में प्रवेश चेंजेस वेलकम टू माई की बड़ा इस सब्सक्राइबर जिन्होंने नहीं किया वह कर दो कर दो और तुम कब आए वैसे तो कभी इतनी जल्दी नहीं आते आज कैसे लगता है बड़ी उत्सुकता जाग रही है पढ़ाई करने की चलो तो फिर सीधा काम पर लग जाते हैं हम लोग साउथ अफ्रीका के कॉन्स्टिट्यूशन की बात कर रहे थे तो तुम सोच रहे होगे यार यह कॉन्स्टिट्यूशन का काम क्या होता है इसे क्यों बनाया जाता है तो इसका जवाब है थे फर्स्ट बेसिकली कॉन्स्टिट्यूशन एक रूल बुक का काम करता है जो उस कंट्री में रहने वाले हर एक इंसान को फॉलो करने पड़ते हैं सेकंड इससे लोगों में एक दूसरे पर भरोसा जगता है चाहे वह लोग कितने ही डिफरेंट क्यों और यह उन्हें एक साथ रहने में मदद करता है थर्ड कॉन्स्टिट्यूशन हमें यह बताता है कि सरकार कैसे चुनी जाएगी और किसके हाथ में पावर होगी कौन सारे डिसीजन लेने का यह फोर्थ कॉन्स्टिट्यूशन लोगों को उनके राइट्स बताता है और गवर्नमेंट को उनकी लिमिट्स फैट कॉन्स्टिट्यूशन लोगों को यह भी बताता है कि वह कैसे एक अच्छी सोसायटी और अपनी कंट्री को रहने के लिए एक बढ़िया जगह बना सकते हैं तो हर डेमोक्रेटिक कंट्री के पास अपना एक कॉन्स्टिट्यूशन होता है लेकिन जरूरी नहीं है हर कॉन्स्टिट्यूशन वाली कंट्री डेमोक्रेट को चलो अब बात करेंगे हम वर्ल्डस लार्जेस्ट डेमोक्रेसी की जिसके पास वर्ल्ड का सबसे लंबा कॉन्स्टिट्यूशन अ जी हां अब हम अपनी तारीफ खुद करेंगे दोस्तों अफ्रीका की तरह इंडिया को भी कॉन्स्टिट्यूशन बनाते वक्त बहुत सारी प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ा जैसे फर्स्ट इंडिया में बहुत सारे टाइप के लोग रहते हैं सबका डिफरेंट कल्चर और हिस्ट्री है तो इतने सारे लोग जो डिफरेंट बैकग्राउंड से आते हैं उनके लिए एक कॉन्स्टिट्यूशन बनाना बहुत डिफिकल्ट काम था सेकंड इंडिया के आजाद होते ही रिलेशन के बेसिस पर पार्टीशन हो गया जिसमें 10 लाख लोग से भी ज्यादा मारे गए थे जो कि यह दिखाता है कि इंडिया में कितनी सारी प्रॉब्लम्स थी कि थर्ड ब्रिटिशर्स इन राज्यों पर छोड़ दिया था कि उन्हें पाकिस्तान को ज्वाइन करना है या इंडिया को या फिर अपनी अलग ही कंट्री बनानी है जिस वजह से इंडिया को हर एक रोलर को मनाना पड़ा इंडिया को ज्वाइन करने के लिए फोर्थ इंडिया अपने कॉन्स्टिट्यूशन में एक क्वालिटी प्रोवाइड करने वाला था लेकिन रियल लाइफ में इंडिया में लोग इक्वल नहीं थे कुछ लोगों को बड़ा माना जाता था और कुछ लोगों को छोटा सिर्फ जो लोग हमारा कॉन्स्टिट्यूशन बना रहे थे उन्हें भी डर लग रहा था कि इंडिया का फ्यूचर कैसा होगा जब भी कॉन्स्टिट्यूशन लागू हो जाएगा लोग