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म्यूचुअल फंड्स से एग्ज़िट कब करें

हाय एवरीवन वेलकम बैक टू चैनल कैसे हैं आप सब दोस्तों चलिए इस वीडियो की शुरुआत करती हूं एक इंटरेस्टिंग एग्जांपल से एक फार्मर को सीड्स बोने का सही समय क्रॉप्स को नर्चर करने का और पेस्टिसाइड्स का इस्तेमाल करके क्रॉप्स को पेस्ट से बचाना यह सब आता है राइट पर क्रॉप्स का बेस्ट प्राइस हासिल करने का की है सही समय पे उसे हार्वेस्ट करना क्योंकि अगर वो क्रॉप्स को बहुत जल्दी हार्वेस्ट करता है उसे मनचाही क्वालिटी नहीं मिलेगी क्योंकि क्रॉप्स पूरी तरीके से रा नहीं हुए होंगे वहीं अगर वोह बहुत लंबा वेट कर जाता है अगेन क्रॉप्स मनचाही क्वालिटी के नहीं होंगे अब बात करते हैं म्यूचुअल फंड्स की जो कि सेम ही डालमायड स्कीम्स को कब सेल या फिर एग्जिट करें ये इंपॉर्टेंट हो सकता है क्योंकि आप म्यूचुअल फंड से तभी अच्छे रिटर्न्स कमा सकते हैं जब आप उन्हें सही टाइम पर सेल करते हैं अब म्यूचुअल फंड इन्वेस्टर्स अक्सर ये क्वेश्चंस पूछते हैं कि क्या मुझे प्रॉफिट्स बुक करने के लिए अपने म्यूचुअल फंड्स सेल करने चाहिए स्टॉक मार्केट क्रैश हो गया है क्या मुझे म्यूचुअल फंड से एग्जिट कर जाना चाहिए और मेरा म्यूचुअल फंड ना तो ऊपर गया है और ना ही नीचे मैं सेल करना चाहता हूं वेल यह सभी रीजंस आपके म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट्स में से एग्जिट करने के हो सकता है सही रीजंस ना हो नाउ म्यूचुअल फंड्स में प्रॉफिट बुक करने से हो सकता है आप अच्छे परफॉर्मिंग म्यूचुअल फंड्स यानी कि विनर्स को सेल कर दें और बुरे परफॉर्मिंग म्यूचुअल फंड्स यानी कि लूजिंग वंस को होल्ड ऑन करके रखेंगे है ऐसा इसलिए क्योंकि म्यूचुअल फंड अच्छा कर रहा होगा क्योंकि वो वेल मैनेज्ड होगा और उसे शॉर्ट रन में एग्जिट कर जाने से आप लॉन्ग रन में हायर रिटर्न्स नहीं कमा पाएंगे तो अपनी म्यूचुअल फंड स्कीम्स में से एक इंसान को आखिर कब एग्जिट करना चाहिए वेल दोस्तों आज की वीडियो में हम बात करने वाले हैं उन फंडामेंटल क्यूज की जो कि बता सकते हैं कि कब एक म्यूचुअल फंड में से एग्जिट करना चाहिए आल्सो मैं आपको इंसाइट्स दूंगी कि आपको कब इंतजार करना चाहिए इसके पहले कि आप म्यूचुअल फंड से एग्जिट कर जाएं सो प्लीज इस वीडियो को स्किप ना करें इसे केयरफुली देखते रं और लास्टली अगर आपको यह वीडियो है हेल्पफुल लगी हो तो लाइक करना ना भूलिए और हमारे चैनल को सब्सक्राइब भी कर लीजिएगा और साथ ही बेल आइकन को भी हिट कर दीजिएगा ताकि आपसे कुछ मिस ना हो दोस्तों ध्यान रहे कि यह वीडियो सिर्फ एजुकेशनल पर्पसस के लिए है जो फंड्स इस वीडियो में मेंशन किए जा रहे हैं वह सिर्फ एक एग्जांपल है ना कि कोई हमारी तरफ से रिकमेंडेशन कोई भी फाइनेंशियल डिसीजन लेने से पहले हमेशा अपनी रिसर्च खुद करें या किसी एक्सपर्ट को कंसल्ट कर ले ऑलराइट सो वीडियो की शुरुआत करते [संगीत] हैं नंबर एक आप अपने फाइनेंशियल गोल्स के