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आत्मकथ्याई कविता का गहन विश्लेषण

Hello Popluars, this is your only eyes by your end आज की वीडियो में हम लोग पढ़ने वाले तुम्हारी छितीन बुक का एक थोड़ों confusing सा कवीता जिसका नाम है आत्मकत्याई तो वीडियो को पुरे इंटर जरूर देखना क्योंकि वीडियो के एंड में मैं तुम्हों को इस कवीता के कुछ important questions भी provide करने वाला हूँ वीडियो के एड में तुम लोगों को important questions जरूर मिलेंगे तो आप अराम से चुकुमुकु बैठो और आज की इस 3D animated वीडियो का मज़ा लो तो यह सबसे पहले हम लोग यह समझते हैं कि जो हमारा title है आत्मकत्या यह जो कवीता का नाम है आत्मकत्या उसका exactly बतलब क्या होता है आत्मकत्या को English में हम लोग biography कहते हैं और biography का मतलब होता है किसी भी particular इंसान की पूरी जिन्दिकी की कोई story को हम लोग biography कहते हैं जो कोई particular इंसान खुद से लिखता है या कोई और भी उस पर लिख सकता है जो उसके बहुत ज़्यादा करीब हो तो basically biography वो होता है जिसमें कोई बहुती famous personality की पूरी जीवन की कथा लिखी होती है market में बहुत सारी अले अले biographies available है famous personalities की कुछ की photo तुम लोग अपने screen पे देख सकते हो तो यार इस कविता में जो हम लोगों को नेखा क्या है जैसंकर प्रसाद वो हम लोगों को बताते है की उन्हें बायोग्राफी लिखने में कोई भी इंटरेस्ट नहीं होता है और उनकी जो प्रेंड होते हैं एक बहुत ही करीबी जो मित्र होते हैं वो उन्हें बायोग्राफी यानि की आत्मकथ्ठा लिखने के लिए बहुत जदग फोर्स करते हैं तो पूरी कवीता में वो अपने दोस्त को ही रिप्लाई दे रहे होते हैं कि आखिर उन्हें आत्मकथ्ठा क्यों नहीं लिखना है तो बेसिकली पूरा जो कवीता है वो इसी के अराउंड रिवार्म करेगा कि जो लेखा कर जो कवी है वो हम लोगों को जताने की कोशिस कर रहे हैं कि वो अपनी जो जिंदगी है उससे बहुत ज़्यादा परिशान है और उनकी जिंदगी में बहुत ज़्यादा दुख, दर्द, कश्ट और पीड़ा है तो अब चलो हम लोग इस कमीता का इंटम डीप पोस्टमॉर्टम सुरू करते हैं तो हमारे पहले पैरिग्राफ के पहले दो लाइन्स हैं मदूप गुन गुना कर कह जाता कौन कहानी यह अपनी मुरझा कर गिर रही पतिया देखो कितनी आज घनी सबदार्थ सुरू करने से पहली तुम लोगों को बता दे रहा हूँ कि जो सबदार्थ है इस कवीता में वो बहुत जादा है ठीक है अच्छे से पूरे कवीता को सुनोगे तब ही पूरी कवीता तुम लोगों को क्लियर होगी और सबदार्थ के भी मीनी अच्छे से सुन लेना पहला सबद है मधूप जिसका मतलब होता है मन रूपी भवरा सेकेंड वर्ड है अपनी जिसका मतलब होता है खुद की कवीता के पहले दो लाइस में जो कवी है वो बोलते है कि मेरा जो मन है वो गुन्गुना गुन्गुना के मुझसे जोर जोर से बोल रहा है कि आखिर मेरे जीवन की ऐसी कौन सी कहानी है जो