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जीवों के लिए बायो मॉलेक्यूल्स
Nov 20, 2024
बायो मॉलेक्यूल्स
परिचय
बायो मॉलेक्यूल्स चैप्टर महत्वपूर्ण है क्योंकि यह रासायनिक यौगिकों और अणुओं के बारे में जानकारी देता है जो जीवन का समर्थन करते हैं।
ये ऐसे अणु हैं जो हमारे शरीर के जीव विज्ञानिक कार्यों के लिए आवश्यक होते हैं।
बायो मॉलेक्यूल्स के प्रकार
बायो माइक्रो मॉलेक्यूल्स
छोटे आण्विक भार वाले होते हैं (1000 डाल्टन से कम)।
उदाहरण: अमीनो एसिड, लिपिड, शुगर, नाइट्रोजन बेसिस।
बायो मैक्रो मॉलेक्यूल्स
बड़े आण्विक भार वाले होते हैं (1000 डाल्टन से अधिक)।
उदाहरण: प्रोटीन, पॉलीसैकराइड, न्यूक्लिक एसिड।
प्रमुख बायो मॉलेक्यूल्स
अमीनो एसिड
20 प्रकार के होते हैं जो प्रोटीन संश्लेषण में उपयोग होते हैं।
प्रकार
:
एसिडिक अमीनो एसिड (उदा. ग्लूटामिक एसिड)
बेसिक अमीनो एसिड (उदा. लाइसिन)
न्यूट्रल अमीनो एसिड (उदा. वलीन)
आवश्यक और गैर-आवश्यक अमीनो एसिड
:
आवश्यक (जैसे लाइसिन, ल्यूसीन) जो शरीर द्वारा नहीं बनाये जाते।
गैर-आवश्यक (जैसे ग्लाइसिन, एलनाइन) जो शरीर में बनते हैं।
लिपिड्स
प्रकार
:
सिंपल, कंपाउंड, डिराइव्ड लिपिड्स
फैटी एसिड्स
:
सैचुरेटेड (उदा. पालमेटिक एसिड)
अनसैचुरेटेड (उदा. ओलिक एसिड)
शुगर्स
मीठे और पानी में घुलनशील कार्बोहाइड्रेट्स।
उदाहरण
: ग्लूकोज, राइबोज।
न्यूक्लिक एसिड
प्रकार
:
डीएनए (डिऑक्सी राइबोन्यूक्लिक एसिड)
आरएनए (राइबोन्यूक्लिक एसिड)
संरचना
:
न्यूक्लियोटाइड से बने होते हैं, जिनमें नाइट्रोजिनस बेस, शुगर, और फॉस्फेट ग्रुप होते हैं।
प्रोटीन
हेटरोपॉलीमर होते हैं अमीनो एसिड्स के।
संरचनात्मक स्तर
:
प्रारंभिक, द्वितीयक, तृतीयक, और चतुर्थिक संरचना।
एंजाइम
जैविक उत्प्रेरक जो रासायनिक प्रतिक्रियाओं की गति को प्रभावित करते हैं।
सभी एंजाइम प्रोटीन होते हैं परंतु सभी प्रोटीन एंजाइम नहीं होते।
मेटाबॉलिज्म
सभी जैविक क्रियाओं का समेकन।
प्रकार
:
कैटाबॉलिज्म (विघटन प्रक्रियाएँ)
एनाबॉलिज्म (संश्लेषण प्रक्रियाएँ)
मेटाबोलाइट्स
प्राइमरी मेटाबोलाइट्स
: जैसे अमीनो एसिड, शुगर।
सेकेंडरी मेटाबोलाइट्स
: जैसे एंटीबायोटिक्स, पिगमेंट्स।
उपसंहार
यह चैप्टर बायो मॉलेक्यूल्स की सं रचना और कार्य को समझने में मदद करता है, जो शरीर के विभिन्न जैविक प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक हैं।
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