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भारतीय स्पेशल फोर्सेस का इतिहास
Sep 1, 2024
MV RUEN का हाइजैकिंग मामला
घटना का वर्णन
तारीख:
16 दिसंबर 2023
शिप:
MV RUEN, मॉल्टा का एक शिप
स्थान:
अरेबियन सी
हाइजैकर्स:
38,000 टन कारगो, 1 मिलियन डॉलर की वैल्यू, 17 क्रू मेंबर्स
मांग:
हाइजैकर्स ने शिप और क्रू को वापस करने के लिए 60 मिलियन डॉलर की मांग की
नेगोसिएशन्स का समय
समय:
3 महीने तक कोई समाधान नहीं निकला
भारतीय सेना का ऑपरेशन
तारीख:
16 मार्च 2024
स्थान:
गल्फ ऑफ़ एडन
समस्या:
कार्गो वेसल्स की हाइजैकिंग
इंडियन नेवी का काम:
2008 से इलाके में तैनात
टेक्नोलॉजी का उपयोग:
मरीन पैट्रोल एयरक्राफ्ट और वारशिप्स का इस्तेमाल
कमांडो की तैनाती:
एलीट MARCOS कमांडो की एरड्रॉपिंग
ऑपरेशन का परिणाम
अवधि:
40 घंटे तक चला ऑपरेशन
हाइजैकर्स:
32 पाइरेट ने सरेंडर किया
क्रू मेंबर्स की सुरक्षा:
17 क्रू मेंबर्स को सुरक्षित बचाया गया
मीडिया कवरेज:
CNN ने भारत की स्पेशल फोर्सेस की प्रशंसा की
भारतीय स्पेशल फोर्सेस का परिचय
संरचना:
इंडियन आर्म फोर्सेस की प्रत्येक शाखा के पास अपनी स्पेशल फोर्स है:
आर्मी: पैरा SF
नेवी: MARCOS
एयरफोर्स: गरुड
स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (SFF) - PMO को रिपोर्ट करती है
इतिहास में महत्वपूर्ण घटनाएँ
1962 की युद्ध:
भारतीय आर्मी की तैयारी की कमी
CIA का योगदान:
भारतीय इंटेलिजेंस को सुधारने में मदद
स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (SFF):
चीनी टेरिटरी में गुरिलाओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए बनाई गई
मेजर मेग सिंह का योगदान
उपस्थिति:
1965 की युद्ध में कमांडो बल की आवश्यकता का एहसास
मेगदूत फोर्स:
पहली कमांडो बटालियन, विशेष रूप से पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाई के लिए बनाई गई
ऑपरेशन और प्रशिक्षण
ट्रेनिंग:
विशेष वातावरण में काम करने के लिए प्रशिक्षण
सफलता:
1965 के युद्ध में मेगदूत फोर्स का महत्वपूर्ण योगदान
NSG का गठन
स्थान:
अमृतसर, 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार
कार्य:
आतंकवाद का मुकाबला
बाद की घटनाएँ
टाइगर फोर्स:
बाद में गरुड फोर्स में परिवर्तित
पठानकोट अटैक:
2016 में आतंकवादियों द्वारा हमला
भारतीय स्पेशल फोर्सेस का महत्व
सेलेक्शन प्रक्रिया:
CDS परीक्षा और फिजिकल टेस्ट की आवश्यकता
अधिकारिता:
SFF की विशेषता, जो सीधे पीएमओ को रिपोर्ट करती है
निष्कर्ष
भारतीय स्पेशल फोर्सेस का इतिहास और उनके महत्व पर प्रकाश डाला गया है।
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