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एयर अध्याय की महत्वपूर्ण जानकारी

हेलो एवरीबॉडी दिस इज दिगरा सिंह राजपूत वेलकम टू मैग्नेट ब्रेंस इस वीडियो लेक्चर से एक नया चैप्टर स्टार्ट करने वाले हैं क्लास सेवंथ जियोग्राफी का चैप्टर चैप्टर है एयर ए आई आर एयर ऑल इंडिया रैंक ठीक है आप लोगों के ऑल इंडिया रैंक आएगी जब आप एग्जाम्स दोगे फिर याद आएगा मुझे कि हां यह मेरे स्टूडेंट्स थे काफी अच्छा लगेगा अब देखिए एयर चैप्टर जो है तो यह एयर चैप्टर किस बारे में है मैं आपको थोड़ा सा एक पीछे फ्लैशबैक देता हूं हमने चैप्टर स्टार्ट किया क्लास सेव में पहला चैप्टर तो जिसमें हमने देखा कि तीन स्फीयर होते हैं कौन-कौन से लिथोस्फीयर एटमॉस्फेयर और हाइड्रोस्फीयर तीनों मिलके फिर जहां पे जो कह सकते हैं एक लाइफ फॉर्म पॉसिबल होता वो एक एनवायरमेंट बनाते जिसे हम बायोस्फीयर कहते हैं वो सारा पढ़ा हमने ठीक है तो अब हमने लिथोस्फीयर में क्या-क्या देखा चैप्टर टू जो पढ़ा था इनसाइड आवर अर्थ तो उसमें हमने अर्थ का इंटीरियर समझा लिथोस्फीयर का पार्ट पढ़ा फिर चेंजिंग अर्थ देखा आर चेंजिंग अर्थ तो उसमें हमने कुछ एंडोजेनिक एगोनिक फोर्सेस ये सारी चीजें समझी वो भी लिथोस्फीयर से जुड़ी हुई हुई थी अब लिथोस्फीयर वाला पार्ट हमने पढ़ लिया ठीक अब लिथोस्फीयर के बाद में अगर दूसरे स्फीयर में जाते हैं तो वो है एटमॉस्फेयर और एटमॉस्फेयर वाला जो चैप्टर है पूरा वो चैप्टर एयर नाम से यहां पे क्या कर दिया गया है स्पेसिफाई कर दिया गया है ठीक है अी एटमॉस्फेयर वाला चैप्टर क्या है एयर क्या है एटमॉस्फेयर एज अ स्फीयर क्या है उसे अब हम कॉम्प्रिंट वली पढ़ेंगे ठीक है तो एटमॉस्फियर वाली सारी चीजों को हम इस चैप्टर में पढ़ने वाले हैं आई होप आपको आईडिया लग गया कि हम पढ़ने क्या वाले हैं और क्यों पढ़ने वाले हैं ठीक है एक थीम बनी हुई है ना जैसे क्लास सिक्स्थ की हिस्ट्री जो आप पढ़ के आए तो वो एंसटिटाइट [प्रशंसा] करता है ठीक है आ जाइए आगे तो अर्थ और ब्लैंकेट ऑफ एयर जो है वो एटमॉस्फेयर बनाता है ये मैंने कोडिंग कर दिया अब इसे मैं डिकोड करके समझाता हूं आपको देखो क्या होता है कि एक एग्जांपल मैं आपको देता हूं एग्जांपल बाद में दूंगा पहले समझ लो चलो ठीक है देखो क्या होता है अर्थ जो है तो अर्थ के आजूबाजू जो है चारों तरफ क्या है लेयर ऑफ एटमॉस्फेयर है ठीक है ये जो ब्लू डॉटेड लाइन आपको दिख रही है जो फोटो इमेज के अंदर है ठीक है तो ये जो लेयर्स बनी हुई है ये लेयर क्या है यह ब्लैंकेट ऑफ एयर है अलग-अलग हाइट पे एयर ने पूरी तरह से कवर करके रखा है किसको एयर ने पूरी तरह से कवर करके रखा है अर्थ को अब ये कवर करके रखने का फायदा क्या है नुकसान क्या है वो मैं समझाता हूं देखो ठीक है ये जो कवर है समझ गए आप जैसे ये अर्थ है तो अर्थ के चारों तरफ क्या है एयर एयर का एक पूरा ब्लंकेट बना हुआ है ठीक है उसे हम क्या कहते हैं उसे हम एटमॉस्फेयर कहते हैं और इस एटमॉस्फेयर के फायदे नुकसान समझो जरा क्या है इट इज यूजफुल फॉर द सर्वाइवल ऑफ ह्यूमन बीइंग्स अब आप बोलोगे ये तो समझ आता था कि ऑक्सीजन इंटेक करते थे ठीक है अर्थ कब से इंटेक करने लगा अर्थ पे जो लोग रह रहे हैं तो उनके लिए तो इंपॉर्टेंट है ही ठीक है लेकिन ये अर्थ के भी सस्टेन से के लिए जरूरी है और साथ ही साथ इट इज यूज़फुल फॉर द सर्वाइवल ऑफ ह्यूमन बीइंग्स क्योंकि इसी एटमॉस्फेयर के अंदर जो लाइफ सपोर्टिंग गैसेस होती है तो वो सारी लाइफ सपोर्टिंग गैसेस यहीं मिलेगी आपको क्या होता है इट प्रोटेक्ट्स अस फ्रॉम द हार्मफुल इफेक्ट ऑफ दी सनस रेज ठीक है अ क्या होता है कि आपने ये पढ़ा होगा सुना होगा छोटी क्लासेस में भी और यूजुअली स्कूल में हम बात करते रहते हैं क्या कि सन की जो डायरेक्ट रेज है वो क्या होती है बहुत खतरनाक बहुत गर्म होती है और बीच में ये जो लेयर ऑफ एटमॉस्फेयर है उसमें कहीं एक ओजोन लेयर आती है पढ़ेंगे इस चैप्टर में हम तो वो ओजोन लेयर क्या करती है डायरेक्ट ट्रेस से हमें बचाती है इस कारण से हम क्या है बचे हुए हैं तो एटमॉस्फेयर के हमने दो एडवांटेजेस देखे कि ह्यूमन बीइंग्स ह्यूमन बीइंग्स के सर्वाइवल के लिए बहुत इंपॉर्टेंट हो गया एटमॉस्फेयर और दूसरा क्या है कि जो डायरेक्ट रेज आ रही है सन की वो हमारे ऊपर सीधे ना आ जाए ठीक है गर्मियों में आप सीधे बाहर निकलते हो एकदम से ठीक है अगर कमरे में बैठे हो आप अंधेरा करके सीधे बाहर निकलोगे तो दो मिनट के लिए आपको ऐसा लगेगा कि आप रितिक कोई मिल गया कि रितिक रोशन हो जाओगे कि मां मुझे सब दिख रहा है ठीक है वाली सिचुएशन होती है आपकी तो क्या होता है कि वो तो जब है जब ओजोन लेयर प्रोटेक्ट करी तो डायरेक्ट सनरेज अगर आती तो सोचो कैसा होता ठीक है तो उस सेंस में एटमॉस्फियर बहुत इंपॉर्टेंट है अब आगे अगर देखें हम तो विदाउट दिस ब्लैकेट ऑफ प्रोटेक्शन वी वुड बी बेक्ड अलाइव बाय द हीट ऑफ सन ड्यूरिंग डे एंड गेट फ्रोजन ड्यूरिंग नाइट यह शब्द यहां पर थोड़ा सा कंफ्यूजन क्रिएट कर देगा देखो मैंने आपको बताया कि अर्थ के ऊपर एक ब्लैंकेट बना हुआ है पूरा ठीक है एयर का एयर पार्सल का तो वो क्या है वो एटमॉस्फेयर कहलाता है एटमॉस्फेयर ह्यूमन सर्वाइवल के लिए बहुत ज्यादा जरूरी है ऑक्सीजन लेते हैं ठीक है दूसरी चीज क्या है डायरेक्ट इफेक्ट ऑफ सनरेज से हमें बचाता है तो यहां तक भी समझ आ गया आपको तो विदाउट दिस ब्लैंकेट ऑफ प्रोटेक्शन वी वुड बी बेक्ड अलाइव बाय द हीट ऑफ द सन ड्यूरिंग डे यहां तक समझ आ गया आपको मुझे पता है देखो डे तक समझ में आ गया कि हां अगर ये ब्लैंकेट नहीं होता तो क्या होता कि ओजोन लेयर नहीं होती सीधी सनरेज आती तो हम क्या हो जाते हैं एकदम कह सकते हैं कि बेक्ड सिक जाते एकदम धूप में ठीक है बढ़िया जैसे ईंट का जो भट्टा होता है ना ब्रिक क्लीन जो होती है तो वहां पर क्या होता है वहां प लो जैसे मिट्टी मिट्टी से बनती है ईट और उस मिट्टी को धूप क्या कहते हैं आग के अंदर बहुत पकाया जाता है तो वैसे आप भी पक जाते मैं भी पक जाता ओबवियस है ठीक है अगर एटमॉस्फेयर नहीं होता ओजोन लेयर नहीं होती तो अब आगे जो लिखा है गेट फ्रोजन ड्यूरिंग नाइट यह नहीं हजम कर पाए आप कि हम रात में जम जाते और दिन में क्या हो जा मतलब दिन में पूरी तरह से भुज जाते ठीक है बेक्ड और रात में क्या हो जाते हैं बर्फ की तरह जम जाते हैं फ्रोज हो जाते हैं अब आप बोलोगे रात में क्यों फ्रोज हो जाते हैं ठीक है आज भी तो हम है आज क्यों नहीं फ्रोज हो रहे रात में तो देखो मैं समझाता हूं आपको अब जो एग्जांपल हम छोड़ के आए थे वो लेते हैं दो मिनट के लिए एक एग्जांपल जैसे बताता हूं ठीक है दो एग्जाम मतलब दो चीजों के साथ में रिलेट करना रात में अगर आप सो रहे हैं ठीक आप सो सो रहे हैं आप ब्लैंकेट डाल लेते हो ऊपर से ब ब्लैंकेट डालने के बाद में क्या होता है कि आप अंदर ही अंदर एक तरह से आपकी जो बॉडी जो हीट रेडिएट कर रही तो गर्मी लगने लगती है आपको अगर आप अपना चेहरा ढक के पूरी तरह से सोए हुए हो तो ठीक है तो वो क्या बताता है कि जो आपकी बॉडी से हीट निकल रही है उस हीट को उस ब्लैंकेट ने रोक के रखा है ठीक है तो अब क्या होता है कि ये सन है मान लो सन से जो हीट आएगी तो वो हीट अर्थ पे तो आ गई है आ गई अर्थ पे अब अर्थ पे अगर ब्लैंकेट ना होता एटमॉस्फेयर नहीं होता तो वो हीट क्या होती है वापस निकल जाती है अब सो बकेट नहीं ड़ तो आपको गर्मी नहीं लगेगी आया ना समझ में तो वो क्या होती हीट वापस निकल जाती अगर एटमॉस्फेयर नहीं होता तो लेकिन अब एटमॉस्फेयर तो ब्लैकेट की तरह काम करने वाला है तो क्या होगा जैसे यह सन है खुले में समझते य ठीक है सन है अब सन और यह अर्थ है ठीक है और यह क्या है यह एटमॉस्फियर है पूरा तो क्योंकि दिन जब है ठीक है मॉर्निंग टाइम में तो क्या रहेगा मान लो इधर से रेस जा रही मनिंग टाम में तो सनरेज आ रही तो हम वी वुड बी बेक डलाई अगर एटमॉस्फेयर नहीं होता तो बेक हो गए फिर अर्थ तो घूम जाएगा वैसा ठीक है अर्थ घूम गया तो अर्थ घूमता रहता है तो अर्थ के रोटेशन के कारण क्या हो जाएगा कि आप अब पीछे की तरफ चले गए इस तरफ सन इस तरफ है तो सन रेज यहां तक जा रही थी इधर क्या है सनरेज नहीं जा रही इस पार्ट पे इस पार्ट पे अभी नाइट रहेगी अब क्योंकि एटमॉस्फेयर अगर नहीं होता उस कंडीशन की बात बता रहा हूं एटमॉस्फेयर नहीं होता तो क्या होता है कि अब सनरेज नहीं मिल रही है सनरेज नहीं मिल रही इसका मतलब क्या होता है कि अब बहुत तेज ठंड होती है यहां पे ठीक है कोल्ड होता क्योंकि सनरेज तो यहां तक है तो अब आप बोलोगे एटमॉस्फेयर ने वहां पे एटमॉस्फेयर ने ऐसा क्या कर दिया कि ठंडा नहीं हुआ ठीक है एटमॉस्फियर ने ऐसा क्या कर दिया कि ठंडा नहीं हुआ ठीक है आप जो बोल रहे हैं कि फ्रोज हो जाते है अगर एटमॉस्फियर नहीं होता तो अब एटमॉस्फियर कैसे गर्मी को बनाए रख पा रहा है क्योंकि सूरज की किरणें तो अभी भी नहीं जा रही है ठीक है तो अब कारण समझो इसके पीछे कारण क्या है कि ये जो एटमॉस्फेयर है ठीक है तो ये एटमॉस्फेयर ब्लैंकेट है ब्लैंकेट वाले एग्जांपल पे फिर आ जाओ तो जब आप सोए हो ठीक है ढक के एक तरह से पूरा अपने आप को ओढ के जब सोए हो आप तो वो हीट क्या हो रही है ब्लैंकेट रोक रहा है ना तो दिन में जो हीट आई थी ठीक है तो रात में वो हीट क्या हो जाती है क्योंकि एक ब्लैंकेट का काम कर रहा है एटमॉस्फेयर तो उस हीट को वो बाहर नहीं जाने दिया रोक लिया उस ब्लैंकेट में तो जब रात होगी तो रात में सनरेज तो नहीं होगी लेकिन सनरेज जो दिन में आई थी उसे स्टोर करके रखा गया है तो वो क्या करेगी टेंपरेचर को एकदम फ्रोजन वाली स्थिति पे जाने नहीं देगा आ गया समझ में टेंपरेचर रुखा रहेगा आपके लिए ठीक है टेंपरेचर आपके लिए मॉडरेट रहेगा आया समझ में तो उस सेंस में कहा गया विदाउट द ब्लैंकेट ऑफ प्रोटेक्शन व्हिच इज एटमॉस्फेयर वी वुड बी बेक्ड अलाइव बाय द हीट ऑफ सन ड्यूरिंग डे एंड गेट फ्रोजन ड्यूरिंग नाइट बट होप फुली क्या है हमारे पास एटमॉस्फियर है हमारा अर्थ का ब्लैंकेट है तो जो क्या करता है कि दिन में जो रेज आती है तो अल्ट्रावायलेट रेज को रोक लेता है ओजोन लेयर और जो जरूरी अ मतलब जो जितनी सनरेज चाहिए रहेगी रात में टेंपरेचर को मॉडरेट करने के लिए तो एटमॉस्फेयर उतनी अ सनरेज को क्या करके रखेगा स्टोर करके रखेगा स्टोर करके रखा है और वही सनरेस्ट कब काम आएगी रात में काम आएगी ताकि टेंपरेचर मॉडरेट रहे एकदम फ्रोजन ना हो जाए आया समझ में ठीक है जैसे एक एग्जांपल आप ये भी देखते होंगे ना अ सन का एटमॉस्फेयर जो है तो व सॉरी अर्थ का जो एटमॉस्फेयर है वो कुछ कार की तरह होता है कार की तरह कैसे होता है मैं समझाता हूं कार के अंदर क्या हो रहा है कि सन आप बैठे हो पूरे सारे ग्लासेस वगैरह लगा के पूरा ऊपर तक पैक करके अब सनरेज जब आएगी तो दिन में सनरेज आ रही है ठीक है सनरेज आ रही है तो अंदर सनरेज आ गई है सनरेज अंदर आ गई लेकिन वो सनरेज बाहर नहीं जाती है क्यों क्योंकि जो ग्लास है तो वो अंदर स्टोर कर लेता है वापस सनरेज जो हीट आई है तो उस हीट को अंदर ही अंदर स्टोर करता रहता है तो आप देखोगे कि अगर आपकी कार बाहर पार्किंग में खड़ी है ठीक है बहुत तेज धूप है तो आपकी ग्लासेस के कारण धूप तो अंदर आ गई लेकिन वो बाहर नहीं जा रही आपको अंदर गर्मी लगने लगती है फिर आपको एसी चालू करना पड़ेगा ठीक है तो वही काम रहता है पूरा एटमॉस्फेयर का तो एटमॉस्फेयर और कार बिल्कुल एकदम सटीक एग्जांपल बताया मैंने आपको आया मजा ठीक है देखो क्या है तो एटमॉस्फेयर मेक्स दी अर्थ लिवेबल ना समझ में इसमें कोई डाउट तो नहीं है कि एटमॉस्फियर है तो ही हम है एटमॉस्फियर नहीं होता तो हम क्या होते हैं कि बढ़िया दिन में एकदम जल जाते हैं रात में एकदम जम जाते हैं दिन में जल जाते रात में जम जाते यही चलता रहता ठीक है तो ये चीज थी अब आगे देखो क्या है हां तो ये तो मैंने आपको एक बेसिक आईडिया दे दिया एयर चैप्टर के बारे में एटमॉस्फियर के बारे में मैंने आपको इंट्रोडक्शन दे दिया फाइन अब सवाल ये आता है कि हम इस चैप्टर में पढ़ने क्या-क्या वाले हैं तो देखिए व्हाट वी आर गोइंग टू स्टडी इन दिस चैप्टर कंपोजीशन ऑफ एटमॉस्फियर पढ़ेंगे हम कि जो एटमॉस्फेयर है तो तो वो अ किन-किन चीजों से मिलके बना है ये कंपोजिशन ऑफ एटमॉस्फियर एक इंपॉर्टेंट टॉपिक हो जाएगा फिर हम पढ़ेंगे स्ट्रक्चर ऑफ द एटमॉस्फियर तो एटमॉस्फियर का स्ट्रक्चर कौन-कौन सी लेयर्स हैं वो सारी लेयर्स एक साथ क्या काम रहता है लेयर्स का वो फिर वेदर एंड क्लाइमेट ये दो अलग चीज है एटमॉस्फियर में दोनों चीजें हो रही है वेदर भी बनता है क्लाइमेट भी इसके बीच में क्या डिफरेंस है कैसे होता है इंटरेस्टिंग चीजें पढ़ने वाले इस टॉपिक में ये पढ़ेंगे अब ये वेदर और क्लाइमेट के अंदर जो फैक्टर्स है जो इन्फ्लुएंस करते हैं तो टेंपरेचर एयर प्रेशर विंड मॉइश्चर इन सारी चीजों को इन सारे टॉपिक्स को कि कैसे वेदर और क्लाइमेट को इन्फ्लुएंस करते हैं एक-एक करके कंप्रिहेंसिवली पढ़ने वाले हैं फिर क्या है साइक्लोन ठीक है साइक्लोन एक केस स्टडी पढ़ेंगे नेचर्स फरी ठीक है तो साइक्लोन के बारे में कैसे बनते हैं क्या ये सारी चीजें मैं आपको बताने वाला हूं फिर क्या है डू यू नो वाले जो बॉक्सेस हैं इस चैप्टर के उन्हें और एनसीआरटी सॉल्यूशंस को तो जिस तरह से हमने अभी तक सारे चैप्टर्स पढ़े उसी तरह से ये चैप्टर भी पढ़ेंगे चिंता की कोई बात नहीं है आ गया समझ में आई होप यहां तक चीजें क्लियर हुई है आपको एक चैप्टर का बेसिक इंट्रोडक्शन समझ में आ गया है कुछ एक्स्ट्रा डिटेल्स जो मैंने बताई थी वह समझ में आ गई है अब नेक्स्ट वीडियो लेक्चर से हम नेक्स्ट टॉपिक को लेंगे वो है कंपोजिशन ऑफ दी एटमॉस्फियर किसी प्रकार का डाउट है तो फील फ्री टू आस्क इन कमेंट सेक्शन टिल देन स्टे कनेक्टेड कीप लर्निंग थैंक यू थैंक यू वेरी मच हेलो एवरीबॉडी दिस इज दिगरा सिंह राजपूत वेलकम टू मैग्नेट ब्रेंस इस वीडियो में हम क्या पढ़ने वाले हैं इस वीडियो में हम पढ़ेंगे कंपोजीशन ऑफ दी एटमॉस्फियर पिछला टॉपिक क्या था तो पिछले टॉपिक में मैंने आपको चैप्टर का एक बेसिक इंट्रोडक्शन दिया था बताया था इस चैप्टर में हम क्या-क्या पढ़ने वाले हैं ठीक है अब आपकी बुक में जो पहला टॉपिक है कंपोजीशन ऑफ दी एटमॉस्फियर मैंने आपको बताया था एटमॉस्फेयर क्या है तो इट इज लाइक अ ब्लैंकेट ओवर दी अर्थ ब्लैंकेट ऑफ एयर ठीक है एयर है हवा है पूरी और एटमॉस्फेयर बनाती है अब आप हवा को हवा सुनते से ही आपको क्या लगता है कि हां जो हम इन्हेल करते हैं वो हवा ठीक है तो व्हाट डू वी टेक इन हम ऑक्सीजन लेते हैं लेकिन एटमॉस्फेयर में सिर्फ ऑक्सीजन ही नहीं है पता है एटमॉस्फेयर में और भी दूसरी तरह-तरह की गैसेस होती होती है क्लियर तो अब जो एटमॉस्फेयर में दूसरी तरह-तरह की गैसेस होती हैं वह कौन-कौन सी है उनका क्या काम होता है यह सारी चीजें समझेंगे तो उससे हमें क्या समझ में आएगा कंपोजीशन ऑफ एटमॉस्फेयर मतलब एटमॉस्फेयर किन-किन चीजों से मिलके बना है कौन-कौन सी गैसेस हैं वहां पे और उससे जुड़ी हुई कुछ बातें जो आपकी बुक में लिखी है उन्हें कॉम्प्रिंट वली डिस्कस करने वाले हैं फाइन देखो द एयर वी टेक इन वाइल ब्रीथिंग इज एक्चुअली अ मिक्सचर ऑफ मेनी गैसेस ठीक है तो जो हम ऑक्सीजन इंटेक करते हैं तो ऑक्सीजन के साथ में दूसरी गैसेस भी जाती है अपनी बॉडी में ठीक है क्यों क्योंकि एटमॉस्फेयर में बहुत सारी तरह-तरह की अलग-अलग गैसेस हैं क्लियर तो देखो नाइट्रोजन एंड ऑक्सीजन आर टू गैसेस व्हिच मेक अप दी बल्क ऑफ दी एटमॉस्फेयर आपकी बुक में भी डायग्राम दिया है देखो ये एटमॉस्फेयर है पूरा ठीक है ये पूरा एटमॉस्फेयर है तो इस पूरे एटमॉस्फेयर में सबसे ज्यादा कौन सी गैस है तो आप अगर ऑक्सीजन सोच रहे थे अभी तक तो वो गलत है ठीक है ऑक्सीजन और नाइट्रोजन ये दो गैसेस अ ऐसी गैसेस है व्हिच मेक्स द बल्क ऑफ दी एटमॉस्फियर पूरा एटमॉस्फियर इनसे ही कवर्ड है जैसे 78 पर नाइट्रोजन है 78 पर नाइट्रोजन है और ऑक्सीजन है 21 पर ठीक है तो एक बड़ा कंपोजीशन जो है वो किससे बनता है ऑक्सीजन और नाइट्रोजन से बनता है अब देखो आप बोलोगे नाइट्रोजन का हम हमें क्या यूज़ हम तो ऑक्सीजन लेते हैं फिर ये सारी सारी बातें तो अभी क्लियर करते हैं और आगे क्या लिखा है कार्बन डाइऑक्साइड हीलियम ओजोन आर्गन ठीक है हाइड्रोजन आर फाउंड इन लेसर क्वांटिटीज तो जैसे मैंने कहा कि देर मल्टीपल गैसेस तो उन मल्टीपल गैसेस में ऑक्सीजन और नाइट्रोजन तो बड़ा एक चंक बनाती है उसके अलावा भी दूसरी बहुत सारी गैसेस हैं तो वो दूसरी गैसेस ये सारी हो गई कार्बन डाइऑक्साइड हो गई हीलियम हो गई ओजोन आर्गन ठीक है हाइड्रोजन ये सारी गैसेस फिर उसके बाद में क्या है टाइनी डस्ट पार्टिकल्स आर आल्सो प्रेजेंट इन दी एयर अब क्या होता है कि ये तो आपने गैसेस देख ली गैसेस के अलावा एयर में क्या अभी भी यहां पे बहुत सारे डस्ट पार्टिकल्स होंगे मैंने इन्हेल भी कर लिए आप भी इन्हेल करते हो ठीक है तो ये डस्ट पार्टिकल्स इतने बारीक होते हैं इतने छोटे होते हैं कि दिखते भी नहीं है आपने ऑब्जर्व किया होगा कभी रूम में सनलाइट आ रही है कहीं विंडो से तो उस सनलाइट की एक रे में आपको थोड़े छोटे-छोटे से पार्टिकल्स उड़ते हुए दिखेंगे ना तो वो क्या होता है और उससे भी छोटे-छोटे पार्टिकल्स होते हैं वो तो फिर भी हम देख पा रहे हैं तो ये सब एटमॉस्फेयर का पार्ट बन जाते हैं क्लियर है तो ये कंपोजीशन एक बेसिक कंपोजीशन जो हम समझे कि हां क क्या-क्या है एटमॉस्फेयर में तो ये सारी गैसेस होती है एटमॉस्फेयर में देखो तो आर्गन होती है कार्बन डाइऑक्साइड होती है दूसरी जो ओजोन मैंने बताया था आपको कि जो हमें अल्ट्रावायलेट रेज जो आती है सन से उनसे प्रोटेक्ट करती है ये सारी गैसेस पाई जाती है एटमॉस्फेयर में आगे देखिए क्या है आगे ये तो प्लांट्स आल्सो नीड नाइट्रोजन फॉर देयर सर्वाइवल अब क्या होता है प्लांट्स आपने फोटोसिंथेसिस तो छोटी क्लासेस में भी पढ़ी है फोटोसिंथेसिस में हमने क्या देखा कि फोटोसिंथेसिस में क्या होता है प्लांट्स हमें ऑक्सीजन देते हैं और हम उन्हें क्या देते हैं कार्बन डाइऑक्साइड देते हैं लेकिन सिर्फ इतना सा ही साइकिल नहीं है ठीक है साइकिल में और भी चीजें हैं प्लांट्स को नाइट्रोजन भी चाहिए रहती है प्लांट्स नी प्लांट्स आल्सो नीड नाइट्रोजन फॉर देयर सर्वाइवल ठीक है अब आप ये सोच रहे होंगे दे टेक co2 वो तो कार्बन डाइऑक्साइड लेते हैं फिर उन्हें नाइट्रोजन की क्यों जरूरत पड़ जाती है तो कार्बन डाइऑक्साइड एक मेन कंपोनेंट हो गया लेकिन उसके अलावा भी क्या होता है नाइट्रोजन गैस जो होता है तो अ जो क्लोरोफिल वगैरह बनाने की प्रोसेस होती है तो उस प्रोसेस में नाइट्रोजन एक बहुत इंपॉर्टेंट रोल प्ले करती है ठीक है प्लांट्स जब अपना खाना बनाते हैं ना तो आप जब खाना बनाएंगे तो सिर्फ खाना थोड़ी ना आपको उसके साथ में नमक भी लगेगा उसके साथ में तेल भी लगेगा सारी चीजें लगती है तो प्लांट्स को कार्बन डाइऑक्साइड तो एक मेन कंपोनेंट हो गया वो उनके सर्वाइवल के लिए हो गया लेकिन उसके साथ-साथ में नाइट्रोजन भी चाहिए रहता है अब देखो हम में और आप में य प्लांट्स में ये फर्क हो जाता है कि हम तो अपने खाने के लिए नमक दुकान से जाके खुद ले आएंगे लेकिन प्लांट्स जो हैं तो प्लांट्स नाइट्रोजन डायरेक्टली नहीं ले पाते हैं ठीक है दे कैन नॉट टेक नाइट्रोजन डायरेक्टली फ्रॉम दी एयर तो जो एयर देख रहे हैं कि कितना बड़ा कं कंपोजीशन है पूरा एटमॉस्फियर में 78 पर कांस्टीट्यूएंट नाइट्रो ट्रोजन है ठीक है लेकिन प्लांट्स मजबूर है क्यों क्योंकि वो नाइट्रोजन डायरेक्टली नहीं ले पाते हैं डायरेक्टली क्यों नहीं ले पाते हैं तो देखो नाइट्रोजन एक कह सकते हैं अनरिएक्टिव नोबल गैस है और उसके बाद में क्या है कि प्लांट्स के जो प्लांट्स का जो स्ट्रक्चर है तो वो उस हिसाब से नहीं है कि वो जो नाइट्रोजन गैस है उसकी तीन बॉन्ड्स जो होती है उन्हें तोड़ ले ये सब केमिस्ट्री का पार्ट है आप बड़ी क्लासेस में पढ़ोगे बाकी अभी इतना समझ लो आप कि नाइट्रोजन गैस जो होती है वो प्लांट्स के द्वारा डायरेक्टली नहीं ली जाती है ठीक है मतलब प्लांट्स उ डायरेक्टली इंटेक नहीं कर पाते हैं अब डायरेक्टली इंटेक नहीं कर पाते लेकिन जरूरत तो है आप दुकान तक जाके नमक नहीं ला सकते हो लेकिन आपको जरूरत तो है तो आप फिर नमक कहां से आएगा तो आप क्या करते हो किसी और को पहुंचा देते हो पहुंचाते हो तो वही चीज यहां पे प्लांट्स भी करते हैं देयर फोर बैक्टीरिया दैट लिव इन दी सोइल ठीक है एंड रूट्स ऑफ सम प्लांट्स टेक नाइट्रोजन फ्रॉम दी एयर एंड चेंज इट इट्स फॉर्म सो दैट प्लांट्स