कि नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है आपके अपने चैनल स्टडी बेनेफिशियल पर तो आज हम शुरुआत करेंगे क्वालिटी के सबसे इंपोर्टेंट टॉपिक भारतीय संविधान से जिसमें पढेंगे भारतीय संविधान के विकास का इतिहास कि आखिर भारतीय संविधान बना कैसे और संविधान सभा के बारे में पढेंगे जिसे बहुत से परीक्षाओं में बनते हैं और हम पूरे इस टॉपिक को एक कहानी की तरह बढ़ेंगे आप इसमें बॉईल हो जाएगा और आपको रचना नहीं है बस एक कहानी की तरह समझते हैं और वीडियो को पूरा कंसंट्रेशन के साथ सुनना है आप इस वीडियो को पूरा अंत तक देखेंगे तो आपको इस टॉपिक से क्वेश्चन कभी गलत नहीं होगा तो चलिए बिना देरी किए है वह वीडियो को शुरू करते हैं तो चलिए वीडियो की शुरुआत करते हैं और भारतीय संविधान के विकास के इतिहास के बारे में पढ़ते हैं कि आखिर भारतीय संविधान बना कैसे और उससे पहले हमें यह पता होना चाहिए कि आखिर संविधान कहते हैं इसको हैं तो संविधान किसी भी देश का कानूनी दस्तावेज है और किसी भी देश का संविधान उसकी राजनीतिक व्यवस्था का व बुनियादी ढांचा निर्धारित करता है जिसके अंतर्गत उसकी जनता शोषित होती है मतलब परमेज़न शासन करने के लिए एक कानूनी दस्तावेज होता है जिससे संविधान कहते हैं तो किसी भी देश का शासन व्यवस्था को चलाने के लिए वहां का समाधान होता है और संविधान दो तरह का होता है लिखित और लिखित लिखित उदाहरण के तौर पर भारत का संविधान यह लिखित संविधान है और अलिखित ब्रिटेन का संविधान हो गया सऊदी अरब का संयोग है यह लिखित संविधान है यह भी पूछा कि एग्जाम में तो भारतीय संविधान को तीन फेस में पढेंगे पहले स्टार उस चैप्टर का रेगुलेटिंग एक्ट दूसरा 1935 भारत शासन अधिनियम और तीसरा प्रमुखता जिसे मानव बना है जिसके तहत 1946 का कैबिनेट मिशन तब विस्तार से चैप्टर का रेगुलेटेड क्यों करेंगे मैं आपको बता देता हूं क्योंकि उसमें अंग्रेजों का शासन आपको पता होगा पर संविधान कहते हैं इसको है जनता पर शासन करने के लिए जो कानून बनाया जाए तो अंग्रेजो ने अपने भले के लिए भले उन्होंने अपने भलाई के लिए कानून बनाया वह बहुत ही पास था जिस ले इसकी शुरुआत भारत के सविधान शुरुआत 10th चैप्टर से होती है तो यहां से शुरुआत करेंगे और बहुत महत्वपूर्ण है इसे भी प्रश्न बनते हैं तो हम पढ़ते हैं इस तरह चैप्टर इस विधवा रेगुलेटिंग एक्ट तो 457 कि प्लासी की लड़ाई हुई और स्टॉसर में बक्सर का युद्ध हुआ युक्तियां से बहुत ही महत्वपूर्ण होता है इसी के बाद अंग्रेजों ने पूरे बंगाल पर कब्जा कर लिया था उस वक्त आउट पलासी की लड़ाई के बाद अवतार से 64 के बक्सर के युद्ध के बाद तो अंग्रेजों द्वारा जीत ले जाने के बाद बंगाल पर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन हो गया और इसके शासन इसे शासन को अपने अनुकूल बनाए रखने के लिए अंग्रेजों ने समय-समय पर कई पारित किया है जिसके तहत स्टारों तक यह रेगुलेटिंग एक्ट पारित हुआ और उसमें भारतीय संविधान के विकास के लिए सीढ़ियां बने कि भारतीय संविधान के क्या उसका शुरुआत यहीं से हुई रेगुलेटिंग एक्ट से तो रेगुलेटिंग एक्ट