प्राबेबिलिटी और सांख्यिकी का परिचय

Sep 20, 2024

प्राबेबिलिटी और सांख्यिकी 2.0

परिचय

  • प्रस्तुतकर्ता: डॉ. गजिन्द प्रोहीत
  • विषय: प्राबेबिलिटी और सांख्यिकी के आधारभूत सिद्धांत
  • प्रारंभिक चर्चाएँ: PMF, CGF, MGFA आदि

पाठ्यक्रम की रूपरेखा

  • प्राबेबिलिटी की मूल बातें

महत्वपूर्ण अवधारणाएँ

  1. संयोगात्मक प्रयोग (Random Experiment)

    • प्राबेबिलिटी में "रैंडम" शब्द महत्वपूर्ण है।
    • उदाहरण: परीक्षा में अज्ञात पेपर, लॉटरी प्रणाली।
  2. सैंपल स्पेस (Sample Space)

    • सभी संभावित परिणामों का समूह।
    • उदाहरण: सिक्के का उछाल - हेड या टेल।
  3. इवेंट (Event)

    • विशिष्ट घटनाओं का समूह।
    • सरल इवेंट और यौगिक इवेंट।
  4. संपूर्ण और पारस्परिक रूप से विशिष्ट इवेंट (Exhaustive and Mutually Exclusive Events)

    • जब सभी संभावित परिणाम एकीकृत होते हैं।
    • उदाहरण: एक से बीस तक के टिकट।
  5. संभावना निकालने के तरीके

    • जोड़ना, गुणा करना, और शर्तीय प्राबेबिलिटी।

प्राबेबिलिटी के नियम

  • संयोग: यदि एक सिक्का दो बार उछाला जाए, तो संभावनाएँ:

    • हेड, हेड; हेड, टेल; टेल, हेड; टेल, टेल।
  • संभावना का निर्धारण: उदाहरण द्वारा समझाया गया।

कार्ड और डाइस का प्रयोग

  • 52 कार्डों में विभाजन: काले और लाल कार्ड।
  • डाइस के परिणामों का विश्लेषण:
    • संभावित परिणामों की गणना।
    • दो डाइस के साथ संयोग की संभावना।

निष्कर्ष

  • प्राबेबिलिटी एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो अनेक क्षेत्रों में उपयोगी है।
  • असेंबली में कई विकल्पों के साथ व्यवहार किया गया।
  • आगे के अध्यायों में और गहराई में प्रवेश किया जाएगा।