हो रहा है, change हो रहा है आपको scale में वैसे वैसे detailing आप देख सकते हैं बढ़ रहा है तो ये आप देखें कि इसको zoom factor की तरह consider करें अब इससे ज़ादा zoom करेंगे तो आपको थोड़ा और आगे detail दिख रहा है फिर और zoom करेंगे तो आप देखें ये जो cannot place है ये थोड़ा सा visible होने लगा और और zoom करेंगे तो और detail दिखने लगा cannot place का इसका क्या मतलब हुआ कि आपने scale को change किया small scale से large scale की तरफ गया meters को अब आप centimeter में represent करने लगे पहले आप किलोमेटर को सेंटिमेटर में रिप्रेजन कर रहे थे तो फिर आता है generalization की बात कि हर map का एक objective होता है, purpose होता है तो अगर purpose मेरा बहुत specific है जैसे आपको सिर्फ transport lines दिखानी है तो आपका specific हो गया लेकिन आपको एक common आदमी के लिए common representation देना है कि भाई basics बताओ कि यहाँ पे और क्या-क्या चीज़े है तो उसको बोलते है general purpose map जिसमे relief, drainage, vegetation, settlement यह सारी बाते आपको मिल जाएगी लेकिन कोई बात detail में नहीं मिलेगी यह समझने की जरूरत है इसी को general maps कहते हैं अब आता है map design तो map design जो है वो सबसे important component हो गया cartographer के लिए क्योंकि designing में क्या use होगा symbols use होगे, size और form की बात होगी, styling of lettering की बात होगी, जो भी बातें लिखी जाती हैं, वो कैसे लिखी गई हैं किस तरीके से, कौन सा color और shade किस चीज़ को represent करता है यह बहुत important है, और इस पे principles of map design, आप देख सकते हैं आप उसको उठा के देख सकते हैं और मैप कंस्ट्रक्शन और प्रोडक्शन जो है उसके बाद किया जाता है ताकि लोगों में डिस्ट्रिब्यूट किया जा सके तो यह आखिरी टास्क होता है कार्टोग्राफिक प्रोसेस का जिसमें मैप का कंस्ट्रक्शन रिप्रोडक्श अब थोड़ा यहाँ आते हैं, history of map making को देखते हैं, कि शुरुआत कैसे हुई, तो history of map making जो है, वो उतना ही बड़ा और पुराना है, जितना mankind का खुद का history है, development process के साथ maps भी बदले, तो आप देखेंगे सबसे पुराने जो maps मिले हैं, वो कहीं न कहीं पुराने civilizations में मिले हैं, तो आप Indus Valley की बात करते हैं, Mesopotamia civilization की बात करते हैं, जहांपे clay tablet, clay tablet यानि कहांपे मिलने वाले नदियों में, रिवर में जो आपको finest silt होता है वो clay बनता है और clay को अगर आप देखेंगे तो pottery के लिए use किया जाता था same clay को tablets की तरह use किया गया जिस पे जगहों को भी represent किया गया तो clay tablets का इस्तमाल आप देखेंगे 3000 BC, 2500 BC मतलब आज से करीब 5000-6000 साल पहले से शुरुवात होती है अब Romans and Greeks ने इसमें महारत हासल की और आप देखेंगे Ptolemy जिनका नाम आता है Map of the world बनाने के लिए बहुत famous है और Greek and Arab geographers ने Middle Ages में further आते हुए और डेवलप किया, modern cartography की तरफ लेकिया है, तो थोड़ा सा यहां दिया गया है Ptolemy's map of the world, अब आप देखेंगे Ptolemy जो है वो Romans kingdom की बात हम करते हैं, उस समय पर लगबख 2000 साल पहले की बात, तो उस समय जो known world था उसको कैसे represent किया, कि गंगा रिवर को यहाँ तक represent किया गया है, Indus को represent किया गया है, right? और आप देखें एक्वेटर की बात भी की गई है यहाँ पे, है ना, तो आप देख सकते हैं, और कुछ यूरप के प्लेसेस, मेडिटेरिनियन, और एथियोपिया कहा गया आफरिका को, इतना ही known world था, बाकी तो age of discovery में हुआ, तो इतना known world कम से कम बताया गया, तो आप देख sunshine होता है, sunrise होता है, और east में far off lands है, जहाँ पर treasure हो सकता है, तो सबने east की तरफ आना हुआ, इसलिए भी क्योंकि mapping जो है, वो एक perception create करता है दुनिया, तो ये सारे बाते आप देखेंगे, यहाँ दी गई है, अब बात करते हैं कि क्या इंडिया में concept नहीं था map का, है, तो हमारे जो पुरानिक maps हैं, पुरानिक thoughts हैं, वो अलग ways में represent करती हैं, वो इस तरीके से represent नहीं करती, कि ये आपको इस तरीके से दिखेगा कि किस तरीके से लेयर आफ्टर लेयर इसको बनाया गया है तो बहुत सारे लॉज और सिधान थे जिसको बात करते हैं आरे भट वरामहर भासकर इन्होंने जो अलग अलग द्वीपों की बात करते हैं हम वो आज भी हम करते हैं संस्कृत के मनतो चारन म पलसक द्वीप आप देखें जो almost North West Africa की बात कर रहे हैं, क्रॉंच द्वीप जो है वो यौरप है, जम्बु द्वीप जो है ये पूरा पूरा एशिया की बात है, पुषकर द्वीप अभी जो आप Siberia और Eastern Russia की बात कर रहे हैं, फिर सकद्वीप जो है वो Pacifics की बात है, तो आप देखें ये सारे जो द्वीप हैं, 7 Dweepers of the World.

