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फेडरलिज़्म के नोट्स

हाई बिजबाईडी मेरा नाम है शुबं पाठक वेलकम टू दा चानल शुबं पाठक जहाँ पे हम class 10 से related बहुत सारी चीज़े पढ़ते हैं एक तो मैं इस चानल पे आपको SST के सारे subjects पढ़ाती हूँ तो चानल को सब्सक्राइब जरूर कर लेना civics का जो आपका second chapter है federalism वैसे तो मैं इस साल के सारे chapters आपको आगे वाले चाप्टर्स चाहिए जो अभी तक इस साल के मैंने नहीं करा है जैसे मान लोग फेडरलिजम तो आज मैं करा रही हूं पर पॉलिटिकल पार्टीज चाहिए तो आल्डेडी वन शॉट वीडियो सारे चानल की अवेलेबल हैं यू के गो इन माय लाइव सेक्शन च अभी recently भी पढ़ाया था तो इससे पहले हम सिविक्स में कौन सा चाप्टर पढ़ते हैं भाई पावर शेयरिंग चाप्टर पढ़ते हैं पावर शेयरिंग में हमने दो कहानी पढ़ी है एक तो उन्हें बैल्जियम की कहानी पढ़ी है दूसरी में श्रीलंका की कहानी पढ़ी है बैल्जियम की कहानी से हमने क्या सीखा है बैल्जियम बैल्जियम की कहानी से हमने क्या सीखा है कि पावर को क्या करना चाहिए लोगों के बीच में कुछ अनबन हो रही थी लेकिन उन्होंने क्या किया उस अनबन को को सिविल वार में कन्वर्ट होने से पहले ही रोक लिया क्योंकि उन्होंने पावर को डिवाइड कर दिया अकॉमडेशन दिखाई शिरिलंका के केस में ऐसे नहीं हुआ शिरिलंका के केस में पावर सेंटरल गवर्मेंट के गवर्मेंट ने एक भी बात नहीं सुनी उनकी राइट तो बेलजियम में पावर शेयर हुआ 1993 में ऐसा नहीं है कि थी लेकिन स्टेट गवर्नमेंट के हाथ में ना कोई रियल पावर नहीं हुआ करती थी उसे जब भी कोई काम या इंपोर्टेंट डिसिजियों लेना होता था उसे सेंटरल गवर्नमेंट के पास जाना पड़ता था तो यह तो कोई पावर नहीं हुई मैं मान लो बोलने वाले लोगों और फ्रेंड बोलने वाले लोगों का जो नंबर था मिनिस्टर का जो नंबर था सेंटर गवर्नमेंट में भी इक्वल रखा ब्रिसेल रवर लेवल पर भी इक्वल रखा और स्टेट गवर्नमेंट को रियल पावर थी यह नहीं कि आपको जब डिमोक्रिसी है वहीं दुनिया की जो यह मॉडल फॉलो करती है तो एक तरीके से मैं बोल सकती हूं देट जैसे साउधी अरेबिया वहाँ पे अभी भी absolute monarchy है लेकिन most of the countries जो हैं दुनिया में वहाँ पे democracy आ चुकी है so democratic nation दो type के होते हैं बच्चा एक होते हैं जहाँ पे unitary system होता है और एक होते हैं जहाँ पे federal system होता है है तो पहले तो आपको यह जानना जरूरी है कि हर डमोक्रिसी फेडरल नहीं होती थी तो श्रीलंका भी डमोक्रिसी लेकिन श्रीलंका क्या नहीं थी वह फेडरल सिस्टम नहीं थी वह यूनिटरी सिस्टम थी तो फेडरल सिस्टम होता है फेडरल सिस्टम गवर्नमेंट बनाने का या डमोक्रिसी का एक ऐसा सिस्टम होता है जिसमें पावर को एट लीस्ट दो लेवल में डिवाइड किया जाता है राइट सो फेडरल सिस्टम इज अपने गवर्नमेंट इन विश्व पावर डिवाइडेड बिट्वीन एट लीस्� टू लेवल अगर एंची आटी वाली डेफिनेशन लेनी है तो आप सेंट्रल अथॉरिटी और वेरियस कंस्टिटूएंट यूनिट्स आफ द कंट्री भी लिख सकते हैं अब यहां पर कंफ्यूज होने वाली बात नहीं है अगर आपको किसी भी चीज को डिवाइड करना बोला जाता है स्टेट्स बोला जाता है लेकिन सारी फेडरल कंट्रीज में उन्हें स्टेट्स नहीं बोला जाता कहीं-कहीं प्रोविंस भी बोला जाता है कहीं-कहीं यू नो एस्टेट्स भी बोला जाता है सुधर डिफरेंट डिफरेंट लिखा है और वेरियस कंस्टिटूअंट यूनिट लिखा है आपको इतनी डिफिकल्ट डिफिनेशन नहीं चाहिए तो आप एक तरीके की डिमोक्रिसी होती है लेकिन यूनिट्री सिस्टम भी एक दूसरे तरीके की डिमोक्रिसी होती है यहां देख लो पूरी दुनिया का मैप तो पूरी दुनिया में जहां जहां डिमोक्रिसी है वो सारे कंट्रीज यहां पर मार्क दें बचा अ� वहाँ वहाँ पर red color से marked है, तो यह देखो यह federal government है, India भी आपको federal government दिख रहा है, Pakistan में भी federal government है, Australia में भी federal government है, right? So यहाँ पर आपको federal government वाली चीज़े दिख रही हैं, जहाँ जहाँ unitary system है, वहाँ वहाँ आपको unitary system देखने को मिल रहा है, Britain में unitary system देखने को मिल रहा है, यहाँ यौरप की कई साले parts में आपको unitary system देखने को मिल रहा है, right? African countries में आपको unitary system देखने को मिल रहा है, so कहने का मतलब यह not all democratic countries are federal, some are also unitary.

तो यूनिट्री का क्या मतलब होता है? यूनिट का मतलब होता है बच्चा एक, यूनिट का मतलब होता है एक, यूनिट्री गवर्मेंट मतलब इकलोती गवर्मेंट, तो ऐसी कोई डिमोकरसी जिसमें या तो एक ही तरीके की गवर्मेंट होगी, यानि की सेंट्रल गवर्में और explain करती हूँ मैं Belgium का example लेके Belgium 1993 के बाद क्या बना अच्छे से federal system बना right federal system बना Belgium 1993 से बहले क्या था unitary system था क्यों हम उसे unitary क्यों बोलेंगे क्योंकि ऐसा नहीं है कि उसमें union government और state government नहीं थी उसमें दोनों थी तब भी लेकिन तब ना state government के पास real powers नहीं थी did not have real powers उसको कभी भी कोई decision लेना होता था तो center के पास जाने जाना पड़ता था राइट यूनिट्री सिस्टम वह सिस्टम होता है जिसमें या तो सिर्फ एक ही तरीके की सरकार होगी या अगर दो लेवल गवर्नमेंट होंगे भी तो एक लेवल जो है सबॉर्डिनेट होगा मतलब कि नीचे होगा सेंट्रल गवर्नमेंट इस पर उल्टा लिखा हुआ वहीं मैं बोलूं यह क्या लिखा हुआ हां पर इजांपल इंडिया और यूएस पे पेडरल गवर्नमेंट के एग्जांपल हैं और यूनिटरी पेडरल के एग्जांपल है ब्रिटेन और फ्रांस यह दो एग्जांपल याद कर लेना पे� features of federalism बचा अभी हम federalism general तरीके से पट रहे हैं अभी हम Indian context में federalism नहीं पट रहे हैं federalism clear हुआ ऐसी democracy जहां पे at least दो level में power को divide किया जाता है उसे हम बोलते हैं federal structure अब डेफिनेशन देख रहे थे कि स्टेट गवर्नमेंट के पास अपनी पावर होती है लेकिन बताएं यह तो हो गई थिवरी की बात जो हम साइंस पढ़ते हैं थिवरी में और जब हम प्रैक्टिकल करने जाते हैं उसमें बड़ा डिफरेंस आ जाता है क्यों थोड़ा सा अपना जो है धोंक जमारी होती है तो इस बात को याद रखना डोंट गेट किनफ्यूज चल फीचर्स और फेडरलिजम की बात करते हैं फीचर्स और फेडरलिजम में पहला फीचर है एट लीस्ट टू लेवल्स ऑफ द गवर्नमेंट एट लीस्ट टू लेवल्स कि मोस्टली दुनिया की जो पेडरल कंट्रीज हैं वहां पर सिर्फ दो ही लेवल हैं गवर्नमेंट के इंडिया एक सेप्शन है इंडिया में तीन लेवल है गवर्नमेंट के ठीक है एट लीज दो लेवल होने चाहिए यूनियन और स्टेट बोद लेवल्स बोद लेवल्स ओवर बचा बोद लेवल्स ओवर बवर्मेंट अ आप देर ओन जूडी जूरिस्डिक्शन है अब देर ओन जूरिस्डिक्शन अब जूरिस्डिक्शन का क्या मतलब होता है जूरिस्डिक्शन का मतलब होता है लीगल अथॉरिटी लीगल अथॉरिटी जैसे एक क्लास में किसकी लीगल चलता है राइट घर में किसका चलता है पेरेंट्स का चलता है सिमिलरली हर गवर्नमेंट का चाहिए वह स्टेट गवर्नमेंट चाहिए वह सेंटरल गवर्नमेंट है अगर वह फेडरल स्ट्रक्चर है तो उनका अपना अपना जूरिस्टिक्शन कर दो ठीक है कॉमिंस में मुझे बता सकते हो अब यह जो डूरिस्टिक्शन है यह जो पावर है कि कहां पर कौन रूल करेगा और क्या डिसीजन बनाएगा यह डिसाइड कौन करता है कि सेंटर गवर्न के पास कौन सी पावर होगी स्टेट के पास सविधान डिसाइड करता है सो दीज पावर दीज पावर ऑफ बोट बोट वॉट बोट सेंटर आज अ state government are clearly are clearly कहापे mention है? are clearly mentioned in our constitution तो अभी तक क्या-क्या feature पड़े, at least दो level of तरकारे होनी चाहिए, दोनो level के अपने-अपने areas होते हैं, अपने-अपने powers होती हैं, और ये जो powers हैं हमारे constitution में लिखे होते हैं, अगर इस pattern को change करना है, किसी country को अपने federal structure को change करना है, तो वो कैसे होगा क्या central government अपने आप चाहे क्योंकि central government तो main government है भाई वो तो union government है पूरी देश पर आज करती है क्या वो अपने आप change कर सकती है federal structure को the answer is no the basic structure of federalism जो basic