कैन यूज इट देखो क्या होता है तो यहां पे उनकी मदद कौन करता है प्लांट्स की बैक्टीरिया जो कहां होते हैं जो सॉइल में होते हैं ठीक है तो वो बैक्टीरिया क्या करते हैं सोइल के अंदर देखो सॉइल ऐसा नहीं है कि एकदम पूरा एयर टाइट होती है सोइल के अंदर नीचे एयर पेनिट्रेट कर सकती है तो वो बैक्टीरिया सोइल के अंदर ही क्या करते हैं एयर से नाइट्रोजन लेते हैं ठीक है तो राइजोम राइसो राइसो सोम एक बैक्टीरिया होता है ठीक है तो वो क्या करता है वो एयर में जो नाइट्रोजन है उसे इन्हेल करता है उसे इन्हेल करने के बाद में रूट्स के रास्ते क्या करता है नाइट्रोजन को प्लांट तक पहुंचाता है ऊपर बॉडी में पहुंचाता है ठीक है तो नाइट्रोजन फिक्सेशन बोलते हैं इस प्रोसेस को ये आपने पढ़ के आए हो साइंस वगैरह में क्लियर है तो देयर फोर बैक्टीरिया दैट लिव इन दी सोइल एंड रूट्स ऑफ सम प्लांट्स टेक नाइट्रोजन फ्रॉम दी एयर एंड चेंज इट्स फॉर्म सो दैट प्लांट्स कैन यूज इट तो ये प्लांट्स की मदद कर देते हैं इस तरह से बैक्टीरिया और प्लांट्स को अल्टीमेटली नाइट्रोजन मिल जाती है ये तो प्लांट्स की बात हो गई ह्यूमन बी ह्यूमन बीइंग्स को भी कुछ नाइट्रोजन की रिक्वायरमेंट रहती है लेकिन ह्यूमन बीइंग्स का सिस्टम इतना मजबूत है कि हम डायरेक्टली इंटेक कर लेते हैं कहां से हम डायरेक्टली इंटेक कर लेते हैं जित मतलब कम क्वांटिटी में हमें रिक्वायर्ड रहती है तो एटमॉस्फियर से ही ऑक्सीजन के साथ चले जाती है हमारे अंदर ठीक है अब देखो कंपोजीशन ऑफ एटमॉस्फेयर में और दूसरी गैसेस कौन-कौन सी है तो और दूसरी गैसेस जो हम इंपॉर्टेंट देखें एक नाइट्रोजन की मैंने कहानी बता दी दूसरी जैसे ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड ठीक है तो ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड को समझते हैं उसके पहले ये साइकल देखो साइकल समझो क्या होता है कि प्लांट्स जो है तो फोटोसिंथेसिस प्रोसेस के थ्रू क्या करते हैं एटमॉस्फेयर में ऑक्सीजन को छोड़ देते हैं अभी ऑक्सीजन क्या होती है तो ये ऑक्सीजन किसके द्वारा इंटेक की जाती है ह्यूमन बीइंग्स एनिमल्स हम सारे लोग क्या करते हैं ऑक्सीजन ले लेते हैं इंटेक कर लेते हैं फिर हम ऑक्सीजन लेने के बाद में हम क्या छोड़ते हैं कार्बन डाइऑक्साइड तो वही कार्बन डाइऑक्साइड फोटोसिंथेसिस प्रोसेस में कौन इंटेक कर लेते हैं प्लांट्स तो ऐसा साइकल चलता रहता है मतलब जितनी हमें रिक्वायरमेंट है उतनी प्लांट्स को भी रिक्वायरमेंट है तोय बैलेंस इक्वल रहना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं है अभी समझाते हैं क्यों देखो तो यहां पर देखो ऑक्सीजन क्या है ऑक्सीजन सेकंड मोस्ट प्लेंटीफुल सेकंड मोस्ट प्लेंटीफुल गैस ऑन दी अर्थ ठीक है गैस ऑन दी एयर क्या लिखते हैं ठीक है तो गैस ऑन दी अर्थ ये हो गया अब सवाल ये आता है कि कहां से आती है कहां को जाती है कौन ऑक्सीजन तो ऑक्सीजन मैंने आपको भी बताया सिंपल सी चीज कि फोटोसिंथेसिस प्रोसेस में प्लांट्स के द्वारा एक बाय प्रोडक्ट के रूप में हमें दी जाती है और हम क्या करते हैं हम उसे इन्हेल करते हैं हमारे सर्वाइवल के लिए बहुत ज्यादा जरूरी है ठीक है और फिर हम इन्हेल करने के बाद कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ देते हैं तो ह्यूमंस एंड एनिमल्स टेक ऑक्सीजन फ्रॉम दी एयर एज दे ब्रीद सांस ली ऑक्सीजन गई ठीक है एंड ग्रीन प्लांट्स प्रोड्यूस ऑक्सीजन ड्यूरिंग फोटोसिंथेसिस और ग्रीन प्लांट्स हमें देते हैं तो ये तो कहानी हो गई कहां से ऑक्सीजन आती है कहां जाती है पता था आपको अब इस बीच में क्या है देखो तो इस बीच में हमारे को ये समझना चाहिए क्या कि ट्रीज कितने इंपॉर्टेंट है ठीक है ट्रीज नहीं होंगे तो कितनी प्रॉब्लम क्रिएट हो सकती है क्योंकि और कहीं से तो ऑक्सीजन ला नहीं सकते हो आप ठीक है कहीं दूसरे प्लेनेट पे जाके ऑक्सीजन मिलेगी नहीं पहली बात तो फिर लाओगे खोज के तो वो एक बड़ा इशू हो जाएगा तो यहां पे हमें सिंपल सी एक चीज क्या करना है पेड़ लगाना है अगर पेड़ नहीं होंगे तो क्या होगा ये बैलेंस डिस्टर्ब हो जाएगा ऑक्सीजन की कमी होगी अगर तो अगर मान लीजिए ऑक्सीजन की कमी हो जाती है तो क्या होगा फिर तो फिर बहुत सारी हेल्थ रिलेटेड प्रॉब्लम्स ये सारी चीजें होने वाली है और उसके बाद में दूसरी गैसेस बढ़ेगी ना ह्यूमन बीइंग्स तो बढ़ रहे हैं तो कार्बन डाइऑक्साइड का जो रिलीज होगा वो बढ़ जाएगा उससे प्रॉब्लम क्रिएट होना तय है तो ये यहां पे बताया गया कि ट्रीज कितने इंपॉर्टेंट है इस सेंस में हमें क्या करना चाहिए जो पेड़ काटे जा रहे हैं उन्हें रोकना होगा और नए पेड़ बहुत सारे क्या क्या करना होगा लगाना होगा सभी लोग अपने-अपने बर्थडे पे एक पेड़ जरूर लगाया करो इतनी बात मान लो मेरी बस ठीक है ये हो गया उसके बाद में क्या है कंपोजीशन ऑफ द एटमॉस्फियर में हमने एक गैस देखी ऑक्सीजन एक नाइट्रोजन अब अगली गैस देखते हैं हम कार्बन डाइऑक्साइड ठीक है तो कार्बन डाइऑक्साइड में क्या है अनदर इंपोर्टेंट गैस क्यों क्योंकि प्लांट्स के लिए वो रिक्वायरमेंट है और प्लांट्स ही हमें ऑक्सीजन देंगे तो एक दूसरी इंपॉर्टेंट गैस हो गई बहुत ठीक है आ गया समझ में क्यों इंपॉर्टेंट गैस है फिर देखो क्या है ग्रीन प्लांट्स यूज कार्बन डाइऑक्साइड टू मेक देयर फूड एंड रिलीज ऑक्सीजन कार्बन ऑक्साइड नहीं होगी तो प्लांट्स के घर में चूल्हा नहीं जलेगा ठीक है वो अपना खाना नहीं बना पाएंगे वो अपना खाना बनाएंगे तभी वो हरे भरे रहेंगे फ्रूट्स लगेंगे तब हमें भी तभी खाना मिलेगा तो इस सेंस में क्या है कार्बन डाइऑक्साइड भी उतनी ही इंपॉर्टेंट है जितनी ऑक्सीजन है ऐसा मत सोचना कि हम तो हमारे किसी काम के नहीं हम तो छोड़ देते हैं बाहर कार्बन डाइऑक्साइड तो ऐसा नहीं होता है कार्बन डाइऑक्साइड जो है तो कार्बन डाइऑक्साइड उतनी ही इंपॉर्टेंट है जितनी ऑक्सीजन है क्यों क्योंकि एक साइकल जो चल रहा है तो साइकिल में अगर आप एक साइ एक साइड का पेडल हटा दोगे तो क्या साइकिल चल पाएगी सही तो ये ऑक्सीजन और अ मतलब वो एक सिर्फ कह सकते हैं इमेजिनेशन है मेरी पेडल वेडल प मत जाओ अभी तो ऑक्सीजन और क्या कहते हैं कार्बन डाइऑक्साइड दोनों क्या करती है मिलके चलती है तो दोनों का होना बहुत ज्यादा जरूरी है अब देखो क्या है द अमाउंट ऑफ कार्बन डाइऑक्साइड रिलीज्ड बाय ह्यूमंस और एनिमल्स सीम्स टू बी इक्वल टू दी अमाउंट यूज्ड बाय दी प्लांट्स व्हिच मेक्स अ परफेक्ट बैलेंस एक परफेक्ट बैलेंस बना हुआ है नेचर में क्या कि हम जितनी ऑक्सीजन इंटेक करेंगे उतनी कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ेंगे और एटमॉस्फेयर में बैलेंस बना रहेगा क्योंकि कार्बन डाइऑक्साइड कहां से आ रही है ह्यूमन बीइंग्स ही छोड़ रहे हैं ना तो ह्यूमन बीइंग्स जितनी छोड़ेंगे कार्बन डाइऑक्साइड उतनी हम ऑक्सीजन इंटेक करेंगे और बैलेंस बना रहेगा लेकिन ऐसा नहीं है ठीक है जो अभी मैंने थोड़ी देर पहले भी बताया था ऐसा क्यों नहीं है ये समझाता हूं मैं आपको देखो क्या होता है कि बहुत सारी अ इंडस्ट्रीज या फिर कह सकते हैं अ जब पेड़ काटते चले जा रहे हो तो ऑक्सीजन तो कम हो ही रही है और जब आप इंडस्ट्रीज लगा रहे हो तो ये कार्बन डाइऑक्साइड का जो एमिशन है वो बढ़ता चले जा रहा है ठीक है जब हम क्या कर रहे हैं फॉसिल फ्यूज को जला रहे हैं ठीक है फॉसिल फ्यूल्स जब जला रहे हो आप पेट्रोल वगैरह तो उसमें से एमिशन निकल रहा है कार्बन डाइऑक्साइड का तो अब क्या हो रहा है बैलेंस बिगड़ रहा है ठीक है हम जितनी ऑक्सीजन इंटेक कर रहे हैं उससे ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ रहे हैं क्योंकि ह्यूमन बी ह्यूमन बीइंग्स तो छोड़ ही रहे हैं कार्बन डाइऑक्साइड उसी के साथ-साथ में उनके द्वारा लगाई गई इंडस्ट्रीज जो फॉसिल फ्यूल जला रहे हैं वो ये सारी चीजें कार्बन डाइऑक्साइड का लेवल बढ़ा दे रही है एटमॉस्फेयर में और इससे प्रॉब्लम क्या है इससे प्रॉब्लम ये है कि कार्बन डाइऑक्साइड क्या कर देती है जो अर्थ का टेंपरेचर है उस टेंपरेचर को बढ़ा देती है और अर्थ का टेंपरेचर बढ़ता है तो बहुत सारी प्रॉब्लम होती है और ये एक बहुत सेंसिटिव इशू है सेंसिटिव इशू होने के साथ-साथ में अपार्ट फ्रॉम द टॉपिक जो हम टॉपिक बाय टॉपिक पढ़ते चल रहे हैं चीजें उसके अलावा एक पूरा का पूरा अपने आप में टॉपिक है तो इसे हम नेक्स्ट वीडियो लेक्चर में पूरी तरह से कवर करने वाले हैं कि जो कार्बन डाइऑक्साइड बढ़ रही है ठीक है उसके इंपैक्ट क्या हो सकते हैं जो आपकी बुक में बॉक्स में दिया हुआ है क्लियर है तो यहां तक आई होप आपको चीजें समझ में आई है किसी प्रकार के डाउट है तो फील फ्री टू आस्क इन कमेंट सेक्शन टिल देन स्टे कनेक्टेड कीप लर्निंग थैंक यू थैंक यू वेरी मच हेलो एवरीबॉडी दिस इज राज सिंह राजपूत वेलकम टू मैग्नेट ब्रेंस इस वीडियो में हम क्या पढ़ने वाले हैं इस वीडियो में हम पढ़ेंगे इंक्रीजिंग कार्बन डाइऑक्साइड एंड इट्स इंपैक्ट कार्बन डाइऑक्साइड बड़ी ठीक है बड़ी अब उसके नेगेटिव इंपैक्ट क्या हो सकते हैं इस चीज को भी समझेंगे हम ठीक है पिछले वीडियो में मैंने आपको क्या बताया था पिछले वीडियो में मैंने आपके साथ में डिस्कस किया था कि व्हाट इज द कंपोजिशन ऑफ एटमॉस्फेयर देयर आर मल्टीपल गैसेस हमने उस चीज को देखा और फिर एक चीज यह भी बताई थी कि क्या होना चाहिए जितनी ऑक्सीजन हम इंटेक कर रहे हो नी कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ रहे हैं तो बैलेंस होना चाहिए कार्बन डाइऑक्साइड और ऑक्सीजन के बीच में लेकिन ऐसा होता नहीं है इट इज नॉट द रियलिटी रियलिटी क्या है कि हम जितनी कार्बन डाइऑक्साइड सॉरी जितनी ऑक्सीजन इंटेक कर रहे हैं उससे ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ रहे हैं कैसे तो हमने जो इंटेक करी है ऑक्सीजन उसके अगेंस्ट में कार्बन डाइऑक्साइड रिलीज करी साथ ही साथ हमारी जो इंडस्ट्रीज है जो कार में से फ्यूम्स निकल रहे हैं जो फॉसिल फ्यूल्स जला रहे हो आप वो सारी चीजें क्या कर रही है कार्बन डाइऑक्साइड का लेवल बढ़ा दे रही है ठीक एटमॉस्फियर में कार्बन डाइऑक्साइड का लेवल बढ़ रहा है अब कार्बन डाइऑक्साइड का लेवल बढ़ गया तो उसके नेगेटिव इंपैक्ट्स हैं तो हम वही पढ़ेंगे कि इंक्रीजिंग कार्बन डाइऑक्साइड एंड इट्स इंपैक्ट तो इट्स इंपैक्ट में नेगेटिव इंपैक्ट लगा लो ठीक है अब आप बोलोगे जब कार्बन डाइऑक्साइड के नेगेटिव इंपैक्ट हो सकते हैं तो चाहिए ही क्यों ठीक है पूरी कार्बन डाइऑक्साइड को पहुंचा दो मार्स पे ठीक है ऐसा बोल सकते हो आप लेकिन ऐसा नहीं है कार्बन डाइऑक्साइड की जरूरत भी है हमें तो व्हाई डू वी रिक्वायर कार्बन डाइऑक्साइड कार्बन डाइऑक्साइड की जरूरत क्या है हमें वो समझाता हूं मैं आपको देखो तो इट क्रिएट्स ग्रीन हाउस इफेक्ट ये क्या चीज है इस चीज को बहुत आसानी से समझो इंट्रोड इंट्रोडक्शन वाला जो वीडियो लेक्चर हमने डिस्कस किया था उसमें मैंने आपको वैसे बताया भी था कि अगर मान लीजिए एटमॉस्फेयर नहीं होता तो क्या होता कि ड्यूरिंग द डे टाइम वी वुड बी बेक्ड अलाइव ठीक है जल जाते दिन में हम और रात में क्या हो जाते हैं फ्रीज हो जाते बर्फ की तरह जम जाते क्यों क्योंकि सनलाइट जो आती तो दिन में जला देती है रात में सनलाइट जब नहीं रहती तो ठंड के कारण हम फ्रीज हो जाते यह होता कब जब एटमॉस्फियर नहीं होता बट लकिली वी आर हैविंग अ एटमॉस्फियर जिसे हम पूरी तरह से डिस्ट्रॉय करने में लगे हुए हैं ठीक है डिस्ट्रॉय करके ही मानेंगे तो अब देखो होता क्या है कि वो जो अ एटमॉस्फेयर है या फिर हम जो पढ़ रहे हैं व्हाई डू वी रिक्वायर कार्बन डाइऑक्साइड इन आवर एटमॉस्फियर तो उसकी मैं फंक्शनिंग आपको समझाता हूं इस जीआईएफ के थ्रू एकदम बेहतर तरह से क्लियर हो जाएगी वो ठीक है देखो क्या होता है सनलाइट आती है अर्थ पे कुछ तो रेडिएट हो जाती है वापस रिफ्लेक्ट हो जाती है ठीक है अब क्या होता है कुछ जो थी तो वो एब्जॉर्ब हो जाती है ठीक है एब्जॉर्ब क्यों हो जाती है क्योंकि एटमॉस्फेयर जो है वो एटमॉस्फेयर क्या कर लेता है रोक के रखता है किसको जो बची हुई सनलाइट आई थी और सनलाइट के साथ में जो हीट आई थी वो हीट को एब्जॉर्ब कर लिया एटमॉस्फेयर ने बाहर नहीं जाने दिया देखो अभी रेड कलर होगा ठीक है तो ये रेड कलर जो हुआ ना तो इट इज बीइंग एब्जॉर्ब बाय द एटमॉस्फियर अब जब एटमॉस्फियर एब्जॉर्ब कर लेगा तो वो पूरे अर्थ के ऊपर जो ब्लैंकेट की तरह बना हुआ है तो अंदर क्या करके रखेगा रात के समय में हीट का जो अमाउंट है उसे डिक्रीज नहीं होने देगा क्योंकि रात में सनलाइट तो आ नहीं रही है तो रात में अर्थ के टेंपरेचर को लिवेबल बनाने के लिए कार्बन डाइऑक्साइड एक बहुत इंपॉर्टेंट रोल प्ले करती है आ गया समझ में तो बाय टैपिंग दी हीट रेडिएटिंग फ्रॉम अर्थ ठीक है हीट हीट रेडिएशन फ्रॉम अर्थ ये समझ में आया आपको कि जो हीट रेडिएशन अर्थ से निकल रही है तो उन्हें रोक के रखता है वापस जाने नहीं देता है स्पीस में कौन एटमॉस्फियर और एटमॉस्फियर के अंदर कार्बन डाइऑक्साइड तो जिसके चलते क्या होता है देयर फोर अर्थ एटमॉस्फेयर बिकम लिवेबल एक ऐसा एटमॉस्फियर बन जाता है कि हां भैया आप रह स सकते हो इस तरह के एटमॉस्फेयर के अंदर ठीक है देन व्हाट इज द प्रॉब्लम विद इंक्रीजिंग कार्बन डाइऑक्साइड आप बोलोगे तो कार्बन डाइऑक्साइड तो अच्छी है बदल गया ना दो मिनट में ओपिनियन कि कार्बन डाइऑक्साइड तो अच्छी है फिर हम इसको नेगेटिव क्यों बोल रहे हैं अब समझो जरा आप एक रूम में विंटर्स में हीटर लगा के बैठे हो ठीक है रूम हीटर है तो रूम हीटर जब तक नॉर्मल है जब तक ठीक लग रहा है आपको कि उसने आपके लिए टेंपरेचर लिवेबल बना दिया कार्बन डाइऑक्साइड जब तक लिवेबल बनाएगी तब तक ठीक है लेकिन वो हीटर चलती जा रहा है चलती जा रहा है अब पता लग रहा है कि आप जल रहे हो तो क्या वो हीटर तब काम करेगा नहीं तो कार्बन डाइऑक्साइड एक लेवल तक ठीक है जब तक वो अर्थ के टेंपरेचर को लिवेबल बनाए रख रही है थंडे से लिवेबल पिला रही है लेकिन वो थंडे से एक्सट्रीम गर्म कर देगी अगर तो क्या कार्बन डाइऑक्साइड ठीक रहेगी नहीं रहेगी सिंपल है ना तो देन व्हाट इज द प्रॉब्लम विद इंक्रीजिंग कार्बन डाइऑक्साइड तो समझो व्हेन इट्स लेवल इन दी एटमॉस्फेयर इंक्रीजस ड्यू टू फैक्ट्री स्मोक और कार फ्यूम्स तो हम तो जितनी छोड़ रहे हैं ऑक्सी ऑक्सीजन इंटेक लेने के बाद में जितनी एजिल कर रहे हैं कार्बन डाइऑक्साइड तो वो तो बैलेंस में है लेकिन जो एक्स्ट्रा कार्बन डाइऑक्साइड हम ऐड कर रहे हैं क्यों क्यों फैक्ट्री फैक्ट्री स्मोकस के थ्रू कार फ्यूम्स के थ्रू फॉसिल फ्यूल जला रहे हैं इन सारे कारणों से जब कार्बन डाइऑक्साइड बढ़ेगी तो उसका इंपैक्ट समझो अमाउंट ऑफ हीट रिटेन वुड आल्सो इंक्रीज ये जो हीट रिटेन हो रही है रेड कलर में आपको दिख रही है ये हीट रिटेंशन का अमाउंट भी बढ़ जाएगा तो गर्मी क्या होना है तय बढ़ना है अर्थस टेंपरेचर वुड इंक्रीज ठीक है अर्थ में जो टेंपरेचर है वो बढ़ने लगेगा और उसके चलते क्या होगा ग्लोबल वार्मिंग वाली सिचुएशन आ जाएगी ग्लोबल वार्मिंग वाली सिचुएशन क्या है तो ग्लोबल वार्मिंग ये इस तरह से हो जाएगा क्योंकि अर्थ का टेंपरेचर जो है वो अब क्या होगा बहुत तेजी से बढ़ने लगेगा अर्थ का टेंपरेचर बढ़ेगा तो समझो इस चीज के बहुत सारे नेगेटिव इंपैक्ट है मैं आपको एकएक डायमेंशन दिखाने की कोशिश करता हूं अर्थ का टेंपरेचर जब बढ़ेगा तो खैर वैसे तो हमारे पास टॉपिक में ही है ये ठीक है कि प्रॉब्लम्स ऑफ द ग्लोबल वार्मिंग लेकिन इस चीज को आप समझना थोड़ा सा कि क्या होता है आपने देखा होगा ऑब्जर्व किया होगा अभी आपकी उम्र मान लीजिए जो एथ क्लास में 13 14 साल ठीक है तो आज से 10 साल पहले जब आप छोटे थे तब आपको आपने ऑब्जर्व किया कि नहीं किया पता नहीं तो तब उतना टेंपरेचर नहीं बढ़ता था समर्स में अब आज समर में क्या सिचुएशन हो जाती है आज समर्स में अ टेंपरेचर बहुत हाई चले जाता है ठीक है 50 डिग्री सेल्सियस तक चले जा रहा है इंडिया इंडिया में ये सिचुएशन हो जा रही है ठीक है और ये तय है कि आज से 10 साल बाद ये टेंपरेचर और ऊपर जा सकता है और जब टेंपरेचर इतना तेजी से बढ़ेगा तो उसके बहुत सारे नेगेटिव इंपैक्ट्स है और ये अ राइजिंग इन दी टेंपरेचर ऑफ द ग्लोब इज नोन एज ग्लोबल वार्मिंग ठीक है पूरा जो हमारा अर्थ है अर्थ टेंपरेचर जब क्या होता है साल दर साल रिलेटिवली बढ़ता जा रहा है क्यों क्योंकि कार्बन डाइऑक्साइड और दूसरी ग्रीन हाउसेस ग्रीन हाउस गैसेस जो है ग्रीन हाउस गैसेस मतलब कि कार्बन डाइऑक्साइड के साझ में दूसरी एटमॉस्फेयर में जो गैस है जो हीट हीट को रिटेन करके रखती है वो गैसेस बढ़ेगी तो हीट रिटेंशन भी बढ़ेगा हीट रिटेंशन बढ़ेगा तो अर्थ का टेंपरेचर बढ़ेगा और अर्थ का टेंपरेचर बढ़ा कि हमारे ऊपर बहुत सारी प्रॉब्लम्स आने वाली है ग्लोबल वार्मिंग एक ब्रॉड कैटेगरी हो गई अब देखो ग्लोबल वार्मिंग के से जुड़ी हुई क्या-क्या प्रॉब्लम्स हैं तो मेल्टिंग ऑफ स्नो एंड ग्लेशियर्स क्या होगा कि स्नो और ग्लेशियर एक एक कंट्रोल्ड टेंपरेचर में वो ठीक है है वहां पे स्नो और ग्लेशियर्स लेकिन जब अगर टेंपरेचर बढा ठीक है पूरे अर्थ की हीट रिटेंशन बढ़ी तो वो कहीं ना कहीं जहां-जहां हमारे ग्लेशियर्स है अंटार्कटिका में हिमालयाज पे वो सारे ग्लेशियर्स मेल्ट होने लगेंगे पिघलने लगेंगे क्यों क्योंकि बर्फ दिखती बात है ना धूप को बर्फ अ बर्फ को धूप में रख दोगे आप तो क्या होगा कि बर्फ पिघलने लगेगी वैसे ही अगर टेंपरेचर बढ़ेगा उस ग्लेशियर के ऊपर उस आई शीट्स के ऊपर तो ग्लेशियर्स बढ़ेंगे तो सबसे पहले तो फ्रेश वाटर की कमी आने लगेगी फ्रेश वाटर की कमी आई और दूसरी चीज वो पानी मेल्ट होके कहां जाएगा आपके घरों में नहीं आएगा ठीक है वो पानी मेल्ट होके समुद्र में पहुंच जाएगा अब पानी समुद्र में पहुंचेगा तो उसके नेगेटिव इंपैक्ट समुद्र में जब पानी पहुंचेगा तो देखो मान लो कि समुद्र ये कोस्टल एरिया है ठीक है अब समुद्र में इधर पीछे से पानी बढ़ेगा अगर ठीक है तो ये कोस्टल एरिया के आगे भी बढ़ेगा पानी ठीक है बॉर्डर अपने आगे खिसका दे जाएगा वो तो अब जब कोस्टल एरिया पे पानी बढ़ते जाएगा तो यहां जो लोग रह रहे हैं वो लोग कहां जाएंगे वो लोगों के घरों में पानी घुस जाएगा आएगा आया समझ में वो लोग डूबने लगेंगे और कोस्टल एरिया तो छोड़ो सबसे पहले जो नेगेटिव इंपैक्ट होगा वो किसके ऊपर होगा सबसे पहले जो नेगेटिव इंपैक्ट होगा वो आइलैंड्स के ऊपर होगा अब ये देखो अ मैं आपको दिखाता हूं तो ये आइलैंड जो अक्टूबर 2018 में आइलैंड था ठीक ये आइलैंड था फिर क्या होता है मे 2018 में वो और छोटा हो गया फिर अक्टूबर तो इस तरह से क्या है कि ओवर दी पीरियड ऑफ़ टाइम मे 29 आते-आते पूरी तरह से सबमर्ज हो गया ये जीआईएफ उतना क्लियर नहीं है लेकिन मैं आपको बताना चाह रहा हूं कि ओवर दी पीरियड ऑफ टाइम क्या हुआ कि अ जो आइलैंड ग्रुप्स थे वो क्या होने लगे डूबने लगे क्यों क्योंकि जब टेंपरेचर टेंपरेचर बढ़ेगा तो क्या होगा ग्लेशियर्स मेल्ट होंगे ग्लेशियर्स मेल्ट होंगे तो पानी बह के कहां जाएगा समुद्र में और समुद्र का जब लेवल बढ़ेगा तो ये एक आइलैंड था ठीक है समुद्र में पानी का लेवल बढ़ा तो पूरा आइलैंड डूब जाएगा तो इस तरह से क्या होगा राइजिंग सी लेवल वुड लीड टू फ्लड्स इन कोस्टल एरिया ठीक है दिस वुड लीड टू फ्लड्स इन कोस्टल एरिया बाढ़ आएगी बहुत ज्यादा कोस्टल एरिया में क्योंकि पानी का लेवल बढ़ रहा है फिर सब इमरजेंस ऑफ आइलैंड्स तो आइलैंड जो है वो डूब जाएंगे आया ना समझ में तो कितनी सारी प्रॉब्लम्स जुड़ी हुई है ग्लोबल वार्मिंग के साथ में ठीक है एंड ड्रास्ट्रिंग वुड बी ऑब्जर्व्ड इन दी क्लाइमेट तो ड्रास्ट्रिंग वो समझो क्या होता है मैंने आपको भी बताया जैसे कि टेंपरेचर बढ़ रहा है हर साल गर्मियों में समर्स में हम एक्सट्रीम हीट को ऑब्जर्व कर रहे हैं हम घर के अंदर एसी में बैठ जाते हैं ठीक है तो उतना हमें पता नहीं लग रहा है लेकिन बाहर जब आप चीजों को देखेंगे समझेंगे तो उसका इंपैक्ट क्रॉप क्रॉप्स पे होगा ठीक है बढ़ते टेंपरेचर में क्रॉप्स ग्रो हो पाएगी क्या नहीं क्योंकि क्रॉप्स एक कंट्रोल टेंपरेचर में ही ग्रो कर सकती है क्रॉप्स ग्रो नहीं होगी हमारी फूड सिक्योरिटी पे सवाल आएगा कि जब क्रॉप्स ग्रोनी होगी तो खाओगे क्या ठीक है पत्थ वो नहीं खा सकते तो ये सारी समस्याएं रहने वाली है ठीक है तो आई होप आपको ये टॉपिक समझ में आया इंक्रीजिंग कार्बन डाइऑक्साइड एंड इट्स इंपैक्ट स्पेसिफिकली बुक में नहीं दिया है बॉक्सेस में दिया है लेकिन इसे समझना पढ़ना बहुत जरूरी था हर बच्चे के लिए जो कॉम्पिटेटिव