करीब हैं आइए समझते हैं कि जब आप अपने फाइनेंशियल गोल्स के करीब होते हैं तब म्यूचुअल फंड्स में से कब एग्जिट लेना चाहिए इसे एग्जांपल से समझाती हूं सपोज आप एक कार खरीदना चाहते हैं ₹1 लाख की 5 साल के अंदर अब आप ₹2000000 हर महीने इन्वेस्ट करते हैं मंथली एसआईपी के थ्रू एक इक्विटी फंड में जिससे कि आप ₹1 लाख के फाइनेंशियल गोल तक पहुंच सके सपोज करते हैं कि आपके इस इक्विटी फंड ने ओवर फोर इयर्स में एवरेज 12 पर रिटर्न पर एनम के लिए जनरेट किया तो आप आपने एक्युमटिका एसआईपी स्टॉप कर सकते हैं और इक्विटी फंड इन्वेस्टमेंट में से 4 साल के बाद ही एग्जिट कर सकते हैं क्योंकि आपने तो कार खरीदने की अमाउंट को ऑलरेडी एक्यूमेक कर लिया है आइए नेक्स्ट केस डिस्कस करते हैं सपोज आप इकट्ठा करना चाहते हैं ₹ लाख अपने चाइल्ड की हायर एजुकेशन के लिए जो कि 8 साल दूर है आपने ₹2500000 की मंथली एसआईपी एक इक्विटी फंड में की जिसमें आपको सिक्स इयर्स के लिए 12 पर एवरेज रिटर्न्स पर एनम दिए तो आपने ₹ लाख सिर्फ 6 साल में एक्यूम कर लिए और सिर्फ ₹ लाख दूर हो आप अपने ₹ लाख के फाइनेंशियल गोल से लेकिन स्टॉक मार्केट सडन कभी भी क्रैश हो सकता है ना याद है 2008 का मार्केट क्रैश ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस की वजह से हुआ था और मार्च 2020 का स्टॉक मार्केट क्रैश कोविड-19 पेंडम की वजह से हुआ था तो अगर ऐसा होता है तो आप अच्छा खासा अमाउंट अपने इक्विटी फंड इन्वेस्टमेंट में लूज कर देंगे और अपने उस फाइनेंशियल गोल तक रीच करने में फेल कर जाएंगे तो मार्केट एक्सपर्ट्स रिकमेंड करते हैं कि अगर आप अपने टारगेट से रीजनेबली करीब है इस एग्जांपल में जैसे आपने ₹ लाख ऑलरेडी एक्युमटिका एफडी या लिक्विड फंड में ट्रांसफर कर सकते हैं जिससे कि आपका कॉर्पस प्रोटेक्ट रह सके नंबर टू रीजन म्यूचुअल फंड्स के फंडामेंटल एट्रबीक समझने से पहले आइए मैं आपको समझाती हूं कि क्यों एक इंसान म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करता है आखिर देखिए फाइनेंशियल गोल्स को अचीव करने के लिए वो म्यूचुअल फंड्स में इन्वेस्ट कर सकता है जो उसके रिस्क टॉलरेंस से लाइक मैच करता हो एक इन्वेस्टर ने एक म्यूचुअल फंड हो सकता है इसलिए चूज किया हो जो उसके रिस्क प्रोफाइल से मैच कर रहा है हालांकि बाद में फंड ने हो सकता है अपने फंडामेंटल एटिबल ही चेंज कर दिए हो और अब वो उस इन्वेस्टर के लिए सूटेबल ना रहा हो क्योंकि अब उसके रिस्क प्रोफाइल से वो मैच ही नहीं हो रहा है फॉर एग्जांपल इन्वेस्टमेंट ऑब्जेक्टिव में चेंजेज स्ट्रक्चर में चेंजेज जैसे कि पहले ओपन एंडेड था फिर क्लोज एंडेड हो गया तो यहां पे ओपन एंडेड का मतलब होता है जहां पे यूनिट्स ओपन होती है बाइंग और सेलिंग के लिए किसी भी वक्त और क्लोज एंडेड का मतलब होता है कि यूनिट्स में लॉक इन पीरियड होता है या फिर लेट्स से सभी फंड का एसेट एलोकेशन चेंज हो गया तो ये सभी ना फंड के फंडामेंटल एटिबल में चेंजेज कहे जाते हैं आइए