Hi everyone, welcome to the channel, I am Sriman Sahani and today I will teach you Class 12th History's Chapter 1 Bricks, Beads and Bones So all of you, welcome to my channel I am Sriman Sahani and if you are in Class 12th then you can read this chapter रहे हो या आप चैनल को जो है रेफर कर रही हो तो यह चैप्टर है इस चैप्टर यह बहुत इंपोर्टेंट है ठीक है तो चैप्टर और टीजिंग से मतलब यह मत समझना कि अब ये history का chapter पढ़ते पढ़ते इस class में तुम्हें नींद आने वाली है तुम सोने वाले हो बोर हो जाओगे और entire video देखने के बाद तुम्हें ऐसा लगेगा यार मुझे कुछ समझ में नहीं आ नहीं नहीं नहीं पर पुराने जमाने के अंदर और देख रहे हैं चीजों को अपनी आंखों से ओके तो बहुत ही ज्यादा इंट्रस्टिंग वे में बिल्कुल बिना बोरिंग वे में पढ़ने को तैयार हो जाओ हमारा हिस्ट्री सब्जेक्ट ओके तो शुरू करेंगे हम इस चैनल तो जिस बटन एंड लाइक इस वीडियो शुरू करते हैं पहले चाप्टर से ब्रिक्स बीज एंड बोन्स ब्रिक्स मतलब इटे बीड्स मतलब जैसे मालाय पहनते हैं तो उन्हें जो बीड्स लगे होते हैं वह मोतियां मोती जो होते जो लोग है ना अब हम कौन है हम इन्यन सिविलाइजेशन हम इंडिया के रहने वाले लोग हैं तो हम हर पंच विलाइजेशन के बारे में पढ़ेंगे यानि कि हर पंच विलाइजेशन के लोगों के बारे में पढ़ेंगे और यह अभी जब हम इस चीज की बात करते हैं तो अगर आप नेट पर इस चर्च करोगे ना तो तुम्हें अगर इमेजेशन वाले बहुत इंसिंट टाइम का तो ऐसा ही गाइस पहले लोगों को लगता था कि इजिप्ट मेसोप्रटामिया जो पर क्या है वह वहीं एंचेंट सिविलाइजेशन है क्योंकि हमारे इंडिया की जो यह एंचेंट सिविलाइजेशन है हर अपने पर जिसके बारे में पर पड़ो वह डिस्कवर यह नहीं हुई थी पता है तुम्हार को फिर एक समय ऐसा आया कि हमारे यहां पर कौन से रिजन तो मैं मैप में आपको दिखाती हूं तो यह जो हमारा जा रहे हैं तो इसमें हमारा इंडियाशन का बहुत सारे एडिया ठीक है और अफगानिस्तान यह पूरा इरिया इंडिया पाकिस्तान अफगानिस्तान आज के समय अगर हम कहें तो यह सारे इरिया के अंदर यहां पर हमारी रपन सिविलाइजेशन थी रपन सिविलाइजेशन नहीं कहना चाहिए इन फैक्टर में कहना चाहिए इंडिया में हमारे बहुत पूर्वज रहा करते थे ऐसे स्टाइल में रहते थे बड़े-बड़े बंगले महल बनाकर अपने सिटी प्लांट स्ट्रॉक्चर बनाकर कि जब हमारी सिविलाइजेशन हमने खुदाई करके बाहर निकाली तो पूरा वर्ल्ड हक्का-पक्का हो गया कि भाई उड्यून प्लांट इससे पह ठीक है पुरानी मतलब क्या इंचेंट है इनकी यहां पर बहुत शुरू से बसावट है अभी कितनी तारीफ या पढ़कर आयो लेविंग मेसोपोटामिया की नोने सिटी कल्चर लेकर आई है वह याद है मेसोपोटामिया सिविलाइजेशन ऐसा जाता था बस यह दो है फिर हमने का रुप देखो तो सही फिर हमारी एक्सएक्वेशन होने शुरू होते लगभग 1920 के समय में एक्वेशन हुई वह यह खुदाई चल लिया कभी इर्टे निगाल भाई साहब कभी निकल रहे सीव सीव क्या होती है यह यह होती है बहुत चोटी सी है तुम्हें यहां फोटो में लग रहा होगा डिसिस बेग यह बड़ी है ना ही भाई बहुत चोटी सी होती है यह सील्स चलो देख लो ठीक है तो इस टाइप की जो सील्स है वह हमें हरपा से मिलनी शुरू हुई एक बहुत बड़े आपके जो खुदाई हुई और हमें पता चला कि अरे इंडिया के भी जो है इंडिया के रूट कहां तक है बहुत एंशन टाइम तक है इंडिया में भी इतनी पुरानी सिविलाइजेशन है जिसे हम क्या कहते हैं इंडस वैली सिविलाइजेशन अब इंडस वैली क्यों कहते हैं तो इस मैप में आप देख सकते हो क्योंकि जो ये इंडस वैली के किनारे पे जितने भी लोग रहा करते थे उनको हमने कहां इंडस वैली सिविलाइजेशन के लोग और इसे हम हरपा क्यों कहते हैं इतो का बनावा इतनी ज्यादा नीचे खुदाई करके कहां से इतो का घर निकल गया तो तब पता चला रही है तो हर तो इसलिए हमने इसे इस वाली का नाम क्या रख दिया हरपन सिविलाइजेशन भी या हरपन कल्चर भी से कह दिया जाता है तो ऐसा नहीं है कि तुम इसको पहली बार पढ़ रहे हो अब भूल गए होगे छे साल पहले अलमोस समझ लो तुम क्लास सिक्स में भी हमने नहीं होती थी घरों की घरों में का स्ट्रक्चर कैसा होता था लोग घेने के स्टाइप पहनते थे सब हमने से इसमें पर आधा साइट्स थी साइट्स को मैं कहूंगी आप लोगों के असानी के लिए शहर शहर थे बहुत सारे जैसे कि काली बंगन लोथल राखी करी धुलावीरा और हरप्पा हो गया मोहिंद जदार हो गया यह बहुत सारी शहर थे इसके तो एक एक करके आर्केलॉजिस्ट ने खुदाई करी और अलग-अलग शहरों में जाकर शहर इनके जो है हमने फिर आइडेंटिफाइड करो यहां पर भी हरप्पन्स रहते थे यहां पर भी रहते थ हम रियल चैप्टर को स्टार्ट करते हैं। अब हमारी जो ये हरपण सिविलाइजेशन है, इसके साथ हमारी दिक्कत एक हुई क्या, कि हम जो है न, इनकी जो सील्स थी उस पे जो कुछ भी लिखा आवा था, या जो भी कुछ हमने खोद के निकाला जमीन में से, जैसे मैसोपोटामिया का आपने दिखा कि उनकी भाषा यह लोग समझ चुके थे आर्केलोजिस्ट लोग टैबलेट्स निकली थी लेवन में पड़ा उसमें तो हमारे पास सिर्फ एक जरिया है रपंस के बारे में जानने का, कि जो हम खोद के सामने आता है हमारे सामने, उसे से पचाते हैं यह बर्तन निकला, यह तो हम उसी से इनके culture के बारे में पता लगाते हैं कि अच्छा पहले समानी में ऐसे होता होगा Harappans के समय में बट अगर लिखावट समझ में आ गई ना तो तो पता नहीं क्या-क्या रास पता चल जाएंगे हमारे को तो आप सब्सक्राइब करें अब आइटम नहीं कहेंगे आप यह खुदाई से निकल रहे