[संगीत] [संगीत] मिश्रा एक ऐसी जादू सरजमीं का नाम है जहां हजारों साल पहले दुनिया की इतडे तहजीबों में से एक नई जन्म लिया यही वह सर जमीन है की जहां सबसे पहले एक इंसान को बादशाह यानी हुक्मरान की मनसब पर ख्वाहिश किया गया लेकिन यह इंसान वक्त की साथ-साथ इस कादर ताकतवर और बा जबरू होता गया की इतनी गुरुर तलवार को तस्कीन फरहान करने के लिए खुदाई ताकि दाव कर डाली को रानी माजिद और जिले मुकद्दस में मिश्रा की इन बादशाहों को फिरों की नाम से पुकार गया ही मिश्रा पर हुकूमत करने वाली फ्री की अक्सरियत इस कादर जालिम सफाक और सर्कस थी की इनकी जुल्म की तस्करी आसमानी किताबें में भी बयान फरमाई गई [संगीत] थी और यहां किस कादर जबर मुदक्कबीर और संगदिल हुक्मरान थी आज हम आपको तारीख ही इंसानी में गुजरी पांच ऐसी फनी का अहवाल सुनेंगे की जिनकी दुनिया से चली जान की हजारों साल बाद भी तारीफ इनकी मजालिम सी लहूलुहान ही जबकि इंसानियत इनका नाम सुनकर कम कर र जाति है पिरामिड ऑफ गीजा जिसे खूब-खू का हराम भी कहते ही ये मिश्रा बाल की दुनिया का सबसे बड़ा पिरामिड ही महरीन की मुताबिक इसी तामीर करने वाली फिरौन का नाम खुफु था जो 200580 कबले मसीह में रियासतें मिश्रा का हुकुम आराम था यानी यह फिरौन इतना कभी है की हजरत साल बाद मिस्रमी वादित हुई थी अपनी तमाम जैमिनी दुश्मनों पर बटोरी काबू का लिया था अब इसका सिर्फ एक ही दुश्मन बाकी था जिसका खौफ ऊपर सबरे स्वर राहत और वह दुश्मन थी मालूम था की बाकी इंसानों की पानी जिस रखना ही वह दिन करीब है जब इसकी तमाम शान-शौकत और जय हो जलाल खत्म हो जाएगा और वह महज एक लाश बनकर र जाएगा [संगीत] वादी और इसकी कर्बो जवर्मी बेसन वाली अक्सर इंसानों को अपनी इस मकबरी की तामीर में जोंक दिया माहरीन के मुताबिक यह कोई एक लाख अपराधी जो 10-10 हजार की गृह या जातो में कम किया करती होफानी अपनी रियाया की फला बहुत के लिए कोई कम ना किया था बल्कि इसने मिश्रा की तमाम आमद और दौलत को अपनी मकबरे यानी पिरामिड ऑफ की तामीर में सर्व कर दिया था तारी ही हवाओं की मुताबिक यह एक इंतिहाई जालिमों सपाक फिरौन था जिसने मौत पर काबू पानी की जुनून में लाखों इंसानों से दिन-राज जबरी मशक्कत करवाई और हजारों को मौत की घाट उतार दिया इन तमाम तरह माल की बावजूद वह मौत को शिकस्त ना दे सका और इसकी लाश आज भी मिश्रा की रेगिस्तानों में कहानी पोशीदा ही जैसी महरौली मिस्र याद खोजना की हर मुमकिन कोशिश कर रही हूं [संगीत] [संगीत] मकबरी पर लिखी तहरीर की मुताबिक इसने अपने खिलाफ बगावत करने वाली नोबियन बादशाह का सर खुद अपनी हाथों से कलाम किया और दारुल खिलाफ वापस जाति हुई यह सर इसकी जहाज की आगे बांध गया था जहां तूतमस अव्वल की अजीमो शान तमीरात की बांकीहाट आज भी मिश्रा की मुख्तलिफ हसन में कायम ही वही इसकी और इसकी मुलाज जमीन की मकबरों पर कुंडा तहरीरों से यह बात पता चलती है अपनी फौजियों की आबादियां सफाई हस्ती सी मित दी थी [संगीत] जो अगली कई सदियों तक आने वाली यहां की रही [संगीत] आकंठन [संगीत] वी फिरों ही जो हजरत [संगीत] बना यह मिश्री हवा में सबसे ज्यादा घर मकबूल और नफरत की जान वाला फिरौन ही जिसकी वजह फिरौन आखं आतंक [संगीत] हजारों साल पुरानी मिश्री माबूतों जैसी और ग्यारस और इरास पर पाबंदी आयातकर की उन्हें सिर्फ एक देवता यानी आतंकी इबादत का हुकुम दिया आखं आतंक की इस एकदम से मिश्री मंदिरों की पुरोहित जोश दूर में इंतिहाई ताकतवर तस्लीम की जाति थी अखनातन की खिलाफ हो गई ता हम अाखंटन अपनी स्पेशली सी पीछे ना हटा और इसने अपने सामने आने वाली हर दीवार को चल दिया [संगीत] मुंतक ली थी अपनी मसूरी को अगली जमा पहने के लिए आंका आतंकी कहरा से