अभी इसको एक एग्जांपल से समझाती हूं कंसीडर करिए आदित्य बिरला सनलाइफ फोकस्ड फंड जिसे प्रीवियसली कहा जाता था आदित्य बिरला सनलाइफ फोकस्ड इक्विटी फंड तो आदित्य बिरला सनलाइफ फोकस्ड फंड मैक्सिमम 30 स्टॉक्स ऑफ लार्ज कैप कैटेगरी में इन्वेस्ट करता था तो इन्वेस्टर्स जो कि लार्ज कैप स्टॉक्स की सेफ्टी को प्रेफर करते थे वो इस स्कीम में इन्वेस्ट कर सकते थे फिर अक्टूबर 2023 से फंड ने फोकस किया 30 स्टॉक में इन्वेस्ट करने का और अब वो अक्रॉस लार्ज मिड एंड स्मॉल कैप स्पेस में कर रहा है नाउ एक इन्वेस्टर जिसका कम रिस्क टॉलरेंस था वो हो सकता है तब तक कंफर्टेबल रहा हो जब तक फोकस्ड फंड टिटेड था लार्ज कैप स्टॉक्स की तरफ हालांकि जब से फंड ने अपने फंडामेंटल एटिबल में ही चेंज कर दिया और अब मेड एन स्मॉल कैप स्टॉक्स में स्टार्ट कर दिया इन्वेस्ट करना अब ये उस इन्वेस्टर के रिस्क प्रोफाइल को मैच नहीं कर रहा है है तो ये एक केस हो सकता है म्यूचुअल फंड स्कीम्स को एग्जिट करने का क्योंकि मिड एंड स्मॉल कैप स्टॉक्स एग्रेसिव इन्वेस्टर्स के लिए ही सूटेबल होते हैं दोस्तों नोट करें कि जब एक म्यूचुअल फंड स्कीम ना अपने लेट्स से फंडामेंटल एटिबल में चेंजेज करती है तो एसिस्टिंग इन्वेस्टर्स को एक महीने का विंडो दिया जाता है उस म्यूचुअल फंड स्कीम्स में से एग्जिट करने का वो भी बिना एग्जिट लोड को इनकर करते हुए बता दूं एग्जिट लोड वो कॉस्ट होती है जो म्यूचुअल फंड स्कीम एग्जिट करते वक्त इन्वेस्टर इनकर करता है और ऐसा इसलिए किया जाता है जिससे कि इंश्योर हो सके कि इन्वेस्टर्स इंपैक्ट नहीं हो रहे हो जब भी म्यूचुअल फंड स्कीम के फंडामेंटल एट्रबीक बेंचमार्क को अंडर परफॉर्म कर रहा है दोस्तों अगर एक इक्विटी फंड बेंचमार्क को और पियर्स को ओवर थ्री इयर्स में अंडर परफॉर्म करता है चांसेस हैं कि वो उसे 5 सालों में भी अंडर परफॉर्म ही करेगा आप हो सकता है एक टर्न अराउंड की इच्छा कर रहे हो आशा कर रहे हो लेकिन रियलिटी ये है कि एक अंडर परफॉर्मिंग फंड 3 साल वाला वैसा ही कंटिन्यू करेगा और ऐसे फंड्स को लॉन्ग रन के लिए होल्ड न करने से आपको लॉस कट करने के चांसेस डिले होते रहते हैं और बेहतर परफॉर्मिंग म्यूचुअल फंड्स में रिएलोकेट करने के चांसेस भी डिले होते रहते हैं चलिए इसे भी एक एग्जांपल से समझाती हूं यहां पे आप देख सकते हैं फ्रैंकलिन इंडिया ब्लू चिप फंड डायरेक्ट प्लान ग्रोथ को जो अपने बेंचमार्क को बीट करने में ओवर 1357 एंड 10 इयर्स में फेल हो गया आल्सो टोरस फ्लेक्स क्या फंड डायरेक्ट प्लान ग्रोथ भी अपने बेंचमार्क को ओवर 357 एंड 10 इयर्स में फेल हो गया बीट करने में दोस्तों नोट करें कि ये एक्सरसाइज एक रिकमेंडेशन नहीं है इस एक्सरसाइज को किया गया किया था जिससे कि जाना जा सके कि कितने इक्विटी स्कीम्स ने उनके रिस्पेक्टिव बेंचमार्क को ओवर 10 इयर्स में अंडर परफॉर्म किया है आल्सो कई और म्यूचुअल फंड स्कीम्स भी हो सकती हैं जिन्होंने ओवर लॉन्ग रन में बेंचमार्क