की तैयारी कर रहे हैं जो स्कूल में भी पढ़ रहे हैं तो उनको एक एक आंसर राइटिंग में एक कह सकते हैं अप्रोच समझ में आएगी और यह पढ़ने से ज्यादा जरूरी है कि इसे हम समझे ठीक है और ज्यादा ग्रीन प्लांट्स को प्लांट करें ये सारी चीजें सो दिस वास ऑल अबाउट आई होप यहां तक चीजें समझ में आई किसी प्रकार का डाउट है तो फ फील फ्री टू आस्क इन कमेंट सेक्शन टिल देन स्टे कनेक्टेड कीप लर्निंग थैंक यू थैंक यू वेरी मच हेलो एवरीबॉडी दिस इज दिगरा सिंह राजपूत वेलकम टू मैग्नेट ब्रेंस इस वीडियो में हम क्या पढ़ने वाले हैं इस वीडियो में हम पढ़ेंगे स्ट्रक्चर ऑफ एटमॉस्फेयर के बारे में कि ये जो हमारा एटमॉस्फेयर है का स्ट्रक्चर क्या है क्यों पढ़ेंगे देखो पिछले वीडियो में मैंने आपको क्या बताया पिछले वीडियो में मैंने आपको बताया था कि कंपोजीशन क्या है हमारे एटमॉस्फियर का अलग-अलग गैसेस कौन-कौन सी है क्या काम करती है कार्बन डाइऑक्साइड उसके नेगेटिव इंपैक्ट्स इन सारी चीजों को हमने अभी तक जितना भी पढ़ा है उसमें डिस्कस कर चुके हैं अब क्या होता है वो तो कंपोजीशन है कि क्या-क्या चीजें हैं अब वो कैसे हैं स्ट्रक्चर क्या है उस चीज को पढ़ने वाले हैं ठीक है जैसे मैंने आपको चैप्टर टू चैप्टर थ्री में लिथोस्फीयर के बारे में बताया ठीक है जो लैंड पार्ट था तो हमने उसमें देखा कि लैंड पार्ट का कंपोजीशन क्या तो तरह-तरह की रॉक्स देखी थी फिर हमने स्ट्रक्चर भी तो देखा था स्ट्रक्चर कैसा है लिथोस्फीयर का तो कोर है मेंटल है क्रस्ट है आया समझ में ठीक उसी तरह से अब जो दूसरा स्फीयर है हमारा इंपॉर्टेंट एटमॉस्फेयर जो एयर वाला पार्ट है उस पार्ट का भी क्या है एक स्ट्रक्चर है उसमें भी अलग-अलग क्या है लेवल्स हैं या फिर कह सकते हैं अलग-अलग क्लासिफिकेशन है उस स्ट्रक्चर को इस वीडियो लेक्चर में कंप्रिहेंसिवली पढ़ेंगे बहुत मजेदार है बहुत सारी नई चीजें आपको जानने को मिलेगी तो अवर एटमॉस्फियर इज डिवाइडेड इनटू फाइव लेयर्स पांच लेयर है हमारे एटमॉस्फेयर में स्टार्टिंग स्टार्टिंग फ्रॉम दी अर्थ सरफेस अर्थ का जो सरफेस है ठीक है ये अर्थ का सरफेस ये हो गया इस अर्थ सरफेस से स्टार्ट करोगे ऊपर तक जाओगे ना तो पूरा एटमॉस्फेयर है जो ब्लैंकेट है तो उस ब्लैंकेट के अंदर क्या है पांच लेयर है पांच अलग-अलग स्फीयर में उस ब्लैंकेट को डिवाइड कर दिया है अब वो पांच अलग-अलग स्फीयर कौन-कौन से देखो तो ट्रोपो स्फीयर स्ट्रेटोस्फीयर मिजो स्फीयर थर्मोस्फीयर एजोस्पिरिलम उन्हें इन डेप्थ समझेंगे ठीक है तो ये पांच लेयर है इतना ध्यान रखो ये पांचों लेयर जो है पांचों स्फीयर जो है पांचों स्फीयर मिलके क्या बनाते हैं पांचों लेयर मिलके एटमॉस्फेयर बनाते हैं पांचों स्फेयर मिलके एटमॉस्फेयर बनाते हैं आया समझ में यहां तक ठीक है अब देखो क्या है अब ये जो पांचों स्फीयर है ना तो पांचों स्फीयर में कुछ ना कुछ वेदर रिलेटेड फिनोमिना जुड़े हुए हैं मान लो ये ट्रोपो स्फीयर है तो इसके अंदर कुछ इंटरेस्टिंग बात होगी स्ट्रेटोस्फीयर है तो इसमें कुछ नहीं इंटरेस्टिंग बात होगी मिजो स्फीयर है तो इसमें कुछ इंटरेस्टिंग बात है थर्मोस्फीयर स्फर है तो इसमें कुछ इंटरेस्टिंग पार्ट है तो ये पांचों जो अलग-अलग स्फीयर है पांचों स्फीयर के अलग-अलग फिनोमिना जुड़े हुए हैं उन्हें डिस्कस करेंगे एक चीज और समझ लो 2 मिनट में 2 मिनट से भी कम में आपको एक चीज सिखाता हूं मैं ठीक है अब क्या होता है जैसे ये एजोस्पिरिलम स्फीयर है अब आप क्लासिफाई कैसे करोगे कि ये थर्मोस्फीयर ये एक्सोस्पेस है फिर ये मिजो स्फीयर है और ये थर्मोस्फीयर है तो इनके बीच में डिवीजन कैसे करोगे आया डाउट ठीक है वो डिवीजन भी किया गया है और डिवीजन के बाद में जो बॉर्डर्स होती तो उन बॉर्डर्स को अलग-अलग तरह से नाम दिया गया है ठीक है डिवीजन कैसे किया गया तो कैरेक्टरिस्टिक मतलब इसमें कुछ अलग फिनोमेना देखने को मिलेंगे थर्मोस्फीयर में स्ट्रेटोस्फीयर में अलग फिनोमेना देखने को मिलेंगे मिजो स्फीयर में अलग और एग्जोटिवली होती है कि ट्रोपो स्फेयर से स्ट्रेटोस्फीयर में एंटर करोगे तो बाउंड्री को कैसे नाम दोगे आप उसके पीछे का मतलब क्लासिफिकेशन समझ लो क्या है नीचे वाला जो स्फीयर रहेगा ठीक है नीचे वाले स्फीयर के नाम पे बाउंड्री का नाम रखा जाएगा जैसे ट्रोपो स्फीयर और स्ट्रेटोस्फीयर के बीच में जो बाउंड्री होगी उस बाउंड्री को क्या कहा जाएगा ट्रोपो पॉज पॉज ऐड कर देंगे नीचे वाले स्फीयर का नाम ट्रोपो स्फीयर है तो ट्रोपो स्फीयर का ट्रोपो ले लो ठीक है और पॉज लगा दो ट्रोपोपॉज मतलब ट्रोपो स्फीयर यहां पे रुक गया है आया ना समझ में जो जो स्फीयर जहां खत्म हो रहा है तो उसके ऊपर जो बॉर्डर बनेगी उस बॉर्डर का नाम उसी पे आ जाएगा वो बॉर्डर वहां पे रुक गई है ट्रोपोपॉज आया वर्ड मीनिंग से ही समझ में आ जाना चाहिए तो जैसे स्ट्रेटोस्फीयर और ट्रोपो स्फीयर के बीच में ट्रोपोपॉज स्ट्रेटो स्ट्रेटोस्फीयर और मीजो स्फीयर के बीच में स्ट्रेटो पॉज ठीक है अब वैसे ही क्या होगा मिजो स्फीयर और थर्मोस्फीयर तो नीचे वाला लेयर कौन सा है मिजो स्फीयर है तो मिजो पॉस मिजो स्फीयर रुक गया यहां पे आया ना समझ में इंटरेस्टिंग चीज थी सीख गया दो मिनट में चलो ध्यान रखना है अब टेस्ट तो ले ले आपका अपने मन में आंसर आपको सभी को देना है स्ट्रेटोस्फीयर और मीजो स्फीयर के बीच में जो बाउंड्री रहेगी उसका नाम क्या रहेगा नीचे स्ट्रेटोस्फीयर है तो स्ट्रेटो पॉज हो गया एज सिंपल एज दैट ठीक है चलो अब वन बाय वन हम सारी चीजों को देखते हैं समझते हैं स्ट्रक्चर ऑफ दी एटमॉस्फेयर कैसा है तो ट्रोपोपॉज सबसे पहले पढ़ते हैं ट्रोपोपॉज क्या है ट्रोपोपॉज ये जो अर्थ है तो अर्थ की जो सबसे नियरेस्ट स्फेयर की लेयर है ठीक है जिसमें हम रह रहे हैं वो हो गई है ट्रोपोपॉज अब ट्रोपोपॉज के कुछ कैरेक्टरिस्टिक समझो ये समझना जरूरी है मोस्ट इंपॉर्टेंट लेयर ऑफ द एटमॉस्फेयर ठीक है ये ऐसे ही नहीं लिख दिया बस मन हुआ तो लिख दिया मोस्ट इंपॉर्टेंट मोस्ट इंपॉर्टेंट इसलिए क्योंकि पूरा एटमॉस्फियर है अब पूरा एटमॉस्फियर में ऊपर जाके स्ट्रेटोस्फीयर में तो डांडिया खेलोगे नहीं आप ठीक है आपको रहना जमीन पे ही है और जमीन को पूरी तरह से कवर किस स्फीयर ने किया है ट्रोपो स्फेयर ने करके रखा है ट्रोपो स्फीयर में जितने भी वेदर रिलेटेड क्लाइमेट रिलेटेड फिनोमिना है वो वहां पे हो रहे हैं ठीक है तो इट्स एवरेज हाइट इज 13 किमी अब जैसे अर्थ है तो अर्थ के ऊपर क्या है जो पहली लेयर है एटमॉस्फेयर की वो ट्रोपोपॉज है और उसका एवरेज बता रहा हूं एवरेज क्यों लिखा है यहां पे उसके पीछे कारण समझो क्योंकि पता है ये जो अ ट्रोपो स्फीयर है ना ये ट्रोपो स्फीयर इक्वेटर पे कम है अ सॉरी इक्वेटर पे ज्यादा है पोल्स पे कम है तो इस तरह से इसका डिस्ट्रीब्यूशन जो है वो अनइवन है ठीक है ट्रोपो स्फेयर अर्थ के कुछ पार्ट पे बहुत ऊपर है इक्वेटर वाले और कुछ पार्ट पे नीचे है उसके कारण वगैरह ये सारी चीजें आप बड़ी क्लासेस में अच्छे से पढ़ोगे बाकी अभी इतना समझ लो हिंट दे दिया मैंने आपको तो उस कारण से हम क्या लिख रहे हैं इट्स एवरेज हाइट इज 13 किमी ठीक है चलो बता ही देता हूं मैं आपको थोड़ा सा क्योंकि क्या है कि सोलर रेज इक्वेटर पे ज्यादा रहती है तो वहां से कन्वे शल करंट ज्यादा उठते हैं तो वो ट्रॉप यर की बॉर्डर जो है वो इक्वेटर पर ज्यादा रहती है ठीक है नहीं भी समझ में आया कोई दिक्कत नहीं है अब देखो क्या है क्या है यहां पे तो इट्स एवरेज हाइट इज 13 किमी ठीक है द एयर वी ब्रीद एजिस्ट हियर मैंने बताया कि हमारा जो इंटरेक्शन है वो सबसे ज्यादा किससे होता है ट्रोपो स्फेयर से होता है तो हम जो एयर ब्रीद करते हैं कौन सी ऑक्सीजन ऑक्सीजन यही एजिस्ट करती है अगला क्या है ऑलमोस्ट ऑल द वेदर फिनोमेना लाइक रेनफॉल फॉग एंड हेल स्ट्रम अकर इन दिस लेयर तो जितने भी वेदर रिलेटेड फिनोमिना है बारिश हो रही है तो वो ट्रोपो स्फीयर के अंदर ही सब कुछ खेल हो रहा है वहां पे ठीक है क्लाउड्स वगैरह जो है ट्रोपो स्फीयर के अंदर ही रहते हैं फिर उसके बाद में क्या होता है अगर ओले गिर रहे हैं ओले समझते हो आप क्या है तो वही पानी जो रहता है ना वो पानी जब कंडेंस ज्यादा हो जाता है तो भगवान ऊपर से फिर बर्फ से मारते हैं अपने को ठीक है तो वो भी क्या है हेल स्ट्रोम और उसके बाद में जैसे फॉग वगैरह जो छा जाती है तो सब कुछ ट्रोपो स्फेयर के अंदर होता है आ गया समझ में इस सेंस में से बहुत इंपॉर्टेंट लेयर कहा है लेकिन अब होता क्या है देखो जो डेंस और ये ट्रोपो स्फेयर में बहुत सारी गैसेस रहने का कारण भी है गैस ऐसे जो डेंस हो जाती है तो नीचे बैठने लगती है नीचे कहां बैठेगी तो अर्थ के अंदर गड्ढा खोद के तो जाएगी नहीं तो वो अर्थ के ऊपर ही रहती है 13 किमी के अंदर-अंदर सारी गैसेस रहती है फाइन है अब देखो क्या है जैसे-जैसे आप ऊपर जाओगे ना तो ट्रोपो स्फेयर खत्म होने वाला जब रहेगा तो वहां पे स्टेबिलिटी आने लगती है उस एटमॉस्फेयर के उस पार्ट में क्या होने लगती है स्टेबिलिटी आने लगती है कि हां अब ज्यादा गैसेस नहीं है ज्यादा हवाएं नहीं चल रही है तो एक स्टेबल स्फेयर देखने को मिलता है आपको स्टेबल पार्ट ऑफ अ एटमॉस्फेयर देखने को मिलता है अब देखो क्या उसी कारण से यहां पे एरोप्लेन उड़ेंगे अब तो ये आप देखो ट्रोपो स्फेयर के जस्ट ऊपर क्या होने लगता है अ ट्रोपोपॉज और ट्रोपोपॉज के ऊपर नीचे मतलब थोड़ा-थोड़ा यहां पे आप देखते हैं कि दिस एरिया इज फेवरेबल फॉर फ्लाइंग एरोप्लेंस ठीक है अगला स्फीयर आता है स्ट्रेटोस्फीयर अबाउट दी ट्रोपो स्फीयर लाइज द स्ट्रेटोस्फीयर बताने वाली बात है कोई ठीक है लेकिन अब लिखा है तो पढ़ लेते हैं तो ट्रोपो स्फीयर खत्म होता है उसके बाद में स्ट्रेटोस्फीयर आता है ठीक है इट एक्सटेंड्स अप टू हाइट ऑफ़ 50 किमी तो वो 13 किमी जहां मतलब जहां ट्रोपो स्फेयर खत्म हुआ वहां से 50 किमी तक जहां ट्रोपो स्फेयर खत्म हुआ वहां से 50 किमी तक स्ट्रेटोस्फीयर रहने वाला है ठीक है दिस लेयर इज ऑलमोस्ट फ्री फ्रॉम क्लाउड्स इन एसोसिएटेड वेदर फिनोमिना क्लाउड्स नहीं है ज्यादा इधर-उधर भागा दौड़ी नहीं होगी विंड्स नहीं रहेगी तो बहुत स्टेबल काम जोन है ये ठीक है स्ट्रेटोस्फीयर इज अ स्टेबल जोन तो मेकिंग कंडीशन मोस्ट आइडल फॉर फ फ्लाइंग एरोप्लेन तो अब एरोप्लेन आपको जिधर उड़ा के ले जाना है उधर ले जा सकते हो अगर मान लो बहुत हवाएं होती तो आप एरोप्लेन इधर ले जाते हवा इधर ले जाती आप फिर आते फिर इधर ले जाती तो वो अ ट्रोपो यर में वो दिक्कत हो सकती थी ठीक है तो इसीलिए स्ट्रेटोस्फीयर में क्या है आपने देखा होगा ना कभी-कभी वेदर कंडीशन बिगड़ जाती है तो वो ऊपर ही घुमाया करते हैं एरोप्लेन को नीचे नहीं उतारते हैं क्यों क्योंकि नीचे उतारेंगे तो बीच में उनको रास्ते में कौन मिलेगा ट्रोपो स्फेयर ट्रोपो स्फेयर बड़ी मस्ती करता है ठीक है तो वहां पे क्या है विंड्स वगैरह चलती है लेकिन ये वाला जो स्फीयर है ये बहुत स्टेबल रहता है क्लियर है अब देखो क्या है इट कंटेंस अ लेयर ऑफ ओजोन गैस हां और जो अल्ट्रावायलेट रेज से हमें जो प्रोटेक्ट करता है ना वो कौन है अल्ट्रावायलेट रेज से जो प्रोटेक्ट करने वाला है वो है स्ट्रेटोस्फीयर तो स्ट्रेटोस्फीयर में ही ओजोन लेयर भी एजिस्ट करती है ओजोन ओजोन गेस जो है वो यहां पर रहती है तो उसके चलते क्या होता है उसके चलते डायरेक्ट जो अल्ट्रावायलेट सनरेज आ रही है वो हमारे ऊपर डायरेक्ट नहीं आती है थैंक यू स्ट्रेटोस्फीयर ठीक है थैंक यू बोलना सब स्ट्रेटोस्फीयर को आगे देखते हैं क्या है आगे है मीजो स्फेयर क्लियर है तो अब मुझे आप कमेंट सेक्शन में बताओगे चलो एक होमवर्क दे देता हूं कि स्ट्रेटोस्फीयर और मीजो स्फीयर के बीच की लाइन जो बाउंड्री है उसका नाम कमेंट सेक्शन में लिखोगे अब तक भूल गए होंगे ठीक अब क्या है दिस इज द थर्ड लेयर ऑफ एटमॉस्फेयर दिखती बात है वन टू पढ़ ली तो थर्ड आएगी चलो ठीक है इट लाइज अबोव दी स्ट्रेटोस्फीयर फिर वही बात ठीक है इट एक्सटेंड्स अप टू हाइट ऑफ 80 किमी हां ये नहीं चीज है 50 से 80 तक फिर क्या रहेगा 50 से 80 तक हमारा मिजो स्फीयर रहने वाला है ठीक है अब क्या होता है कि मेट्रॉयड्स बर्न अप इन दिस लेयर ऑन एंटरिंग फ्रॉम द स्पेस हां जी जो ये न्यूज़ चैनल वाले हर महीने एक नया मीटर इड एक नया एस्टेरॉइड लाते हैं ना इंडिया के ऊपर गिराते हैं बोलते हैं कि यार बस तबाही होने वाली है तो वो जो अगर अगर मान लो इंडिया अर्थ के ऊपर एंटर भी करते हैं ठीक है अर्थ में एंटर भी करते हैं तो ये मेट्रॉयड्स क्या करते हैं बर्न अप हो जाते हैं बर्न अप क्यों होते हैं क्योंकि गर्म है ठीक है और ऊपर से क्या आ रही है बहुत तेजी से पत्थर आ रहा है तो वो गर्मी के कारण क्या होता है फ्रिक्शन के कारण वो जल जाते हैं टूटता हुआ तारा जिसे आप कह देते हो ठीक है तो मेट्रो इड्स जो है तो वो यहां पे रहते हैं आ गया समझ में मीटो इड्स जो है यहां पे जलते हैं तो मीटो इड्स बर्न अप इन दिस लेयर ऑन एंटरिंग फ्रॉम द स्पेस ठीक है अब आती है अगली लेयर फोर्थ नंबर की वो है थर्मोस्फीयर इन थर्मोस्फीयर टेंपरेचर राइज वेरी रेपिडली विद इंक्रीजिंग हाइट ये आ गया समझ में तुम्हे मसोस्फीयर अब मसोस्फीयर के बाद में कौन सा स्फीयर चालू होता है थर्मोस्फीयर चालू होता है थर्मोस्फीयर में दिक्कत क्या होती है देखो इसका नाम थर्मो दिया है ठीक है थर्मोस्फीयर का नाम थर्मोस्फीयर देने के पीछे कारण है कारण क्या है क्योंकि यहां पे टेंपरेचर धीरे-धीरे धीरे-धीरे बढ़ने लगता है ठीक है अब थर्मोस्फीयर में क्या होता है टेंपरेचर राइजेज वेरी रेपिडली विद इंक्रीजिंग हाइट ठीक है आइनोस्फीयर इज द पार्ट ऑफ दिस लेयर और देखो आइनोस्फीयर भी इसी लेयर का पार्ट होता है तो ये सब लेयर है इसको समझ लो क्या आइनोस्फीयर क्या है आइनोस्फीयर नाम क्यों दिया गया है वो भी मैं बताता हूं कि सनरेज जब आती है ना तो सनरेज के कारण आइनोस्फीयर में जो पार्टिकल्स हैं वो चार्जड अप हो जाते हैं अब आपने देखा होगा बच्चों को अगर खाना पना खिला दो तो चार्जड अप है तो चार्ज अप बच्चे क्या करेंगे इधर-उधर दौड़ेंगे भागेंगे सारी चीजें करेंगे ठीक है तो वही यहां पे होता है कि आइनोस्फीयर जो है तो आइनोस्फीयर चार्ज अप हो जाते हैं आइनोस्फीयर में मतलब जितने भी आयस हैं ठीक है वो सनलाइट को एब्जॉर्ब करने के बाद में क्या होते है चार्ज अप हो जाते हैं और वो फिर घूमते रहते हैं पूरे बैठते नहीं है सीधे वो घूमते रह रहते हैं तो ये आइनोस्फीयर जो है ना ये रेडियो सिग्नल्स पहुंचाने के लिए बहुत सूटेबल होता है क्यों तो जो हमारे रेडियो बैंड्स वगैरह होते हैं जो फ्रीक्वेंसी पे चलते हैं रेडियोज रेडियो चैनल्स तो वो इस आइनोस्फीयर में ऑपरेट करते हैं आया समझ में जियोग्राफी साइंस सारे सब्जेक्ट को जब जोड़ जोड़ के पढ़ोगे ना इतना मजा आएगा कि आप बोलोगे बस पढ़ता ही रहूं क्लियर है तो ये हो गया इन थर्मोस्फीयर टेंपरेचर राइजेज वेरी रेपिडली विद इंक्रीजिंग हाइट अ आइनोस्फीयर इज़ अ पार्ट ऑफ़ दिस लेयर आई टोल्ड यू व्हाट इज़ आइनोस्फीयर इट एक्सटेंड्स बिटवीन 80 टू 400 किमी बड़ा सा स्फीयर है 80 से 400 किमी तक ये एक्सटेंड करता है दिस लेयर हेल्प्स इन रेडियो ट्रांसमिशन रेडियो ट्रांसमिशन जो है ठीक है जो गाने सुनते हो आप तो वो सारे यहां से पॉसिबल हो पाते हैं क्योंकि वो क्या करते हैं वो मैंने बताया दौड़ता रहता है ना तो वहां पे जो आप सिग्नल डालोगे वो अर्थ के दूसरे पार्ट तक भी जाएगा क्लियर है सेटेलाइट्स वगैरह भी थर्मोस्फीयर में ऊपर की तरफ प्लेस की जाती है अब जो सबसे बाहर वाला एटमॉस्फेयर का पार्ट है जो स्पेस के साथ में दोस्ती करके बैठा है वो है एजोस्पिरिलम ठीक है एग्जॉस्मोसिस फेयर इज नोन एज एजोस्सिम एयर ठीक है ये जो पूरा स्फेयर है ये जो पूरी लेयर है इसमें एयर ज्यादा नहीं होती है फिर ये स्टेबिलिटी आ गई यहां पे ठीक है वेरी थिन एयर लाइट गैसेस लाइक हीलियम एंड हाइड्रोजन फ्लोट इनटू दी स्पेस फ्रॉम हियर ठीक है तो एजोस्सिम और हाइड्रोजन तो ये यहां पर है रहती है और समझो हीलियम और हाइड्रोजन से ही स्टार्स वगैरह सारी चीजें बनती है तो ये स्टार वगैरह यहां पे आपको देखने को मिल सकते हैं क्लियर है तो और ये मतलब स्पेस और एजोस्सिम हुए हैं मिक्स सही है क्लियर है ये था एक्सोस्पेस वास ऑल अबाउट द स्ट्रक्चर ऑफ एटमॉस्फियर पूरा स्ट्रक्चर मैंने आपको बताया आई होप इंटरेस्टिंग चीजें आपको जानने को मिली और टॉपिक समझ में आया है फाइन एंड गुड अगर किसी भी प्रकार का कोई डाउट है तो फील फ्री टू आस्क इन कमेंट सेक्शन टिल देन स्टे कनेक्टेड कीप थैंक यू थैंक यू वेरी मच हेलो एवरीबॉडी दिस इज दिग सिंह राजपूत वेलकम टू मैग्नेट ब्रेंस इस वीडियो में हम क्या पढ़ने वाले हैं इस वीडियो में हम पढ़ेंगे वेदर एंड क्लाइमेट के बारे में जी हां सेम यही टॉपिक आप नाइंथ क्लास में भी पढ़ोगे सेम यही टॉपिक आप 11थ में भी पढ़ोगे तो ध्यान रखो मेरी बात को कि ऐसा पढ़ लो कि जीवन भर याद रह जाए वो ठीक अब सबसे पहले ये दोनों शब्द हम इंटरचेंजेबली यूज जरूर कर लेते हैं कि हां वेदर आज बहुत अच्छा र यार आज का क्लाइमेट बहुत खराब है ऐसा बोल देते हैं हम ठीक है लेकिन इसके बीच में डिफरेंस है अब आपके मन में सवाल आया होगा ठीक है द फर्स्ट क्वेश्चन व्हिच कम्स इन योर माइंड वो क्या है कि व्हाट इज द डिफरेंस डिफरेंस क्या है चलो दोनों में बताओ तो हमें वही समझना है इस वीडियो लेक्चर में हम यही समझेंगे कि वेदर और क्लाइमेट के बीच में क्या डिफरेंस है फिर उसके जो अलग-अलग कंपोनेंट्स हैं ठीक है टेंपरेचर मॉइश्चर ये सारी चीजें जो है तो चैप्टर का आगे वाला पार्ट है उन्हें हम स्पेसिफिक वीडियो लेक्चर में पढ़ते चलेंगे ठीक इस वीडियो लेक्चर में मैं आपको वेदर और क्लाइमेट के बीच का डिफरेंस समझाता हूं ठीक है देखो क्या है तो वेदर जो होता है वेदर क्या होता है वेदर इस आर टू आर डे टू डे कंडीशन ऑफ दी एटमॉस्फेयर मतलब हर घंटे पे जो चीजें बदल रही है ठीक है हर घंटे पे या फिर डे टू डे जैसे हम आज क्या बोलते हैं कि आज आप बाहर निकलो बहुत तेज धूप है तो आप क्या बोलोगे कि यार आज वेदर बहुत क्या बोलते हैं हार्श वेदर है सनलाइट बहुत ज्यादा आ रही है तो आज का वेदर अच्छा नहीं है कल आप बाहर निकलोगे ठीक है तैयार होके बढ़िया चश्मा वशम लगा के और क्या बोलोगे आज का वेदर कितना अच्छा है मतलब बढ़िया बादल से छाए हुए हैं थोड़ा सा ठीक है ठंडी हवाएं चल रही है तो अब आप क्या बोलोगे कि आज का वेदर तो बहुत प्लेजट है आ गया सम में तो जो डे टू डे फिनोमिना होता है ठीक है डे टू डे या आर टू आर सुबह कुछ रहता है शाम में कुछ हो जाता है वेदर तो वो क्या करता है जो बहुत सडन चेंज होता है जो आप डेली जिसमें क्या चेंजेज ऑब्जर्व करते हो वो चीज वेदर कहलाती है तो वेदर इज आर टू आर डे टू डे कंडीशन ऑफ दी एटमॉस्फियर जो आपके एटमॉस्फियर में जो हर घंटे के हर दिन के जो अलग-अलग कंडीशंस रहते हैं एटमॉस्फेरिक कंडीशंस उन्हें वेदर कहेंगे ठीक है वहीं पे अगर आप देखो वहीं पे क्या देखो क्लाइमेट को अगर देखो तो क्लाइमेट अलग चीज हो जाती है क्लाइमेट द एवरेज वेदर कंडीशन ऑफ अ प्लेस फॉर अ लंगर पीरियड ऑफ टाइम रिप्रेजेंट्स दी क्लाइमेट देखो क्या होता है अब जैसे आप मान लो एक डेजर्ट में है तो डेजर्ट में ये आपको तय है कि डेजर्ट में वेदर हमेशा कैसा रहेगा अ क्या कह सकते हैं कि हार्श रहेगा ब्राइट सनशाइन रहेगी आपको गर्मी लगेगी ही लगेगी वहां ऐसा वेदर रहेगा तो अब ये जरूर है कि कभी कम गर्मी रहेगी कभी ज्यादा गर्मी रहेगी लेकिन जो वहां का एवरेज वेदर कंडीशंस है ठीक है जो किसी भी जगह की क्या है एवरेज वेदर वेदर कंडीशंस है वो वेदर कंडीशन उस जगह के क्लाइमेट को बना देती है एग्जांपल देंगे सारी चीजें समझ में आ जाएगी जैसे क्या होता है हॉट और ह्यूमिड वेदर तो किसी दिन हॉट ह्यूमिड हो सकता है किसी दिन प्लेजट ब्रिजी वेदर हवाएं चल रही है सारा तो ये हर दिन बदल सकता है ठीक है ये डिपेंड करता है वेदर के ऊपर लेकिन क्लाइमेट जो है तो जैसे क्लाइमेटिक कंडीशन इन सहारा सहारा डेजर्ट जो मैंने बोला आगे पूरा चैप्टर पढ़ेंगे इस पे लेकिन अभी समझो तो सहारा डेजर्ट जो है तो वहां का क्लाइमेटिक कंडीशन कैसा है कि वहां पे ब्रीज भी चल सकती है और मतलब ब्रीज भी चल सती है हॉट ह्यूमिड बहुत ज्यादा भी हो सकता है बाकी नॉर्मली वहां पे गर्मी ही रहना है तो वो सहारा का क्लाइमेटिक कंडीशन हो गया मतलब जिस तरह का आप कह सकते हो कि पूरा जोन वहां पे आप देखते हो जो नॉर्मल है वहां पे जिस जो उसका कैरेक्टरिस्टिक हो गया वो बन जाती है क्लाइमेटिक कंडीशंस ठीक है अगली चीज क्या है क्लाइमेटिक कंडीशन इ अंटार्कटिका