हैं तो उन्हें आटीफेक्ट्स कहते हैं कि हम पूरा एक्सप्लेनेशन को आर्टिफेक्ट कैसे निकले थे जैसे वेट्स मतलब कि जो तराजूमें रखने के लिए तोड़ने के वेट्स होते हो पथर ब्रिक्स निकली इवें ब्लेड्स निकली थी जिससे जो है और टूल से निकली शाप ऑब्जेक्ट जिस ऐसे ऐसे अलग अगर टूल्स निकलने शुरू हुए और हरपा फर्स्ट साइड थी जो डिसकवर हुई थी सिविलाइजेशन की इसलिए हमने इसका नाम हरपण सिविलाइजेशन भी हम कह देते हैं अब टाइम पीरियड क्या है इस सिविलाइजेशन का कितनी पुरानी तो ऐसा माना जाता है कि हमारी हरपण सिविलाइजेशन है 26 से 1920 के टाइम पीरियड के बीच में यह एक्जिस्ट करें 26 से 1920 तो यह बहुत पुराना टाइम पीरियड है और अभी आज कहीं समय पर रिसर्च चलिए शायद हमारे पर अपने पुरानी थी बटाबी कुछ नहीं हुआ है वह सकता आगे चलकर तो तुम यह टाइम पीरियड याद रखो हरपण सिविलाइजेशन के आगे ना ऐसे बोलो, हरपण सिविलाइजेशन 2600 BCE से 1900 BCE, क्योंकि जब आप ऐसे बोलोगे तो तुम्हें डाइरेक्टली ना धीरे धीरे माइंड में सेट हो जाएगा, अलग से तुम्हें ये BCE टाइमलाइन्स वगैरा लड़ने की जुरूरती नह कि यहां कुछ तो है भाई खो दो पता लगा कुछ तो है यहां पर अलग सा यह सबसे डिस्टिंक्टिव आर्टिफेक्ट हमारे खड़ा में से निकला था ठीक है और बहुत चीज निकली जैसे हाउस में से घरे निकल रहे हैं मटके निकल रहे हैं यह इसी को टू समझ लो इंडिस्ट्रेसिविलिजेशन को हम हरपण कल्चर कहते हैं क्योंकि इंडिस्ट्रेसिविलिजेशन का पहला शेयर हरपण डिसकवर्ड हुआ था ठीक है अब कल्चर क्या होता है वह इस कल्चर ठीक है अगर आपको एक्जामिक वेशन पीरेड ऑफ टाइम सपोस करो मैं अभी का हम लोगों का कल्चर करूं हमारा कल्चर क्या है इंडिया का हम अपना कल्चर के हमारे घर में हम क्या खाते-पीते हैं हमारे पहनावा क्या है डेली वेसिस हमारी जैम मोबाइल चलते आजकल चार्जर बहुत जरूरी है अगर हम एक्सटेंक्ट हो गया है, अगर आगे चलकर खुदाई होकर निकलेगा, तो कोई ना कोई फोन भी निकल जाएगा, खुदाई में चार्जर भी निकल जाएगे, ठीक है, हमारे आजकल के समय की कोई पर्फ्यूम की बॉर्टर मिल जाएगी, खुदाई करके, बहुत ठीक है उस पर्टिकुलर एरिया के एक पर्टिकुलर टाइम पीरियंड में जो लोग रहा करते थे उनका रहन सेन का तरीका क्या था क्या-क्या चीजें वह अपने रहन सेन के लिए इस्तेमाल करते थे क्या-क्या चीजें उनके आसपास में होती थी उनके घर कैसे होते थे उन जैसे जापनीस कल्चर मानो तुम, अब जापानियों का घर है और हैंडियान्स का घर कितना डिफरेंट है, उनके घर से वो वाले पंखे भी मिलेंगे, कीमोनो मिलेगा, ठीक है, हमारी यहाँ से अलग टाइप की चीज़ें मिलेंगी, तो कल्चर मतलब जो भी चीज़ें एक कि यह सीएल आटिफेक्ट स्टोन टूल्स यह सब हरापा का कल्चर यह देखो यह फिगर वन पॉइंट फॉर देखो कॉपर के टूल्स निकले हरापा यह बीड छोटे-छोटे यह बीड छोटे-छोटे यह बीड छोटे-छोटे यह बीड छोटे-छोटे यह बीड छोटे-छोटे यह बीड छोटे-छोटे यह बीड छोटे-छोटे यह बीड छोटे-छोटे यह बीड छ जैसे हम इस ट्रिकों पर पाठे ना एंशन मॉडर्न और ऐसे करके वैसे ही हमने हरपा के टाइम पीरियोट को तीन में बात रखा है अगर पंच विलेजेशन एक समय ताज बिल्कुल नॉर्मल सी चलती थी जैसे गांव है गांव के पास में लोग बसी हैं और एक समय आया तो इसलिए हमने उसको टाइम पीरियम में डिवाइड कर रखा है ठीक है तो हमारी जो हरपन सिविलाइजेशन है वह टोटल में चलती है 2600 बीच से 1902 तक ठीक है बट अगर हम इसे डिवाइड करना चाहे तो अल्ली हरपन कल्चर रहता है बिफोर 2600 बीच सी यानि भी पहले ऐसा नहीं थे लोग थे बट उन्हें हम अल्ली अपन कल्चर में कहते हैं अल्ली अपन कल्चर के फीचर्स के फिर आया हमारा mature harapan culture, जिसके बारे में आप particularly इस chapter में पढ़ने वाले हो, और जिसको हमेशा हम पढ़ते हैं, ये वो समय था जब harapa बिल्कुल अपनी peak level पे था, harapa harapa बोल रहूं तो मतलब ये नहीं सिर्फ harapa है, पूरी Indus वाली civilization है, तो mature harapan culture की timeline को ही हम refer करते हैं, जो होते हैं 26 BC से 19 BC की, और late harapan culture मतलब 19 BC के बाद, अब एक समय ऐसा आया, जहाँ ये भी ना downfall पे चले गए थे, ये शायद ऐसा कहा जाता है, harapan culture जो है, end हो गया, हो सकता है आपके कोई... बाड़ आ गई हो कोई तुफान आ गया हो कोई सुखा पड़ गया हो तो हरपन कल्चर हमारा एंड हो गया था लास्ट आता है वाला लेट हरपन कल्चर लेट हरपन कल्चर मतलब 1920 के बाद धीरे-धीरे फिर यह सिविलाइजेशन एंड हो गई अब आइट की नाम मुझे आपको जो यह कमेंट सेक्शन में बताने हैं आपको मुझे बताने देखिए यह देखो आप छनदर बालाकोट ठीक है धोलावीरा नागेश्वर देखो यह सीखे पास यह से शेल्स आते थे ठीक है लोथल हो गया आप लोगों का अलग-अलग इनके साइड से यह देखो काली बंगन राखी गरी रोपर ठीक है यहां देखो आप यह दिखो अपनी साइड यह राखी गरी रोपर बानावली काली विशेष आपको याद है उन्होंने कमेंट में बता देना तो आपको यह टॉपिक नंबर वन पर फीचर अपनी अरपन कल्चर और कुछ तो जब यह सब चीजों की नॉलेज रखोगे ना कि भाई तुम्हें लगावा करना हां भी समझ में आ रहा है ऐसा था रप फोटो-फोटो के समझ में आ रहा है कुछ बढ़िया सा था भी अलग सी चीज इंडिया के लिए बिल्कुल हमारे ठ तो चीजों को डिटेल में बढ़ना पड़ेगा ठीक है जी चलो जी अब यह ऊपर से पड़ा देती है अली हरपन कल्चर भी रिडिंग करके अपना काम ख़दन नहीं करना है कोई आगे लिए कर दो इनसीआर टीक उन्हें जी यह मेरा स्टाइल नहीं है तो मारे दिमाग है