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आर्थिक विकास: उदारीकरण और वैश्वीकरण

वेकंट माइट चैनल आई एम सिबरेंट सहानी आज हम पढ़ेंगे क्लास टू एल्ट इन एकॉनोमिक डिवेलपमेंट का चैप्टर लिबरलाइजेशन प्राइवर टाइजेशन एंड ग्लोबलाइजेशन एंड यह जो चैप्टर है का यह हमारी इंटायर इन एकॉनो इसको बहुत अच्छे से पढ़ना और आज मैं बहुत डिटेल में ना बहुत इजी विए में तुम्हें चाप्टर समझा दूंगे दिमांग तो पढ़ना क्या है चैनल में वह कंटिन्यू करते हैं यानि कि इस चैप्टर को हम स्टार्ट करते हैं तो तुम्हें याद ह चैप्टर पड़ा इन निकॉर्मी ऑन द ईव ऑफ इंडिपेंडेंस उसमें हमने क्या पड़ा कि भाई यह जो अंग्रेज आए थे ना इंडिया जहां पर एक ऐसा सिस्टम होता है जहां कैपिटलिजम यानि कि प्राइवेट सेक्टर का भी रूल होता है और गवर्नमेंट सेक्टर का भी रूल होता है तो हमने मिक्स्ट इकॉनोमी से इंडिया को चलाना स्टार्ट कर दिया था कब से करा था इंडिपेंडेंस के बाद से य सब्सक्राइब करना पड़ता तब जाकर जो है इंडॉस्ट्रीय इस खुलती ठीक है यह आपको याद होगा साथी के साथ अगर इस बात करें नाइटी नाइटी कि तीतक जो है हम जो चाप्टर में पढ़कर आया है ट्रेड भी हमने क्या करके था गाइस हमने अपना ट्रेड को प्रोटेक्ट कर रहा था मैं अपने घर के दिर्वाजे बंद करके थे सिंपल लैंग्वेज में अगर आप बोलो तो हम क्या कर रहे थे हमने इंपोर् इतनी गुड्स मंगा सकते हो साथी के साथ हमने इतने साधा टैक्स लगा दिया थे इंपोर्ट के ऊपर जिससे टैरिफ्स कहते हैं वह क्यों लगाए थे इसे इंपोर्ट कम हो इंडिया के अंदर हमारे इंडिया की डोमेस्टिक मार्केट जो है टो मेस्टिक प्रोड एक समय ऐसा आता है हमारी कंट्री में जब हमारे को इन सब पॉलिसीज को चेंज करने की जरूरत पड़ी यह जो इतना ज्यादा गवर्नमेंट का रोल था इंडस्ट्रीज में उसको चेंज करने की जरूरत पड़ी यह जो हमने घर के दरवासे बंद चाप्टर को अपनी अपना ही थी अब यह जो मिक्स्ट अकाउनमी हमने अपना ही थी ना तो चाप्टर के इनिशियल पेजेस में निकल स्टार्टिंग में बता रखा है कि यह मिक्स्ट अकाउनमी जो इंडिया में चली इसके ऊपर ना स्कॉलर यानि कि जो बड़े अकाउनमिस्ट होते हैं जो पूरी कंट्री की जो यह ग्रोथ वगैरह को चेक करते हैं यह ना उन्होंने क्या करा पर व्यूपॉइंट्स अलग-अलग किसके हमारे स्कॉलर्स के एक स्कॉलर्स ऐसे थे जिन्होंने कहा कि नहीं इस वर्में ना इतना फायदा नहीं मिला चीज है इसे इंडिया की अकाउनिमिक रोटना हैंपर है हैंपर मतलब यानि कि उस प्राइंट पर इंडिया की बढ़ाया हमने अपने दरवाजे बन रखें आने की कंट्री को फॉर ट्रेड से बचाकर रखा हमने क्यों रखा था तुम्हें याद होगा इस इंडिया कंपनी भी ट्रेड के थ्रू इंडिया में आई थी और इतने समय तक उन्होंने हमारे पर राज करा ज्यादा बढ़ाया उससे इंडिया को बहुत हेल्प मिली इंडिया के लोगों की सेविंग बढ़ गई अब जब किसी इंसान के आप अभी मैकरो में पड़े हो ना सेविंग बढ़ती है तो फायदा ना जितनी जिस पर सेविंग होगी वह कल को इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं साथ के साथ में क्या हुआ हमारी कंडी का इंडस्ट्रीय सेक्टर डाइवर्सिफाई हो गया और उस समय ज़माने में तो वहीं कॉटन जूट एंड कुछ ही इंडस्ट्रीज होती थी अब हमारे अलग-अलग टाइप की इंडस्ट्रीज इस्टैब्लिश हो गई थी तो फायदा हुआ में इस मॉडर का लास्ट बट नॉट द लीस्ट यह जो सेल्ट रिलाइंड बन गए प्रोवाइड करें थी तो ओवरल कुछ को लेट कहते थे नहीं हुआ फायदा कुछ बालेंट के दिखाई जो भी था गाइस हमारी पर्टी में 1991 के बाद हम लोग इकानोमिक रिफॉर्म लेकर आते हुए इकानोमिक नोफार्म का बहुत प्यारा सा नाम है एल पीजी लेबरलाइजेशन प्राविटेशन एंड ग्लोबुलाइजेशन तो भाईया कोई तो दिक्कत आई होगी ना जिसकी वजह हम यह एलपीजी टाइप के रिफॉर्म्स अपनी कंट्री में लाइट है तो अभी सबसे पहले हम यह समझता है यह तो आती है तो अभी ना मैं तुम एक एग्जांपल से समझाती हूं देखो आप अपनी पॉलिसीज में चेंज कब लेकर आओगे यानि कि मैं आपको बता दूं तुम बड़े ना क्या कर रहे हो तुम्हारा भी एग्जाम आने वाले कुछ दिनों के अंदर बट उससे विडियोस देखोगे और और अपने स्लेबर को कंप्लीट करने के लिए तैयार हो जाओगे रिफॉर्म लेकर आओगे अपने टाइम जो बेस्ट करते थे वह बन कर दो हमारी कंटी में तो दिक्कत हो गई थी हम तो इकानोमिक राइसेस में आ गए थे 1991 में हमारी एकोनोमी बहुत ज्यादा सफर कर चुकी थी ठीक है यह जो 1990 का दौर हम पढ़ने वाले हैं अब कि हमारी कंट्री बहुत ज्यादा गाइस वह इतना लोग डाउन हो गया था इतना ज्यादा डिक्रीज हो गया था कि हमारे पास दो हफ्ते के जो इंपोर्ट थे उनका पैसा भरने के भी पैसे नहीं बचे थे पर नहीं बचाता कहूं आपको पता है जो पेट्रोलियम है वह हम इंपोर्ट कराते हैं इवें तो हम एग्रो जो आपको ऐसे-ऐसे चीजें इंपोर्ट नहीं करा रहे थे जिसकी हम यूज ना हो बट हम जो है टेक्नोलॉजी हो गई एसेंशल गुड़ों पेट्रोलियम हो गया वह तो इंपोर्ट कर आ रहे थे ना बाहर के देशों से तो उनको इंपोर्ट कराने पर फॉरन एक्सचेंज में पे करना पड़ेगा वह फॉरन एक्सचेंज इस अप इतना नीचे चला गया कि वह पर का भी हम संभालने सकते थे हमने कहा चलो भाई बॉर्रो कर लेते किसी कंट्री से बट हम बॉर्रो इतना कर तो बहुत इकानोमिक राइजेस में थे बाहर हमारे पर डेप्स पर डेप्स चल रही थे साथी के साथ में अपनी कंट्री में इतना भर्चों जाती थी कोई सेविंग इन योड़ इतनी महंगाई बढ़ गई कि हमने कोशिश करें कि हम बाकी कंट्री से लोन ले पर हमारी कोई हेट नहीं करता पता आपको समय पर एक हमारा दोस्त हुआ करता था यूएससार मैंने आपको लास्ट चप्ट में बताता ना यूएससार जूज़ रशिया और 14 और कंट्रीस थी वह हमारा काफी अच भी हेल्प नहीं करा क्योंकि उससे तो खुद ही टूट रहा था आज के समय भी यह समय की कोई कंट्री नहीं है ना यह तो हमारा दोस्त भी चला गया था वह एक तरीके से अब हमारा बहुत प्रॉब्लमाटिक सिट्यूशन में थे तो हम क्या करते हैं अब यह बतानी पास ठीक है वर्ल्ड बैंक मैं गुवा जो है पूरे देश के बैंक वाला बैंक वर्ल्ड बैंक ठीक है तो यह वर्ल्ड बैंक था हम उसके पास जाते हैं एमएफ के पास जाते हैं हम उनसे मदद मांगते तो वह कहते ठीक है जिम आपको लोन दे देंगे पर लोन हम देंगे किसी कंडीशन पर वह विश्व लोन लोगों कोई कं से मदद मांगी उन्होंने कहा मदद कर भी देंगे वर्ल्ड बैंक ने हमें सेवन बिलियन डॉलर्स का लोन दे दिया बट उस पर कुछ कंडीशन रखी थी क्या कंडीशन कि भाई यह जो इतने समय से तुमने अपने घर की द्रवाजे बंद कर रखें लिए इंडिया की काड़ी कोई भी एमेंसी ना सिंपल आज के समय में मैं यह फॉर अन कंपनी की गुड़ जाएंगे नाम ले रही हूं यह पहले तो हमें बोला वर्ल्ड बैंक ने ठीक है हम तुम्हें लोन दे रहे हैं बट लोन इस कंडीशन पर देंगे तो अपनी अकाउंटी को एलपीजी करो लिबरालाइज करो प्राइवरटाइस करो और ग्लोबलाइज करो तब हम देंगे तो उन्हें हमें इसे लगाया तो वह कैसे लगाया था बट हमारे को एलपीजे के बारे में पढ़ने से पहले एक बार और डिटेल में पढ़ना पड़ेगा कि यह जो एकोनिमिक क्राइसिस कि शिवारी कंट्री में क्रिएट हुई यह जो इतना सारा हमारे ऊपर बड़न आ गया था कि हमारी फॉरन एक्सचेंज इतनी नीचे चली गई कि दो अपने का भी हम समालने सकते थे वह ऐसे सिचुएशन क्रिएट क्यों हुई थी तो इसके ऊपर एक्सचेंज में डायरेक्ट