है क्या तो रेगुलेटिंग एक्ट के तहत ही आपको बता दूं कि सांसद चौधरी में कोलकाता में सुप्रीम कोर्ट की स्थापना की गई तो भारत में सबसे पहले कोलकाता में सुप्रीम कोर्ट की स्थापना के लिए यह बहुत बार पूछा गया है कि पहले मुख्य न्यायाधीश कौन थे तो पहले मुख्य न्यायधीश शैलजा टाइम पर कौन थे इल्जाम पर यह पूंछा गया महत्वपूर्ण है उसके बाद हम देखते हैं 1935 का भारत शासन अधिनियम बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि जो आज आप उस विधान देख रहे हमारा उस अभियान में 60 पर सेंट हिस्सा कि 1935 के भारत शासन अधिनियम पहले है कुछ भाग तो वह लिए हैं और कुछ में थोड़ा सा बदलाव किया गया है तो बहुत महत्वपूर्ण है उसे वह सॉफ्ट बनते हैं तो भारतीय संविधान का वह भाग मैंने वह बताना कि इस अधिनियम से लिया गया है को संबंध है कि बाहर का जो सूजी बनाया उसका नोटिफिकेशन लेकर है ध्यान रखिएगा 1935 के भारत शासन अधिनियम से अंग्रेज लेकर आए थे और इसी अधिनियम द्वारा म्यांमार को भारत से अलग कर देंगे कि जो मैम आप भारत से अलग कर दिया गया पहले भारत का हिस्सा हुआ था मेहमान जिसे वर्मा कहते थे उसे 1935 का भारत शासन अधिनियम द्वारा ही भारत से अलग किया गया और इसी के अंतर्गत भारत में रिजर्व बैंक की स्थापना की गई जिसे भारतीय रिजर्व बैंक कहते हैं यह स्थापना कब हुई थी 1 अप्रैल 1935 में भारत में और व्यक्ति स्थापना वृद्धि यह किसके है तो यही तो 1935 का भारत शासन अधिनियम के तहत तो उसके बाद हम देखते हैं 1946 में कैबिनेट मिशन का गठन तो इसी कैबिनेट मिशन के गठन के तहत चौक हमारा आप सब जानते हैं आधुनिक सिद्धांत इसी मिशन क्या मिशन के अंतर्गत ही बना है तो जुलाई 1946 में कैबिनेट मिशन के तहत भारतीय संविधान निर्माण के लिए संविधान सभा का गठन किया तो संविधान सभा का गठन किया ताकि जो भारत हमने बनाया जाए तो संविधान सभा के सदस्यों की संख्या बहुत बार इसमें पूछा गया है याद रखेगा 389 कुल कितने सदस्य थे इस विधानसभा में तो 389 सदस्य थे तो उसमें से दोस्तों बने ब्रिटिश प्रांतों के प्रति देते हैं तो ब्रिटिश सांसद प्रतिनिधि कैसे मैं आपको बताता हूं ऐसे ही हमारा भारत था पूरे भारत अंग्रेजों का अधिकार नहीं था लगभग 60 पास प्रतिशत हिस्सा था उसे पूरा डायरेक्ट अंग्रेजों का अधिकार था और लगभग 40% इस है उसमें राजे-रजवाड़ों के दूसरी ओर से उन पर दबाव था कहीं पर फ्रांस का अधिकार था कहीं पुर्तगाल का अधिकार था vle 60 पर सेंट टो थे ग्रेव का दिन था तो इसे हम ब्रिटिश प्रांत कहते हैं और बाकी जो देसी आते हैं इस पर राजा रजवाड़ों का विकास जैसे राजस्थान हो गया कुछ एक्शन मध्यप्रदेश का यहां पर राजा-रजवाड़ों अधिकार था इसलिए देशी रियासत कहते हैं ठीक हैं तो जब हमारे संविधान बना तो 292 ब्रिटिश प्रांतों के प्रतिनिधि हैं यहां पर मतलब ब्रिटिश सरकार का अधिकार था वहां से 200वें मैच चुने गए और 93 देसी रियासतों के प्रतिनिधि हैं पल राजा थे वह 93 देशी रियासतों के मध्य में भ्रमण किया है और चाहिए कमिश्नर यह संख्या पूछी जाती है जब ज्यादातर के बेटे प्रांतों के प्रतिनिधि कितने तैयार रखिए 