को अंडर परफॉर्म किया होगा मूविंग फॉरवर्ड चौथा म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो रिबैलेंसिंग इन्वेस्टमेंट की तरफ जाएगा इसे एसेट एलो कहा जाता है फॉर एग्जांपल हो सकता है कोई कंफर्टेबल हो अपने पोर्टफोलियो का 60 पर इक्विटी फंड्स में और 40 पर डेड फंड्स में होल्ड करने के लिए बेस्ड ऑन उसका इन्वेस्टमेंट ऑब्जेक्टिव और रिस्क टॉलरेंस अब सपोज करते हैं कि स्टॉक मार्केट बढ़ता है और उसकी इक्विटी फंड होल्डिंग्स बढ़ करके पोर्टफोलियो का 70 पर हो जाती है और डेट फंड प्रोपोर्शन पोर्टफोलियो का 30 पर रहता है अब आपका पोर्टफोलियो स्क्यूड है यानी कि इक्विटी की तरफ टिटेड है जो कि आपके रिस्क प्रोफाइल से हो सकता है मैच ना कर रहा हो तो अपने ओरिजिनल एसेट एलोकेशन पर वापस जाने के लिए आपको अपने कुछ इक्विटी फंड्स में से एग्जिट करना पड़ सकता है यानी इस केस में पोर्टफोलियो का 10 पर और उस पैसे को डेट फंड में इन्वेस्ट करना होगा तो ये भी एक रीजन हो सकता है अपने इक्विटी फंड से एग्जिट करने का मूविंग फॉरवर्ड पांचवां आप एक फाइनेंशियल इमरजेंसी फेस कर रहे हैं दोस्तों कोई भी इंसान लॉस ऑफ जॉब या फिर बहुत ज्यादा हॉस्पिटलाइजेशन एक्सपेंसेस एंड सो ऑन की वजह से फाइनेंशियल इमरजेंसी कभी भी फेस कर सकता है राइट इसलिए एक्सपर्ट्स रिकमेंड करते हैं कि अराउंड 1 साल के वर्थ ऑफ लिविंग एक्सपेंसेस का इमरजेंसी फंड होना चाहिए डिपेंडिंग अपॉन कि आपकी इनकम और एक्सपेंसेस क्या है अब सपोज करते हैं कि आपके पास एक इमरजेंसी फंड लेट्स से नहीं है या फिर था तो आपने उसे ऑलरेडी एक ह्यूज फाइनेंशियल इमरजेंसी के वक्त पे एग्जॉस्ट कर दिया है तो अब आपके पास कोई और चॉइस ही नहीं रहती है बल्कि म्यूचुअल फंड्स में से आपको एग्जिट करना ही पड़ेगा कभी-कभी आप एक ऐसी सिचुएशन फेस कर सकते हैं जहां पर आप अपने इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम को एक बहुत हैवी लॉस पर एग्जिट करने के लिए फोर्स हो जाते हैं अगर स्टॉक मार्केट क्रैश हुए हो तो ऐसी जगह पे एक इमरजेंसी फंड होता तो काम आ सकता था क्योंकि आप ने उस फाइनेंशियल क्राइसिस को टाइड ओवर करने के लिए उस पैसे को यूज़ कर लिया होता राइट वेल मूविंग फॉरवर्ड अपने म्यूचुअल फंड्स में से एग्जिट करने के पहले आप कब वेट कर सकते हैं देखिए कई बार आप अपने म्यूचुअल फंड स्कीम्स में से डर के कारण एग्जिट कर जाते हैं जब स्टॉक मार्केट क्रैश होता है नहीं इसका मतलब आप अपने इंपॉर्टेंट फाइनेंशियल गोल्स तक नहीं पहुंचेंगे अब लॉन्ग रन के लिए इक्विटी फंड्स में इन्वेस्टेड रहने से उस इन्वेस्टमेंट में से रिटर्न्स मैक्सिमाइज करने में मदद मिलती है स्पेशली तब जब म्यूचुअल फंड स्कीम्स में से एग्जिट करने का कोई रीजन नहीं हो और इससे आप अपने फाइनेंशियल गोल तक पहुंच जाएंगे अब मार्केट वोलेट तो स्टॉक मार्केट का पार्ट एंड पार्सल ही होता है इंपॉर्टेंट है याद रखना कि स्टॉक मार्केट्स अप्स एंड डाउंस की साइकिल से गो थ्रू कर सकते हैं