मैं दूसरों को बताओ। मेरी जीवन तो एक उर्जाएवे पेड़ की जैसे है जिसकी पतिया धीले धीले करके एक एक करके गिरती जा रही है। यानि कि मेरे पूरे जीवन में केवल दुख ही दुख है। यहां कवी ऐसा अपने दोस्त को कह रहे हैं जो ने फोर्स कर रहे हैं आत्मकत्य लिखने के लिए। हमारे आगे के लाइन से इस गंभीर अनत नीली मा में असंखे जीवन इतिहास यह लोग करते ही रहते हैं अपना व्यंग्य मलीन उपहास तीसरा वड़े गंभीर जिसका मतलब होता है गहरे चौता वड़े नीली मा जिसका मतलब होता है नीला आस्मान पाचवा वड़े मलीन जिसका मतलब होता है मैला चठा वड़े उपहास जिसका मतलब होता है मजाक पंक्तियों में हमारी जो कवी है वो बोलते है कि इस अनत नीले आसमान के नीजे बहुत सारे आत्मकथ्याई लिखे गए हैं अलग-अलग मनुश्यों के द्वारा और ये जो आत्मकथ्याई है यानि कि जो लोग अपनी जीवन की इतिहास के बारे में बताते हैं वो केवल सिर और भी बहुत सारी चीज़े मेंसन करते हैं और आज की जो युग है वो दूसरों को दुखी देखकर बहुत ज़्यादा खुस होती है तो जो बायोग्राफी यानि के आत्मकर्थ्य है उसमें अगर कोई भी व्यक्ति अपनी दुख के बारे में बताएगा तो उसके दुख के बारे में सुनकर जानकर जो लोग है वो बहुत ही ज़्यादा खुस होंगे जो की आज की जो युग के लोग है वो दूसरों को दुखी देखकर खुस होते हैं बहुत कोई तो बहुत सारे लोग जो आत्मकर्थ्य पढ़ेंगे वो केवल सिर्फ और सिर्फ मजाग बनाएंगे उससे ज़्यादा वो कुछ भी नहीं करेंगे तो अब हमारे आगे की दो लाइन्स है तब भी कहते हो कह डालो दुर्बलता अपनी बीती तुम सुनकर सुक पाओगे देखोगे या गागर रीती सातवा वड है हमारा दुर्बलता जिसका मतलब होता है कमजोरी आठवा वर्ड है गागर जिसका मतलब होता है घड़ा नववा वर्ड है रीती जिसका मतलब होता है खाली मेरे दोस्त तो अपने आप ये कहते हो कि मैं अपनी दुर्बलताओं का वर्णन आत्म कथेय में करू और दुख को दूसरों के सामने प्रकट करके मैं अपनी दुर्बलताएं लोगों को बताओ आप ये चाहते हो क्या तुम्हें मेरे जीवन की कहानी को सुनकर कोई सुख मिलेगा अगर मैं तुम्हें अपनी जीवन की दुखों के बारे में बताओंगा तो तुम मेरे जीवन के घड़े को खाली पाओगे मेरे जीवन में आज तक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है जो मेरे लिए बहुत ज़्यादा खास हो या कह सकते हो कि मेरे लिए ऐसा कोई भी इंसिडेंट आज तक नहीं हुआ है जो मेरे लिए बहुत ही ज़्यादा विशेश है एक सामानी मनुष्की जैसा मेरा भी जीवन दुर्बलताओं से भरा हुआ है या कह सकते हो कि दुख से भरा हुआ है अब हमारे दूसरे पैरेग्राफ के पहले दो लाइन्स है किंतु कहीं ऐसा ना हो कि तुम ही खाली करने वाले अपने को समझो मेरा रस ले अपनी भरने वाले यहां कवी अपनी दोस्त को कहते है कि कहीं ऐसा ना हो जाए कि मेरे दुखों के बारे में सुनकर मेरे जीवन के दुखों के बारे में सुनकर तुम उसके लिए खुद को ही जिमेदार ठहराने लगो यहां कवी ऐसा इसलिए कहते है क्योंकि कवी को जो भी आज तक दुख मिले