हुजूर गौस आजम की करामत है जो उनसे मुसाफा करता था उसे मौत नहीं आती थी सुबह सुबह ही लोग जमा हो जाते थे जिंदगी की जमानत लेने के लिए तमाम दोस्तों बहनों और बुजुर्गों को अस्सलाम वालेकुम हम जिस मुशे में रहते हैं यहां झूठ इंतिहा आम है जिंदगी का कोई भी शोबा हो कोई भी मौका हो यहां हर इंसान दूसरे इंसान से झूठ बोलने में और उसे धोखा देने में मसरूफ है लेकिन हद तो तब होती है कि जब मुशे के सबसे मुकद्दस मकाम यानी मसाजिद में मेंबरे रसूल पर बैठे खतीब और मौलवी हजरात अपने सुनने वालों से ऐसे सफेद झूठ बोलते हैं कि जिन्हें सुनकर कोई बच्चा भी हंस पड़े लेकिन वहां हजारों की तादाद में मौजूद सुनने वालों की अकलोली कौन से पर्दे पड़ जाते हैं कि वह ना सिर्फ इन झूठी बातों को तस्लीम कर लेते हैं बल्कि इन पर नारे लगाते भी देखे जाते हैं दोस्तों आज हम अपनी इस वीडियो में आपको मुख्तलिफ मौलवी साहिबान की चंद ऐसे झूठ सुनवा एंगे कि जो झूठ कम और कॉमेडी ज्यादा लगते हैं लेकिन इन्हें सुनने वाले अकीदत मंद इन्हें झुट लाने के बजाय इन पर झूमते नजर आते हैं ताहम वीडियो शुरू करने से कबल हम आपको यह बताते चले कि हमारी यह वीडियो किसी मख सूस फिरके या मसलक के खिलाफ नहीं है बल्कि इस हम्मा में सभी नंगे हैं तो आइए शुरुआत करते हैं अपनी झूठ से भरी इस वीडियो की [संगीत] दोस्तों सुनिए ये मौलाना साहब क्या कह रहे हैं गौस पाक का हाल यह था कि गौसे पाक का नाम कोई बे वजू लेता था तो वह मर जाता था गौस पाक का नाम कोई बे वजू लेता था तो हमारे बुजुर्गों ने ये बात सूफिया ने कही है मुमकिन है आप इस परे तराज करें जो भी हो लेकिन सूफिया कहते हैं कि बे वजू का नाम कोई ले नहीं सकता था लेकिन रसूल पाक ने फरमाया अब्दुल कादिर मेरी उम्मत पे रहम करो लोग इस तरह से नुकसान उठाए कहा ठीक है कि अब नहीं मरेगा बे गुसल अगर वजू बे गुसल नापाकी में नाम लेगा तो अब नहीं मरेगा लेकिन सूफिया अहल उल्ला अब भी कहते हैं अगर नापाकी में अब भी कोई गौस पाक का नाम ले तो कम से कम उसका इतना नुकसान पहुंचता है जो उसका एक बाल टूट कर गिर जाता है नहीं झूठ बोल रहा है हमने आज तक तो किसी ऐसे शख्स को मरते नहीं देखा कि जिसने अल्लाह और इसके रसूल का नाम बे वजू या नापाकी की हालत में लिया हो और व मर गया तो क्या हजरत गौस आजम जीलानी नाजु बिल्लाह अल्लाह और इसके रसूल से भी बढ़कर थी दूसरी बात यह कि इस झूठी कहानी में अल्लाह के एक वली को किस कदर सफक और जालिम बताया जा रहा है कि जो अपना नाम बे वजू लेना भी बर्दाश्त नहीं करता लेकिन मजाल है जो किसी नेन मौलाना साहब की बंगी पर अपनी जबान खोली हो दोस्तों आइए आपको सुनाते हैं द लेजेंड ऑफ बाबा धनक का मानसरे का रहने वाला था नाम था रहमतुल्लाह उसको बाप धनका कहते थे कोई बैठा हो यहां मानसरे का तो जानता होगा कराची से लोग गए वजीर आजम गए सदर साहब गए बाबा डंडा मारता था ना जिसको डंडा लगता था उसका बेड़ा पार हो जाता था उस बाबे ने लोगों ने वहां रहकर देखा 20 बरस कुछ खाया पिया नहीं पानी का घूंड भी नहीं पानी का उस बाबे के पास छछ महीने रह के लोगों ने देखा बाबा कुछ भी खाता पीता नहीं कैसा लगा मेरा मजाक दोस्तों जब यह वीडियो इंटरनेट