क्वेश्चन आता है एक्सचेंज में डायरेक्ट क्वेश्चन यह सब हमें बताना पड़ेगा हम हम दिक्कत में थे हम एक ओर में क्राइसेस में थे तो क्यों थे कोई प्रॉब्लम तो होंगी जिनकी वजह से वह समझ या जैसे अगर तुम एक्जाम से पहले क्राइसेस में हो तो तुम्हें अपनी जरूरति आप बताऊंगी मैं ब नहीं करा ठीक है या फिर नहीं भाई आपकी बार मेरी आप नोट हेल्दी ठीक है मैं तब ठीक नहीं थी इसलिए मैं अच्छे पढ़ाई नहीं कर पाया दर वेडियोस इन जिसके वैसे तुम उन प्राइसेस में गए हो कि वाला से वस्थ प्लेट नहीं वैसे तो देखो मैंने यह लिख दिया है बट आपको इसमें तो यह नोट पहला था इन एफीशन पर चल रही थी हमारी इकोनिव से में फाइनेंशल क्राइसिस हुए इन एफिशेंट मेनेजमेंट हो रहा था देखो क्या था हमारी कंट्री में टैक्स जो थे ना टैक्स क्या होती है पड़ा है ना टैक्स गवर्नमेंट का रिवेन्यू होता है और हुए टैक्स अब उस जमाने में 1950-1990 के दौर में क्या हुआ कि गवर्नमेंट का टैक्स तो जेनरेट होने ही रहा था क्योंकि लोगों पर पैसा ही नहीं होता था लोगों पर पैसा होगा इनकम जेनरेट ज्यादा होगी तभी तो टैक्स भर एक्सपेंडिचर बहुत करना पड़ा था क्योंकि हमारी गवर्नमेंट वेलफेयर सिस्टम पर चल रही थी यानि कि भले के लिए सोसाइटी के तो उनको सब्सिडीज पर प्रोवाइड करनी पड़ती जैसे आपने ग्रीन रेवोलूशन में पड़ा सब्सिडीज प् गवर्न भरके दे रही थी पर कमेंट की रिसोर्स जेनरेट नहीं हो रही थी रिवेन्यू से निवेन यू नो हमारे को इनसार्टिंग में बता रखा है यह नुश्चा पचास 1990 के पीड़न में दो वार दे लेते हैं इंडिया ने एक वार हुआ था चाइना के बाद म बातें के साथ में 1971 में तो बांगलादेश वार हुआ तो और के टाइम तो वैसे भी अकानिक वह नुकसान पहुंचता है तो हम एकोनॉमिक राइसेस में रहने का यह भी रिजन था कि कंवर्नमेंट वेलफियर के टास्ट में ज्यादा थी डिफेंस पर हमें बेसिक नीड्स के लिए जो कंजम्शन हमारी नीचे कंट्री की उसके लिए यह फॉरेंड एक्सेंज के भंडारे में से पैसा फैमिली है फैमिली वाइफ एक्स कुछ भी आप सोचो उनके पास अपना रेगुलर बजट के लिए पूरा उन्होंने अपना पास पैसे रखे हैं कि हमारा रेगुलर बजट हमारा खर्चा है ठीक है बट और उन्होंने कुछ पैसे अपने पास अलग रखे हैं बड़ी थी कि हमने अपने कंजम्शन नीच को फुल्फिल करने के लिए भी क्या करना पड़ा जो हमारे फॉरन एक्सचेंज रिजर्व्स था जो पेट्रोल खरीदने का पैसा था टेक्नोलॉजी खरीदने का पैसा था उसको भी हमें कंजम्शन खर्च करना पड़ा हुए भाईया तुम कहोगे गवर्नमेंट ने ना इंडस्ट्रियल पॉलिसी लगाकर बहुत सारी इंडस्ट्रीज को अपने अंडर में ले लिया था याद है ना पिछले सापने में पढ़कर आए हैं गवर्नमेंट ने बहुत सारी पब्लिक सेक्टर इंडस्ट्रीज नहीं दे रही थी अभी और नहीं पढ़ना है आगे पढ़ेंगे नेक्स्ट क्या हुआ बीओपी इंबैलेंस हो गया वह हमारा बैलेंस ऑफ पेमेंट आप चैप्टर पढ़कर आए हो बैलेंस ऑफ पेमेंट में इंपोर्ट तो हाई थे एक्सपोर्ट नहीं हो रहा था हमारी कंट्री का इंपोर्ट इवें तो हमने कोटा लगा रखे थे कि इतना इंपोर्ट करा सकते हो बस हमने साथी के साथ में हमारे यहां पर जो है एक्सपोर्ट इतना हो नहीं पर तो क्योंकि इतना प्रोडक्शन नहीं था क्या हम एक्सपोर्ट करेंगे तो इस वजह से गाइस हमारा एक्सपोर्ट तो था नहीं इंपोर्ट ज्यादा हो रहा था इसलिए हमारा जो कि साथी के साथ हाई प्राइस के उत्ते पता हमारे गुड़ी मेहंगी होते थे तो भारतीय देश के लोग हमारे गुड़ी क्यों खरीदेंगे एक तो महंगा उपस्ट वॉलिटी अच्छी नहीं तो मारे एक्सपोर्ट नहीं बढ़ पा रहे थे और इंपोर्ट तो होती रहा था ना गवर्नमेंट का टैक्स तो मिल नहीं रहा है इंकम एक्सपेंडेचर इंकम जेनरेट होनी एक्सपेंडेचर सब्सिडीज देनी है फार्मर को फर्टिलाइज की इस पर खर्चा बहुत हो रहा था इसकी वजह से जो हमारे को फिस्कल डेफिसेट जी पर कर्जे चड़ गए पता तुम्हें हमने इतनी सारी बाहर की देश की कंट्रीयों से लोन ले लिया था और हमको उनको लोन का इंट्रस्ट पे करने का पैसा नहीं था साथी के साथ में आगे चल गया तो सबने मना ही कर दिया था हमारे लोन देने से ठीक है अब कब में एक्सपेंडेचर ही लो कर सकती थी बट हमें सोशल वेलफेयर उस दमाने में करना था था जो essential goods होते हैं ना ठीक है उसका भी महंगाई बढ़ गई अब जैसे महंगाई बढ़ी तो लोगों का जो है इनकम ज्यादा ज्यादा जो भी लोग कमाते थे वह सब खर्च हो जाती थी सेविंग बिल्कुल खत्म हो गई अब सेविंग खत्म होगी तो तुम्हें पता है इनवेस्टमेंट जाता था कि वह से भी नहीं कर पाए अब से नहीं कर पाएंगे तो कंट्री की इंवेस्टमेंट कैसे बढ़ेगी तो यह सब भी पर प्रॉब्लम हो गई थी इसके वैसे हम एक और में क्राइसिस में आते हैं अब उन सब को संभालने के लिए ही हम आते हैं वर्ल्ड बैंक के पास वर्ल्ड बैंक का एक और नाम होता है आईबीआर्� पता नहीं अब घर का स्कूल वाला कौन से तुम खुद सोच लो एक इसका IBRD नाम है जिसका फुलफर्म होता है International Bank for Reconstruction and Development और इसको पॉपुलरली वर्ल्ड बांक बोल दिया जाते हैं तो सुमझो आप घर वाला नाम हो गया हमारा वर्ल्ड बांक और स्कूल का नाम जो एक प है तो मतलब यह दोनों दोस्ते और हमने जब बदद मागी थी आईएमएप्स भी हमने मदद मागी तो इन दोनों ने मिलकर हमें डॉलर सेवन बिलियन का लोन दे लोग लोन एक कंडेशन पर दिया था एलपीजी लगा लो हमने का ठीक है भी लगा लेंगे एलपीजी तो चलो पड़ते हैं अपने एलपीजी को पड़ने से पहले वह रिवाइस कर लेते हैं हम कि क्यों हम इतने क्राइसेस में आए तो यह हमारी कंट्री क्राइसिस में आई क्यों थी पहला रीजन जो है माउंटिंग फिस्कल डेफिसिट यानि कि गवर्नमेंट के ऊपर बहुत कर्जा चड़ गया था ठीक है नेक्स्ट हो गया एक्सपेंडिचर बहुत जादा था रेवेन्यू की सोड से जादा नहीं थी पब्लिक सेक्टर जो था वह अच्छे से काम नहीं कर रहा था फूड प्राइसेस राइज होने की वजह से लोगों को यह पास सेविंग्स डिक्रीज हुई सेविंग डिक्रीज मतलब लोग इनवेस्टमेंट आ जाते हैं अपने एलपीजी पर तो भाई इन नोटों का हुम्या इन्होंने लोगों को लोगों को लिबरलाइजेशन प्राइवर टाइज जी मतलब लोगों को लिबरलाइजेशन तभी तक बोर्ड नहीं होते ना बढ़िया से कॉम्पटेटिव एग्जाम बढ़िया सरी के से क्लियर नहीं कर लेते नहीं तब तक तुम्हें थोड़ा सा रोक टोक रखनी पड़ेगी अपनी पढ़ाई पर फोकस अच्छे से करना होगा और पढ़ाई को एंजॉय करना होग तो वह रिस्ट्रिक्शन रोकता थी अब गवर्नमेंट को वह सब हटानी पड़ेगी लिबरल करना पड़ेगा पहली कंडीशन यह रखी दूसरी अलाव करो जैसे पहले इतनी ज्यादा प्राइवर चेक्टर अलाउड ही नहीं था क्यों भाईया तुम चाह रहे हो निस्सो करते थे तो इसलिए उन्होंने कहा क्या कहते हैं वर्ल्ड बैंक आईएमएफ ने क्या प्राइवेट आईएशन लाव करो कि आराम से आपके यहां प्राइवेट इंडस्ट्री ओपन हो पर उसमें भी इनका अपना कुछ अपना दिमाग में चल रहा था क्यों क्योंकि जैसे आप डॉमिनोस मान लो प्रमिनस प्राइवेट कंपनी है ना तो अगर डॉमिनोस को इंडिया में आकर अपना स्टैबलेश करना बाज बंद करके बैठे हो ना डोर बैल भी हटा के कि नहीं हमें तो इंपोर्ट भी नहीं करना हमारे को भारत के देशों से कोई कि मतलब-मतलब नहीं वह आपको एंट करना पड़ेगा इकानोमी को इंटिग्रेट आपको करना पड़ेगा तो हम आपको लोन दे देंगे और गाइस देखो हमने इंडिया की में अनॉन्समेंट