होंगे उसमें से बहुत सारे जो दुख होंगे वो उनके करीबी उन्हें यानि कि उनके जो आसपास रहने वाले लोग है उन्होंने ही उनको वो दुख दिया होगा और वो भी लेखा के बहुत जादा करीबी मित्र है तो हो सकता है कि कभी जाने अनजाने में लेखा के मित्र ने ही और उसके बारे में उसे पता चलेगा तो उन्हें बहुत जादा बुरा लगेगा इसलिए कभी ने ऐसा आगे कवी ने बताया है कि जो लोग है वो मेरे दुख को सुनकर अपने घड़े को भड़ना चाहेंगे अब जो लोग है वो घड़े को किस चीज़ से भड़ेंगे अब आगे के लाइन्स है या विडमना अरी सरलता तेरी हसी उड़ाओ मैं भूले अपनी या प्रवंचना औरों की दिखाओ मैं हमारा टेंथ वर्ड है लो जिसका मतलब यहाँ है लोग इलावेंथ वर्ड है विडमना जिसका मतलब होता है कठिनाई टूवल्थ वर्ड है फरिवंचना जिसका मतलब होता है धोखा कवी यहाँ कहते हैं कि मेरे लिए यह बहुत ही ज़्यादा कठिर होगा कि मैं एक आत्मकथा लिखूं चुकी अगर मैं आत्मकथा लिखता हूँ तो वो बहुत ही ज़्यादा भोली बाली और सरन होगी, जिसे लोग दिखकर बहुती जादा हसेंगे, मैंने अपनी जीवन में जो भी धोखे खाए हैं, जो भी भूल की हैं, उन सारी चीजों के बारे में भी आत्मकथा में बतानी होगी, क्योंकि कोई भी आत्मकथा यही सब चीजों से बनती है, लेकिन मैं ये बहुत ही जादा कठीन है अब हमारे आगे के लाइन से उजवल गाथा कैसे गाऊं मदूर चांदनी रातों की अरे खिल खिला कर हसते होने वाली उन बातों की थर्टीन वर्ड है उजवल जिसका मतलब होता है सुख भरे पल चौदवा वर्ड है हमारा मदूर चांदनी जिसका मतलब होता है सुख भरे पल कवी हमें इन पंक्तियों में कहते है की मेरे जीवन में सुख भरे पल भी आए थे उन्हें मैं कैसे बता दू मैंने सुख भरी राते भी बिताई हैं उन्हें मैं कैसे बता दूँ उन सारी चीजों को याद करके उन सुखी पलों को याद करके मेरे चेरे बे एक अच्छी मुस्कुराहट भी आ जाये करती है लेकिन मैं आत्म कथा में सुखत पलों के बारे में भी नहीं बताना चाहता हूँ मिला कहाँ वा सुख जिसका मैं स्वपन देख कर जाग गया आलिंगन में आते आते मुस्किया कर भाग गया पंधरों वड हम लोगों का आलिंगन जिसका मतलब होता है बाहों में सिक्स्टींट वर्ड है मुशाक्य जिसका मतलब होता है मुश्कुराना मुझे आज तक वैसा कभी सुख मिला ही नहीं जिसका मैं सपना देखा करता था सुख वाले दिन आते भी है तो वो चुटकी बचाते ही पूरे गाइब हो जाती है या फिर तुरण बीट जाती है जिसका मुझे पता ही नहीं चलता है कि एक सुख वाले दिन कब आये और कब चले गए वो सुखी पल मेरे बाहों में आते आते अचानक से मुस्कुरा कर भाग जाती है ऐसा कवी हमें इन लाइन्स पर बता रहे है अब हमारे आखरी पैरेग्राफ के पहले दो लाइन्स है जिसके अरुन कपोलो की मतवाली सुन्दर छाया में रागनी उशा लेती थी निज सुहाग मधुमाया में सेवेंटीन्थ वर्ड अरुन कपोलो जिसका मतलब होता है लाल गाल एटीन्थ वर्ड मतवाली जिसका मतलब होता है मस्ती भरी उनीस्व वर्ड अनुरांगनी जिसका मतलब होता है प्रेम भरी बीस्व वर्ड उशा जिसका मतलब