अजीद दोवाल ही इन सब के पीछे थे और इनोंने ही पीडीपी पार्टी बनवाई कश्मीर के अंदर उपीस्ती का पहला अटेंट दिया और पहले ही अटेंट में उपीस्ती क्रैक कर दिया और अजीद दोवाल की जो वाइप थी उनको तक नहीं पता था दोवाल जो है वो दाओ देबराइम को इसलिए पकड़ना चाहता है जाते थे ताकि वह पावर में आ सकें जी ने अजीत दोबाल को गुजरात में इनवाइट किया कांग्रेस बिल्कुल भी खुश नहीं था अजीत दोबाल से और इसका नुकसान आगे चलकर अजीत दोबाल को होता अजीत दोबाल आतंकियों को काउंटर करने के पर ऑ पाकिस्तानी के साथ बिजनस कर रहा है। कॉंग्रेस के जयराम रमेश को अजीद डोबाल के बेटे विवेक डोबाल से माफी माँगनी पड़ती है। देखिए 28th January 1945 का दिन था और इस दिन उत्तराखंड के पौडी गड़वाल में जहां मेजर जी एंड डोवाल रहते थे इनके घर में अजीद डोवाल जी का जन्म होता है और अजीद डोवाल के जो फादर थे वो मेजर थे आर्मी में अब क्योंकि इनके फादर आर्मी में थे तो आगे चलके उनका ट्रांसफर राजिस्थान में हुआ तो वो भी वहीं अजमेर राजिस्थान के इंडियन मिलिटरी बोर्डिंग स्कूल से ही अपनी स्कूलिंग पूरी करते हैं। इंसिडेंट होता है जिसकी वजह से अजीद डोवाल बहुती कम टाइम में फेमस हो जाते हैं अच्छली हुआ क्या था कि केरला की कनौर डिस्टिक के थला सेरा में इस देन नूर जहां एक होटल था वहाँ पे फर्स्ट रोर से एक आदमी ने जूता फें इस एरिया की सिच्वेशन इतनी ज़ादा खराब हो जाती है कि दंगे स्टार्ट हो जाते हैं लूट पार्ट चुरू हो जाती है दोनों ग्रुप्स ने एक दूसरे की दुकाने जलाना, समान लूटना शुरू कर दिया था बात इतनी बढ़ गई थी कि इस एरिया के करुणा करन इन पर बहुत ज्यादा प्रेशर हो गया था तो यह ऐसे ऑफिसर को ढूंढ रहे थे जो इसे एरिया में जाने से ना डरे निडर हो और कैसे भी करके इन दंगों को रोक दे तो उस टाइम पर जो सीनियर ऑफिसर थे उन्होंने बताया कि एक नया ऑफि तो जो सीनियर थे उन्होंने अजीट डोबाल का नाम सजेस्ट किया तो इस सारे सीनियर ओफिसर्स की बात मानते हुए के करुणा करन जो थे इन दंगों को रोकने की ज़िम्मेदारी थी वो अजीट डोबाल को दे देते हैं और अजीट डोबाल इंस्ट्रक्शन मिलते ही 2nd of January 1972 को इस एरिया में पहुँच जाते हैं टेक्निक का यूज किया इन्होंने सिर्फ उन्हीं एरिया में हवी पुलिस डेप्लॉय की जहां से सारा का सारा यह जो दंगे हो रहे थे उनका कोडिनेशन चल रहा था और यह करने के बाद इन्होंने लाठी डंडो का यूज करें बिना इन्होंने क्या रहे थे इनको एक ही वीक में बिना किसी वॉयलेंस के खतम कर दिया फॉरमर डिरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस एलेक्सेंडर जेकब ने इन दंगों पर रिपोर्ट मनाई थी और जब ये रिपोर्ट वापिस आई तो अजीद डोबाल की जो स्ट्रेटीजी थी उसकी काफी तारीफ हुई और ये काफी फेमस भी हुए उस टाइम पे डेली तक इनके बारे में बात स्टार्ट हो गई थी उस टाइम पे कॉंग् यह पूरे इंडिया के जो ऑपरेशन से उनमें पार्टिसिपेट कर सके और यहीं से अजीद दोबाल जो है