तो अंटार्कटिका की क्लाइमेटिक कंडीशन और सहारा की क्लाइमेटिक कंडीशन में जमीन आसमान का फर्क है यहां हमेशा कोल्ड रहेगा ठीक है सब कुछ फ्रीज रहेगा बर्फ जमी रहेगी और यहां क्या है कि आप जल जाओगे गर्मी रहेगी व सारी दिक्कतें होगी तो क्लाइमेट एक अलग चीज हो गई जो क्या है वेदर कंडीशंस ओवर ए प्रोलों पीरियड ऑफ टाइम एक लंबे समय तक जैसा वेदर वहां रहता है वो उस जगह का क्लाइमेट बनाएगा और यहां यह वेदर जो है तो यह क्या है डेली चेंज होता है घंटे पे चेंज हो जाता है ठीक है ये हो गया अब वही मैंने चीज आपको बताई जैसे हॉट एंड ह्यूमिड वेदर तो ये वेदर का पार्ट हो गया कि किसी दिन गर्मी है किसी दिन ब्रीज चल रही है तो ये प्लेजट उसका हो गया वहीं पे अगर आप क्लाइमेट देखोगे तो सहारा की अ सहारा का नाम सुनते से ही आपको इस तरह का क्लाइमेटिक कंडीशन ध्यान आता है अंटार्कटिक का नाम अंटार्टिका का नाम सुनते से आपको इस तरह का क्लाइमेटिक कंडीशन ध्यान आता है अब ये सब डाइव लगाने के लिए तैयार है देखो उसने देख लिया कि हां भैया मुझे भी कूदना है वो डर गया क्लियर है तो अंटार्टिका का और सरा का ये जो कह सकते हैं कि एक एवरेज वेदर कंडीशन से वो वहां का क्लाइमेट बनाती है तो क्लाइमेट और वेदर समझ में आया दोनों चीजें ठीक है सिंपल सी चीज है कि एक सब पार्ट है और एक उसका पूरा का पूरा क्या है एक बोलते हैं कि ये क्या है ये अगर एक स्टूडेंट है तो ये पूरी की पूरी क्या है क्लास है ठीक है सिंपल आई होप किसी प्रकार का कोई डाउट नहीं है अब आगे हम क्या पढ़ने वाले हैं वो मैं बता देता हूं तो ये वेदर और क्लाइमेट जो है तो ये बहुत सारे फैक्टर से इन्फ्लुएंस होते हैं जैसे टेंपरेचर होता है मॉइश्चर होता है विंड होता है ठीक है तो अब उन हर चीज को हम क्या करने वाले हैं वन बाय वन जैसे आपकी बुक में दिए वैसे पढ़ने वाले हैं क्लियर आई होप यहां तक चीजें क्लियर है किसी प्रकार का कोई डाउट हो तो फील फ्री टू आस्क इन कमेंट सेक्शन टिल देन स्टे कनेक्टेड कीप लर्निंग थैंक यू थैंक यू वेरी मच हेलो एवरीबॉडी दिस इज दिराज सिंह राजपूत वेलकम टू मैग्नेट ब्रेंस इस वीडियो में हम क्या पढ़ने वाले हैं इस वीडियो में हम पढ़ेंगे टेंपरेचर के बारे में टेंपरेचर क्या चीज है क्यों पढ़ने वाले हैं वो सारा सब कुछ समझाऊ मैं आपको उसके पहले थोड़ा सा रिलेट करते हैं पिछले वीडियो में हमने वेदर और क्लाइमेट के बारे में देखा कुछ हमने समझा कि वेदर और क्लाइमेट दोनों अलग-अलग चीजें हैं जिसे हम बहुत आसानी से इंटरचेंजेबली यूज कर रहे हैं वो दोनों शब्द में डिफरेंस होता है वेदर डे टू डे फिनोमिना और ये जो क्लाइमेट है क्लाइमेट एक वेदर का ही कॉमिनेशन सारा वेदर मिला के क्लाइमेट बनता है चलो ठीक है अब देखो क्या है कि कहां कैसा वेदर होगा कहां कैसा क्लाइमेट होगा वो कुछ फैक्टर्स पे डिपेंड करता है उन फैक्टर्स में से एक इंपॉर्टेंट फैक्टर कौन सा हो गया टेंपरेचर ठीक है उन फैक्टर्स में से एक इंपॉर्टेंट फैक्टर हो गया टेंपरेचर तो आइए अब हम टेंपरेचर को समझते हैं कि टेंपरेचर किस तरह से वेदर फिनोमिना को इन्फ्लुएंस करता है क्लाइमेट को इन्फ्लुएंस करता है तो द डिग्री ऑफ हॉटनेस एंड कोल्डनेस इन दी एयर इज नोन एज टेंपरेचर वेरी सिंपल वेरी आपके एटमॉस्फेयर में गर्म है अगर बहुत ज्यादा गर्मी लग रही है आपको तो वो टेंपरेचर क्या होगा ज्यादा होगा अगर मान लो ठंडा है तो टेंपरेचर कम होगा तो द डिग्री ऑफ हॉटनेस एंड कोल्डनेस कि कितना गर्म है कितना ठंडा है एटमॉस्फेयर वो होता है आपका टेंपरेचर जिसे आप मेजर कर लेते हो ठीक है अब आप मुझे इंस्ट्रूमेंट का नाम बताओगे किस इंस्ट्रूमेंट से हम टेंपरेचर को मेजर करते हैं ये आपका हो गया लिया तो वो टेंपरेचर क्या हो जाएगा अ कि आपको पता चल गया उसमें बहुत सारी अलग दूसरी चीजें हैं जो अभी हम पढ़ेंगे तो अ लेट अस ट्राई टू अंडरस्टैंड द नेचर ऑफ टेंपरेचर ठीक है टेंपरेचर इट चेंजेज बिटवीन डे एंड नाइट एंड फ्रॉम सीजन टू सीजन ये इसका नेचर समझना है कि टेंपरेचर हमेशा कहीं भी कभी भी एक जैसा रहेगा ही नहीं ठीक है क्यों नहीं रहेगा एक जैसा क्योंकि टेंपरेचर जो है वो डे और नाइट में भी बदल जाता है रात में आप देखते हो तो ठंड लगने लगती है टेंपरेचर कम हो जाता है दिन में टेंपरेचर ज्यादा रहता है सीजन टू सीजन सन हम देखते हैं समर्स में क्या होता है समर्स में टेंपरेचर बहुत ज्यादा होता है ए कंपेयर्ड टू विंटर्स तो विंटर में हम सोचते हैं काश थोड़ा सा टेंपरेचर बढ़ जाए तो सुकून मिले और समर्स में हम क्या सोचते हैं काश थोड़ा सा टेंपरेचर घट जाए तो सुकून मिले कहीं भी इंसान को क्या है सेटिस्फेक्शन नहीं है ठीक है चलो अपार्ट फ्रॉम इट अगर हम देखें तो ये नेचर हो गया टेंपरेचर कीप्स ऑन फ्लक्ट एटिंग टेंपरेचर कीप्स ऑन चेंजिंग ठीक है अब सवाल सवाल ये आता है क्यों भैया क्यों ठीक है ऐसा क्यों होता रहता है कि दिन में टेंपरेचर ज्यादा रात में कम किसी सीजन में ज्यादा किसी सीजन में कम तो क्या फैक्टर है जो इस चीज को डिसाइड करता है रेगुलेटर कहां है ठीक है कि जो टेंपरेचर बढ़ा रहा घटा रहा है इस टेंपरेचर का बढ़ना और घटने का रेगुलेटर कौन है किसके पास है ठीक है तो रेगुलेटर जो है वो सूरज दादा के पास में है ठीक है तो फैक्टर दैट इन्फ्लुएंस द डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ टेंपरेचर ठीक है द डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ टेंपरेचर इज अ इन आइस इज इंसुलेशन ठीक है तो जो सनरेज आ रही है इंसुलेशन क्या होता है तो सनरेज रिसीवड बाय अर्थ थ्रू द सन ठीक है तो जो सन रेज आ रही है सन के द्वारा ठीक है और जो अर्थ रिसीव करता है वो इंसुलेशन होती है ठीक और वो इंसुलेशन ही क्या है इंसुलेशन ही सूरज के पास में एक रिमोट है एक रेगुलेटर है जो टेंपरेचर कंट्रोल करता है मान लीजिए टेंपरेचर इंसुलेशन ज्यादा आएगी तो टेंपरेचर ज्यादा होगा इंसुलेशन नहीं आ पाई सोलर रेज नहीं आ पाई डायरेक्ट तो वहां पे टेंपरेचर क्या होगा कम होगा आया ना समझ में तो इंसुलेशन सारी चीजों को क्या करती है कंट्रोल करती है रेगुलेट करती है तो इस चीज को फिर से एक बार पढ़ते हैं द फैक्टर दैट इनफ्लुएंसेस द डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ टेंपरेचर कि कहां कितना टेंपरेचर रहेगा ज्यादा रहेगा कम रहेगा वो फैक्टर क्या है वो फैक्टर है इंसुलेशन ठीक है हाउ तो ये मैं आपको समझाता हूं इंसुलेशन कैसे है जैसे मान लीजिए क्या होता है कि ये अब थोड़ा सा डायग्रामेटिक चलते हैं ठीक है ये है सूरज दादा सन ठीक है अब सन क्या करता है और ये है अर्थ ठीक है अब अर्थ में क्या हो रहा है कि सन रेज जो आ रही है तो सन रेज कहां पे आ रही है इक्वेटर पे आ रही है इतने पार्ट पे आ रही है तो ये पार्ट जो जिस पे सनरेज आई मान लो ठीक है तो जिस सनरेज आई वो पार्ट क्या करेगा रेडिएट कर मतलब जैसे मैंने आपको बताया था एटमॉस्फेयर क्या कर लेता है कि जो सनरेज जा रही है तो उन्हें रोक के रखता है एटमॉस्फेयर में बांध के रखता है ब्लैंकेट के अंदर ढाक के रखता है तो उससे क्या रहता है टेंपरेचर नॉर्मल बना रहता है अब सनरेज की डायरेक्ट रेज आती है इक्वेटर पे ठीक है तो इक्वेटर पे जो 0 डिग्री रहती है ना वहां डायरेक्ट रेज आती है तो 0 डिग्र पे तो क्या रहेगा टेंपरेचर ज्यादा रहेगा क्यों क्योंकि सन रेज ज्यादा आ रही है फिर अगर पोल्स की बात की जाए तो पोल्स पे सनरेज डायरेक्ट नहीं आती है तो वहां टेंपरेचर क्या रहेगा कम रहेगा आगे समझ में तो इस तरह से इंसुलेशन क्या करती है इन्फ्लुएंस करती है डिस्ट्रीब्यूशन डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ टेंपरेचर को आगे देखो क्या है अब सवाल आपके मन में आ होंगे तो व्हाई पोल्स आर कवर्ड विद स्नो इसका आंसर भी आपको क्लियर हो गया होगा क्योंकि पोल्स तक डायरेक्ट सनरेज जा नहीं पाती है ठीक है सनरेज डायरेक्ट जा नहीं पाती है पोल्स तक तो टेंपरेचर क्या रहेगा वहां का कम कम टेंपरेचर रहेगा इसका मतलब क्या है कि बर्फ जम सकती है अब जब बर्फ जम जाएगी वहां पे तो जब बर्फ जमेगी तो वो किस चीज से ढका रहेगा आई शीट से ढका रहेगा तो इसलिए हम कहते कते हैं कि पोल्स आर कवर्ड विद स्नो वहां पे हमेशा स्नो रहती है बर्फ रहती है कारण आया समझ में क्योंकि वहां पे सनरेज नहीं जा पा रही सनरेज और स्नो दोनों दुश्मन है मैंने आपको कार्बन डाइऑक्साइड वाला बताया था कि इंक्रीजिंग कार्बन डाइऑक्साइड एंड इट्स इंपैक्ट वाले वीडियो लेक्चर में कि जैसे-जैसे क्या हो रहा है ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है तो एवरेज टेंपरेचर जो है सन तो उतनी ही रेज पहुंचा रहा है सन रेज उतनी आ रही है लेकिन अब हम हमारे एटमॉस्फेयर में जो कह सकते हैं ग्रीन हाउस गैसेस बढ़ गई है तो टेंपरेचर हीट बढ़ रही है तो उस हीट के बढ़ने से क्या होता है कि जो पोल्स जो हैं व्हिच आर बीइंग कवर्ड विद स्नो पूरे टाइम स्नो से कवर्ड रहते हैं वो स्नो मेल्ट होने लगा वहां पे ठीक है तो आपको खैर ये ध्यान रखना है कि व्हाई पोल्स आर कवर्ड विद द स्नो बिकॉज़ इट डिपेंड्स ऑन दी सनरेज रिसीवड तो सनरेज और टेंपरेचर जो रहता है ठीक है सनरेज के कारण टेंपरेचर बढ़ता है इंसुलेशन के कारण और वहां पे क्योंकि डायरेक्ट इंसुलेशन जा नहीं पाती पोल्स पे तो वहां टेंपरेचर कम रहता है एंड इट इज बीइंग कवर्ड बाय स्नो ये हो गया अब दूसरा क्वेश्चन जो आया व्हाई द टेंपरेचर इन सिटीज इज टू हाई ठीक है ये भी एक सवाल है कि हम देखते हैं गांव में फिर भी क्या रहता है कि टेंपरेचर मॉडरेट रहता है कंपेयर्ड टू सिटीज और समर्स में आप जैसे न्यूज़ रिपोर्ट भी देखते हैं ना तो न्यूज़ रिपोर्ट में क्या आता है समर्स में न्यूज़ रिपोर्ट में यही आता है कि दिल्ली में इतना टेंपरेचर बढ़ गया मुंबई में इतना टेंपरेचर बढ़ गया तो सिटीज में क्यों बढ़ रहा है इतना कारण समझो एक तो क्या है कि सिटीज में सब कुछ कंजे एड होता है वहीं पे रोड वहीं पे बिल्डिंग सब कुछ है तो आसानी से क्या होता है कि हवाएं चल नहीं पाती हवाएं जब आसानी से चल नहीं पाती तो उसके उसके चलते भी जो हीट ट्रैप हो जाती है बिल्डिंग्स के बीच में वो ट्रैप होई जाती है उसके बाद में सिटीज में रो रोड्स बने होते हैं एस्फाल्ट से ठीक है डामर के रोड होते हैं वो क्या करते हैं दिन में जो हीट आती है इंसुलेशन जो आती है उसे स्टोर कर लेते हैं और रात में फिर धीरे-धीरे रेडिएट करा करते हैं तो उसके चलते क्या होता है कि रात में भी टेंपरेचर बढ़ा हुआ रहता है रोड पे कभी नंगे पैर चल के देखना मजा आ जाएगा ठीक है तो वही चीज रहती है कि सिटी में टेंपरेचर हाई क्यों रहता है एक तो ये मैंने बता दिया कि सब कुछ कंक्रीट वगैरह से बना है सब कुछ बिल्डिंग्स वगैरह बनी है सीमेंट से बनी है तो ये बिल्डिंग्स वगैरह क्या करती है जो धूप आती है ना इंसुलेशन आती है उसे स्टोर कर लेती है अब स्टोर जब कर लि तो दिखती बात है ज आपने मान लो कि आपने हीटर है आप चारों तरफ हीटर लटका के चलोगे अपने तो आप गर्म ही लगोगे ना आजूबाजू आपके कोई खड़े होगा तो उसको गर्मी लगेगी वही चीज यहां पे हो रही है कि पूरा पैक है कंजर्ड है और सब कुछ कंक्रीट कंक्रीट से बना हुआ है पेड़ बचे नहीं है शहरों में तो उसके चलते क्या होता है कि टेंपरेचर बहुत तेजी से बढ़ने लगता है सिटीज में एज कंपेयर टू रूरल एरियाज आया समझ में तो दिस वाज ऑल अबाउट दी टेंपरेचर हमने एक फैक्टर देखा टेंपरेचर वेदर और क्लाइमेट को इन्फ्लुएंस करता है तो हम बोल देते हैं कि आज आज वेदर क्या है बहुत हॉट है ह्यूमिड है तो वो टेंपरेचर पे डिपेंड करता है ठीक है और फिर क्या होता है कि जैसे आप देखोगे तो इक्वेटर पे जितने भी देश है तो वहां की क्लाइमेटिक कंडीशन जैसे मान लो क्या हो गया अफ्रीका के कुछ देश हो गए फिर ब्राजील वगैरह ये तो ये जो यहां पे जो आइलैंड ग्रुप्स है तो इक्वेटर पे जितनी भी जगह है तो वहां की क्लाइमेटिक कंडीशन हॉट ही रहेगी क्यों क्योंकि वहां पे टेंपरेचर ज्यादा है फिर बात की जाए अंटार्कटिका की क्लाइमेटिक कंडीशन तो वो कोल्ड है तो किस चीज पे डिपेंड कर रही है टेंपरेचर पे डिपेंड कर रही है ना तो मैं आपको भी बता रहा हूं कि जो वेदर और क्लाइमेट पड़ा है तो वो बहुत सारे फैक्टर्स से इन्फ्लुएंस होता है तो उन फैक्टर्स में एक एक कौन सा था एक था टेंपरेचर जो हमने डिस्कस कर लिया है नेक्स्ट वीडियो लेक्चर में हम एयर प्रेशर पढ़ने वाले हैं क्लियर आई होप यहां तक चीजें समझ में आई है किसी को किसी भी प्रकार के डाउट है तो फील फ्री टू आस्क इन कमेंट सेक्शन टिल देन स्टे कनेक्टेड कीप लर्निंग थैंक यू थैंक यू वेरी मच हेलो एवरीबॉडी दिस इज दराज सिंह राजपूत वेलकम टू मैग्नेट ब्रेंस इस वीडियो में हम क्या पढ़ने वाले हैं इस वीडियो में हम पढ़ेंगे एयर प्रेशर के बारे में एयर प्रेशर क्या चीज है ये आपको समझाएंगे उससे पहले थोड़ा सा पीछे से कनेक्ट करते हैं क्या पढ़ा था हम वेदर और क्लाइमेट को देख रहे थे लास्ट वीडियो में हमने डिस्कस किया कि किस तरह से टेंपरेचर एक इंपॉर्टेंट फैक्टर होता है जो वेदर और क्लाइमेट को इन्फ्लुएंस करता है फाइन अब उसी लाइन में अगर देखें तो एयर प्रेशर इज अनदर इंपॉर्टेंट फैक्टर व्हिच इनफ्लुएंसेस वेदर एंड क्लाइमेट सवाल एयर प्रेशर क्या है कैसे करता है उससे क्या-क्या रिलेटेड फिनोमिना हैं सारी चीजें सारे सवाल जो है आपके मन में सब कुछ यहीं पे अभी क्लियर करेंगे हम फाइन है तो अब देखो क्या है अगर मैं आपसे एक चीज कहूं तो आप कितने लोग मेरी बात मानोगे बताओ ठीक है इफ आई से दैट वी आर कंटिन्यू अंडर द प्रेशर ऑफ एयर वुड यू बिलीव मी मैं अगर बोलता हूं कि हमारे ऊपर कंटीन्यूअसली एयर जो है वो प्रेशर क्रिएट कर रही है धका दिया एयर ने काफी प्रेशर क्रिएट कर रही है र तो क्या आप मेरी बात मानोगे ठीक है ओहो एयर प्रेशर आया ठीक है तो आप बोलोगे नहीं ऐसा तो कुछ भी नहीं है हम आसानी से अपने हाथ हिला सकते हैं आसानी से हम जंप कर सकते हैं सारी चीजें कर सकते हैं हम तो प्रेशर कहां है प्रेशर होता तो हम नहीं कर पाते ना ये चीजें जी हां बिल्कुल सही कहा आपने लेकिन मैं आपको समझाता हूं ऐसा हम फील क्यों नहीं कर पाते और रियलिटी यही है कि वी आर कंटीन्यूअसली अंडर दी एयर प्रेशर एयर जो है हमारे हमें जिस एयर ने सराउंड करके रखा है तो वो हमारी बॉडी के ऊपर प्रेशर एजर्टन हमारी बॉडी बहुत स्मार्ट है तो हमारी बॉडी के अंदर जो प्रेशर है जैसे ब्लड प्रेशर वगैरह जो है तो वो वो उस लेवल पे है जिस लेवल पे एयर प्रेशर है आया ना समझ में तो एयर ने जो प्रेशर क्रिएट किया है और बॉडी ने जो प्रेशर किया क्रिएट किया है दोनों एकदम बराबर है अब मान लीजिए आप इधर से पुश करेंगे मैं इधर से पुश करूंगा दोनों अपना-अपना प्रेशर दे रहे हैं और ये प्रेशर अगर बराबर है तो ठीक है कुछ नहीं होगा मान लीजिए आपका प्रेशर कम रहा मेरा ज्यादा रहेगा प्रेशर तो मैं आपको धका हंगा पीछे तो आप पीछे चले जाओगे लेकिन जब इक्वल रहेगा तो क्या रहेगा कुछ पता ही नहीं चलेगा एक तरह से वही होता है कि बॉडी जो प्रेशर एजर्टन प्रेशर हमारे ऊपर आ रहा है तो वो दोनों क्या है वो दोनों एकदम इवन है ठीक है दोनों एकदम क्या है बैलेंस्ड है तो हमें फील नहीं होता है बट इट इज ट्रू ठीक है ये फिजिक्स में बिल्कुल प्रूवन है ट्रू है क्या कि वी आर कंटीन्यूअसली अंडर द एयर प्रेशर ये तो तय है कि चारों तरफ एयर है तो एक प्रेशर तो क्रिएट करके रखा है एयर ने ठीक है यहां तक आ गया समझ में और देखो जब यह चीज़ें मिसमैच होती है कि बॉडी का प्रेशर प्रेशर ज़्यादा हो गया एयर प्रेशर कम हो गया तो क्या होता है तब हमें अह तब हमें समझ आता है कि हां किस तरह से प्रेशर कंडीशन जो है बहुत इंपॉर्टेंट है ठीक है एक एग्जांपल मैं देता हूं तो जो माउंटेंस पे चढ़ते हैं ठीक है जो हिमालयाज पे चढ़ गए तो जो ट्रैकिंग करते हैं उन लोगों को हिमालया आस पे जाने के बाद में क्या होता है ब्लड आ जाता है नाक से ठीक है नाक से ब्लड क्यों आता है कोई उन्हें घुसा मारता है क्या नहीं वहां पे ना तो वोह लड़ाई करते हैं अपने आप ब्लड बाहर आ जाता है नाक से कैसे कारण समझाता हूं क्योंकि ऊपर क्या होता है एयर प्रेशर कम हो जाता है लेकिन बॉडी का प्रेशर तो वही रहेगा तो बॉडी का प्रेशर और एयर प्रेशर जब बराबर नहीं है तो बॉडी के अंदर जो ब्लड दौड़ रहा है आपका वो बाहर फूट के आने की कोशिश करता है और इस कारण से कभी-कभी अ नोज ब्लीडिंग स्टार्ट हो जाती है जो माउंटेंस क्लाइम करते हैं उन लोगों को आया ना समझ में तो हर चीज के पीछे कारण होता है ये हो गया तो अब आप मान तो गए होंगे ये बात तो कि हां वी आर कंटीन्यूअसली अंडर दी एयर प्रेशर ठीक है सवाल व्हाट इज एयर प्रेशर तो एयर प्रेशर इज डिफाइंड एज द प्रेशर एजर्टन बाय द वेट ऑफ एयर ऑन दी अर्थ सरफेस वे हवा का भी वेट होता है ना ठीक है एयर का जो वेट होता है उस वेट से जो प्रेशर एग्जॉट किया जाता है अर्थ सरफेस के ऊपर हमारी बॉडी के ऊपर उसे कहा जाता है एयर प्रेशर सिंपल डेफिनेशन ये हो गई आपकी एयर प्रेशर की फाइन अब देखो क्या है द एयर प्रेशर इज हाईएस्ट एट सी लेवल एंड डिक्रीजस विथ हाइट हां सी लेवल क्या है जैसे ये मान लो अर्थ है ठीक है तो अर्थ में जो एलिवेशन होता है एलिवेशन समझते हैं आप लोग क्या होता है जैसे ये अर्थ है अर्थ का सरफेस है तो ये क्या हो गया ये ये एलिवेशन कम है ठीक है एल्टीट्यूड जिसे कमते ये एल्टीट्यूड ज्यादा है और ये क्या हो गया ये सी लेवल हो गया जैसे समुद्र के बराबर का जो लेवल होता है जमीन का तो सी लेवल पे हमेशा सबसे ज्यादा एयर प्रेशर गा मतलब जो ग्राउंड एकदम जीरो लेवल है ना ठीक है जिसकी हाइट हम जैसे बोलते हैं ना कि हम तो अभी सी लेवल से 1000 मीटर ऊपर है तो 1000 मीटर मतलब क्या है कि जो नॉर्मल सी लेवल है सी लेवल से आप कितने ऊपर हो ठीक है सी लेवल ये है तो सी लेवल से आप कितने ऊपर हो और ये जमीन अगर सी से एकदम जुड़ी हुई है तो सी लेवल से 0 मीटर ऊपर है ठीक है तो सबसे ज्यादा हाईएस्ट एयर प्रेशर कहां रहेगा हाईएस्ट एयर प्रेशर रहता है सी लेवल पे और एज वी गो अप ठीक है तो द लेवल ऑफ एयर प्रेशर डिक्रीजस विद दी हाइट तो जैसे-जैसे ऊपर जाओगे डिक्रीज होने लगता है इसीलिए जो हिमालयाज पे चढ़ते हैं तो वहां कम एयर प्रेशर रहता है फाइन ये हो गया अब और देखो आगे क्या है तो एज वी गो अप एयर प्रेशर कम्स डाउन कहानी हो गई है एज वी गो अप एयर प्रेशर कम्स डाउन अब बोलोगे कहानी बड़ी अच्छी लगी समझाओ कैसे होता है तो लेट मी एक्सप्लेन यू मैंने आपको बताया कि डेंस एयर जो रहेगी ठीक है एयर पार्टिकल्स जो है तो एयर पार्टिकल ऊपर से नीचे आएंगे तो ऊपर से नीचे आ रहे हैं तो क्या हो रहा है ये एयर पार्टिकल्स प्रेशर क्रिएट कर रहे हैं या नहीं कर रहे कर रहे हैं और जैसे-जैसे आप हाइट पर जाते जाओगे तो यहां प्रेशर क्या हो जाएगा यहां से प्रेशर नीचे आ रहा है ना कि ऊपर जा रहा है तो इसके चलते क्या होता है कि जो नॉर्मल एयर प्रेशर है वो कहां ज्यादा रहेगा जमीन पे ज्यादा रहेगा एंड इट वुड डिक्रीज एज वी वुड गो अप फाइन ये हो गया सारा एयर प्रेशर के बारे में एक बेसिक आईडिया जो मैंने आपको देना था वो दे दिया है अब देखते हैं आगे और क्या-क्या है एयर प्रेशर में तो ये समझो ये तो हम ने देख लिया कि एयर प्रेशर कहां ज्यादा रहता है सी लेवल पे और ऊपर कम हो जाता है हॉरिजॉन्टल द डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ एयर प्रेशर इज इन्फ्लुएंस बाय द टेंपरेचर और ये ऊपर एयर प्रेशर क्यों कम हो रहा है ठीक है नीचे एयर प्रेशर क्यों ज्यादा हो रहा है एक तो वो एयर मास मैंने आपको बता दी उसी के साथ-साथ में टेंपरेचर बहुत इंपॉर्टेंट रोल प्ले करता है एवरीथिंग इज इन्फ्लुएंस बाय टेंपरेचर अगर देखा जाए तो ठीक है प्रैक्टिकली अगर आप देखोगे तो हर चीज की जो स्टार्टिंग पॉइंट होती है तो कहीं ना कहीं टेंपरेचर से होती है तो अब मैं आपको बताऊंगा कि एयर प्रेशर जो है तो डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ एयर प्रेशर अगर देखें कि कहां पे कितना है जमीन पे ज्यादा क्यों है ऊपर कम क्यों है ये सारी चीजें टेंपरेचर के द्वारा कहीं ना कहीं इन्फ्लुएंस की जाती है ठीक है अब आइए समझो तो एक साथ एक्सप्लेन करता चलूंगा चिंता मत करो एयर सर्कुलेशन एंड एयर प्रेशर एयर सर्कुलेशन मतलब क्या है कि एयर कैसी चलती है एक लाइन में बोलता हूं आपको कि एयर चलती है कुछ इस तरह से मतलब ये जमीन है तो जमीन में जहां हाई प्रेशर रहेगा ठीक है और जहां लो प्रेशर रहेगा तो हाई प्रेशर से लो प्रेशर पे हमेशा अ क्या चलने वाली है एयर्स चलने वाली है ठीक है अब वो क्यों चलती है कैसे चलती है वो समझो ठीक देखो संयम से पढ़ना संयम समझते हो ना