ऑप्टिकल आईसोमेरिजम
आईसोमेरिजम की मूल बातें
- आईसोमेरिजम पर चर्चा का अगला विषय।
- काइरल सेंटर का महत्व।
- SP3 एटम और उसके चार अटैचमेंट्स।
काइरल कार्बन
- काइरल कार्बन: ऐसा कार्बन जिसमें चार अलग-अलग ग्रुप्स होते हैं।
- उदाहरण: R1, R2, R3, R4।
- चार सिग्मा बांड्स।
- यदि एक लोन पेयर है, तो उसे अलग ग्रुप मानें।
काइरल और ए काइरल कार्बन
- काइरल: चारों ग्रुप्स अलग हैं।
- ए काइरल: यदि एक ग्रुप समान हो।
- कॉन्जुगेशन और उसका प्रभाव।
- लोन पेयर का रेज़ोनेंस में जाना।
- हाइब्रिडाइजेशन का प्रभाव।
काइरल नाइट्रोजन और फॉस्फोरस
- काइरल नाइट्रोजन: तीन अलग ग्रुप्स और एक लोन पेयर।
- काइरल फॉस्फोरस: तीन अलग ग्रुप्स और एक लोन पेयर।
काइरल सल्फर
- सल्फर का भी काइरल होना।
- विभिन्न ग्रुप्स का होना आवश्यक।
स्टेरियो सेंटर की परिभाषा
- स्टेरियो सेंटर (SC) = GI + काइरल सेंटर।
- जब GI हो, तो दो सेंटर काउंट करें।
प्स्यूडो काइरल सेंटर
- प्स्यूडो काइरल सेंटर:
- SP3 एटम जो दो अलग ग्रुप्स से जुड़ा हो।
- अन्य दो ग्रुप्स एक समान हों।
RS कॉन्फ़िगरेशन
- R = क्लॉकवाइज, S = एंटी-क्लॉकवाइज।
- फिशर प्रोजेक्शन फॉर्मूला और डैश वेज फॉर्मूला का उपयोग।
- प्राथमिकता के अनुसार रैंक करें।
नोट्स और होमवर्क
- चिरल कार्बन, स्टेरियो सेंटर, और प्स्यूडो काइरल के प्रश्न हल करें।
- कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न:
- प्रश्न संख्या: 5, 10, 11, 12, 17, 35, 37, 62, 67, 69, 70, 72, 78, 92, 141, 158, 190।
समापन
- सभी छात्रों को असाइनमेंट जमा करने की याद दिलाई गई।
- अगले लेक्चर में मिलने का आश्वासन।
नोट्स को ध्यान से पढ़ें और समझें।