तो यह सब्सक्राइब इस टाइमलाइन कर दो तो देखो तुम यहां पर जो अली हरपन कल्चर था ना वहां पर ज्यादा यहां पर आप देख लो यहां पर साइड अगेट डॉट्स देख रहे हो ना वन लग कि यहां पर लोग रह रहे हैं इसको अगर कंप्यॉर करोगे आप लेटर हरपण कल्चर की या फिर हमारे जो है हरपण कल्चर की मेन वाले मेचर और अपन कल्चर अर्ली हरपन कल्चर का ठीक है यह देखो गुख में गिवन है सब एंसी आर्टी में तो यह तो ब्लैक ब्लैक ब्लैक मार्किंग साफ देख रहे हो इसको अगर आप मेचुर हरपन कल्चर से कंपेयर करोगे तो तुम्हें पता चलेगा यार यह बहुत कम नहीं था पॉटरी जरूर होती थी ऐसा नहीं है मटके बर्दन यह सब नहीं निकले वह में अल्ली हर अपन कल्चर से भी मिला और कुछ टाइप का क्राफ्ट क्राफ्ट मतलब यह पेपर वाला क्राफ्ट नहीं होता क्राफ्ट मतलब कुछ गहने बना ली पर देखेंगे वह चोटी-चोटी सेटलमेंट जोबडी बनी लोगी वह उस समय पर टूट नहीं होंगी पर उन्हें देखिए मैं समझ में आगे कि पुमिक अपने पापा गमा दे तुम और यह चल रही है तो आप सब्सक्राइब कर लो मजे से तो मम्मी पापा कमा के ला रहे हैं तो ऐसा ही चलता हमारा सबस्टेंस अब किसी की मम्मी जॉब करती होंगी किसी के पापा जॉब कर दिन है कि बिजनेस करने मम्मी जॉब कर दिया बजनेस कर दिया तो यह हमारे लोगों का हम खाते किया है हम खाने भाई दाल घाने रूटी खाने सब जी खाने है तो अब हम यह जाने कि इनकी सबसेदन स्ट्रैटेजी कैसी चलती थी कैसे कमाते थे क्या खाते थे तो हरप्पा कि अगर हम बात करें तो वाइड नंबर ऑफ प्लांट एंड जो है प्रोडक्ट्स को हमें कैसे पता चला कि भाई यह लोग अनाज उपादे तो हमें जलेवे गेहू के टुकड़ा मिला अनाज का जो जलावा मिला चाट मतलब जड़ावा मिला तो भाई वह आर्को बैटर नेस्ट वगैरह जो भी तो वह गए लैब किया नो ने टेस्ट करा पता लगा भी यह तो गेव का है तो ने समझ में आ गया भाई हम लोग यह जो है यह आरापा वाले खेती करके आटा भी बनाया करते थे तो भाई च लिखनो तो यह पूरी प्रोवाइड कर दूंगे तुम्हारे पूरी लाइट बट तुम खुद से नोट बनाओ ठीक है चलो तो यह खाना में एंशियल प्लांट्स की वाले कंजीम करते थे यह क्रॉप्स खाते थे अगर जानवरों की बात करो तो ऐसा नहीं जैसे कि हमें लोगों के घरों से शीप की में बॉंट मिलिए बफलो की मिली है ठीक है तो यह दूध ऑफिस निकालते बफलो का ठीक है देखा जो हमें पिक्स मिले इनके घर के आसपास में सीधी डॉमेस्टिकेट वाइड एनिमल्स की बात करें तो डियर बोर गरियाल को यह खंट करते थे ठीक है यानि कि इनका शिकार करके ने खाते होंगे थे और साथे के साथ में अब यह ग्रीवर के पास में थे तो यह फिर ऑफिस कंजीम करते तो जो फाउल फिश होती है उसे यह खाते थे अब यह बॉर कौन सा एनिमल होता डाइन अब आता है नेक्स्ट टॉपिक एग्रीकुल्चर टेक्नोलॉजीज अमें आपको कहा कि भाई अनाज उगा रहे हैं गेह उगा रहे हैं चावल उगा रहे हैं वीडिस में बाल इस सब कुछ उगा रहे हैं तो कैसे उगाते थे यह जानेंगे इनकी टेक्निक बहुत चारी प्रूफ मिली कि यह जो बुल बना हुआ है बहुत चारी प्रूफ मिली कि यह जो बुल बनावा है ऑक्स बने वे तो समय पता चला हां भाई यह लोग जो है जिसे हमारे यहां पर किसान खेती करते तो हल चलाते हैं वह बैल बंदी होते हैं तो वह इनको भी आटा था यह वह करते थे वैसे ही यह लोग अपने खेतों को देखो यह फोटो देखो टेराकॉटा की यह कार्ट बनी हुई है इसे हल मत समझना य जैसे बैलगारी होती है ना उस तरीके से और हल भी मिला हमें प्लॉ जो होता है प्लॉ का भी टेराकॉटा स्क्रेचर मिलो इसकी फोटो नहीं है मेरे पास में बट मतलब इन्हें बिल्कुल जैसे आज के समय पर हम अपनी अग्रिकल्चर करते था हमें क्या कोई पर वाले ने आपके में बताया था कि भाई ऐसे क्लिक उतने हमें मिला टेरोकॉटा मॉडल किसका चोलिस्थान से और बानावाली से हर्याना के ठीक है तो टेराकॉटा मॉडल्स प्रूफ के लिए कहां से मिले थे चोलिस्थान और बानावाली से यह दोनों साइड हर्याना में ठीक है एविडेंस ऑफ प्लॉड फील्ड पॉइंट था ठीक है एक ऐसी फील्ड हमारे को मिले ऐसा खेत मिला जहां पर दो क्रॉप्स एक टाइम पर उगा रखी थी औ कि बीच में जगह गैप्स देखे तो 90 डिग्री के एंगल पर फरोस बना रखे थी, यानि कि खेत अगर तुमने देखा होगा ना, तो ऐसा नहीं है पूरे खेत में बीच बोधेते हैं, कुछ कुछ कुछ गैप्स होते हैं, तो 90 डिग्री के एंगल पर बिल्कुल प्लैंड तरीके से एग्रीकल चैप्टर पर तो ऐसा कहा जाता है कि फार्मर्स को टू क्रॉपिंग वर्ड एक समय पर दो प्रोपों गाना प्रैक्टिस करना चाहिए अच्छा होता है बहुत सारे करते हैं सब नहीं करते अब इनके यहां पर यह तब से एक समय पर दो क्रॉपों यह थे उस समय में भी इतने एडवांस ठीक है बहुत सारे हमारे को टूल्स मिले ठीक है जैसे खेत में अब जब एक कि कुछ तो टूलों का हाथ से नहीं निगालते होंगे सारी फैसल कुछ तो एक टूल इन का होगा वह हमें नहीं मिला बाकि हमें बहुत टूल से मिले जिसे देखकर पता चला है कि यह भाई खेती करने के लिए यूज आते होंगे अब बात करें पानी की फैसल को पान भारती होगी बट कुछ ऐसी साइड शहर थे हमारे हरपा के जहां सुखा था जैसे कि अफगानिस्तान का शोड़ गई और वहां तक कैसे यहां पर भी फसल हुआ थे वहां पानी कैसे पूछा तो गाइस हमारे इंडिस्ट्रीवर से इन्होंने वहां तक का पंजाब और सिंथ में हमें काफी साथी जगहों में केनाल नहीं दिखें, केनाल हर जगह होंगे, बट केनाल पते क्या होता है, केनाल एक गड़ा सा बना दिया जाते हैं, लंबा से रिवर को एक तरफ का फ्लो ऐसे वहाँ पुछा दिया जाता है, फिल्ट जग, तो टाइम के बहुत सारे मिले हर घर से इनकी कुआ मिलता था 700 कुए मिले इनके