पेशेंस के साथ पढ़ना हर चीज समझ में आएगी तो एयर सर्कुलेशन एंड एयर प्रेशर को समझो तो क्या होता है व्हेन एयर इज हीटेड इट एक्सपेंड्स ठीक है बिकम लाइटर्स एंड गोज अप वहीं पे दूसरी चीज क्या है कोल्ड एयर इज डेंसर एंड हैवी टेंड्स टू सिंक डाउन क्रिएटिंग हाई प्रेशर और यहां पे बनता है लो प्रेशर अब मैं आपको इसको डायग्रामेटिकली समझा देता हूं देखो क्या होता है कि जब सनरेज आती है आई सनरेज वेलकम सनरेज ठीक है अब सनरेज जब आएगी तो जहां सनरेज डायरेक्ट आएगी मान लो जैसे सनरेज यहां आई तो यहां की जो एयर मासेज हैं वो गर्म हो जाएगी ठीक है तो एयर मासेज क्या हो जाएगी गर्म हो जाएगी इट वुड एक्सपेंड तो एयर मासेज गर्म होने के बाद चार्ज हो जाएगी तो वो एक्सपेंड होगी और वो कहां जाएगी इट वुड राइज अप ठीक है राइज अप होने लगी वो तो क्या हो रहा है कि यहां पे जो नीचे एयर थी वो एयर अब सारी कहां चली गई उठके ऊपर चले गई तो ऊपर जब जाएगी तो यहां लो प्रेशर बन जाएगा लो प्रेशर क्यों बना अब समझो लो प्रेशर मतलब यहां पे एयर का उतना प्रेशर ज्यादा नहीं है क्यों क्योंकि सारी एयर जो है तो वो गर्म होने के कारण हल्की हो गई ठीक है तो हीटेड एयर मासेज आर लाइट ठीक है लाइट जब होगी तो एक्सपेंड करेगी और एक्सपेंड करने के साथ में ऊपर उठ जाएगी जैसे आपने देखा होगा कि हॉट एयर बलून जो रहते हैं तो वो अपने आप हवा में ऊपर क्यों जाते हैं क्योंकि उसके अंदर जो एयर मासेज है वो बहुत हल्की हो गई है ठीक है तो गर्म होने के कारण हॉट एयर बलून क्या जाएंगे ऊपर जाएंगे आया ना समझ में तो वो एयर यहां के जो एयर पार्टिकल्स हैं एयर पार्टिकल्स ऊपर चले गए फाइन ये एयर पार्टिकल्स ऊपर चले गए लेकिन जहां पे सनरेज क्या रहेगी कम रहेगी ठीक है जहां पे सनरेज कम रहेगी जहां क्लाउड्स है ये सारी चीजें तो वहां पे क्या होगा वहां पे एयर मासेज नीचे प्रेशर क्रिएट करेगी तो यहां क्या बन जाएगा हाई प्रेशर बन जाएगा बन गया हाई प्रेशर अब क्या होगा देखो तो यहां की एयर मासस ऊपर चले गई यहां जगह खाली हो गई है मतलब यहां सीट खाली है अब आप यहां पे क्या है बहुत सारे लोग बैठते जा रहे हो बैठते जा रहे हो तो किसी को समझ में आया कि यार यहां सीट खाली है फिर लोग क्या करेंगे ऐसे भागेंगे मानते हो ना लोग ऐसे भागने वाले हैं तो हम क्या देखें इसमें जो मैंने आपको अभी बोला कि एयर प्रेशर मतलब एयर मासेज जो है तो इट मूव्स फ्रॉम हाई प्रेशर जहां प्रेशर जहां एयर मासेज नीचे बैठ रही है तो हाई प्रेशर से लो प्रेशर की तरफ हमेशा एयर मासेज चलती है लो प्रेशर कैसे बनता है सनरेज के कारण जहां सनरेज नहीं रहेगी वहां हाई प्रेशर बनेगा अब हाई प्रेशर से लो प्रेशर हवा क्यों चलेगी क्योंकि यहां पे क्या हो गया वैक्यूम बन गया है वैक्यूम बन गया तो उस वैक्यूम में क्या होगी उस वैक्यूम में सारी एयर मासे रश करेगी उस वैक्यूम में सारी एयर मासे भागेगी ठीक है तो एयर प्रेशर अ या फिर एयर मासेज मूव्स फ्रॉम हाई प्रेशर टू लो प्रेशर ठीक है अब देखो यहां पे क्या है टॉपिक क्या था हमारा हॉरिजॉन्टल डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ़ एयर प्रेशर इज़ इन्फ्लुएंस बाय द टेंपरेचर आया ना समझ में कैसे टेंपरेचर ने इन्फ्लुएंस किया टेंपरेचर ज्यादा रहेगा लो प्रेशर लो प्रेशर के बाद में जहां टेंपरेचर नहीं रहेगा वहां हाई प्रेशर और फिर विंड्स मूव करेगी सिंपल ये था सिंपल सी चीज़ कि किस तरह से यह जो अ डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ़ एयर प्रेशर है तो वो एयर प्रेशर टेंपरेचर के द्वारा इन्फ्लुएंस किया जाता है आई होप ये समझ में आया एयर सर्कुलेशन समझ में आया कि एयर मूव्स फ्रॉम हाई प्रेशर टू लो प्रेशर अब व्हेन हॉट एयर राइजेज कोल्ड एयर फ्रॉम सराउंडिंग एरिया रशेस देयर टू फिल द गैप ये सिंपल सी चीज है जब हॉट एयर ऊपर चले जाएगी ये लो प्रेशर बन गया यहां पे तो जो कोल्ड एयर है जो कि हाई प्रेशर क्रिएट करही है ऊपर नहीं गई ना तो कोल्ड एयर क्या करेगी कोल्ड एयर वुड रश फ्रॉम दी हाई प्रेशर एरिया ठीक है तो कोल्ड एयर फ्रॉम सराउंडिंग एरियाज तो कोल्ड एयर सराउंडिंग एरिया से रश टुवर्ड्स दी गैप ठीक है ये जो गैप है इस गैप को फिल करने के लिए वो हवाएं चलने लगी और ऐसे ही धरती पे हवा चलती है आप देखते हो ना हवा उधर से इधर आ रही है तो इसका मतलब क्या है कि वहां हाई प्रेशर था और हाई प्रेशर ने जहां लो प्रेशर मिल रहा है चाहे लो प्रेशर वहां हो तो वो इस डायरेक्शन में बह के जाएगी अगर इधर लो प्रेशर है तो इधर बहके जाएगी देखो ये वर्ल्ड में अगर आप देखोगे तो डिफाइंड पैटर्न में चलती है अभी मैंने आपको समझाने के लिए सिंपल से एग्जांपल से बस ये समझा दिया किधर से किधर जाती है वो बाकी वर्ल्ड में जब ये बहती है हवाएं तो एक डिफाइंड पैटर्न है जिसे हम पढ़ेंगे चिंता मत करो ठीक है ये हो गया उसके बाद में लो प्रेशर इज एसोसिएटेड विद क्लाउडीकंपेयर में क्या होता है ये भी समझ लो लो प्रेशर में क्योंकि सारी एयर मासेज ऊपर उठ जाती है अब कंटीन्यूअसली एयर मासेज ऊपर उठ रही है तो ऊपर क्लाउड फॉर्मेशन होता है वेट वेदर इस तरह से ठीक है बारिश होती रहती है और हाई प्रेशर में क्या होता है कि सारी मासेज तो नीचे आ गई तो ऊपर जो रहता है ऊपर एटमॉस्फेयर एकदम क्लियर रहता है तो हाई प्रेशर इज एसोसिएटेड विद क्लियर एंड सनी स्काय आ गया ना समझ में तो बड़ी सिंपल सी चीजें पढ़ी हमने अब हम क्या पढ़ने वाले हैं जो दूसरा फैक्टर है कौन सा दूसरा फैक्टर है विंड तो आपकी बुक में जो अगला टॉपिक है विंड उसे अब हम नेक्स्ट वीडियो लेक्चर में डिस्कस करेंगे देखेंगे किस तरह से विंड जो है वेदर और क्लाइमेट को इन्फ्लुएंस करता है एयर प्रेशर से आया ना समझ में कि एयर प्रेशर जहां लो प्रेशर होगा वहां पे किस तरह का वेदर होगा वहां पे क्लाउडीटेक वेदर तो क्या होता है मैं आपको एक एग्जांपल देता हूं कि इक्वेटर पे हमेशा क्या रहता है लो प्रेशर तो इस कारण से यहां पे बारिश होती रहती है लो लो प्रेशर के कारण क्या रहता है क्योंकि सनरेज आ रही है ना डायरेक्ट तो से एयर मासे जब सनरेज डायरेक्ट आएगी तो अगर ऐसे देखें हम कि ये 0 डिग्री इक्वेटर है ये 90 डिग्री है ये भी 90 डिग्री है तो यहां तो सनरेज डायरेक्ट आएगी अब जब सनरेज आएगी तो यहां कैसा बन जाएगा लो प्रेशर कंडीशन बन जाएगी तो इक्वेटर पे इसीलिए क्या होता है वेट वेदर होता है स्काई क्लाउड स्काई हर दिन बारिश होती है इक्वेटर पे जो आइलैंड है वहां ठीक है वहीं पे अगर आप देखोगे क्या कि जहां पे हाई प्रेशर होगा 90 डिग्री पोल्स वगैरह पे क्या रहता है पोल्स वगैरह पे कोई रोल नहीं है बारिश बारिश का वहां तो हमेशा क्या रहता है क्लियर स्काई सनी स्काई बस इस तरह का फिनोमेना देखने को मिलता है तो यह हमने देखा कि कैसे एयर प्रेशर वेदर और क्लाइमेट को इन्फ्लुएंस करता है फाइन अब नेक्स्ट देखेंगे विंड तो विंड किस तरह से इन्फ्लुएंस करती है यह प्रेशर कंडीशंस ध्यान रखना क्योंकि विंड में कहीं ना कहीं बहुत इंपॉर्टेंट हो जाएगी प्रेशर कंडीशंस तो आपको वहां पे रिलेट करने में मजा आएगा फाइन किसी प्रकार के डाउट है तो फील फ्री टू आस्क इन कमेंट सेक्शन टिल देन स्टे कनेक्टेड कीप लर्निंग थैंक यू थैंक यू वेरी मच हेलो एवरीबॉडी दिस इज दिगरा सिंह राजपूत वेलकम टू मैग्नेट बनस इस वीडियो में हम क्या पढ़ने वाले हैं इस वीडियो में हम पढ़ेंगे विंड के बारे में विंड क्या चीज है देखिए हम देख रहे हैं मल्टीपल फैक्टर्स व्हिच आर इन्फ्लुएंस वेदर एंड क्लाइमेट मैंने आपको टेंपरेचर बता दिया ठीक है लास्ट वीडियो में हमने एयर प्रेशर को समझा कि एयर प्रेशर क्या है किस तरह से वो वेदर और क्लाइमेट को इन्फ्लुएंस करता है वो सारी चीजें हैं अब अगला फैक्टर जो है वो विंड है देखो विंड और एयर प्रेशर जुड़े हुए हैं एक तरह से देखा जाए तो जो हमने एयर प्रेशर में सीखा था कि कंटीन्यूअसली एक एयर प्रेशर एजर्टन ऊपर ठीक है अर्थ सरफेस के ऊपर और उस हिसाब से क्या होता है कि एयर मासेज कहां से कहां मूव करती है एयर मासेज लो प्रेशर से हाई प्रेशर सॉरी हाई प्रेशर से लो प्रेशर मूव करती है और वो सारी चीजें इन्फ्लुएंस कौन करता है उससे रेगुलेट कौन करता है तो टेंपरेचर रेगुलेट करता है कहीं ना कहीं अब देखो आपने टेंपरेचर पहले पढ़ा टेंपरेचर से आपने एयर प्रेशर को समझा अब इसी एयर प्रेशर को समझने के बाद अब आगे क्या समझोगे आप विंड सिस्टम समझोगे देखो ठीक है तो द मूवमेंट ऑफ एयर इसे ही विंड कहते हैं जब एयर एक जगह से दूसरी जगह मूव करेगी उसे क्या कहते हैं विंड कहते हैं आ आ ना समझ में विंड की डेफिनेशन क्या हो गई विंड क्या चीज है तो द मूवमेंट ऑफ एयर जब एयर वहां से यहां आई तो हम क्या बोलेंगे क्या आहा हवा चली ठीक है विंड आपने ऑब्जर्व करी ठीक है अब देखो क्या है तो कैसे मूव करती है ये भी हमें पता है ठीक है इंटरेस्टिंग हमने पिछले वीडियो में ही पढ़ा है और क्या कि इट मूव्स फ्रॉम हाई प्रेशर टू लो प्रेशर तो हाई प्रेशर में क्योंकि एयर मासे सिंक करेगी और फिर वो लो प्रेशर में जहां वैक्यूम बनी गैप बनी है तो एयर मासेज रश करेगी किस तरफ हाई लो प्रेशर एरिया की तरफ हाई प्रेशर टू लो प्रेशर आ गया समझ में यहां तक भी ठीक है बढ़िया अब क्या होता है देखो तो कभी आपने जब ये हवाएं चलती तो उने महसूस किया है बिल्कुल किया होगा जब अ प्लेजट वेदर होता है तो बढ़िया हाथ खोल के खड़े हो जाते हो आप आंखें बंद कर लेते हो और हां हवाएं आ रही है तो विंड्स ब्लो जेंटली एंड आल्सो इन स्ट्रांग फॉर्म तो कभी-कभी तो ऐसे हाथ खोल के आंखें बंद करके खड़े होते तो बड़ा अच्छा लगता कि बहुत जेंटल एयर्स आ रही है तो वो जेंटली ब्लो भी करती है विंड्स और यही विंड्स कभी-कभी क्या हो जाती है यही विंड्स कभी-कभी भी बहुत स्ट्रांग वे में भी फ्लो करती है कि आपको भी उड़ा ले जाएगी आपके पोज को भी उड़ा ले जाएगी ठीक है तो विंड का कोई भरोसा नहीं जैसे आपने सुना होगा बड़े बुजुर्ग कहते क्या हवा आग पानी इन चीजों का विश्वास नहीं किया जाना चाहिए ठीक है वही हुआ फिर उसके बाद में विंड कैन ब्रॉडली बी डिवाइडेड इनटू थ्री टाइप्स तो ये मैंने आपको एक बेसिक आईडिया दिया व्ट व्हाट आर विंड्स ऑल अबाउट ठीक है तो वो समझा हमने अब विंड्स को अगर हम क्लासिफाई करें तो विंड्स कैन ब्रॉडली बी डिवाइडेड इनटू थ्री टाइप्स तीन तरह की हवाएं अ डिवाइड की गई है मतलब एयर प्रेशर और टेंपरेचर के अकॉर्डिंग ली तीन तरह की हवाएं चलती हैं वर्ल्ड वाइड वो तीन तरह की हवाएं कौन-कौन सी होती है परमानेंट विंड ठीक है सीजनल विंड्स परमानेंट विंड्स सीजनल विंड्स और जो तीसरी पढ़ेंगे तो वो टेंपरेरी विंड्स ठीक है टेंपरेरी विंड्स या फिर लोकल विंड्स जिसे कह सकते हैं जो लोकली ब्लो करती है तो परमानेंट विंड्स में क्या-क्या है हमारे पास देखो द ट्रेड विंड्स वेस्टर्लीज एंड ईस्टर्लीज आर द परमानेंट ये ट्रेड विंड्स क्या है वेस्ट एलीज ईस्ट एलीज क्या है देखो समझाता हूं मैं आपको अ मैंने आपको कितना बता आ चुका था तो इसको थोड़ा सा एक्सप्लेन करते हैं देखिए जगह यहां पे क्योंकि हमारे पास ये 0 डिग्री है इक्वेटर ठीक है और सनरेज जो है तो सनरेज पूरा खेल डिसाइड करती है किस चीज का एयर प्रेशर का और विंड का कैसे जहां सनरेज जाएगी वहां क्या बनेगा अब आप आंसर देते रहना मन में देखते हैं कितना ध्यान है तो जहां सनरेज डायरेक्ट जाएगी वहां क्या बनेगा लो प्रेशर बनेगा बन गया लो प्रेशर चलो ठीक है बढ़िया अब क्या होगा जहां सनरेज नहीं जा रही है वहां क्या बन गया हाई प्रेशर बन गया तो ये मान लो यहां हाई प्रेशर है यहां भी हाई प्रेशर है तो ये क्या होगा ये अर्थ का परमानेंट स्ट्रक्चर हो गया एक तरह से कि हां परमानेंटली इस तरह की चीजें रहने वाली है अब होगा क्या तो हम पढ़ भी क्या रहे हैं परमानेंट विंड्स पढ़ रहे परमानेंट विंड्स को ट्रेड विंड्स कहा जाता है वेस्टरली ईस्टरली कहा जाता है ठीक है तो अब क्या होता है कि यहां लो प्रेशर बना ठीक है यहां हाई प्रेशर बना ओ हो हां यहां क्या हो रहा है यहां हाई प्रेशर बना है ठीक है यहां हाई प्रेशर बना है तो अब होता क्या है कि मैंने आपको बता पता है विंड्स कैसे चलेगी हमेशा हाई प्रेशर से लो प्रेशर चलेगी विंड तो विंड्स क्या होने लगती है हाई प्रेशर से लो प्रेशर वर्ल्ड वाइड ये पैटर्न में बहेगी वो क्यों क्योंकि वर्ल्ड वाइड टेंपरेचर का पैटर्न कुछ इस तरह से रहने वाला है तो इस सेंस में क्या कहा जाता है कि ये जो विंड्स हैं ये परमानेंट विंड्स है और इन्हें ही क्या कहा जाता है ट्रेड विंड्स भी कहा जाता है इन्हें ही वेस्टर्लीज भी कहा जाता है और ऊपर भी ज सब क्या ये डायनामिक हाई प्रेशर बना है डायनेमिक क्या होता है वो मैं समझा देता हूं क्योंकि यहां से जब एयर मासेज ऊपर उठी थी ना ये तो ये अ ये जो एयर मासेज ऊपर उठी थी तो ये एयर मासेज को कहीं ना कहीं तो बैठना पड़ेगा कहीं ना कहीं तो सबसाइड होगी ना ऐसा तो नहीं कि ऊपर ही ऊपर जाते जाएगी तो एक तो क्या होता है एक तो हम सरफेस पे विंड्स को ऑब्जर्व करते हैं फील करते हैं ठीक है एक तो सरफेस पे हम विंड्स को ऑब्जर्व करते हैं फील करते हैं और दूसरी चीज क्या है कि अपर एयर सर्कुलेशन में भी विंड्स ट्रांसफर होती है तो कैसे चलती है विंड्स वो मैं आपको समझाता हूं ये 0 डिग्री है ठीक है अब ये डायग्राम को आप ऐसे पलट के देखो तो ये 0 डिग्री है 0 डिग्री से क्या होती है एयर मासे ऊपर उठती है ऊपर उठ गई क्योंकि यहां लो प्रेशर है अब फिर वो क्या होती है अपर एयर सर्कुलेशन में क्या हो जाता है चेंज हो जाती है मतलब वो डायरेक्शन अपना टर्न करती है ये सारी चीजें अभी आपको पढ़ने की जरूरत नहीं है एथ क्लास में नाइंथ में कॉम्प्रिंट वली आप पढ़ोगे इस चीज को सेवंथ क्लास में भी पढ़ने की जरूरत नहीं है ठीक है नाइंथ में आप इस चीज को कंप्रिहेंसिवली पढ़ोगे लेकिन फिर भी मैं आपको एक आईडिया देते चलता हूं थोड़ा-थोड़ा ठीक है तो ये विंड्स क्या होती है कि अब कहीं तो बैठेगी ना ये विंड्स ऊपर जो गई है तो वो अपर एयर सर्कुलेशन में क्या होती है टर्न होती है टर्न होने के बाद में जहां पे रिलेटिवली यहां पे सन रेज तो ज्यादा है बहुत जहां पे सनरेज रिलेटिवली कम होती है तो वहां पे क्या होती है वहां पर वो बैठ जाती है ठीक है वहां पे सबड होने लगती है सिंक होने लगती है तो वहां हाई प्रेशर बन जाता है तो एक मोमेंट तो ये हो गया ठीक है ये ईस्टरली वेस्टस का एक मूवमेंट तो ये हो गया दूसरा क्या होता है दूसरा मूवमेंट ये होता है कि अब यहां हाई प्रेशर बनाए तो कहीं और क्या है कहीं और भी लो प्रेशर बना है ठीक ये डायग्राम देखो आप ये 0 डिग्री है ठीक है ये 0 डिग्री है तो 30 डिग्री 30 डिग्री में इस तरह से क्या चल रहा है ईस्टर लीस्ट चलती है ठीक जो क्या कर रहे हैं जो वेस्ट की तरफ मूव कर रही है तो वो ट्रॉपिकल ईस्टर लीस्ट कहलाए गी और फिर क्या होता है प्रीवेलिंग वेस्टर लीस्ट कहां चलेगी तो 30° से 60° तक वेस्टर लीस चलती है तो इस तरह से आपको ये ध्यान रखना है कि ईस्टर लीस और वेस्टर लीस जो है तो वो क्या हो गई परमानेंट विंड्स है क्यों क्योंकि वो किस चीज पर डिपेंड करती है सोलर इंसुलेशन पे और कंटीन्यूअसली फ्लो करती रहती है तो ये एक तरह की विंड हो गई ठीक है तो वी कैन ब्रॉडली डिवाइड इनटू थ्री टाइप्स विंड्स को हम तीन टाइप्स में डिवाइड कर रहे हैं एक तो परमानेंट विंड हो गई दूसरा क्या है सीजनल विंड सीजनल विंड क्या होता है जैसे अब हम देखते हैं कि इंडिया में जब मानसून आता है जब बारिश आती है अभी आने वाली है ठीक है तो जब बारिश आती है तो उस समय पे हवाएं कैसी चल रही होती है पता है आपको मतलब स्पेसिफिक स्पेसिफिकली उसी टाइम पीरियड में हवाएं जैसे इंडिया है तो इंडिया में हवाएं कैसी चलेगी इंडिया में हवाएं चलेगी साउथ ईस्टर्न विंड्स ठीक है तो सॉरी साउथ वेस्टर्न विंड्स चलेगी तो ये जो साउथ वेस्टर्न विंड्स चलती है तो साउथ वेस्टर्न विंड्स क्या लाती है इंडिया में मानसून लेके आती है बारिश लेके आती है तो यहां पे पे क्या होता है ये विंड्स कब देखने को मिलेगी आपको अ म और जून मई जून जुलाई ये दो-तीन महीने देखने को मिलेगी तो ये विंड्स को क्या कहा जाता है इन विंड्स को सीजनल मतलब एक सीजन में जो विंड्स आपको देखने को मिल रही है तो ब्लो सीजनली दिस विंड्स चेंज देयर डायरेक्शन इन डिफरेंट सीजन अभी ऐसे चलेगी ये और फिर जब मानसून खत्म हो जाता है तब ये विंड्स क्या करती है तब अपना डायरेक्शन बदल लेती है तब ये विंड्स कैसे चलने लगती है तब ये विंड्स जो है तो नॉर्थ ईस्ट में बहने लगती है ठीक है नॉर्थ ईस्टर्न विंड्स बन जाती है फिर ये इस तरह से चलती है तो यह आपको समझना है सिंपल सी चीज कि विंड्स जो होती है तो वो सीजन के हिसाब से अपने डायरेक्शन चेंज करती है उन विंड्स को क्या कहा जाता है उन विंड्स को कहा जाता है सीजनल विंड्स जैसे इंडियन मानसून आया ना समझ में ये विंड्स ऐसे बह रही होती है तभी तो हमारे यहां पानी आता है क्योंकि इधर क्या है समुद्र है तो समुद्र के ऊपर से मॉइश्चर लेती है विंड्स और वो मॉइश्चर फिर इंडिया में लाके प्रेसिपिटेटर देती है इस कारण से इन्हें सीजनल विंड कहा जाता है मॉनसून इन इंडिया तो मानसून इन इंडिया इज एन एग्जांपल ऑफ सीजनल विंड ठीक अब जो तीसरे टाइप की विंड्स हैं उ न्हे समझते हैं चलिए तो तीसरे तरह की विंड्स कौन सी है लोकल विंड्स या फिर जिन्हें टेंपरेरी विंड्स भी कहा जाएगा तो वो लोकल विंड्स कौन सी है देखो ये लोकल विंड्स तो दीज ब्लो ओनली ड्यूरिंग अ पर्टिकुलर पीरियड ऑफ डे और ईयर इन स्मॉल एरिया तो अब क्या होता है कि दिन में चल रही है जो या फिर किसी एक अ टाइम पीरियड में छोटे थोड़े टाइम के लिए चलती है उन्हें क्या कहा जाता है उन्हें लोकल विंड्स जो लोकली जो वर्ल्ड वाइड नहीं चल रही जो लोकली कभी-कभार टाइम टू टाइम क्या देखने को मिलती है ऑब्जर्व की जाती है उन्हें लोकल विंड्स कहा जाता है तो लोकल विंड्स का सबसे अच्छा एग्जांपल क्या है लैंड ब्रीज और सी ब्रीज साइंस में भी पढ़ा है आपने और एक और एग्जांपल है लू तो गर्मियों में क्या होता है गर्मियों में जैसे हमने देखा कि बहुत ज्यादा हीट अप हो जाने के कारण लोकली क्या चलने लगती है गर्म हवाएं चलती है ठीक है गर्म हवाएं जो अगर आपको लग गई तो बीमार कर देगी तो उस उन्हें क्या कहा जाता है लू कहा जाता है तो जैसे लू जो विंड्स होती हैं वो लू विंड्स खास करके नदन इंडिया में चलती है तो वो एक एग्जांपल हो गया किस चीज का वो एक एग्जांपल हो गया लोकल विंड्स का और लैंड ब्रीज और सी ब्रीज भी क्या है एग्जांपल है किस चीज का लोकल विंड्स का लैंड ब्रीज और सी ब्रीज मैं आपको समझाता हूं देखो क्या है क्या होता है कि जमीन बहुत जल्दी गर्म होती है और बहुत जल्दी ठंडा होती है कैसे एक एग्जांपल देते हैं गर्मियों में आपने देखा है कि सुबह के 910 बजे कि रोड प आपने पैर रखा तो आपके पैरों में चटके लगेंगे ठीक है तो पैर मतलब छाले आ जाएंगे गर्म होने लगेंगे पेड़ बहुत ज्यादा ऐसा तो क्या हो गया जमीन बहुत जल्दी गर्म हो गई लेकिन पानी क्या है अभी 910 बजे तक तो ठीक है उतनी जल्दी गर्म नहीं हुआ है पानी क्या करता है जो वाटर है तो वो ले ट गर्म होना स्टार्ट होता है अब क्योंकि जमीन जल्दी गर्म होगी तो यहां क्या बन जाएगा जैसे यहां पे ठीक है जमीन ये दिन का टाइम है तो जमीन जब जल्दी गर्म हो जाएगी तो यहां लो प्रेशर बन जाएगा बन गया लो प्रेशर एयर मासस ऊपर उठ गई अब वो लो प्रेशर के कारण क्या होता है वर्म एयर फॉर्म फ्रॉम लैंड तो ये वर्म एयर जो है जमीन से वो जाएगी कहां पे जहां पे उसे हाई प्रेशर मिलेगा तो समुद्र अभी गर्म नहीं हुआ है पानी अभी क्या है गर्म नहीं हुआ है ठीक है तो पानी गर्म नहीं हुआ तो ये रिलेटिवली क्या है ठंडा है तो सारी गर्म हवाए यहां से उठके आएगी और पानी के ऊपर बैठने लगेगी क्यों क्यों क्योंकि यहां लो प्रेशर बना है और यहां क्या है हाई प्रेशर है क्योंकि विंड्स आके प्रेशर क्रिएट कर रही है ना तो अब क्या होगा हवाएं किधर से किधर चलने लगेगी सी ब्रीज चलेगी अब ठीक है सी ब्रीज मतलब हवा से अ समुद्र से पानी से क्या होगा ठंडी हवाएं जमीन की तरफ चलेगी इसी कारण से आपने ऑब्जर्व किया होगा कि समर्स में जो लोग जो लोग कोस्टल एरिया पे रह रहे हैं ठीक है या फिर जो कभी तालाब के पाजू में जाके बैठते हैं तो आपने देखा है कि ठंडी हवाएं लगती है आपको वो ठंडी हवाए क्यों लगती है क्योंकि जमीन जल्दी गर्म हो गई है तो वहां लो प्रेशर बन गया है वो लो प्रेशर कहां जाएगा वाटर पे जाएगा और वाटर से जब फिर विंड्स चलेगी हाई प्रेशर से लो प्रेशर तो वो क्या होगा वो विंड्स जो आएंगी तो वो ठंडी हवाएं बहुत काफी ठंडी हवाएं आने वाली क्यों क्योंकि जो