होता है सुभा इकीसव वर्ड निज जिसका मतलब होता है अपनी बाइसवा वर्ड है सुहाग जिसका मतलब होता है सुगन तैसवा वर्ड है मदुमाया जिसका मतलब होता है मधूर इन दो लाइस में जो हमारे कवी है वो अपनी पत्नी की तरफ इसारा करते हुए कहते है जिसकी लाल गालों में बधोस करने वाली छाया में प्रेम भरी सुबा होती थी वो बहुती ज़्यादा सुगन दिर और मधूर हुआ करती थी अब हमारी नेक्स्ट लाइन्स है उसकी स्मृति पाथे बनी है थके प्रेम भरी सुबा होती थी पाथिक की पंथा की सीवन को उधेड कर देखोगे क्या मेरी कंथा की ट्वेंटी फोर्थ वर्ड है हमारा पंथा जिसका मतलब होता है रास्ता ट्वेंटी फिफ्ट वर्ड है सीवन जिसका मतलब होता है सिली हुई हमारा चबीस वर्ड है कथा जिसका मतलब होता है मन रूपी रजाई हमारा आखरी वर्ड है व्यथा जिसका मतलब होता है पीड़ा इन दो पंक्तियों में कवी कहते हैं कि ये प्यार भरी यादे ही अब मेरा सहारा है जिस तरह ठका हुआ यातरी अपनी मन्जिल के वारे में सोचकर अपनी जो पुरी राह है यानि कि अपना जो पुरा रास्ता है उसे काट लेता है वैसे ही मैं भी अपना जो जीवन है वो सुक भारे पलों को याद करके जो मेरे जिन्दिगी में थोड़े ही टाइम के लिए आई थे उन्हें याद करके ही चोटे से जीवन की कैसे बड़ी कथाए आज कहूं क्या यह अच्छा नहीं कि मैं औरों की सुनता मैं मौन रहूं कवी यहां बोलते हैं कि मेरे चोटे से जीवन से मैं तुम्हें बड़ी बड़ी कहानिया आत्मकथा के लिए कैसे बताऊं क्या यह अच्छा नहीं होगा कि मैं केवल चुप रहूं और दूसरे जो बोल रहे हैं बस केवल उसे ही सुनता रहूं यहां लेखा कि बोला चाहते हैं कि वो केवल दूसरों के लिखी आत्मकता को ही पढ़ना चाहते हैं और वो आत्मकता नहीं लिखना चाहते हैं अब हमारे आखरी के दो पंक्तिया है सुनकर क्या तुम भला करोगे मेरी भोली आत्मकता अभी समय भी नहीं थकी सोई है मेरी मौन व्यथा हमारा आखरी वर्ड है व्यथा जिसका मतलब होता है पीडा इन आखरी के लाइंस में कवीर हम लोगों को फाइनल स्टेटमेंट देते हुए कहते हैं कि मेरी भोली भाली आत्मकथा को सुनकर आखिर तुम क्या करोगे अभी आत्मकथा बताने का समय भी नहीं है क्योंकि अंदर से मैं बहुत ही ज़्यादा दुखी हूँ और मेरी जो पेड़ा है वो सोई हुई है और ठकी हुई है सिंपल भासा में तुम लोग बस ये समझ जाओ कि जो कवी है वो इस टेम बहुत ज़्यादा दुखी है इसलिए उन्हें आत्मकथा के बारे में कुछ ना बताना है ना लिख रहा है यही हम लोगों को बताया जा रहा है तो इसे के साथ आज की हमारी पूरी कवीता बहुत अच्छी से लाइन बलेंग कमप्लीट होती है चैनल पे नए वो दिन सब्सक्राइब कर देना और कहीं पे भी डाउट होगा तो कमेंट करके जरूर पूछना तो वीडियो को लाइक करना और दोस्तों को वीडियो को शेयर जरूर करना एंसर चाहे होगा तो टेलिग्राम ग्रूप जॉइंट कर लेना और डॉक्यूएंट के फॉर्म में मैं तुम लोगों को ऐसा प्रोवाइड करवा दूँगा लिंक डिस्क्रिप्शन में टेलिग्राम चैनल का गिवेन है अब तुम लोगों ने मुझे इस्टा पर फॉलो किय