एक शहर के अंदर मतलब को पानी बहुत अमेजिंग लिए लोग यूज कर पाते थे और जो है कर हम बात कर गुजरात की जहां जाए पानी की कमी हो तो गुजरात में एक जगह जहां दोलावीरा है यहां पर गुजरात में जहां पर पानी पहुंचाने का हर एरिया में ठीक है तो यह आपको एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी का भी याद हो गया हमें प्लॉड फील्ड का एविडेंस मिला इसमें लिखना है टेराकॉर्टर स्ट्रक्चर्स मिले हमारे को हल का मिला बुल का मिला अक्षन का मिला और साथ-साथ में हमें एक किनाल दिखाई पड़ा और हमें वक्त विभियों गया था ठीक है तो सिलबट्टा क्या होता है विभियों में हर रोज सर्वट्टे का यूज होता है ठीक है थोड़ा मॉडर्न वाला हो जाता है वह मिक्सी बर्क का यूज कर लेते हैं वह आने जमाने से हम लोगों के यहां पर सिलबट्टा यूज होता है अभी भी कई जगह पर होता होगा कई लोगों की घरों में होता है चटनी लोगों को ना सट बट्टे पर सब्सक्राइब करते हैं एक दो टाइप के सिलबट्टे हमें मिले एक वह जिसमें अनाज पीसा जाता था एक सिलबट्टा यह हरपा के सबसे फेमस शहर के ऊपर जिसका नाम है मोहन जोदारो और कुछ रामनी बात बताओ इसे मोहन जोदारो क्यों कहा जाता है क्योंकि जब इसकी खुदाई करनी हमने शुरू करी तो हमें हड़ी कंकाल सीर मिले जारें मिले जारें हड़ी आमिली जारें तब इतने कंकाल मिले कि इस शहर का नाम पड़ा मोहन जोदारो जिसको अगर इंग्लिश में कंडवर्ट करोगे तो मतलब होता है माउंट आफ दे� जो डिकंकाल डेड की ऊपर बना हुआ है बेसिकली तो इसका नाम ऐसे पड़ा मोहिन जो दारों ने अलग सा लगता है ना खदरनाग नाम है इसका ठीक है बहुत ही प्यारा शहर था और यह हमारे इंडिया का एक ग्लोरिफाइड पास्ट है देखते हैं तो देखो जो भी शहर बेसिकली ने उनका ऐसा बारिफिकेशन हो रखा था शहर का एक हिस्से को कहा करते हैं दूसरे से को लोग टाउन से आज करो तो इसको तो जो होता था था वह थोड़ा बड़ी अध्वांस टाइप को होता था, वहाँ पे उची-उची दिवारे से उसको बंद कर रखा होता था सिटाडेल को, बड़ी-बड़ी जो स्ट्रक्चर्स होते थे, जैसे तुम आज के समय में कहो, मॉल भाई है सिटाडेल में है, बड़ी-बड़ी जैसे स तो ये जितने भी शहर थे जादातर अगर हम कहें हमारे हरपा के civilization के तो वहाँ पे Citadel होता था और Lower Town होता था अब Citadel and Lower Town के सम basic features आप पढ़ लीजे Citadel जो होता था वो छोटा होता था ये देखो मैप लगा दिया है मैंने ये देखो Citadel and Lower Town का difference खुद देखो यहाँ पे Citadel इतना छोटा सा है लोवर टाउन इतने बड़े एरिया में है, बट फिर भी लोवर टाउन जो है हमारा, यहाँ पे लोग रहा करते थे, घर के घरेलू, घर बने वे हैं, सीटा डेल में सारा वर्क परपस चलता होगा भाईया, सारा काम काज यहाँ चलता होगा, तो सीटा डेल स्मॉलर था बट ह बड़ा प्रिक्स प्लेटफॉर्म यह चीज में आपको कहीं यह देखो आप इस फोटो में देखो जो भी बिल्टिंग बनी होती थी तो पहले इटो का इतना बड़ा प्लेटफॉर्म डेडी करा जाता है जैसे नीव अंदर पड़ते हैं तो एक नीव यह ऊपर भी और अगर आर्केलोजिस्ट ने पता लगाया कि भाई अगर ये इतने बड़े-बड़े स्ट्रक्चर्स ने बनाने होते होंगे तो मान लो तुम पता नहीं कितने ही लेबर्स की डेली वेसिस पर जुरव जी सेटेलमेंट वह फर्स्ट प्लांड एंड देन इंप्लीवेटेड अगर इनकी सेटेलमेंट को चाहिए वह लोग टाउन हो अगर हम उन्हें देखते हैं तो नहीं होती है जैसे आज के समय के शहर बनते हैं जैसे कि है ग्रिड पैटर्न पर घर बने हैं जैसे ऐसे सड़के 90 डिग्री के अंगल पर मीट कर रही है जितने भी बिल्डिंग्स थी सेटेल की वह सब जो ह बनी थी कि आर्किटेक्ट की नजर निगरानी में बनी हो तो ऐसा लगता है इन्हें देखिए कि जो यह सेटरमेंट वह प्लाइंड थी कि पहले आर्किटेक्ट की टीम ने बैठकर पेपर में बनाया होगा ऐसा बनेगा यह शरूर फिर बनाया गया यहां पर प्लेटफॉर्म फिक्स बिल्डिंग रहा करती थी तो यह सिताडेल है यह लोग टाउन है आपको यह समझ में आ गया अब लोग टाउन की बात करूं तो लोग टाउन बहुत बड़ा था बट लोग टाउन में घर होते थे लोगों के जो बिल्डिंग इन्होंने बहुत एडवांसमेंट कर रखी थी ठीक है चलो अब लोग टाउन के अगर फीचर्स तो मैं बताऊं तो लोग टाउन के घर कैसे होते थे और क्या फीचर्स है तो जितने भी लोग टाउन था हमारा जितने भी लोग टाउन होते थे हर जगह पर ड्रेनेज बंदे के घर के अंदर वाश्टरूम होता था और वाश्टरूम से एक नाली कनेक्टेड होती थी में टैंक तक की जो शहर के थोड़े के नारे पर एक टैंक होता था वहाँ पर सारा वेस् तो इन्होंने पूरी नाली, हर घर के पीछे बात्रूम जो होता था, उसमें से बात्रूम में से एक नाली निकलती थी, घर के पीछे एक ड्रेन होती थी, नाली होती थी, वो नाली आप पूरे शहर की ऐसे मीट करती थी, सारी नाली आ कनेक्ट थी, उनकी सफाई भी होती थी, अगर इनके घरों की बात करें तो रेजिडेंशियल एरिया जो घर थे घर ऐसे बने हुए थे कि तुम अगर अंगल घर के चले जाओगे तो जैसे टीवियों में देखते हो ना कि तुम एक आंगन सा है और आंगन के अंदर सब लोग बैठे में हैं बातशीत कर रहे हैं और ए वहां से सारा कुड़ा जाता था में टैंक के अंदर तो आज हम लोग देखे हमारे घर के पीछे घर बना होता है इन लोगों के किसी के भी घर के पीछे घर नहीं था घर के पीछे खाली नाली उत्वाली कड़ी होती थी और उस नाली वाली गली से सारा यहां पर यहां प कि जो भी कुछ डोमेस्टिक वेस्ट होता था वह सब ड्रेनेट सिस्टम के थूब आए चला जाता है डाट आफ टोलियों ठीक है और हर घर के पीछे एक नाली वाली गली होती थी वन वॉल अलांग वस्ट टीप चलो