केमिकल बॉंडिंग - वैलेंस बॉंड थ्योरी (VBT)
1. परिचय
- आज हम वैलेंस बॉंड थ्योरी (VBT) का अध्ययन करेंगे।
- लुइस डॉट स्ट्रक्चर की सीमाएं, जैसे कि ज्यामिति को समझाना।
- कई सिद्धांत हैं:
- लुइस थ्योरी
- वैलेंस बॉंड थ्योरी (VBT)
- हाइब्रिडाइजेशन
- वैलेंस शेल इलेक्ट्रॉन पेयर रिपलशन (VSEPR)
- मॉलिक्यूलर ऑर्बिटल थ्योरी
2. वैलेंस बॉंड थ्योरी (VBT)
- सिग्मा (σ) और पाई (π) बॉंड का महत्व:
- सिंगल बॉंड: σ बॉंड
- डबल बॉंड: एक σ और एक π बॉंड
- ट्रिपल बॉंड: एक σ और दो π बॉंड
- ऑर्बिटल ओवरलैपिंग:
- यह सिद्धांत कहता है कि बॉंड तब बनता है जब दो परमाणुओं के ऑर्बिटल्स ओवरलैप करते हैं।
3. वैलेंस बॉंड के महत्वपूर्ण बिंदु
3.1. बॉंड बनाना
- कोवेलेंट बॉंड तब बनता है जब ऑर्बिटल्स ओवरलैप करते हैं।
- ऑर्बिटल्स की ओवरलैपिंग:
- हाफ़ फिल्ड ऑर्बिटल्स जिनका इलेक्ट्रॉन विपरीत स्पिन में होता है।
- ओवरलैपिंग 50% से कम होनी चाहिए, अन्यथा न्यूक्लियाई आकर्षण फैल जाएगा।
- ओवरलैपिंग की मात्रा बॉंड की ताकत को निर्धारित करती है।
3.2. ओवरलैपिंग के प्रकार
- टाइप्स:
- सिग्मा:
- एक्सियल या हेड ऑन ओवरलैपिंग।
- पाई:
- साइड वाइज या लेटरल ओवरलैपिंग।
3.3. सिग्मा और पाई बॉंड के बीच का अंतर
| विशेषता | सिग्मा बॉंड | पाई बॉंड |
|---------|--------------|-----------|
| ओवरलैपिंग | एक्सियल | साइडवाइज |
| निर्माण | केवल एक सिग्मा | एक या दो पाई |
| मज़बूती | अधिक | कम |
| ऊर्जा | अधिक | कम |
| लंबाई | कम | अधिक |
| घूमने में | संभव | असंभव |
4. उदाहरण
- Hydrogen (H2):
- 1s और 1s की ओवरलैपिंग से σ बॉंड बनता है।
- Water (H2O):
- ऑक्सीजन के 2s और 2p की ओवरलैपिंग से दो σ बॉंड बनते हैं।
- Nitrogen (N2):
- एक σ और दो π बॉंड होते हैं।
5. निष्कर्ष
- वैलेंस बॉंड थ्योरी के माध्यम से विभिन्न बॉंड के प्रकारों और उनके निर्माण की प्रक्रिया को समझा गया।
- सिद्धांतों की सीमाएं और अनुप्रयोग महत्वपूर्ण हैं।