वह जासूसी दुनिया के अंदर एंट्री मारते हैं और सेम येर में अजीद दोबाल शादी भी करते हैं और आगे चलके इनके दो बेटे होते हैं विवेक तो मिजोरम का जो area था वहाँ पे सुखा पड़ने की वज़े से लोग 1.5 लाख रु और ना मिलने पर एक लाल डेंगा नाम का आदमी था उसने मिजो नैशनल फेमाइन फ्रंट, MNFF बनाया और फिर आगे चलके इसका नाम मिजो नैशनल फ्रंट, MNF कर दिया और नाम का आदमी था उसने मिजो नैशनल फ्रंट, MNF कर दिया पर खड़ा हो जाता है और आम जिनता जो थी वह भी बहुत ज्यादा इनके सपोर्ट में आ जाती है और हालत तब आउट ने कंट्रोल हो जाती है जब आसाम राइफल जो रेजिमेंट थी जिस तो अब जब ये दो बटालियन डिस्मिस कर दी जाती हैं तो जो सोल्यर्स थे इस बटालियन के वो अपने मीजो एरिया में वापिस आते हैं बहुत गुस्से में थे और इन में से भी साथ में कमांडर थे जिनकी जॉब गई थी वो वापिस आके लाल डेंगा जो था वो उसक लेते हैं लोग और इंडियन फ्लाग को हटा के अपना फ्लाग लगा देते हैं और मिजोरम को एक नया देश अनॉन्स कर देते हैं आगे बढ़ने से पहले मैं एक कॉमन प्रॉब्लम डिसकस करना चाहूंगा जो है मिस अलाइनमेंट इन टीथ स्टडीज के अकॉर्डिंग 40 स इंपोर्टेंट है और अगर आपके भी दांतों का लाइनमेंट ठीक नहीं है तो आपको टूट्सी के टीथ अलाइनर से उन्हें सीधा करवाना चाहिए और इसके लिए आप टूट्सी का एक फ्री डेंटल चेकअप स्केडूल करा सकते हैं अपने घर पे या फिर इनके एक् 6-10 महीनों में अपने दातों को सीधा करा सकते हैं। यह जो अलाइनर्स हैं, यह इन्विजबल हैं और काफी कमफ़िटेबल भी हैं। और इनको निकालना और लगाना भी बहुत इजी हैं। और टूट्सी देता है गारंटीड रिजल्ट। टूट्सी ने 3 लाग से भी ज़ा अब गवर्मन के सामने सबसे बड़ी दिक्कत यह थी कि जो लोकल पॉपुलेशन थी उनका सपोर्ट MNF को बहुत जादा था और यह साथ कमांडर थे इनको भी बहुत जादा था अब इंडियन गवर्मन के सामने सबसे बड़ा चैलेंज यह आ रहा था कि जो लोकल पॉपुलेशन थी उनका सपोर्ट इस MNF जो लाल डेंगा वाला MNF था इनको बहुत जादा था और अगर वो कोई मिलिटरी एक्शन भी लेते थे तो वो बैक फायर करता था इंडियन ग� वह खुद से कहा था कि मुझे भेजो वहां पर मैं सारी चीजें वहां पर सही कर दूंगा तो फिर इससे निपटने के लिए अजित दोबाल को आईबी की लोकल यूनिट सब्सीडरी इंटेलिजेंस ब्यूरो साइबी का हेड बनाकर भेजा जाता है मिजोरम के अंदर अब अजित दोबाल जो थे वह मिजोरम में पहुंचने के एक वीक के अंदर ही सारी चोटी सा चोटी डीटेल्स इखड़ी करना स्टार्ट कर देते है इनके आपस में कुछ बन नहीं रही है इनका कुछ conflict चल रहा है और यो साथ commander थे इन्होंने अपना जो base बना रखा था वो मैंमार की पहाड़ियों पे बना रखा था तो अब यहां से अजीद डोबाल क्या करते हैं वो एक spy agent बन के इन पहाड़ियों पे पहुँच जाते हैं और बहुत ही कम टाइम में इनके drinking partner बन जाते हैं और रोज दारू वगरा पीना शार्ट कर देते हैं इनके साथ इन फैक्ट एक दिन इन साथों को अपने घर पर बुलाके पोर्ग