292 में और 93 थे देसी जाट ओके और कुल कितने चाहें तो 389 थे तो उसके बाद अब हम आगे देखेंगे शाहजहां सभा की कार्यवाही कि आखिर हमारे साधु बना कैसे तो इसमें मुख्यत आपको तीन दे दिया रखे हैं 19 दिसंबर 1945 उसके दो दिन आप जोड़ देंगे तो 11 दिसंबर 1945 उसमें दो दिन जोड़ देंगे तो तेरा दिसंबर में चाहिए ना जाने कितनी बार जब यह पूछी गई है तीनों डेट बहुत ही महत्वपूर्ण है आपको रचना नहीं है बस आपको मैं आपको बताऊंगा कि कैसे तो शुरुआत देखते हैं नौ दिसंबर 1945 बहुत ही महत्वपूर्ण दिन हैं क्योंकि संविधान सभा की पहली बैठक हुई हमारे सजा कैसे बनेगा उसकी रूपरेखा क्या होगी सब कुछ पहली बैठक नौ दिसंबर 1945 इसी के दिन यह बहुत ही ऐतिहासिक दिन है पर इस बैठक का मुस्लिम लीग ने बहिष्कार किया था पूछा गया है कि संविधान सभा का अविष्कार किसने किया था तो मुस्लिम लीग ने मुस्लिम लीग ने रजिस्ट्रार क्यों किया कि मुस्लिम के लिए अलग अलग देश की मांग करते थे वो पाकिस्तान की मांग कर रहे थे इसलिए उन्होंने संविधान सभा का बहिष्कार कर दिया तो इस विधानसभा की बैठक हुई जिसमें अध्यक्ष भी चुना था कि अ यह जरूरी है पंजाब बहिष्कार हो गया तो सभा ने सोचा कि पहले अध्यक्ष लेते हैं उसके बारे में स्थाई अध्यक्ष मिलेंगे तुम सवार ने निर्णय लिया सुजान समय स्थाई सदस्यों ने के तो सपा का जो सबसे बुजुर्ग सदस्य था डॉ सचिदानंद सिन्हा यह सबसे सीनियर है इन्हें अस्थाई अध्यक्ष चुन लिया गया कि जब तक स्थाई अध्यक्ष हुआ था आवश्य यह रहेंगे और उसके दो दिन बाद जब संविधान सभा की बैठक हुई तो डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद व संविधान सभा का स्थाई अध्यक्ष बन जाएगा बहुत ही महत्वपूर्ण है दोनों याद रखिएगा जब आपसे पूछा जाए कि संविधान सभा का स्थाई अध्यक्ष कौन थे गुड डॉक्टर सच्चिदानंद साईनाथ डॉ सचिदानंद सिन्हा परिचय पूछा जाए कि स्थाई अध्यक्ष कौन थे तो डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद तो उसके दो दिन बाद जब नो हो गई है 11 दिसंबर ने चाहिए कि अब एक है तेरा दिसंबर 1945 तो 13 दिसंबर 1945 को जवाहरलाल नेहरू ने सभा के समक्ष उद्देश्य प्रस्ताव जिससे हमारे भारतीय संविधान की प्रस्तावना कहते हैं उसे पेश किया और इसी के साथ संविधान बनने की कार्यवाही शुरू हुई यह को शैंपू होता है कि जवाहरलाल नेहरू ने उद्देश्य प्रस्ताव पेश किया तो इसे तेरा दिसंबर को सबसे अध्यक्ष बन गए हैं उसके बाद ही आगे कार्रवाई शुरू होगी संविधान सभा की उसके दो दिन बाद तेरा दिसंबर को उन्होंने उद्देश प्रस्ताव पारित किया पेश किया विधानसभा के तो उसके बाद हम कुछ प्रमुख समितियों के अध्यक्ष देख लेते हैं यह सभी मोस्ट इंपोर्टेंट है बहुत बार इसमें डायरेक्ट खुशियां तो एक नंबर का आपको कुछ नहीं करना बस को देख ऐसा करते हैं सबसे पहले संचालन समिति तो संविधान सभा के अध्यक्ष कौन थे तो डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद व संचालन समिति के अध्यक्ष थे उसके बाद प्रारूप समिति यानी कि ड्राफ़्टिंग समिति के लिए संविधान के रूपरेखा क्या है कैसे बनाना है तो उसकी अध्यक्ष