वेलकम बैक तू मी युटुब चैनल तो आज की इस वीडियो में हम बात करेंगे चैप्टर 11 की मॉनिटरी और डी फिजिकल पॉलिसी तो अगर मैं इसको थोड़ा सा इंट्रोड्यूस करूं की इसमें हम क्या पढ़ने वाले हैं तो अगेन हम देख सकते हैं चैप्टर के नाम से की इसमें हम दो पॉलिसीज की बात करेंगे हमारी मॉनिटरी पॉलिसी और हमारी फिसल पॉलिसी हम देखेंगे की इन दोनों पॉलिसीज के आने से हमारे जो दोनों मार्केट हैं हमारी गुड्स की मार्केट और हमारी मनी की मार्केट या फिर हम सिंपली बोल सकते हैं की हमारे इस और एम में किस तरीके से चेंज आएंगे किस तरीके से वो इफेक्ट होंगे हमारी इन पॉलिसीज के आने से और हम देखेंगे की यह पॉलिसी गवर्नमेंट लेट क्यों है किस चीज को चेंज करने के लिए हमारी गवर्नमेंट पॉलिसीज को लेकर आई है इकोनॉमिक्स के अंदर और हम देखेंगे की किन-किन डिफरेंट सिचुएशन में हमारी जो यह दोनों पॉलिसीज हैं वो कितनी इफेक्टिव रहती है तो हम देखेंगे की कभी-कभी ये जो पॉलिसीज हैं वो बिल्कुल बारिक नहीं करती कभी-कभी सिर्फ नॉर्मल क कर दिया ठीक-ठाक क कर दिया कभी देखेंगे की बहुत ज्यादा इफेक्टिवली क करती है तो ये साड़ी अच्छे से हम इस चैप्टर में पढ़ेंगे ओके पहले के दोनों चैप्टर अच्छे से आते होंगे तो क्योंकि अगेन तीनों चैप्टर आपस में लिंक है और हमारे चैप्टर 9 और 10 हम बोल सकते हैं की हमारे चैप्टर 11 का बेस है अगर हमें ये दोनों चैप्टर अच्छे से आते हैं तो हमारा चैप्टर 11 हमें काफी ज्यादा सिंपल और इजी लगेगा ओके तो स्टार्ट करते हैं हम अपने 11.1 मॉनिटरी पॉलिसी से तो हमारा जो मॉनिटरी पॉलिसी है उसमें हम बेसिकली क्या बात करते हैं की हमारी नॉमिनल मनी सप्लाई में इकोनॉमिक्स के अंदर जब भी चेंज आएंगे तो वो हमारी मॉनिटरी पॉलिसी का पार्ट है हमें पता है की हमारी नॉमिनल मनी सप्लाई को सिर्फ सेंट्रल बैंक चेंज कर सकता है किसके थ्रू कर सकता है ओपन मार्केट ऑपरेशन के थ्रू तो ये भी हमें ऑलरेडी पता है हमें पता है की ओपन मार्केट ऑपरेशन में हमारा किस तरीके से जो है हमारी मनी सप्लाई चेंज होती है हम ऑलरेडी पढ़ कर आए हैं बट अगर मैं एक्सप्लेन करूं तो इसमें बेसिकली क्या होता है हमारे ओपन मार्केट ऑपरेशन में या तो हमारी ओपन मार्केट सेल होती है या फिर हमारी ओपन मार्केट परचेज होती है ओके तो यहां पर ओपन मार्केट परचेज और सेल में जो हमारे सेंट्रल बैंक है वो या तो एसिड को परचेज करते हैं या फिर एसिड को देखते हैं तो यहां पे अगर हम बात करते हैं लेट सपोज ओपन मार्केट परचेसेस की तो इसमें हमारा जो सेंट्रल बैंक है वो क्या करता है वो एसिड को परचेज करता है और परचेज बेसिकली किस करता है तो यहां पर हम बात करते हैं की इकोनामी के अंदर वह बैंक्स की ही बात करते हैं बैंक से ही परचेज करते हैं पब्लिक से भी कर सकता है बट बेसिकली हम बात करते हैं बैंक की ओके तो यहां पर अगर हमारा सेंट्रल बैंक एसिड परचेज कर रहा है बैंक से है ना गवर्नमेंट सिक्योरिटीज परचेज कर रहा है या फिर जैसे हम बात कर सकते हैं बॉन्ड परचेज अटैक कोई भी एसिड परचेज कर रहा है तो अब जब कोई भी चीज हम खरीदने हैं तो उसके बदले में पैसे भी देंगे तो सेंट्रल बैंक जब बैंक से असेट्स को परचेज कर रहे हैं तो उसके बदले में सेंट्रल बैंक इन रिटर्न क्या करता है नोट प्रिंट करके दे देता है बैंक्स को बैंक को नोट प्रिंट का क्या करते हैं अब बैंक उससे आगे उसे कर लेंगे वह आगे लोगों को मनी दे देंगे तो यहां पर हमारे जब बैंक के पास पैसे ए गए तो मतलब इकोनामी में पैसे ए गए क्योंकि बैंक उससे आगे क्या करेगा लोगों को लोन देगा तो हमारी इकोनामी के अंदर जो है मनीष सप्लाई बाढ़ जाएगी और लोगों के पास भी जो है और एक्स्ट्रा मनी ए जाएगी तो इस सिचुएशन में जब हम बात करते हैं ओपन मार्केट परचेज के तो यहां पर हम बात करते हैं एक्सपेंशनरी मॉनिटरी पॉलिसी की क्योंकि यहां पर हम ओपन मार्केट परचेज के थ्रू अपनी इकोनामी में क्या कर रहे हैं मनीष सप्लाई को इंक्रीज करें से इसका जस्ट अपोजिट हम अपने दूसरी साइड पढ़ने हैं यहां पर हम बात करते हैं ओपन मार्केट सेल की मतलब हमारा जो सेंट्रल बैंक है इस बार वो एसिड को बैक रहा है अगेन हम ले लेते हैं की वो बैंक को देख रहे हैं है ना अब यहां पर इस बार सेंट्रल बैंक बिग रहा है तो इस बार हमारे जो बैंक है हमारे जो कमर्शियल बैंक के इस बार वो क्या कर रहे हैं परचेज कर रहे हैं अगर हमारे बैंक्स परचेज कर रहे हैं तो इस बार हमारे जो बैंक है वो पेमेंट करेंगे खरीद रहे हैं तो उसके बदले में पे वो करेंगे तो जब वो पे करेंगे यहां पर जब वो पे करेंगे तो उससे क्या होगा हमारी इकोनामी के अंदर मनीष सप्लाई कम हो जाएगी मैंने सप्लाई बेसिकली क्योंकि कम होगी क्योंकि जब बैंक अपने अमाउंट से पे करेंगे तो अब वो उतना कम अमाउंट से लोगों को लोन नहीं दे रहे हैं तो हमारी इकोनामी के अंदर लोगों के पास जो है मनीष अप्लाई कम होगी हमारी पुरी इकोनॉमिक्स जो है मनीष अप्लाई कम होगी तो हम देख सकते हैं की ओपन मार्केट सेल के थ्रू हमारे जो सेंट्रल बैंक है वह क्या करते हैं है वह मनीष सप्लाई को कम कर देते हैं यहां पर ओपन मार्केट तेल के थ्रू हमारे जो सेंट्रल बैंक है वह नॉमिनल मनी सप्लाई को कम कर देते हैं इसलिए हम उसको बोलते हैं कांट्रेक्शनरी मॉनिटरी पॉलिसी तो हम देख सकते हैं की हमारी जो मॉनिटरी पॉलिसी है वो दो तरीके की होती है एक होती है एक्सपेंशनरी एक होती है कांट्रेक्शनरी एक्सपेंशनरी में हम ओपन मार्केट ऑपरेशन के थ्रू मनी सप्लाई को इंक्रीज कर देता है इकोनॉमिक्स के अंदर और कांट्रेक्शनरी में हम अपनी मनी सप्लाई को कम कर देता है इकोनॉमिक्स के अंदर ओपन मार्केट ऑपरेशन के थ्रू और ये सब करता कौन है ये हमारा सेंट्रल बैंक करता है तो यहां पर अगर हम बात करते हैं ओपन मार्केट ऑपरेशन की तो हमें ऑलरेडी पता है की सेंट्रल बैंक ओपन मार्केट ऑपरेशन के थ्रू इकोनामी के अंदर नॉमिनल मनी सप्लाई को कम और ज्यादा करता है यहां पे मॉनिटरी पॉलिसी में हमने से चीज को जो है बस एक नाम दे दिया अगर हम बात करते हैं यहां पर एक्सपेंशनरी मॉनिटरी पॉलिसी की इकोनामी के अंदर एक्सपेंशनरी मॉनिटरी पॉलिसी आई है तो उसका मतलब क्या है की सेंट्रल बैंक में इकोनामी के अंदर नॉमिनल मनी सप्लाई को इंक्रीज कर दिया फिर अगर हम बात करते हैं अपने कॉन्ट्रक्शनरी मॉनिटरी पॉलिसी की तो उसमें हम बात करते हैं की हमारे जो सेंट्रल बैंक है उन्होंने इकोनामी के अंदर नॉमिनल मनी सप्लाई को कम कर दिया ओके तो यहां पर अब हमारी नॉमिनल मनी सप्लाई में तो मॉनिटरी पॉलिसी के थ्रू जो है चेंज ए गए वो कम हो रही है और वो ज्यादा हो रही है नॉमिनल मनी सप्लाई में चेंज ए गए अब हम बात करते हैं की मॉनिटरी पॉलिसी के आने से हमारी नॉमिनल मनी सप्लाई में चेंज आने से हमारी दोनों मार्केट पे क्या इंपैक्ट होगा आई होप की बैकग्राउंड साउंड नहीं ए रहा होगा तो हमारी मॉनिटरी पॉलिसी के आने से हमारे दोनों मार्केट में क्या इंपैक्ट होगा हमारे इस्लाम में क्या होगा तो वो साड़ी चीजों को अब हम आगे स्टडी करेंगे तो स्टार्ट करते हैं हम इस साइड से हम पहले अपनी एक्सपेंशनरी मॉनिटरी पॉलिसी को स्टडी करते हैं और फिर हम अपनी दूसरी साइड में से इसका जस्ट अपोजिट देखेंगे तो यहां पे अगर हम बात करते हैं एक्सपेंशनरी मॉनिटरी पॉलिसी की तो हम पहले अपनी मनी मार्केट में देखते हैं की मनी मार्केट में किस तरीके से चेंज आएंगे तो हमने क्या देखा इसमें इनिशियली की हमारा जो सेंट्रल बैंक है वो एसिड को परचेज करते हैं और हम लेकर चल रहे हैं की हमारी इकोनामी के अंदर जो एसिड हैं या तो वो कैश है और या फिर वो बॉन्ड है अगर हमारे सेंट्रल बैंक इकोनामी के अंदर से असेट्स को परचेज करें तो हम बात कर रहे हैं की सेंट्रल बैंक जो है बॉन्ड को परचेज कर रहे हैं अगर सेंट्रल बैंक बॉन्ड को परचेज करेंगे तो इकोनॉमिक्स के अंदर