हवाएं चलेगी तो जमीन से पानी लेकर आए ओ सॉरी तालाब से समुद्र से पानी लेकर आएगी ठीक है ये तो आपने सी ब्रीज देखी अब इसका अपोजिट हो जाता है कब ये लोकल विंड्स है ना टाइम टू टाइम बदल जाती है रात में इसका अपोजिट हो जाता है रात में अपोजिट कैसे हो जाता है अब ज देखो रात में क्या हुआ कि रात में सन तो चले गया बाय सन ठीक है सन चले गया अब जमीन क्या थी गर्म थी तो उतनी जल्दी जमीन ठंडी हो जाएगी क्यों क्योंकि सन तो गया तो रात में आप देखोगे रात में जमीन है ठंडी हो जाएगी रात में आप जा सकते हो नंगे पैरों से जमीन के ऊपर रोड के ऊपर लेकिन ये जो पानी धीरे-धीरे धीरे गर्म हुआ था दोपहर होते-होते 4:00 बजे तक जो गर्म हुआ था अब वो बोलेगा यार ये सन ने तो धोखा कर दिया अब मुझे ठंडा होना पड़ेगा लेकिन वो उतनी स्पीड से ठंडा भी नहीं होगा धीरे-धीरे ठंडा होगा या आपने गर्मियों में ऑब्जर्व किया होगा पानी की टंकी अगर छत पे रखी है ठीक है और क्या होता है कि एक बार गर्म हो गई तो वो रात में भी गर्म पानी देगी आपको आ गया समझ में फिर अगले दिन सुबह तक ठंडी होती है ना तो उस तरह से क्या होता है कि जमीन तो गर्म भी जल्दी हुई ठंडी भी जल्दी हो गई अब अब जमीन जब बहुत जल्दी कूल डाउन हो जाती है तो उस कारण से कूल डाउन होने के कारण यहां क्या बन जाएगा हाई प्रेशर बन जाएगा और यहां क्या बन जाएगा ये पानी जो अब दिन भर से मेहनत करके गर्म हुआ तो गर्म ही रहेगा लो प्रेशर तो अब ये जो सर्कुलेशन पहले ऐसा था ठीक है तो अब वो सर्कुलेशन बदल जाएगा अब ऐसा हो जाएगा ठीक है अब विंड्स कहां से कहां चलना स्टार्ट करेगी अब लैंड से विंड्स किधर चलेगी अ वाटर एरिया की तरफ समुद्र के की तरफ तालाब की तरफ तो इसे लैंड ब्रीज कहा जाता है जहां से हवा चल रही है जब हवा समुद्र से दिन में चलती है सी ब्रीज और रात में लैंड ब्रीज सी ब्रीज लैंड ब्रीज समझ में आया तो वो क्या है वो एक लोकल विंड का एग्जांपल है लोकल विंड से आई समझ में क्लू भी हो गया तो ये सारा विंड के बारे में पढ़ा विंड कैसे क्लाइमेट और वेदर को इन्फ्लुएंस करती है तो इती बात है कि दिन में आपको वेदर कैसा लगेगा अगर समुद्र के किनारे प बैठे हो आप तो आपको ठंडा लगेगा अच्छा लगेगा हां यार काफी मजा आ रहा है ठीक है और रात में वही क्या होने लगेगा चेंज ह्यूमिडिटी होने लगेगी ठीक है क्योंकि रात में क्या है हवाएं जमीन से पानी की तरफ जा रही है लैंड ब्रीज हो गई है वैसे अगर ये अ ये देखा जाए ये परमानेंट विंड्स जो है सीजनल विंड्स जो है तो सीजनल विंड्स कैसे वेदर चेंज कर देती है देखते हैं ना हम कि समर्स के बाद में एकदम ठंडा होने लगता है पानी गिरने लगता है तो वेदर पूरा बदल दिया ठीक है तो परमानेंट विंड्स क्या करती है लोकल विंड्स भी एक तरह से क्लाइमेट और वेदर को इन्फ्लुएंस कर रही है वैसे ही परमानेंट विंड है ये जो ईस्टरली वेस्टर्लीज हैं तो विंड्स के हिसाब से बहुत सारे फिनोमेना इंडिया में मानसून आ रहा है तो वो इन्हीं की देन है विंड्स की देन है तो उस सेंस में क्या है कि ये कहीं ना कहीं क्ला क्लाइमेट और वेदर को बहुत हद तक इन्फ्लुएंस करती है आई होप सारी चीजें क्लियर हैं समझ में आई है किसी प्रकार का डाउट है तो फील फ्री टू आस्क इन कमेंट सेक्शन टिल देन स्टे कनेक्टेड कीप लर्निंग थैंक यू थैंक यू वेरी मच हेलो एवरीबॉडी दिस इज दिगरा सिंह राजपूत वेलकम टू मैग्नेट ब्रेंस इस वीडियो में हम क्या पढ़ने वाले हैं इस वीडियो में हम पढ़ेंगे मॉइश्चर के बारे में ठीक है अभी तक हमने क्या पढ़ा है अभी तक हमने देखा कि कौन-कौन से फैक्टर्स है जो वेदर और क्लाइमेट को इन्फ्लुएंस कर रहे हैं तो वेदर और क्लाइमेट में हमने क्या देखा कि टेंपरेचर एक इंपॉर्टेंट फैक्टर हो गया ठीक टेंपरेचर के बाद में फिर हमने दूसरी भी चीजें देखी एयर प्रेशर देखा लास्ट वीडियो लेक्चर में विंड को डिस्कस किया अब एक और इंपॉर्टेंट फैक्टर है जो है मॉइश्चर मॉइश्चर भी काफी हद तक आपके वेदर और क्लाइमेट को इन्फ्लुएंस करता है सवाल मॉइश्चर क्या है तो सिंपल लेम एंड डेफिनेशन में अगर आपको एक एग्जांपल के साथ एक्सप्लेन करें तो क्या होता है कि जब आप आपके आजूबाजू जो वाटर वेपर्स हैं एयर में ठीक है वो ज्यादा है तो मॉइश्चर ज्यादा होता है वो एयर में जो एटमॉस्फियर में आपके आजूबाजू अगर वाटर वेपर्स कम है तो मॉइश्चर कम होता है ठीक है तो मॉइश्चर क्या हो गया वाटर वेपर्स इन दी एयर सिंपल सी चीज है ठीक अब क्या होता है आपने ऑब्जर्व किया होगा कि गर्मियों में आप कपड़े धो के डालते हैं बाहर तो जो गीले कपड़े रहेंगे वो बहुत जल्दी सूख जाएंगे ठीक है वहीं पे क्या होता है वही चीज आप बारिश में करते तो सूखते नहीं है ठीक है गर्म में कपड़े एक क पानी तो सूखता है पानी के साथ-साथ में कलर भी सूख जाता है पूरा ठीक लेकिन बारिश में ये ऑब्जर्व नहीं करते हम तो क्या है कि बारिश में मॉइश्चर ज्यादा रहता है गर्मियों में मॉइश्चर कम रहता है अब मॉइश्चर कम है जब एयर में तो वो सारा का सारा जो कपड़े के अंदर गीलापन था मॉइश्चर था वो कौन एब्जॉर्ब कर लेगा एटमॉस्फेयर एयर एब्जॉर्ब कर लेगी कब समर्स में और विंटर्स में अ रेनी सीजन में वही नहीं हो पाता है ठीक है तो अब अगर हम समझे तो व्हेन वाटर एवपोरेट्स फ्रॉम लैंड एंड डिफरेंट वाटर बॉडीज इट बिकम वाटर वेपर ये आपको पता है कि जब पानी क्या होता है इवेपरेट होता है टेंपरेचर के कारण इवेपरेशन होती है तो जब अलग-अलग जगह से वाटर बॉडीज से सी से ओशियन से जहां से भी पानी को इवेपरेट होना है पानी जब इवेपरेट होता है तो इवेपरेट होने के बाद में वो क्या बन जाता है वाटर वेपर बन जाता है ठीक है हवा में चारों तरफ पानी है यहां हाथ निकाला हमने यहां भी पानी है ठीक है तो हर तरफ क्या रहता है पानी रहता है वाटर वेपर है और वो जो वाटर वेपर रहती है वो मॉइश्चर क्रिएट करती है ठीक है वो वाटर वेपर मॉइश्चर क्रिएट करती है तो मॉइश्चर इन दी एयर एट टाइम इज नोन एज ह्यूमिडिटी और जितना मॉइश्चर रहेगा उस हिसाब से ह्यूमिडिटी रहेगी तो हम देखते हैं कि विंटर रेनी सीजन में क्या होता है कि बहुत ज्यादा ह्यूमिडिटी है डिटी ऐसे चिपचिपा सापन रहता है ठीक है सब कुछ क्या लगता है बहुत अनकंफर्ट बल सा लगता है कब रेनी सीजन में क्यों क्योंकि मॉइश्चर है और मॉइश्चर जितना रहेगा उतनी ज्यादा ह्यूमिडिटी रहेगी टेंपरेचर है टेंपरेचर के साथ-साथ में क्या होता है कि वो वाटर वेपर तो वो वाटर वेपर टेंपरेचर टेंपरेचर के कारण जो वाटर वेपर रहती है तो हमें कैसी लगती है बड़ी अनकंफर्ट बल सी लगती है वो आप कब ऑब्जर्व करते हो रेनी सीजन में क्यों क्योंकि मॉइश्चर ज्यादा है ठीक है तो क्या होता है वर्म एयर जो रहता है ह्यूमिडिटी की कहानी समझो तो वार्म एयर जो रहती है तो वो क्या करती है और ज्यादा वाटर वेपर्स को अपने पास होल्ड करके रखती है वर्म एयर के चलते क्या होता है रेनी सीजन में देखो सूरज भी निकला है तो वो वार्म एयर जो है उसमें और वाटर वेपर्स ऐड हो जाते हैं और ज्यादा ह्यूमिडिटी ऐड हो जाती है ठीक है तो ह्यूमिडिटी ऐड होती है तो क्या होता है कि गर्म तो है हवा समझना कहानी समझना कहानी समझोगे तो आपको पूरा मॉइश्चर ह्यूमिडिटी सब समझ में आ जाएगा क्या हो रहा है कि इवेपरेशन इज स्लो इवेपरेशन नहीं हो रहा है इवेपरेशन क्यों नहीं हो पा रहा है क्योंकि जो गर्म वर्म एयर की हम बात कर रहे हैं वो इतनी गर्म है कि वो हवा में क्या करके रख रही है हवा में वाटर वेपर्स को होल्ड करके रख रही है लेकिन उन्हीं वाटर वेपर्स को ऊपर नहीं उठा पा रही है तो हो क्या रहा है सबसीक्वेंटली कि पूरे एटमॉस्फेयर में आपके सराउंडिंग में वाटर वेपर्स बहुत सारे हैं वो बहुत सारे वाटर वेपर ह्यूमिडिटी क्रिएट कर रहे हैं लेकिन इतनी एनर्जी नहीं है या फिर कह सकते हैं टेंपरेचर इतना नहीं है नीचे से हीट इतनी रेडिएट नहीं हो रही है कि वो उसे क्या कर सके ऊपर और उठा सके तो इपोरेन क्या रहता है लो रहता है ठीक है और इस कारण से क्या होता है कि ज्यादा से ज्यादा मॉइश्चर अ एनवायरमेंट में आपके एटमॉस्फेयर में बढ़ता जाता है और वो आपको और ज्यादा ह्यूमिड फील करवाता है तो ये पूरा एसोसिएटेड फिनोमिना मैंने बताया आपको मॉइश्चर के साथ का अब अगर हम समझे तो वाटर वेपर राइजेज अब वाटर वेपर जो रहती है यही वाटर वेपर जब ये वाटर वेपर क्या करती है राइज करने लगती है जो मॉइश्चर रहता है तो ये मॉइश्चर जब क्या होता है वाटर वेपर ज्यादा गर्मी के कारण जब जैसे टेंपरेचर बढ़ेगा तो वो राइज करेगा ऊपर उठेगा ठीक है फिर ऊपर जाते जाते क्या होता है तो मैंने आपको बताया था अर्थ है तो एकदम सबसे ज्यादा अगर देखा जाए एयर प्रेशर कहां रहेगा सी सी लेवल पे रहेगा ठीक है सी लेवल पे रहेगा और फिर क्या होता है तो जब एयर प्रेशर ज्यादा है तो वहां पे क्या रहेगा कि मासेज जो एयर मासेज है उनके अंदर हीट भी रहेगी तो टेंपरेचर ज्यादा कहां रहता है तो सरफेस पे टेंपरेचर ज्यादा रहता है यही आपने देखा होगा आप हिल स्टेशन पे जब जाते हैं तो हिल स्टेशन पे ठंडा क्यों लगता है क्योंकि वो सी लेवल से ऊपर हो गया ना तो ऊपर क्या हो जाएगा कि नीचे एयर मासेज भारी-भारी एयर मासेज नीचे है गर्म एयर मासेज नीचे और सी लेवल से ऊपर जाओगे हिल स्टेशन पे तो वहां ठंडी एयर मासेज रहेगी उतनी डेंस एयर मासेज नहीं रहेगी हीट अप अ जो हीटेड एयर मासेज रहेगी वो ऊपर नहीं मिलेगी आपको ठीक है तो यही होता है कि वाटर वेपर्स जैसे-जैसे क्या होने लगती है राइज होने लगती है तो नीचे वो वाटर वेपर्स ह्यूमिड रहती है नीचे टेंपरेचर के कारण वर्म एयर के कारण लेकिन जब वो ऊपर जाएगी तो ऊपर जाने के बाद में क्या होगा दे स्टार्ट कूलिंग डाउन ठीक है तो वो ठंडा होना स्टार्ट कर देती है तो वाटर वेपर स्टार्टस कूलिंग डाउन फिर क्या होता है जब वो ठंडी और ठंडी होते जाती है तो वो कंडेंस हो जाती है तो वहां पे कंडेंसेशन प्रोसेस होता है देखो यहां पे आपको दिखेगा सन रेज है तो ये नीचे तो क्या है सब वर्म एयर है तो कलर में आपको दिख रही है फिर जैसे-जैसे ये ऊपर उठी है एयर मासेज के साथ में वाटर वेपर्स जैसे-जैसे ऊपर उठा है तो ऊपर उठने के बाद में क्या है तो कूलिंग राइजिंग मतलब ठंडी होती जा रही है ऊपर उठते जा रही है ठीक है फिर कंडेंस होने लगेगी तो एयर पार्सल जो है वो क्या होने लगेगी अब वो वाटर वेपर अभी क्या होता है कि अभी पूरा एटमॉस्फेयर में है वो लेकिन फिर वो जब ऊपर जाएगा ऊपर जाएगा जाते-जाते ठंडा होते होते होते सारी वाटर वेपर जुड़ जाएगी और वो वाटर वेपर जुड़ने के बाद में एक पानी की बूंद बनने लगेगी ठीक है तो फॉर्मेशन ऑफ वाटर ड्रॉपलेट और वाटर ड्रॉपलेट एक वाटर ड्रॉप ड्रॉपलेट दो वाटर ड्रॉपलेट और ऐसे 10 20 50 हजार करोड़ों वाटर ड्रॉपलेट्स मिलके क्या बना देती है क्लाउड बना देती है आया ना समझ में एक बार स्नैप रीकैप करते हैं देखो क्या होता है मॉइश्चर क्या है हवा एटमॉस्फेयर में जो भी वाटर वेपर्स हैं वो वॉटर वेपर्स क्या है जब तक जमीन पे है तो वो आपके आजूबाजू क्या क्रिएट करेंगे वो आपके आजूबाजू एक तरह से ह्यूमिडिटी क्रिएट करेंगे ठीक है और वर्म एयर मिलती रहेगी तो ह्यूमिडिटी बढ़ती जाएगी नीचे लेकिन जब ये वर्म एयर एक समय पे ज्यादा हो जाएगी तो वो इवापरिन को स्टार्ट कर देगी शुरुआत में इपोरेन लो रहेगा क्योंकि इतनी एनर्जी नहीं है सनरेज में कि वो वाटर वेपर्स को ऊपर उठा सके फिर क्या होता है फिर लेकिन जब सनरेज बढ़ती है ठीक है तो तो वाटर वेपर्स भी राइज करना स्टार्ट करती है अब जब वटर वेपर्स राइज करेगी तो वो क्या होगी ऊपर जाते-जाते ठंडी हो जाएगी कूल डाउन होगी कूल डाउन होने के बाद में कंडेंस होगी और कंडेंस होने के बाद में वाटर ड्रॉपलेट बन जाएगी और वाटर ड्रॉपलेट बनने के बाद में वो क्लाउड बन जाता है ठीक है बहुत सारी वाटर ड्रॉपलेट्स करोड़ों वाटर ड्रॉपलेट्स मिलके क्लाउड बनाएगी ठीक है व्हेन दिस ड्रॉपलेट्स ऑफ वाटर बिकम टू हैवी टू फ्लोट इन दी एयर देन दे केम डाउन एज प्रे अ प्रेसिपिटेशन ठीक है ये इंटरेस्टिंग चीज है अब हमने देखा कि जब तक वो वाटर ड्रॉपलेट्स सारी इकट्ठी हो ग एक साथ क्या बनती जा रही है क्लाउड बन गई है बड़े सुंदर से हमें क्या दिख रहे हैं क्लाउड्स जाते हुए दिख रहे हैं लेकिन जब वो बहुत हैवी हो जाएगी तो अब वो हवा में फ्लोट नहीं कर पा रही है हैवी हो गई है तो हैवी होने के बाद में क्या है वो जैसे ही हैवी होगी वॉटर ड्रॉपलेट्स तो नीचे गिर के आना स्टार्ट कर देगी तो वो प्रेसिपिटेटर देगी प्रेसिपिटेशन इन द फॉर्म ऑफ रेन अब प्रेसिपिटेशन मतलब ऊपर से नीचे गिरना वो रेन के फॉर्म में भी आ सकती है स्नो के फॉर्म में भी आ सकती है मतलब मान लो जहां पे क्या हो रहा है जहां पे बहुत क्या आपने देखा होगा पोल्स वगैरह प क्या स्नो फॉल होने लगती है तो वहां पे बहुत तेजी से क्या होता है कंडेंस होने लगता है कंडेंस होने लगती है वाटर वेपर्स कंडेंस होते होते होते क्या कंडेंस होते होते वो इतनी ठंडी हो जाती है क्योंकि वहां टेंपरेचर और कम रहता है कि वो अ वाटर ड्रॉपलेट आइस में कन्वर्ट हो जाती है और वो फिर स्नो फ्लैक्स के फॉर्म में नीचे गिरने लगती है स्नो फ स्नो फॉल होने लगती है ठीक है ये सारा सब कुछ पढ़ा हमने मॉइश्चर से जुड़ा हुआ ठीक आगे देखो क्या है यहां तक आ गया समझ में कि प्रेसिपिटेशन कैसे होती है तो वही मॉइश्चर जब ऊपर जाता है कंडेंस होता है कंडेंस होने के बाद में क्लाउड बनाता है और क्लाउड जब भारी हो जाते हैं तो पानी के रूप में नीचे आ जाते हैं ठीक है पानी के रूप में अ हेल स्ट्रोम ओलो के रूप में आ जाते हैं तरह-तरह से आते हैं स्नो अ फॉल के रूप में आते हैं ठीक है तो प्रेसिपिटेशन दैट कम्स डाउन ऑन दी अर्थ इन लिक्विड फॉर्म इज़ कॉल्ड रेन ठीक है तो यह समझना तो वो जो ऊपर से कुछ नीचे गिर रहा है ठीक व वाटर रॉ पलेट जब नीचे गिर रही है तो अगर वह लिक्विड के फॉर्म में आएगी पानी के फॉर्म में आएगी तभी हम उसे क्या कहेंगे रेन कहेंगे नहीं तो फिर स्नो फॉल भी हो सकती है जैसे बताया ठीक है तो प्रेसिपिटेशन दैट कम्स डाउन टू दी अर्थ इन लिक्विड फॉर्म इज कॉल्ड रेन ठीक है अब इंपॉर्टेंस ऑफ रेन समझ लो तो यहीं पे अब वो जो बारिश हुई है तो वो बारिश क्या है हमारे लिए तो सबसे पहले जल ही जीवन है ठीक है तो रेनफॉल बहुत ज्यादा जरूरी होगी ताकि हम क्या कर सके जिंदा रह सके कम से कम वो हो गया एक इंपॉर्टेंस ऑफ रेनफॉल में फिर अ प्लांट्स हेल्प्स टू प्रिजर्व अस प्लांट्स हेल्प्स अस टू प्रिजर्व दी वाटर प्लांट्स हमें कैसे मदद करते हैं पानी प्रिजर्व करने ने में ये भी समझो बारिश तो हो गई है अब वो बारिश जो हुई है तो उस पानी को हमें अब्जॉर्ब भी करना होगा ना तो प्लांट्स क्या करते हैं अपनी रूट्स के थ्रू पानी को एब्जॉर्ब कर लेते हैं पानी को एब्जॉर्ब करके रखते हैं जमीन के अंदर वाटर लेवल जो है उसे बनाए रखते हैं तो प्लांट्स हेल्प टू हेल्प्स टू प्रिजर्व वाटर ठीक है एंड प्रीवेंट्स फ्लड अब आप बोलोगे चलो पानी जहां तक एब्जॉर्ब किया वहां तक तो समझ आ गया अब ये फ्लड से कैसे बचाते हैं प्लांट्स हमें तो फ्लड से कैसे बचाते हैं समझो मान लो क्या है कि एक पहाड़ ये है एक पहाड़ ये है ठीक है इसका नाम है माउंटेन बी इसका नाम है माउंटेन ए अब क्या होता है माउंटेन ए पे बहुत सारे पेड़ पौधे हैं ठीक है बहुत सारे पेड़ पौधे हैं तो जब बारिश होगी तो ये पेड़ पौधे क्या करेंगे बारिश जब होगी तो ये पेड़-पौधे अपनी रूट्स में उन वाटर ड्रॉपलेट्स को रेन वाटर को स्टोर कर लेंगे ठीक है तो क्या हो जाएगा अब वो पानी नीचे नहीं आएगा नीचे आएगा भी तो ज्यादा नहीं आएगा अब केस टू देखो ये माउंटेन बी जो है तो यहां पे क्या होने वाला है यहां पे सिंपल सी चीज होगी कि पेड़ नहीं है जब रेनफॉल होगी तो सारा का सारा पानी नीचे बह के आएगा नीचे बह के आएगा तो वो क्या लाएगा फ्लड लेके आएगा आपके लिए गिफ्ट में तो उसी तरह से क्या है कि प्लांट्स होंगे तो हम फ्लड्स को भी रोक पाएंगे आया मजा ठीक है अब देखो क्या है तो इंपॉर्टेंस ऑफ द प्लांट इस सेंस में हमें क्या है कि पेड़ काटना नहीं है और पेड़ लगाना है तो आज इस चैप्टर में हमने दो-तीन बार पढ़ा है कि पेड़ की कितनी सिग्निफिकेंट है ऑक्सीजन वगैरह हर चीज हमें पेड़ से ही मिल रही है तो हमें पेड़ बचाना है बचाओगे ना गुड आगे देखो क्या है तो ऑन द बेसिस ऑफ मैकेनिज्म देयर आर थ्री टाइप्स ऑफ रेनफॉल तो अगर आप मैकेनिज्म के बेसिस पे देखें तो तीन तीन तरह की रेनफॉल होती है कौन-कौन सी तीन तरह की रेनफॉल होती है एक साइक्लोनिक रेनफॉल होती है ठीक है एक एक जो ओरोग्राफिक रेनफॉल होती है जो रिलीफ के कारण होती है और दूसरी होती है कन्वेंशनल रेनफॉल ये तीनों रेनफॉल मैं आपको समझाता हूं देखो साइक्लोनिक रेनफॉल क्या होती है कि साइक्लोन आते हैं अभी आपने न्यूज़ में भी देखा होगा कि जब जब साइक्लोन आए हैं तो साइक्लोन मान लो कोस्टल एरिया पे तो बारिश करवाएंगे ही करवाएंगे उसके साथ-साथ में जो इंटीरियर लैंड है ठीक है जो सेंट्रल स्टेट्स से मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश जो बीच में है वहां पे भी बारिश हो जाती है साइक्लोनिक रेनफॉल ये होती है जो रेनफॉल साइक्लोन के कारण हुई है अब साइक्लोन के कारण क्या हुआ तो देखो साइक्लोन को हम अच्छे से पढ़ेंगे नेक्स्ट वीडियो लेक्चर में जो केस स्टडी आपके इसमें दी है उड़ीसा की उसे तो पढ़ेंगे ही बाकी साइक्लोनिक रेनफॉल समझ लो तो कोल्ड एयर और वर्म एयर दोनों जहां पे मिल जाती है तो कोल्ड एयर और वॉर्म एयर के कारण क्या होता है वर्म एयर कंटीन्यूअसली ऊपर क्या करती रहती है वर्म एयर कंटीन्यूअसली ऊपर की तरफ एयर मासेज को ले जाती है और उन एयर मासस के अंदर क्या रहते हैं मॉइश्चर रहता है और ये कोल्ड एयर जो कंटीन्यूअसली आती रहती है तो ये कोल्ड कंटीन्यूअसली क्या लाती है अपने साथ में मतलब कोल्ड एयर विंड्स लेके आती रहती है तो विंड्स आ रही है विंड्स के साथ में मॉइश्चर आ रहा है तो मॉइश्चर आ रहा है ऊपर जा रहा है मॉइश्चर आ रहा है ऊपर जा रहा है आ रहा है ऊपर जा रहा है अब ऊपर कहां तक जाएगा भगवान के पास जाने से तो रहा ठीक है और एक समय पे जब वो कंडेंस हो जाता है पूरी तरह से क्लाउड फॉर्मेशन हो जाता है हैवी हो जाती है ड्रॉपलेट्स तो फिर पानी के फॉर्म में नीचे आ जाती है आ गया ना समझ में एक बार फिर से कोल्ड एयर जो आ रही है इधर से साइक्लोन में कोल्ड एयर और वर्म एयर दोनों मिलती है तो कोल्ड एयर अपने साथ क्या ला रही है मॉइश्चर और ये वर्म एयर वो मॉइश्चर को ऊपर पहुंचा रही है ऊपर पहुंचा रही है और फिर जब ये क्लाउड फॉर्मेशन हो जाएगा हैवी हो जाएगा तो वो फिर पानी गिर जाएगा इस तरह की जो बारिश होती है उसे साइक्लोनिक रेनफॉल कहा जाता है जो साइक्लोन के कारण होती है पढ़ेंगे नेक्स्ट वीडियो में कंप्रिहेंसिवली चिंता मत करो अगला क्या है रिलीफ ओरोग्राफिक रेनफॉल ओरोग्राफिक रेनफॉल क्या होती है मान लो इधर से हवाएं आ रही हैं अब हवाएं अपने साथ क्या लेके आएगी मॉइश्चर मॉइश्चर से पढ़ रहे हैं देखो मॉइश्चर का पूरा खेल है अगर एयर में मॉइश्चर है हवा में मॉइश्चर है तो प्रेसिपिटेशन होगी ठीक है मॉइश्चर लेके आ रही है ये वॉटर बॉडीज के ऊपर सारी इस मॉइश्चर लेके आ रही है अब इसको पहाड़ चढ़ना होगा इस एयर को ठीक है इस मॉइश्चर वाली एयर को पहाड़ चढ़ना होगा ओरोग्राफिक बैरियर आ गया अब ये जब पहाड़ चढ़ना होगा तो उस पहाड़ चढ़ने के लिए क्या है उसको एनर्जी लगेगी ठीक है पहाड़ चढ़ते चढ़ते क्या होगा नीचे से हीट एब्जॉर्ब करेगी पहाड़ के ऊपर से ठीक है एनर्जी लग रही है तो उस एनर्जी के चलते-चलते क्या होता है कि वो वाटर वेपर्स जो है जो मॉइश्चर है तो वो कंडेंस होने लगता है ठीक है वो कंडेंस होने लगता है हीट मिल रही है कंडेंस होते-होते और ऊपर जा रहा है ना ऊपर जा रहा है तो क्या ऊपर टेंपरेचर कम होने लगेगा अब ऊपर टेंपरेचर कम हो रहा है तो क्या मिलेगा उसको वहां पे टेंपरेचर कम हुआ तो धीरे-धीरे वो वाटर वेपर्स जो है तो वाटर ड्रॉपलेट्स में कन्वर्ट हो जाएगी वाटर ड्रॉपलेट्स और फिर बारिश हो जाएगी तो एक रेनफॉल जो किस कारण से होती है रिलीफ फीचर्स के कारण से वो हो गई क्या ओरोग्राफिक रेनफॉल और जो अगली है वो क्या है वो है कन्वे शल ठीक है तो कन्वे शल रेनफॉल जो हम यूजुअली देखते हैं क्या कि कन्वे शल रेनफॉल में हम जसे वाटर वेपर्स ऊपर जाती है पूरा जो प्रोसेस रहता है ठीक है जो नॉर्मली होती है कि ओशियन से पानी जाएगा ऊपर इपोरेन होगा वाटर वेपर्स फिर वो वाटर वेपर्स वाटर ड्रॉपलेट बनेगी फिर बारिश होगी तो एक कन्वेंशनल जो हम यूजुअली देखते हैं वार्म एयर के कारण क्या होता है एयर मासेज ऊपर उठती है और फिर क्लाउड फॉर्मेशन और फिर प्रेसिपिटेशन जो होता है तो ये तीन तरह की रेनफॉल