structure है जो बिल्कुल उसका fundamental structure है the basic structure of federalism cannot be changed यूनी लेटरली यूनी लेटरली का मतलब एक कोई सरकार अपने आप नहीं कर सकते हैं ऐसा नहीं है कि कल को सारी स्टेट गवर्नमेंट जागी और उन्होंने अपना फेडरलिजम देश का चेंज कर दिया यह सेंटरल गवर्नमेंट जागी और सेंटरल गवर्नमेंट नहीं ऐसा नहीं हो सकता सेंटर और स्टेट को मिलके चेंज करना पड़ेगा और उसके जो रूल्स होते हैं वो हर कंट्री में अलग-अलग होते हैं हर फेडरल कंट्री में अलग होंगे नेक्स्ट पॉइंट, नेक्स्ट पॉइंट वच्चा जुडीश्री में तीन लेवल्स होते हैं, एग्जिक्यूटिव जुडीश्री और आपका लेजिस्लेचर, तो जुडीश्री का काम फेडरल स्ट्रक्चर में क्या होता है बच्चा, दो काम होते हैं, पहली बात तो कॉंस्टिटूशन में क्या लिखा है वो जुडीश्री स चाहिए तो कल को सेंट्रल गवर्न लूट की यह नहीं बोल सकती कि भाईया यह जो सेंटेंस लिखा है ना कॉंस्टिटीशन में इसका रियल मतलब यह है सेंट्रल गवर्न के हाथ में या स्टेट गवर्न के हाथ में वह पावर नहीं है जो भी कुछ सेंट्रल लूट तिर्फ इंडियन जुडिशरी में है या तो सुप्रीम कोर्ट या तो हाई कोर्ट इन फैक्ट अगर पेडरल स्ट्रक्चर के नाम पर सेंटरल गवर्नमेंट या स्टेट गवर्नमेंट के बीच में कोई जगड़ा होता है कोई आपत्ती आती है कोई डिस्प्यूट होता है तो वह भी कौन सु अच् आपको यह पता है कि देश में टैक्स होते हैं आपको यह भी पता होगा कि देश में अलग-अलग तरीके की टैक्स होते इंकम पर टैक्स लगता है हाउस पर टैक्स लगता है इंडारेक्टली हम कुछ समान खरीदते तो उस पर टैक्स देते जीजी टी दो तरीकी का होता है एक होता है आईजीएसटी और सॉरी एक होता है सीजीएसटी और एक होता है आपका एस जीएसटी जीजीएसटी जिस आप पर्टिकुलर स्टेट में रह रहे हो अगर आप कर्नाटका में हो तो कर्नाटका की स्टेट को जाएगा हर्याना में हो तो हर्याना की स्टेट को जाएगा तो कहने का मतलब यह है कि सिटिजन्स पर अलग-अलग तरीके के टैक्सेस लगते हैं कुछ टैक्स स्टेट गवर्नमेंट लगा रही होती है तो स्टेट गवर्नमेंट के पास भी पैसा जा रहा है सेंटरल गवर्नमेंट के पास भी जा रहा है स्टेट गवर्नमेंट उस पैसे से स्टेट में वेलफेयर कर रही है सेंटरल गवर्नमेंट उस पैसे से सेंटरल गवर्नमेंट के पास जा रही प्रशान पर बैल्जियम पर उन्होंने दो कारणों की वजह से अपना एक वह कंट्री की रीजिनल डावेसिटी को अकॉमोडेट करना चाहते थे अकॉमोडेट दूसरा ओवराल कंट्री की यूनिटी को वह इनहांस करना चाहते थे ठीक है तो यह दो तरह बेल्जियम का एक्सांपल लेंगे अगर आप तो बेल्जियम में क्या था कि डच बोलने वाले और फ्रेंच बोलने वाले लोगों के बीच में थोड़ी सी अनबन हो रही थी हो सकता है कि वहां सिविल लोगों को बोलने डच भाषा बोलने वाले लोगों को भी बहुत स्पेक्टिड फील हो और साथ में आपका फ्रेंच भाषा बोलने वाले को भी स्पेक्टिड फील हो तो मतलब कि हम फ्रेडरलिजम मोस्ली इसलिए करते हैं ताकि रीजिनल डावर्स्टी रीजिनल मत लोकल लेवल पर जो भिन्नता है, डाइवरस्टी है, जो अलग-अलग तरीके का कल्चर है, उन सारे कल्चर को क्या फील हो, अकॉमेडेटेड फील हो, रिस्पेक्टेड फील हो दूसरा पॉइंट, कंट्री की यूनिटी बड़े, अगर बेलजिये में फेडरलिजम नहीं होता, तो क्या होता, धीरे-धीरे करके डच बोलने वाले लोगों को और नफरत हो जाती फ्रेंच भाषी लोगों से, फिर दोनों आपस में लडने लगते, फिर दंगे होते, फिर क हो गए एक हो गए रेजिनल डावर्सटी को अक्कॉमिटेट करना दूसरा ओवर ऑल कल्ट्री की यूनिटी को इनहांस करना और यह काम इतना इजी नहीं होता है बच्चा यह काम थोड़ा सा तो डिफिकल्ट डेफिनेटली होता ही है और इसमें बहुत ज्यादा कोड फेडरलिजम करना लेकिन हाँ फेडरलिजम करना जरूरी जरूर हो जाता है अगर आप देश में यूनिटी बनाये रखना चाहते हो तो दो चीजें तू थिंक देट यू नीड फॉर फेडरलिजम देट यू मस्ट हैव इन फेडरलिजम वन इज म्यूचुल ट्रस्ट आप अगर इस अग्रीमेंट मूचुल अग्रीमेंट मतलब कि मालों अगर स्टेट गवर्नमेंट और सेंटर गवर्नमेंट की बीच में मूचुल ट्रस्ट ना हो अगर स्टेट को यह नहीं लगा कि भाई यह सेंटर मेरा हक नहीं मारेगा यह सेंटर यह नहीं लगा क पेडरिजम चलेगा नहीं दो चार दिन चलेगा फिर क्या है वह कुलाप्स हो जाएगा राइट तो म्यूचुल ट्रस्ट होना सेंटर और स्टेट के बीच में बहुत जरूरी है दूसरा अग्रीमेंट होना बहुत जरूरी है सेंटर का सेंटर थोप नहीं चल सकता कि सकती दोनों को सेम पेज पर आना पड़ेगा दोनों को जो है अग्री करना पड़ेगा कि हमें पेडरल स्ट्रक्चर चाहिए सुप्रसे एक बार वाइस करते हमारे पास फीचर्स है फेडरलिजम के कुछ पांच आप छह या साथ पहला है एटलीज गवर्नमेंट के पास अपने अपनी पावर्ट के एरियाज होते हैं तीसरा यह जो कौन से सब्जेक्ट पर कौन से सरकार डिसिजन होगी यह सारी बात हमारा सविधान बताता है और कोई नहीं बताता है चौथा जो बेसिक स्ट्रक्चर है प्रेडरलिजम का वह किसी भी देश में कोई एक तरीके की सरकार चाहे वह सेंटर हो चाहे वह स्टेट हो अपनी आप चेंज नहीं कर सकती है बिना दूसरे से पूछे और फिर पांचवा है कि यह जो कोट होते हैं हमारे देश में डिमोक्रिसी राजस्तान के लोगों पर नहीं लगा सकती टैक्स राजस्तान की ही गवर्नमेंट लगाएगी ठीक है तो स्टेट भी टैस्ट लगा रही है सेंटर भी टैस्ट लगा रही है दोनों के वाश अपना पैसा जा रहा है लोगों के वेलफेयर के लिए सेंटर बढ़ती है ना फेडरलिस्म भी दो तरीके की होते हैं अब यह थोड़ा कंफ्यूजन आ सकता है आपको आप बोलों कि यह थोड़ी तेरी तो है डिमोक्रिसी तो democracy पे federal structure दो तरीके का देखा जाता है एक होता है coming together दूसरा होता है holding together पूरा साल बीच जाता है बच्चों को इसका confusion ही बनने होता है तो अगले 5 मिनित अगर ध्यान से सुलेंगे अगले 30 सेकेंट ध्यान से सुलो तो तुम्हें कोई confusion नहीं रहेगा coming together federation मतल कि लोग भाग भाग के आ रहे हैं बड़ा संगठन बनाने के लिए इतना तो समझ आता है coming together लोग अकेले खड़े हुए थे लेकिन लोग भाग भाग के आ रहे हैं बड़ा सा group बनाने के लिए simple logic holding together federation यानि कि लोग already group बना के खड़े हुए थे उन्हें समझ आया कि group बहुत बड़ा बन गया है इसके छोटे छोटे और group बना कि यह एक इमेज अपने दिमाग में उठा लो लोग भाग भाग के आरे बड़ा संगठन बनाने के लिए बड़ा संगठन है और लोग उसमें से जाकर छोटे-छोटे संगठन बना रहे राइट अब समझो कमेंट टोगेदर फेडरेशन होता है जब ऑलरेडी होती है अपना जुडिस्टिक्शन होता है सब कुछ अपना चल रहा होता है लेकिन उन्हें लगता है कि यार वी विल बीस स्ट्रॉंगर अगर हम साथ में रहेंगे तो हम ज्यादा स्ट्रॉंग रह पाएंगे हम ज्यादा बड़ा देश बना पाएंगे ज्यादा सुपर देश बना पाएंगे अगर हम साथ में आ जाएंगे तो जब इंडिपेंडेंट स्टेट यह वादा करती हैं यह तरह करती है कि उन्हें साथ में आकर एक बड़े यूनिट की तरह रहना है तो उसे बोला जाता है कमिंग टोगेजर फेडरेशन पर इस आंपल यूएस से यूएस से का पूरा नाम क्या है यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका यानी कि अमेरिका की ऐसी स्टेट जो यूनाइटेड होकर रहना चाहिए जो एक साथ आकर रहना चाहिए राइट राइट चाहे तो वह अलग-अलग भी रह सकती थी लेकिन उन्होंने एक एक दूसरे पर विश्वास करके एक डिसाइड किया कि हमें साथ में रहने जब इंडिपेंडेंट स्टेट साथ में आकर बड़ा यूनिट बनाती है बड़ा संगठन बनाती है तो उसे बोलते हो कि अब इन सारी स्टेट के अपने पास क्या थी अपनी खुद की क्या थी तो वेरिनिटी तीस वे कि अनुभव यूएसे वे जो भी स्टेट्स आए आती है वह जब यूएसे का पार्ट नहीं था तब भी तो यहां पर पॉलिटिक चल रही थी तब भी तो यहां पर डिसीजन लिए जा रहे थे राइट तो उन सारी स्टेट्स की अपनी खुद पॉलिटिकल उथारत वो आके एक दूसरे के साथ अपनी सारी चीजें मिक्स कर देते हैं, मिला देते हैं, ताकि जो बड़ा unit बने, जो बड़ा unit बने, वो काफी strong बने, रुको मैं एक example दिखाती हूँ, माल लो ये दो independent states हैं, अभी तो मेरे पास दो एक example हैं, मान लो ये मेरे पास चार independent states हैं, अब इस state की भी अपनी sovereignty, security, jurisdiction है, इसकी भी है, इसकी भी है, इसकी भी है, अब ये एक अगर अकेला खड़ा रहेगा, तो ये थोड़ा सा कमजोर होगा, रहेगा, ये कमजोर होगा, लेकिन अगर इनमें चारों को एक साथ करके एक बड़ा यूनिट कर दूं इनकी सिक्योरिटी भी मिक्स हो गई इनकी ताकत भी मिक्स हो गई जूरिस्ट्रिक्शन