से हमारी जो बॉन्ड की क्वांटिटी है वो कम हो जाएगी इकोनामी के अंदर क्योंकि सेंट्रल बैंक उन्हें परचेज कर लिया अब लोग जो है कम बैंड को खरीद पाएंगे वह इकोनामिक के अंदर कम अवेलेबल है दूसरी चीज हमने क्या अच्छी की यहां पर अगर सेंट्रल बैंक परचेज कर दिया एसिड को तो सिचुएशन में सेंट्रल बैंक पर भी करती है बैंक्स को या जिसे भी खरीदारी है तो उससे क्या होता है हमारी इकोनामी के अंदर जो नॉमिनल बनी सप्लाई है वो इंक्रीज हो जाति है तो हम यहां पे दो चीज क्या देख रहे हैं की अगर हमारा सेंट्रल बैंक परचेज करता है बॉन्ड को तो सिचुएशन में इकोनामी के अंदर जो बॉन्ड हैं उनके क्वांटिटी तो कम हो जाएगी बट सेंट्रल बैंक के बॉन्ड परचेज करने से इकोनामी के अंदर मनीष सप्लाई इंक्रीज हो जाएगी अगर मनीष अप्लाई इंक्रीस हो गई लोगों के पास ज्यादा पैसे आएंगे तो सिचुएशन में जो लोग हैं वो ज्यादा बॉन्ड को परचेज भी करना चाहेंगे बट हम देख रहे हैं की बॉन्ड की जो क्वांटिटी है वो कम हो गई कम बंद अवेलेबल है इकोनामी के अंदर तो सिचुएशन में हमारे जो बॉन्ड के प्राइस है वो इंक्रीज हो जाएंगे और अगर हमारे प्राइस ऑफ बॉन्ड इंक्रीज हो गए तो हमें पता है की इंटरेस्ट रेट के साथ उसका जस्ट नेगेटिव रिलेशन है ये हमने चैप्टर में पढ़ा था मैं स्क्रीन पर भी मेंशन कर दूंगी तो यहां पर हम बात करेंगे की हमारा प्राइस है जिसको हम बोलते हैं रिटर्न मतलब की हमारा यहां पर इंटरेस्ट रेट कल कर जाएगा तो यहां पर हम देख सकते हैं की अगर हमारी एक्सपेंशनरी मॉनिटरी पॉलिसी होती है तो हमारी इकोनामी के अंदर नॉमिनल मनी सप्लाई के इंक्रीज होने से क्या होता है हमारा जो इंटरेस्ट रेट है यहां पर मैं लिख देती हूं हमारा जो इंटरेस्ट रेट है वो फल कर जाता है यह हमारी मनी मार्केट के बाद है और अगर हम इसे ग्राफिकल भी देखना जाए तो हमें ऑलरेडी पता है यहां पर अगर हम इसे ग्राफिकल स्टडी करते हैं तो यह मैंने यहां पर कल बना दिया ये मेरा रियल मनी सप्लाई हो गया यह मेरा डाउनलोड स्लोपिंग ल कर गया अब यहां पर हम क्या देख रहे हैं की रियल मनी सप्लाई की जो इक्वेशन हो जाएगा तो हमारी जो रियल मनी सप्लाई है वो भी इंक्रीज हो जाति है यह ऑलरेडी पढ़ कर आए हैं हमें पता है की अगर हमारी रियल मनी सप्लाई इंक्रीज होगी तो हमारा जो यह कर्व है और हम क्या देख रहे हैं की हमारा इनिशियल इक्विलिब्रियम था जी पर हमारा इंटरेस्ट रेट है वह पहले से क्या हो गया कल करके तो यहां पर अगर हमारी नॉमिनल मनी सप्लाई इंक्रीज हो जाति है तो हमारी जो रियल मनी सप्लायर वह भी इंक्रीज हो जाति है और हमारा जो इंटरेस्ट रेट है वह फल कर जाता है दूसरा हमेशा ऐसे भी समझ सकते हैं अगर हम बात करते हैं की हमारी रियल मनी सप्लाई इंक्रीज हो गई तो रियल मनी सप्लाई अगर इंक्रीज हो जाति है और इंटरेस्ट रेट में कोई भी चेंज नहीं आता तो सिचुएशन में यहां पर यह मेरी सप्लाई है और यहां पर यह मेरी डिमांड पर मनी है इस से इंटरेस्ट रेट पर तो सिचुएशन में हम क्या देख रहे हैं की लोग इस इंटरेस्ट रेट पर इतनी मनी की डिमांड कर रहे हैं की वो इतना अपने पास रखेंगे मैंने वो बाकी वो इन्वेस्ट करेंगे लेकिन सप्लाई मनी की इतनी ज्यादा है तो इस सिचुएशन में हम देख सकते हैं की जो ये गैप है वो एक तरीके से मैं बोल शक्ति हूं की वो एक्सेस अप्लाई है दूसरी चीज अगर हम नोटिस करें तो हम देख रहे हैं की यहां पर इस पॉइंट पर हमारा इक्विलिब्रियम भी नहीं है यहां पर ना तो हमारी डिमांड सप्लाई के इक्वल है तो सिचुएशन में क्या होता है अब हम अपनी सप्लाई को तो चेंज नहीं कर सकते क्योंकि वो तो सिर्फ सेंट्रल बैंक करता है तो हम अपनी डिमांड को किस तरीके से चेंज करें लोगों की यहां पर हमें अपनी डिमांड को इंक्रीज करना पड़ेगा इसलिए हम पॉइंट को अचीव करने के लिए तो उससे क्या होता है यहां पर डिमांड को इंक्रीज करने के लिए डिमांड बेसिकली क्या है की लोग अब अपने पास मनी को ज्यादा रखेंगे तो डिमांड इंक्रीज हो जाएगी वो कैसे पॉसिबल है अगर इकोनामी के अंदर इंटरेस्ट रेट फल कर जाता है इंटरेस्टेड कम हो जाता है तो लोग क्या होंगे लोगों को अच्छा नहीं लगेगा उन्हें ज्यादा रिटर्न नहीं मिलेगा तो वो मनी को अपने पास ज्यादा रखना चाहेंगे जिसकी वजह से क्या होगा लोगों के पास डिमांड पर मनी जो है वो इंक्रीज हो जाएगी और हम इस इक्विलिब्रियम पॉइंट को जो है अचीव कर पाएंगे दोनों सिचुएशन में हम से चीज को देख सकते हैं की यहां पे बेसिकली क्या होता है की हमारी रियल मनी सप्लाई की इंक्रीज होने से इंटरेस्ट रेट फल कर जाता है और हमारी रियल मनी सप्लाई क्यों इंक्रीज होती है क्योंकि हमारी इकोनामी के अंदर नॉमिनल मनी सप्लाई इंक्रीज हुई है एक्सपेंशनरी मॉनिटरी पॉलिसी के थ्रू तो ये हमारी मनी मार्केट में किस तरीके से चेंज आए एमपी के आने से मॉनिटरी पॉलिसी के आने से तो वो हम यहां पर देख सकते हैं उसके बाद अगर हम बात करें अपनी दूसरी मार्केट की अच्छा दूसरी मार्केट को स्टार्ट करने से पहले अगर हम एक और चीज की बात करें तो यहां पर हमने बेसिकली क्या देखा है की हमारी यह नॉमिनल मनी सप्लाई इंक्रीज हो गई जिसकी वजह से हमारी रियल मनी सप्लाई जो है इंक्रीज हो गई और हमारा इंटरेस्ट रेट जो है वह कल कर जाता है विद डी से लेवल ऑफ आउटपुट और इनकम तो यहां पर जो यह हमारा आलम है वह राइट शब्द क्या हो जाएगा शिफ्ट हो जाएगा इंक्रीज होने से नॉमिनल मनी सप्लाई के इंक्रीज होने से और यहां पे हमें ऑलरेडी पता है की हमारा जो एम है वो कब शिफ्ट होता है जब हमारे एनवायरनमेंट चेंज आते हैं और इसकी वजह से क्या होता है हमारा जो आए है वो चेंज होता है विद डी से बाय यह हम ऑलरेडी पढ़ कर आए हैं और हमने अपने एम के शिफ्ट में भी अच्छी हुई है ये चीज ग्राफिकल अगर मैं एक बार यहां पर एक्सप्लेन करो तो यह यहां पे मैंने दो ग्लास बना दिया एक मनी मार्केट को पढ़ेंगे एक में हम एम को पढ़ेंगे तो यहां पे ये मैंने रियल मनी सप्लाई हो गई ये हमारा एनसीआर हो गया ये इनका एक कांबिनेशन ए गया की इस इंटरेस्ट रेट पर जो भी मेरा लेवल ऑफ आउटपुट और इनका होगा वो मैंने यहां पर ले लिया है इस कांबिनेशन को तो यह मेरा फर्स्ट अलार्म हो गया उसके बाद अगर यहां पर हमारी रियल मनी सप्लाई इंक्रीज हो जाति है नॉमिनल मनी सप्लाई की इंक्रीज होने से तो सिचुएशन में यह हमारा न्यू एक्विलिब्रियम पॉइंट हो गया अब इस सिचुएशन में हमारा जो यह इसकी इक्वेशन कोई भी चेंज नहीं आए तो सिचुएशन में हम क्या देख रहे हैं की से लेवल ऑफ आउटपुट और इनकम पर हमारा जो इंटरेस्ट रेट है वो कम हो जाता है और इसी से कांबिनेशन को हम यहां पर दिखाई हैं और हमारा जो ये एम है वह शिफ्ट हो जाता है तो यहां पर हम क्या देख रहे हैं जो सबसे इंपॉर्टेंट के साथ पढ़ेंगे यह हमारी ऑलरेडी सिर्फ एक मार्केट के बात हो रही है मनी मार्केट जब हम इसमें इस कर को भी लेकर आते हैं तो सिचुएशन में हमारी ये सिचुएशन काफी डिफरेंट होती है यहां पर ये हमारी सिर्फ मनी मार्केट की बात है लेकिन जब हम बात करेंगे अब अपनी गुड्स की मार्केट की भी तो उसमें हम से ए की बात नहीं करते हैं तो वो हमारी बुक का भी डायग्राम है तो मैं उसे आगे एक्सप्लेन करती हूं तो यहां पर ये हमारी सिर्फ मनी मार्केट की सिचुएशन है जो हम ऑलरेडी पढ़ कर आए हैं अब हम बात करते हैं अपनी दूसरी मार्केट की तो यह हमारी वही से सिचुएशन है जो हम पीछे बैठकर आए हैं अभी तो जितने भी इसमें ब्लैक में बना हुआ है वह हमारी बिफोर सिचुएशन थी उसके बाद ब्लू में हमने अपनी आफ्टर सिचुएशन बताइए जो हमारे के इंक्रीज होने से हुई है बेसिकली हमारी एक्सप्रेशन मॉनिटरी पॉलिसी से जो चेंज आए हैं वो हमने ब्लू से मेंशन कराया दूसरी चीज हम यहां पे क्या देख रहे हैं की हमारे टीम लेवल ऑफ आउटपुट और इनकम पर जो हमने पीछे पढ़ा हमारा इंटरेस्ट रेट इतना फल करके आओ ओके अब