अगर हर बार जब मार्केट डिप होता है तो आप इक्विटी फंड सेल कर देते हैं आप पोटेंशियल रिबाउंस को मिस आउट कर सकते हैं फॉर एग्जांपल मार्च 2020 में पैंमिकन के दौरान कई इन्वेस्टर्स जिन्होंने अपने इक्विटी फंड्स को होल्ड किया ना उन्होंने स्टॉक मार्केट रिकवरी के बाद बहुत अच्छे खासे गेंस देखें दोस्तों सेकंड रीजन जब आपको अपने म्यूचुअल फंड्स में से एग्जिट करने से पहले वेट करना चाहिए वो ये है कि एक इन्वेस्टमेंट स्टाइल आउट ऑफ फैशन हो गई है दोस्तों म्यूचुअल फंड्स स्टॉक्स पिक करते वक्त ना अलग-अलग अप्रोच फॉलो करते हैं फॉर एग्जांपल कुछ ग्रोथ इन्वेस्टमेंट स्टाइल फॉलो करते हैं वहीं कुछ वैल्यू इन्वेस्टमेंट स्टाइल को फॉलो कर सकते हैं ग्रोथ इन्वेस्टमेंट स्टाइल बता दूं ऐसी कंपनीज को ढूंढने में फोकस करता है जो कि अपने रेवेन्यू और अपने प्रॉफिट्स में अपने कंपट र्स के कंपैरिजन में सब्सटेंशियली ग्रो कर सकते हैं और वहीं वैल्यू इन्वेस्टिंग स्टाइल फोकस करता है ऐसी कंपनीज को आइडेंटिफिकेशन सिक वैल्यू या ट्रू वैल्यू से कम हो तो एक आउट ऑफ फेवर इन्वेस्टमेंट स्टाइल किसी को टेंप्ट कर सकता है कि उनके म्यूचुअल फंड्स स्कीम से वो एग्जिट कर जाए दोस्तों इन्वेस्टमेंट स्टाइल जैसे कि ग्रोथ या वैल्यू इन्वेस्टिंग काफी लंबे पीरियड ऑफ अंडर परफॉर्मेंस को गो थ्रू कर सकती है वहीं कभी-कभी एक इन्वेस्टमेंट स्टाइल अच्छा करती है और कभी-कभी कोई दूसरी अच्छा परफॉर्म कर रही होती है वैलिड रिसर्च के द्वारा एक स्टडी दिखाती है कि आप दोनों ही इन्वेस्टमेंट स्टाइल्स वैल्यू और ग्रोथ के अक्रॉस डाइवर्सिटी के दौरान रिस्क को कम कर सकें वेल दोस्तों अब हम अपने कंक्लूजन पे आ ही चुके हैं आई रियली होप कि अब आपको बेहतर अंडरस्टैंडिंग हो चुकी है कि कब म्यूचुअल फंड से एग्जिट किया जाए लेकिन ध्यान रखें ये सिर्फ साइंस हैं जो कि आप कंसीडर कर सकते हैं कोई वन साइज फिट ऑल आंसर नहीं है कि कब आपको म्यूचुअल फंड से एग्जिट करना चाहिए ये डिपेंड करता है कई फैक्टर्स पर जैसे कि आपका इन्वेस्टमेंट होराइजन आपका रिस्क एपेटाइट और वो स्पेसिफिक फाइनेंशियल गोल जो आपके माइंड में है क्योंकि हर इन्वेस्टर की सिचुएशन यूनिक होती है माइंड में रखें कि ये वीडियो सिर्फ एजुकेशनल पर्पसस के लिए ही है और इसे एक डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट एडवाइस के तौर पे नहीं लेना चाहिए हमेशा अपनी खुद की रिसर्च करें या फाइनेंशियल एडवाइजर से कंसल्ट कर लें इसके पहले कि आप कोई भी इन्वेस्टमेंट डिसीजन लें वेल फ्रेंड्स इसके पहले कि हम रैप अप करें अगर आपको वीडियो हेल्पफुल लगी है तो प्लीज इस वीडियो को लाइक शेयर एंड सब्सक्राइब कर दीजिएगा चैनल को ऐसे ही और कंटेंट के लिए अपडेटेड रहने के लिए आप बेल आइकन को भी क्लिक कर सकते हैं सो थैंक यू फॉर वाचिंग मिलते हैं नेक्स्ट वीडियो में तब तक के लिए बाय बाय म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट्स आर सब्जेक्ट टू मार्केट रिस्क रीड ल स्कीम