भी मिक्स हो गया तो अब इसको दबाना थोड़ा मुश्किल हो रहा है राइट क्योंकि यह बड़ा यूनिट बन गया है तो यही परंस हम और strong बने, और super power बने, all the constituent states usually have equal power, लेकिन इसमें उच्छ नीच का भेदभाव नहीं होता है, इसके अंदर, मालो ये USA है, USA के अंदर चोटी-चोटी states है, तो सब states के पास equal power होती है, again, थिवरी की बात हो रही है, practical में थोड़ा सा different हो सकता है, एनिवेइ, एग्जांपल USA, स्विज़रलाइन में भी यही कॉंसेप्ट है, और अस्टेलिया में भी यही कॉंसेप्ट है, अब आते हैं हमारे देश के उपर, हमारे देश और हमारे देश जैसे देश, जिनने बोला जाता है होल्डिंग टुकेदर फेडरेशन, तो इंडि तो इतना बड़ा देश जब बना था तब उसे नहीं लगा था यार कि हमें ना फेडरल स्ट्रक्चर को थोड़ा और डीटेल में बनाना चाहिए दीरे-दीरे हमें समझ आया फॉर एक्सांपल बैल्जियम बैल्जियम चोटा सा देश है लेकिन उसे नहीं पता था कि यार हमारे देश में डच बोल भाषा बोलने वाले और फ्रेंच भाषा बोलने वाले लोगों के बीच में इतनी ज्यादा भिन्नता जब एक बड़ा country अब बड़ा country in terms of area नहीं बच्चा क्योंकि Belgium तो बहुत छोटा area wise लेकिन बड़ा country in terms of regional diversity right so जब एक बड़ा country decide करता है कि power को different different state के बीच में और national government के बीच में divide करने से country में ज़्यादा पीस आएगा कम कॉनफ्लिक्ट आएगा तो उसे बोलते हैं होल्डिंग टोगेदर फेडरेशन इसमें जो सेंटरल गवर्नमेंट होती है उसके पास हमेशा थोड़ी सी ज्यादा पावर रह जाती है क्योंकि पहले तो सिख्ट कर सारी पावर सेंटरल है इसमें ऐसा होता है अनिकल पावर बिट्टी डिफरेंट कॉंस्टेंट यूनिट और ऐसा देखा गया है कि भी पावर नहीं होती कुछ स्टेट्स होते हैं उनके पास एक्स्ट्रा पावर होती है कुछ स्टेट्स होते हैं उनके पास थोड़ी सी कब पावर होती है अब इंडिया का एग्जांपल जब हम पढ़ेंगे नॉर्थ हीस वाली स्टेट्स का हम डिस्कुस करेंगे तो आपको अच्छे से समझ आएगा एग्जांपल है इसका SIB SIB का मतलब है स्पेद इंडिया और बेल्जिम यहां कि ऐसा है भी दो वर्ड याद रखें चलो आगे चलते अब बात करते हैं इस इंडिया फेडरल और नॉट पर उससे पहले मैं एक वेशन दे रही हूं यह थर्टी सेकंड ट्राइन अंसर चलो 45 दे रही हूं ऑप्शन अच्छा हट जाती हूँ यहां से, य वेरी नाइस द राइट आंसर है कॉमेंस में बताऊंगी अभी बता दूं चलो अभी बता देती हूं ऑल द अबाव ऑप्शन नंबर डी नेक्स्ट इंडिया पेटरल यह पेटर में पूछा जाता है पांच मांस का भी पूछा जाता है तो सबसे पहले तो मैं बता दूं कि हमारे सविधान में कहीं मेंशन नहीं है पेटरल वोड कहीं भी लिखा नहीं हुआ था इंडिया फेडरल कंट्री लेकिन हमारी और हमारी history देखोगे तो यकीन हो जाएगा कि definitely federal ही है India कैसे मैं बताती हूँ देखो जब इंडिया अजाद भी नहीं हुआ था before 1947 before 1947 हमारे देश में दो तरीके की states हुआ करती थी एक उदी थी princely states और एक उदी थी provincial states झाल ठीक है प्रिंसली थेट्स में क्या होते थे राजा महराजा हुआ करते थे और बृतिश गवर्नमेंट का इनडारेक्ट कंट्रोल होता था इनडारेक्ट कंट्रोल आफ ठीक है वैसे तो उन्होंने राजा महराजा बठा रखे थे लेकिन ओर राजा इंडिया की राजा महराजा से साटगार्ड कर ली थी कि देखो भी इससे आपके अपनी जो खोकली शान इसे बरकरा रखो लेकिन हग तो हमारा ही चलेगा मर्दी तो हमारी चलेगी तो प्रिंसली होता था कि डायरेक्ट कंट्रोल होता था क्या होता था डायरेक्ट कंट्रोल होता था अ ब्रिटिश अर्थ का अब देखो गूगली यह है जो NCERT में नहीं दिया बड़ी इंटरस्टिंग बात है जब हम आजाद हुए ना तो ब्रिटिश अर्थ हमें इसका कंट्रोल तो देके चले गए उन्होंने पुला भाई यह तो मारी डायरेक्ट कंट्रोल में था यह तुम ले लो जितनी प्रोविंशल स्टेट ले गए अब प्रिंसली स्टेट्स को कन्विंस करना छोड़ गए हमारे लीडर्स के ऊपर चाहे वह जवाल लाल लेरू है चाहे वह माहात्मा गांधी है जो उस वक्त के फ्रीडम फाइटर्स थे उन्होंने बोला आप तुम जानो तुम्हारा काम जाने आप तुम द लगिया प्रिंसली स्टेट्स को इंडिया का हिस्सा बनाने में इसलिए देखोगे जब भी आप सविधान पढ़ोगे तो इंडिया को बोला जाता है यूनियन ऑफ स्टेट्स क्या बोला जाता है इंडिया को यूनियन ऑफ स्टेट्स ऐसा नहीं है कि स्टेट्स ने डिसाइड किया था हां भाईया हम कमिंग टोगेजर फेडरेशन बनाएंगे कि आओ भाई सब मिलकर भारत बनाएं नहीं नहीं इंडिया के सविधान में इंडिया को इस तरीके से हम एड्रेस करते हम इंडिया को हमेशा बोलते हैं अ Union of State तो जब 1947 में हम आजाद हुए राइट 1947 में जब हम आजाद हुए चलो 1947 में नहीं लिखते हुए यहाँ पे More appropriate would be Before 1990s 1990 के दशक से पहले इंडिया में जो है दो level of government हुआ करती थी Center और State राइट आफ्टर 1990 या आफ्टर 1990 भी नहीं बोलेंगे इन 90s 90s बोलेंगे 1990 के दशक में इंडिया में कितनी तरीके की गवर्मेंट होने लग गई सेंटर, स्टेट और साथ में लोकल गवर्मेंट और लोकल में भी दो तरीके की हो गई मतलब कि गाउं है तो अलग और शहर है तो अलग राइंड सो उन्नेस सो नब्बे से पहले भी हम फेडरल थे लेकिन हमारा फेडरलिजम इतना स्ट्रॉंग नहीं था हमारे पास दो लेवल आफ गवर्नमेंट हुआ करती थी थे तो फेड लोकल गवर्मेंट में ऐसा नहीं है कि गांव वाली जो लोकल गवर्मेंट वह ऊपर है शहरों वाली की जो नीचे ऐसा कुछ नहीं है लोकल गवर्मेंट थर्ड लेवल गवर्मेंट है वह थर्ड लेवल डिपेंड करता है कि अगर वह थोड़ लेवल गाउं में है तो से अर्बन रूरल लोकल गवर्नमेंट बोला जाएगा अगर वह शहर में है तो से अर्बन लोकल गवर्नमेंट बोला जाएगा बट लेवल हमारे पास कितने सरकार के तीन तो यह मैं आपको बात करें तो क्या हम इंडिया को बोल सकते हैं फेड्रल स्ट्रक्चर बिल्कुल बोल सकते हैं पहला पॉइंट हो गया हमारे और लोकल गवर्नमेंट दूसरा पॉइंट है कि हमारे पास जो भी हमने पड़ा था ना दूसरा फीचर क्या था फेडरलिजम का दूसरा फीचर क्या था कि अलग-अलग गवर्नमेंट के अलग-अलग जूरिस्डिक्शन के एरियाज होंगे अलग-अलग लीगल अथॉरिटी के एरियाज होंगे तो क्या हमारे पास है बिल्कुल है अक्ट्यूल कि यह लिस्ट क्या है यूनियल स्टेट लिस्ट यह लिस्ट क्या है बीच लिस्ट कंटेन अ कि बीच एरियास ऑफ जूरिस्डिक्शन किसका मालिकाना हाख होगा किस चीज पर यह लिस्ट है यह बताती है तो यूनियल लिस्ट होती है बच्चा यूनियल लिस्ट है एरियास वेयर अ यूनियन गवर्मेंट है जिन चीजों पर यूनियन गवर्मेंट की पावर है यूनियन गवर्मेंट की पावर है कि उसके आप बोल दोगे यूनियन लिस्ट का पार्ट इस पर डिसीजन कौन मनाता है डिसीजन सरमेड बाय ऑब्यूसली सेंट्रल गवर्मेंट सेंट्रल गवर्मेंट बोलो यूनियन गवर्मेंट बोलो एकी बात है राइट अब खुद ही सोचो एक पूरे देश की जो सेंटरल गवर्नमेंट होती है सेंटरल गवर्नमेंट तो एक ही होती है जो हमारे MPs हैं मेमर ऑफ पार्लिमेंट है वह क्या है सेंटरल गवर्नमेंट का पार्ट है लोकसभा और हमारे राजसभा क्या है चीजों पर मोस्टली यूनियन लिस्ट में वह वाली चीजें आती हैं बच्चा जो पूरे देश के लिए सेम रहती है इट कंटेंस एरिया विच आर यूनिफॉर्म फॉर दी फोल लेशन पूरे देश के लिए जो चीजें सेम रहती है उन चीजों को इसमें कवर किया जानते हैं फॉर एग्जांपल फॉर एग्जांपल हमारी आर्मी फॉर एग्जांपल हमारा पैसा फॉर एग्जांपल हमारा बैंकिंग करने का तरीका और भी बहुत सारी चीज़ें आती हैं यह कुछ चीज़ें हैं जो इन सीएरटी में मेंशन किए फॉरेंड अफेयर क्या होता है बच्चा इंडिया बाकी देशों से कैसा विवार रखेगा उसे फॉरेंड अफेयर बोलते हैं तो ऐसा तो नहीं है कि दिल्ली बोलता है कि च तो करेंगे ऐसा तो नहीं है पूरे देश की एक ही फॉरेंड पॉलिसी होती है तो फॉरेंड फैर यूनियल इसका पार्ट है करंसी ऐसा तो नहीं है कि केरला में यूरो चलता है और हर्याणा में डॉलर चलता है ऐसा तो नहीं है पूरे देश तो पहले जलता है तो क बैंक्स होते हैं कर्नाटका का अलग है पंजाब का अलग है पंजाब नेशनल बैंक एंड ऑल लेकिन बैंकिंग सिस्टम बैंकिंग बैंक चलेंगे कैसे वह पूरे देश में सही रहता है तो आर्मी हमारी एक ही आर्मी है हर स्टेट की कोई के लिए हो किसी के लिए राइट सो दीज टॉपिक्स आर्मेंशन इन दा यूनियन लिस्ट ना ऑन देखने से एंड स्टेट लिस्ट होती So this contains the subjects, areas बोलो, subjects बोलो एकी बात है, that state government has power in.