हो जाती है न्यू एकॉनोमिक पॉलिसी की या एकॉनोमिक रिफॉर्म्स कुछ भी कह सकते हो 1991 जुलाई में कि अब इंडिया में क्या लग जाएगा न्यू एकॉनोमिक रिफॉर्म्स आएंगे जुलाई 1991 से अब यह नहीं मानना है समझते रहो स्टेबल करना स्टेबिलाइजेशन रिफॉर्म शॉर्ट टर्म के होते हैं थोड़े से समय के जो एग्जांपल दूंगी उससे समझ जाओंगे अभी भाईया हफ्ते भर बाद की डेट कि आप लोगों को जो है हाफ्याली एग्जाम या प्रीबॉर्ड में फाइव चाप्टर्स आने वाले थी कि यह कोई मिट टम या कोई यूनिट टेस्ट होना पांच चाप्टर का टेस्ट होना है और तुम्हें तीन-चार दिन बाद की डेट मिल गई है तो तुम शॉट जाते हैं इन टेस्ट में यह प्रिवर्ण में जो पास चाप्टर आने आए और सपोस करो तो उसमें अच्छे नमबर जाए तो उन्हें पास कंप्लीट कर यह शॉट टर्म आपने अपना एक गोल बना कि उसको अपना स्टेबिलाइज करने के लिए प्रोग्रेस को कि हाफेली मिटम यह जो यह पांच चैप्टर वाला दी दिया उसके बाद तुमने सोचा नहीं भाईया अब मुझे अपने अंदर चेंज लाने पड़ेंगे अब हम थोड़ा सीरियस टूटेंट बन जाते हैं ठीक है और हम अच्छे तरीके से अपनी स्कूल लाइफ को चेंज लाइफ अपने माइंड सेट में चेंज आप फाउंडेशन चेंज लाइफ तो दो टाइप के रिफॉर्म से इंडिया लाती है सबसे सबसे सबसे सबसे सबसे सबसे सबसे सबसे सबसे सबसे सबसे सबसे सबसे सबसे सबसे सबसे सबसे सबसे सबसे सबसे सबसे सबसे सबसे सबसे सबसे सबसे सबसे सबसे सबसे सबसे सबसे सबसे सबसे सबसे सबसे सब हमने Indian rupee की value को devalue कर दिया हमने क्या करा devaluation of currency तुम कहोगे हो बड़ा गलत करा हमने तो भी पड़ा macro economy की जो भी devaluation तो साइज चीज नहीं है हम क्यों अपनी country की currency की value वो गिराए हाँ हमने गिराए क्यों गिराए क्योंकि अगर हमारी country की value जो है currency की devalue हुई चीपर हो गए जैसे ही हमारे एक्सपोर्ट चीपर हुए तो बहुत सारी कंट्रीज आ गए हम यह समान भेजवा दो अरे मैं यहां वाले कुछ है मैं यहां चाहिए क्योंकि चीपर हो गए थे तो इसलिए हमने अपने एक्सपोर्ट इंक्रीज करने के लिए है तो इसलिए हमने करा हमने क्या खाचलो भाईया डीवाल्यूएशन करते तो करें जी का थोड़े सा में तो इस वजह से हमने क्या करा अपनी कंट्री की करंसी को जो है डोमेस्टिक करंसी को डिवाल्यू कर दिया इन टर्म्स ऑफ द फॉरेंड करंसी उससे हमारे याद पर एक्सपोर्ट तो बड़े फॉर एक्सचेंज भी आया और इस विशेष भी कंट्रोल में जो इतनी महंगा हो रही थी जब ओविशली ना तो इनका भी फायदा मिला तो इतना प्राइस राइज हो रहा था तो इतना प्रॉब्लम पड़ी जिसकी वजह से एकॉनिमिक पॉलिसी में रिफॉर्म्स लेकर आयल पीछी दो क्या थे वह फॉर एक्सचेंज बिकुल नीचे चला गया तो दो हफ्ते के भी पैसे नहीं शॉर्ट टम रिलीफ मिला शॉर्ट टम रिलीफ मिला ब्लॉग टम रिलीफ के लिए क्या करना था एलपीजी तो चलो पड़ते हैं एलपीजी तो शुरू करना है हमें LPG के L से, लिबरलाइजेशन मतलब है आपको काई फ्री कर देना, रिस्ट्रिक्शन सटा देना, रोक टोक, रुकावट सटा देना और पूरी खुली छूट दे देना, कौन दे रहा था यह खुली छूट, गवर्मेंट दे रही थी, किसको दे रही थ तुम बोर्ड पर भी मत देखो मैंने आपको क्या कहा लिबरलाइजेशन मतलब खुली छूट मिलता ना रोक टोक हटा देना तो रोक टोक को इंग्लिश में कन्वर्ट करत क्वेश्चन कर सकते हो और हटा देने को क्या कहोगी रिमोवल तो क्या हुआ यह लिबरालाइजेशन इट रेफर्स टू डर रिमोवल बट एक लाइन और आट कर देना रेडक्शन रेडक्शन मतलब कई एरियां जैसे जा रोक टोक जो है पहले के मुकाबले थोड़ी कम लिपरेलाइजेशन रिपर्स उड़े रिमूवल और रेडक्शन ऑफ गवर्नमेंट रोल इन वेरियस सेक्टर जैसे कि इंडॉस्ट्रियल सेक्टर कि यह सेक्टर वह सेक्टर तो क्या हुई लिबराइजेशन की डेफिनेशन कि इट रैफर्स टू द रेडक्शन या फिर रेमोवल ऑफ क्या हुई रिस्ट्रिक्शन एंड कंट्रोल्स इंपोस्ट बाय गवर्नमेंट ऑन वेरियस सेक्टर्स इस नून आफ लिबराइजेशन जो रोक-टोक क्या हु हटाना मतलब रिमोव कर दिया किसने कर रहा था रिमोव गवर्नमेंट ने करता कहीं जगह पर टोटल रिमोव करता कहीं जगह पर रिड्यूस करता उसको बोले हमने लिबरलाइजेशन तो अब वह जगह पड़ते हैं जहां जहां पर रिस्ट्रिक्शंस रुकावटे रोक� तो सबसे पहले बढ़ना है हमें Industrial Sector के बारे में Industrial Policies याद है जो 1991 से पहले लगाई गई थी बहुत पहले लगाई थी Industrial Policy Reform लास्ट चाप्टर में पढ़ाया था इन एकॉनमी 1950-1990 पर नहीं पढ़ा है तो description box में playlist गेवेन है इन एकॉनमी की ऐसी पूरे बढ़िया तरीके से मैंने आपको सारे चैप्टर पर आने जाकर पड़ सकते हो डिजिटर बोर्ड पर डन और फिर मैक्रो भी ऐसी पढ़ने वाले हैं हम तो क्या होता है हमारे आपको यार है वह 1590 वाले चैप्टर में पढ़ाते परमिशन सब्सक्राइब करें इंडस्ट्री अगर अपना यह प्रोडक्शन यूनिट इंक्रीज करें तो ज्यादा गूट को प्रदूस करें कि जो प्राइवेट सेक्टर थी वह बहुत लिमिटेड सेक्टर में लाउट थी काफी सारी एक ऐसी इंडस्ट्रीज थी जहां पर से गवर्नमेंट रोल ही अलाउट है जैसे कोट टेलीकम्यूनिकेशन भी प्राइवेट टेलीकम्यूनिकेशन संभाल सकती थी बच्चे नहीं करने देते थे स्मॉल स्केल इंडस्ट्रेस उनके लिए कुछ गुड्स जो है वह क्या कर दिया थे रिजर्व कर दिया थे और साथ ही के साथ में यू नो प्राइस कंट्रोल जो होता है कि एक जो मार्केट में प्रोडक्ट बिकरा उसका पैसा वह कितने में बिक नहीं में जब इंडिस्ट्रिक्शन लगी थी तो सबसे पहले लिबरलाइज होना मतलब यह सभी रिस्ट्रिक्शन रुकावटों का हट जाना ठीक है रिमोवल हो जाना बट टोटल रिमोवल नहीं हुआ था कोई-कोई एरियास में अभी फी थोड़ा-थोड़ा रिस्ट्रिक्शन था जैसे कि सबसे पहले आता है रिडक्शन इंडिस्ट्रियल आइसेंज लाइसेंस राज पड़ा था ना आप लोगों ने लाइसेंस राज की वजह से हमारी प्रॉब्लम जेन की पड़ी क्योंकि वहां ऑफिसेस में मिनिस्ट्रियल से साइन कराने की वाइसे डेवास कर अप्शन और सो डिले हो जाता था कि इंडिस्ट्री जिसको इंडिस्ट्री पर फोकस करना है वह साइन कराने के परमिट लेने के अपना सारा इंडिस्ट्रियल थी बागी सब पर नहीं थी कुछ थी जिन पर थी जैसे कि केमिकल है जाड़ियस वाले भाई खतरनाक से कोई केमिकल हो गए सिगरेट हो गई ड्रग्स हो गई एलकोहॉल हो गया और फार्मासीटिकल्स हो गया स्पेस वाला कुछ यह है ना हाँ एरोस्पेस जो गिवन और इलेक्ट्रोनिक्स इसको अगर इंडस्ट्री ओपन करनी है तो गवर्नमेंट लाइस ने ना खोल लो कोई दिक्कत नहीं है जैसे अगर हम चलते हैं हमारे को डोरमाइन की टाइम मशीन मिल गए हम जा रहे हैं 1995 में और तुमने और मैंने हम काफी बस तूटेंस हमने सोचा कि भाई तो बहुत लाइसन लेने की नहीं जरूरत बट अगर तुम में से कोई बच्चा मुझे टेस्ट कर रहा है दीदी हम तो ने जाड़ियस केमिकल की इंडॉस्ट्री खोलेंगे या फिर नहीं हम लोग तो ना यह एलेक्ट्रोनिक एयरोस्पेस की इंडॉस्ट्री रिजर्व कर देते हो चाहिए क्लास का कोई भी इंसान आ जाए चाहिए बैग वहां रखा हुआ या नहीं रखा हुआ वह मेरे दोस्त की है कोई नहीं बैठ सकता है वहां पर वैसे ही कुछ इंडस्ट्रीज को गवर्नमेंट रिजर्व कर रखा था वह सब अब बैठ सकता है अभी भी कुछ एक्सेप्शन से जो इंडस्ट्रीज गवर्नमेंट चला सकती थी उनमें आता है रेल� और डिफेंस तीन ही है ना हां एक और होती है एनरजी एनरजी जेनरेशन यह एक्ट्रेसिटी