सभी को पता होना चाहिए बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर यह प्रारूप समिति के अध्यक्ष है तीसरा याद रखना को प्रांतीय संविधान समिति परिणति मतलब कि जैसे आप भारत आज हम राज्य कहना कुछ समय प्रांतों में बैठा हुआ था तो यह सभी प्रांतों को एकजुट किसने किया भारत को एकजुट किसने किया तो सरदार वल्लभभाई पटेल लें इस तैयार रहते हैं कि प्रांतीय संविधान समिति के अध्यक्ष कौन थे तो सरदार वल्लभभाई पटेल उसके बाद यह संघीय संविधान समिति संघ मतलब कि केंद्र तुम्हारे पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू संयुक्त समिति के सदस्य हैं और राष्ट्र ध्वज संबंधी समिति बनी थी उस के अध्यक्ष कौन थे यह भी SSC में पूछा गया था कि राष्ट्र ध्वज संबंधी समिति के अध्यक्ष कौन है तो डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद आपको यह पांच याद होना चाहिए और बहुत महत्वपूर्ण है या कोई भी हो गया है क्योंकि ज्यादा इसमें कुछ डिफिकल्ट नहीं है उसके बाद हम देखते हैं कि आपको पता कि मुस्लिम लीग ने संविधान सभा का बहिष्कार कर दिया क्योंकि वह अलग देश की मांग कर रहे थे आखिर दिन आ ही गया कि जो 1947 को यह घोषणा कर दी गई कि भारत का बंटवारा होगा भारत का बटवारा की घोषणा कब की गई तीन 1947 को तो भारत जो है अपना आजादी दिवस पंद्रह अगस्त उन्नीस सौ सैंतालीस को आता है पर पाकिस्तान अपना आजादी दिवस 14 अगस्त उन्नीस सौ सैंतालीस को बनाता है तो जब देश का विभाजन हो गया तो उसके बाद संविधान सभा बैठे थे इसका पुनर्गठन हुआ तो 31 अक्टूबर 1947 विधानसभा का पुनर्गठन किया पुनर्गठन किया गया क्योंकि जो पहले विधानसभा बैठे थे उसमें तो जो पाकिस्तान के सदस्य थे वहीं एकजुट सेना जो पाकिस्तान की जिद ने सीरिया स्थित है जहां के राजा थे वह वहां के प्रांतों के प्रिटी प्रांतों के प्रतिनिधि भी सम्मिलित थे लेकिन जब पाकिस्तान ने गलत दुश्मन गया इधर बांग्ला जो कि आज हम पहले पूर्वी पाकिस्तान वह भी बन गया तो जिस के राजे-रजवाड़े थे वह हमारे संविधान के भाग लेंगे इसलिए अब क्या हुआ सदस्यों की संख्या कम हो गई पहले कितने थे यार कितना पहले थी 389 389 अब कितनी हो गई तो 299 जब आपसे प्रश्न बनेगा ऐसा पूछा जाता है कि संविधान सभा की पहली बैठक हुई जिसमें कुछ सदस्य कितने थे याद रखिएगा 389 तो जब पूछा जाएगा कि जब भारत का विभाजन हो गया तो जो संविधान सभा का पुनर्गठन के बाद कितने सदस्यों की संख्या गए तो 20 कंफ्यूजन हो जाएगा क्योंकि कम हो जाएगी ना या इससे पहले से सवार थे इस बार का मुद्दा हो 99 होंगे तो जब 299 होगी तो प्रांत के सदस्यों में भी कमी आएगी तो 229 ब्रिटिश शांति सदस्य थे और जोड़ों में भी कमी आएगी तो पहले जो 170 अभी कितना के सत्र और पहले कितने थे तो पहले माह पहले से ही तीसरी और कम हो करेंगे 70 और पहले ही प्राचीन सदस्य कितने थे प्रांतीय सदस्य 200वें और आखिरी कितनों के 229 मैसेज लिखो * यह जो दो हैदर उठा कर दिया उन्हें पदोन्नति हो गए इसको वेश्या देते हैं दोस्तों अतिथि होंगे कि बच्चे अ 299 कितने 75 दूसरी जाटों के सदस्यों कर ठीक है ना यह आपको