और एक जो पौरानिक concept है वो यह है कि जो एक गर्ब ग्रिह का जो concept होता है जैसे temples में वैसे ही एक गर्ब की बात है, हिरन्य गर्ब concept कहते हैं इसको, इसमें मेरू जो है वो एक central pillar है, एक mount मेरू, और इसके north में, और इसके south में, इसके east में, इसके west में, देखेंगे आप, लेक तो इस तरीके से मत समझिए आप ये center है, pivot है of the world, known world. और इसमें यहाँ पे इलावरत, आप देखेंगे स्वेत वर्स, हिरन्यक वर्स, एरावत वर्स, और फिर ये surrounded है milky ocean से. अब ये salt ocean, milk ocean ये जो concepts है, ये पॉरानिक concepts है, different different stories है, different different incarnations of gods है, उनके हिसाब से बना हुआ है. और यहाँ आप देखेंगे, आपको दिखेगा जो जम्बू द्वीप है, वो करेब करेब मेरू के.

पास वाला एरिया है फिर हरी वर्ष हिमवत वर्ष भारत वर्ष सॉल्ट ओशन तो आप देखेंगे आपको एक आइडिया लगेगा कि यह इसी चीज से रिलेटेड है थोड़ा सा अगर आप समझ पाएं यहां पर तो अब बात करते हैं कि अकबर के टाइम पर अगर आपने स� तो land survey और map making किसने कराया? टोडरमल्द ने, इन्होंने revenue collection के लिए कराया इसको, और फिर देखेंगे सेरसा सूरी ने revenue maps के लिए further किया, तो ये ध्यान रहे, ये university में cartography पढ़ाने के लिए नहीं किया, लेकिन आज हम, हमको क्या मिला इससे? एक idea मिला कि इस तरीके से evolve हो गया technique, लेकिन geography को क्या मिला?

modern cartography मिलता गया, तो फर्दर आप देखेंगे जब तक सर्वे ओफ इंडिया आया 1767 में बृतिश ने इस्टैब्लिश किया अगर बृतिश का भी पॉलिसी क्या था कि जितना आप जानों के जितना एक्सफ्लोर करोगे उतना बेटे रिवेनियो मिलेगा आपको तो सर्वे ओफ इंडिया बनाय पर अपने interest के लिए आप और पढ़ सकते हैं different history books में different books में तो types of maps की बात करते हैं अगला यहाँ पर दिया गया है scale के उपर आप देखें तो क्या दिया गया है large scale maps जिसमें cadastral map आता है बहुत सारी detail होती है और topographical maps आता है right तो cadastral map देखेंगे आप 1 is to 3000, 1 is to 4000 इतने पे होता है right तो आप ये इसमें इतना level of detail होता है कि आपके घर की boundaries भी आपको दिखती है आपके पड़ोसे के साथ, जब भी जमीन का कोई dispute होता है तो cadastral map निकालने की बात करते हैं, जिसमें खाता खसरा नमबर दिया होता है, है न, और topographical map क्या है, जहाँ पे topography का representation है, कहाँ पे उपर है, कह इसमें अग्रिकल्चरल लैंड, फॉरेस्ट, सेटिल्मेंट और ये सारे रिलीफ, ड्रेनेजी आपको मिल जाएंगे, लेकिन ये सारे क्या है, डिटेल वाले हैं तो लार्ज स्केल हैं, अब थोड़ा कम डिटेल वाले पर आएए, एरिया बड़ा होगा, मतलब कवरेज होगा तो वो wall map हो, atlas के maps हो, जो कि बहुत general maps होते हैं, बड़े areas को represent करते हैं, detail थोड़ी कम होते हैं, इनको हम बोलते हैं small scale maps, अब आते है functional maps, map based on function, तो इसमें आप देखें physical map, नाम ही है physical, यानि सिर्फ physical properties को दिखाएगा, तो physical properties यानि geomorphology, relief, geology, soil, drainage, weather, climate, vegetation, ये सारे physical properties वाले हैं, तो इसमें आप देखें क्या क्या आता है, relief map, geological map, क्लामेटिक मैप्स यह सारे के सारे यहां दिये गए हैं अलग-अलग एरियास के एग्जाम्पल दिया गया एंसी आटी में पिक्चर्स के साथ रिलीफ मैप कैसा दिखता है तो देखिए आप यहां पर लैंड स्लोप दिया गया है कि कौन से एरियास में कैसा स्लोप है सबसे ह फिर ऐसे rocks and minerals का color representation के साथ सीधे सीधे दे दिया गया है, ऐसे ही आप देखे, climatic conditions का