खिलाके पार्टी भी दी थी अजीद डोबाल ने और ये जो छोटे मोटे इशु हैं आम जन्दा के वो भी रिजॉल्ट कर दिये जाएंगे। साथ पीस टॉक स्टार्ट करनी पड़ती है साइड दट्टा एक जरनलिस्ट थे इन्होंने जब लाल देंगा का इंटरव्यू लिया तो वो यूएस के एक हनी ट्रैप में पंस जाता है यूएस की एक सी आई एजन्ट थी होप क्रूग इससे ये शादी कर लेता है और होप क्रूग जो की एक यूएस की सी आई एजन्ट थी वो सिक्किम की राणी बन जाता है और सिक्किम यूएस के इंस्ट्रक्शन पे चलने लगता है निपटने के लिए इंद्रा गांधी आरेनेडब्लू के हेड आरेन काउ से बात करती हैं और उनको सिक्किम भेजती हैं आरेन काउ जो थे वो एक प्लान बनाते हैं जिसमें ये था कि ये लोग सिक्किम की जो लोकल पार्टियां हैं चोटी चोटी लोकल पार्टियां हैं उ राजा के खिलाफ कर देंगे और जब राजा वीख होगा और उसको आम जनता का सपोर्ट नहीं होगा तो उसको हटाया जाएगा वरना अभी अगर कुछ करेंगे तो आम जनता भड़क जाएगी और इंडिया के अगेंस में जाएगी वो चीज अब सिक्किम की यह जो छुटी सारी चीजें ऐस पर प्लान कर ली जाती हैं और बहुती कम टाइम में जो लोकल जनता थी वो सिक्किम नेशनल कॉंग्रेस के जो लीडर थे काजी इसके सपोर्ट में बहुती कम टाइम में आ जाती हैं अब काजी को अपनी पॉलिटिकल पार्टी को इस्टेबलिश करने के लि PM इसलिए बनता है कि उस particular time तक Sikkim जो था वो इंडिया से उसका merger नहीं हुआ था अब as per plan कादी Sikkim का PM बनने के कुछी दिन बाद इंदरा गांधी को letter लिखता है और मदद मांगता है कि Sikkim के हलाथ बहुत खराब होते जा रहे हैं और फिर इदर से इंदरा गांधी military भेसती है और राजा और उसके पूरे palace को seize कर दिया जाता है जिसमें इंडिया के support में 97% लोग vote करते हैं और सिक्किम कॉंस्टिटूशन के 36th amendment से 16th में 1975 को इंडिया का एक state बन जाता है सिक्किम और जैसा वादा किया गया था काजी डोर्जी जो थे वो CM मनते हैं सिक्किम के अब ये सारी situation यूएस के आज से निकल जाती है और सारी चीज़ें इंडिया के control में आ जाती है तो ये जो CI agent थी ये राजा को तलाग देके वापिस यूएस चे ली जाती है अब ये जो काम किये थे अजीट डोबाल ने मिजोरम और सिक्किम के अंदर back to back इसको लेके इनको president police medal दिया जाता है जो की generally 14 साल की service में दिया जाता है लेकिन अजीट डोबाल ने ऐसा काम किया थ कि इनके लिए एक exception किया गया और 7 साल के अंदरी ये award इनको दे दिया जाता है और इन दोनों incident के बाद अजीद डोवाल जो था वो एक बहुत बड़ा नाम बन गया था और बहुत ही कम टाइम में अजीद डोवाल इंडिया की national security strategy में एक key player बन गया थे अब इसको देखके पाकिस्तान जो था वो फ्रांस और चाइना की मदद से nuclear test के लिए अपना काम start करता है प्रांस पिछे हट जाता है लेकिन चाइना पिछे नहीं हटता है और इसी टाइम पर पाकिस्तान के जो ऑफिशल थे वो बैक टू बैक