पर वायरल हुई तो मां सेरा से ही ताल्लुक रखने वाले लोगों ने इसका कच्चा चिट्ठा खोलकर रख दिया बाज ने कहा कि धनक का एक फ्रॉड था जो पेट भरकर खाना खाता था और लोगों को खूब गालियां बका करता जिसकी गद्दी अब इसके बेटे ने संभाली हुई है दोस्तों जब हम रोजा रखते हैं तो सुबह से शाम तक खाने और पानी के बिना गुजारा करना हमारे लिए किस कदर मुश्किल हो जाता है अब सोचिए कि क्या कोई इंसान 20 साल तक यह अमल अंजाम दे सकता है कोई बच्चा भी इस बात को तस्लीम नहीं कर सकता लेकिन अंधी अकीदत वह बला है कि जो बालि हजरात को बच्चों और जहनी मजूर से भी बदतर बना देती है दोस्तों यह पाकिस्तान की सॉरी कनाडा की एक मशहूर और मारूफ मौलवी कम सियासत दन कम साइंस दन कम कारोबारी शख्सियत वैर वगैरह हैं ताहिर उल कादरी साहब की हफीत पर जब किसी ने सवाल उठाया तो आपने जवाब दिया कि मैं तो हजरत इमाम अबू हनीफा सी आलमी रोया में 152 साल तक बराह रास्त इल्म हासिल कर चुका हूं मेरी अफियत का आलम तो यह है कि मैंने तो आलम रोया में कोई 15 20 साल के लगभग का अरसा इमाम आजम रज अल्लाह ताला अ की शागिर्द की आपसे पढ़ा हूं आलम रोया में बरारा तलम का शरफ मिला आलम रोया में बतरी के मनाम चले मान लिया कि अल्लामा साहब दुरुस्त फरमा रहे हैं लेकिन दोस्तों झूठ का कोई एक रंग नहीं होता बल्कि यह अपने रंग बदलता रहता है ताहिर उल कादरी साहब ने यह बयान बर्मिंघम में दिया था जबकि सिर्फ तीन माह बाद ही हैदराबाद में मुनक हुई एक तकरीब में आप यह कहते हैं आलम रोया में खब में आलम रोया में अल्लाह की इज्जत की कसम ताजदार कायनात के नाल पाक की कसम आलम रोया में 9 साल तक इमाम आजम अबू हनीफा से पड़ा हूं हजरत इमाम अबू हनीफा की सोहबत में गुजारी 1520 साल कब नौ सालों में तब्दील हुए अल्लामा साहब को खुद भी मालूम ना हो सका दोस्तों अब यह किस्सा भी सुनिए बगदादी सत आप पर चल रहे हैं पानी पर चल रहे हैं या अल्लाह या अल्लाह या अल्लाह का विरद करते हुए पानी पर चल रहे हैं एक शख्स देखता हु कहता है हजरत आप पानी पर चल रहे हैं यूं चल रहे हैं जैसे इंसान जमीन पर चल रहा हो होता है पढ़ रहे या अल्लाह या अल्लाह या अल्लाह वो शख्स कहता है है जुनेद बगदादी मैंने भी दरिया पार करना है मुझे फरमाई मैं भी कुछ पढ़ूं फरमाया तू पढ़ता रह या जुनैद या जुनैद या जुनैद या जुनैद पढता हुआ पानी पर वो भी चल रहा है जिस वक्त हजरत अमीर मुआविया शाम की गवर्नर थी तो आपनी खलीफा ए दोम हजरत उमर रजि अल्लाह ताला अन्हो से एक बहरी बीड़ा तश्न देने की इजाजत तलब की ताकि सा और रोडससीओ पर लश्कर भेजे जा सके लेकिन हजरत उमर रजि अल्लाह ताला अन्हो ने मुमकिन भारी जानी नुकसान के पेशे नजर यह तजवीज मुस्त कर दी दोस्तों हजरत उमर को तो यह ख्याल नहीं आया कि आप सभी फौजियों को कहती कि अल्लाह का नाम लेकर पानी पर चलती चली जाओ क्योंकि आप रजि अल्लाह ताला अन्हो दौरे हाजिर के मुसलमानों की तरह मन घड़तय मालाई कहानियों पर यकीन नहीं रखती थी बल्कि आपने अपने जोरे बाजू और हिकमत तो तदबीर के जरिए आदी दुनिया फतह की दोस्तों आइए अब कहानी सुनते हैं ईद के चांद की हजरते शेख अली इब्ने ती फरमाते हैं कि मैं 29 रमजान को आपकी बारगाह