वगैरह बनानी वह गवर्नमेंट की थी तो टोटल 14 गवर्नमेंट के रिजल थी बाकी आप इंडियाल प्राइवेट चैक्टर आप संभाल सकते हैं आइए इन इसलाइए कोई कि था स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज के लिए कावी सारे गुड्स रिजर्व कर दिए गए देखिए भाई यह स्मॉल स्केल वाली बनाएंगे आप स्कॉल स्केल वाले तो लोग ऑनटेटी में बनाएंगे डिमांड तो उसकी बतेरी होती थी इस वर्ष प्राइस होता स्माल स्किल इंडिस्ट्री बनाएगी तो सोसाइटी में जो मार्केट में बिल्कुल नोटबुक्स कम आएंगे ना डिक्स्ट वांटी ज्यादा तो नहीं होगी अब इसकी अगर क्वांटिटी कम है तो नोटबुक्स महंगी बेगेगी समझ जाओ महंगी बेगेगी क् बहुत सारे गुड़ के साथ था कि भाई उनकी डिमांड बहुत ज्यादा है बट उनका प्रोडक्शन लोग का विकार कोंटिटी में हो रहा है तो उनके महंगा ही बढ़ रही थी उन बट जब इन्होंने कहा कि अब स्मॉल स्केल के लिए गुड़ ऐसे रिजर्व और 20, 100, 200, बहुत variety आ गई, आपके पास आप kitchen-a-key भी notebook खरीद सकते हो, similarly आप pen का सोच सकते हो, कि pen को आप, कि दोस्तों स्केल वाले जो है बना सकते हैं तो तब महंगा था ज्यादा चॉइस भी नहीं थी बटा इतनी सारी कंपनीज को जब अलाव हो गया तो एक तो महंगा भी नहीं रहेगा साथी के साथ चॉइस भी बढ़ जाएंगी तो यह फायदा सेक्टर आप चलते हैं हम फाइनांशल सेक्टर में क्या चेंज करा फाइनांशल सेक्टर का सिंपल से चीन यह आपको याद है हम हमेशा कहते हैं आर्बिया कौन है दादा है पर दादा है पिताजी है किसके हमारे बाकी बैंकों के ऐसा हम कहते हैं तो पहले जो है नाइटी जो है वह बहुत ज्यादा कंट्रोल करता था पूरे के पूरे बैंकिंग सिस्टम को यानि कि एक वह इंट्रस्ट रेट कितना रखा जाएगा कितना मिनिमम रेशियों जो है कैश का अपने पास रखना है बहुत कुछ चीजों को आर्बिया रेगुलेट करता गई जो आर्बिया ने कहा है वह कहना पड़ेगा बट आफ्टर दिस पॉलिसी यह व एलपीजी वाली इसका लिबरिएलाइजेशन का रिफॉर्म लगने के बाद आर्बिया एक रोल रेगुलेटर से एक फैसिलिटेटर बन जाता लिखो अपनी कॉपी में आर्बिया बिकेम फ्रॉम रेगुलेटर टू व फैसिलिटेटर रेगुलेटर था पहले मतलब या तार भी ऐसे फैसलेटर से अडवाइस करना है, जैसे मैं हूँ ना, मैं तुम्हें बस कही तो सकती हूँ, गाया एक्स बढ़िया तरीके से पढ़ो, अभी तुम्हें बहुत अच्छे तरीके से अपना स्लेवेस कम्प्लीट करना है, ये वाला भी अपना ट्वेल्थ वाल तो वह बस कहीं तो सकती हूं आइम जिस टॉप फैसलेटेटर फैसलेटेटर मैं बस एडवाइस कर सकती हूं कि दोन टेक टेंशन एवरीथिंग भी ओके अच्छे से पढ़ लोगे इंजॉर भी कर लोगे बस जो है ज्यादा डिस्ट्रैक्टिंग एलिमेंट को हटा दे विशेष प्रोडक्टिव बहुत सारे बैंक को अलाउट था कि वह अपनी ब्रांचेस एक्सीड कर सकते हैं तो एक बार रिट कर लेते हैं क्या-क्या चेंज जाएगी तो यह रिगुलेटर से फैसलेटेटर बन गया था अब जो बैंक्स थे वह अपना डिसीजन खुद से ले सकते थे अकेले ले सकते थे यह काफी सारी चीजों पर आप यह से बिना परमीशन लिए कर सकते थे और साथ ही के साथ में काफी सारे प्राइवेट सेक्टर बैंक्स हैं बैंक की अंदर वह इंक्रीज कर दी गई थी अब यहां कुछ पुरानी लिखा है परसेंट मेरा 2222 का प्रेंट था तो आप देख लेना कि फॉर एंड और डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट की जो फॉर एंड इन्वेस्टमेंट की जो लिमिट थी उसको इंक्रीज करके 74 परसेंट कर दिया था और वह बैंक जो अच्छे तरीके से वर्क देखो यह जो हमारा foreign institutional investors होते हैं FII जैसे कि mutual funds merchant banks जो हो गए और साथी के साथ में pension funds अब उनको allow हो गया था कि वो इंडिया में आके invest कर सकते हैं पहले नहीं था done है तो यह चेंजेस थे बैंकिंग सेक्टर में अब बैंकिंग सेक्टर के बाद हमें पढ़ने है अब फाइनेंशल सेक्टर में दो टैक्स में आते हैं इंडारेट में वेट जीएसटी एंड सो मैनी अदर टैक्स ठीक है है तो भाई यह जो डाइरेट टैक्स तो पहले इसको समझते अब पहले जमाने में क्या हो रहा था यूनिस्सों 2550 से नब्बे के दौर में सॉरी फिफ्टी से नाइटी के दौर में अब भाई टैक्स जो थे ना टैक्स का रेट बहुत हाई था अ नहीं थी भाईया वह टैक्स बनेंगे तो गवर्नमेंट को उनसे टैक्स मिली नहीं जाता तो वह लोग जो कमाई कर भी रहे थे ना वह भी टैक्स नहीं देते थे वह टैक्स इवेशन करते थे वह दो नंबर का पैसा आपको पता हो अगर तो वह क्या करते थे वह अपनी इ इसे करके अपना टैक्स बचा ले दे तो उनका वह मनी ब्लैक हो जाता था दो नंबर का पैसा बट वह सब्सक्राइब करें तो वह टैक्स इवेड करें तो टैक्स देने से बच रहे थे अब गवर्नमेंट का तो इसमें नुकसान है ना कि गवर्नमेंट तो एक तो उ है भी वह भी टैक्स इवेड कर रहे हैं बच रहे हैं टैक्स देने से क्योंकि राइट हाई है इसलिए तो गवर्नमेंट क्या करती है अपने आप जो है टैक्स के रेट को लोग करती है कि अब जब टैक्स के रेट लोग होंगी तो वह लोग टैक्स पे करना शुरू करा बात करो कॉर्परेट टैक्स की या इनकम टैक्स की सभी को लोग करा गया ठीक है तो देश पर कि अभी सोड़े हाली का बात करते हैं भी थोड़े समय पहले की 2016 से अब हमारे आप इस अलग-अलग टाइप के टैक्सेस होते थे इंडिरेक्ट वाले इंडिरेक्ट टैक्सेस कमॉर्डिटीज और सर्विसेस पर लगते हैं जिसको एक अकन एक जो है कंजूमर जो है जो आप वह बताएंगे वह इंडियरेक्ट टैक्स कौन से होते हैं वह टैक्स जो किसी कमॉर्डरिटी और सर्वेस पर लगे जाते 2016 में हम गवर्न करोड़ ने कि इनिशिटिव या कि वह इस मेकानिजम को सिंप्लीफाई करेंगे यह जो इतने अलग-अलग टाइप के जो इंडियारेक्ट टैक्स होते हैं इन्हें हटाकर एक प्रॉपर एक टैक्स बना देंगे जिससे हमारी कंट्री में वन पर केट बन जाए ठीक है तो आपको इसका नाम भी शायद पता होगा जीएसटी ठीक है जीएस यह अभी कुछ समय पहले ही गई दो हजार सोला में यहां तक एंसी आटिम गिवना आगे का मैं आपको पढ़ाऊंगी दो हजार सोला में रिसेंटली जो हमारी इंडियन पार्लियमेंट उन्होंने एक ल� ठीक है बट यहां गाइस देखो पास लिखा है बट अगर आप गूगल पर चेक करोगे तो इंट्रोड्यूज करा गया था 2016 में हमारी पार्लियमेंट में ये गूड्स एंड सर्विसेस आक्ट ठीक है तो इंट्रोडॉक्शन हुआ था 2016 में और 2017 में जाके इस आक्ट को पास क उसके तहट यह जीएसटी जो है वह लागू होता है 2016 में यह पार्लियमेंट में प्रेजेंट हुआ हर एक जो भी कोई लॉग ना होता है पहले वह पार्लियमेंट में प्रेजेंट होता है इंट्रोड्यूज होता है लोगसभा राजसभा जब उन्हें का प्रूवर मिल जाता है फिर वह एक लॉग बनता है तो 2016 में इंट्रोड्यूज होता है 2017 तक जाकर के पास गवर्नमेंट ने क्यों जीएसटी इंटरड्यूस करा था उसका रीजन एक्जाम में आ जाता है कि क्यों हमारी कंट्री में हमारी गवर्नमेंट नहीं यह सोचा कि जीएसटी लगाया जाए तो उनका रीजन यह था सबसे पहला तो कि जो है हमारी लोगों को एडिशनल टैक्स जो है वह मिल पाइट के रिवेन्यू सोर्ट बन रहा है साथी के साथ में सबसे मेजर इसने खरीद जैसे अगर आप टेक्स्टाइल खरीद जो कोई अपना वाला कपड़े खरीदे उस पर भी जीएसटी लगी होती है मोबाइल फोन अगर खरीद तो भी जीएसटी लगी होती है तो आप जीएसटी लगा दिया गया तो मेक अ कॉमन मार्केट अब जीएसटी को थोड़ा जीएसटी है रिप्लेस्ट ऑलमोस्ट 17 इंडारेक्ट टाक्स तो वह जैसे कि जो इवार्यूएड टैक्स थे इस टैक्स