नूकलर टेस्ट के रिगार्डिंग नौर्थ कोरिया भी जानने लगे थे तो इसके बारे में इंदरा गांधी जो को पता चलता है कि पा पाकिस्तान और चाइना भेजना स्टार्ट कर देती हैं उस टाइम पे एजन्ट्स को जब भेजा जाता था तो उनको इंडियन M.A.C. में वेकेंसी दिखा के बुलाया जाता था तो अजीट डो फर्स्ट सेक्रेटरी बना के पाकिस्तान में भेजा गया था अजीद दोबाल पाकिस्तान के अंदर करीब 6 से 7 साल रहे थे जिसमें से कुछ टाइम इनोंने स्पाई बनके इंटल भी निकाले जैसे पाकिस्तान के कहूटा की जो लेवरेटरी में नूकलर प्रोग्राम चल रह बहुत सारे ऑपरेशन में इंडिया की हेल्प हुई और इस पूरे टाइम जब ये पाकिस्तान में रहे तो ये दो बार पकड़े भी गए थे। सिख कम्यूनिटी बहुत जादा गुस्से में थी, गवर्मेंट बैकफुट पे थी, इंद्रा गांधी जी की जान जा चुकी थी, और इससे पहले की गवर्मेंट को समझ पा थी, कुछ ही टाइम बाद, एयर 1988 में दुबारा से सेम इंसिडेंट होता है, जैसे ओपरेशन ब्लू स्टार के टाइम पे हु� खालिस्तानी कमांडो फोर्स, भिंडर वाले टाइगर फोर्स आप खालिस्तान, बबबर खालिसा के मिलिटेंट गोल्डन टेंपिल के रूम नंबर 14 में आके बैठ गए थे। तो इस टाइम पे राजीव गांधी पीम थे, वो दुबारा से कोई भी गलती नहीं करना चाते थे, और उन्होंने कहा, ये जो मिलिटेंट्स टेंपिल के अंदर घुस गए सिचिएशन को कंट्रोल में करना है, लेकिन कोई भी गोल्डन टेंपिल के अंदर नहीं जाएगा, नाहीं कोई अटैक करेगा, तो इधर यह जो साली चीज़े चल रही थी, इसी टाइम पर अजीद डोवाल जो थे, वो पाकिस्तान में थे, और वो सारे इंटल जो पंजाब स उन्होंने खेर रखा था पोजीशन ले रखी थी लेकिन आगे करना क्या है यह किसी को नहीं पता था तो अब जीड़ दोबाल क्या करते हैं रिक्षे वाले का गेटअप लेकर गोल्डन टेंपिल के आसपास घूमने लगते हैं बैक टो बैक जितनी भी पर पाकिस्तान की आईएसाई ने भेजाया उनकी मदद करने के लिए कई सारी चीजों पर मल्टिपल बात करने के बाद वो मिलिटेंट्स को कन्विंस कर लेते हैं कि वो पाकिस्तान से ही हैं और अंदर जाने के बाद वो उल्टा मिलिटेंट्स को बताते हैं कि इस पोजीशन गोल्डन टेंपिल के बाहर की इंफॉर्मेशन में मिल रही है तो यह सारी चीजें करके अजीद दोबाल जो थे वह गोल्डन टेंपिल के अंदर और बाहर आना जाना स्टार्ट कर देते हैं और मिलिटेंट्स को भी कोई दिक्कत नहीं थी उनको लगता खड़ी थी उनको replace करके उनकी जगा NSG कमांडो आ जाते हैं अब इसके बाद अजीट डोबाल एनेजी की जो टीम थी उनको बता दे कि अंदर militant किस location पे हैं कितने हैं कौन उनमें से leader है plan क्या है सारी चीज़ें समझा देते हैं और इसके साथ साथ food, electricity इसको काट देते हैं पानी पीने के बाहर आएंगे तब सारी चीज़े हो जाती हैं तो 15th of May को militants का top commander यागीर सिंग पानी पीने के लिए बाहर निकलता है और जैसे वो बाहर निकलता है वहीं पे स्नाइपर उसको गोली मार देते हैं तो जिस तरीके से पीने के लिए पानी नहीं था एलेक्ट्रिसिटी नहीं थी गर्मी