में गया तो मैंने देखा कि एक खूबसूरत जवान बड़ा सजा दजा था अब बड़ा खुश खुश था तो वो जो है वो निकल कर के जा रहा था मैंने कहा हजरत कितना खूबसूरत है कितना सज धज के है और कितना खुश है कौन था ये गौस पाक मुस्कुरा के कहते हैं वो ईद का चांद था सुभान अल्ला वो कोई इंसान नहीं था वो कौन था ईद का वो ईद का ईद का चांद था और मुझसे इजाजत लेने आया था हजरत 29 को निकलना है कि 30 को निकलना है सुभान अल्ला मस्त जोक मारा रे ये हंस रे हलकट हस मोहतरम मौलाना साहब यह फरमा रहे हैं कि ईद का चांद भी हजरत गौस आजम अब्दुल कादिर जीलानी से इजाजत लेकर निकलता था मेरा सिर्फ इतना सा सवाल है कि हजरत अब्दुल कादिर जीलानी सिर्फ 87 बरस इस दुनिया में कयाम पजीर रही तो उनसे पहले चांद किससे पूछकर निकलता था और आजकल किसकी मर्जी से निकलता है दोस्तों चांद हो या सूरज यह जमीन पर हजरत आदम अलैहि सलाम की पैदाइश से भी पहले अपने-अपने मदार में गर्दिश कर रहे हैं यह बात पांचवीं क्लास का एक तालिब इल्म भी बखूबी जानता ही दोस्तों मन घड़तय और रिवाय तों का ताल्लुक सिर्फ औलिया कराम या बाबाओं से ही नहीं बल्कि इन्होंने तो सहाबा कराम को भी नहीं छोड़ा सुनिए यह हजरत क्या फरमा रहे हैं हजरत फारूक आजम एक दिन बैठे थे तो वो सूरज की जो तपिश थी ना सूरज की किरणें निकली और उसकी तपिश और हिद्दी पुश्ते मुबारक को लगा के गर्मी महसूस हो रही है हजरत फारूक आजम रजि अल्लाह अ जब हजरत फारूक आजम रज अल्लाह अन की पुश्ते मुबारक पर सूरज की तपिश महसूस ई आपने यूं गुस्से की निगाह के साथ सूरज को देखा सूरज बेनूर हो गया सूरज की रोशनी खत्म हो गई मेरे आका किसी और मजलिस में जलवा गर थे तो कहने लगे सहाबा या रसूलल्लाह लगता है कयामत कायम हो चुकी है कयामत आ चुकी है जब सूरज बनूर हो गया तो बचता क्या है जिब्रील आए या रसूल अल्लाह कयामत नहीं आई लेकिन कयामत से कम भी नहीं आई है भी नहीं आई लेकिन कयामत से कम भी नहीं आई है हुआ क्या है फरमाया या रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अल वसल्लम आपके गुलाम हजरत फारूक आजम को जलाल आ गया है और उस जलाल फारूक आजम को उसकी तपिश को वो डर गया उसकी रोशनी काफूर हो गई अब हाल क्या है माबू पूछ रहे हैं कौन पूछ रहे महबूब पूछ रहे हैं हल क्या है सरकार ने मौला फारूक आजम को बुलाया और बुलाकर फिर सुलह कराई सूरज से दोस्तों यह बिना सनद और हवाले का एक गैर मौत तरीन वाकया है जसे अकल शऊर भी तस्लीम करने से मजूर है सूरज का बेनूर हो जाना यह सिर्फ उसी वक्त मुमकिन है कि जब कयामत वाकी हो जाए दोस्तों आपने ऐसी बहुत सी मौलवी साहिबान को देखा होगा कि जो ख्वाब में हजरत शेख अब्दुल कादिर जीलानी से मुलाकात का दावा करते हैं लेकिन अब हम आपको एक ऐसे शख्स से मिलवाने वाले हैं कि जो सीधा फोन पर बड़े पीर साहब से राबता करते हैं और उन्हें अपना हाले दिल सुना देते आप मोबाइल पकड़े और का नंबर मिलाए 70 33 हेलो दूसरी तर तुम्हें गौस पाक की आवाज सुनाई देगी सुभान अल्ला क्या बात है सर क्या बात है सर क्या बात यह बात है दोस्तों बिल्लियां तो आपने बहुत देखी होंगी रशियन बिल्ली पर्शियन बिल्ली या इंडियन बिल्ली वगैरह लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि बिल्ली पैदा कैसे हुई बिल्ली कैसे पैदा हुई जब तूफान नूह आने से कबल हजरत नूह अला नबीना सला सलाम ने तमाम जानवरों के जोड़ों को कश्ती में सवार किया तो उन सवार होने वालों में एक चूहा भी था लोग इस बात से डरने लगे कि जो अनाज और जो चीजें हमने कश्ती में सवार की है क्योंकि चूहे की फितरत है कतरना तो यह तो उसको अनाज को खराब कर देगा तो उस वक्त वहां पर मौजूद एक दूसरा जानवर दरिंदा शेर उसको छींक आई उसके छींक से अल्लाह तबारक ताला ने बिल्ली को पैदा किया यह बिल्ली को देखकर चूहा डरने लगा इस डर के मारे वो एक जगह पर दुबक कर दोस्तों यह बात हमने तो आपको बता दी है कि बिल्ली कैसे पैदा हुई लेकिन आप आगे किसी को मत बताइएगा क्योंकि हर शख्स इन मौलाना साहब के सामन की तरह सीधा साधा नहीं होता दोस्तों आइए अब इस्तंजा का वह तरीका सीखते हैं कि जो हर रमजान में वायरल हो जाता है के रोजेदार आदमी अगर रोजे की हालत में इस्तंजा करेगा तो उसका तरीका यह है कि पाखा का जो मकाम है उसको टाइट करें और सांस को रोक कर के रखें और फिर उसके बाद इस्तंजा [हंसी] करें क्योंकि ऐसा हो सकता है कि अगर इस्तंजा करने में सांस को ढीला छोड़ा तो इस्तंजा करने में जो पानी है वह पाखा के रास्ते से पेट में पहुंच जाए कुछ भी कुछ भी अगर पाखा के रास्ते से इस्तंजा करते हुए पानी पेट के अंदर प गया तो रोजा टूट जाएगा दोस्तों यह बात कुरान और अदीस में किसी जगह पर मौजूद नहीं यह सिर्फ दीन को मुश्किल और पेचीदा बनाने वाली बातें हैं जो लोगों को शक और वसवसे में मुब्तला करती हैं दोस्तों ऐसा मुमकिन ही नहीं कि पानी शर्मगाह के रास्ते पेट में दाखिल हो सके लिहाजा आप ऐसी फजूल बातों पर बिल्कुल कान ना धर पिछले हजारों साल से बादशाह और हुक्मरान दुनिया में अमर होने के तरीके खोजते आए हैं लेकिन इनमें से किसी को भी कामयाबी ना मिल सकी मिलती भी कैसी क्योंकि इन लोगों ने हजरत गौस आजम का जमाना जो नहीं पाया था आपने यह करामत सुनी है गौस आजम की कि जो उनसे मुसाफा कर लेता था उस दिन नहीं मरता था हुजूर गौस आजम की करामत है जो उनसे मुसाफा करता था उसे मौत नहीं आती थी उस दिन सुबह सुबह लोग जमा हो जाते थे जिंदगी की जमानत लेने के लिए आजम दस्तगीर की शान थी क्या आप अपने शागिर्द को पढ़ाते थे और मौज में उन्हे कभी कहते थे मर जाओ वो सारे मर जाते थे फिर फरमाते जिंदा हो जाओ वो उठ जाते कुराने मजीद में वाज तौर पर यह इरशाद है कि हरज नफ्स को मौत का मजा चकना है लेकिन यह लोग झूठी करामात या अफसाने बयान करते हुए यह भी नहीं सोचते कि हमारी बातें कुरान मजीद से किस कदर मुत सादि में हैं जबकि इन्हें सुनने वाले भी अपना दिमाग शायद घर छोड़कर आते हैं तभी तो यह साउथ इंडियन फिल्मों की तरह इनकी हर बंगी को ना सिर्फ बर्दाश्त कर लेते हैं बल्कि इस पर तालियां भी बजा दोस्तों अगर आपको यह वीडियो पसंद आई है तो कमेंट बॉक्स में अपनी राय का इजहार जरूर कीजिएगा क्योंकि आपके कमेंट के बाद ही हम यह डिसाइड करेंगे कि इस वीडियो का दूसरा हिस्सा बनाया जाए या नहीं मिलता हूं आपसे एक नई और अनोखी मालूमात के साथ तब तक के लिए अल्लाह निगेहबान [संगीत] [संगीत] आ