एक साइज जूटी इन सबको रिप्लेस करके एक ही नाम दे दिया हमने एक ही तरीके का टैक्स मांडिया गोधन सर्विस टैक्स जीएसटी तो काफी सारे टैक्स को रिप्लेस करके हमारा जीएसटी बना था इंडारेक्ट टैक्स को रिप्लेस करके जीएसटी बना था अब यह जीएसटी इंटोफेक्ट ऑन फर्स जुलाय 2017 पहली जुलाय को 2017 को GST लागू हो गया था उसके बाद से गाइस GST बिल्कुल कंपल्सरी हो गया तो नाओ वी हाफ कंप्लीटेड जीस्टी ऑलजो अब हम चलते हैं फॉर एन एक्सचेंज रिफॉर्म्स पर ठीक है अब फॉर एक्सचेंज आपको पता है वैसे ही हमारा पर साथी के साथ में एक्सपोर्ट बनने के साथ हमारी इंकम जो थी वह जेनरेड हुई फॉर एक्सेंज की लोगों पर हमारी गंडर से एक्सपोर्ट स्टार्ट कर दिए साथी के साथ में हमन दाट पहले हमारे जो रूपी की वैल्यू थी वह हमारी गवर्नमेंट कंट्रोल करती थी कैसे डिटरमाइन होगी बट अब वह जो गवर्नमेंट का कंट्रोल था वह हडिया था अब प्रॉपर जो मार्केट फोर्सेस एडिमांड एंड सप्लाइज वह हमारी कंट्री कोटा सेट कर रखे थे इंपोर्ट पर बहुत तारीफ लगाते थे उस वजह से हमारे आधार इंपोर्ट नहीं थे ठीक है तो हमने वह सारे डिस्ट्रिक्शन हटाने शुरू करें हमने कंट्री के दरवाजे बंद कर रखे थे भार की देश की कंट्र वह हमने दरवाजे खोल दिया बैपल डॉमिनेस ह्यूंडवी और यह फिल्प्स वगैरह आज आपने में सिलगा हमारे एंड यू कैन वी कैन वर्क टोगेजर ठीक है तो वह सब हमने रिस्ट्रिक्शन हटाने शुरू कर दिया ठीक है तो सबसे पहले ट्रेड के ऊपर से तो वो तो हमने 2001 अप्रेल में जाके हटाया 1991 में भी नहीं 2001 अप्रेल में जाकर हमने यह फूड के ऊपर जो हमारा एग्रीकल्चर प्रोडक्ट के ऊपर जो एक्सपोर्ट के कोटा से वह बार में हटाएं क्योंकि हमें अपनी फूड सफिशेंसी को खत्रे में नहीं डालना था तो जो इंपोर्ट पॉज अटैक्ट हुए हमारी यहां पर और इंपोर्ट है अब इंपोर्ट साने का हमारी कंडी में फायदा क्या हुआ जो लोग क्वालिटी मटीरियल हमारे यह बन रहा था जब कंपडीशन आया तो हमारे प्रोडूजर ने अच्छी क्वालिटी का मटीरियल बैन हो गया बाइसेकल हो गई फोन हो गए उन सबको अच्छी क्व पहले अगर आपको चीजों को इंपोर्ट करना था तो लाइसेंस लेना पड़ता था अब लाइसेंस हट गया एनी थिंग यू वांट एंड पोर्ट एनी गोड सर्विस यू कैन इंपोर्ट बट अभी भी कुछ रिस्ट्रिक्शन थे जैसे कि अगर तुमने कोई हजारडियस तो देश वादल लाइफ हमारा चेंज रिफॉर्म सिंग्र ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट सेक्टर अब आते हैं गाइस हम अपना हम ने प्राइवर्टाइजेशन क्या होता है जब भी कोई पब्लिक सेक्टर अंडर टिकेंग आपने इंडिया में बहुत सारे पीएस यूज थे एक बुक में एक पूरा बॉक्स दे रखा है जिसमें बता रखा है हमारे पीएस यूज को हमने रतनों में डिवाइट कर रहा था कुछ महा रतन्स कुछ नव रतन्स कुछ मिनी रतन्स होते थे वो हमारे को प्रॉफिट दे थे ठी उसको जो है किसको ट्रांसफर कर दिया प्राइवेट सेक्टर को उसको हम कहते हैं प्राइवेट आइजेशन जैसे इसकी डेफिनेशन कैसे बनाओगे इसे हमने लेब्रालाइजेशन की बनाइन हो तो देखो जब कोई गवर्नमेंट अपनी प्रिएस यूज की अपनी पब्लिक सेक्टर अंडरटेक्टिंग की ओनरशिप ठीक है या फिर मैनेजमेंट जो है ट्रांसफर कर देती प्राइवेट इंडस्ट्रीज को कौन सी प्राइवेट इंडस्ट्रीज को उसको हम कहते हैं प्राइवेट आइजेशन यानि कि यह गवर्नमेंट की एक इंडस्ट्री है अब गवर्नमेंट की इंडस्ट्री लॉस में जा रही है तो गवर्नमेंट क्या करेगी इसकी ओनरशिप जो है वह किसी प्राइवेट इंडिवीजियल को बेस देगी यह बहुत अलग-अलग तरीकों से होता है कि भाईया प्राइवेट सेक्टर के पास जाती है अब गवर्नमेंट भी बहुत सारे तरीके थे कभी-कभी गवर्नमेंट जो है इंटायर ओनरशिप अपनी बेस देती है कि भाई पूरी की पूरी कंपनी पूरी की पूरी इंडस्ट्री भी बेच दी या कि भाई जो ही प्राइ और पूरा लीगल भी का जो भी कुछ तरीके होते होंगे उस तो उन्होंने पूरी यह गवर्मेंट की इंडस्ट्री खरीद ली अब यह प्राइवेट इंडिविजुअल की हो गई या फिर गवर्मेंट के पास एक और तरीके भी होते हैं कि वो क्या करें वो स्ट्रेटेजिकली अपनी प्राइवेटाइजेशन करें स्ट्रेटेजिकली अपनी जो कुछ शेयर्स बेचकर यानि कि गवर्नमेंट ने सोचा कि भाई यह मेरा लॉस में जा रहा है तो 50 परसेंट बेच देता हूं कोई प्राइवेट विजनसमेंट आएगा जिसका दिमाग चलेगा प्रॉफिट कमाने के लिए तो वह 50 परसेंट उनका होगा वह कंपनी को बेचे या कुछ फिर बेचे क्या कहा जाएगा प्राइवेट इजेशन मतलब वेंड गवर्नमेंट ट्रांसफर ओनरशिप आएंड इट विज नोन एस प्राइविटाइजेशन ठीक है तो वेल इट इंप्लाई शेडिंग दोनर् ट्रांसवर ऑफ ओनर्शिप और मैनेजमेंट ऑफ गवर्नमेंट ओन एंटरप्राइस इंटू प्राइवेट सेक्टर इस नोन एस प्राइवेट एंटरप्राइवेट एस प्राइवेट एस प्राइवेट एस प्राइवेट एस प्राइवेट एस प्राइवेट एस प्राइवेट एस प्राइवेट एस प्राइवेट एस प्राइवेट एस प्राइवेट एस प्राइवेट एस प्राइवेट एस प्राइवेट एस प्राइ कंपलीटली गवर्नमेंट अपनी कंपनी को बेच दिया करती है पूरी वह पूरा एप्राइवेट इंडिविजुअल यह नाउट देविल टेक किया रॉफिट ठीक है वह नश वह नश पूरी उनके पास चली गई है तो यह देश इनवेस्टमेंट होती है डिस है उसकी कुछ शेयर्स को किसी प्राइवेट सेक्टर को बेचती है उसको हम कहते हैं गाइस इस इनवेस्टमेंट ठीक है अब यह जो डिस इनवेस्टमेंट है यह दो फर्म में डिवाइड होती है, एक minority disinvestment और एक majority disinvestment, जो minority disinvestment है, इसमें देखो क्या होता है, government अपने पास, typically लिखा है, 51% या उससे ज़्यादा अपने पास रखती है, यानि कि majority जो shares है, वो तो अभी भी government के पास ही है न, हाँ, वाकी बचेवे वो private sector को बेज देती है, जिससे कि government का भी control ले उस public sector पे और private का जो दिमाग है, private की जो techniques है, private sector जो profit earn कर सकती है, वो भी यहाँ पे हो जाए। दूसरा होता है minority disinvestment, government retain करती है minority stakes, यानि कि government काफी सारा हिस्सा बेच देती है, अपने पास बहुत minimum stakes रखती है और यह भी type की disinvestment हमारे यहाँ होती है। क्यों करा हमने क्यों हम पब्लिक सेक्टर की इंडस्ट्रीज को बेच रहे थे प्राइविट सेक्टर को क्योंकि आपको पता यह लॉस जा रही थी अगर कोई प्राइविट सेक्टर का कोई इंडस्ट्रीज आ रही है तो वह प profit की तरफ लेकर जाएंगे ठीक है अब देखते हैं guys हम complete privatization complete privatization वो होता है जहां 100% control public sector undertaking का किसी एक private sector पे चला जाता है एक example है complete privatization का modern bread और ITDC hotels ठीक है तो modern bread जो पहले एक public sector industry हो दी थी food industry वो पूरी की पूरी बिग जाती है private industry को ठीक है तो with this we have completed this investment privatization परमेंट अपनी ओनरशिप और अपना मैंनेजमेंट ट्रांसफर करती है किसी प्राइवेट चेक्टर को कभी-कभी मेजर में कभी-कभी में कभी-कभी टोटल कर देती है ठीक है तो इस अब देखो गाइस यह प्राइवेटाइजेशन का क्या फायदा मिलता है हमारी कंट्री को तो सबसे पहले प्राइवेटाइजेशन करने से प्राइवेट चलाएंगे तो इंडॉस्ट्रियल