बहुत थी और बहुत जादा दिन हो गये थे इन फैक्ट सरेंडर करने के लिए कन्वेंस कर लेते हैं और फिर 18 में को सारे जो मिलिटेंट से वह सरेंडर कर देते मिनट हतियार के इतने लोगों को सरेंडर करवाना यह आसान नहीं था और गलती से भी अगर थोड़ा सा भी शक हो जाता लेनन की एमबेसी में फेज दिया जाता है उनको और कई सालों तक अजित दोबाल वहीं पर रहकर अलग-अलग ऑपरेशन में हेल्प करते हैं इंडिया की और इधर इंडिया के अंदर, एयर 1998 में इंडिया में गवर्मेंट चेंज हो जाती है और बीजेपी की गवर्मेंट आ जाती है और इसके एक साल बाद, यानि के एयर 24th of December 1999 में, इंडियन एरलाइन का प्लेन IC814 नेपाल एरपोर्ट से डेली एरपोर्ट जा रहा था करीब 170-180 पैसंजर थे और जैसे ये प्लेन इंडियन एर स्पेस में पहुँचता है, तो एक आतंकी ग्रूप था हरकत उल मुझाइद दीन ट्रेक्टली कहां ले जाना था यह तो उस परिवरुण टाइम पर क्लियर नहीं था लेकिन जो प्लेन का पाइलेट था इसको पाकिस्तान की तरफ मोड़ने के लिए कहते हैं लेकिन पाइलेट जो था वह कहता है कि इतना फ्यूल ही नहीं है तो यह थोड़ी पाकिस्तान में लेंड करवाते हैं फिर वहां की गवर्मेंट जब नहीं मानती है तो दुबाई में लेंड करवाते है दिसमबर 1999 को अफगानिस्तान के कांधार में उतार देते हैं अब इंडिया को जब इसके बारे में पता चलता है तो इंडियन एमबेसी के एक ओफिसर जो की इसलामाबाद में पोस्टेट थे एयर घनशाम इंडियन गवर्मेंट इनको कांधार में भेज के वहाँ की की details पता लगाने को कहती है कि plane कहाँ पे land है इनकी demand क्या है ये सारी चीज़े पता करने को कहती है और ये जो आतंकी थे ये एयर घनिशाम से बोलते हैं कि इंडियन गवर्मेंट को बोल दो कि एक team मना के हमारे पास भेजे जिस से हम अपनी demand जो है वो सारी च जब इस सारी चीजें इंडियन गवर्मेंट को बताते हैं तो इंडियन गवर्मेंट बिना टाइम गवाय साथ नेगोशेटर मेंबर की एक टीम मनाके कांधार भेज देती है और इस टीम में जानपूछ के अजीड डोवाल को रखा जाता है एक तो ये री��न था कि एर 1971 से ल पर पहले तो आजीड डोवाल कहते है कि आप एक demand पर टिके रही है अपरना ऐसे तो situation खराब हो जाएगी तो इसके बाद आतंकी एक paper पर लिखके अपनी सारी demand plane से बाहर फेंक देते हैं उस paper के ऊपर लिखा था कि इंडिया की jail में जो उनके 36 आतंकी हैं उनको छोड़ दिया इनको लेकर तो पाकिस्तान का एयरस्पेस को यूज करके वहाँ पर ऑपरेशन परफॉर्म करना पड़ता और पाकिस्तान के ऊपर इंडिया को भरोसा नहीं था अफगानिस्तान के भी लोग मिले हुए थे तो कुछ भी अगर ये प्लान करते तो सारी की सारी डीटेल जो थी इन हाइजैकर्स के पास पहुँच जाती और अगर उसके बाद भी अगर ऑपरेशन कुछ प्लान करते हैं उनको हटाने का तो ये भी बहुत जादा चांसेज था तो नहीं लेकिन तीन आतंकी को छोड़ दिया जाएगा और आतंकी जो था इनसे बात करने के बाद मान भी जाते हैं तो फिर इसके बाद अजीट डोबाल तीनों आतंकी को देके पैसेंजर छुड़वा तो लेते हैं लेकिन इंडिया