Decision कौन मनाते है? क्या है कॉन्सेप्ट, स्टेट लिस्ट हमने बनाई ही क्यों और सारी स्टेट लिस्ट में ऐसी चीज़े क्यों आती हैं जो स्टेट में अलग-अलग हो क्योंकि भाईये पांचों उंगलिया बराबर नहीं होती है। कोई स्टेट है जिसके पास ज्यादा एरिया है, रा राइट और बाकी सिक्के में जाओगे अनाच्छा प्रदेश में जाओगे पॉपुलेशन बहुत ही कम है सो हर स्टेट में एक तरीके की पॉपुलेशन एक तरीके का एरिया एक तरीके का क्लाइमेट एक तरीके की मिट्टी एक तरीके की नदिया नहीं है तो ऐसी च उन चीजों को हम स्टेट लिस्ट पर जाते हैं फॉर एजांपल पुलिस अब हर जगह पर अगर एक जैसी पॉपुलेशन होगी एक ही लेवल की ट्रेड काई चीजें होती है जो किसी स्टेट में सस्ती मिलती है काई चीजें होती है बाकी स्टेट में वह महंगी मिलती है क्योंकि ट्रेडिंग समान को बेचना और खरीदना कितने में बिखेगा कितने में खरीदा जाएगा वह सब बाद रिसाइड करता है टेट ग अलग-अलग होता है कॉमर्स कॉमर्स भी ट्रेड का ही पार्ट है डोंट गेट कंफ्यूज एग्रीकल्चर वायर एग्रीकल्चर बिकल्स अगेन हर जगह की मिट्टी हर जगह का क्लाइमेट अलग-अलग है तो एग्रीकल्चर कम संदर स्टेट लिस्ट इरिगेशन दोगे नदियों में से दोगे कनाल में से दोगे लेक में से दोगे राइट तो हर जगह पानी की कॉंटिटी सेम नहीं है तो इसलिए इरिगेशन भी किसमें आता है स्टेट लिस्ट ना इस लिस्ट के अलावा सेंटर और स्टेट के अलावा एक और लिस्ट होती है हमारे सविधान में जिसे बोला जाता है कॉन करेंट क्या बोला जाता है बच्चा कॉन करेंट कॉन करेंट मतलब कॉन पर करेंट लगाएगा नॉ आइएडिंग बट कॉन लिस्ट भी वह वाले सब्जेक्स आते हैं जिन पर डिपेंडिंग अपन द सिचुएशन कि state government भी laws बना सकती है, central government भी laws बना सकती है, so jurisdiction किसका होता है बच्चा इस पर? लीगल अथॉरिटी किसकी होती है? बोथ सेंटर और स्टेट मालो राज्या राजस्थान की बात करते हैं मालो राजस्थान में अडॉप्शन के ऊपर कोई केस आए अडॉप्शन के ऊपर अब उसके राजस्थान की स्टेट गवर्नमेंट डिसीजन ले सकती है और सेंटरल गवर्नमेंट भी ले सकती है मालो राजस्थान की गवर्नमेंट डिस राजस्थान की अडॉप्शन वाले केस पर डिसीजन लिया वाइट तो इस केस में क्या होगा राजस्थान की सरकार वाला डिसीजन चलेगा कि सेंट्रल गवर्नमेंट का चलेगा सेंट्रल गवर्नमेंट का चलेगा इसीलिए बोल रही थी इंडिया जाए होल्डिं� सेंटर के पास थोड़ी सी ज्यादा पावर हमेशा होती है क्योंकि कॉनकर लिस्ट में बना तो डिसीजन दोनों रखते हैं स्टेट भी सेंटर भी अच्छा किसी और की स्टेट में कोई और स्टेट रखन नहीं दे सकती मालो अडॉप्शन का पर डिसीजन लेगी इसमें मध्यप्रतेश की गवर्नमेंट नहीं बुलेगी लेकिन हमें तो लगता है कि डिसीजन एक स कि उसमें से बाहर की स्टेट गवर्नमेंट और सेंटर ठीक है तो वह वाले एरिया आते हैं मोस्टली शादी व्यास से रिलेटिव जो एरिया जो एरिया आपके कॉनकरेंट लिस्ट में आते हैं जैसे कि एडुकेशन बच्चे होंगे तभी तो जाने भेजोगे ना बाइड होगी साथ में फॉरेस्ट और ट्रेड यूनियन बेस में आता है सो बोट आप देख डिफरेंट इन स्टेट बट अगर कॉन्फ्लिक्ट वह दोनों के बीच में सेंटर स्टेट के बीच में तो सेंटर के पास ज्यादा पावर है अब इसके अगर थोड़े कुछ और चीजें होती है बच्चा बच्चा इसके ना स्क्रीन शॉट लेने की कोई जरूरत नहीं है यह फ्री पीडिया श� शुबहम पाटक जो हमारा चैनल है इसकी सारी वीडियोज में सारी वीडियोज में तुम्हें फ्री पीडियफ्स मिलती हैं तो डोंट वरी डिस्क्रिप्शन बॉक्स में देखो लिंक मिल जाएगा इसके दावा एक और पोटली होती है सबजेक्स की जिसे बोला जाता है Residuary Subjects Residuary Subjects Now the subjects, how will you define it? The subjects that are not a part of पेंटर, स्टेट और कॉनकरिल लिस्ट आर टर्म्ड आस रेजिड्वेरी सब्जेक आरेज ठीक है अब कुछ चीजें भाईया कुछ ऐसी एरिया जो हमें पता ही नहीं था कि आगे हमारे देश एक्सिस्ट करेंगे जैसे इंटरनेट होगा कि नहीं साइबर बुलिंग होगी नहीं आईटी टेक्नोलॉजी आएगी नहीं यह सब जब आप सविधान बना रहे थे और ये लिस्ट बना रहे थे राइट सो हमने उन चीज़ों को तब नहीं जाना लेकिन बाद में जैसे जैसे एक डिमोक्रिसी में वो मुद्धे आते गए वो एरियाज आते गए क्या पता आगे और सारे ऐसे एरियाज आएं जो लेगा ना तो उन एरियास को हम रेजिडोरी सब्जेक्स की तरह मेंशन करते हैं कॉंस्टिट्यूशन में वह तीन लिस्ट अलग चलती है रेजिडोरी सब्जेक्स अलग चलते हैं कॉंस्टिट्यूशन में मोस्टली इसमें टेक्नोलॉजी से रिलेटेड इस पर हक है सेंट्रल गवर्नमेंट का तो सेंट्रल गवर्नमेंट के बाद हो गई ना कार्डा पावर सेंटर पर भी अ यूनियन लिस्ट पे भी सेंटरल गवर्मेंट हग जमारी है, कॉनकरियन लिस्ट में भी सेंटरल गवर्मेंट की बात मानी जाती है, अगर स्टेट और सेंटरल के बीच में कोई राडा हो गया है, कोई प्रॉब्लम हो गयी थोड़, और रेजिडवेरी सब्जेक्स पे भी इंडिया को होल्डिंग टोगेदर फेडरेशन क्यों बोलते हैं उसका आंसर आपको इन दो पॉइंट्स में मिल जाएगा पहला पॉइंट तो यह हो गया कि यूडियन गवर्नमिन के बास क्लियरली जादा पावर है तो हम कमिंग टोगेदर फेडरेशन तो नहीं है पॉल पावर नहीं है जैसे पहले कश्मीर का अलग कंस्टिटीशन होता था कश्मीर में जो है आप अगर कश्मीर के परमेनेंट रेजिडेंट नहीं हो तो आप जब इन नहीं खरीद सकते थे तो कश्मीर में थोड़ा से अलग महौल चलता था लेकिन कश्मीर आर्टिकल 371 के अंदर हमारे सविधान के आर्टिकल 371 के अंदर थोड़ी सी स्पेशल पावर देते हैं अब यह स्पेशल पावर बिहार हर्याणा पंजाब इन लोगों के पास नहीं इन स्टेट्स के पास नहीं है यह स्पेशल पावर के पास है जिनको आर्टिकल 371 रेकिगनाइज करता है एस पेशल स्टेट राइट अब यहां पर मोस्टली पावर में क्या आता वहाँ पर इतना अच्छा फ्लोरा और फॉर्ना है, अगर वहाँ पर हम ये सारी चीजें नहीं रखेंगे, तो इंडिया का कोई भी बिजनस्मैन या कोई भी बड़ा इंडस्टिलिस्ट क्या करेगा, वहाँ पर जाके प्रॉपर्टी करेगे इंडस्टिलिस्टी लगा लेग अब हमारे देश में एक तो होता है सेंटर एक होता है स्टेट है ना लेकिन एक और कॉनसेप्ट है वह है यूनियन टेरिटरी का जैसे दिल्ली यूनियन टेरिटरी है जैसे चंडीगड यूनियन टेरिटरी है है ना तो यह यूनियन टेरिटरी क्या होते हैं वह वाले इरिया दिखाव सुनाओ वह वाले इरिया जो इतने बड़े नहीं है कि इन स्टेट बोल दो लेकिन इतने तो उन्हें हम एक special दर्जा देते हैं हमारी holding together federation में और उन्हें हम बोलते हैं Union Territory Union Territory पे कौन rule करता है?