एक यह मेजर फीचर्स देख कि यह रेगुलरली उन्हें साफ भी किया जाता होगा आप उनको जो है सिटी के बहुत कोरी में एक स्पिट जाता था यह एक टांक होता था वहां सारा वेस्ट खटा ह एक ड्रेन इन मोहिन जोदारों नोटिस द यूज ओपनिंग ऑफ ड्रेन तो यह रास्ता भी बना रखा है कि बाय-चांस कोई दिक्कत हो जाए तो अंदर जाकर जो है साफ-सफाई हो पाए तो यह एक नाली है मोहिन जोदारों के जो है एक गली के तो रखे थे तो अगर रेसिडेंशल एरिया की बात करें हम तो लोग टाउन में सारे लोग घर थे उनके लोग घरों में रहते थे लोग टाउन के अंदर अगर हम सीटा आंगन होता था यानि कि कोटियाद होता था व प्राइवेसी को गाइस यह बहुत पसंद कर देते हैं हड़ापा की साले इस लोग यह लोग अपने घर में कोई विंडो नहीं रखा करते थे कि भारवाला अंदर ना देखिए आज की समय में हम देखो हमें कोई परवार नहीं हमें प्राइवेसी की वह जो है जब भी में डोर से कोई व्यू नहीं मिल रहा है इंटायर हाउस का साथी के साथ में हर एक हाउस जो होता था उसमें अपना बाथरूम भी था और जब भी जो है कोई इनके यहाँ पर गेस्ट आता था तो वो अपने गेस्ट को पता है कहाँ पर लाते थे ये देखो सब लोग अपने तो जैसे ठीक है जाए जाए तो आप तुम चाहते कि तुम्हारी प्राइवेसी बनी रहे तो तुम्हारी कमरों में ना चाके तो वह जो है कोई भी कमरे में जो है यह कोटियार से व्यू नहीं मिलता था साथी के साथ में कोटियार के साथ में अटेज हैं टोटल में मोहेंज जो तरह के रखने पर बात करें तो साथ सुख हमारे को मिले कुछ हाउस ऐसे भी थे जिनके दो फ्लोर थे अनुखे ग्रांड फ्लोर है फर्स्ट फ्लोर है ठीक है जी कुछ के नहीं मिले अब आते हम सीटाडेल के ऊपर यहां पर पब्लिक पर्पसेस की बिल्डिंग हमारे को मिल यह फोटो देखो यह सिटाडेल की यह देखो सिटाडेल कितना चोटा सा है यहां पर हमें ग्रेट बात मिला एक एरिया ऐसा देखा जहां पर जिसको हमने पैलेस बोला तो यह चीज हमें सिटाडेल से मिली किसी सिटाडेल से भी हम मोहिंद जदारों के सिटाडेल बात हो रही है तो सिटाडेल क्या हो गया तो सिटाडेल क्या हो गया तो सिटाडेल क्या हो गया तो सबसे अध्यान था पाकी काफी शहरें के ऐसे थे जिनका सीटर डेल नॉर्मल सा था, वहाँ थे अडवांस नहीं था, बट ये मोहिंजदार और हरपा का सीटर डेल काफी अडवांस था, क्या था इसमें, यहाँ बड़े ब� तहकानी नहीं गएगे वह गएगे जहां पर सब कुछ स्टोर करके रखा जाता है न वह मैसेज स्ट्रक्चर्स थे जो ब्रिक की फाउंडेशन पर बने थे बड़ी-बड़ी चीज बनी थी बट पहले इटो का फाउंडेशन में उसके ऊपर बनी थी क्या-क्या चीज वह प्लेटफॉर्म के ऊपर बनी थी जितनी भी रोड्स थी वह राइट आंगल पर मिल करती थी यहां पर भी ड्रेनियल सिस्टम बहुत अच्छा था और जो है यह देखकर हमें पता चला गए हम इनकी ब्रिक्स का साइज देखें ना कि इनकी इटे तो जितनी भी इटे थी बन रखे थे ठीक है अब बात करते हैं ग्रेट बाद जो सबसे इंपोर्टेंट स्ट्रक्टर मिला हमें मोहिंद चुदारू के सीटा दिए हमारे घर अपनी तो यह तो यहाँ पे ना कोने में कमरे थे, जो अब तो टूट गए अबिस्टली, बट कमरे में से ये connected था, अलग बाथरूम से भी बन रखे थे, जो आसे ये connected था, तो अगर ग्रेट बात की बात करें, तो ये एक rectangular tank है, surrounded by a corridor and courtyard, तो आसपास में इसके अंगन सा बना हुआ है, और ए और यह जितना वो सीमेंट रहता था तो सीमेंट तो आज के समय वो मसाला बनता था और उससे तुम्हारी दिवार के सीमेंट वो पूरा प्लस्तर कर दिया जाता है तो यहाँ प्लस्तर तो हो रखा था बट वो मोटर और जिपसम थे था जो गारा टाइप बनता था पूरे के पूरे swimming pool को plaster कर रखा था अच्छे थे rooms were made on three sides of the tank with one room having a large well अब भाई ये जो बात है इसके आसपास भी room बना रखे थे ओफिसले लोग के कपड़े change करने के लिए बना रखे होंगे और एक उस room के अंदर कुआ भी था ठीक है the water from the tank flowed into a huge drain across the lane there was a smaller building with 8 bathrooms इसी के पास में एक जगा थी across the building यह वाली जवाग बात के पास में एक बिल्डिंग टाइप थी वहाँ आठ बात्रूम बन रखे थे फोर एट साइड ऑफ कॉरिडोर विड्रेंस फ्रॉम इस बात्रूम बन रखे थे जहां बढ़िया नालियां थी बात्रूम का पानी सारा नालियों से जो है कनेक्ट हो जाता होगा नालियों में रखा था तो ग्रेट बात आप लर्न कर लीजिए यह आपको स्लाइड में पता चल जाएगा तो यहां हम जो है यह वह एनिमेटिड इमेज है यह असली वाला मोहिंद जदारों नहीं है तो भाई जो अगर हम बात करें मोहिंद जदारों की तो यह अलग ही टाइप से हमें पता चला क्या ही सिविलाइफेशन थी गाइस हम लोगों की है क्या शहर है घर ऐसे बने हैं लोगों के घरों में पानी का सिस्टम है वे एडवेंस विलेजेशन अभी हमने इनका पड़ा था मैसोपोटामिया वालों का तो हम इंप्रेस हो रहे थे हमारा देखो हमारा तो और ही ज्यादा बढ़िया लग रहा है ठीक है चलो जी समझ चुके हो यह लोगों का रहने सेने क क्या ऐसा था कुछ रपा के लोग अमीर होते थे और कुछ लोग गरीब होते थे तो अब देखते हैं tracking social differences टॉपिक में कि इनके आँ क्या अमीरी गरीबी का difference था या फिर नहीं था तो भाई साब अमीरी गरीबी का difference जानने के लिए क्या करें तो हमारे archaeologists क्या करते हैं हमारे archaeologists कबरे खोटते हैं जो कबरे होती है ना जो जो जिनका पर लोग जब मर जाते तो ने दफना दिया जाता है उन्हें जाकर खुदाई करते हैं और वहां से जब देखते हैं खुदकर वहां से पता चल जाता है