चंद किलोमीटर दूर एक शहर अमरण की बुनियाद राखी जो इसकी जिंदगी में मुकम्मल ना हो सका अमरण सी मिलने वाली राशियों की जारी ये पता चला ही यहां कम करने वाली मजदूर की ज्यादा सी ज्यादा उम्र भी साल थी यानी आर्कटन अमरण शहर की तामीर के लिए इस कादर दीवाना हो चुका था की इस नहीं छोटे-छोटे बच्चों से भी मजदूर कितिहाई सख्त कम लिए हजारों मासूम बच्चे शहरी अमरण की तामीर की दौरान हादसाती मौत का शिकार बनी जिनकी हड्डियां आज तक इसवादी से दरियात होती हैं यह तमाम मसलम धनी की बावजूद फिरौन आकनातन अपनी मकासीद मी कामयाब ना हो सका और आतंकवादी इंसान [संगीत] [संगीत] राम से सनी राम से सनी वह बदनामी जमाना फिरौन ही जिसका जिक्र आसमानी किताबें यानी कराने मजीत औरत में दर्जी यह वह फिरौन था की जिसने कौमी बनी इजरायल पर हर तरह का जुल्म राव रखा फिरौन राम से सनी ने कौमी बनी इजरायल की आबादी को काबू में रखना के लिए यह हुकुम जारी किया था की बनी इजरायल की हर घर में पैदा होने वाला बच्चा फौरन कत्ल कर दिया जाए तो हम फिरों की इस हुकुम पर सख्ती सी अमल नहीं हो रहा था लिहाजा इतनी अफवाह की मदद से बनी इजरायल की घर-घर में दाखिल होकर इनकी हजारों बच्ची कत्ल करवा दिए थे अल्लाह की कुदरत सी हजरत ए मूसा अलैहिस्सलाम एक बनी इजरायली होने के बावजूद ना सिर्फ दूर में पैदा हुई बल्कि अपनी इसी फिरौनी मिश्रा की गर्मी परवरिश पी खुदाई का दावेदार फिरौन राम से सनील कुमार [संगीत] सलाम भी इसकी जुल्म सी महफूज ना र साकिन हजरत वीडियो बना चुकी हूं आप चाहे तो वह भी मुलाहेजा कर सकते हैं [संगीत] फर्स्ट डायनेस्टी यह कोई एक फिरौन नहीं बल्कि मिश्रा पर हुकूमत कायम करने वाला फ्राइंग का पहले खानदान था जितनी मुख्तलिफ छोटी-छोटी आबादियों को मुतहित करके एक अजीम शान हुकूमत की बुनियाद राखी 3100 कबले मसीह में गुजरी इस खानदान की बड़े में कुछ ज्यादा मालुमा दस्तियाब नहीं तो हम इस खानदान की मुख्तलिफाई जैसी हो रहा डिजायर और दम की मकबरों से इस कादर बड़ी तादाद में ऐसी लेसी धरियावद हुई हैं की जिन्हें इन फॉरेन की मौत की वक्त बेटर खादिम इनके साथ जिंदा दफन कर दिया गया था कड़ी मिश्री अकी की मुताबिक फिरौन ना सिर्फ इनकी दुनिया भी हुकूमत थी बल्कि मौत की बात भी इन्हीं [संगीत] फ्राइंग को ना सिर्फ इनकी खड़ी मो बल्कि इनकी सवारी और पालतू जानवरों की हमारा दफन किया जाता था सिर्फ डिजाइनर [संगीत] क्योंकि राशि दरियाव की गई जिन्हें इसकी खिदमत कर दिया गया इनके मुताबिक फर्स्ट डायनेस्टी फ्राइंग का वो पहले खानदान था जिसने दूर दराज इलाकों से इंसानों की एक बड़ी तादाद को मिस्र लाकर बेटर गुलाम इस्तेमाल किया मऊ रहीम के मुताबिक यह इस कादर सख्त और जालिम हुकूमत थी की मिश्री आवामी इनकी ताजिम बादशाह किसी नहीं बल्कि देवताओं जैसी की जाति थी मिश्रा और उसकी करू जवा में रहने वाली हर इंसान की जिंदगी और मौत पर इनका मुकम्मल इख्तियार था जबकि ये किसी को भी जवाब देना थी दोस्तों यह थी माझी में गुजरी चंद्रमाती की पतली जो अपनी ताकत की घमंड में दवाएं खुदाई किया करती थी और आखिरकार इनकी हस्तियां माटी में गुजरी हाजिर की फिरौन के लिए एक जिंदा मिसल शौकत को बना देता ही अजमत और मकान की कैसी आजाद और दो जहानों का मलिक ही अरे फ्रेंड्स एक मिनट आप ऐसे ही जा रहे हैं इतनी मेहनत से वीडियो बनाई है एक लाइक तो बंता है ना और दूसरा यह की आप हमें इतनी बड़ी दुनिया में दोबारा कैसे ढूंढेंगे तो इसका हाल यह है की आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर लीजिए और इस बेल के आईकॉन को क्लिक कर दीजिए इस तरह हमारे आने वाली तमाम वीडियो आप तक पहुंचती रहेगी अरे डरिए मत ये बिल्कुल फ्री है [प्रशंसा]