नाना पाटेकर - गेस्ट इन द न्यूज रूम
सारांश
सूत्रधार
- प्रस्तावना: परिचय में नाना पाटेकर का स्वागत और शुरुआत। \
- प्रसंग: करीबी यह कि सीन और अनुभव संग शेयर
महत्वपूर्ण दृश्य
कीमा और सब्जी के बीच अंतर
- अनूठा प्रसंग जहां नाना ने कहा, 'कीमा नहीं, वो केले की सब्जी है'।
क्रांतिवीर का आखिरी सीन - बदली हुई शैली में
- 'आ गई मेरी मौत का तमाशा देखने...' यादगार सीन जिसका बिरला नाना जी ने मंच पर अनुभव साझा किया।
सलाम बम्बे का दृश्य
- अमिताभ चौधरी की कविता 'भूख में दुख का अनुभव नहीं होता' का ज़िक्र।
नॉटेड ब्लॉकबस्टर - परिंदा और भयानक आग
- नाना पाटेकर के आग से जले होने की दास्तान। \
- तिरंगा: ब्रिगेडियर सुदेव और ह्दयस्पर्शी संवाद।
रणक्षेत्र की ओर
- कारगिल और सेनानी: अनूठी दस्तान जो बताती हुई कि नाना पाटेकर ने क्या अहमियत दी मातृभूमि की रक्षा में।
रिश्ते
संजय लीला भंसाली - गुस्सा और न्सान
-कड़ा संबंध: संजय ने एक दृश्य के लिए नाना को पैर धोने को कहा पर उजागर सत्य
विधु विनोद चोपड़ा से टकराव और संबंध
- फिल्म 'प्रहार' का किस्सा \ कहानी \ खर्च
कविताएँ
सीरत की समीक्षा
- नाना पाटेकर ने कविता कविता चर्चा 'आंसू का नहीं होना' और जीवन के अनुभवों पर प्रकाश डाला।
विजय तेंडुलकर ओर आविष्कार समयेक
- कैसे उन्होंने ने ये सिखाया कि हर रोल कैसे हमे अपने जीवन की घटनाओं संग जीना चाहिए मानवीय सहानुभूति पर ग्लानि लगा जिंदगी के अहम पलों की स्मृतियां
सिनेमा के साथ जिंदगी :
नाना का संबोधन
- विरासता का विवरणgiving बारे में सातवी कक्षा का।
- 'विश्वनाथ का असल नाम - नाना' नाम क्यों?
अभिनय दृष्टांत
- श्रीराम करकरे इनकी अभिनय कला की गहराई की चर्चा, डांस: 'नाना जी आप नाचे...'
- राज कुमार के साथ कीमा सब्जी विवाद. * मधुर स्मृतियों और उनके अभिनय की अनौठी कहानियां
डायरेक्शन, आउटसाइडर और इनसाइडर:
- इंडस्टी के बदलाव के प्रेरणादायक किस्से.
- मीना कुलकर्णी और सोहासिनी 'सहोकिनी' का संस्कार।
सत्य की खोज शताब्दी का अनुभव
मंच से पर्दे की यात्रा और विचारशीलता
- जीवनसार- अभिनय जीवन की कहानी के साथ श्रोताओं को ढेर सारी सीख व अनुभव दिए।
समर्पण: नाम फाउंडेशन- लक्ष्य और उद्देश्य
- किसानों की आत्महत्या से ले कार्य की व्याख्या. किसानों की मदद और जल संरक्षण में उनका योगदान.
बातचीत-कविताओं पर आनंदित करने वाला अंतर्निहित तत्व
-सुओ अद्वितीयता और उत्सुकताए।