Overview
इस लेक्चर में मॉनिटरी पॉलिसी (मौद्रिक नीति) और उसकी इकॉनॉमी पर प्रभाव, विशेष रूप से IS-LM मॉडल के संदर्भ में, विस्तार से समझाया गया है।
मॉनिटरी पॉलिसी: परिचय
- मॉनिटरी पॉलिसी वह नीति है जिसमें सेंट्रल बैंक मनी सप्लाई को नियंत्रित करता है।
- मनी सप्लाई में बदलाव मुख्य रूप से ओपन मार्केट ऑपरेशन्स (खुला बाजार संचालन) द्वारा होता है।
- ओपन मार्केट ऑपरेशन्स में केंद्रीय बैंक एसिट्स (सरकारी बॉन्ड आदि) खरीदता या बेचता है।
एक्सपेंशनरी और कांट्रेक्शनरी मॉनिटरी पॉलिसी
- एक्सपेंशनरी मॉनिटरी पॉलिसी में सेंट्रल बैंक बॉन्ड खरीदता है, जिससे मनी सप्लाई बढ़ती है।
- बढ़ी हुई मनी सप्लाई से इंटरेस्ट रेट घटता है और निवेश (इन्वेस्टमेंट) बढ़ता है।
- कांट्रेक्शनरी मॉनिटरी पॉलिसी में सेंट्रल बैंक बॉन्ड बेचता है, जिससे मनी सप्लाई घटती है।
- घटी हुई मनी सप्लाई से इंटरेस्ट रेट बढ़ता है और निवेश कम होता है।
IS-LM फ्रेमवर्क में प्रभाव
- एक्सपेंशनरी पॉलिसी से LM कर्व दाईं ओर शिफ्ट होता है, इंटरेस्ट रेट गिरता है, आउटपुट (Y) बढ़ता है।
- कॉन्ट्रैक्शनरी पॉलिसी से LM कर्व बाईं ओर शिफ्ट होता है, इंटरेस्ट रेट बढ़ता है, आउटपुट (Y) घटता है।
- दोनों मार्केट (मनी व गुड्स) का संतुलन जरूरी है।
पॉलिसी की एफेक्टिवनेस के केसेज़
- नॉर्मल केस: कुछ हद तक इफेक्टिव, आउटपुट बढ़ता है पर सीमित।
- लिक्विडिटी ट्रैप: इंटरेस्ट रेट मिनिमम पर, मॉनिटरी पॉलिसी बिलकुल इनइफेक्टिव।
- क्लासिकल केस: LM कर्व वर्टिकल; मॉनिटरी पॉलिसी पूरी तरह इफेक्टिव, आउटपुट अधिकतम बढ़ता है।
बैंकिंग सेक्टर की भूमिका
- यदि बैंक लोन देने में अनइच्छुक हैं, तो मॉनिटरी पॉलिसी का प्रभाव सीमित हो जाता है (ट्रांसमिशन मैकेनिज्म फेल)।
- ट्रांसमिशन मैकेनिज्म के दो स्टेज: पहले मनी मार्केट (इंटरेस्ट रेट पर असर), फिर गुड्स मार्केट (आउटपुट पर असर)।
Key Terms & Definitions
- मॉनिटरी पॉलिसी (मौद्रिक नीति) — सेंट्रल बैंक द्वारा मनी सप्लाई में बदलाव की नीति।
- ओपन मार्केट ऑपरेशन — सेंट्रल बैंक द्वारा बांड आदि की खरीद-फरोख्त।
- इंटरेस्ट रेट (ब्याज दर) — उधार पर पैसे देने की लागत।
- LM कर्व — मनी मार्केट का संतुलन दर्शाने वाला कर्व।
- IS कर्व — गुड्स मार्केट का संतुलन दर्शाने वाला कर्व।
- लिक्विडिटी ट्रैप — ऐसी स्थिति जहाँ मॉनिटरी पॉलिसी इफेक्टिव नहीं रहती।
- ट्रांसमिशन मैकेनिज्म — पोलिसी के आर्थिक प्रभाव का मार्ग।
Action Items / Next Steps
- IS-LM मॉडल से जुड़े पिछले चैप्टर (9, 10) का रिवीजन करें।
- अगले लेक्चर में फिस्कल पॉलिसी पढ़ें।
- ग्राफिकल विश्लेषण के लिए बुक के फिगर 11.3 देखें।