ध्यान रखना है साइक्लोनिक रिलीफ मतलब पहाड़ के कारण पहाड़ चढ़ा पहाड़ चढ़ते चढ़ते थक गई टेंपरेचर ऊपर कम हुआ क्लाउड फॉर्मेशन प्रेसिपिटेशन और यहां पे कन्वे कन्वेंशनल जो होती है तो जो नॉर्मल प्रेसिपिटेशन होती है ठीक है ये सारा सब कुछ हमने पढ़ा किसमें मॉइश्चर में आई होप आपको समझ में आया क्या चीजें थी क्या नहीं थी क्लियर है अब नेक्स्ट वीडियो में हम क्या पढ़ने वाले हैं साइक्लोन अ साइक्लोन के बारे में जो आपको केस स्टडी दी है आपकी बुक में उस केस स्टडी को कंप्रिहेंसिवली डिस्कस करेंगे और उसी के साथ फिर हमारा चैप्टर जो है तो टॉपिक्स जो हैं सारे कंप्लीट हो जाएंगे आई होप यहां तक सारी चीजें क्लियर है किसी को किसी भी प्रकार का डाउट है तो फील फ्री टू आस्क इन कमेंट सेक्शन टिल देन स्टे कनेक्टेड कीप लर्निंग थैंक यू थैंक यू वेरी मच हेलो एवरीबॉडी दिस इज़ दिगरा सिंह राजपूत वेलकम टू मैग्नेट ब्रेंस इस वीडियो में हम क्या पढ़ने वाले हैं इस वीडियो में हम पढ़ेंगे साइक्लोन नेचर्स थ्योरी के बारे में देखिए अभी तक हमने क्या पढ़ा है तो जो हमारा चैप्टर है एयर इसके हमने जितने भी जो मैकेनिज्म होते हैं वो सारे सब कुछ समझ लिए हैं अब मैकेनिज्म तो समझ में आ गए और इन मैकेनिज्म का रियल लाइफ में इंपैक्ट क्या होता है वो हम इस वीडियो लेक्चर में पढ़ने वाले हैं एक केस स्टडी पढ़ेंगे ओडिसा में जो साइक्लोन आया था तो साइक्लोन के क्या इंपैक्ट हुए कैसे आया जो नहीं दिया बुक में वो भी बताऊंगा आपको मैं में ठीक है और पूरा साइक्लोन का जो पूरा प्रोसेस होता है वो किस तरह से डिस्ट्रक्शन क्रिएट करता है वो सारी चीजें हम इस वीडियो लेक्चर में कॉम्प्रिंट वली पढ़ने वाले हैं फाइन स्टार्ट करते हैं देखिए तो सबसे पहले क्या लिखा साइक्लोन नेचर्स फ्यूरी तो नेचर्स फ्यूरी मतलब क्या है कि प्रकृति का रोश आक्रोष बोलते हैं ना हम कि गुस्सा आ जाना बहुत अ एक तरह से क्या कहते हैं कि एक बहुत ज्यादा जब किसी को गुस्सा आता है तो हम उसे रोश आक्रोश कहते हैं तो वो वही चीज है कि जो साइक्लोन आया तो ये किसका था एक प्रकृति का गुस्सा था एक तरह से ठीक है नेचर में ओरिजनेट हुआ है नेचुरल प्रोसेस होती है पूरी अब ये जो नेचरल ज्योग्राफिकल प्रोसेस हुई है पूरी तो इस ज्योग्राफिकल प्रोसेस का लेकिन जो इंपैक्ट ह्यूमन बीइंग्स के ऊपर जो नेचर के ऊपर इंपैक्ट हुआ है वो बहुत डेट्रिमेंटल रहा है काफी सारी जाने गई है काफी सारा नुकसान हुआ है ये सारा सब कुछ हुआ है ठीक है सवाल ये होता है कि व्हाट इज साइक्लोन साइक्लोन होता क्या चीज है साइक्लोन साइक्लोन पहले हमें साइक्लोन बता दो बस सबसे ज्यादा डाउट बच्चों के मन में यही है देखो साइक्लोन होता क्या है सर्कुलेटरी विंड्स सर्कुलेट समझते हो गोल-गोल रानी कितना कितना पानी तो उसी तरह से सर्कुलेटरी विंड्स जो रहती हैं तो ये सर्कुलेटरी विंड्स ओशियन में ओरिजनेट होती है ठीक है ओशियन में क्यों ओरिजनेट होती है वो भी समझेंगे फॉर्मेशन में हम ओशियन में ओरिजनेट होती है और जो क्या करती है ओशियन में ओरिजनेट होने के बाद में जब ये टकराती है कहां पे लैंड पे ठीक है जमीन पे जब आती है जमीन पे जब आ जाती है विंड्स तो जमीन पे आने के बाद में डिस्ट्रक्शन क्योंकि ओशियन पे तो किसी ने घर बनाया नहीं है ओशियन पे घर नहीं बना तो ओशियन पे तो चल रही है हवा है वो लेकिन वो जब वो सर्कुलेटरी विंड्स घूमते घूमते जमीन पे आती है तो वो रेन फॉल रेनफॉल के बाद में क्या है डिस्ट्रक्शन क्रिएट करती है ठीक है कैसे यह समझो अब जरा देखो क्या है मैं आपको फॉर्मेशन सिंपल सा एकदम लुसिडो क्लोन बनता कैसा है आपने हाई प्रेशर लो प्रेशर समझ लिया है वेल एंड गुड अब मैंने आपको एक चीज तो बता ही दी और इतना ध्यान रहना चाहिए आपको कि विंड्स हमेशा कैसी चलेगी विंड्स हाई प्रेशर से हमेशा किस तरफ चलेगी लो प्रेशर की तरफ चलेगी जहां लो प्रेशर होगा वहां जाएगी विंड्स ठीक है तो देखो ओशियन प जब लो प्रेशर कंडीशंस होती है ओसन पे जब लो प्रेशर कंडीशन होगी और अब मैंने आपको बताया रिलेटिविटी रहती है कि अगर समुद्र जल्दी गर्म हो गया तो इधर क्या रहेगा ये ठंडा रहेगा तो जब ये रिलेटिवली ठंडा है तो ये जो लैंड मास है ठीक है ये तीन तरफ से क्या हो गया तीन तरफ से हाई प्रेशर बना हुआ है तो साइक्लोन के लिए साइक्लोन की फॉर्मेशन के लिए एक जो पहली कंडीशन रिक्वायर्ड रहती है वो समझो क्या है वो पहली कंडीशन जो साइक्लोन के फॉर्मेशन के लिए रिक्वायर्ड रहती वो ये रहती है कि अ वाटर बॉडी सराउंडेड बाय लैंड मार्स फ्रॉम थ्री साइड्स एक वटर बॉडी होना चाहिए वो वटर बॉडी में क्या होना चाहिए और कि एक लैंड मास तीन तरफ से लैंडमास से घिरी हुई होना चाहिए वो वटर बॉडी तो अब अगर आप देखोगे बे ऑफ बंगाल में क्या है इधर जमीन इधर जमीन इधर जमीन इधर म्यानमार तो तीन तरफ से जमीन हो गई ठीक है अब समुद्र पे अगर लो प्रेशर है और समुद्र पे लो प्रेशर है और जमीन पे अगर हाई प्रेशर है तो विंड्स किधर से किधर चलेगी ये बताओ मुझे विंड्स चलेगी आप हाई प्रेशर से लो प्रेशर की तरफ ऐसी विंड्स चलेंगी ठीक है इसको थोड़ा और अपन क्लियर करते हैं यहां पे देखो नहीं यार ठीक है ये यहां से बनाते हैं ऐसे ये ठीक है तो अब क्या हो रहा है कि यहां पे हाई प्रेशर है यहां पे भी हाई प्रेशर है यहां पे भी हाई प्रेशर है अब हाई प्रेशर से विंड्स चलेगी किस तरफ लो प्रेशर की तरफ आ गया समझ में यहां पे अब क्या होता है देखो ये विंड यहां आ रही है ये विंड यहां आ रही है ये विंड यहां आ रही है सारे विंड आपस में एक साथ कन्वर्ज हो रही है सारी विंड्स एक साथ मिल रही है अब यहां पे लो प्रेशर है मैंने आपको कहा तो लो प्रेशर है तो लो प्रेशर के चलते विंड्स यहां पे किस तरह से रिएक्ट करेगी यह भी समझ लो जैसे कहीं पे लो प्रेशर होगा तो विंड्स क्या करेगी ऊपर की तरफ क्या करेगी कन्वे शल करंट जो है इवेपरेशन होगा वो इवेपरेशन कन्वे करंट विंड्स को ऊपर उठाएगा तो लो प्रेशर एरिया पे विंड्स हमेशा ऊपर जाएगी ठीक है तो ये हाई प्रेशर से विंड्स आई सरफेस विंड्स और यहां लो प्रेशर होने के कारण अब विंड्स क्या करेंगी ऐसे इमेजिन करो 3d तो ये ऊपर उठेगी विंड्स उठ रही है ऊपर विंड्स अब क्या करेंगी ऊपर उठेंगी तो यहां से लो प्रेशर से विंड्स ऊपर उठेगी अब कंटीन्यूअसली क्या हो गया तो कंटीन्यू स्ली चारों तरफ से विंड्स आ रही है ठीक है चारों तरफ से मतलब तीन तरफ से आ रही है तीन तरफ से विंड्स आ रही है हाई प्रेशर से लो प्रेशर मूव कर रही है और अ लो प्रेशर कंडीशन के कारण क्या होता है ओशियन के ऊपर विंड्स ऊपर की तरफ राइज करने लगी ठीक है एयर मासेज जो एयर पार्सल्स है तो वो कन्वे करंट के साथ में क्या होगा ऊपर उठने लगे अब देखो क्या है तो कंटीन्यूअसली अब नीचे से विंड्स मिलते जा रही है और कंटीन्यूअसली लो प्रेशर के कारण विंड्स ऊपर भी उठते जा रही है तो विंड्स यहां पे क्या होती है एक सर्कुलेटरी पाथ ले लेती है क्योंकि ऊपर उठते जा रही है तो वो ऊपर जाके ऐसे सर्कुलेटरी पाथ लेने लगती है ठीक है और ये एक कंटीन्यूअस स्ट्रक्चर बन जाता है मतलब विंड्स बहुत तेज चलने लगती है बहुत तेज स्पीड से विंड्स चलने लगती है ठीक है अब ये जब तक यहां पे डांस करेगा साइक्लोन कोई दिक्कत नहीं है लेकिन जब ये मूव करता है मूव करता है किस तरफ लैंड मार्स की तरफ फॉर्मेशन आया ना समझ में अब जब ये लैंडमास की तरफ मूव करता है तो मूव करने पे क्या होगा जब ये ये लो प्रेशर कंडीशन यहां जमीन पे आ जाएगी ठीक है ये साइक्लोन इधर आएगा तो पहले तो वो डिस्ट्रक्शन जो हवाएं तेज चल रही थी वो हवाएं अब कोस्टल एरिया पे आएगी और उसके बाद में कोस्टल एरिया पे आने के बाद में क्या होता है कि अब क्योंकि नीचे से लो प्रेशर मिलना बंद हो जाता है लो प्रेशर मिलना बंद हो जाता है तो नीचे से हवाएं उठना बंद होती है और जितनी हवाएं थी तो वो अ वो जो ए मतलब मॉइश्चर लेके जो हवा आई थी तो वो मॉइश्चर क्या होता है मॉइश्चर मिलना बंद होता है और जितना मॉइश्चर ऊपर रहता है वो कंडेंस हो जाता है कंडेंस होके वाटर वेपर बनता है और वो वाटर वेपर बनने के बाद में बारिश की तरह गिर जाता है नीचे तो इसी कारण से साइक्लोन जब आता तो पहले बहुत सारा डिस्ट्रक्शन होता है विंड्स के साथ में फिर वो विंड्स धीरे से क्लाउड फॉर्मेशन करके पानी गिरा देती है तो बारिश भी होती तो फ्लड्स भी आती है और विंड के कारण डिस्ट्रक्शन होता है जब साइक्लोन आता है आया समझ में सिंपल सी चीज थी अब देखो क्या तो हम केस स्टडी पढ़ेंगे केस स्टडी ऑफ ओडिसा साइक्लोन तो ओडिसा कहां है देखो ये है ओडिसा यहां पे अब ये देख लो अगर यहां साइक्लोन बनेगा तो वो कोस्टल एरिया टकराएगा तो कोस्टल एरिया पे टकराएगा तो यहां पे वेस्ट बंगाल ठीक है उड़ीसा अ आंध्र प्रदेश ये कोस्टल एरियाज ज्यादा डिस्ट्रक्शन को सहन करेंगे ठीक देखो क्या होता है तो उड़ीसा लोकेटेड ऑन दी ईस्टर्न सी कोस्ट ऑफ इंडिया इज प्रोन टू साइक्लोंस दैट ओरिजनेट इन बे ऑफ बंगाल तो बे ऑफ बंगाल में जो साइक्लोन ओरिजनेट होते हैं ये बे ऑफ बंगाल है हमारा ठीक है बे ऑफ बंगाल में जो साइक्लोंस ओरिजनेट होंगे उन्हें ओड़ी सा और आंध्र प्रदेश इन कोस्टल एरिया पे ही क्या करना है डिस्ट्रक्शन करना ये तय है ठीक है अब क्या होता है तो 1999 में ऐसा ही कुछ हुआ तो अ सुपर साइक्लोन मतलब बहुत बड़ा बहुत इंटेंस साइक्लोन सुपर साइक्लोन अर् ऑन 29th अक्टूबर 1999 दैट डिवा लार्ज प्रोपोर्शंस ऑफ दी स्टेट ठीक है और जब 1999 में सुपर साइक्लोन आया तो इट डिवा पेटेड इट डिस्ट्रॉयड द लार्ज प्रोपोर्शन ऑफ द स्टेट व्हिच इज उड़ीसा उड़ीसा में बहुत ज्यादा डिस्ट्रक्शन हुआ द डैमेजेस कॉज्ड वर मेनली ड्यू टू थ्री फैक्टर्स विंड वेलोसिटी रेन एंड टाइडल सर्ज समझो विंड वेलोसिटी मैंने आपको बता है कि हवाएं तेज चलने लगती है फिर मैंने आपको बताया बारिश भी होती है ठीक है तो बारिश के कारण भी फ्लड्स वगैरह आ गई तो डिस्ट्रक्शन के दो कारण क्या हो गए विंड वेलोसिटी हाई विंड वेलोसिटी और रेन और तीसरा क्या है टाइडल सर्ज ये टाइडल सर्ज क्या होता है तो ने चैप्टर जब आप पढ़ेंगे वाटर तो उसमें वैसे तो आप टाइडल सर्ज और टाइड के बारे में सारा सब कुछ समझेंगे ही लेकिन अभी मैं फिर भी बता देता हूं कि समुद्र का पानी ऊपर उठने लगता है तो जो नॉर्मल जैसे मान लो कि ये आप यहां पे बैठे हो समुद्र का पानी यहां तक रहता है तो ये समुद्र का पानी ऊपर जब उठता है ना तो उसे टाइडल सर्ज कहते हैं अब क्या हो रहा है कि साइक्लोन भी आ गई बारिश भी हो गई और टाइडल सर्ज भी ठीक है समुद्र का पानी भी ऊपर उठा पानी कहीं से और नया नहीं आता है पानी जितना है वही रहता है लेकिन कुछ जियोग्राफिक एक्टिविटीज के कारण जैसे मून के कारण टाइड्स आती है आप नेक्स्ट चैप्टर में पढ़ोगे ठीक है वाटर में तो वो जो टाइडल सर्ज होता है उस टाइडल सर्ज के कारण क्या है पूरे कोस्ट एरिया में पानी घुस जाता है जब पूरे कोस्टल एरिया में पानी घुस जाता है तो वो पानी क्या करेगा डिस्ट्रक्शन करेगा यह तय है तो डिस्ट्रक्शन द डैमेज कॉज्ड वर मेनली ड्यू टू थ्री फैक्टर्स तीन फैक्टर्स से डैमेज हुआ विंड वेलोसिटी रेन और टाइडल सर्च आई होप आपको ये समझ में आया कि कैसे डिस्ट्रक्शन हुआ क्या डिस्ट्रक्शन हुआ क्यों डिस्ट्रक्शन हुआ फाइन अब आगे देखो क्या है ठीक है तो यह वही चीज है देखो ये लो प्रेशर यहां पे बना हुआ था तो इस कारण ये विंड्स ऊपर जा रही है ऊपर क्लाउड फॉर्मेशन हो रहा है ठीक है और ये हाई प्रेशर था इधर तो इधर से ये विंड्स आ रही है इस तरह से थोड़ा सा डायग्रामेटिक अ रिप्रेजेंटेशन है उस चीज का वो फाइन अ ये हो गया अब आगे देखो क्या है हम तो फॉर्मेशन मैंने आपको बताया फॉर्मेशन और देखो जरा इस चीज को समझो अच्छे से तो दी साइक्लोन ओरिजनेट एज ए डिप्रेशन इन दी गल्फ ऑफ थाईलैंड अब अगर हम बात की जाए कि जो टू 1999 में जो आया साइक्लोन वो उसकी फॉर्मेशन कैसे रही है तो यहां पे लो प्रेशर जो बनना डेवलप होना स्टार्ट हुई थी और फिर तीनों तरफ से हाई प्रेशर विंड्स जब चली तो यहां पे क्या होता है डिप्रेशन डेवलप होता है साइक्लोन का ठीक है ग्रेजुएट डायरेक्शन और ये साइक्लोन फिर विंड्स के साथ में इस तरफ नॉर्थ वेस्ट डायरेक्शन में आया ठीक है और आना भी उसे इंडिया ही था इंडिया का पता लेके आया था वो तो इट इंटेंसिफाइड इनटू अ सुपर साइक्लोन एंड हिट दी एरिया बिटवीन एराम एरा समा एंड अ बाली कुडा ठीक है तो ओडीसा के जो एरिया है एरा समा बाली कुडा इस एरिया के बीच में उसने क्या किया लैंड फॉल हुआ साइक्लोन का लैंडफॉल होना मतलब वो कहां जमीन से टकरा रहा है तो इन एरियाज के बीच में जब वो जमीन से टकराया तो यहां पे उसने डिस्ट्रक्शन किया कितनी प्रॉपर्टी डिस्ट्रॉय कर दी गई है तो देखो फैक्ट्स तो आप पढ़ सकते हैं बाकी मैं आपको एक आईडिया दे रहा हूं कि इस तरह से थाईलैंड के पास से ओरिजनेट हुआ वो विंड्स के साथ में नॉर्थ वेस्ट की तरफ मूव करते हुए आया और उड़ीसा की कोस्टल एरिया पे टकराता है ठीक है ये हो गया उसके बाद में इन ओड़ी सा ऑन 29th अगस्त एट 10:30 एएम तो 10:30 बजे सुबह के आसपास वो टकराया और जिस समय टकराया तो उस समय ऐसे बादल छाए अंधेरा हुआ ऐसा लग रहा था कि सुबह के 10:30 नहीं बज रहे हैं शाम के 7:00 बज चुके हैं इस तरह का सिचुएशन हो गया था ठीक है अब देखो क्या है तो ये सारी चीजें पढ़ने के बाद में अब आपसे कोई पूछ ले कि साइक्लोन की डेफिनेशन बता दो चलो तुमने साइक्लोन एज ए नेचर्स फरी पढ़ा है आपने तो फ्यूरी पढ़ा है तो साइक्लोन की डेफिनेशन बताओ तो क्या लिखोगे आप डेफिनेशन तो साइक्लिक मूवमेंट समझना ठीक है साइक्लिक मूवमेंट ऑफ विंड्स इन दी ओशियन कॉज्ड ड्यू टू डिफरेंट एयर प्रेशर कंडीशन एयर प्रेशर कंडीशन देखी हमने कहीं पे लो प्रेशर हाई प्रेशर तो जो साइक्लिक मूवमेंट डेवलप होती है ऑफ विंड्स कहां पे ओशियन में कॉज क्यों होती है क्योंकि डिफरेंट एयर प्रेशर कंडीशंस डेवलप होती है कॉजिंग ह्यूज डिवा केे शंस विद द स्ट्रोम ठीक है डिवा केे जो हो रहा है तो क्यों हो रहा है ड्यू कॉजिंग ह्यूज डिवा पेशन ड्यू टू स्ट्रम ठीक है विंड वेलोसिटी एंड टाइडल सर्ज इज नोन एज साइक्लोन सिंपल ठीक है तो अब देखो क्या है तो देयर वाज ह्यूज डिवा टेशन इन उड़ीसा क्या डिस्ट्रक्शन हुआ उड़ीसा में वो भी देख लो अ लार्ज नंबर ऑफ लाइव स्टॉक्स वर किल्ड बहुत सारे जानवर जो थे तो देखो इंसान तो भाग लेंगे जानवर कहां जाएंगे बेचारे तो लार्ज नंबर ऑफ लाइव स्टॉक्स वर किल्ड स्टैंडिंग क्रॉप्स ऑफ पेडी वेजिटेबल्स एंड फ्रूट्स वेर हैवली डैमेज्ड तो जो क्रॉप्स थी ठीक है वो तो अब क्रॉप्स भी नहीं भाग सकती है ठीक है अफसोस की बात है कि क्रॉप्स के पेर नहीं होते वो नहीं भाग पाएगी तो सारी क्रॉप्स जो भी पैडी वगैरह की राइस की वेजिटेबल्स वगैरह फ्रूट्स वगैरह लगे थे वो सब कुछ डैमेज हो गया ड्यू टू सैलिनाइजेशन कॉज्ड बाय द टाइडल सर्ज लार्ज ट्रैक्स ऑफ एग्रीकल्चरल लैंड्स हैव टर्न इन फर्टाइल अब मैंने आपसे कहा कि समुद्र का पानी बढ़ा तो समुद्र का पानी जब बढ़ेगा तो समुद्र का पानी लोगों के खेतों में जाएगा अब देखो समुद्र का पानी खेतों में जाके वापस निकल जाएगा लेकिन वो अपने साथ जो सॉल्ट लेके गया था समुद्र के पानी में सॉल्ट होता है ठीक है सॉल्ट ही होता है ना नेचर में तो जो सॉल्ट लेके गया था वो सॉल्ट तो वहीं रह जाएगा ठीक है तो उस कारण से क्या होगा या वही रह जाएगा या फिर वो मिट्टी एक बार उस सॉल्टी वाटर में मिल जाएगी ना तो जो हम कहेंगे कि एग्रीकल्चरल लैंड थी वो इन फर्टाइल हो गई अब सब कुछ नमक हो गया उसमें ठीक है लास्ट ट्रैक्ट्स ऑफ साल टीक एंड बैंबू प्लांटेशंस डिसअपीयर्ड तो जो प्लांटेशन फील्ड्स थी पेड़ लगा के रखे थे वो सब कुछ डूब गया पता ही नहीं कहां गया ठीक है फिर उसके बाद में द मैंग्रोव फॉरेस्ट बिटवीन पैरा दवी एंड कोनार्क वनिश्ड मैंग्रोव फॉरेस्ट क्या होते है वो मैं आपको बताता हूं थोड़ा सा ब्रीफ में देखो कोस्टल एरिया पे कुछ पेड़ होते हैं इस तरह से पेड़ लगे होते हैं जो ओशियन और कोस्टल लाइन दोनों के बीच में होते हैं और ये ओशियन वाटर जो है तो उसको उधर जाने नहीं देते हैं ठीक है अब क्या होता है कि जब तक नॉर्मल स्थिति है जब तक तो ठीक है अब मान लो बहुत तेजी से सुनामी टाइप से पानी आ रहा है अगर बहुत सर्ज होके आ रहा है बहुत ऊंची लेवल से पानी आ रहा है तो पेड़ों के ऊपर से निकल जाएगा तो ये जो मैंग्रोव फॉरेस्ट थे ये भी बेचारे वैनिशर गए जो एक बाउंड्री का काम करते थे हमारे लिए तो वो मैंग्रोव फॉरेस्ट बिटवीन पैरा दवी एंड कोनार्क वनिश्ड तो पैरा दवी पोर्ट जो उड़ीसा में वहां से लगा के कोनार्क जो भी एक जगह है अ ओड़ीशा में तो वो पूरा सब वैनिशर गया तो ये इतना डिस्ट्रक्शन कॉज हुआ था कब जो ओड़ीशा में साइक्लोन आया था उस उससे तो आई होप आपने देखा कि किस तरह से एयर प्रेशर कंडीशंस नेचुरल डिजास्टर सच एज साइक्लोन को क्या करती है जन्म देती है ठीक है तो दिस वास ऑल अबाउट द चैप्टर पूरा चैप्टर इंटरेस्टिंग था बहुत सारी नई-नई चीजें आपको जानने को मिली है ठीक अब हम क्या करेंगे नेक्स्ट वीडियो लेक्चर में डू यू नो फैक्ट जो बचे हैं उन्हें डिस्कस करेंगे और इसी के साथ हमारा चैप्टर पूरी तरह से कंप्रिहेंसिवली कंप्लीट होने वाला है फाइन तो मिलते हैं नेक्स्ट वीडियो में किसी प्रकार के डाउट है तो फील फ्री टू आस्क इन कमेंट सेक्शन टिल देन स्टे कनेक्टेड कीप लर्निंग थैंक यू थैंक यू वेरी मच हेलो एवरीबॉडी दिस इज दिगरा सिंह राजपूत वेलकम टू मैग्नेट ब्रेन इस वीडियो में हम क्या देखने वाले हैं हैं इस वीडियो में हम डू यू नो फैक्ट्स को डिस्कस करने वाले हैं किस चैप्टर से तो जी हां जिस चैप्टर को अभी तक कंप्रिहेंसिवली डिस्कस कर चुके हैं हर टॉपिक सब टॉपिक हर चीज को पढ़ चुके हैं उसी चैप्टर के जो फैक्ट्स हैं जो बॉक्स में आपको दिए हुए कहीं-कहीं उन सारी इंटरेस्टिंग चीजों को हम इस वीडियो लेक्चर में डिस्कस करने वाले हैं तो क्लास सेवन जियोग्राफी का चैप्टर चैप्टर था एयर जिसे हम पूरा पढ़ चुके हैं तो आइए देखते हैं उस चैप्टर में कौन-कौन से डू यू नो फैक्ट्स दिए गए हैं क्लियर तो पहला फैक्ट क्या है द स्टैंडर्ड यूनिट ऑफ मेजरिंग टेंपरेचर इज डिग्री सेल्सियस ठीक है टेंपरेचर को किस यूनिट में मेजर किया जाता है डिग्री सेल्सियस वाले यूनिट में मेजर किया जाता है टेंपरेचर को ठीक है आ गया समझ में डिग्री सेल्सियस वाले यूनिट में मेजर किया जाता है अब ये सेल्सियस क्यों बोलते हैं हम ठीक है तो उसके पीछे कारण है कारण क्या है क्योंकि ये जो सेल्सियस स्केल थी टेंपरेचर को नापने के लिए जो स्केल बनाई गई ठीक है तो इट वास इनवेंटेड बाय एंड्रेस सेल्सियस ठीक है ये जो अंकल की फोटो देख रहे हैं आप तो इन्होंने सेल्सियस स्केल बनाई थी जिस पे आज हम टेंपरेचर को क्या करते हैं नापते हैं ठीक तो ऑन सेल्सियस स्केल दी वाटर फ्रीजस एट 0 डिग्री सेल्सियस एंड स्टार्टस बॉयलिक ध्यान रखना है आपको कि पानी के कंटेक्सचर्स होता है वो 100° पे तो ये एक बैंड हो गया है अब ऐसा नहीं है कि आप जीरो से 100 तक सब कुछ सहन कर लोगे तो यूजुअली ह्यूमन बीइंग्स के लिए क्या स्केल देखें तो ज्यादा विंटर्स में भी 8° 10° के नीचे जब टेंपरेचर जाता है तो ठंड लगने लगती है बहुत तेज और जीरो के नीचे बर्फ जमने लगता है पानी पे लेकिन 100° तक नहीं जा सकते हो आप 50° के बाद में ही आपको टेंपरेचर कैसा लगने लगता है बहुत तेज गर्मियां लगने लगती है ना वो कहानी है तो ये एक बैंड है इसके बाद में उबलने लगता है इसके बाद में जमने लगता है पानी ठीक अ ये हो ग एंड्रस सेल्सियस अगला फैक्ट क्या है हमारे पास देखो तो ऑन दी मून देयर इज नो एयर एंड हेंस नो एयर प्रेशर दिखती बात है जो एयर प्रेशर वाला टॉपिक बताया था मैंने तो आपको क्या बताया था कि एटमॉस्फेयर ट्रोपो स्फेयर में जो प्रेशर है एयर प्रेशर वो एयर प्रेशर और हमारी बॉडी का एयर प्रेशर दोनों बैलेंस्ड वे में है और बैलेंस्ड वे में है इसलिए चीजें सही बैलेंस्ड वे में चल रही है अगर प्रेशर कम ज्यादा दोनों में से कहीं भी होता है तो उसके नेगेटिव इंपैक्ट देखने को मिल सकते हैं एक एग्जांपल तो मैंने आपको भी बताया था कि माउंटेंस पे लोग चढ़ते हैं तो उनकी नाक में से खून आने लगता है ठीक है नोज ब्लीडिंग स्टार्ट हो जाती है क्यों क्योंकि एयर प्रेशर ऊपर क्या हो जाता है कम हो जाता है माउंटेंस पे और बॉडी का एयर प्रेशर तो वही रहना है ब्लड प्रेशर वही रहना है ठीक है तो अब देखो क्या है एक और चीज बताता हूं तो एस्ट्रोनॉट्स हैव टू वेयर स्पेशल प्रोटेक्टिव स्पेशल सूट्स व्हिच अ फिड विद एयर व्हेन दे गो टू दी मून ठीक है तो एस्ट्रोनॉट्स जब मून पे जाते हैं अब मून पे एयर तो है नहीं