के लिए बहुत बड़ा सेट बैक था अ जब से बीजेपी की गवर्मेंट आई थी ये डिसकशन स्टार्ट हो गए थे कि अजीड डोबाल बीजेपी के होम मिनिस्टर लाल किस्ट अडवानी के बहुत क्लोस है और उस टाइम पे एलके अडवानी जी ने अजीड डोबाल की रिपोर्टिंग डिरेक्टली अपने पास दोबाल का नाम सबसे आगे रिकमेंट किया गया था और इनका चीफ बनना चता है था लेकिन लास्ट मोमेंट पर क्या होता है कि नेशनल सेक्यूर्टी अडवाइजर विजेश मिश्रा इनके रिकमेंडेशन की विज़ेसे इस चीज को रोक दिया जाता है और अजीद दोबा उसी टाइम पे Congress भी अपनी presence जो थी वो Kashmir के अंदर चाहती थी, ताकि Kashmir से वो एकदम अलग ना हो जाओ, National Security ले भी चीज बहुत important थी, लेकिन Congress का Kashmir में जीतना बहुत ही मुश्किल था, तो Congress ने मुफ्ती मुहमद सैइद को अपनी तरफ कर लिया, Congress की State Unit का President भी बना दिया, और फिर आगे चलके Cabinet Minister की भी position दी, तो Kashmir का CM बनाने का भी वादा किया मुफ्ती से, कश्मीर में कांग्रेस को स्ट्रॉंग करो ताकि कांग्रेस पावर में आएगी तभी उनको सीएम बनाया जाएगा और मुफ्ती जो थे वो कांग्रेस को स्ट्रॉंग करने का काम अपना शुरू कर देने के अंदर अब ये बाते तो हो गई थी कि ये कांग्रेस जीतेगी फिर अजीड डोबाल की इनकी दोस्ती के थोड़े टाइम बाद ही मुफ्ती जो थे वो कॉंगरेस के लॉंग टम विजन पे लात मार के कॉंगरेस को छोड़ देते हैं और जन मोर्चा जॉइन कर लेते हैं और जन मोर्चा से इने कैविनेट की पोजीशन भी ओफर हो जाती है और जाते हैं और इन्होंने ही अजीत ग्राजुली ड्रिफ्टेड वेयर टू दी अदर साइड टू मुफ्ती साथ तो विशेष विशेष विशेष व इन प्रेटिंग द पीडीपी तो यह कश्मीर में सारी चाहिए चल रही दूसरी तरफ आईबी का नया डिरेक्टर बनाया जाना था क्योंकि जो पहले ताकि टेनियर खत्म हो रहा था और अजीद दोबाल का आईबी का नया डिरेक्टर बनना तय था क्योंकि सिनियोरिटी के हिसाब से भी देखा जाता तो अजीद दोबाल बनते लेकिन होता क्या है कि 31 जुलाई 2004 को कांग्रेस की सरकार बन जाती है अब कांग्रेस को अजीद दोबाल को आईबी का नया डिरेक्टर बनाना पड़ता है लेकिन कांग्रेस ने कम करके 8 महीने का कर दिया था और फिर इसके बाद आगे चलकर 2005 में अजीद दोबाल जो है वह रिटायरमेंट ले लेते हैं और अजीद दोबाल जी के जाने के बाद जो नया आईबी डिरेक्टर बनाया गया इसल नरसिमहन उनका जो टेनियोर था वो पूरा दो साल का ही रख इसकी वजह से वह दुबारा पावर में आए तो देखिए अजित दोबाल रेटायर तो हो गए थे लेकिन उसके बाद भी इनके पास जो इतने सालों का एक्सपीरियंस और स्किल्स थी उसका यूज करके अपनी पर्सनल कैपासिटी में इंटेलिजेंस एजेंसीज के साथ मिल जाने वाला है यह ऐसा मौका था कि जहां पर दाउथ की लोकेशन कंफर्म थी लेकिन फिर भी जगह पर दाउथ को पकड़ने के लिए अगर कोई ऑपरेशन किया जाए तो उसके फेल होने के चांसेस बहुत ज्यादा थे और फेल होने पर इंडिया की जो थी वो अजीद दोबाल को