यहां पर हम सिर्फ अपनी एक ही मार्केट को स्टडी नहीं कर रहे हैं दूसरी मार्केट को भी स्टडी कर रहे हैं गुड्स के मार्केट को स्टडी करना है तो हमने उसका भी कर्व यहां पर इस कर ड्रा करें अब यहां पर सबसे इंपॉर्टेंट चीज जो यहां पर हमारे से लेवल ऑफ आउटपुट और इनकम पर हमारा इंटरेस्ट रेट फल कर गया यहां पर इस पॉइंट पर तो यहां पे इस पॉइंट पे हमारी दोनों ही मार्केट साथ में एक लिब पर तो नहीं है क्योंकि ये दोनों मार्केट के जो कर रहे हैं वो इंटरसेक्ट ही नहीं कर रहे हैं यहां पर इनिशियली दोनों मार्केट इक्विलिब्रियम पर थी लेकिन यहां पे नीचे इस पॉइंट पर हमारी जो मार्केट है वो इक्विलिब्रियम पर नहीं है कहां पर वो इक्विलिब्रियम पर है अब तो वो हम देख सकते हैं की वो यहां पर लिख ले मेरे ऊपर है ओके अब यहां पर जहां पर है तो उसे पर हम क्या देख रहे हैं की हमारा जो इंटरेस्ट रेट है वह यहां पर हमारी इस इंटरेस्ट रेट पर है तो मैं इसे यहां पर ले लेती हूं आई तू ओके तो हम क्या देख रहे हैं की यहां पे इस पॉइंट पर जब हमारा लेवल ऑफ आउटपुट और इनकम से था हमारा इंटरेस्ट रेट के फल करने से जब हमारा अलार्म शिफ्ट हुआ तो सिचुएशन में हमारी दोनों मार्केट साथ में एक लिबि्रयम पर नहीं थी तो हमारी वो साथ में इक्विलिब्रियम पर कहां है यहां पर है जिसका इंटरेस्ट रेट कम तो हुआ है यहां पे कम तो हुआ है बट वो पहले के कंपैरिजन में कम कम हुआ है अब इसके रीजन को समझना और इसकी पुरी थ्योरी को समझना है तो बेसिकली हुआ क्या हमने यहां तक तो यह चीज को समझा मैं इसको ऊपर लिख देती हूं या फिर नीचे हां तो यहां पे हमने क्या देखा की हमारा जो एम है वो राइट में क्या देखा की हमारी नॉमिनल मनी सप्लाई के इंक्रीज होने से हमारी रियल मनी सप्लाई इंक्रीज हुई और हमारा जो इंटरेस्ट रेट है वह फल करके ओके यह हमारी मनी मार्केट के बात है उसके बाद अगर हम बात करते हैं गुड्स के मार्केट की तो गुड्स की मार्केट में क्या होगा हमें पता है की हमारी जो इन्वेस्टमेंट है इन्वेस्टमेंट कर्व उसकी इक्वेशन क्या है ये उसकी इक्वेशन है अगर यहां पर हमारा इंटरेस्ट रेट फल कर जाता है तो हमारी इन्वेस्टमेंट इंक्रीज हो जाएगी है ना और यहां पर हमारी इन्वेस्टमेंट इंक्रीज हो जाति है तो सिचुएशन में हमारा जो एड है वो भी इंक्रीज हो जाएगा और अगर ए दी इंक्रीज हुआ है तो हमारा वे बी इंक्रीज होगा है ना अब हमारा यहां पे ए इंक्रीज हुआ है क्यों इंक्रीज हुआ है क्योंकि यहां पर हमारी नॉमिनल मनी सप्लाई इंक्रीज हो रही है क्योंकि हम दोनों मार्केट को स्टडी कर रहे हैं साथ में लेकिन हम ग्राफ में क्या बात कर रहे हैं की हमारे ए में कोई भी चेंज नहीं ए रही है लेकिन जब हम दोनों मार्केट की बात करेंगे तो उसमें हम देख रहे हैं की हमारे नॉमिनल मनी सप्लाई के इंक्रीज होने से एक्सपेंशनरी मॉनिटरी सप्लाई के आने से हमारा जो ए है वो भी इंक्रीज होगा और वो कब इंक्रीज होगा जब हमारा यहां पर दोनों ही मार्केट फिर से एक लाइब्रेरी ओके ये चीज समझ आई के इंक्रीस हुआ तो यहां पर मैं इसे ले लेती हूं दूसरा हम अब यहां पर बात करते हैं की हमारा जो इंटरेस्ट रेट है वह इतना फॉलोअर इनिशियली लेकिन यहां पर फिर हमारा इंटरेस्ट रेट यह इंक्रीज क्यों हुआ हमने यहां पे तो देख लिया की ए क्यों इंक्रीज हुआ तो अब हम बात करते हैं की इंटरेस्ट रेट क्यों इंक्रीज हुआ तो यहां पे क्या होता है की अब अगर मेरा ए इंक्रीज हो जाएगा तो हमें पता है की हमारा जो ल तरीके से होता है और यहां पर अगर हमारा ए इंक्रीज हो जाता है तो हमारा जो ल है वो भी इंक्रीज हो जाएगा मतलब की हमारी जो डिमांड पर मनी है रियल डिमांड पर मनी वह भी इंक्रीज हो जाएगी और अगर वो वाइफ के इंक्रीज होने से इंक्रीज होती है तो वो शिफ्ट होती है और वो राइट वरशिप हो जाएगी तो यहां पर हमारा जो है वो राइट वन शिफ्ट हो जाएगा जहां पर हमारी न्यू मनी सप्लाई और हमारा न्यू हेल्प तो यह हमारा शिफ्ट हो गया जिसकी वजह से हम क्या देख रहे हैं की हमारा कुछ इंटरेस्ट रेट जो है वह इंक्रीज भी हुआ तो यहां पर ओवरऑल अगर हम बात करते हैं अपनी एक्सपेंशनरी मॉनिटरी पॉलिसी की तो हम क्या देख रहे हैं की हमारा नॉमिनल बने सप्लाई इंक्रीज हो गया और नॉमिनल मनी सप्लाई की इंक्रीज होने से हमारी यहां पर रियल मनी सप्लाई जो है वो राइट शब्द शिफ्ट हो गई क्योंकि वो भी इंक्रीज हो गई और उसकी वजह से हमारा जो इंटरेस्ट रेट है वो फल कर गया विथ डी से वही तो हमारा जो एम कर्व है वो राइट शब्द शिफ्ट तो हुआ बट हमारा जो लेवल ऑफ आउटपुट और इनकम था वो से था यह हमारी मनी मार्केट की बात थी फिर उसके बाद अगर हम बात करें गुड्स के मार्केट पे इसका क्या इंपैक्ट हुआ क्योंकि दोनों मार्केट को साथ में स्टडी कर रहे हैं तो इंटरेस्टेड के फल होने से हमारे इन्वेस्टमेंट इंक्रीज हो गई जिसकी वजह से एडी इंक्रीज होता है और उसकी वजह से हमारा जो वे है वो भी इंक्रीज होगा तो यहां पर हमारा जो वे है वो इंक्रीज होगा और उसकी वजह से यहां पर हमारा जो पॉइंट पर रियल मनी है वह भी इंक्रीज हो जाएगा इंक्रीज हो जाएगा इसलिए हमारा जो लक कर्व है वो राइट शब्द शिफ्ट हो जाएगा इस तरीके से वह शिफ्ट हो रहा है की यहां पर वो हमारे इस इंटरेस्ट रेट को अचीव कर का रहा है जहां पर हमारी दोनों ही मार्केट इक्विलिब्रियम पर है इंटरेस्ट रेट को तो यहां पे हमने अपने ल कर्व को राइट वरशिप कर दिया और वो इस तरीके से हुआ है की वो अब इस इंटरेस्टेड को अचीव कर का रहा है जहां पर हमारी दोनों ही मार्केट इटली ड्रीम पर है जहां पे हमारी दोनों ही मार्केट इटली भी हम पर हैं वहां पर हमारे इंटरेस्ट रेट तू पर हमारा लेवल ऑफ आउटपुट और इनकम क्या है y1 तो इसी से चीज को मैं पीछे यहां पर एक्सप्लेन करते हो तो यह हमारी मनी मार्केट थी उसके बाद अगर हम बात करें गुड्स की मार्केट की तो इंटरेस्ट रेट के फॉल होने से हमारी जो इन्वेस्टमेंट पेंडिंग है वह इंक्रीज हो जाएगी बेसिकली अगर इंटरेस्ट रेट फल करता है तो जो हमारी फॉर्म्स हैं वो ज्यादा बोरिंग करती है और वो ज्यादा इन्वेस्टमेंट को इंक्रीज कर दिया हमारी इन्वेस्टमेंट के स्पेंडिंग इंक्रीज हो जाएगी जिसकी वजह से हमारा जो एड है वो भी इंक्रीस हो जाएगा और हमारा लेवल ऑफ आउटपुट और इनकम जो है वो भी इंक्रीज हो जाएगा तो अब हमारा से बाय नहीं होगा हमारा जो बाय है वो इंक्रीज हो जाएगा जब हम दोनों मार्केट को आपस में एक साथ स्टडी करेंगे जहां पर हमारी दोनों मार्केट फिर से इक्विलिब्रियम लेवल को अचीव करेंगे एक साथ ओके उसके बाद अगर हम बात करते हैं यहां पर की हमारा जो इंटरेस्ट रेट है वो फिर से इंक्रीस हो जाता है थोड़ा सा है ना यहां पर हमने पीछे देखा की हमारा इंटरेस्ट रेट जितना इनिशियली फल कर था इक्विलिब्रियम पर उतना है फल नहीं करता यहां पर इतना इनिशियली फल कर था बट हम देख रहे हैं की अब यहां पर इस इक्विलिब्रियम पर हमारा जो इंटरेस्ट रेट है वो सिर्फ इतना सा फल करें तो इसके रीजन की हमारी बुक में बात नहीं कारी है तो इसको हम यहां पे मेंशन नहीं करते हैं बट ऑलरेडी मैंने यहां पे एक्सप्लेन कर दिया लेकिन वो तो लिख सकते हैं बट नीड नहीं है क्योंकि बुक में मेंशन नहीं है सिलेबस में है नहीं तो छोड़ सकते हैं उसके बाद अगर हम बात करें अपनी दूसरी साइड की तो बस की जस्ट अपोजिट हो जाएगी तो मैं इसे यहां पर लिख देती हूं सर फिर नो से एक्सप्लेन कर दूंगी ओके तो यहां पर अगर हम बात करते हैं कॉन्ट्रक्शनरी मॉनिटरी पॉलिसी की तो इसमें हम बात करते हैं की इस बार जो सेंट्रल बैंक है वह असेट्स को इकोनामी के अंदर देखते हैं अगर वह असेट्स को इकोनामी के अंदर देखते हैं या फिर हम बोलते हैं की बॉन्ड को अगर वो इकोनॉमिक्स के अंदर देखते हैं तो इकोनॉमिक्स के अंदर जो बॉन्ड की क्वांटिटी है वो इंक्रीज हो जाएगी दूसरा अगर सेंट्रल बैंक इकोनामी के अंदर