पिरियोडिक टेबल और उसके प्रमुख बिंदु

Jul 19, 2024

पिरियोडिक टेबल के मुख्य बिंदु

ग्रुप और उनकी विशेषताएँ

  • ग्रुप 1 (Alkali Metals): बेहद प्रतिक्रियाशील धातुएं
  • ग्रुप 2 (Alkaline Earth Metals): गौर करने लायक रासायनिक गुणधर्म
  • s-ब्लॉक: अल्कली और अल्कलाइन अर्थ मेटल्स.
  • p-ब्लॉक: बोरॉन, कार्बन, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, हैलोजन, एवं नोबल गैस परिवार
  • d-ब्लॉक: ट्रांज़िशन मेटल्स (3d श्रृंखला)
  • f-ब्लॉक: लैंथेनाइड और एक्टिनाइड श्रृंखलाएँ (4f और 5f)

महत्वपूर्ण धातुओं की श्रंखला

  • द ब्लॉक में: Scandium से Zinc (3d श्रृंखला)
  • f-ब्लॉक में: Lanthanides और Actinides (4f और 5f श्रृंखलाएँ)

IUPAC नामकरण

  • IUPAC नाम: डिजिट और संख्या के अनुसार
  • उदाहरण: 101 का नाम - Un (1) + Nil (0) + Un (1) = Unnilunium (Unu)

प्रभावी नाभिकीय चार्ज (Effective Nuclear Charge)

  • शिल्डिंग इफेक्ट: अंदरूनी इलेक्ट्रानों द्वारा बाहरी इलेक्ट्रानों पर लगने वाले नाभिकीय बल का कम होता प्रभाव
  • फॉर्मूला: Z_eff = Z - σ
  • अर्थ: जहां Z प्रभावी नाभिक चार्ज है और σ शिल्डिंग स्थिरांक है

पेनेट्रेशन प्रभाव (Penetration Effect)

  • आयत का: विभिन्न कक्षाओं में इलेक्ट्रॉनों के भीतर प्रवेश का स्तर
  • क्रम: s > p > d > f (पेनेट्रेशन पावर के अनुसार)

अणु का त्रिज्या (Atomic Radius)

  • तत्वों का क्रम: बाएँ से दाएँ जाने वाले तत्वों में साइज कम होती है
  • एक समूह में: ऊपर से नीचे जाने पर साइज बढ़ती है
  • विशेष: Gallium का साइज छोटा होता है

आयनिक कॉम्प्लेक्स (Ionic Radius)

  • कैटायन: छोटे साइज
  • ऐनायन: बड़े साइज
  • आइसोइलेक्ट्रॉनिक स्पीशीज: समान इलेक्ट्रॉन वाले तत्व

आयनाइजेशन एनर्जी (Ionization Energy)

  • ऊपर से नीचे: एनर्जी कम होती है
  • बाएँ से दाएँ: एनर्जी बढ़ती है
  • असामान्यता: Be और N में high आयनाइजेशन एनर्जी

इलेक्ट्रॉन एफिनिटी (Electron Affinity)

  • पाक्षिकता: बहुत ज्यादा उत्सर्जन (Clorine की ज्यादा)
  • स्टेबल इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म्स: डेल्टा H पॉजिटिव (पूर्णतया भरे और अर्ध-भरे ऑर्बिटल)

धात्विक और अधात्विक किरदार

  • बाएँ से दाएँ: non-metallic कैरक्टर बढ़ता है
  • ऊपर से नीचे: metallic कैरक्टर बढ़ता है

इलेक्ट्रोनेगेटिविटी (Electronegativity)

  • पावर चूसने की क्षमता: F (सर्वाधिक)

ऑक्साइड्स के प्रकार

  • एंफोटेरिक ऑक्साइड्स: जिनके पास एसिड और बेस दोनों का मिश्रित किरदार है
  • न्यूट्रल ऑक्साइड्स: जैसे CO, H2O, और N2O
  • एसिडिक ऑक्साइड्स: non-metals और उनके औक्साइड
  • बेसिक ऑक्साइड्स: metals और उनके औक्साइड