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आवर्त सारणी की समझ और महत्व
Oct 21, 2024
आवर्त सारणी (Periodic Table)
परिभाषा और महत्व
आवर्त सारणी सभी ज्ञात तत्वों को व्यवस्थित करने का पहला गंभीर प्रयास है।
इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री में आवर्त सारणी की समझ अनिवार्य है।
आवर्त सारणी में तत्वों की व्यवस्थित और आसान अध्ययन के लिए वर्गीकृत किया जाता है।
तत्वों का वर्गीकरण
तत्वों को उनके भौतिक गुणों के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है जैसे कठोरता, मृदुता, और विद्युत चालकता।
मेटल्स और नॉन-मेटल्स में तत्वों का विभाजन किया जाता है।
प्रसिद्ध वैज्ञानिकों द्वारा समय-समय पर कई सिद्धांत प्रस्तुत किए गए जैसे:
डॉबिनियर का ट्रायड्स सिद्धांत
न्यूलैंड्स का ऑक्टेव का नियम
मंडेलीव की आवर्त सारणी
आधुनिक आवर्त सारणी
अनुसंधान का मुख्य आधार: तत्वों की गुणधर्मों का परमाणु संख्या के अनुसार आवर्तक कार्य होता है।
18 समूह और 7 आवर्त होते हैं।
समूह में आने वाले तत्वों की बाहरी इलेक्ट्रॉनिक संरचना समान होती है।
इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फ़िगरेशन और तत्वों का स्थान
तत्वों को S, P, D और F ब्लॉक में वर्गीकृत किया जाता है।
प्रत्येक ब्लॉक में इलेक्ट्रॉनिक संरचना के आधार पर तत्वों को रखा जाता है।
आवर्तक गुणधर्म
आवर्तक गुणधर्मों में प्रमुख हैं:
परमाण्विक त्रिज्या (Atomic Radius)
आयोनाइजेशन एनर्जी (Ionization Energy)
इलेक्ट्रॉन गेन एंथैलपी (Electron Gain Enthalpy)
इलेक्ट्रोनगेटिविटी (Electronegativity)
परमाण्विक त्रिज्या
एक परमाणु के नाभिक से उसके बाहरी इलेक्ट्रॉन तक की दूरी।
सामान्य प्रवृत्ति:
पीरियड में बाएँ से दाएँ जाने पर त्रिज्या घटती है।
समूह में ऊपर से नीचे जाने पर त्रिज्या बढ़ती है।
आयोनाइजेशन एनर्जी
एक गैसीय परमाणु से इलेक्ट्रॉन हटाने के लिए आवश्यक ऊर्जा।
उच्च ज़ेड प्रभावी और कम त्रिज्या वाले तत्वों की आयोनाइजेशन एनर्जी उच्च होती है।
इलेक्ट्रॉन गेन एंथैलपी
एक गैसीय परमाणु में इलेक्ट्रॉन जोड़ने पर ऊर्जा परिवर्तन।
नकारात्मक एंथैलपी, तत्व की इलेक्ट्रॉन प्राप्त करने की उच्च प्रवृत्ति दर्शाती है।
इलेक्ट्रोनगेटिविटी
एक बंध में इलेक्ट्रॉनों को अपनी तरफ खींचने की प्रवृत्ति।
फ़्लोरीन सबसे अधिक इलेक्ट्रोनगेटिव तत्व है।
तत्वों की रासायनिक प्रवृत्तियाँ
वैलेंसी और ऑक्सीडेशन स्टेट्स के आधार पर तत्वों की रासायनिक प्रवृत्तियाँ निर्धारित होती हैं।
वैलेंसी आमतौर पर इलेक्ट्रॉनों की संख्या पर निर्भर करती है।
ऑक्साइड्स का स्वरूप
मेटल ऑक्साइड् स बुनियादी होते हैं जबकि नॉन-मेटल ऑक्साइड्स अम्लीय होते हैं।
कुछ ऑक्साइड्स एम्फोटेरिक होते हैं।
अध्ययन के लिए सुझाव
इस पूरे विषय को पढ़ने और समझने के लिए एक व्यवस्थित अध्ययन योजना की आवश्यकता होती है।
आवर्त सारणी का अच्छी तरह से अध्ययन करने से इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री के अन्य अध्यायों को समझने में आसानी होती है।
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