इस जो होगा उसके दिमाग में होगा मैं प्रॉफिट जनरेट करूं और प्रॉफिट जनरेट करता तो इंडिया का फायदा तो होना ही था साथी के साथ में आप क्या होता है देखो जो पब्लिक सेक्टर इंडॉस्ट्रीज तो उनको तो अपनी-अपनी सैलरी मिले थी तो देवन नॉट गिविंग थाट मच एंट्रोट कि वह प्रॉफिट इंक्रीज करें बट जो प्रॉफिट बढ़ाने के लिए तो यह मॉडरनाइजेशन भी ना इन पुछ टूल्स जो है जो प्राइवेट इंडस्ट्रियलिस्ट आ नेक्स्ट हो गया जो है जो प्राइवेट सेक्टर के केपिबिलिटीज अगर पीएस यूज पब्लिक सेक्टर के साथ जुट जाएंगी अपनी कंपनी और इंडस्ट्रीज लगाने में इंट्रेस्टेड होगी जब प्राइवेट सेक्टर अलाउट होगा तभी तो वह यह काम complex phenomena कोई सिंपल चीज नहीं है ग्लोबलाइजेशन अगर आप पॉलिटिकल साइंस पढ़ोगे तो आपको ग्लोबलाइजेशन की यू से पढ़े तो बस एक बात समझो ग्लोबलाइजेशन मतलब अपने कंट्री की एकोनोमी को वर्ड की मार्केट की एकोनोमी से इंटरलिंक या इंटर कनेक्ट कर देने को हम ग्लोबलाइजेशन कहते हैं जैसे पहले हमने अपने घर के दरवाजे बंद कर रखे दें यानि कि इंडिया ने अपने डोर्स को बंद करका था कि नहीं हम बाहर के देशों की कंट्री से ज्यादा ज्यादा लेवल पर इंपोर्ट एक्सपोर्ट रेड नहीं करेंगे हमने अपना बचाव कर र और quantitative measures तो इस वजह से हम इतना ज्यादा इंटेग्रेटेड नहीं थे भार की देश की किसके साथ इकोनॉमी के साथ बट जैसे ही हम लेकर आए तो हम लोग कनेक्ट हो गए उनसे अब हर कंपनी का प्रोडक्ट प्रोडक्ट बाहर के देश का हमारे आंखें बिल्कुल सकता था पहले जैसे एक इंसान के पास पैन खरीदने के लिए एक कंपनी की चॉइस थी तो बाहर के देश से इतनी सारी पैन की कंपनी इंडिया में आकर जो है अपने प्रॉडक्ट को बेच सकती थी तो हमें चलो स्मार्टफोन तो उस दमानी की बात मत करो जैसे अभी आज की बात की देखो आप कि आज के समाने में आप अगर मार्केट में देखोगे तो इतने सारे स्मार्टफोन है उनको जरा चेक कर लेना आदे से ज्यादा जितने भी हमारे सामने वह सब फॉरन कंपनी के ही तो है वह क्यों है क्योंकि हमने ग्लोबलाइज कर रखा है अपनी कॉनिमी को हमने उन फॉरन कंपनी के प्रोडक्ट को अलाव कर रखा है कि आप आकर हमारी कंट्री की मार्केट में अपने प्रोडक्ट को बेच सकते इसको स्टॉप कर रखा था कि बाहर के प्रोडक्ट इंडिया में ज्यादा ना बिके सोधार डोमेस्टिक मार्केट ग्रो हो बट वह इतने प्रोटेक्शन से भी हमें जब इकोनोमिक क्राइसिस हुए तो हमने एलपीजी कर दिया तो दिस इस ग्लोबलाइजेशन पहले बात आपको बताना चाहती हूं कि जब ग्लोबलाइजेशन होता है ना किसी भी एकॉनमी का तो वह तभी हो सकता है जब कंट्री पहले ही एल और पी कर चुकी हो एल और पी मतलब लिवरलाइज कर चुकी हो अपनी इकॉनमी को प्राइवर प्राइवरलाइज पॉसिबल होगा तो ग्लोबलाइज पर भी पॉसिबल है जब आपने लिवरल कर रहा है पहले उनको नीको प्राइवेट कंपनी है ना इंडिस्ट्री है कंपनी हो गई वह तो वह कैसे इंडिया में आपके अपनी जो है ब्रांच इस को ले सकती है तब खोल सकते हैं जब हमारे प्राइवेट चेक्टर अलाउट होगा ठीक है अब हमने रेजर्वेशन लगा रखे रिस्ट्रिक्शन लगा रखे जब तक लिबरलाइजेशन और प्राइवेट नहीं होगा तब तक लोग लाइजेशन भी इसलिए प्राइवेट आइजेशन का तो यही बात यहां लिखी है कि ग्लोबलाइजेशन क्या है यह वेरियस आउटकम है किसका वेरियस सेट ऑफ पॉलिसीज का कौन सी पॉलिसीज का लिबरलाइजेशन प्राइवेट आइजेशन की पॉलिसी का आउटकम होता पता चला जैसे मैंकडॉनल का बर्गर डॉमिनोस को पेजा हमारे यहां पर बिखना शुरू हो गया तो हम उनके फूड आइटेंस के बारे में जान पाए अगर हमारा कोई वहां पर जाकर हमारी कोई इंडिया बेस्ट अगर कोई भी इंडिस्ट्री हो गई कोई जाकर सेटल हो जाते हैं वेरियस टाइप से ग्लोबलाइजेशन होता है ग्लोबलाइजेशन पर फ्लो होता है किसी भी गूट का सर्वेस इसका और पीपल का इस सब के फ्लोज को ग्लोबलाइजेशन हम कहते हैं बट अगर एक्टोमिक पॉइंट ऑफ यू से पूछा थी तुम पूरा समझ जाओगे ठीक है सपोस करो मैंने जो है एक फॉर्म ओपन करिए हैं अपनी किसके टेक्स्टाइल की ठीक है मैंने मैंने काफी अच्छा सा अपना कोई ब्रांड लॉन्च कर दिया और वहां पर बहुत सारे अब मैंने अच् बहुत अच्छे तरीके के क्लोथ्स वगैरह मैंने डिजाइन कर दिया है है है पूरा स्टॉक पूरा रेडी हो चुका है मेरे पास पूरा बैच रेडी है और जो है अब आई वांट कि वह सब क्या हो जाए वह बिट जाए ठीक है बट मेरे को एडवर्टाइसमेंट की मेरी हेल्प करेंगे वह अपना जो भी उनका फीस होगी वह लेंगे और वह मेरी हेल्प करेंगे मेरे गुड्स को मेरे प्रॉडक्ट्स को एडवर्टाइज करके उनकी सेल में ठीक है सिंपल तो यह जो चीज हुई ना कि मेरे को जो चीज की नॉलेज नहीं थी या मेरे को जिस चीज को करने का टाइम नहीं है एक्स� कि कंपनी से कि जो और सोच से इसी को कहते हैं आउट सोच सेंग डन अब यह आउट सोच सेंग जो है पहले कंट्री अपनी कंट्री में ही करवाती थी कि भाइया यूएसे की कोई ऐसी फर्म है टेक्स्टाइल वाली उसने अपनी किसी यूएसे की किसी एडवर्टाइजिंग एज बट धीरे धीरे क्या होने लग गया, ग्लोबलाइजेशन होने के बाद, ये आउट्सोर्सिंग अक्रॉस दे कंट्रीज होने लग गये, अब USA में जो एडवर्टाइसिंग एजेंसी है, वो जादा पैसा चार्च करेगी, और वहीं पर अगर कोई एडवर्टाइसिंग ए� क्योंकि हमारे यहां पर पॉपुलेशन ज्यादा है और स्किल्ड एडुकेटेड लोग है उन भी वह भी बहुत ज्यादा है तो इसलिए आपने देखा है आपने कभी कॉल सेंटर के बारे में शुरू होगा वैसे बीवी जगह ना हम के बीवी जगह तो ठीक है पॉप� बीओपी ठीक है तो आपने बीओपी का कंसेप्ट कई बार सुना होगा कि बीओपी इंडिया में और चाइना में बहुत ज्यादा है क्यों विप्यू इंडिया में होता है ठीक है तो यह चीज यह सब सर्विस जब आउटसोर्स करी जाती है तो उसको कहते हैं हम आउटसोर्स थे अब आउटसोर्स थे में बहुत साइड चीजें सब्सक्राइब कर रहे हैं अपनी कंट्री में ही कि वह क्यों नहीं कर रहे हैं यह सब सर्वेस अवेल्ड क्योंकि अगर वह इंडिया से यह सर्वेस अवेल्ड करेंगे तो उन्हें आपको सब्सक्राइब करें तो इस वजह से बहुत बड़ा जो है लोग वाइजेशन का फिनोमिना है और आउट्सोर्सिंग जो है बहुत टेली कम्यूनिकेशन सेक्टर ग्रो कर रहा है स्मार्टफोन आ गए इंटरनेट की स्पीड इतनी बढ़ गई है यह जैसे-जैसे जो है टेली कम्यूनिकेशन सेक्टर ग्रो करा वैसे-वैसे आउटसोर्सिंग भी ग्रो हो रही है आपने कई बार सुना आउटसोर्सिंग में बीपीओस के बारे में और उसके अलावा भी बहुत सारी जो है सब्सक्राइब याद रखना देश रिकॉर्ड कि बाहर के देश के लोग इंडिया की जो कुछ क्लिनिकल एडवाइजरी जो है कंपनी है उनसे एडवाइजर लेते हैं ठीक है या कोई कंपनी बाहर के देश के उन्होंने अपने जो एडवाइजर देव वह इंडिया से हायर कर रखे हैं ठीक है या इंडिया में एवेलेबिलिटी और स्केल मैन पार इन इंडिया और साथे के साथ में आट लो वेज रेट्स डन आप मूव करते हैं हम अपने ग्लोबलाइजेशन के नेक्स्ट टॉपिक पर वह होता है गाइस वर्ल्ड वेड ऑर्गनाइजेशन वर्ल्ड वेड ऑर्गनाइजेशन किसका आपके सबसे उसकी पेरेंट ऑर्गनाइजेशन कौन है उसकी पेरें� ठीक है जी एटीची के जनरल एग्रीमेंट ऑन ट्रेड आंड तारीफ यह बनाता 1948 में पहले इसके पापा के बारे में पढ़ो ना फिर इसके बारे में पढ़ना तो डब्लीटीओ के पापा जी कौन थे यह थे जनरल एग्रीमेंट ऑन ट्रेड आंड तारीफ यह 1948 में इस्टेब्लिश हुआ था इसे 23 