असेट्स को देख रहे हैं तो इकोनॉमिक्स के अंदर से जो नॉमिनल मनी सप्लाई है वो कम हो जाएगी लोगों के पास जो पैसे हैं वो कम हो जाएंगे लोगों के पास पैसे कम है और बंद जो है वो बहुत ज्यादा इंक्रीज हो गए तो सिचुएशन में क्या होता है की अब लोगों के पास कम पैसे हैं और हमारी क्वांटिटी ऑफ बॉन्ड पहले से और इंक्रीज हो गए तो सिचुएशन में क्या होगा की काफी कम ही ऐसे लोग होंगे जो बॉन्ड को परचेज करना चाहेंगे तो बैंड्स की सेल को इंक्रीज करने के लिए इकोनामी के अंदर जो प्राइस ऑफ बंद है वो फल कर जाएगा ताकि ज्यादा लोगों से परचेज करें तो सिचुएशन में जो रिटर्न है वो इंक्रीस हो जाएगा और हमारा जो इंटरेस्ट रेट है वह भी इंक्रीस हो जाएगा इकोनॉमिक्स के अंदर क्योंकि इन दोनों के बीच में नेगेटिव रिलेशन है या ऑलरेडी इस चैप्टर में डिटेल में तो यहां पर अगर हम बात करते हैं स्टेम सिचुएशन की तो हम क्या देख रहे हैं की नॉमिनल मनी सप्लाई कम होती है तो रियल मनी सप्लाई भी कम होती है जिसकी वजह से हमारा इंटरेस्ट रेट जो है इंक्रीज हो जाता है विद डी से बाय इसको हम ग्राफिकल देख सकते हैं से जैसे हमने पहले देखा था और उसे सिचुएशन में क्या होता है हमारा जो एम कर्व है वो लेफ्ट वरशिप हो जाता है ओके अब जब हमारा एम कर्व लेफ्ट शिफ्ट हो गया तो हमारा जो ए है वो से है लेकिन हम सिर्फ मनी मार्केट की बात नहीं करते तो हम अपने गुड्स की मार्केट की भी बात करते हैं तो हमारी कॉन्ट्रक्शनरी मॉनिटरी पॉलिसी में गुड्स की मार्केट में क्या चेंज आते हैं की हमारे इंटरेस्ट रेट के इंक्रीज होने से हमारी जो इन्वेस्टमेंट पर स्पेंडिंग हो रही है वो कम हो जाएगी जिसकी वजह से हमारा एड कम हो जाएगा और हमारा जो आउटपुट है जो यहां पर से है वो इस सिचुएशन में फल कर जाएगा तो हम यहां पर देख सकते हैं की अगर हम बात करते हैं यहां पर एक्सपेंशनरी मॉनिटरी पॉलिसी की तो हमारी नॉमिनल मनी सप्लाई के इंक्रीज होने से हमारा आउटपुट इंक्रीज होता है और इंटरेस्ट रेट पर करता है और दूसरी साइड यहां पर हमारी नॉमिनल मनी सप्लाई के कम होने से इंटरेस्ट रेट इंक्रीज होता है और हमारा आउटपुट फल करता है नो अब अगर हम बात करें बुक के 11.3 फिगर की तो उसमें जस्ट यही हमारी एक साइड जिवन है और यहां पर यह वाली साइड हमारी बुक में नहीं जिवन है जहां पर हम मनी मार्केट की बात करें तो ये हमने जस्ट अपनी अंडरस्टैंडिंग के लिए बनाई थी अब उसके बाद अगर हम अपनी में फिगर की बात करें जो बुक में जिवन है ये बेसिकली क्या रिप्रेजेंट करती है तो यहां पर हम मॉनिटरी पॉलिसी को ही स्टडी करते हैं की हमारी एक्सपेंशनरी मॉनिटरी पॉलिसी में हमारे इस और एम किस तरीके से अफेक्ट हो रहे हैं तो अगर हमारी नॉमिनल मनीष सप्लाई इंक्रीज होती है तो सिचुएशन में क्या होता है की हमारी रियल मनी सप्लाई इंक्रीज हो जाति है और हमारा जो अलार्म है वो राइट शिफ्ट हो जाता है तो यहां पर हमने अपने एम को राइट वी शिफ्ट किया हुआ है दूसरा हम क्या देखते हैं की हमारा न्यू इक्विलिब्रियम पॉइंट यहां पर आता है जहां पर हमारी दोनों ही मार्केटिंग पर है और यहां पर हम देखते हैं की हमारी एक्सपेंशनरी मॉनिटरी पॉलिसी से जो इंटरेस्टेड कम हुआ है वह सिर्फ थोड़ा सा कम हुआ है यहां से यहां तक और हमारे आउटपुट और इनकम में क्या चेंज आई की वह हमारी इंक्रीज हो गए यहां से यहां तक ओके उसके बाद अगर हम बात करें एक न्यू चीज की तो हम बात करते हैं की व्हाट आईएफ अगर हमारा इंटरेस्ट रेट फॉलिंग नहीं करता ते मिटता इनिशियली जितना हमारा इंटरेस्ट रेट था उतना ही राहत तो सिचुएशन में हमारा लेवल ऑफ आउटपुट और इनकम कितना हो सकता था तो हम उसको बात करते हैं यहां पर हम इस लाइन को ड्रॉ कर देंगे जो हमारे न्यू एल्बम पर है तो हम देख रहे हैं की से इंटरेस्ट रेट पर अगर हमारा एम राइट वन शिफ्ट होता है तो सिचुएशन में हमारा जो वे है वो इतना इंक्रीस हो सकता था अभी तो वह सिर्फ इतना हुआ है बट वो कितना इंक्रीज हो सकता था अगर इंटरेस्ट रेट से होता हमारा इतना इंक्रीज हो सकता था तो यह जो हमारी डिस्टेंस की बीच में यह हमारी बुक में जिवन है हमारा चेंज इन नॉमिनल मनी सप्लाई हमारा कांस्टेंट प्राइस मल्टीप्लाई तो यहां पर हम बेसिकली बात करते हैं की एक्चुअल में अगर इंटरेस्ट रेट चेंज नहीं होता तो सिचुएशन में हमारा जो वे है वो इतना ज्यादा इंक्रीज हो सकता था लेकिन हमारा इंटरेस्टेड फल कर रहा है तो उसे कैसे में हमारा जो ए है वो इंक्रीज तो हो रहा है बट वो सिर्फ इतना सा इंक्रीज हो रहा है फूली जितना इंक्रीज हो सकता था उतना इंक्रीज नहीं हो रहा तो इस सिचुएशन में हम बेसिकली बात करते हैं की हमारी जो मॉनिटरी पॉलिसी है हमने एक्सपेंशनरी मॉनिटरी पॉलिसी का उसे करें तो हमारी जो मॉनिटरी पॉलिसी है वह थोड़ी इफेक्टिव है क्योंकि हमारा आउटपुट तो इंक्रीज हुआ है उसकी वजह से बट वो कंपलीटली इफेक्टिव नहीं है क्योंकि हमारा जो आउटपुट है वह कंपलीटली जितना इंक्रीज हो सकता था उतना इंक्रीज नहीं हुआ ओके तो इसका जस्ट यहां पर इतना ही रेफरेंस है अब जब हम इसके आगे और बात करेंगे तो ये चीज और अच्छे से क्लियर होने लगेंगे अब अगर हम इस वैल्यू की बात करें यहां पर तो मैं इस एक्सप्लेन करती हूं आगे तो यहां पर हमें देखना है हमारा टोटल ए कितना चेंज हो सकता है अगर हमारा इंटरेस्ट रेट से राहत है तो तो उसके लिए हमें सबसे पहले अलार्म को थोड़ा सा रिवाइज करना होगा अलार्म को बेसिकली हम यहां पर इसलिए रिवाइज कर रहे हैं क्योंकि हमारी मॉनिटरी पॉलिसी के थ्रू जो एम है वो शिफ्ट करते हैं तो यहां पे हमारा जो एम कर्व है वो बेसिकली क्या रिप्रेजेंट करता है एम कर का हर पॉइंट शो करता है की हमारी जो मनी मार्केट है वो इटली ब्रह्म पर है मनी मार्केट इक्विलिब्रियम पर है तो उसकी कौन सी सिचुएशन होती है की हमारी जो मनी सप्लाई है वो मनी डिमांड के इक्वल है तो हमने यहां पर उसको इक्वेशन वाइस रिप्रेजेंट कर दिया यहां पर फिर हमने जब इस इक्वेशन को थोड़ा सा रे अरेंज कर हमारी इस इक्वेशन से कंपेयर करने के लिए तो यहां पर हमने यह ए एक्सिस पर हमारा इंटरेस्टेड होता था यह हमारा एक्स एक्स पर लेवल ऑफ आउटपुट और इनकम होता था तो यहां पर हमारा जो स्लोप है जी पर हमारी लाइन ए से कब इंटरसेक्ट करेगी ए एक्सिस से कब इंटरसेक्ट करेगी वो हमारा ये हो गया ओके अब उसके बाद अगर हम से डायग्राम यहां पर बनाए जो हमने पीछे समझना है तो मैंने इसको इस तरीके से लिया यहां पर मैंने यह दो आलम बना दिए हमारा जो एम है यहां पर मैं कांस्टेंट इंटरेस्ट ले लेती हूं की मेरे इंटरेस्ट रेट में कोई भी चेंज नहीं ए रही अब मेरा इंटरेस्ट रेट से है तो मुझे देखना है की यहां पर यह जो मेरा राइट शब्द शिफ्ट होने से वही इंक्रीज हो रहा है ये जो डिस्टेंस है वो कितनी है है ना ये चीज हमें निकालनी है तो उसके लिए हम क्या करेंगे यहां पर अगर मैं इसकी इस डिस्टेंस की बात करूं तो यह डिस्टेंस बेसिकली क्या शो करती है ये हमारी चेंज इन सी को शो करती है बेसिकली यहां पर यह हमारे चेंज इन सी को शो करती है और वह बेसिकली क्या चेंज आया किसकी वजह से चेंज आया हमारे बा के चेंज होने से हमारे मोबाइल के चेंज होने से जो ये पुरी वैल्यू चेंज हुई है हमारा जो ये ए इंटरसेप्ट चेंज हुआ है वह हमारी यह डिस्टेंस है तो यहां पर मैं इस से चीज को इस तरीके से भी रिप्रेजेंट करती हूं की यहां पर अगर यह डिस्टेंस हमारी सीट का चैन शो कर रही है यहां पर यह डिस्टेंस है वो भी से चीज को शो कर रही होगी तो यह भी हमारा चेंज इन सी हो गया है उसके बाद अगर हम बात करें यहां पर यह डिस्टेंस की जो हम निकाल रहे हैं तो वह बेसिकली क्या है की मेरे वे में कितने चेंज ए रहे हैं टोटल ए में कितने चेंज ए रहे हैं ओके अब उसके लिए यहां पर हम कैसे करेंगे हम इस से चीज को देखने के लिए इस डिस्टेंस को निकालना