कि भाई अमेरी करीबी का डिफरेंस है नहीं तो तुम को गई दिदी ऐसे देश से पता चल जाएगा कबर से तो जो बड़े बड़े राजा महराजा होते थे उनके साथ बहुत चारा चारा ट्रेजर जाता था अगर जो अमीर लोगों के उनके घरवाले ज्यादा चीजें तरह हम यहां की बात करें अगर हम पता नहीं लोगों में तो यह सबसे पहला तरीका होता है क्या बरियल्स को तो social economic difference को study करने के लिए archaeologists study करते हैं burials को जैसे इजिप में royal pyramids होते थे, burials होते थे वैसे ही हम लोगों ने यहाँ पे पता लगाने के लिए burials को study करा अब क्या पता चला हमार को तो हमारे हरपा के लोग बरियाल कैसे करते थे? पिट में यानि के गड़ा टाइप बनाते थे और उसमें डेड़ बॉडी को रख दिया जाता था ठीक है उसमें दफनाया जाता था साथी के साथ में हमने पिट्स खुली और हमने तब पता लगाने की कोशिश करी अब कुछ एक ही डिफरेंस हमार को पिट में पता चला कि काफी सारी पिट्स ऐसी थी जो कबरे कहो बेसिकली तुम्हे समझाने के लिए तो काफी सारी ऐसी थी जिन में इटो की लाइनिंग कर र इसमें आपको दिखा साथी के साथ में अगर हम बात करें ग्रेव के अंदर जो भी कबर है उसके अंदर पॉटरी की ऑर्णमेंट नहीं और और दोनों के साथ ही दिखिए बट ऐसा नहीं कि किसी के साथ बहुत सूना लगता जो है दुखना रखा हो तो हम रहें 1980 में हरपा की सेमेट्री के अंदर हमने खुदाई करी तो एक जो है स्केलेटिन मिला उन्हें गले में एक माला थी उस माला में तीन मोती से डले हुए थे वो जैसपर के बीट के थे और कुछ चोटे-चोटे-चोटे मोती और थे तो गले में माला पहन रखी थी साथ में यह कुछ बर्तन वगैरह रखते थे मतलब हां थोड़ा-बोर यह लोग भी आफ्टर लाइफ में बिलीफ करते थे एंड काफी सारे लक्षरी मतलब क्या हुआ अब देखो बहुत सारी जगह पर खुदाई हुई तो हम चेक करते हैं कि कौन सी जगह से डेली डेटूडे आइटम की चीजें मिल रही हैं नहीं कि सस्ती सस्ती चीजें मिल रही हैं आज के समय से हम गंबरे हैं इतनी सस्ती सी है तो नॉर्मल कोई तो मैं यहाँ किसी स्लाइड को रीडे नहीं करूँगी, क्योंकि वो तुम हिंदी में बोल जाती है, तो यहाँ पर देखते रहो साथ में, बड़ी सी सुन्दर से बनाई हैं और रीड करते रहो। तो दूसरा तरीका है हमें आर्टिफेक्स को डिवाइड करने का बिट्विन लग्जूरियस आइटम बिट्विन डेली डेटो डे आइटम, तो जितने भी आर् अगर हम डेली डेटो डे आइटम्स की बात करें तो उसे कहा जाता है यूटीलिटारियन आर्टिफेक्ट यानि कि डेली यूज़ के आर्टिफेक्ट तो डेली यूज़ के आर्टिफेक्ट में हमें यहां इन हरापा वालों के यहां से क्या क्या मिला था स्टोन मिले काफी ट वह बन वह मिले हमारे को नाने वाले फ्लेश रबर जिसे लिखा यहां पर यह सब चीज हमें मिली है हर जगह पहली पड़ी तो यह लोग नॉर्मली घर में बर्थन बर्थन थे यह घर के डेली डेटोडे आइटम थी अगर लग्जूरियस आर्टिफेक्ट की बात करें तो लग्जूरी आइटम हम कैसे कहेंगे कौन सी लग्जूरी है तो वह जो बहुत कम मिल रही है या फिर जो रेयर मेटर की बनी हुई है वह हम कहते थे लग्जूरी है तो एक लग्जूरी आइटम जो मिली थी हमारे को हर पामें पूरे के पूरे तो उसके बनीवी जो पॉटरी थी, उसके बनीवी जो कुछ बॉटल्स थी, उसमें पर्फ्यूम स्टोर करावा, जो हमें लगा कि इसमें पर्फ्यूम स्टोर करा जाता होगा, वो हमें कुछ घरों से मिला, तो हमें समझ में आ रहे हैं, तो फियॉंस के पॉट हमें कम मिले, मतलब ये लिग्जूरियस आइटम थी, फिर हमारे आर्कलोजेस भाईया कंफ्यूज हो गए, क्योंकि काफी सारी ऐसी जगहों पर हमारे को स्पिंडल होल्स मिले जो फ्रॉम्स के मनेवर तो हमें लगा यार इतने सारे स्पिंडल होल्स फ्रॉम्स के में तो क्या फ्रॉम्स एक्शन आइटम है भी या नहीं है अब स्पिंडल होल्स के आते तो हमें समझ में आया कि या या शायद थोड़ी तो महंगी आइटम है ये लक्षरी वाले और जो है गोल्ड की अगर हम बात करें तो गोल्ड पता है ऐसे कोई गोल्ड मिलना आसाम रोडी था तो काफी सारे लोगों के घरों में से ना होट्स के अंदर गोल्ड मिलना कि हरपा और मोहिन जदारों में ही हम ये घेहनों के भरेवे सोने के होट्स मिले, जो बाकी साइट थी शेहते जैसे काली बंगल, लोथल वगेरा, वहाँ हमें ये नहीं मिले, मतलब कि इनके हमीरी गरीबी का कुछ-कुछ फ़रक तो था, और अमीर वाले शेहर कौन से थ नंबर फाइव पर आते हैं जहां मैंने आपको क्या बताया हम पढ़ेंगे कि जो घेने बनाते थे तो उसके मोती वगैरह कहां से आते थे किस टाइप के होते थे तो इस टॉपिक का राम है फाइनिंग अब आउटर राफ्ट प्रोडक्शन राफ्ट प्रोडक्शन यानि कि शहर इनका साइट बोला जाता है, मैप पे देखो, ये बहुत चोटी सी है, less than 7 hectares, मोहिंज़ ज़रावा खरपा के मुकाबले, बहुत चोटी सी है, but ये particular एक area था, जहाँ पे सब type का craft making होता था, चाहे वो bead यानि कि मोतियों का बनना हो, शे बनाती थी वे मालाए और अ कंगन वगैरह वो सब बनाना सील मेकिंग जो सील है सील्स बनाना साथ एक साथ में वेट तो तराजू के जो वेट होते हैं वो बनाना वो सब का काम चलकड़ों में चलता था ठीक है मटीरियल क्या था किस-किस टोन होता है रेड कलर का है यू केंसी यह होता है कार्नीलियन तो कार्नीलियन से यह जो है बनाते थे जासपर यह जासपर के बीच होते हैं क्रिस्टल कार्ड स्टिट और मेटल जैसे कॉपर ब्राउंस गोल्ड शेल हो गए फ्यॉंस हो गया बॉट क्लिए हो गया सब चीजों से यह बीड़ वगैरह बनाते थे एक यह देखो यह बहुत फ्रेमस पैसे लेपिस लिजूली यह आप बीट जब यह मोती बोती बना लेते थे तो अब बेट से यह मालाएं बनाते थे यह ब्रेसलेट बना बीड़ बनाते थे जिसमें यह