याद रखना है तो उसके बाद हम देखते हैं कि यह जब सभा का पुनर्गठन हुआ तो उसके पास प्रधान बनने की कार्रवाई तय होंगे तो दुनिया भर के संविधान को बारीकी से पकने के बाद बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार किया तो उन्होंने मतलब दुनिया भर के जितने साधन है उनको अब बारीकी से परखा और होने से अच्छे अच्छे विचार को उठाया अच्छे-अच्छे गानों को उठाया तो जो संघर्षरत है सभी प्रश्न बनते हैं तो मैं इसका जो स्किन पार्ट है वह संविधान के स्त्रोत कि मतलब कहां से क्यों उठाया गया वो भी आपको बताऊंगा तो बहुत इंपोर्टेंट वीडियो है उसमें नेट स्पीड वही अपडेट करूंगा इसलिए अपने चैनल को सब्सक्राइब जरूर करें तो दुनिया भर के कणों को संवैधानिक तरीके से पकने बाद बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार किया और आखिर वह दिन आ गया कि 26 नंबर 1950 को भारतीय संविधान पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया और इसे संविधान सभा द्वारा पारित कर दिया तो दूसरे में कुल कितने मेंबर थे याद रखिएगा जब समूह का पुनर्गठन हुआ था 209 दो इस चैनल में बैठना तुम क्या हस्ताक्षर हुए उसके बाद यह जो है संविधान बनकर तैयार हो गया इसलिए उस 26 नंबर को सजा बन कर तैयार होता है इसलिए 26 नंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है यह महत्वपूर्ण पर 26 नंबर 2 लाख संविधान बन तो गया पर इसे लागू कब दिया गया तो 26जनवरी 1950 को लागू किया गया इसके पीछे कारण है कि कौन संविधान बना 26 नंबर को प्लग और 26जनवरी 1950 को क्यों किया इसके पीछे इतिहास दिन का कारण है कि छबीस जनवरी उन्नीस सौ तीस को कांग्रेस ने प्रथम स्वतंत्रता दिवस मनाया था उसमें भले हैं गुलाम थे पर कांग्रेस ने क्या किया था वह आपको मैंने कांग्रेस अधिवेशन में बना है बना कांग्रेस अधिवेशन के अगर आपने यह देखिए तो हर बटन में इस वीडियो करने के लिए उसे देख लेना मैंने इसमें जितनी कांग्रेस अधिवेशन में सबके बारे में बताया है तो छबीस जनवरी उन्नीस सौ तीस को रावी नदी के तट पर ज्वाला नेहरू ने भारतीय झंडा लहरा दिया और कहा कि आसियान आ जाता है भले उसमें गुलाम से लेकिन उन्होंने आजादी दिवस इसमें उसके बाद हर छबीस जनवरी को कांग्रेस आजादी दिवस मनाते थे इसीलिए उभरे 15 अगस्त को आजाद हो गया लेकिन उन्होंने 26जनवरी 1950 को भारतीय रघु करके इस दिन कंधे जो शुगर गणतंत्र दिवस मनाया इसलिए यह यहां से देना छब्बीस जनवरी छब्बीस जनवरी को लागू कर दिया भारतीय गणतंत्र दिवस कुछ टिप्स लेकर आते हैं तो संविधान निर्माण की प्रक्रिया में कुल कितने जिले थे तो दो वर्ष 1118 दिन लगे थे कितने महीने और संविधान के प्रारूप पर कुल कितने सब्सक्राइब थी तो जैसे संघ किसी और के निर्माण पर खर्च कितना 16300 अलग-अलग 64 लाख रूपए खर्च और सब्सक्राइब 395 अनुच्छेद और अनुसूचियां पर वर्तमान समय में बच्चा है अनुसूचियां कितने रुपए 12 अदा कर 395 अनुच्छेद में एबीएसए 395 397 भी करके लगभग 750 अनुच्छेद चुके हैं पर मूल रूप से 395 अनुच्छेद है उसका घी ऐड ऐड 395 यह 395 भी प्रदर्शन किया 395 किया है अब आप देखेंगे