Central Government rule करती है, Central Government के पास यहाँ पे special power होती है अब तुम्हारा यह question होगा, बहुत पच्चों का question होता है इसलिए मैं पहली बता देती हूँ फिर दिल्ली के अपने चीफ मिनिस्टर क्यों होते हैं भाईया कुछ Union Territory है ध्यान से सुनो कुछ Union Territory है जैसे कि दिल्ली वो इतनी खतरनाक तरीके से हमारे देश के लिए important है सोचो पूरे देश की capital है वो तो इतनी खतरनाक तरीके से हमारे लिए important है Union Territory होते हुए भी उसकी population कई state से ज़ादा है तो obviously वहाँ पे हमने थोड़े से special तरीके positions बना रखी है लेकिन बाकी Union Territories में mostly ऐसा ऐसा नहीं होता है वहां पर सेंट्रल गवर्नमेंट को ही पावर मिलती है जूरिस्ट्रिक्शन की तो यह दोनों पॉइंट क्या दर्शाते है दोनों पॉइंट दर्शाते हैं कि हमारे देश में होल्डिंग टोगेजर फेडरेशन है अब मैं बता है तो अगर अपने देश के बेसिक फेडरेशन को चेंज करना है तो वह फॉलो टू स्टेप्स अ इसमें से कोई भी step जो है वो skip नहीं कर सकते हैं पहला step है बच्चा both the houses कि पहला स्टेप है कि जो हमारे दो घर हैं पार्लिमेंट के कौन से वह दो घर एक तो आपका लोगसभा और दूसरा आपका राजसभा तो उन दोनों घरों के अंदर उन दोनों हाउसेस के अंदर जो भी हम बिल है बिल का मतलब होता है जब भी कोई कोई कोई चीज कोंस्ट नहीं आईड करने के लिए प्रेजेंट होती है ना तो जब तक वह पास नहीं होती है उसे बिल बोला जाता है जब वह एक बार पास हो जाती है तो उसे एक्ट बोल दिया जाता है बच्चा ठीक है एक्ट बोल दिया जाता है तो एक छोटों से डिफरेंस है तो जो भी चेंज चाह रहे हैं फेडरलिजम में मान लो वह फेडरलिजम का जो बिल है वह दोनों घरों की मजॉरिटी तो थर्ड मजॉरिटी के बाद स्टेप नंबर वन पूरा होगा कहीं जागे फिर आएंगे हम स्टेप नंबर टू पर एट लीस्ट अब ऐसा नहीं है कि step number 2 को हम पहले कर सकते हैं या step number 1 को हम बाद में कर सकते हैं ठीक है step number 1 पहले ही होगा फिर step number 2 होगा अब step number 2 में क्या है कि हमारे देश में उस वक्त जितनी states होगी क्योंकि states का number हमारे देश में हमेशा बदलता रहा है currently हमारे पास 28 states हैं बच्चा अब जिन लोगों को लग रहा है नहीं ma'am 29 है प्लीज बूबल कर लीजे get your टाक्स टेस हमारे पास 28 स्टेट है जो भी नंबर ऑफ स्टेट होगा उस वक्त जब यह बिल प्रोपोज हुआ है तब उसमें से एट लीज आधी स्टेट को इस बिल के लिए रजामंदी देनी पड़ेगी स्टेट कैसे रजामंदी देगी स्टेट में होती आपका ये Who has the power to make laws on the residuary subjects? Easy peasy lemon squeezy Right answer Union Government Next चलो अब जुडिश्री का क्या रोल है पहला तो जुडिश्री का रोल है कॉंस्टिट्यूशन इंप्लीमेंट हो रहा है वह देखें वह यह देखें कि सेंट्रल Central Government अपने taxes लगाती है लोगों पे और State Government अपने तरीके के tax लगाती है लोगों पे taxes से जो पैसा आता है वही पैसा utilize किया जाता है लोगों के welfare के लिए, तो ऐसा नहीं है, दोनों को आपस में मिल के पैसा divide करना पड़ता है, दोनों के पास अपने अलग-अलग taxes होते हैं जिससे और वो लोगों का वेलफेयर करती है तभी आपने सुना होगा जब भी आपके पापा मम्मी गुस्सा होते हैं वो बोलते होंगे सरकार हमसे इतना पैसा लेती है पर हमारे लिए करती ही क्या है वो सेंटेंस कहां से आता है क्योंकि हम लोग अपनी सैलरी में से बहुत सारा टाक नेस्ट टॉपिक इस बच्चा कि इंडिया फेडरल सिस्टम फॉलो करता है ये हमारे सविधान में तो कहीं नहीं लिखा है अब भी मैंने आपको बताया हमारे कॉंस्टिटूशन में कहीं मेंशन नहीं है कि हम फेडरल कंट्री है लेकिन फिर भी हमारी डेमोक्रिसी की जो ये प्राक्टिस है भी तो हम थिवरी पढ़ रहे थे लेकिन प्राक्टिस भी देखोगे अगर हमारी डिमोक्रिसी की तो तुम्हें समझ आएगा कि हम क्या है डिमोक्रिटिक है तो इसमें सबसे पहला एक्सपेरिमेंट जो हमारे देश में हुआ था जिसने प्रूव किया कि हम डेफिनेटली फेडरल है उसे बोलते हैं लिंग्विस्टिक स्टेट्स लिंग्विस्टिक स्टेट्स ना वह लिंग्विस्टिक Formed or Reformed on the basis of language are known as लिंग्विस्टिक स्टेड यानि कि ऐसी स्टेड जिनका बर्थ ही हुआ है लैंग्वेज के आधार पर या फिर उनका नाम बदला गया है या उनका एरिया बदला गया कुछ भी हुआ है उनके साथ कोई भी छेटखानी कोई भी बदलाव या उनका बर्थ ही हुआ है linguistic states 1947 से लेकर 1947 से लेकर 2019 तक a lot of a lot of linguistic states have been formed a lot of linguistic states have been formed LS का बतला linguistic states नाओ ऐसा नहीं है कि सिर्फ language के आधार पे states बनी हैं कभी उनका नाम भी change हुआ है rename भी हुई है बच्चा कभी उनका birth भी हुआ है कभी उनका डिविजियन भी हुआ है तो तीनों ही चीजें हुई हैं फॉर एक्सांपल 2014 की बात करते हैं 2014 में से 2014 में आंदप्रदेश में से एक हिस्सा निकाल के हमने उसे क्या नाम दे दिया तिलन तिलनगाना नाम दे दिया तो तिलनगाना का बर्थ 2014 पे किस तरीके से हुआ था लिंग्विस्टिक स्टेट के आधार पे हुआ था अब आप सोचो कि मैं अगर हम भाषा के नाम पे देश का बटवारा कर रहे हैं तो ये तो बहुत गलत बात है देश तूट जाएगा वि� इंडिया एंड ऑल आफ था वीवर वेरी राइट एंड यॉर फिर एक्चुली जब हम लिंग्विस्टिक चेट्स बना भी रहे थे तो हमारे स्टेट बनाइए नागा लैंड बनी है भार में से झारकण निकला है यूपी में से उत्तराखंड निकला है अग्रप्रदेश बच्चा तब तब हमारी democracy क्या हुई है और strengthen हुई है हमने ये देखा है that it strengthens the democracy strengthen इनक्रीज ज़रूर निटी हमने देखा है कि देश की यूनिटी में बढ़ातरी हुई है बल्कि कमी नहीं आई है हमने देखा है कि और मैनेजेबल हो गई है मैनेजेबल हो गई है डिमोक्रिसी पहले होता क्या है कि अगर बहुत बड़ा घर है जिसमें सारे लोग लड� से लड़ रहे हैं हमेशा लड़ जा रहे हैं लड़ जा रहे हैं क्योंकि आपस में बहुत जगड़े होते हैं तो उस घर में ज्यादा शांति होगी या दो घर आमने सामने हैं और दोनों लोग खुशी-खुशी रहते हैं उस घर में ज्यादा शांति होगी तो मैंने स्टेट का बटवारा नहीं करते थे तो लोगों में बहुत लड़ाई होती थी बहुत ही ज्यादा दंगे होने की सिचुएशन बनती थी लेकिन डेमोक्रिसी मैनेजबल हो गई डेमोक्रिसी स्टेंस हो गई और लोगों की यूनिटी बढ़ गई और हुआ है सेक्सटेसफुल साबित हुआ है चलो दूसरा है हमारी language policy मतलब कि languages से related हमारे देश में क्या-क्या programs and policies हैं इसमें हमें तीन चीज़ें पढ़नी हैं अब ध्यान से सुनना कई लोगों के पेरेंट, कई लोगों के रिष्टदारों ने बोलेंगे तुम्हारे टीचर ने गलत पढ़ाया, लेकिन हमारी टीचर हमें क्या पढ़ा रही है, जो NCRT में लिखा है, सविधान में लिखा है, हम वाटसप यूनिवर्सिटी वाले बच्चे नहीं हैं, सो पहली बात यह है कि हमारे देश में, कई लोगों को बहुत बुरा लगने वाला है, हमारे देश में कोई भी नाशनल लंगवे� कोई भी राष्ट्रे भाषा हमारी नहीं है इन फैक्ट हमारे पास दो ऑफिशियल लैंग्वेजेस ऑफिशियल लैंग्वेजेस का मतलब होता है बच्चा जब भी सरकार को कोई मैसेज देना होगा अपने लोगों को या कोई नोटिस निकलेगा या कोई प्रोग्राम बनेगा कोई पॉलिसी एक है इंग्लिश और एक है हिंदी एक है हिंदी तो दो ऑफिशियल लांग्वेज ने पॉवर नाशनल लैंग्वेज बोला गए दो है कई लोगों को लगता है हिंदी वारी राष्ट्रभाषा हिंदी वारी राष्ट्रभाषा नहीं है इन फैक्ट हमारे पर कोई राष्ट्रभाषा नहीं है राइट दूसरा स्टेट्स के पास यह