कंट्रीज ने मिलकर बनाया था क्यों सो यह जो कंट्रीज आपस में मल्टी लेटरल कर पाए अब पता कई बार क्यों थे जो कंट्रीज होती है ना डेवलप्ड कंट्रीज यह अपना ट्रेड के बारे में तो अच्छे से सोच लेते हैं कि इनके गुड्स बिक्के अच्छे से और इनके जो है मार्केट्स में जो है यह अपनी बड़ी-बड़ी पर बैट 23 गंट्रीज बट फिर क्या हुआ यह जीएटीटी है इससे क्या बन जाता है वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन मंद बन जाती है यह हो जाता है और यह डब्लीट यह आ जाती है नाइन टी फाइव में अब यह क्यों एंड होता है वह नहीं पढ़ना आपको बस यह समझ लो कि जो डब्लीट है वह सक्सेसर ऑर्गनाइजेशन है जीएटीटी की तो डब्लीट यह कब बनता है 1995 में और डब्लीट यह का फंक्शंस क्या होते हैं यहां मैंने पॉइंट में लिख दिया है इंडियन इकाउनमी दिखाएं वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन क्या करती है वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन भी ट्रेड फैसिलिटेट करने में हेल्प करती है जो जो कंट्री डब्लीटीओ का हिस्सा बनती है इंडिया भी डब्लीटीओ का मेंबर है तो वह उनको वह उनको यह करेगी कि हर कंट्री आपस में अच्छे से ट्रेड कर पाए ठीक है तो चलो पढ़ लेते हैं फक्शन हमारे इन सोंट्र तो एक ऐसा रेजाइन बनाएं जो जो कंट्रीज इस डब्लीटीव का पार्ट बनेंगी वह वह कंट्रीज एक ऐसा पूरा मर्केट सिस्टम जो कि रिसोर्सेस अलग-अलग जगहों पर डिस्ट्रिब्यूटेड है आपको पता है ना रिसोर्सेस कैसे है किसी के पास पेट्रोलियम इतना ज्यादा किसी पास पानी ही नहीं है पीने का किसी के पास पानी बहुत ज्यादा तो उस पर पेट्रोल नहीं है इस इंटरनेशनल लेवल पर ट्रेड अच्छे से हो पाए चाहिए वह बाय लेटरल ट्रेड हो बाय लेटरल ट्रेड दो कंट्रीज के विशेष होता है मल्टी रेटरल ट्रेड दो से ज्यादा कंट्रीज ट्रेड लेट्वल ट्रेड को जो है बढ़ावा दे और जो है हर कंट्री जो भी इसका मेंबर बन रही है उन्हें ग्रेटर मार्केट का प्रेक्सेस दे यानि कि उन्हें एक्सेस दे कि वह एक दूसरे के मार्केट को रीच कर पाए अपने प्रोडक्ट्स लेकर वहां पर बेच पाए अब इसके काफी ना क्रिटिसिजम भी है डब्लीटीओ के क्योंकि कुछ यह जो है डेवलपिंग कंट्रीज है जो डब्लीटीओ पर मार्केट पर से रिस्ट्रिक्शन नहीं अटाया है तो काफी सारी कॉन्ट्रोबर्सीज है सब चीजों से रिलेटेड भी ठीक है तो यहां देख सकते हो यहां पर बता रखी है कि कुछ कॉलर सोचते हैं कि W2A का मेंबर बनने पर डेवलॉपिंग इतना फ्री नहीं करते हमारे लिए तो थोड़े सी चीटिंग करते हैं यह लोग यह कुछ कॉलर्स का कहना है अगर हम इंडिया की बात करें तो हम वर्ल्ड ऑर्गनाइजेशन के में है अगर किसी सुदन को पता है हम कब डब्लीट यो के में बने थे तो जो है लिबरलाइज रखेंगे अपनी ट्रेट को ज्यादा रिस्ट्रिक्शन लगाएंगे चेट पर बाय रूम विंग क्वांटिटेटिव रिस्ट्रिक्शन ऑफ इंपोर्ट वह जो हमारा इंपोर्ट पर इतना ज्यादा हमने कोटा सेट कर रखे थे वह हम हटा देंगे ठीक है तो यह देश वॉल अब आउट वेट एवं अब आपका गाइस पूरा का पूरा यह चैप्टर कंप्लीट हो चुका है मतलब एलपीजी पर समझ चुके हो ठीक है अब जब आपने एलपीजी पढ़ लिया है तो एक बार यह जानते हैं कि इन एलपीजी का हमें हमारी हमारे को वह हम देखने वाले हैं इस टॉपिक में इंडियन एकॉनिमी डियोरिंग रिफॉर्म एंड एसेस्मेंट एक तरीके से हम इसका असेस्मेंट करने वाले हैं असेस्मेंट करते हैं कि क्या रिफॉर्म का फायदा हुआ तो जब भी एक इंडिया 5.6% जो 1980-1991 में था उससे 8.2% बढ़ गया था 2007-2012 में है ठीक है अगर हम बात करें गाइस यह जीडीपी तो हमने समझ लिया अब अगर हम इच एन एवरी सेक्टर का देखें कि कैसा रहा जीडीपी के कॉंट्रीब्यूशन तो एग्रीकल्चर का जो कॉंट्रीब्यूशन है वह डिक्लाइन हुआ है इंडस्ट्रियल जैसे हुआ था वैसे देखे तो GDP जो है वह इतना ज्यादा हाई होई है इस बिकॉज आफ दाव सर्विस सेक्टर हमारा एग्रीकॉल्चर और इंडॉस्ट्री इसको इतना बूस नहीं मिला सर्विस सेक्टर डेवलप हुआ आफ्टर दीज रिफर्म यहां हमें और आगे की कहानी बता रखी है बेसिकल 2015 तक के पीरियड की ठीक है अब इसमें सबसे पहले बात करते हैं हम एग्रीकल्चर की ठीक है अब एग्रीकल्चर रिकॉर्डेड आ हाई ग्रोथ रेड ड्यूरिंग थर्टीन एंड फोर्टीन 2013 से लेकर 14 तक एग्रीकल्चर सही चला बस उसके बाद से एग्रीकल्चर में भी नेगेटिव ग्रोथ रेड दिखा गया सब्सक्राइब होता है आगे वाले उस साल बाद का तो उसके आगे 2013-14 में अच्छा चला 2013-14 में Agriculture Growth वाज़ गुड बट उसके बाद से नेगेटिव डिक्लाइन होना शुरू है सर्वेस सेक्टर की अगर हम बात करें तो सर्वेस सेक्टर का ओवर ऑल जीडीपी तो जा रहा है वह हाईयर रेट पर ही जा रहा है 14-15 की अगर हम बात देखेंगे तो इसका जीडीपी कितना था 9.8% Growth Rate था इसके जीडीपी में तो सर्वेस सेक्टर सही चल रहा है अब सर्वेस देख ले आप देखते हैं Industrial Sector का तो Industrial Sector बहुत डिक्लाइन पर था गाईज हमारा 2012-2013 के पीरट में डिक्लाइन पर था बट उसके बाद जो उसके आने वाले अगले साल है जैसे आप मानों 13 14 14 15 15 16 नहीं 15 तक का बता रखा है ना तो उससे आने वाले जो अगे के जो साल हुए उसमें इंडिस्ट्रियल सेक्टर में पॉजिटिव ग्रोड देखिए तो बस हमें एग्रीकल्चर ओपनिंग ऑन एकोनिमी से हमारा फॉर एक्सेंड रिजॉफ काफी स्ट्रॉंग हुआ और अगर मैं आपको आज के टाइम की बात कर रहा हूं तो हम लोग ना वन ऑफ द अ कह सकते हैं लार्जेस्ट फॉर एक्सेंड रिजॉफ हो डायर अगर आप प्रेजेंटली चेक करोगे तो आप इन तरफ यह रॉन द फिफ्ट नंबर ठीक है ठीक है तो हमारे इधर हम काफी अच्छे लेवल पर आ गए हम हमारे पर बहुत सारा फ अगर लाजेस्ट फॉर एक्सेंज रिजर्व होल्डर से पूरे वर्ल्ड के ठीक है तो टाइम चेंज इस ठीक है तो यह आप देख सकते हों 1990 से 1991 में हमारे पास 100 मिलियन डॉलर हुए और 17 18 में हमारे पास 30 मिलियन डॉलर तक फॉर तो इंडिया काफी सारी चीजों को आजकल एक्सपोर्ट करता है फार्मासिटिकल शो आईटी सॉफ्टवेयर हो एंजेनेरिंग गुड्स टेक्स्टाइल कंट्रोल और हमारे ऐसा यह है कि हां एकोनोमी में जो इंफ्लेशन है वह बहुत ज्यादा नहीं बढ़िया प्राइस राइस है बट इस अंडर कंट्रोल डन अब देखते हैं यह तो सारा एप्रीशन था गई इस ठीक है इस यहां तक जितना आपने अब देखते हैं इस रिफॉर्म की क्रिटिक्स जिनको यह रिफॉर्म में ऐसा लगा कि नहीं इनमें कुछ कमियां भी थी कमियां इस रिफॉर्म की कहां पर थी गाइस कि जीडीपी तो ग्रो हुआ बट ना ही हमारी कंट्री में जादा इंप्लॉयमेंट बड़ी एग्रिकल् तो यही बात बताइएगी है तो इन सब को हम इतना एक बन बाइव और चर्टी करेंगे पहले देखते हैं इंप्लॉयमेंट तो तो जो रिफॉर्म्स आए उससे हमें इतना बेनेफिट नहीं मिला हमें इतना अच्छा ग्रोट रेट नहीं मिला क्रिटिक्स का बहुत ज्यादा डिक्रीज हो गया था एंड इस वजह से क्या हुआ हमारे आप इतना अच्छा साउंड बेस जो है वह डेवलप अब नहीं हो पाया साथी के साथ में जैसे ही यह फोर्टिलाइजर इंडिस्ट्रो जो सब्सिडी मिल रही थी सॉरी ज तो उससे क्या हुआ फर्टिलाइजर सब्सिडी जब मिलनी बंद होती है तो उसको सबसे ज्यादा एफेक्ट होता है स्मॉल फार्मर को क्योंकि तुम्हें उससे और आप सोचो फिर फार्मर्स को कितना ज्यादा प्रॉब्लम हुई होगी एक तो ऑलरेडी हमारे अग्रिकल्चर में इतना प्रॉफिट नहीं था