दो स्टोंड को आप एक हटा कर दें एक मोती बनाया उसमें दो पथर लियों ने खटा कर दिया या फिर काफी सालों को एक खटा आपस में चिपकाते बे चले गए माला के टाइप में और पता है इन टाइप के कुछ ऐसे बीड़ बना तो ऐसे टाइप से ये गोल्ड कैप वाले भी बीट की माला बना दिया कर दे थे, अब जो इनके बीट्स होते थे, कैसे शेप्स के होते थे, जैसे आप देख सकते हैं, ये सिलेंड्रिकल शेप का है, ठीक है, नहीं, ये तो बैरल शेप का है, आप देख सकते हैं, ये अलग बीड़्स हैं, ये जस्पर के बीड़्स हैं, ठीक है तो यह बीच बनाते थे उनको चीज के ऊपर इंसिसिंग हो रखी थी इंसिसिंग मतलब नकाशी करके होती थी इतने छोटे से मोती के ऊपर नाम लिखा है कुछ लिखा है नाम तो पता नहीं हमें पढ़ने में नहीं आएगा वह मछली बनी है कोई कुछ बना� वर्क और नेकलेस वैसा ही होता था बीट मेकिंग के बात करें तो वह डिपेंट करता था मटीरियल पर इन्होंने बहुत सारे बीट जैसे बनाए थे यह फोटो देखो यह बीट इस टेटाइट के तो टेटाइट एस टोल यू यह इनका एक टाइप का इनके उससे बीट बन जाते थे ठीक है तो वेरी सॉफ्ट इजली वर्क सम बीट मोल्ड पेस्ट विद सिया टाइप पाउडर अब कुछ जो बीट से बनाते थे विश्व पाउडर से बना लिया करते थे क्योंकि फिर वह सॉफ्ट हो जाता था तो बीट बनने असान हो जाते थे और थे तो स्टीटाइट का यह लोग यूज कर देते और माइक्रो बीट यह बनाते थे बहुत चारे हरपा के लोग पर हमें नहीं पता वह माइक्रो बीट जो है उसके बनाने के टेक्निक्स क्या हो दी ठीक है ना आर्केलोजिस्ट पता लगाया कि साथ ही के साथ में हमें क्राफ्ट वर्क्स वाली जगाओं पर जैसे चनरदरों में और जहां पर हमें लगा कि यहां पर क्राफ्ट वर्क होता होगा घेने बनते होंगे कोई यह जगाएं जहां पर कार्यक्री चलती होगी इनकी तो वहां पर हमें स्पेशला� चनदरों में और धोलावीरा में हमारे को जो है मिली है क्या ड्रिल्स मिलिया जिससे बीड मेकिंग होती थी ना यह बॉस्ट इपोर्टेंट नारकेशवर बालकोड मैं आप वर्मा का समय पूर्चा जाएगा यह ऐसी दो साइड से मैप में देखो यह है तो यहां से शेल होती है और और चीजें बनाई जाती थी इससे टीविट फिर जैसे कि बीड हो गए वह चनदरों और लोथल से चैनल में भी दिया जाता था और वहां पर भी कुछ क्राफ्ट सेंटर्स होते थे जो फिर वह मोदी से मायला बनाएंगे नेकलेस बनाएंगे एरिंग बनाएंगे पायल बना दी जुंका बना दिया कुछ भी बना दिया उन्हें हेड पीस बना दिया कोई मैंने कहा बालेश्वर और जो है नागेश्वर और बालागोट के अंदर जो है क्या मिल रहा है वह मिल रहा है शेल के ऑप्शन कंगल मिलती थी मुझे कैसे पता चला आर्केलोजिस्ट को कैसे पता चला तो कुछ टेक्निक होती है जिससे आर्केलोजिस्ट जूनते है वाला मेटिरियल गिरा हूं जैसे स्टोन छोटे-छोटे स्टोन के रहे हैं नोडियूल टिंग के टुकडे गिरेवे हैं और शेल के हो वह कॉपर के हो वह कार्निलियन स्टोन के अलग-अलग स्टोन के टुकडे मिल जाए तो इतने माइनूट से पर तुम्हें प्रो� पे पतला सा ब्राश हाथ में लेकर और यह मिट्टी को ऐसे हुए जैसे हम मेकअप करते हैं वह लगाते हैं ना ब्लैक वगैरह वैसे यह मिट्टी को ऐसे इतने पतले पतले ब्राश से ऐसे हुए वह करते रहते हैं स्टडी करते हैं स्टडी इन्हें कोई तरीकों से कुछ भी नहीं मिल जाए कुछ हल्का सा तिंका भी अगर नहीं मिल जाए यह जो हम देख भी नहीं पाए उस चीजें तो रॉ माटीरियल जो वेस्ट प्रोडक्ट होता है वो बेस्ट तरीक होता है सेंटर ओफ प्रोडक्शन जाने का जैसे छनदरों में इने काफी सारी जगहों पे वेस्ट माटीरियल मिला होगा जैसे भाईया एक मोती बनाया है तो मोती अगर गोल शेप का बनाया है तो आ जिया फिर आपको अगर ट्राइंगल शेप का बनाया है तो कुछ साइड्स बची होंगी थोड़ा बहुत वो गिर किया होगा क्लेय में से उस में से तो देख समझ में आ गया भाई यहाँ पे मोती बनते होंगे ठीक है तो डिसकार तो अभी मैं वह पेपर को कट करूंगी ना को तो बचावा पेपर उसे किस तरह के साथ यूज में लाने का हमारा योदा इसको भी यूज कर लो अब ले बची है तो वह क्लिकों भी जो साइड में से बचे तो यूज करने की करते हैं तो वेस्ट मटीरियल हमें बहुत असानी से नहीं मिलता था बहुत मुश्किल से हमें वेस्� नेक्स्ट टॉपिक पर आते हैं, strategies of producing material, मैंने कहा ये carnelian stone इनके पास था, आया कहां से, मैंने कहा lapis lazuli तुम्हें बता दी अफगानिस्तान से आया, मैं कहीं तू jasper के मोती बनाते थे ये, आ कहां से रहा था, ये इनके पास पर इतने बढ़िया बढ़िया पत्थर, crystal, आ कहा तो यह ना आप अगर अपनी लोकल दुकान पर जाओगे जाओगे चाय पत्ती आपको मिल रही है तो असाम से ही आई होती है चाय हम लोगों की अब कोई ऐसी चीज हमारे इंडिया में नहीं मिलती तो पहले कोई फॉरन कंट्रीय से इंडिया में आएगी है और राजस्थान के चीज आपको और याद रखने की राजस्थान में खेतरी रीजन है खेतरी रीजन का कॉपर बहुत फेमस है ठीक है तो हर अपन सिविलाइजेशन के समय भी खेतरी रीजन से कॉपर यह लोग खरीदा करते थे राजस्थान के अंदर हमने देखा कि वहां पर जहां लोग रहते हैं उनका कल्चर अपने परिवर्ण कल्चर मतलब समझ जो गया वालों से अलग था तो ने उसे कहा गानेशवार जोधपुर कल्चर तो जो है राजस्थान की गानेशवार जोधपुर कल्चर के जो लोग तब से वहां पर गोल्ड है तो वहां से गोल्ड मंगवाया जाता था तो इस तरीके से लोकल लोकल मतलब इन इंडिया के अंदर से हमारे आप इस तरीके से यह लोग यह पर्टिकुलर चीजों को अप्टेन करती थी अब ऐसा नहीं है कि भार की दिशों से च्वेट अब जब हरपा की लोग थे, हमें लगता है न पुराना समय क्या ही होगा, घर बैठे रहते होगे, लोग खाना