अथॉरिटी है सॉरी तीसर स्टेट्स आफ द अथॉरिटी तो है देख ओन ऑफिशियल लैंग्वेज अ झाल कि आज हमारी इंडियन स्टेट्स के पास यह थोड़ी है भाई हम हर स्टेट से तो यह नहीं एक्सपेक कर सकते कि वहां के लोगों को इंग्लिश आए और हिंदी आए दोनों में से कोई एक भाषा है राइट इसलिए हमारे इंडियन स्टेट्स के पास इंडियन स्ट पाता की क्या करनाडा है तो लेकिन ऑफिशल बाज हिंदी और इंग्लिश तो रहेगी ताकि आप करनाडा भी रख सकते हैं अपने स्टेट में इन फैक्ट आपको पता है हर स्टेट के पास यह भी ऑथोरिटी है कि वह अपना धंडा भी रख सकते हैं यह भी कई लो� तिरंगा हमारा तिरंगा ही रहेगा वह हमारे इंडियन होने की पहचान है अगर आप अपनी स्टेट में अपना कोई स्टेट का जंडा रखना चाहते हैं तो आप रख सकते हैं एनिवेज अब आती है बात चौथा पॉइंट है कि यह बाशा है क्या लैंग्वेज का स्केड्यूल लैंग्वेज का स्केड्यूल लैंग्वेज का स्केड्यूल लैंग्वेज का स्केड्यूल लैंग्वेज का स्केड्यूल लैंग्वेज का स्केड्यूल लैंग्वेज का स्केड्यूल लैंग्वेज का स्केड्यूल लैंग्वेज का स्केड्य� एक और बात अगर आप किसी पब्लिक जॉब के लिए अप्लाई कर रहे हो या फिर किसी पब्लिक एग्जाम का कोई पेपर दे रहे हो तो आपके पास पूरी छूट होती है कि इन 22 लांग्विज़ में से आप कोई भी लांग्विज़ सिलेक्ट कर सकते हो अपना पेपर देन इंदी में देना पड़े इंग्लिश में देना पड़े राइट तो यह भी कितनी अच्छी चूट है तो यह सारी हमारी लैंग्वेज पॉलिसी का आधार है अब इसमें चेंज हुआ था कि 1964 और 65 के बीच में हमने एक बार ऐसा सोचा था कि यार हमने English को official भाषा क्यों रखा हुआ है? सिर्फ Hindi को रहने देते हैं ना? सिर्फ Hindi ठीक तो है?

लेकिन हमें तुरंट समझ आ गया कि ये गलती नहीं करनी चाहिए थी क्योंकि बच्चा, Hindi हमारे देश में सिर्फ 40% लोगों को आती है बाकी 60% लोगों को Hindi नहीं आती है तो क्या वो 60% जो majority में हैं? क्या उन 60% के साथ हम ऐसा कर सकते थे? तो हमने 1964 में एक बार ट्राइ किया था कि English को official language हटा देते हैं तो जो सदंद इंडिया की स्टेट हो गया हो गया जो भी हमारी सदंद स्टेट है वहां पर बहुत ज्यादा प्रोटेस्ट वहां सदंद इंडिया के लोगों को नहीं आती है ना पढ़नी आती है ना लिखनी आती है कुछ लोगों को आती है सब लोगों पहले भी दो ही थी, एक साल के लिए हमने बदली थी, हमें उसका जो decision का result है दिख गया था, लोगों को पसंद नहीं आया, हमने फिर से क्या कर दिया, policy को change करके दो official भाषाय बना दी, if you want to take a screenshot you can.

अब देखो शिरिलंका में नहीं किया गया था, शिरिलंका में क्या किया गया था, सिनाली भाषा को ही बार-बार प्रमोट करते हैं, तमिल भाषा को नहीं किया था, ऐसी कलती हम अपने देश में नहीं करना चाहते हैं ना, इसलिए हमने कभी भी हिंदी को नाशनल राशनल बात है हम सेंटर स्टेट रिलेशन पर सेंटर स्टेट रिलेशन पर पहली बात तो यह बताओ कि क्या हमारा देश नाइन पॉइंट एवं भी फेडरल था आप जी भाई नाइन टीस पहले भी फेडरल था बस फेडरलिजम स्ट्रॉम नाइन टीस के बार हुआ है तो हम दो तरीके से रिवाइज करेंगे सेंटर स्टेट रिलेशन शिफ्ट एक है बिफोर 1990 इस पर हुई कि 1990 से पहले क्या होता था रहा है कि पार्टी वह करती थी जो पूरे देश में मैक्सिबम नंबर से फेमस हुआ करती थी क्योंकि वही पार्टी थी इंडियन नाशनल कांग्रेस जिन्होंने आजादी एक तरीके से दिलाई थी क्योंकि वह पूरे देश में फेमस हो गई थी और पूरे देश में उसके लीडर्स भी फेमस हो गए थे तो जब भी elections होते थे center में या state में तो mostly कौन जीता था Indian National Congress जीती थी by chance अगर किसी state में Indian National Congress नहीं जीती थी तो उसने अपने हाथ में इतनी power इकट्ठी कर दी थी कि वो उस जगा पे उस state में election दुबारा से करवाती थी तो कहने का मतलब यह है कि 1990 के दशक से पहले central government central government यूज टू मिस्स यूज द पावर क्या करती थी पावर को मिस्स यूज करती थी वह क्या करती थी स्टेट गवर्नमेंट को डॉमिनेट करती थी डॉमिनेटेड द स्टेट गवर्नमेंट अ अब ये स्टेट गवर्नमेंट को अगर आप डॉमिनेट कर रहे हो फेडरल स्ट्रक्चर में तो ये अच्छी बात है कि बुरी बात है? बुरी बात है तो क्या होता था? डिमीन किया जाता था डिमीन मतलब फेडरल सिस्टम को क्या कर रहे थे आप?

डिमीन कर रहे लेकिन 1990 आते आते हमने किसी नहीं प्लान नहीं किया ये देश में लेकिन हमने दिखा देखो मार्केट में अगर एक चॉकलेट मिल रही है एक आईस्ट्रिम मिल रही है तो सभी लोगों को वही खानी पड़ेगी वनिला आईस्ट्रिम मिल रही है भाई आपको पसं शादी में गए हो मान लो उसने वनिला आईस्ट्रिम है तो वही खानी पड़ेगी लेकिन अगर वनिला भी है बटर स्कॉच भी है पीकन भी है बेलजियम चॉकलेट भी है इतनी सारी अलग-अलग तरीके की टूटी फ्रूटी भी है बहुत सारी आईस्ट्रिम है तो जिसक वो खाएगा सिम्मिलरी हमारे देश में पहले एक ही पार्टी बहुत फेमिस हुआ करती थी तो सब लोग उसे ही वोट दिया करते थे लेकिन 1990 आते-ाते इतनी सारी पार्टीज बन गई और सारी पार्टीज ने इतना सारा सपोर्ट गैदर कर लिया कि लोगों को कई और सारी पार्टीज भी पसंद आने लग गई तो एक तरीके से हमारी जो डेमोक्रिसी है उसने खुद को ही बदल दिया हमारे खुद के लोगों ने भारतवासियों ने ही इस तरीके से मूड बनाया कि हमारे डेमोक्रिसी में ये बदलाव आया 1990 के दशक से तो 1990 के दशक से क्या हुआ? फेडरलिजम स्ट्रॉंग हो गया इन फैक्ट हमारे सुप्रीम कोड ने भी इस बात को बहुत सपोर्ट किया सुप्रीम कोड ने भी बोला यह जो होता है जहांपे सेंटरल गवर्मेंट, स्टेट गवर्मेंट के उपर राज चलाती है बिलकुल अच्छी बात नहीं है सेंटर की अपनी पावर हो, स्टेट की अपनी पावर शुड़ हाव इट्स ओन क्लियर पावर क्लियर तरीके से बताओ गई इसकी क्या पावर है ये नहीं कि थोड़ी सी पावर दे रहे हो थोड़ी सी रख रहे हो राइट पहले तो ये चलता था यहाँ देखो क्या है स्टेट गवर्मेंट के मिनिस्टर्स दिखाए हैं सेंटर और सॉरी सेंटर गवर्मेंट के मिनिस्ट state parties बोलो, regional parties बोलो उन दोनों, मतलब state parties का role increase किस चीज़ में role increase हो गया बच्चा? democracy में जो regional parties हैं उनका role increase हो गया अब ये बदलाव आया कैसे? ये बदला�� आया बच्चा collision government से collision government से अभी ध्यान से सुबना मान लो ये हमारा इंडिया है इसमें 100 लोग हैं 100 लोग और एक ही पार्टी है, वन पार्टी है, जो बहुत फेमस है, दूसरी पार्टी है, सेकिन पार्टी है, जो बहुत बहुत फेमस नहीं है, इस पार्टी को मिल गया 80 वोट्स, इस पार्टी को मिल गया 20 वोट्स, क्लियरली कौन जीत गया, क्लियरली जीत गया आपका पार्टी वाल राइट तो 1990 से पहले कुछ इस तरीके का सीन था 1990 आते आते इतनी सारी पार्टीज हो गई मान लो यह पार्टी वन है पार्टी टू है पार्टी थ्री है पार्टी फोर है पार्टी फाइव है पार्टी सिक्स है बिल्कुल मल्टी पार्टी सिस्टम बन गया इंडि अब सौ ही लोग हैं, सौ ही लोग हैं, मान लो पार्टी नमबर वन को मिल भी गए अच्छे खासे वोट, तो इन्हें मिल गए मान लो 30 वोट, इन्हें मिल गए 10, इन्हें मिल गए 5, इन्हें मिल गए 25, इस तरीके से वोट डिस्टिब्यूट हो गए, तो क्या किसी को clear इतने number of vote मिले कि वो true majority से सरकार बना लेने, यहाँ पे तो true majority मिल रही थी, 80% vote जो है पार्टी नमबर वन को मिल गए थे, लेकिन यहाँ पे 1990 के दशक के बाद से इतनी सारी पार्टी जो हो गए ही कि किसी एक पार्टी के लिए अपनी खुद की सरकार बनाना इसको क्या करना पड़ता है बच्चा? अलायंसेज बनाने पड़ते हैं क्या बनाने पड़ते हैं?