इसे एक्सेप्ट कर पाएंगे या नहीं और अगर अब देखा जाए तो इंडिया का कंस्टीटूशन वर्ल्ड का बेस्ट कांस्टीट्यूशनल इंडिया में एक बार भी कोई बड़ी प्रॉब्लम नहीं आई और कभी भी किसी ने कॉन्स्टिट्यूशन पर सवाल नहीं खड़ा किया जो कि एक बहुत ही बड़ी अच्छी इंटर तो चलो अब हम यह देखते हैं कि हमारा कॉन्स्टिट्यूशन कैसे बना है यह पोस्ट जो लोग कॉन्स्टिट्यूशन बना रहे थे उन्हें पहले से ही पता था कि उन्हें किस टाइप का कौन से ट्यूशन चाहिए और हमारी आज़ादी की लड़ाई भी उसी पर बेस्ड थी सेकंड 1928 में कांग्रेस के लीडर्स ने पहले ही इंडिया का बेसिक कॉन्स्टिट्यूशन बना लिया था और उसमें यह सारी चीजें थी यूनिवर्सल एडल्ट फ्रेंचाइजी राइट टू फ्रीडम एंड इक्वलिटी थर्ड ब्रिटिशर्स ने कुछ इंडियंस को वोटिंग राइट्स दे रखे थे और उन्हें तब की पॉलिटिक्स में लेना भी था जिससे उन लोगों को एक्सपीरियंस मिला और उन्होंने वह सिस्टम इंडिया के लिए और भी अच्छा बना दिया अपने एक्सपीरियंस इससे को पूर्णत इंडिया ने अपने कॉन्स्टिट्यूशन में ब्रिटिश की अच्छी चीजें भी इंक्लूड करी जैसे गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1930 पांच साथ जो लोग कॉन्स्टिट्यूशन बना रहे थे उन्होंने बाकी सारी कंट्रीज के कॉन्स्टिट्यूशन को अच्छे से स्टडी किया और सबकी अच्छी अच्छी चीजों को इंडिया के कॉन्स्टिट्यूशन में ऐड कर दिया दोस्तों जिन लोगों ने यह कॉन्स्टिट्यूशन बनाया वह एक इलेक्शन से चुने गए थे और एंड 299 मेंबर्स के ग्रुप को अकाउंट स्टेटमेंट असेंबली कहा जाता था और इन्होंने 26नवंबर 1948 तक कॉन्स्टिट्यूशन बनाकर तैयार कर दिया था जो 26जनवरी 1950 में लागू हो गया तो यार यह कॉन्स्टिट्यूशन द बना था जब खत इन चार महीने के बाद पहुंचते थे और हम ईमेल वाली जनरेशन न तो सवाल यह उठता है कि हम डिवाइस कौन सी ट्यूशन को कुमार ने जो इतने ओल्ड फैशन लोगों ने बनाया है हम तो अपने मम्मी-पापा की बातें नहीं मानते उन्हीं के साथ हमें जनरेशन गैप महसूस होता है है तो इस सवाल का जवाब है यह कौन ट्यूशन बहुत सारे डिफरेंट टाइप के लोगों ने जो डिफरेंट डिफरेंट बैकग्राउंड से आते उन्होंने बनाया था जिसका मतलब है कि सब की न्यूज़ का इस कॉन्स्टिट्यूशन में ख्याल रखा गया है सेकंड हमारे कॉन्स्टिट्यूशन को कभी भी किसी ने क्वेश्चन नहीं किया जो यह बताता है कि सब लोग इससे खुश है और यह इंडिया के लिए बहुत बड़ी अचीवमेंट है वरना दूसरी कंट्रीज में तो हर 5 साल में नया कॉन्स्टिट्यूशन बन जाता है थर्ड यह कॉन्स्टिट्यूशन बहुत ही ज्यादा डिस्कशन के बाद बना है सब की बातें सुनी गई है डिबेट सुनिए और फिर रोल्स बनाए गए और अगर