नेशनलिज्म इन इंडिया - नोट्स
परिचय
- आज का सेशन: नेशनलिज्म इन इंडिया पर चर्चा
- मल्टीपरपज प्रोजेक्ट का महत्व: इरिगेशन, बिजली उत्पादन, कृषि आदि के लिए उपयोगी।
शिक्षा का स्तर
- ग्रास इनरोलमेंट रेशियो: प्राइमरी, सेकेंडरी और हायर एजुकेशन।
- नेट अटेंडेंस रेशियो: 14-15 साल के बच्चों के स्कूल में उपस्थिति।
नेशनलिज्म का उदय
- यूरोप में नेशनलिज्म: लिबर्टी और इक्वलिटी के लिए एकजुट होना।
- भारत में नेशनलिज्म: ब्रिटिश कॉलोनियलिज्म के खिलाफ एकजुटता।
- महात्मा गांधी का योगदान: राष्ट्रवाद के प्रति जागरूकता बढ़ाना।
महात्मा गांधी का सत्याग्रह
- महात्मा गांधी का सत्याग्रह: सत्य और अहिंसा का सिद्धांत।
- सत्याग्रह के सिद्धांत: अन्याय के खिलाफ खड़े होना, बिना हिंसा के।
महत्वपूर्ण आंदोलन
- नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट: 1920 में शुरू हुआ।
- सिविल डिसऑबेडिएंस मूवमेंट: 1930 के दशक में शुरू हुआ।
नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट
- विरोधी: ब्रिटिश शासन।
- भागीदारी: विद्यार्थी, किसान, मजदूर।
- मुख्य मांग: ब्रिटिश कानूनों का बहिष्कार।
सिविल डिसऑबेडियंस मूवमेंट
- साल्ट मार्च: 1930 में गांधीजी द्वारा शुरू किया गया।
- अरेस्टेड लीडर्स: महात्मा गांधी, अब्दुल गफ्फार खान आदि।
विभिन्न समूहों की भागीदारी
- किसान: रिच और पूर किसान दोनों का अलग दृष्टिकोण।
- उद्योगपति: व्यापारियों और श्रमिकों के बीच मतभेद।
- महिलाएँ: महिलाओं की भागीदारी बढ़ी।
सांस्कृतिक एकता
- संस्कृति का महत्व: इतिहास, गीत और प्रतीकों के माध्यम से एकता।
- भारत माता की छवि: बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा निर्मित।
- स्वदेशी ध्वज: एकता का प्रतीक।
अंतत: आजादी का संघर्ष
- क्यूट इंडिया मूवमेंट: 1942 में शुरू हुआ।
- स्वतंत्रता की प्राप्ति: 1947 में।
महत्वपूर्ण तिथियाँ
- 1915: महात्मा गांधी का भारत लौटना।
- 1920: नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट की शुरुआत।
- 1930: सिविल डिसऑबेडियंस मूवमेंट की शुरुआत।
- 1942: क्यूट इंडिया मूवमेंट की शुरुआत।
निष्कर्ष
- नेशनलिज्म का विकास विभिन्न सामूहिक आंदोलनों के द्वारा हुआ।
- सांस्कृतिक, राजनीतिक और सामाजिक पहलुओं का एकता में योगदान।
ध्यान दें: यह नोट्स महत्वपूर्ण तथ्यों और विचारों को सारांशित करते हैं।