अलायंसेज बना When two or more than two parties come together to form the government, that group of parties इस नोट आफ अलायंस एंड गवर्नमेंट इस नोट आफ कोलीजिन गवर्नमेंट जब दो या दो से अधिक पार्टी अपने जीतने के चांसेस बढ़ाने के लिए साथ में हाथ मिलाकर गटबंधन करती है तो उस गटबंधन को बोला जाता है अलायंस और गटबंधन से जो सरकार बनती है उसे बोला जाता है गटबंधन की सरकार या जाने की कोलिजियन गवर्नमेंट जैसे कि अभी भी जो सरकार चल रही है वह सिर्फ बीजेपी की नहीं चल रही है वह एंडीए की चल रही है तो एंडीए क्या है बच्चा नैशनल डिमोक्रिटिक अलायंस इटेजन अलायंस बीजेपी के साथ में और भी पार्टी� बीजेपी सरकार नहीं बना पाती क्योंकि उसके पास इतने वोट नहीं थे कि वह ट्रू मजॉरिटी से सरकार बना ले तो उसे बाकी पार्टीस के साथ हाथ मिलाना पड़ा तो अभी एंडिया की सरकार चल रही है एंडिया की सरकार बीजेपी लीड करती है यूपी एक संगठन है बच्चा जिसे कांग्रेस लीड करती थी और अभी भी करती है और लेफ्ट फ्रंट एक संगठन एक उसमें एक नया अलायंस देखने को मिला था जो देश की बहुत सारी पार्टीस ने बना था इट वरी वरी न्यू इसी साल देखने को मिला था उसका नाम आपको खोजकर मुझे कॉमेंस में बताना है कि वह कौन सा लाइट था डिमोक्रिसी पैरियल्स ऑफ को रिजन गवर्नमेंट state parties को क्योंकि state parties के साथ मिलके आपको alliances बनाने होते हैं तो state parties को अगर आप हलके बेलोगे तो वो आपके साथ हाथ थोड़ी मिलेंगे फिर आप थोड़ी सरकार सुनने में अच्छा लग रहा है लेकिन आप चुनी प्राक्टिकल में देखा जाए तो बहुत ही मुश्किल बात है क्योंकि गद्दी पर तो मान लो जैसे अभी भी एंडीए की सरकार है तो एंडीए में सबसे ज्यादा वोट किसके बीजेपी है अलायंस वोट थे लेकिन क्योंकि सरकार कोलिजन गवर्नमेंट की है सरकार अलाइंस की बनी हुई है तो आपको बाकी लोगों की भी नहीं पड़ेंगी तो यहां पर देखो अटल भिहारी वाजपाई जी दिखाए हुए जब अटल जी की सरकार बनी थी 1990 के दशक में तो वह तो आपको सबको साथ लेकर बैठना पड़ता है क्योंकि अगर किसी ने भी संगठन में से हाथ पीछे कीचा किसी को भी आप क्योंकि उन्हें पता है कि गडबंधन की सरकार बनेगी गडबंधन बनाए रखना है तो पार्टीस को खुश रखना पड़ेगा चलो इससे पहले कि हम आगे जाएं हम अच्छा आगे चले जाते लास्ट टॉपिक है इसको भी खत्म करते तो टॉपिक इस डिसेंट्रलाइजेशन तो जैसा कि मैंने बताया 1990 के दशक में सेवन्टी थर्ड इन सेवन्टी फोर्थ कंस्टिटूशनल विलेज लेवल पर अलग होती है और स्टेट लेवल पर इस अ चिटी लेवल पर अलग होती है इसी प्रोसेस को बोलते है डी सेंट्रलाइजेशन मतलब क्या होता है रटा मारें कि समझें समझ लो यार देखो जब सेंटर की तरफ चीजें ला रहे होते हो ना सेंटर की तरफ फिजिक्स दिखा रही हूं फिजिक्स तो यह बोला जाता है सेंट्रलाइजेशन अ जब सेंटर से दूर लेकर जा रहे होते हो कोई चीजें तो उसे बोला जाता है डिसेंट्रलाइजेशन सिंपल तो जब तुम सेंटर की पावर पहले तो तुमने क्या किया सेंटर की पावर स्टेट को दी थोड़ी सी पावर उसकी स्टेट को दी अब वही पावर उस पावर लोकल गवर्मेंट को दे रहा है तो सेंटर से दूर लेकर जा रहे हो ना पावर तो वेन पावर टेकन अवेड फ्रॉम सेंटर एंड हुआ 1990 के दशक में विद सेवन्टी थर्ड एंड सेवन्टी फोर्थ कंस्टिट्यूशनल अमेंडमेंट क्योंकि हमने आड किया लोकल गवर्मेंट का कॉन्सेप्ट लोकल गवर्मेंट लोकल गवर्मेंट विश्वरी अ हां जी तो यह है कि डिसेंट्रलाइजेशन करने की जरूरत क्या पड़े थी क्या हम बोर हो रहे थे एज़ज़न इसलिए हमने डिसेंट्रलाइजेशन कि नहीं हम बोर नहीं हो रहे थे बच्चा हम परेशान हो रहे थे एक्ट्री अच्छी हमारे देश में जनता तो इस बढ़ते जा रहे थे अब एक बिचारी स्टेट गवर्नमेंट कितने सारे अधिक दिन पर प्रॉब्लम भी बढ़ती जा रही थी लोगों की इशूज पर ध्यान देगी वो भी यूपी जैसी बिहार जैसी स्टेट में जहां पर लोग भर भर के हैं राइट पॉपुलेशन तुम्हें उस सौरपे से क्या करना है उसका decision मैं तुम्हारे से 6 साल बड़े cousin पे सौप दू तो उसको जादा अच्छे से पता होगा कि तुम्हें जादा अच्छे से पता होगा कि तुम्हें उस सौरपे का क्या करना चाहिए तो जो लोगों की problems होती हैं तो हमने यही सोचा कि जब local level पे problems आ रही हैं point number 3 they also have better ideas on where to spend the money state government को मालनो हम पैसा दे दिगेगी आपको अपनी स्टेट के अंदर जितने गाउं जितने शहर आ रहे हैं सबका भला करना है स्टेट गवर्नमेंट सोचे कि समय इकोल इकोल बाट देते हैं अब इकोल इकोल बाटने से तो प्रॉब्लम सॉल्ल नहीं होगी हो सकता है कोई गाउं हो उसमें भर भर के पानी बिजली पुल सडके सबकुछ हो जाते हैं इन शॉट डारेक्ट पार्टिसिपेशन इन डिसीजन इसके लिए मेरे बाद बहुत अच्छा एग्जांपल पेड़ होता है पेड़ की पतियों को पानी दिया जाता है कि पेड़ को जड़ों को पानी दिया जाता है जड़ों को पानी दिया जाता है जब तुम जड़ों को पानी देते हो तो पेड़ बहुत फलता फूलता है जब तुम पतियों को पानी देते हो तो पेड़ की मौत हो जाती है क्योंकि पतियों के अंदर से थोड़ी पानी जाता है जड़ों के अंदर से पानी जाता है रा� जब डमोक्रिसी की जड़ों को पानी दोगे तो लोग जो डमोक्रिसी का पेड़ है वो फलेगा और फूलेगा इन चार कारणों की वज़ासे हमने डिसेंटरलाइजेशन किया अब इससे पहले कि हम आगे जाके डिसेंटरलाइजेशन पूरा डिस्कर्ट करें एक चलो तो राइट आंसर है ऑप्शन नंबर एएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएए क्या करते थे कई स्टेट तो है वह लोकल गवर्नमेंट के एलेक्शन अच्छे से करा देते थे रेगुलरली लेकिन कई स्टेट तो यह कभी कराते थे कभी नहीं कराते थे कभी स्टेट गवर्नमेंट पैसा देती थी लोकल गवर्नमेंट को कभी स्टेट देती थी तो बेसिकली जो मामला चल रहा था और इसी मामले से जो है इपेक्टिव नहीं हो पा रहा था हमारे देश में तो हमने का ठीक है फिर अब बात आई गई है तो एक बात करते हैं कि कंस्टिटूशन में लिख देते हैं कि डिसेंट्रलाइजेशन होगा ही होगा तो हमने क्या किया कंस्टिटूशन को उन्ने सो ब्यान अ में 1992 में अमेंड कर दिया है में तो मतलब उसमें चेंजेस लिया है नई चीजें आट कर दिया रूरल लोकल गवर्नमेंट एन अर्बल लोकल गवर्नमेंट इसमें में क्या क्या किया हमने दिया रेजर्वेशन रेजर्वेशन किसको ओबीसीज को कि एसटीज को और एसटीज को प्लांस अब यह तो लोकल गवर्नमेंट के अलावा स्टेट गवर्नमेंट में भी होता है तेंट्रल गवर्नमेंट में भी होता है इन कमिनिटीज को तो मिलता है जगह पॉलिटिकल रेजर्वेशन लेकिन हमने दिया वन थर्ड फीड विमिन के लिए रिजर्व कर दी यह वाला जो कॉनसेप्ट है यह ना तो स्टेट गवर्नमेंट में होता है ना आपका सेंट्रल गवर्नमेंट में होता है तो यहां हम एक कदम जो है आगे चले गए बच्चा हमने और तो को भी सीट रेजर्व करके दी नाव हमने बोला कि अब regular elections होगे regular elections regular elections किस level पे लोकल लेवल जैसे सेंटर के रेगुलर इलेक्शन होते हैं जैसे स्टेट के रेगुलर इलेक्शन होते हैं हर पांच साल पर वैसे अब हमने बोला कि लोकल लेवल पर भी रेगुलर इलेक्शन होंगे स्टेट डिसाइड नहीं करेगा कब इलेक्शन होंगे कब नहीं होंगे स्टेट में हमने स्टेट एलेक्शन कमिशन बिठाया जो कि उस