किसी को जानने का शौक है कि क्या-क्या डिस्कशन हुआ था कॉन्स्टिट्यूशन बनाते वक्त तो वह 12 भारी-भरकम किताबे पढ़ सकता है जिसमें एक एक शब्द लिखा है जो मीटिंग में बुलाया गया था किसी को शौक हो तो दूर बताना उसके घर पर यह सारी किताबे भिजवा दी जाएंगी चलो आगे बढ़ते हैं और यार जब जब आज़ादी की बात आती है हर बार अपने बापू का नाम सबसे आगे होता है तो गांधी जी ने कॉन्स्टिट्यूशन तो नहीं बनाया पर उनके अकॉर्डिंग कॉन्स्टिट्यूशन कैसा होना चाहिए यह उन्होंने बताया था चलो अब उनकी चाहत के बारे में भी पढ़ते हैं वह चाहते थे कि इंडिया में फॉरेन रूल खत्म हो जाए वह चाहते थे कि सब लोग इक्वल हो सबको इक्वली ट्रीट किया जाए उनकी तीसरी चाहत थी इंडिया में पीस बना रहे और लोग शांति से और प्रेम से रहे वह चाहते थे कि अनटचेबिलिटी जैसी चीजों को खत्म कर दिया जाए और उनकी आखिरी चाहत थी कि वह मैन और मैं इनको इक्वली ट्रीट किया जाए दोनों के पास सेव राइट सो और उन्होंने यह सब 1931 में यंग इंडिया मैच चीन में बताया था और तुम्हें मैं एग्जाम के लिए एक टिप्स दे दूं पक्का एक मार्क्स की डेफिनेशन आएगी रिपब्लिक सेकुलर डेमोक्रेटिक इक्वेलिटी जैसे शब्दों की जो इंडिया के प्रिएंबल में यूज किए गए तो उन्हें लांघ कर लेना तो अब तुम सोच रहे होगे सर हम तो यह सब कर लेंगे लेकिन यह प्रिएंबल क्या होता है और इसके इंपॉर्टेंस क्या है और कुछ साल सी सोच रहे होंगे सर यह भी करा दो ना इस पर मेरा यही कहना है अलसी इंसान कुछ किया कर कपड़े उद्दंड कर सीधा कर चलो अब प्रिएंबल के बारे में पढ़ते हैं ब्रेंबल एक डेमोक्रेसी के ऊपर लिखी गई पोयम की तरह होता है और यह कॉन्स्टिट्यूशन के सबसे शुरुआत में लिखा जाता है एक टाइप से यह कौन ट्यूशन का इंट्रोडक्शन होता है प्रिएंबल के अंदर वह सारी फिलॉसफी और मोरल वैल्यूज ओं थे जिस पर पूरा कांस्टीट्यूशन बनाएं प्रिएंबल एक स्टैंडर्ड ओर एक डाइरैक्शन प्रोवाइड करता है जिससे पता चलता है कि सरकार सही दिशा में काम कर रही है या गलत प्रिएंबल बेसिकली कॉन्स्टिट्यूशन की जान है उसका 16 और अब तुम्हारी आत्मा की शांति के लिए मैं यह चैप्टर यहीं खत्म करता हूं वरना तुम लोग मेरे खून के प्यासे हो जाओगे तो इस बार का मोरल है देश की आजादी के लिए लाखों लोगों ने अपनी जान दे दी थी और उनका बस एक सपना था कि तुम लोग अपने देश में मजे से रहो तो दोस्तों अब तुम्हारी बारी है उनके सपनों को पूरा करने की तुम जितने मजे कर सकते हो कि आप करो अगर तुम मजे से नहीं जी ओके तो लाखों लोगों का सैक्रिफाइस बेकार हो जाएगा सॉलिड लाइक यू वांट दिस लाइफ अगेन इन जो है वन स्टे ब्लेस्ड बाय कि अ