के लिए हम क्या करेंगे हमारे चेंज इन व्यू को निकालना के लिए हम यहां पर इस एंगल को ले लेंगे यह हमारा 90 डिग्री है यहां पर यह हम इसको ले लेते हैं θ तो यहां पर अगर मैं इस θ को तन तीता लेती हूं क्योंकि यहां पे मुझे इसकी भी वैल्यू पता है और इसकी भी वैल्यू पता है और हमें पता है की अगर मैं यहां पर 10 तीता लेती हूं तो हमारा जो tanθ है वो कुछ नहीं बट हमारा स्लोप होता है और हमारा तन तीता बेसिकली क्या होता है हमारा पी बाय बी तो हमें पता है की हमारा जो पी है वह बेसिकली क्या है हमारा चेंज इन सी और हमारा जो भी है वह क्या है चेंज इन बाय जो हमें निकालना है और हमें हमारा स्लो भी पता है अब यहां पर हम क्या देख रहे हैं की हमारी जो यह इनिशियल लाइन है यह जो हमारा इनिशियल एलिमेंट ले लेते हैं तो इस लाइन का स्लोप हम इस एंगल से निकाल सकते हैं क्योंकि हमारी जो यह लाइन हमने ड्रॉ कारी है वो एक्स के पैरेलल है और यहां से अगर मैं इस एंगल को ड्रॉ करती हूं और इस एंगल को मैं तन θ लेती हूं तो यह हमारी इस लाइन के स्लोप को रिप्रेजेंट करेगा ओके तो यहां पर अगर मैं इन साड़ी वालुज को पट कर दो तो यह हमारा जो स्लो है वह क्या हो जाएगा के बाय और हमारी सिम में कितने चेंज आए हमारा जितना चेंज ए रहा है यहां पर मैं इसे अरेस कर देती हूं थोड़ा सा तो मैं अपने चेंज इन बाय को दूसरे साइड भेज दूंगी तो यह हमारा क्या हो जाएगा तो यह हो जाएगा हमारा हा बाय के तो यहां पर राहत है तो वह बेसिकली क्या हो जाएगा तो यहां पर हम इस से चीज को देख सकते हैं अगर हम इस वैल्यू की बात करें तो यह वैल्यू बेसिकली क्या शो करती है की मेरे से इंटरेस्ट रेट पर अगर मेरी एक्सपेंशनरी मॉनिटरी पॉलिसी होती है और से इंटरेस्ट रेट होता है तो उसे सिचुएशन में हमारा जो व्यू में चेंज आएंगे हमारा जो मैक्सिमम बाय इंक्रीज हो सकता है वो कितना होगा तो वो बेसिकली कितना होगा हमारी इस वैल्यू जितना इस वैल्यू जितने हमारे व्यू में चेंज आएंगे ओके तो हमारी बुक में इस वैल्यू का कोई एक्सप्लेन नहीं जिवन किया किस तरीके से आई है बट हम इसको इस तरीके से मेजर कर कर शो कर सकते हैं अब यहां पर अगर हम एक चीज को नोटिस करें तो मैंने ये पहले भी एक्सप्लेन कर था की देखो मैक्सिमम जो हमारा आउटपुट इंक्रीज हो सकता था इकोनॉमिक्स के अंदर वो इतना था बट यहां पर एक्सपेंशनरी मॉनिटरी पॉलिसी के आने से इस सिचुएशन में हमारा जो आउटपुट है वो इतना इंक्रीज हुआ बेसिकली इतना इंक्रीज क्यों होगा मैक्सिमम क्यों नहीं होगा तो हमारा ये कंपलीटली डिपेंड करता है की हमारा जो एम है वो किस तरीके से ड्रॉ किया गया है तो आगे हम इसी से चीज को पढ़ेंगे है की हमारी जो मॉनिटरी पॉलिसी है वह कब इफेक्टिव होती है तब वह कंपलीटली इफेक्टिव होती है और कब वह बिल्कुल भी इफेक्टिव नहीं होती तो बेसिकली ये सिचुएशन में हमने देखा की मॉनिटरी पॉलिसी ठीक-ठाक कम कर गई आउटपुट तो इंक्रीज हुआ ही कंपलीटली नहीं हुआ बट हुआ तो इस सिचुएशन में हमारी मॉनिटरी पॉलिसी इफेक्टिव है बट कंपलीटली इफेक्टिव नहीं है अगर यहां पर हमारा कंपलीटली वही इंक्रीज हो जाता तो सिचुएशन में हम बोलते हैं की हमारी मॉनिटरी पॉलिसी कंपलीटली इफेक्टिव है और अगर हमारा व्हाइट चेंज ही नहीं होता तो सिचुएशन में हम बोलते हैं की हमारे मॉनिटरी पॉलिसी बिल्कुल भी इफेक्टिव नहीं है हमारी नॉमिनल मनी सप्लाई की इंक्रीज होने से वही बिल्कुल भी इंक्रीज नहीं हुआ जबकि हम दोनों मार्केट को स्टडी करें तो यहां पे हमने सिर्फ इफेक्टिव की बात कारी अब आगे हम दो एक्सट्रीम केसेस की बात करेंगे जिसमें हम देखेंगे की कंपलीटली इफेक्टिव है और बिल्कुल और इफेक्टिव है ओके और वो हमारा डिपेंड करता है बेसिकली की हमारा अगेन आलम किस तरीके से हम बना रहे हैं और वो डिपेंड करता है की हमारे रिस्पांस कितनी है तो इसको मैं आगे एक्सप्लेन करती हूं और अच्छे से ओके तो यहां पर हम बेसिकली बुक की चोरी की थोड़ी बहुत बात करेंगे तो मैंने इसको थोड़ा इजीली एक्सप्लेन करने का ट्राई करें यहां पर हम बात करेंगे की हमारा एम किस तरीके से हम ड्रॉ कर रहे हैं उसे पर भी काफी ज्यादा डिपेंड करता है की हमारा आउटपुट कितना चेंज हो जाएगा और हमारा इंटरेस्ट रेट कितना चेंज होगा मॉनिटरी पॉलिसी के आने से ओके तो इस सिचुएशन में अगेन हमने दो केसेस की बात कारी है की हमारा पहले कैसे जिसमें हम लेकर चल रहा है की हमारा जो एम है वो फ्लैट है दूसरे कैसे में हम बात करेंगे की हमारा जो एम है वो स्टेपर है तो हम अपने कैसे वन को देखते हैं यहां पे हम बात करते हैं की लेट सपोज हमारा जो ल है हमारी जो रियल डिमांड पर मनी है वो काफी ज्यादा सेंसेटिव है इंटरेस्ट रेट को लेकर मतलब इंटरेस्ट रेट में थोड़ा सा भी चेंज आया तो हमारा जो ल है वो बहुत ज्यादा चेंज होगा हमारी जो रियल डिमांड पर मनी है वो बहुत ज्यादा रिस्पांस करेंगे है ना तो इस सिचुएशन में हमारा जो स्मॉल है वो हायर होगा क्योंकि हमारी इस लाइन की हेल्प की इक्वेशन बेसिकली क्या होती है हमारा के तो यहां पर अगर हमारे आई के चेंज होने सेल बहुत ज्यादा रिस्पांस कर रहा है बहुत ज्यादा चेंज हो रहा है बहुत ज्यादा सेंसेटिव है तो आज उतना ज्यादा हमारा हायर होता है तो इस सिचुएशन में हम बात कर रहे हैं की अगर ल बहुत ज्यादा सेंसेटिव आई को लेकर तो सिचुएशन में हमारा जो हा है वो ही है इस सिचुएशन में अगर हमारा हा हायर होता है तो हमारी मनी सप्लाई के चेंज होने से हमारा जो आई में चेंज आते हैं वो भी छोटे आते हैं और जो व्यू में चेंज आते हैं वो भी कम आते हैं और अगर हमारा हा हायर होता है तो उसे कैसे में हमारा जो ल कर्व है वो फ्लेटर होता है और उसे सिचुएशन में हमारा जो एम है वह भी काफी ज्यादा फ्लेटर होता है और वह भी बहुत ज्यादा सेंसेटिव होता है इंटरेस्ट रेट को लेकर तो यहां पर यह जो ब्लू लाइन है मैंने अपने ग्राफ में ड्रॉ कारी है वह से चीज को रिप्रेजेंट करती है तो यहां पर अगर हमारा अलार्म हो जाएगा जैसे हमने पीछे देखा है बट कितना उसमें कितने चेंज आएंगे उसमें स्मॉलर चेंज आएंगे आगे कंपेयर तू दो सिचुएशन जिसमें हमारा जो एम है वो स्टेप है तो अगर हम स्टॉपर वाली सिचुएशन को देखें तो इसमें हम बात करते हैं की इसमें अब हमारा जो डिमांड पर रियल मनी है वो बिल्कुल भी सेंसेटिव नहीं है आई को चेंज होने से आई के चेंज होने से हमारा जो ल है वो बहुत कम रिस्पांस करेगा कम रिस्पांस करेगा इसलिए हमारा जो स्मॉल हा है वो लोअर है और इस सिचुएशन में हम बोलते हैं की हमारा श्री के चेंज होने से जो आई में चेंज आएंगे और जो हमारे आउटपुट और इनकम में चेंज आएंगे वो काफी ज्यादा चेंज आएंगे हा अगर हमारा लोअर है तो हमारा जो कर्व है वो स्टॉपर बनेगा और हमारा एम कर भी स्टॉपर बंता है अगर हमारा ह्लोअर होता है एस कंपेयर तो दो सिचुएशन जिसमें हमारा हा हायर है तो यहां पर हमने एम को इस बार स्टेपर बनाया है और हम क्या देख रहे हैं की अब जब हमने इसको कर तो हमारा इंटरेस्ट रेट अगेन कल करके इंक्रीज कर गया बट कितना पहले से कहानी ज्यादा उसमें जो चेंज आई है वो कैसे चेंज आई है है तो यह हमारी बुक में जस्ट थियोरेटिकल जिवन है तो इसको थियोरेटिकल रहने देते हैं इसको इतनी डिटेल में समझना की जरूर नहीं है सबसे में चीज जो हमें यहां पर पढ़नी है वो ये है की हमने देखा की मॉनिटरी पॉलिसी के आने से एक्सपेंशनरी मॉनिटरी पॉलिसी के आने से हमारा जो वे है वो इंक्रीज हुआ बट वो इतना इंक्रीज नहीं हुआ जितना वो मैक्सिमम हो सकता था अगर हमारा इंटरेस्ट रेट कांस्टेंट राहत तो सिचुएशन में हम बोल रहे थे की हमारी एक्सपेंशनरी मॉनिटरी पॉलिसी जो थी वो इफेक्टिव थी लेकिन ना तो वो कंपलीटली इफेक्टिव थी और ना ही वो कंपलीटली इन इफेक्टिव थी तो यहां पर हमने इफेक्टिव वाला कैसे ऑलरेडी यहां पर पीछे देख लिया ये जो हमने ग्राफिकल पढ़ा था