स्टेट के लोकल एलेक्शन को देखता है चाहो गाउं के हो चाहे वो शहरों के हो तो हमने बोला स्टेट गवर्नमेंट को स्टेट गवर्नमेंट कि चलो चलो थोड़ा सा revenue दो थोड़ा सा revenue और थोड़ी सी power अब permanently किस के पास रहेगी भाईया लोकल government के पास रहेगी ये नहीं तुमने इस साल दी ये अगले साल मांग लोगे नहीं भाईया अब जो तुम ये पैसा देते आ रहे हो तुम उसे रोक नहीं सकते तो revenue और power को share करने को बोला state government को local government के साथ तो ये चार पाँच तरीकों से हमने क्या किया अपने constitution में ये make sure किया कि decentralization कभी भी इंडिया में weak नाओ नो बच्चा local government दो तरीके की होती है गाउं में अलग होती है शहरों में अलग होती है अगेट ये depend करता है कि गाउं की population कितनी है ये शहर की population कितनी है तो पहले हम discuss कर लेते हैं Rural Local Government रूरल लोकल गवर्मेंट का दूसरा नाम है पंचायती राज पंचायत नाम का एक सीरियल है ना प्राइम पर आता है देखा वो उसको देखो थोड़ा बहुत और समझ जाएगा पंचायती राज बोलो मैं मैस का हुमबग करने से हमें यह सोर सक नहीं है तुम कह रही हो प्रा कि वन प्लेज है वन पंचाय ठीक है इसमें वोटर्स पॉल होते वोटर्स होते विलेज की अडल्ट पॉपुलेशन यह मालों धोलपुर एक विलेज है तो धोलपुर की जो अडल्ट पॉपुलेशन होगी चाहिए वह लड़का है लड़की है ट्रांसजेंडर जो है दो आप सरपंच मतलब है जो होगा पंचायत जाता है होगी उसे बोला जाता है सरपंच क्या बोला जाता है सरपंच तो हर गाउं में क्या होगा बच्चा हर गाउं में एक पंचा है तो राइट अब इंडिया में क्या होता है ना इंडिया में मालुई विलेज मालुई डिस्ट्रिक्ट इस दिस्ट्रिक्ट राइट डिस्ट्रिक्ट के अंदर होते हैं कई सारे ब्लॉक राइट ब्लॉक वन ब्लॉक तू, ब्लॉक थ्री अब इनके अंदर होते हैं बच्चे गाउं विलेजिस किसी में तीन होंगे, किसी में चार होंगे किसी में हो सकता पांच, छे हों तो इंडिया का जो गाउं है कुछ इस तरीके का दिखता है तो अभी हमने बोला कि हर विलेज लेवल पे तो पंचायत होती है पंचायत बोलते हो ग्राम का बतलब है गाउ पंचायत का मतलब आप जानते हो तो ब्लॉक लेवल पर ब्लॉक लेवल पर क्या होता है क्योंकि ब्लॉक में क्या है कई सारी पंचायत आ रही है एक ब्लॉक में मालों यह ब्लॉक की बात करें तो वहां पर एक बॉडी होती है जिसका नाम होता है ब्लॉक समिति अब इसकी लेक्शन में कौन बोर्ड देता है आइसा मच हर गाउं में ग्रामतंचायत हर ब्लॉक लेवल पे एक ब्लॉक स ग्राम पंचायत में उस पर्टिकुलर गाउं के लोग वोट देंगे और ब्लॉक समिति में जो है उसमें जितनी पंचायतें आ रही हैं उसके मेंबर्स वोट देंगे ठीक है अब कई सारी ब्लॉक समितीज मिलके कई सारी ब्लॉक समितीज मिलके वांट टू थ्री क्या बनाती कई जगह district magistrate का number different होता है कई जगह district magistrate के साथ बाकी positions भी होती है जैसे पंचाय जो मैं serial बता रही हूँ उसमे district magistrate का context देखा होगा साथ में सचीव जी वाला context देखा होगा तो वो सब जो है डिपेंड करता है कि किस particular state के हम बात कर रहे हैं तो कि यह वाला जो कंस्टेप्ट है जिला परिशत और दिया जिला परिशत का चेयर पर्सन कैसे लेक्ट होगा जिला परिशत के लेक्शंस कैसे होंगे जिला परिशत के मेंबर्स कौन-कौन होंगे वह डिपेंड करता है कि आप कौन सी स्टेट की बात परिशत के लिए बोला जाता है आपका पंच आप शर्पंच ब्लॉक समिति के हेड को अलग-अलग जगह अलग-अलग बोलते हैं और जिला परिशित के हेड को चेयर परसन बोला जाता है मोस्टली लेकिन वो भी अलग-अलग जगह अलग-अलग नाम से चलो अब देर दोस्तों कांसेप्ट ग्राम सभा विचार ग्राम का मतलब होता है गांव और सभा का मतलब होता है मीटिंग कई जगह हर जगह नहीं होता है अगर यह दिस नॉट अमेंडेटरी थिंग टू डू कंस्टिटीशन में लिखा नहीं है कि होना ही होना है पर कई जगह फॉलो किया जाता है इट गुड प्राक्टिस कई जगह क्या होता है कि मालो एक ब्लॉक है यह ब्लॉक है ब्लॉक कि यार हमना अपने ग्राम सभा किया करेंगे, क्या किया करेंगे ग्राम सभा, कि यार हमना annually दो बर मिला करेंगे, साल में दो बर मिलेंगे, और हम देखेंगे कि हमने क्या काम किया है, हम आपस में discuss करेंगे, तेरे गाउं के लोग भी आ जाएंगे, मेरे गाउं के लोग भी आ तो ग्राम सभा का क्या काम होता है कि पंचायत अच्छे से काम कर रही है कि नहीं कर रही है लोग उसको डिस्कस करते हैं माल लो आपकी आपकी जगह पर कोई प्रॉब्लम हुई थी आपकी गाउंपे आपकी पंचायत ने उस पर डिसीशन दे दिया आपकी प्रॉब्लम पर व वह साल में दो बार मिलते हैं और एन्वुल बजट डिसाइड करते हैं ग्राम पंचायत का और कौन-कौन सी ग्राम पंचायत ने क्या क्या काम किया है उसे रिव्यू भी करते हैं नावी कम टू अर्बन सेल्फ गवर्नमेंट पंचायती राज जैसा नगर पालिका कौन से शहर में कोई एक एग्जांपल सर्च करना नगर पालिका कौन से शहर में और सर्च करना कि इसके हेड को क्या बहुत कम पॉपुलेशन है तो नगर पालिका होगी थोड़ी ज्यादा पॉपुलेशन है बच्चा तो मुनिसिपालिटी होगी 25 लाख टाइप मुनिसिपालिटी होती है जैसे जो महानगर है दिल्ली दिल्ली को तो हटा दो अभी दिल्ली में भी मुनिसिपालिटी है जैसे आपका ये बॉंबे हो गया, बैंगलोर हो गया, कैलकिटा हो गया, मैसूर हो गया, ये बड़े बड़े शेर हैं, वहाँ पे क्या होती है, मुनिसिपल कॉर्परेशन होती है, लेकिन अगर 25 लाग तक की ही पॉपिलेशन है, तो वहाँ पे मुनिसिपलिटी होगी, उसके सबसे अच्छी बात तो यह है कि लोकल लेवल पर प्रॉब्लम सॉल्व जाती है सबसे अच्छी बात यह है कि हमारे देश में डेमोक्रिसी के नाम पर बहुत सारे लीडर्स इकठा हो गए हैं तो हमारी देश की डेमोक्रिसी जो है वह और स्ट्रेंथन हो रही है लोकल गवर्मेंट से डेमोक्रिसी जो है गाउं गाउं शहर शहर तक पहुची है और लोगों को अपने voting का हक है इस बात की भी पहचान प्राप्त हुई है तीसरा क्योंकि हम local government में और्तों को भी representation देते हैं तो और्तों को अभी empowerment हुआ है वो भी अपने घर से निकल के पचायत का एक पाट बनने लगी है तो that is also has resulted in women empowerment तो ये तीन अच्छी बाते हैं लेकिन इसके दावा कुछ खराब बाते भी हैं पहली बात तो यह है कि ग्राम सभा regularly नहीं होती है कहीं होती है कहीं नहीं होती है क्योंकि ये constitutionally mandatory नहीं है तो कई जगा होती है कई जगा नहीं होती है कई जगह जो स्टेट गवर्नमेंट है लोकल गवर्नमेंट के पास यह अधिकार तो है कि वह पावर मांग सकती है स्टेट गवर्नमेंट से लेकिन स्टेट गवर्नमेंट कभी-कभी घपले कर देती हैं पावर और पैसा देने में लोकल गवर्नमेंट दोन फिकेट टो फॉलो शुभम पाठक एंड मेरा इन्स्टाग्राम अकाउंट भी विचार इंस्टाग्राम अकाउंट और आपका टेलिग्राम अकाउंट दोनों इस नाम से है सोशली शुभम पर मैं हूं टेलिग्राम पर और सोशली शुभम में एक और M लगा दो तो उस नाम से हूं मैं इंस्टेग्राम पर इस टेलिग्राम दोनों के लिंक डिस्क्रिप्शन में है बस उस पर क्लिक करोगे तो आपको दिख जाएगा ठीक है लेकिन अगर search करके ढूंढने का मन हो, जादा मेहनत करने का मन हो, तो मैं यहाँ नाम बता 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