है हेंस नो एयर प्रेशर अब क्या होगा उनकी बॉडी तो लेकिन लेके जाना पड़ेगा ना बॉडी थो रही ना छोड़ के जाएंगे यहां अब वो बॉडी का जो प्रेशर रहेगा बॉडी प्रेशर जो है ब्लड प्रेशर जो अंदर दौड़ रहा है ब्लड वो तो अलग है मैच नहीं हो रहा बैलेंस नहीं हो रहा है तो उसके नेगेटिव इंपैक्ट्स क्या देखने को मिल सकते हैं कि अगर एस्ट्रोनॉट्स वो सूट ना पहने स्पेशली डिजाइन सूट ना पहने तो उनकी ब्लड वेसल्स फट सकती है बर्स्ट हो सकती है ठीक है इसीलिए एस्ट्रोनॉट्स के लिए क्या किया जाता है स्पेशली डिजाइन अ स्पेशली डिजाइन सूट्स बनाए जाते हैं ताकि जिसके अंदर क्या एयर डाली जाती है ठीक है तो एयर डाली जाती है ताकि एयर प्रेशर उनकी बॉडी का और बाहर का मतलब बाहर इन द सेंस बॉडी के बाहर कपड़े हैं तो बाहर का और बॉडी का एयर प्रेशर बना रहे और इसी कारण से जो सूट्स आते हैं वो महंगे भी होते हैं क्लियर तो इफ दे डू नॉट वेयर दीज स्पेशल सूट्स दी काउंटर प्रेशर एजर्टन बाय दी बॉडी ऑन दी एस्ट्रोनॉट्स वुड मेक दी ब्लड वेसल्स बर्स्ट तो अगर वो सूट नहीं पहनेंगे तो ब्लड वेसल्स फूटने की पूरी-पूरी संभावना है द एस्ट्रोनॉट्स वुड ब्लीड और फिर सब खूनम खून हो जाएगा ठीक है आगे देखो क्या है अब अगली चीज क्या है अ विंड इज नेम आफ्टर द डायरेक्शन फ्रॉम व्हिच इट ब्लोज हां हमने विंड देखा था विंड वाला जब टॉपिक मैंने आपको समझाया तो विंड के नाम होते थे ईस्टर लीज वेस्टर लीज ठीक है तो वो ईस्टर लीज कौन सी विंड होगी वेस्टर लीज कौन सी होगी तो जो नामकरण होता है वो नामकरण कैसे करते हैं हम देखिए तो अ विंड इज नेम आफ्टर दी डायरेक्शन फ्रॉम व्हिच इट ब्लोज एग्जांपल गिवन में द विंड ब्लोइंग फ्रॉम दी वेस्ट इज़ कॉल्ड वेस्टर्लीज ठीक है तो विंड जो वेस्ट से बह रही है उस विंड का नाम क्या होता है वेस्टरली और जो ईस्ट से चल रही है उसका नाम ईस्टरली कंफ्यूजन है ये देखो कंफ्यूजन का सॉल्यूशन भी है एस्ट्रोनॉट ठीक है अब देखो क्या है तो यह विंड जैसे आप देखोगे वेस्ट से चल रही है वेस्ट से इधर की तरफ बहते हुए जा रही है तो इसका नाम वेस्टरली हो गया जो विंड ईस्ट से चल रही है उसका नाम क्या हो जाएगा ईस्टरली हो जाएगा ईस्ट से वेस्ट जा रही है तो पॉइंट ऑफ ओरिजिन से नाम दिया जाता है तो नामकरण ऐसे होता है अब उसके आगे प्रीफिक्स लग जाता है जैसे जो पोल्स पे बहेगी तो क्या कहलाए गी पोलर वेस्टर लीस्ट पोलर ईस्टर लीस्ट कहलाए कीी जो इक्वेटर वाले एरिया में जो ट्रॉपिकल एरिया में तो ट्रॉपिकल वेस्टर लीस कहा जाता है उन्हें ठीक है ये एक अलग नाम देने का तरीका होता है बाकी जो यू मतलब वो तो आपने प्रीफिक्स एरिया के हिसाब से लगा दिया और सारी विंड्स ईस्टरली वेस्टरली किस हिसाब से होगी वो उनके डायरेक्शन के हिसाब से कहलाए गी ठीक है अगला फैक्ट देखो क्या है डू यू नो एयर वाले चैप्टर में हमने प्रेसिपिटेशन वाला मतलब जो मॉइश्चर वाला टॉपिक समझाया था आपको तो मॉइश्चर के टॉप टॉपिक में मैंने आपको प्रेसिपिटेशन के बारे में कुछ बताया था कि बारिश होती है अब बारिश एक टाइप ऑफ प्रेसिपिटेशन है और भी अलग-अलग तरह के प्रेसिपिटेशन होते हैं बहुत सारे जैसे स्नो फॉल तो स्नो फॉल भी क्या है प्रेसिपिटेशन ऊपर से नीचे कुछ गिर रहा है वो प्रेसिपिटेशन तो स्नो फॉल होती है एक तो जिसमें आप देखते हैं कि स्नो फ्लैक्स जो रहते हैं ठीक है बर्फ के बहुत कह सकते हैं कि बर्फ ही आ रही है ऊपर से लेकिन वो बर्फ ऐसी नहीं आ रही कि जो आप आइस क्यूब निकाल के मारोगे सिर फुट जाएगा ठीक है तो बहुत क्या होती है स्नो फ्लैक्स समझते हैं ना आप तो बुरे टाइप से आती है वो ठीक है स्नो फ्लैक्स हो गई यहां पे अगली चीज क्या है अ एक प्रेसिपिटेशन स्नो होता है दूसरा प्रेसिपिटेशन स्लिट होता है और तीसरा प्रेसिपिटेशन हेल होता है अब स्लिट और हेल जो है तो दोनों में ही बर्फ के क्या हो रहे हैं बर्फ के एक तरह से बोल्ड्स आते हैं ठीक है बर्फ के टुकड़े जिसे ओले गिरना कहते हैं ना वो लेकिन फिर भी दोनों का अलग-अलग नाम क्यों है तो ये अलग-अलग नाम है इनकी फॉर्मेशन के कारण देखो हेल क्या होता है हेल स्ट्रोम क्या होता है कि जब ऊपर से ही बर्फ के क्या निकल रहे हो बर्फ के बोर्डर्स आ रहे हो बर्फ के क्या टुकड़े आ रहे हो एक तरह से तो वो ऊपर से जब बहुत ज्यादा कंडेंस हो जाते हैं तो वो हेल स्ट्रोम आता है ठीक है वो बोर्डर्स आ गए वो तो हेलस्ट्रोम में हो गया अब ये स्लिट जो रहती है तो ये क्या करती है ये गिरगिट की तरह होती है ठीक है बार-बार अपना फॉर्म बदल लेती है कैसे तो ऊपर से पहले तो क्या निकलेगा ऊपर से अगर आप देखोगे तो ऊपर सेने स्नो फॉल होगी ठीक है वो स्नो फॉल जब होगी तो वो ऊपर से स्नो ये वाली स्नो बन के आ रही थी स्नो फॉल हो रही थी वो स्नो फॉलल धीरे-धीरे आते-आते गर्मी के कारण क्या होती है मेल्ट होके वाटर वेपर बन जाती है ठीक है अब वो स्नो किसमें कन्वर्ट हो गई वाटर में कन्वर्ट हो गई फिर वो ऊपर से आते-आते जब उनको क्या होता है वापस से टेंपरेचर डिप मिलता है स्लिट कब होती है जब एटमॉस्फेयर में इस तरह का इस तरह की कंडीशन प्रीवेल करती है कि पहले स्नो अ फॉल आ हो रहा है और फिर स्नो फॉल के चलते यहां पे क्या है एक बैंड जो है एटमॉस्फेयर में वो हाई टेंपरेचर का है तो ये स्नो फ्लैक्स जो है वो वाटर ड्रॉपलेट में बन कन्वर्ट हो जाएगी अब ठीक है जब हाई टेंपरेचर यहां पे टेंपरेचर ज्यादा रहेगा इस बैंड में तो हाई टेंपरेचर के कारण क्या हो जाएगा कि वो स्नो फ्लैक्स वाटर वेपर बन जाएगी और वही वाटर वेपर जब वापस से क्या कहते हैं वाटर वेपर वापस से कोल्ड बैंड में जाएगी एटमॉस्फेयर के ट्रोपो स्फेयर के जब थंड एरिया में वापस से एंटर करेगी तो अब ये वाटर ड्रॉपलेट जो थी तो थंड के कारण क्या हो जाएगी वापस क्या बन जाएगी बोल्ड्स बन जाएंगी जैसे जो हेलस्ट्रोम में हम ओले देखते हैं ना तो वो ओले बन जाएंगे और फिर जमीन पे कैसे गिरेंगे ये तो इस तरह से जमीन पे अ स्नो फ्लैक्स रहती है एकदम बुरा रहता है और ये क्या रहता है थोड़ा सा हार्ड सब्सटेंस रहता है ठीक है तो ये सारा सब कुछ था प्रेसिपिटेशन के बारे में डू यू नो फैक्ट्स के बारे में आई होप यहां तक चीजें समझ में आई है चैप्टर जो है अब थ्योरी पार्ट पे भी पूरा कंप्लीट हो गया है डू यू नो फैक्ट्स भी डिस्कस कर लिए सारी चीजें हो गई है रह क्या गया है तो बचा अब सिर्फ क्या है एनसीआरटी सलूशन तो इस चैप्टर के एनसीआरटी सॉल्यूशंस नेक्स्ट वीडियो लेक्चर में हम डिस्कस करने वाले हैं आई होप चीजें यहां तक क्लियर है किसी प्रकार की कोई डाउट है तो फील फ्री टू आस्क इन कमेंट सेक्शन टिल देन स्टे कनेक्टेड कीप लर्निंग थैंक यू थैंक यू वेरी मच हेलो एवरीबॉडी दिस इज दिगरा सिंह राजपूत वेलकम टू मैग्नेट ब्रेंस इस वीडियो में हम क्या पढ़ने वाले हैं इस वीडियो में हम पढ़ेंगे एनसीआरटी सॉल्यूशंस किस चीज के तो जिस चैप्टर को थ्योरी पार्ट पर टॉपिक सब टॉपिक हर चीज को हम कंप्रिहेंसिवली पढ़ चुके हैं डिस्कस कर चुके हैं उस चीज को अब हम क्या करने वाले हैं उस चीज के एनसीआरटी सलूशन जो है वो डिस्कस करने वाले हैं क्वेश्चंस तो आपकी बुक में है आंसर कहां है आंसर मैग्नेट ब्रेंस पे है ठीक है स्टार्ट करते हैं तो देखिए क्या है आंसर द फॉलोइंग क्वेश्चन पहली चीज है अब आंसर द फॉलोइंग क्वेश्चन में जितने भी क्वेश्चंस है उनके आंसर हम डिस्कस करने वाले हैं अभी सेवंथ में हो चल रहा है मिल जाएगी लेकिन नाइंथ आपको खुद से आंसर लिखने की कोशिश करना होगी और वो हैबिट आज से अगर स्टार्ट करोगे तो वेल एंड गुड बहुत बढ़िया होगा वो ठीक है बाकी देखो क्या है तो व्हाट इज एटमॉस्फियर तो द एटमॉस्फियर इज अ ह्यूज ब्लैंकेट ऑफ एयर दैट सराउंड्स द अर्थ सिंपल सा क्वेश्चन सिंपल सी डेफिनेशन सिंपल सा आंसर और अगर डिटेल में जाना है तो आप लिख सकते हो क्या कि देयर आर वेरियस गैसेस प्रेजेंट इन द एटमॉस्फेयर हीलियम हाइड्रोजन नाइट्रोजन ऑक्सीजन कार्बन डाइऑक्साइड ठीक है एंड देयर इज अ देयर आर मल्टीपल लेयर्स ऑफ दी एटमॉस्फेयर तो वो मल्टीपल लेयर्स कौन-कौन सी है जो हमने स्ट्रक्चर में डिस्कस करी है आई होप आपने वाला वीडियो लेक्चर देखा है तो देखा है तो आप आंसर भी दे ही देना ठीक है कमेंट सेक्शन में आपका होमवर्क क्या हो गया यू आर रिक्वायर्ड टू राइट व्हाट आर दी डिफरेंट लेयर्स ऑफ दी अ एटमॉस्फेयर व्हाट इज दी डिफरेंट व्हाट इज दी स्ट्रक्चर ऑफ एटमॉस्फेयर कौन-कौन से स्फीयर होते हैं ठीक है ये हो गया फिर देखो क्या है अगला क्वेश्चन व्हिच टू गैसेस मेक्स दी बल्क ऑफ दी एटमॉस्फेयर एटमॉस्फियर का बल्क जो है एक मेजर पार्ट जो है एटमॉस्फेयर का वो कौन सी दो गैसेस से बनता है तो नाइट्रोजन एंड ऑक्सीजन ये दो गैसेस जो हैं तो इट मेक्स अप दी बल्क ऑफ दी एटमॉस्फेयर ठीक है जो बल्क बनाने की बात कर रहे हैं तो वो नाइट्रोजन और ऑक्सीजन से बनता है व्हिच गैस क्रिएट्स ग्रीन हाउस इफेक्ट इन दी एटमॉस्फियर एटमॉस्फेयर में ग्रीन हाउस इफेक्ट कौन सी गैस क्रिएट करती है तो कार्बन डाइऑक्साइड क्रिएट्स ग्रीन हाउस इफेक्ट इन दी एटमॉस्फियर कार्बन डा इ द कार्बन डाइऑक्साइड इज दी राइट आंसर और ये मैंने आपको समझाया भी था कि किस तरह से जो सोलर इंसुलेशन आ रही है उसमें जो हीट है उस हीट को ट्रैप करके रखने का काम किसका होता है कार्बन डाइऑक्साइड का काम होता है वो ठीक है व्हाट इज वेदर वेदर क्या होता है वेदर देखो समझो तो वेदर इज अ मिक्सचर ऑफ इवेंट्स दैट हैपन ईच डे ठीक है ईच डे इज द की वर्ड हमने क्लाइमेट वेदर दोनों चीजें पढ़ी थी तो वेदर क्या होता है जो डे टू डे आर टू आर चेंज होने वाली चीज है तो वेदर इज अ मिक्सचर ऑफ इवेंट्स दैट हैपेंस अ दैट हैपेंस ईच डे इन आवर एटमॉस्फेयर इंक्लूडिंग इन अर एटमॉस्फियर इंक्लूडिंग टेंपरेचर रेनफॉल ह्यूमिडिटी तो ये सारे फैक्टर्स हो जाते हैं जो वेदर को इन्फ्लुएंस करते हैं वेदर इज नॉट सेम एवरी वेयर एंड एवरी डे ये भी लिख सकते हो ठीक है हर दिन हमारे यहां वेदर अलग होता है ठीक है हर जगह वेदर अलग होता है तो ये आंसर हो गया आपका क्या व्हाट इज वेदर का आगे देखो क्या है आगे क्वेश्चन नेम थ्री टाइप्स ऑफ रेनफॉल तीन तरह के रेनफॉल कौन-कौन से होते तो द थ्री टाइप ऑफ रेनफॉल्स आर ये मैंने बताया आपको ठीक है मॉइश्चर वाले टॉपिक में तो कन्वेंशनल रेनफॉल ओरोग्राफिक रेनफॉल साइक्लोनिक रेनफॉल तो कन्वेंशनल तो जो नॉर्मली क्या होता है वाटर वेपर्स ऊपर जाते हैं क्लाउड फॉर्मेशन प्रेसिपिटेशन वो वाले हो गए कन्वे शल ओरोग्राफिक क्या है जब पहाड़ चढ़ती है मैंने बताया जब कुछ बीच में क्या आ जाता है फिजिकल फीचर आ जाता है माउंटेनस आ जाते हैं प्लेट्यू आ जाते हैं तो ओरोग्राफिक रेनफॉल होती है और तीसरी चीज क्या है साइक्लोनिक रेनफॉल तो साइक्लोन के कारण जब वर्म एयर और कोल्ड एयर दोनों मिलती है तो मैंने आपको वो भी बताया था समझा के कि वर्म एयर कंटीन्यूअसली मॉइश्चर को ऊपर ले जाती है अल्टीमेटली इट लीड्स टू अल्टीमेटली इट लीड्स टू साइक्लोनिक रेनफॉल क्लियर है तो ये थ्री टाइप्स ऑफ रेनफॉल में आ गया आगे क्या है व्हाट इज एयर प्रेशर एयर प्रेशर क्या है तो द प्रेशर एर्टे बाय वेट ऑफ एयर तो एयर की जो वजन है उसने जो प्रेशर एजर्टन अर्थ सरफेस के ऊपर ठीक है ऑन द अर्थ सरफेस इज कॉल्ड एयर प्रेशर सिंपल से आंसर है सारी चीजें डिस्कस करिए फिर भी लिखा हुआ चाहिए तो हमने एक बार और डिस्कस कर लिया और इसका फायदा क्या रहता है पता है इस चीज का सबसे इंपोर्टेंट फायदा रहता है कि पूरा चैप्टर एक बार रिवाइज हो जाता है फाइन आगे देखो क्या है आगे ये है व्हिच ऑफ द फॉलोइंग गैसेस प्रोटेक्ट अस फ्रॉम हार्मफुल सन रेज हार्मफुल भयानक सन रेज जो होती है तो उन सनरेज से हमें कौन सी गैसेस प्रोटेक्ट करती है ठीक है तो सन रेज से कार्बन डाइऑक्साइड नाइट्रोजन ओजोन कौन सी रेज प्रोटेक्ट करती है सोचो जरा दो मिनट आंसर मन में देख लो ठीक है तो आंसर इसका सही आंसर क्या होने वाला है ओजोन ओजोन लेयर जो है ना पूरी तो ओजोन क्या करती है हमें हार्मफुल सन रेज से प्रोटेक्ट करती है अल्ट्रावायलेट रेज से प्रोटेक्ट करती है अगला क्वेश्चन क्या है अगला क्वेश्चन यहां है देखो तो द मोस्ट इंपोर्टेंट लेयर ऑफ दी एटमॉस्फेयर जी हां अ सबसे इंपॉर्टेंट लेयर ऑफ एटमॉस्फेयर अगर आपसे पूछी जाए कौन सी है तो जो सबसे नीचे है चलो मैंने हिंट दे दिया आंसर मन में सोच लिया ठीक है ट्रोपो स्फेयर इज दी राइट आंसर ठीक है ट्रोपो स्फेयर जो है तो हमारा जो हमारा इंटरेक्शन है वो हमारी जो लेयर है ठीक है एटमॉस्फेयर की जो हम हमसे जुड़ी हुई लेयर जो है अर्थ से जुड़ी ई वो ट्रोपो स्फेयर वही सबसे इंपॉर्टेंट है ठीक है आगे क्या है व्हिच ऑफ दी फॉलोइंग लेयर ऑफ द एटमॉस्फेयर इज फ्री फ्रॉम क्लाउड्स क्लाउड्स नहीं है जहां पे कौन सी लेयर है ऐसी तो ट्रोपो स्फेयर में तो क्लाउड होते हैं तो हमारी लेयर तो ये तो ऑप्शन में ही हट गया कभी-कभी क्या होता है कि आपको सही आंसर पता होना जरूरी नहीं है आपको यह पता होना चाहिए कि यह गलत है तो भी काम बन जाता है अब आपको पता है कि ट्रोपो स्फेयर तो नहीं है तो एक ऑप्शन हट गया अब 50 पर प्रोबेबिलिटी है दो में से एक चूज करना है अब हमारी लेयर खत्म होती है उसके बाद कौन सी चालू होती है स्ट्रेटोस्फीयर और स्ट्रेटोस्फीयर ही सही आंसर है क्यों क्योंकि स्ट्रेटोस्फीयर में क्लाउड्स नहीं है वहां पे क्या उड़ते हैं प्लेंस स्टेबल ज़ोन होता है बहुत ठीक है तो यह थे एमसीक्यू दो और है हमारे पास में चलो देखते हैं क्या है एज वी गो अप दी लेयर्स ऑफ़ दी एटमॉस्फेयर ठीक है द प्रेशर जो प्रेशर की बात कर रहे एयर प्रेशर की तो जैसे-जैसे आप ऊपर जाओगे एयर प्रेशर क्या हो जाएगा बहुत बढ़ते जाएगा क्या एयर प्रेशर नहीं क्या होते जाएगा डिक्रीज होते जाएगा तो एयर प्रेशर वुड डिक्रीज बताया था सी लेवल पे सबसे ज्यादा एयर प्रेशर जमीन पे सबसे ज़्यादा एयर प्रेशर रहेगा जो ़ डिग्री मतलब 0 मीटर्स पे सी लेवल पे एकदम फिर जैसे-जैसे आप ऊपर जाओगे तो एयर प्रेशर अपने आप क्या हो जाएगा डिक्रीज होते चले जाएगा ठीक आगे देखो क्या है व्हेन प्रेसिपिटेशन कम्स डाउन टू दी अर्थ इन दी लिक्विड फॉर्म फॉम इट इज कॉल्ड जब प्रेसिपिटेशन लिक्विड फॉर्म में आती है नीचे लिक्विड फॉर्म में कहां से आएगी जब हम देखते हैं जैसे एटमॉस्फेयर है पूरा एटमॉस्फियर में क्या होता है अलग-अलग फिनोमिना चलते हैं तो जब बारिश होती है बारिश इन द सेंस मतलब प्रेसिपिटेशन है ऊपर से कुछ नीचे आना अब ऊपर से जब कुछ नीचे आ रहा है लिक्विड फॉर्म में आएगा अगर तो वो क्या रहेगा स्नो रहेगा क्या नहीं स्नो तो क्या है एक तरह से सॉलिड फॉर्म हो गया ठीक है सेमी सॉलिड हो गया क्लाउड क्या पूरे के पूरे बादल नीचे आ जाते हैं नहीं बादल नीचे नहीं आते तो क्या नीचे आता है बारिश लिक्विड फॉर्म में रेनफॉल होती है ठीक है पानी आता है ना तो पानी आया झूम के वो रेन हो गया क्लियर है ये सारा सब कुछ हमने पढ़ा एमसीक्यू के बारे में तो एनसीआरटी सलूशन में जो आपके एमसीक्यू थे वो भी डिस्कस हो गए और क्या है लाओ सामने अब क्या है आपके पास में मैच दी फॉलोइंग ठीक है मैच दी कॉलम जो है तो मैच दी कॉलम में देखो चार ऑप्शन है एक दोती चार मतलब चार क्वेश्चन है ट्रेड विंड्स लू मानसून और विंड्स ठीक है और ऑप्शन कितने दे दिए 1 दोती 4 पाछ कंफ्यूज करना चाह रहे हैं ठीक है हम नहीं होंगे तो अब ट्रेड विंड्स जो है तो ट्रेड विंड्स मैंने आपको बताया आया था कैटेगरी में पहले क्या करा करो इधर रीड कर लिया करो इनकमिंग सोलर एनर्जी सीजनल विंड्स हॉरिजॉन्टल मूवमेंट ऑफ एयर लेयर्स ऑफ ओजोन गैस परमानेंट विंड लोकल विंड सारा रीड कर लिया आपने तो आपको ध्यान रहेगा पहले जो बन रहा है वो करो लू जैसे हमने देखा था क्या है लोकल विंड होती है तो पहले लू को मिला देते हैं ठीक है हम चलो ये लू को हमने कंप्लीट कर लिया लोकल विंड्स ऐसे मैच द फॉलोइंग अगर आता है तो इस तरह से करा करो पहले जो आ रहा है वो कर लो ताकि क्या रहे कि आपका गेस वर्क जो र वो आसान हो जाए ठीक है मुझे लू पता था मैंने लू कर लिया अब क्या है अब बचा विंड बचा और मानसून बचा और ट्रेड विंड बता तो अब इसमें से आपको मुझे कुछ नहीं आ रहा है अब तो मैं क्या करूंगा गैस वर्क करूंगा जैसे ठीक है ट्रेड विंड्स क्या होती है परमानेंट विंड्स होती हैं पढ़ा था ये ध्यान आया स्टार्टिंग मेंही जब हमने विंड्स पढ़े थे तो ट्रेड विंड एक तरह की परमानेंट विंड होती है चलो वो लगा दिया मानसून मानसून की बात की जाए तो मानसून क्या होता है मानसून सीजनल विंड होती है कि एक समय तक चलती है दूसरे समय में नहीं चलती है तो मानसून भी लगा दी अब बचा क्या विंड अब तीन ऑप्शन है तो विंड क्या होता है लेयर्स ऑफ ओजोन गैस है क्या विंड नहीं ये तो है ही नहीं ठीक है इनकमिंग एनर्जी सोलर एनर्जी को विंड कहते हैं नहीं यह भी नहीं है ठीक है तो विंड क्या है हॉरिजॉन्टल मूवमेंट ऑफ एयर जो एयर है तो एक जगह से दूसरी जगह आप यहां खड़े हो आपको हवा लग रही है जो हवा लग रही है उसे क्या कहेंगे हम विंड कहेंगे फाइन तो ये सारे क्वेश्चन भी हमने डिस्कस कर लिए बड़ी आसानी से अब क्या है और एनसीआरटी सॉल्यूशंस में तो ये देखिए गिव रीजंस ठीक है आपको रीजन देना है सपोर्ट करना है आपको इन स्टेटमेंट्स को तो क्वेश्चन क्या है वेट क्लोथ्स टेक लंग टाइम टू ड्राई ऑन अ ह्यूमिड डे ठीक है जिस दिन ह्यूमिडिटी ज्यादा रहेगी जैसे बारिश के दिन है जो तो बारिश के दिनों में गीले कपड़े सूखते क्यों नहीं है अब बोलोगे क्योंकि बारिश हो जाती फिर से तो गीले हो जाते हैं हा हा हा बड़ा मजा आया ठीक है ऐसा नहीं है ठीक है वेट क्लोथ्स टेक लंगर टाइम टू ड्राई ऑन ह्यूमिड डे उसके पीछे का कारण समझो क्या कि ह्यूमिड डे इज फुल ऑफ मॉइश्चर एंड इपोरेन इज वेरी स्लो क्या होता है जिस दिन ह्यूमिडिटी ज्यादा होती है तो मॉइश्चर ही मॉइश्चर है चारों तरफ अब ऐसा है कि इतना मॉइश्चर है हाथ लगाओगे हाथ गिला हो जाएगा नहीं लेकिन वो वाटर वेपर्स रहती है है एटमॉस्फियर में ठीक है आपके सराउंडिंग में पूरी वटर वेपर्स है तो अब क्या होता है ह्यूमिड डे इज फुल ऑफ मॉइश्चर एंड इपोरेन इज वेरी स्लो इपोरेन जो हो रहा है तो बहुत धीरे-धीरे इपोरेन हो रहा है ठीक है इपोरेन इज वेरी स्लो व्हिच मेक्स वेट क्लोथ्स टेक लंगर टाइम टू ड्राई ठीक है ज्यादा समय लगता है वेट क्लोथ को सूखने में आगे देखिए क्या है अमाउंट ऑफ इंसुलेशन डिक्रीजस फ्रॉम इक्वेटर टुवर्ड्स पोल अब क्या है ये अर्थ है ठीक है ये इक्वेटर है ये पोल है अब आपको प्रूफ क्या करना है रीज़न किस चीज का देना है कि यहां जो सोलर इंसुलेशन है वो डिक्रीज होते चले जाएगी अमाउंट ऑफ़ सोलर इंसुलेशन डिक्रीजस टुवर्ड्स पोल एज वी मूव फ्रॉम इक्वेटर टुवर्ड्स पोल तो आप इक्वेटर से पोल पे जाओगे तो आपको जो सोलर इंसुलेशन मिल रही है वो कम हो रही है ठीक है अब इस स्टेटमेंट को सपोर्ट करना है तो जी हां सपोर्ट कर देते हैं इंसुलेशन इज वर्टिकली इनकमिंग सोलर एनर्जी इंटरसेप्टेड बाय दी अर्थ इंसुलेशन क्या होती है तो ये सोलर एनर्जी जो वर्टिकली आ रही है जो अर्थ रिसीव कर रहा है ठीक है तो द अमाउंट ऑफ इंसुलेशन रिसीवड एट इक्वेटर इज मोर ड्यू टू दी डायरेक्ट वर्टिकल एक्सपोजर ठीक है जो सनरेज यहां आएगी ठीक है इक्वेटर में हम बोल रहे हैं ज्यादा तो क्यों ज्यादा आएगी क्योंकि डायरेक्ट वर्टिकल एक्सपोजर देख रहा है ठीक है अर्थ का इक्वेटर और सन रेज का आना इंसुलेशंस का आना एकदम डायरेक्ट है इस कारण से इक्वेटर पे ज्यादा रहेगी ठीक है अ फिर क्या है डायरेक्ट वर्टिकल एक्सपोजर टू सन वेरस ड्यू टू दी टिल्टन ऑफ दी अर्थ ठीक है अर्थ अर्थ क्या है टिल्टेबल केड है ना ऐसा झुका हुआ है थोड़ा सा और उसके बाद में क्या है कर्वेचर भी देख लो ठीक है यहां पे कर्वेचर वाला पॉइंट भी लिख सकते हो आप ये भी पॉइंट अच्छा है कर्वेचर कर्वेचर मतलब क्या होता है कि अर्थ कर्व है ना कर्वड है तो ड्यू टू द टिल्टन टिल्टन और उसके बाद में लिख लेना ड्यू टू टिल्टन एंड कर्वेचर एंड कर्वेचर ऑफ द अर्थ द इंसुलेशन रिसीवड एट द पोल्स इज स्लेटिंग ठीक है तो ये अर्थ ऐसा मुड़ा गोल है घुमा हुआ है तो जो सोलर इंसुलेशन आ रही है वो पोल पे कैसी जाएगी स्लांटिंग जाएगी स्लेटिंग मतलब एकदम डायरेक्ट नहीं जाएगी तो इसी का से सोलर इंसुलेशन डिक्रीज हो जाती है आया समझ में तो इसी के साथ में हमारा चैप्टर अब क्या होता है पूरा पूरा मतलब थ्योरी भी क्वेश्चन आंसर्स भी हर चीज को हमने कॉम्प्रिंट वली डिस्कस कर लिया है पूरा चैप्टर होता है हमारा यहां पे कंप्लीट आई होप आपके सारे कांसेप्ट क्लियर हो गए किसी प्रकार का डाउट है तो फील फ्री टू आस्क इन कमेंट सेक्शन टिल देन स्टे कनेक्टेड कीप लर्निंग थैंक यू थैंक यू वेरी मच