अब इसके बाद हम दो एक्सट्रीम केसेस के बाद करेंगे जिसमें हमारी मॉनिटरी पॉलिसी कंपलीटली इफेक्टिव होगी और एक हमारा वह कैसे जिसमें हमारी मॉनिटरी पॉलिसी कंपलीटली इन इफेक्टिव होगी है तो यहां पर अगर हम बात करते हैं कंपलीटली इफेक्टिव और कंपलीटली इन इफेक्टिव की तो इसका क्या मतलब है इफेक्टिव हम बोल रहे हैं की हमारा ए इंक्रीस तो हुआ बट जितना मैक्सिमम हो सकता था उतना इंक्रीज नहीं हुआ है तो हमारी एक्सपेंशनरी मॉनिटरी पॉलिसी थोड़ी तो इफेक्टिव है क्योंकि हमारा आउटपुट और इनकम थोड़ा तो इंक्रीज हुआ है कंपलीटली एक्टिव तब बोलेंगे जब हमारा आउटपुट मैक्सिमम जितना इंक्रीज हो सकता है उतना इंक्रीज हो जाए मॉनिटरी पॉलिसी के आने से और हमारा कंपलीटली इन इफेक्टिव हम कब बोलेंगे जब हमारी एक्सपेंशनरी मॉनिटरी पॉलिसी के आने से या कोई भी मॉनिटरी पॉलिसी के आने से हमारा जो ए है वो चेंज नहीं हुआ उसमें कोई भी चेंज नहीं है तो हमने ऑलरेडी इफेक्टिव देख लिया अब हम आगे इन दोनों केसेस की बड़ी बड़ी से बात करेंगे जो की हमारे इस चैप्टर का इंपॉर्टेंट टॉपिक है तो हमारा फर्स्ट एक्सट्रीम कैसे हमारा लिक्विडिटी ट्रैप तो इस सिचुएशन में हम तीन प्वाइंट्स की बात करते हैं फर्स्ट ये की हमारी जो भी अमाउंट ऑफ मनी सप्लाई की जा रही है इकोनामी के अंदर लोग लेकर चलेंगे की वो सर अमाउंट वो हॉल करेंगे अपने पास कुछ भी इन्वेस्टमेंट में नहीं लगाएंगे इंटरेस्टेड कुछ भी हो वो अपने पास उसे मनी को हॉल करेंगे जो भी सप्लाई किया जाएगी दूसरे पॉइंट में हम बात करते हैं की हमारे श्री के चेंज होने से हमने अभी तक देखा था की हमारा जो एम है वो शिफ्ट होता था इस सिचुएशन में हम बात करते हैं किंबर के चेंज होने से हमारा जो आलम है वो शिफ्ट नहीं होगा और अगर हमारा अलार्म शिफ्ट नहीं होता है तो ना तो हमारे इंटरेस्टेड में चेंज आएंगे और ना ही हमारे वाइफ मतलब लेवल ऑफ आउटपुट और इनकम में चेंज आएंगे उसके बाद अगर हम बात करें थर्ड पॉइंट की तो इस सिचुएशन में हम बात करते हैं की हमारी जो मॉनिटरी पॉलिसी है वो कंपलीटली इन इफेक्टिव होती है कंपलीटली इन इफेक्टिव इसलिए बोल रहे हैं अगेन क्योंकि हमारा वे में कोई चेंज नहीं ए रहा है मतलब हमारा भाई बिल्कुल इंक्रीज भी नहीं नवो डिक्रीज हो रहा है बिल्कुल इन इफेक्टिव है मतलब की यहां पर हमारे बर के चेंज होने से हम देखते थे की हमारे इंटरेस्ट रेट में चेंज आते थे और व्यू में चेंज आते थे बट अगर हमारे माइक चेंज होने से आलम शिफ्ट ही नहीं हो रहा है तो हमारे ना तो इंटरेस्ट रेट में चेंज ए रहे हैं ना वही में चेंज ए रहे हैं तो इस सिचुएशन में हमारी जो मॉनिटरी पॉलिसी है वो कंपलीटली इन इफेक्टिव है बिल्कुल भी क नहीं कारी और ये सिचुएशन में हमारी जो फिसल पॉलिसी होती है वो कंपलीटली इफेक्टिव होती है तो इसकी मैं आगे बात करूंगी तो यहां पर अगर हम बात करते हैं लिक्विडिटी ट्रैप की तो इस सिचुएशन में हमारा जो एम है वो होरिजेंटल बंता है तो यहां पर हमारा जो एम कर्व वो बेसिकली होरिजेंटल क्यों बंता है क्योंकि ये सिचुएशन में हम लेकर चलते हैं की हमारी जो डिमांड पर मनी है वह बहुत ही ज्यादा सेंसेटिव है आई को लेकर तो यहां पे हम बात करते हैं की हमारा जो है वो बहुत ही ज्यादा बड़े है मतलब तो लिक्विडिटी ट्रैप के कैसे में अगर हम बात करते हैं डिमांड पर मनी की हमारी डिमांड पर रियल मनी की तो सिचुएशन में हम बात करते हैं की हमारी डिमांड पर रियल मनी बहुत ही ज्यादा सेंसेटिव है इंटरेस्ट रेट को लेकर इंटरेस्ट रेट में बिल्कुल थोड़ा सा भी चेंज आया तो हमारी डिमांड पर रियल मनी बहुत ज्यादा चेंज होगी अगर वो बहुत ज्यादा चेंज होएगी बहुत ज्यादा रिस्पांस करेगी तो सिचुएशन में हमारा जो हा है वो बहुत ज्यादा बड़े होगा और अगर हमारा हा बहुत ज्यादा बड़े होता है एवं हमारा अगर हा बड़े होता है अगर हमारा हा बड़े होता है तो सिचुएशन में हमारा जो ल है वो फ्लेटर होता है और हमारा जो एम है वह भी प्लॉटर होता है लेकिन अगर हमारा हा बहुत ज्यादा एक्सट्रीमली बड़े तो सिचुएशन में हमारा जो ल है वह फ्लैट हो जाएगा की वह बिल्कुल होरिजेंटल हो जाएगा वह बिल्कुल पैरेलल तू एक्स एक्सिस हो जाएगा से की हमारा जो आलम है वह इतना फ्लैट हो जाएगा की वह बिल्कुल पैरेलल तू एक्स एक्स हो जाएगा वह बिल्कुल हमारा होरिजेंटल हो जाएगा तो इस सिचुएशन में हम इसलिए बोलते हैं की हमारे लिक्विडिटी ट्रैप वाली सिचुएशन में हमारा जो एम कर्व है वो बिल्कुल होरिजेंटल है ओके अगर मैं इसको थोड़ा सा और एक्सप्लेन करूं वापस से हम इस टॉपिक पर आते हैं पहले मैं इसे आगे एक बार अच्छे से एक्सप्लेन करती हूं है तो अगर हम बात करते हैं की अगर इकोनामी के अंदर लिक्विडिटी ट्रैप होता है तो उसका क्या मतलब है वह किस तरीके से क करती है सिचुएशन तो यहां पे हम बात करते हैं की मॉनिटरी पॉलिसी के आने से अगर हमारी इकोनामी के अंदर मनी सप्लाई इंक्रीज हो जाति है तो सिचुएशन में हमारे इंटरेस्ट रेट में कोई भी चेंज नहीं आई लिक्विडिटी ट्रैप में हमारी मनी सप्लाई के इंक्रीज होने से इंटरेस्ट रेट चेंज नहीं होता है और ऐसा बेसिकली क्यों होता है क्योंकि हमारा जो इंटरेस्ट रेट है वो अपने मिनिमम पर मिनिमम वैल्यू पर जितना वो मिनिमम हो सकता था जितना वो सबसे कम हो सकता था उसको वह रिच कर जाता है अपनी मिनिमम वैल्यू को रिच कर जाता जब वह अपने मिनिमम पर पहुंच गया तो उससे कम वो हो ही नहीं सकता तो तुम कितनी भी मनी सप्लाई को इंक्रीज कर लो इंटरेस्ट रेट चेंज नहीं होता है ओके तो यह इसका थ्योरी वर्जन हो गया सिचुएशन कैसे पॉसिबल है और इकोनामी के अंदर किस तरीके से होती है तो यह हमारा ग्राफ हो गया यहां पर यह हमने रियल मनी सप्लाई को ले लिया यह हमारा एलसीएम हो गया इस सिचुएशन में हमारा जो है लिक्विडिटी ट्रैप की सिचुएशन में हमारा जो हेल्प है वो कुछ इस तरीके से बंता है इस पुरी सिचुएशन को समझने के लिए तो यहां पर हमारा इनिशियली जो इक्विलिब्रियम पॉइंट है वो ये हो गया जहां पर हमारी रियल मनी सप्लाई हमारी रियल मनी डिमांड के एक्जेक्टली इक्वल है अब यहां पर लेट सपोज के हमारा जो रियल मनी सप्लायर है वो इंक्रीज हो जाति है तो सिचुएशन में हमारा जो ये कर्व है शिफ्ट हो जाएगा यह हमारा राइट पर शिफ्ट हो गया अब इस सिचुएशन में हमारा जो न्यू इक्विलिब्रियम पॉइंट है हम सिंपली देख सकते हैं की वो कहां पर है यहां पर र गई यहां पर हमारा जो इंटरेस्ट रेट है वह फल कर गया यह हम जनरली देखते ए रहे थे की हमारी रियल मनी सप्लाई के इंक्रीज होने से हमारा जो इंटरेस्ट रेट है वह फल कर जाता है बेसिकली क्यों क्योंकि हमें अपने लोगों की रियल मनी डिमांड को इंक्रीज करना होता है ताकि हम इक्विलाइब्रायम को अचीव कर पे और वो कैसे पॉसिबल है जब हम इंटरेस्ट रेट को कम करेंगे तो लोग अपने पास हॉल करना चाहेंगे और अपने पैसों को इन्वेस्ट नहीं करेंगे क्योंकि इंटरेस्टेड कम हो गया है उन्हें रिटर्न कम मिल रहा है तो यह साड़ी चीज हम ऑलरेडी पढ़ कर आए हैं तो हम क्या देख रहे हैं की हमारी रियल मनी सप्लाई के इंक्रीज होने से हमारा इंटरेस्टेड फल करके अब उसके बाद अगर हमारा फिर से रियल मनी सप्लाई इंक्रीज होता है तो सिचुएशन में हमारा जो कर्ज है वो फिर से राइट में शिफ्ट हो जाएगा तो मैं इसे यहां पर फिर से मूव कर देती हूं इस सिचुएशन में अब हमारा जो न्यू इक्विलिब्रियम पॉइंट है वह यहां पर है यहां पर हम क्या देख रहे हैं की हमारी रियल मनी सप्लाई तो इंक्रीज हो गई बट हमारा जो इंटरेस्ट रेट है वो आज आईटी इस से है उसमें कोई भी चेंज नहीं तो यहां पर ये हमारा बेसिकली शो करता है की ये जो मेरा इंटरेस्ट रेट है वो मेरा मिनिमम पर रिच कर गया अब इससे नीचे नहीं जा सकता ये अपने मिनिमम पर पहुंच गया है तो अब हम कितनी भी मनी सप्लाई को इंक्रीस कर ले यहां पर हमारा जो लक कर्व है