पता थी तो वो छोटा राजन को अपने नेटवर्क का यूज करके रीच करते हैं और छोटा राजन को कन्वेंस कर लेते हैं कि यहाँ पे साथ में मिलके दाउध इब्राहिम को मारा जा सकता है। गए थे अब यहां पर एक दिक्कत आ जाती है मुंबई पुलिस जो थी ये शूटर विकी मलोतरा और फरीद तानाशाओ को पहले से ही पकड़ने की कोशिश कर रही थी और मुंबई पुलिस के कुछ सीनियर ओफिसर को अजीद डोबाल के इस ओपरेशन के बारे में पता चल आपको यह सारी चीजें समझा रहे थे तो अजिद दोबाल डेली के होटल में छोटा राजन के इंस्ट्रूटरों के साथ बैठ के प्लैनिंग कर रहे थे इसी टाइम पर मुंबई पुलिस के क्राइम ब्रांच के डेपुटी कमिशनर धननजय कमलाकर और इनकी और नहीं चल पा रही थी तो यह लोग इन शूटरों को गिरफ्तार करके ले जाते हैं और अजित दोबाल के हाथ से जो बहुत बड़ी ऑपर्चनिटी थी डाउथ को मारने की वह छूट जाती है अजित दोबाल ने अपने सीनियर्स को फोन करके इसको रोकने पकड़ लें हालांकि अजीद डोवाल के जो क्रिटिक्स है उनका यह मानना है कि डोवाल जो है वह दाओ देबराहिम को इसलिए पकड़ना चाहते थे ताकि वो पावर में आ सकें इस बड़े ओपरेशन को अंजाम देकर अपना नाम बना सकें अब अजीद डोवाल की इस प� और मोदी जी ने अजीड डोबाल को गुजरात में इन्वाइट किया कि यहाँ पे आके आप एक युनिवर्सिटी खोलो इंटरनल सेक्यूरिटी पुलिस साइंस से रिलेटिट जिसमें ये सारे कोर्सेस भी हों। अजीट डोबाल आरसेस के एकनाथ रानाडे से मिलते हैं एकनाथ जो थे वो उस टाइम पे तमिल नाडू के अंदर विवेकानन्दा केंद्र नाम से एक ओर्गनाइजेशन है जो स्वामी विवेकानन्द की टीचिंग्स को प्रमोट करती है वो चलाते थे अजी विवेकानंद केंद्र की मदद से विवेकानंदा इंटरनेशनल फाउंडेशन वी आई एफ खूलते हैं इस थिंक टैंक का ओब्जेक्टिव था नैशनल सेक्यूरिटी, डिप्लोमेसी और ग्लोवल अफेर जैसी चीजों पे रिसर्च और एनलिसिस करके इंडिया को थी यह सेमिनार वगैरह करते थे कई सेमिनार में तो उन्होंने कांग्रेस के मुद्दों पर भी सपोर्ट दिखाया जैसे व्यानी खोबरा गाड़े इंसिडेंट था बांगलादेश लैंड इशू था इस पर भी सेमिनार किया उन्होंने अब यह जो निर्मला सीता रमन सुरेश प्रभु तो सेम यानी कि 2009 में अजीद दोबाल के बेटे शौर्या दोबाल जो साउधी और यूएस में इन्वेस्टमेंट बैंकर थे यह इंडिया वापस आके इस इंडिया फाउंडेशन यह जो थिंक टैंक बनाया था इन्होंने इसको इसको जॉइंट कर लेते हैं अब अभी तो सारी चीजें ठीक चल रही थी लेकिन विवेका नंद फाउंडेशन पूरे इंडिया के अंदर न्यूज में आता है यह 2011 में विवेका नंदा फाउंडेशन क्या करती है कि एक रिपोर्ट प्रब्लिश करती है इस रिपोर्ट सुब्रेमन्यम स्वामी सब पहुंचते हैं तो अभी भले ही सिचोएशन चेंज हो गई हो लेकिन उस टाइम पर अर्विंद केजरीवाल किरन वेदी अन्ना हजारे ये सब अजीद दोबाल के साथ में मिलके सेमिनार करते थे तो इसके बाद देश भर में ब्लैक मनी और करप् जाते हैं और पूरे देश में प्रोटेस्ट स्टार्ट हो जाते हैं जिसके बारे में हर किसी को अलड़ी पता ही है ये