map देखे, जैसे जैसे आप देखेंगे, यहाँ पर आपको annual rainfall, जितना ज़्यादा deep blue है, यानि इधर जा रहे हैं, उतना ज़्यादा ज़्यादा बारिश है, और जितना ज़्यादा आप इसस अब आते हैं cultural maps पे, cultural यानि human centered, cultures, cultivation, right, तो cultural maps हमेशा आपको man made, human made features दिखाएगा, जिसमें आपको sex, age, social, religious composition, literacy, growth, all those things, transportation, production, ये जितने भी human features हैं, इसको आप human maps कह सकते हैं, तो इसमें political maps होंगे, district boundaries, state boundaries, country boundaries, इस सारे बाते हैं, population map, कहाँ पे population का concentration जादा है, कहाँ कम है, वो इस तरीके से आप देखते हैं, इसमें dot method का बड़ा इस्तमाल होता है, one dot जो है, वो कितना represent कर रहा है, कितने population को दिखा रहा है, तो इस तरीके से use हो और इसी तरीके से आप देखेंगे transportation में तो आप देखेंगे roads, railway lines, railway stations, airports का representation होगा आप इस तरीके से देख सकते हैं industrial maps तो basically इतने variety के maps हम बनाते हैं cartography में और use of maps क्या है? obviously geography वाले, geology वाले, planning वाले in fact कोई भी जिसको tourism भी करना है आजकल google maps आपके phone में आ गया है तो आसान हो गया है life इमेजिन करिए 20 साल पहले, वहाँ लोग हाथ में मैप लेके टोरिस्ट चलते थे, टोरिस्ट गाइज करते थे, अब डिजिटल हो गया है तो आपको डिजिटल प्लैटफॉर्म पे वही चीज मिल रही है, बट अभी भी यूटिलिटी है मैप्स का, डिस्टेंस के लिए, डि road track करते हैं, although कई बार GPS गलत भी दिखा रहे थे, but the whole point is, जितना ज़्यादा accuracy होगा, उतना better आपके लिए होगा, और accuracy किस पे होगा अधारित इन ही basic parameters पे scale क्या है, datum क्या है, projection क्या है, तो आप देखेंगे remote sensing data को use करके geographic information system बना, और उसी से GPS जुड़ा हुआ है, तो RS remote sensing, GIS geographic information system, और GPS, ये तीनो integrated है, पहले अलग तरीके से करते थे जैसे rotameter का इस्तेमाल होता था instrument का measure करने के लिए distance को directions की बात बड़े important थी तो आप देखेंगे cardinal और intermediate directions की बात थी यह सब पहले के समय के थे अब क्या है इतनी जादा इस पर detailing digital way में आसानी से हो जा रही है अब measurement of area देखी यह area calculation होता था map को लेकर particular tracing sheet को use करके और उसको particular way में आप देखते थे तो इस पर planimetric surveys होते थे polar planimeter कहते थे तो ये सारी चीज़े पहले के time पे use होता था यहाँ पे represent कर दिया गया है पर ध्यान रहे ये अब सर्फ किताबों में हैं या किसी किसी जग़ा पे university में या schools में पढ़ाए जाने के लिए हैं practical purpose के लिए क्योंकि technology advance हो चुका है लेकिन हाँ आपको जानना जरूर चाहिए ये क्या होता है और कैसे इस्तमाल करते थे ये सारी बातें इसमें कही गई हैं और उसके बाद exercise दिया गया है इस chapter में तो मैं आशा करता हूँ कि ये जो basics to introduction of maps है ये आपको समझाया होगा और आप इस video को ज़्यादा से ज़्यादा लोगों में share ज़रूर करें subscribe नहीं किया तो please do subscribe to our channel और मिलते हैं अगले video में अगला chapter हम पढ़ने वाले हैं जो कि scale पे होगा फिर projection पे होगा और भी सारी चीज़े जैसे जैसे ये दिया गया है ncrt में cartography one after the other we are going to complete it so all the best wishes enjoy करिए take care