वो होरिजेंटल है हम देख सकते हैं वह पैरेलल तू एक्स एक्सिस है क्योंकि वह एक्सट्रीमली सेंसेटिव है आई को लेकर इस पूरे सिचुएशन में जहां पर वो बिल्कुल होरिजेंटल है और हम इस सिचुएशन में कितने भी मनी सप्लाई को इंक्रीज करले मॉनिटरी पॉलिसी के थ्रू हमारा इंटरेस्ट रेट कम ही नहीं होगा क्योंकि सारे इक्विलिब्रियम पॉइंट इधर ही आएंगे इधर ही लाइक करेंगे और हमारा इंटरेस्ट रेट बिल्कुल भी चेंज नहीं होगा इसमें कोई भी चेंज नहीं आएगा क्योंकि अपनी मिनिमम पॉइंट पर पहुंच चुका है तो यह हमारी सिचुएशन होती है लिक्विडिटी ट्रैप की तो इसमें हमने बेसिकली क्या देखा की हमारी रियल मनी सप्लाई के इंक्रीज होने से इंटरेस्ट रेट पॉल तो करता है बट अगर हमारी इकोनामी के अंदर बहुत ज्यादा रियल मनी सप्लाई इंक्रीज होती रहेगी और इंटरेस्टेड फल करता रहेगा तो एक ऐसा पॉइंट आएगा इकोनॉमिक्स के अंदर जिसमें हमारा इंटरेस्ट रेट फल होते होते अपने मिनिमम लेवल पर पहुंच जाएगा उसे सिचुएशन में अब हम कितने भी मनी सप्लाई को इंक्रीज कर लेने मॉनिटरी पॉलिसी के थ्रू उसके बाद हमारा इंटरेस्ट रेट जो है उसमें कोई भी चेंज नहीं आएंगे वो ऑलरेडी अपनी मिनिमम लेवल पर पहुंच गया है उससे कम वो हो ही नहीं सकता है तो अब कितनी भी मॉनिटरी पॉलिसी लगा लो वो इनफेक्टिव ही होगी हमारा इंटरेस्ट रेट में कोई भी चेंज नहीं आने वाला तो यहां पर इस सिचुएशन को हम बोलते हैं लिक्विडिटी ट्रैप और ये बेसिकली कब अराइज होती है इकोनामी के अंदर जब हमारी इकोनामी में बहुत ज्यादा नेगेटिव ग्रोथ हो रही होती है मतलब की बहुत ज्यादा हमारा वे बहुत ही लो है नेगेटिव गरोदर रिसेशन चल रहा है मंदिर जो गवर्नमेंट है वह इन्वेस्टमेंट को इंक्रीज करने के लिए क्या करती है अपने आई को कम करना चाहती है जितना ज्यादा हमारा आई कम होगा उतने ज्यादा लोग जो है फॉर्म्स जो है वो हायर करेंगे और इन्वेस्ट करेंगे तो हमारी इन्वेस्टमेंट इंक्रीज होगी तो हमारी अगेन प्रोडक्शन इंक्रीज हो जाएगी इकोनामी के अंदर और हम अपनी नेगेटिव ग्रोथ से बाहर निकाल पाएंगे बट वो अपने इंटरेस्ट रेट को कम करने के चक्कर में इतनी ज्यादा मनीष सप्लाई को इंक्रीज कर देती है की एक ऐसा पॉइंट आता है की हमारा इंटरेस्टेड अपने बिल्कुल मिनिमम पर पहुंच जाता है और हम एक लिक्विडिटी ट्रैप में फैंस जाते हैं की अब हम कितनी भी मनी सप्लाई को इंक्रीज कर लेने इंटरस्टेट तो आप कम हो ही नहीं सकता है तो यह था हमारा कंप्लीट लिक्विडिटी ट्रैप अब यहां पर अगर हमारा ये अल कर्व होरिजेंटल है तो सिचुएशन में हमने बात कारी है की हमारा जो एम है वो भी होरिजेंटल बंता है तो उसको हम पीछे देखते हैं एक बार यहां पर हमने यह अपना आलम पॉइंट है वह क्या हो जाएगा है तो यहां पर हम बात करते हैं की हमारा जो आलम है वह होरिजेंटल है और अगर हमारा अलार्म होरिजेंटल होता है तो सिचुएशन में बेसिकली क्या होता है की हमारी मॉनिटरी पॉलिसी जो है कंपलीटली फेल हो जाति है क्योंकि अगर हमारा यहां पर एम बार चेंज हो रहा है और उसकी वजह से ना तो हमारा इंटरेस्टेड चेंज हो रहा है ना ही हमारा बाय चेंज हो रहा है तो हमारा पॉलिसी आने का फायदा ही क्या हुआ कुछ भी चेंज नहीं हो रहा है मतलब हमारी पॉलिसी एक तरीके से फेल हो गई वो नहीं भी होती तो भी से सिचुएशन थी और अब वह ए गई है तो भी कोई चेंज नहीं ए रहा तब भी से सिचुएशन है तो इस सिचुएशन में हम बोलते हैं की हमारी जो मॉनिटरी पॉलिसी है वो फेल हो जाति है और यहां पर इसलिए हम बोल रहे हैं की वह बिल्कुल ही इनफेक्टिव है कोई भी चीज नहीं आए बिल्कुल ना तो बाय इंक्रीज बाय ना हमारा आई का मोबाइल यहां पर अगर हम बात करते हैं की हमारा आलम शिफ्ट क्यों नहीं करता है तो यहां पर मैंने अपने दोनों ग्रास को ड्रॉ कर दिया यह हमारी इनिशियल इक्विलिब्रियम कंडीशन हो गई अगर हमारी रियल मनी सप्लाई इंक्रीज हो जाति है तो वो राइट शब्द शिफ्ट हो जाएगी ये न्यूलीब्रियम कंडीशन है अगर हमारी रियल मनी सप्लाई कम हो जाति है तो सिचुएशन में हमारा ये न्यूली भी हम पॉइंट है अगर हमारी रियल मनी सप्लाई और इंक्रीज हो जाति है तो सिचुएशन में हमारा ये न्यूली प्रियम पॉइंट है तो हम चीज क्या नोटिस कर रहे हैं की मेरे सारे इक्विलिब्रियम पॉइंट मेरे हेल्प पर लाइक करें क्योंकि होरिजेंटल है तो सिचुएशन में हमारा जो एम करेगा वो भी होरिजेंटल बनेगा क्योंकि हमारा अलार्म क्या शो करता है की मेरी मनी मार्केट कब इक्विलिब्रियम पर है और वो कब इटलीब्रियम पर है सारे ही इक्विलिब्रियम पॉइंट एक लाइन से हॉरिजॉन्टल जा रहे हैं तो हमारा इसलिए वो होरिजेंटल है दूसरी चीज हम क्या देख रहे हैं की हमारी रियल मनी सप्लाई के चेंज होने से हमारे आई में कोई भी चेंज नहीं ए रही तो सिचुएशन में हमारा जो एम है वह सिर्फ नहीं कर रहा है इसलिए हमारा जो बाय है वह से ही रहने वाला है तो इस सिचुएशन में हम बात करते हैं की हमारी जो मॉनिटरी पॉलिसी है वह कंपलीटली फेल हो जाति है वह कंपलीटली इन इफेक्टिव होती है क्योंकि हमारी रियल मनी सप्लाई में कोई भी चेंज आएगा तो हमारा एम जो है वो सिर्फ नहीं करेगा आए जो है वो भी से रहेगा और हमारा जो वे है वो भी से रहेगा ओके नो बैंक रेलूक्टेंट तू लैंड तो इसका क्या मतलब हुआ यहां पर हम बेसिकली बात करते हैं की हमारी जो बैंक है वो काफी ज्यादा अनवीलिंग है वो नहीं चाहते लोगों को पैसे उधर पर देना और ऐसे सिचुएशन में हम बात करते हैं की हमारी जो मॉनिटरी पॉलिसी है उसका काफी ज्यादा लिटिल इंपैक्ट बहुत छोटा इंपैक्ट होता है हमारी इकोनामी के अंदर तो इस सिचुएशन को हम एक एग्जांपल के थ्रू समझेंगे की जो हमारी बुक में जिवन है यहां पे हम बेसिकली बात करते हैं की 1991 में हमारे जो इंटरेस्टेड है वो डिक्लिन हो गए थे अगर हमारा इंटरेस्ट रेट कम हो जाता है तो जिसको भी लोन चाहिए उसके लिए तो फायदेमंद वाली सिचुएशन है है ना तो यहां पे बेसिकली हमारी फॉर्म बहुत ज्यादा अलर्ट हो जाएंगे जी भी लोगों को लोन चाहिए होगा बैंक से वो भी बहुत ज्यादा अलर्ट हो जाएंगे बट जब 1991 में इंटरेस्टेड डिक्लिन हो गए तो बैंक बिल्कुल भी बिलिंग नहीं थे बैंक बिल्कुल भी इंटरेस्टेड नहीं थे लोगों को लोन देने के लिए अपने लैंडिंग को इंक्रीज करने के लिए ऐसा क्यों हुआ क्योंकि यहां पर हमें रीजन जिवन है की आते फ्रेंड ऑफ 1980 हमारे जो बैंक से उन्होंने एक्सपीरियंस करें थे बेड लॉस का मतलब की जो भी उन्होंने लोन दिए थे आते डी और ऑफ 1980 वो काफी ज्यादा अच्छे लोन नहीं थे क्योंकि वो लोन रिटेल पे नहीं हो पाएफुली तो यहां पे बताया हुआ है की किसको फाइनेंस कर था बैंक ने रियल स्टेट डील्स को सबसे ज्यादा फाइनेंस कर था और उन्हें को बोला गया है की वो काफी ज्यादा उनके बैंड होस्ट थे क्योंकि वो अच्छे से रिपे नहीं हो पे ऐसा क्यों था क्योंकि हमारी 1991 1991 में जो रियल स्टेट मार्केट थी वो कोलन कर गई थी तो सिचुएशन में बेसिकली क्या होगा हमारे बैंक्स किस तरीके से इफेक्ट हुए की बैंक ने क्या देखा की जो भी उनके वॉरियर्स हैं क्योंकि ज्यादातर उनके थे उन्होंने किसको फाइनेंस कर था रियल स्टेट डील्स में ही फाइनेंस कर था उन्हें कोई उधर दिया था तो जब वो मार्केट कोलन करके तो सिचुएशन में क्या हुआ की बैंक्स में फेस कर के जो भी उनके वो फूली अच्छे से अपने लोन को रिपे नहीं कर पे तो जब बैंक का इतना बेड एक्सपीरियंस रहा तो जब 199 91 में इंटरेस्ट रेट डिक्लिन हुए तो बैंक को हेसिटेशन हुई वह काफी ज्यादा अनवीलिंग थे दोबारा से लैंड करने के लिए अपने मनी को किन लोगों को जिसमें तो यहां पर जब बैंक्स का इतना बेड एक्सपीरियंस रहा लोगों के साथ क्योंकि लोगों ने बोरो ने अच्छे से अपने पूरे अमाउंट को फूली रे पे नहीं कर तो बैंक्स ने सोचा की लोगों से अच्छा मैं क्या करता हूं मैं गवर्नमेंट को लैंड करता हूं क्योंकि गवर्नमेंट तो हमेशा ही