इतना बड़ा मूवमेंट बन जाता है कि आगे चलके कॉंग्रेस की सकार भी गिर जाती है और फिर बीजेपी पावर में आती है NSA की वो मिलती है अजीद डोबाल को और बाकी भी जो इस foundation से related लोग थे जैसे निर्मला सीता रमन, सुरेश प्रभू इन सब को important position मिलती है अजीद डोवाल को NSA बनाया गया था तो उस पे बहुत हला भी हुआ था क्योंकि MK Narayan का अगर exception छोड़ दें तो जितने भी NSA बने हैं वो IFS domain सही रहे हैं लेकिन इसको side में करके भी अजीद डोवाल को NSA बनाया जाता है और जैसे अजीद डोवाल NSA बनते हैं तुरंद June 2014 में एक बहुत बड़ा challenge भी आ जाता है इनके सामने इराक में 46 Indian nurses फस गई थी अजीद डोवाल इराक में पहुँच जाते हैं तुरंद इन nurse को वापिस लाने की पूरी planning design करते हैं इन fact, man यहां तक कि जो अभी article 370 तक है हर operation में 2014 से लेके अभी तक जितने भी operation हुए हैं अजीद डोवाल खुद फ्लैन करते हैं हर एक चीज इंडिया के security से related कोई भी चीज हो अजीद डोवाल की मरजी के बिना पत्ता भी नहीं हिल सकता अजीद डोवाल के NSA बनने से एकदम नई approach आ अपना ही है इसमें क्या होता है आर्मी इंटेलिजन्स सब एक्टिव होते हुए भी बस अपने पर होने वाले जो अटैक होते हैं उसको रोकते हैं लेकिन अजीद डोबाल ने इन्यन नेशनल सेक्योरिटी को थोड़ा सा शिफ्ट किया इन्होंने डिफेंसिव ओफेंसिव स् आसाद अजीट डोबाल को अपनी और अपनी फैमिली के उपर लगे एलिगेशन से भी लड़ना होता है। पातंकियों को काउंटर करने के लिए ऑफिचल पोस्ट पर है दूसरी तरफ उनका बेटा एक पाकिस्तानी के साथ बिजनेस कर रहा है तो यह देश की सिक्योरिटी के लिए बहुत ही बड़ा खत्रा है और बात यहां भी नहीं खत्म होती है यह जो इंडिया इन companies को favor किया जा रहा है गिव और टेक रिलेशनशिप चल रहा है अब यहाँ तक भी ठीक था लेकिन अजीद डोबाल की असली दिक्कते तब शुरू होती हैं जब कॉंग्रेस के जैराम नरेश ने प्रेस कॉंफरेंस करके कहा उसके 13 दिन बाद केमैन आईलेंड जहां टेक्स की कोई रोक टोक नहीं होती वहाँ जाके GNY एशिया हेजफेंड स्टार्ट कर दिया criminal defamation case कर दिया और जब ये case कोड में जाता है तो Congress के जैराम रमेश को अजीट डोबाल के बेटे विवेक डोबाल से माफी मागनी पड़ती है और विवेक डोबाल return में भी माफी लेते हैं ये उस माफी की copy है तो देखें अजीट डोबाल की जो life है वो किसी film story इनको cabinet minister तक की rank दी गई है और यही reason है कि इनको देश के अंदर लोग असली चानक्य कहते हैं पड़े लेकिन पावर इनके हाथ से कोई खेच नहीं पाया और जब गवर्नमेंट तक इनके असाप से नहीं रही तो गवर्नमेंटी पावर में नहीं रही और लास्ट मैं आपको फिर से बता दूं कि टूट्सी की वेबसाइज जरूर चेक करना फोर देर इनविजबल टीथ अलाइनर ये मेटल ब्रेसेस की तरह ही काम करते हैं पर दिखते नहीं हैं बिलकुल इनविजबल हैं अपना फ्री टीथ स्कैन बु