साथ में कंपटेशन भी छेलना पड़ रहा था ठीक है अब अगर हम बात करें जाए एक और प्रॉब्लम थी जिसकी वजह से उन एग्रीकल्चर फूड करेंड को ज्यादा प्रोड्यूज करना शुरू कर दिया जिसमें जो है जो कैसे पॉटिंग हो गया जूट हो गया और आप मान लोग टी हो गई कॉफी हो गई और भी बहुत सारी कैस्ट रॉप्स होती है तो मेजर फोकस ना फार्मर्स का कैस्ट क्रॉप पर हो गया और उससे क्या हुआ जो एसेंशल फूट ग्रेंस है उनकी जो है वह इतना ज्यादा नहीं है हम नहीं हुए ऐसा नहीं इंडस्ट्रीज ने गरो करा बट ऐसा बहुत तेज गरो नहीं करा जितना करना चाहिए था उसका सबसे बड़ा रीजन क्या था गाइस यह तो जो हमारी कंट्री में क्या हुआ इन्वेस्टमेंट इतनी अच्छी थी नहीं इंडस्ट्रिवल सेक्टर में जादा इ अगर आप मार्केट में देखो तो ज्यादा तर फॉरेंड ब्रेंड्स के टीवी बिकते हैं ठीक है कोई इंडियन ब्रेंड तो होगा वह टीवी ले लो फ्रीज ले लो या फिर आप कोई स्मार्टफोन देख लो इन सब की वजह से हमारे मैनिफेक्चर डोमेस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर टेक्नोलॉजी उसमें इतना ग्रोथ तो हुआ नहीं फिर ऊपर से इतना ज्यादा कंपटीशन जहिलना पड़ा इंपोर्टेड प्रोडक्ट से तो इस वजह से हमारा ग्रोथ रेट हुआ बट स्लो रेट पर हमारा ग्रोथ व ठीक है तो चीपर इन्होंने हमारे आप तो तारीफ के रेट गिरवा दी है ठीक है कि आप अपनी पॉट पर तारीफ लगा वह कुछ डेवलॉप कंट्री फिर आपको पता कितना अच्छा है हमारे टेक्स्टाइल इंडॉस्ट्री काफी ज्यादा फ्लॉरेशिंग है तो अगर हम चाहें तो अपना अगर यूएसे की मार्केट में टेक्स्टाइल इंडॉस्ट्री के जो मार्केट में अगर जाकर गुड़स को बेचेंगे तो यूएसे है नॉट रिमूव देर को कोटा डिस्ट्रिक्शन ऑन इंपोर्ट ऑफ एक्सटाइल्स फ्रॉम इंडिया एंड चाइनल कराते हैं बट कोटा सेट कर रखे हैं तो यही चीज है कि डेवल आप चीज करती थी कि हमारी मार्केट को तो एक्सेस कर रही थी हमें इतना एक्सेस नहीं दे रही हैं इतने से तक्करीबन हम इतना मांट इतना मांट जो है उसको प्राइवेटाइज कर देंगे ठीक है प्रॉब्लम यह आई कि हमारी यह डिस इनवेस्ट होकर सारी की सारी यह पब्लिक सक्टर अंडर टिकिंग्स तो उससे जो पैसा जेनरेट हो रहा था क्रिटिक्स का यह कहना है इस पैसे को राधर देन कि भाईया इंफ्रास्ट्रक्चर बिल करें अपनी कंट्री का पब्लिक असेट्स बनाए उससे तो सोचो public sector undertaking, बड़ी से बड़ी industry हमने आदी बेची क्यों, उसकी ownership को share क्यों करा था कि उससे जो हमारे पर पैसा आएगा उसको हम किसी और useful purpose में लगाए ना, उसकी जगह हम उसे अपने expenditure पर use कर रहे थे, rather than using it in the social infrastructure, तो इसलिए हमारा industrial sector में slow growth rate रहा, done अगर हम बात करें फिस्कल पॉलिसी के रिफॉर्म का तो हमने टैक्स रेट डिक्रीज करें थे अब यहां बताया गया टैक्स रेट डिक्रीज करना हमने क्यों करा था जिससे इंकम ज़्यादा जेनरेट हो टैक्सेस से और टैक्स इवेजन नहीं हो बट उसका भी इतना ए� कम कर दिया था एक साइज जूटी वह सब कम कर दी थी तो उससे भी हमें नुकसान ही हो रहा था क्योंकि अब बहुत आसानी से इंपोर्टेड प्रोडक्ट इंडिया मार्केट में आ रहा था और वहां से भी हम डिवेन्यू जेनरेट नहीं कर पा रही थी तो यह तो क और हमारे चैप्टर के आ जाते हैं, हम conclusion पे, अब हमारा भाईया पूरा चैप्टर जो है, वो complete हो गया है, done, तो let's conclude this chapter, तो तुम्हें क्या लगता है, economic reforms का हमें फाइदा मिला या नहीं मिला, ठीक है, तो कुछ लोग सोचेंगे मिला, कुछ लोग सोचेंगे नहीं मिला, तो अगर हम conclude करके कहें, तो कुछ positive outcomes थे और कुछ negative outcomes थे, अगर हम global level पे बात करें, तो critics भी हैं, globalization के, globalization मतलब उसमें privatization, liberalization भी आप मान लो, क्योंकि उसी के बाद globalization possible हो पाता है, तो कुछ critics हैं और कुछ support मे नहीं है ग्लोबलाइजेशन की वह बढ़िया है ग्लोबलाइजेशन अगर आप ग्लोबलाइज करते हैं अपने इकार्मी को तो आप अलग-अलग पार्केट को एक्सेस कर सकते हैं अच्छी टेक्नोलॉजी को एक्सेस कर सकते हो आप जो है और कंपटेशन क्रिएट कर सकते कि उनका यह कहना है कि भाई यह ग्लोबलाइजेशन एक तरीके की टेक्निक है यानि कि एक तरीके का पैत्रा है जो डेवलप्ट कंट्रीज अब जो है अपनाती है क्यों जिससे कि वह हमारे या कि डेवलपिंग कंट्रीज की मार्केट को एक्सेस कर पाए कि भाई अ� लगे बट यह ग्लोबलाइजेशन को लगाकर यह क्या करती है यह जो डेवलपिंग कंट्रीज है जहां पर इतनी इतनी पॉपुलेशन होती है ज्यादातर वहां जाकर अपने प्रोडक्ट को बेच पाती है आसानी से ग्लोबलाइजेशन यह उन आफ कंट्रीज का इनका एक टेक्निक है और ग्लोबलाइजेशन होने से क्रिटिक्स का यह कहना है जो कंट्री जो अमीरी गरीबी का फर्क जो है वह इंक्रीज हो जाता है ऐसा उन लोगों का कहना है जो क्रिटिसाइज करते हैं इन पॉलिसीज को है अब बात करते हैं गाइस हम इंडियन कॉंटेक्स की तो यह तो ग्लोबल कॉंटेक्स की बात हुई अगर हम इंडियन कॉंटेक्स की बात करें तो हमारे भी बहुत सारे क्रिटिसिजम है इस ग्लोबलाइजेशन को लेकर ऐसा कहा जाता है कि जो क्रिटिस यह कहते हैं क्रिटिक्स कहते हैं कि जो इकानोमिक रिफॉर्म हमें अपनाने पड़े इंडिया में त��� बुरा इफेक्ट पड़ा हमारे आज इनिक्वालिटी थी ना आप सिंपल मालों अमेरी गरीबी का फर्क वह और ज्यादा डीप हो गया क्योंकि जैसे ही हमने यह सब पॉलिसी रॉड ऑप करी तो गवर्नमेंट सेक्टर का रोल और ज्यादा जो है टिप्रीज होता भाई यह जो ग्लोबलाइजेशन है इसने हां इंक्रीज करा है आपको लाइवलीहूड इंकम कंजम्शन यह सब इंक्रीज करा किसका बट एक मिनिमम परसेंटेड जो है हमारे आए इंकम होल्डर्स उन्हीं का करा है बाकि सबको इक्वली फायदा जो आपके साथ फाउंडेशन सुधियां को अनिमिक इस एग्रीकॉल्चर और इंडस्ट्रीज वहां इतना ग्रोथ नहीं हुआ लोग रोट था सर्विस सेक्टर ही सबसे ज्यादा यह तो यहीं भी गिवन है कि सर्विस सेक्टर जैसे टेली क्यों निकेशन इंफॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी एंटरटेइनमेंट सर्विस रियल इन में ग्रो हुआ बट जो वाइटल सेक्टर्स होते हैं कि अकाउनमी के जैसे एग्रीकॉल्चर इंडस्ट्री और जो बहुत सारे लोगों को लाइवलीहुड प्रोवाइड करते हैं एग्रीकॉल्चर में कितने वॉल्ड है कितने लोग इंडस्ट्री में वॉल्ड है वहां तो हमें इतनी तरक्की नहीं दिखी सबसे ज्यादा सर्वे सेक्टर में दिखिए बिकॉस आप इस ग्लोबलाइजेशन और यहां हमारा चैप्टर हो जाता है इन सुनाव इट इज अप टो यू कि आप गिवन है आप जाकर सभी चैप्टर्स पढ़ सकते हो कोई क्वेरी से तो पूछ सकते हो हर एक चैप्टर के आपको शॉट नोट से यह फॉर यह रिविजियन या डिटेल नोट भी चाहिए तो वह आप मेरी इंस्टाग्राम आईडी से एक्सेस कर सकते हैं और सब्सक्राइब इंपोर्टेंट नोट इंपोर्टेंट क्वेश्चन इकनॉमिक्स के अलावा हिस्ट्री पॉलिटिकल जो बिट्टी पर तो इंसाइग्राम यूज देज नो नीट वरी अगर आप इस चैप्टर का भी पेट कॉमेंट चेक करोगे तो शॉट टोट्स मैंने यहीं अपलोड कर दिया फिर डोंट यूज विकेंट रिवाइज फॉर मेरों ली और यूज करते हो जाकर चेक कर लेना तो मैं आपके वापस नेक्स्ट वीडियो में तेल दें बाबा ठीक है अगर आपको इंग्लिश भी पढ़नी है ज