अपना अमाउंट पे करती है तो ये ज्यादा साफ और ऑप्शन है गवर्नमेंट को अगर वो उधारी देते हैं तो ये काफी ज्यादा सेफेस्ट ऑप्शन है उनके लिए तो इस सिचुएशन में जब ऐसे सिचुएशन होती है की बैंक लैंड नहीं करना चाहते लोगों को तो सिचुएशन में क्या होता है हमारी मॉनिटरी पॉलिसी के आने से हमारी इकोनामी के अंदर जो चेंज आते हैं वो काफी कम चेंज आते हैं इस सिचुएशन में हम बात करते हैं की हमारा जो ट्रांसमिशन मेकैनिज्म होता है वो फेल हो जाता है है तो यहां पर अगर हम बात करते हैं ट्रांसमिशन मेकैनिज्म की तो इसमें हमारे दो स्टेज होते हैं बेसिकली यहां पर हमारा फर्स्ट स्टेज बेसिकली बात करता है हमारी मनी मार्केट के बड़े में की हमारी मॉनिटरी पॉलिसी में चेंज आने से हमारी जो नॉमिनल मनी सप्लाई है वो चेंज होती है और उसकी वजह से हमारा इंटरेस्ट रेट जो है वो चेंज हो जाता है तो ये हमारा फर्स्ट ट्रांसमिशन है जिसमें हम बात करते हैं मनी मार्केट की फिर हमारा जो है सेकंड ट्रांसमिशन होता है सेकंड ट्रांसमिशन मेकैनिज्म में हम बेसिकली बात करते हैं की अब जो ये हमारे इंटरेस्टेड फल कर गए हैं या फिर इंटरेस्ट रेट में चेंज ए गए हैं तो उसके चेंज की वजह से हमारा जो है बाय चेंज होता है तो यह हम ऑलरेडी देखकर आए हैं और यह आता है हमारी गुड्स की मार्केट में ओके तो यह हमारा ट्रांसमिशन मेकैनिज्म बेसिकली फेल कैसे हुआ तो यहां पर हम बात करते हैं की लेट सपोज अगर हमारा इंक्रीज हो गया तो सिचुएशन में हमने क्या देखा है की हमारी रियल मनी सप्लाई इंक्रीज हो जाति है और हमारा जो इंटरेस्ट रेट है वो फल कर जाता है बट इंटरेस्ट रेट के फल करने से अगर हमारी बैंक लैंडिंग इन्हें करेगी लोगो को तो सिचुएशन में क्या होगा इंटरेस्ट रेट के फल होने से हमारी पहले तो इन्वेस्टमेंट इंक्रीज हो जाति थी बट अब हमारी गवर्नमेंट अगर पब्लिक को लैंड ही नहीं कर रही है मनी उधारी नहीं दे रही है तो हमारी इन्वेस्टमेंट इंक्रीज ही नहीं होगी यहां पर हमारी इन्वेस्टमेंट इंक्रीस ही नहीं होगी और हमारा ना ही बाय इंक्रीज होगा इसलिए हम बोलते हैं की सिचुएशन में हमारा जो ट्रांसमिशन मेकैनिज्म है वो फेल हो जाता है तो यह हमारा जस्ट एक छोटा सा बुक का टॉपिक था अब यहां पर अगेन अगर हम वापस बात करें अपने में टॉपिक की तो ऑलरेडी हमने एक नॉर्मल सिचुएशन को देख लिया जिसमें हमने बात कारी की हमारी मॉनिटरी पॉलिसी जो है वह इफेक्टिव होती है दूसरा हमने एक एक्सट्रीम कैसे देखा जिसमें हमने बात कारी की हमारी मॉनिटर पॉलिसी बिल्कुल भी इफेक्टिव नहीं है अब हम बात करते हैं अपने सेकंड एक्सट्रीम कैसे की जिसमें हम बात करेंगे की हमारी जो मॉनिटरी पॉलिसी है वह कंपलीटली इफेक्टिव होते हैं सो डी क्लासिकल कैसे तो यह हमारा सेकंड एक्सट्रीम कैसे है इसमें अगेन हम तीन प्वाइंट्स की बात करेंगे फर्स्ट हम बात करते हैं की हमारे इस कैसे में जो मॉनिटरी पॉलिसी है उसे कम मैक्सिमम इफेक्ट होगा वाइपर मतलब की हमारा जो ए है वो जितना एक्सट्रीम चेंज हो सकता है वो बिल्कुल चेंज हो जाएगा और इस सिचुएशन में हम बात करेंगे की हमारी जो मॉनिटरी पॉलिसी है वो कंपलीटली इफेक्टिव होगी दूसरे पॉइंट में हम बात करते हैं की इस सिचुएशन में हमारी जो फिजिकल पॉलिसी है वो इनफेक्टिव होगी जो की हम अपनी सेकंड पार्ट में पढ़ेंगे और हमारा तीसरा पॉइंट बोलना है की हमारे इस कैसे में जो डिमांड पर मनी है वह बिल्कुल भी रिलेट नहीं करते हमारे इंटरेस्टेड से मतलब की कोई भी इंटरेस्ट रेट हो हमारे डिमांड पर मनी पर कोई भी उसका इंपैक्ट नहीं होगा डिमांड पर रियल मनी पर उसका कोई भी इंपैक्ट नहीं होगा तो ये सिचुएशन में हम ऐसे भी बोल सकते हैं की हमारा जो ल है वो आई पर इस बार डिपेंड ही नहीं करता अगर हमारा ल आई पर डिपेंड नहीं करता तो सिचुएशन में हम बोल सकते हैं की हमारा जो ल का कर्व है वह इस बार वर्टिकल होगा क्योंकि हमारे किसी भी इंटरेस्ट रेट पर हम बोल सकते हैं की हमारा ल डिपेंड नहीं करता है तो हम यहां पर देख सकते हैं की कोई भी इंटरेस्ट रेट हो हमारा ल जो है वह से रहने वाला है तो इस कैसे में हम बात करते हैं की हमारा जो वर्टिकल होगा और यहां पर अगर हम बात करते हैं की हमारा ल इंटरेस्ट रेट पर डिपेंड ही नहीं करता है तो इस सिचुएशन में हम बात करते हैं की हमारा जो है वो बहुत ही ज्यादा स्मॉल है मतलब की वो इतना स्मॉल है की वो बिल्कुल ही जीरो है तो अगर हमारा हा बहुत ही ज्यादा लो है इतना लोअर की वो बिल्कुल जीरो है तो सिचुएशन में हमारा जो हेल्प है वो वर्टिकल होता है तो हम ऐसे भी बोल सकते हैं की अगर हमारा हा इतना लोअर की वो बिल्कुल जीरो है तो सिचुएशन में हमारा है वह भी वर्टिकल होगा तो हमारी क्लासिकल कैसे में जो हमारा एम कर्व है वह वर्टिकल बंता है तो यहां पर हम उसे एक बार ड्रॉ कर देते हैं है तो यहां पर हमारा जो एम है वह वर्टिकल है बाकी साड़ी चीज हमारी से है अब यहां पर अगर हम बात करते हैं अपने मॉनिटरी पॉलिसी की तो हमारी लेट सपोज हम बात करते हैं एक्सपेंशनरी मॉनिटरी पॉलिसी की तो सिचुएशन में क्या होता है हमारी जो रियल मनी सप्लाई है वो इंक्रीज हो जाति है क्योंकि हमारा जो चेंज इन बा है वो इंक्रीज हो जाता है है ना तो सिचुएशन में हमारी रियल मनी सप्लाई इंक्रीज हो जाएगी हमारा जो रियल मनी सप्लाई का कर्व वो राइट पर शिफ्ट हो जाएगा जिसकी वजह से हमारा जो एम है वो भी राइट वाइड शिफ्ट हो जाएगा और यहां पर अगर हमारा एम राइट शब्द शिफ्ट होता है तो हम क्या देख रहे हैं मैं यहां पर इसे अगर राइट शब्द शिफ्ट कर देती हूं तो सिचुएशन में हम क्या देख रहे हैं की हमारा जो न्यू इक्विलिब्रियम पॉइंट है वह यहां पर ए जाएगा और वह हमारा इस इंटरेस्टेड पर होगा तो हम क्या देख रहे हैं की अगर मेरी रियल मनी सप्लाई इंक्रीज होती है एक्सपेंशनरी मॉनिटरी पॉलिसी होती है तो सिचुएशन में हमारा इंटरेस्टेड फल कर जाता है और हमारा जो बाय है वह इंक्रीज हो जाता है बट कितना इंक्रीज होता है तो हम देख रहे हैं की अगर से इंटरेस्ट रेट भी होता तो हमारा जितना बाय इंक्रीज होता उतना ही हमारा बाय अभी भी इंटरेस्ट रेट के कम होने से इंक्रीज हो रहा है तो यहां पर हमारा जो वही है वो कंपलीटली इंक्रीज हो रहा है जितना वो मैक्सिमम हो सकता है इसलिए हम यहां पर बात करते हैं की हमारी जो मॉनिटरी पॉलिसी है वो कंपलीटली अफेक्टिव है तो यहां पर हमें से चीज को ग्राफिकल देख सकते हैं की हमारे से इंटरेस्ट रेट पर जो बाय इंक्रीज होगा वही से वायर हमारा यहां पर इंटरेस्टेड कम होने से भी इंक्रीज हो रहा है इस कैसे में हमारी एक्सपेंशनरी मॉनिटरी पॉलिसी कंपलीटली इफेक्टिव है से इसका जस्ट अपोजिट भी होगा तो सिचुएशन में भी हमारी कांट्रेक्शनरी मॉनिटरी पॉलिसी कंप्लीट इफेक्टिव होगी तो यहां पर यह हमारा सेकंड एक्सट्रीम कैसे था तो हमने इस चैप्टर में 11.1 में तीन केसेस की बात कारी एक था हमारा नॉर्मल कैसे जिसमें मॉनिटरी पॉलिसी में चेंज आने से हमारी इकोनामी के अंदर थोड़ा चेंज आए पहले से थोड़े चेंज आए और हम बोल रहे हैं की हां मॉनिटरी पॉलिसी थोड़ी तो इफेक्टिव थी उसके बाद हमने दो एक्सट्रीम केसेस की बात कारी तो हमारा पहले एक्सट्रीम कैसे में हमने देखा की हमारे मॉनिटरी पॉलिसी बिल्कुल कम नहीं कारी और दूसरे हमारे इस मॉनिटरी पॉलिसी में हमने देखा की हमारे मॉनिटरी पॉलिसी बिल्कुल अच्छे से कम करें बिल्कुल इफेक्टिवली कम करें अब ये साड़ी चीज हो गई हमारी मॉनिटरी पॉलिसी की उसके बाद अगर हम बात करें फिसल पॉलिसी की तो उसको मैं अपने नेक्स्ट वीडियो में कर करूंगी आई होप की आज की वीडियो में आपको सब कुछ अच्छे से समझ आया होगा अगर कोई भी डाउट है तो आप नीचे कमेंट सेशन में अपना डाउट कमेंट कर सकते हैं अगर आपको मेरी वीडियो पसंद आई है तो इसे लाइक शेर और सब्सक्राइब जरूर करें मिलते हैं तब तक के लिए बाय