बचा संचेत हो सकते हैं पर मूल रूप से कितने 395 अनुच्छेद हैं पर अनुसूचियां जरूर बढ़िया चार पहले आइटम्स विच थे अब बार अनुसूची हैं तो उसके बाद हम देखेंगे कि संविधान सभा द्वारा कुछ अन्य कार्य किए गए थे यह भी महत्वपूर्ण हमारी जो के लिए तो विधानसभा ने बाय जुड़ाई 1947 को राष्ट्रीय ध्वज को अपना है तिरंगा हमारा भारत का तिरंगा इसे 22 जुलाई 1947 को राष्ट्रीय उन्हें को अपनाया था सुधार समिति द्वारा यह याद रखना कब्ज बाय 1947 को और 24जनवरी 1950 को राष्ट्रगान को बनाएंगे हम कब जन गण मन का अपनाएगा तो 24जनवरी 1950 को जो हमारा क्या कहते हैं सब शांत छबीस जनवरी को लागू किया उसे दो दिन पहले ही राष्ट्र-गान बना लिया और दो दिन बाद के दिन हमारा संविधान लागू हुआ तो राष्ट्रगीत उस दिन अपना कब्जा रहेगा 26 1950 को राष्ट्रगीत अपना युक्त चीजों पर देख लीजिए का यह जुलाई 1947 को राष्ट्रीय ध्वज अपना एग्जाम जब किसी देश का सजाना एक घंटा बीत होना चाहिए ना तो हमारा तिरंगा का यह 22 जुलाई को बनाया बाजू लाइन इस चैनल को और 24जनवरी दो दिन पहले राष्ट्र-गान बना लिया गया और छबीस जनवरी को एक बार उसी दिन जितनी सफल हुआ राष्ट्रगीत अपना लिया गया वंदे मातरम तो उसके बाद हम देखते हैं स्वतंत्र भारत का पहला मंत्रिमडल यह वीडियो का आखिरी पार्ट होगा बहुत ही महत्व न डरे ट्रैक नंबर का क्वेश्चन पूछा जाता है कि 1947 में जब भारत आजाद हुआ तो समय का मंत्रिमंडल कौन-कौन सा अलार्म कौन-कौन से मंत्री थे तो हमारे पहले प्रधानमंत्री कौन से सबको पता होगा पंडित जवाहरलाल नेहरू पहले गृह मंत्री कौन थे तो लोह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल हमारी पहले गृहमंत्री से और शिक्षा मंत्री कौन थे तो उस समय हमारे शिक्षामंत्री बहुत ही का व्यक्ति मौलाना अबुल कलाम आजाद जूते तुम बहुत महत्वपूर्ण के मारे शिक्षामित्रों थे मौलाना अबुल कलाम आजाद और पहले रेलवे मंत्री यह आपके पिंपल है डॉक्टर जॉन मथाई लोकल हमारे पहले रेलवे मंत्री थे और श्रम मंत्री तो जगजीवन राम रक्षा क्वाइट थे तो बोल दे से यह बलदेव सिंह SSC में पूछा गया क्वेश्चन है कि हमारे पहले रक्षा मंत्री कौन थे तो इसको अब याद करने के लिए अगर आपको ट्रिक बता दो मैं सिर्फ याद होना चाहिए पटरी के लिए अगर आप देखेंगे रक्षा मंत्री जी रक्षा करना है तो बलवान व्यक्ति होना चाहिए इसके अंदर भुजाओं के बल हो इसीलिए बोलते हो या रखना है कि बलदेव का गर्रा बलों का तभी तो हमारे देश की रक्षा कर पाएगा क्योंकि इसी में पूछा क्या इसलिए आपको इसकी ट्रिक बता रहा हूं यह इंपोर्टेंट है कि मेज़बान थे तो बलदेव सिंह के पहले स्वास्थ्य मंत्री राजकुमारी अमृत कौर यह पहले स्वास्थ मंत्री थे और हमारे समय के वित्तमंत्रियों थे तो आदेश अनुपम शेट्टी बैंकिंग मिर्जा तथा पूछा जाता है कि हमारे पहनना शुभ मुहूर्त और थे या रखेगा और क्वेश्चन व शेट्टी तो आज के वीडियो यहीं पर खत्म होती हैं मैं आशा करता हूं आपने कुछ नया सिखा होगा अगर आपको वीडियो अच्छी लगी हो तो लाइक और शेयर जरूर करेगा और अपने चैनल को सबस्क्राइब करके बिल्कुल जरूर करिएगा धन्यवाद