खाते होगे, आगे बस खतम जिनगी, नहीं ऐसा नहीं था, वहीं जो है वहाँ बाहर के देशों से जो है ट्रेड लिंक्स थे, कैसे जो कॉपर था, हमने चेक करा उसको, जो भी कॉपर के बर्थन बर्थन जो है डस वाली में मिले, तो उनको चेक करा, तो उसमें चुट निकल आया, निकल करी जो वो पते चली, वो ही जो है ओमान के कॉ� कॉपर में वही निकल था तो इनका काम होता है यह पता लगा लेते हैं आर्थिलोजिस्ट लैब वैब में जाकर तो इनको पता चल गया कि भाई मतलब कि ओमान से कॉपर रपा आता होगा और फिर रपा के लोग कॉपर की वो बनाते अब हरपा का एक जार मिला है जिसको कोट किया गया था ब्लैक क्ले से इन ओमान यह रहा देखो वह जार यह जार मिले हमारे यानि मिले यह ओमान में मिलते थे यह जार है हरपा का हमें कैसे पता चला कि हरपा में से बहुत सारे जार मिले और इसको एक पर्टिकुलर ब्लैक कलर की क्लेसेट कोटिंग करी गई यह इसके अंदर कोई लिक्व देते थे तो अनफॉर्चनेटली हमें नहीं पता क्या एक्सचेंज होता था बट एक्सचेंज होता था नेक्स्ट हमारे को जो है ना यह अंग्रेजों को प्रूच यह और अग्रिलोजियों को बेसिकली प्रूफ चाहिए ताकि हां यह सिविलाइजेशन है हमारी उस पे हमें एक जगा मिली दिल्मन लिखीवी जो आईलेंड और बहारेन है आज के समय का साती के साथ में मगन और महलूआ उन्होंने किसको लिखा हुआ था हमारे हरप्पा को हमें कैसी पता चला क्योंकि उन्होंने उस अपने पर्टिकुलर पैराग्राफ में जोसमें मेंचन द स्क्रिप्ट नोस में लिखा हुआ था कि उन लोगों के आपे मगन और महलूआ से ये पर्टिकुलर आइटम्स लाइट जाते हैं कौन-कौन सी कार्नेलियन, लेपिस लज� पर भी था राजस्तान वाले इरिया में गोल भी था वुद्ध भी था तो यह मैसोपोटामिया वाले हमारे से खरीदा करते थे तो पक्का हो गया कि हम मगन और महलुआ इन्होंने हमारे को नाम दे रखा था अब पता नहीं मगन शायद अरपाओ नहीं लुटा लुटा लुटा लुटा वो समझ नहीं आपके, ये देखो, ये एक particular example है, ancient sign board का, Harappa के, यह प्रति यह लिखा है जैसे आपने ना मेसोपोटामिया का देखा तो हमने वह वेजेस शेप वाले अक्षरों को पहचान लिया था यह क्या लिखे है बट हम अभी अपना जो है इसका इन स्क्रिप्ट पता नहीं लगा पाए हैं तो जब पता लगा लेंगे तो कोई मटका मिला तो पहचानो भी आप किस काम में आता होगा तो से हमें सील्स और सीलिंग्स पर जो है जो लिखा है समझ में नहीं आता है ठीक है तो सीज और सीलिंग के अगर हम बात करें सीज सीज मतलब समुद्र में रहती है यह है तो यह प्रोटोशिवा की सील है ऐसा कहा जाता है कि यह जो सील है इस पर जो यह पिचर है यह यौगिक पोस्चर में है और आसपास में एनिमल्स है तो यह कहा जाता है कि यह जो सील है यह प्रोटोशिवा की सील है ऐसा बोला जाता है और बहुत तो वो सील तूट जाती थी, तो पता चल जाएगा, हाँ, किसी ने छेका नहीं कर दिया, और सील के ऊपर जो seller होता था, या जिसका वो particular bag है, जो भेज रहा है, उसका नाम भी लिखा होता था, अब वो नाम कुछ ऐसे ही ये animal symbols में लिखा होता था, या written पूरा होता था, वो हमें नहीं पता है, बढ़ हमें पता है कि कोई एक identification given होता था, seals में, तो long distance straight के लिए seals को यूज़ करा जाता था, अगर देखो जैसे क कि कोई चीज तो उस पर सील लगी है अगर बीच में किसी ने छेड़खानी कर दो तो वह सील टूटी होगी और फिर खराब हो चुकी होगी तो यहां पर पता चाहिए गांव मां के लोगों को कि यहां पर बीच में कोई छेड़खानी हुई है इस पर्टिकुलर उर्दू की क्या है बताओ मेरे को अंग्रेजी की रोमन लिपी है हमें पता है वैसे हम अगर हमें इस language को decipher करना है, तो हमें lippy-wippy पता लगानी होगे, वो हम नहीं लगा पा रहे हैं, अभी काम चल रहा है, जा रही है इसके लिए, तो हरप्पा की अगर हम फिर भी writing के बात करें, लिखावट की, तो ये लोग जो है ना, लिखा करते हैं, और ये animal symbols का क तब हमें लगता है शायद इन लोगों के आँख लोगों को ज्यादा पढ़ना लिखना ना आता और शायद आता हो पहुंचा था यह भी कंफ्यूजन है क्योंकि इन लोगों को ज्यादा पढ़ना लिखना ना आता और शायद आता हो पहुंचा था यह भी कंफ्यूजन है क्योंकि इस सारे तीन सुसे चार सुसे अल्फाबेट समार्ट को इनके दिखे हैं जिस सब्सक्राइब कुछ तो बहुत सारे जैपनीज बहुत सारे उनके लेटर्स होते हैं तो इनके जो है राइट साइड में तो बड़ा संदर संदर लिख रखा था और जो है लेफ्ट जाते जाते क्रेंपिंग का रखी थी जैसे कि बिचका बिचका के लिए हमारे साथ भी ऐसी होते हैं कॉपी में हम लिखते हैं शुरू में जगह लीव करके लिखते हैं और पर लिखते थे टेराफ़ टैबलेट पर यह लगते थे तो लिखते तो बहुत है ठीक है जॉइलरी पर लिख देते थे अरे हड़ियों पर लिख देते थे यह एंशियल साइन बोर्ड से तो में भी लिटरेसी वाइट स्पेट थी अभी आगे यह पता चलेगा चलो बात करते हैं तो भाई यह इतना ट्रेड करते तो तराजू बे कि एक पर्टिकुलर जो है एक वेटिंग का बंदा था इसे चर्ट कहा जाता है क्यों भी कल होते थे इनके वेट्स क्यों की फॉर्म में जाते थे बाराजार से एंड वाइल बड़े बड़े डिनोमिनेशन के बात करो वह भी बहुत ज्यादा पहुंच जाते थे तो इनके यहां पर छोटी जिसे को पर करने के लिए क्योंकि बीच बनाएं मोती मन के बनाने तो इतनी बेट भी हो देते थे जैसे सुनार की दुखान और जो आते हैं तो वह लाइट राजू मेटल वाला जिसमें तो वह पैन लगे हो जाओ उसमें रखे वह भी इंच आपको नेक्स्ट टॉपिक एंचियन अथॉरिटी अब यहां पर जो है आर्केलॉजिस्ट नहीं है सोचा हरपा के बारे में सब जान तो गए हरपा को राज खौन करता था इंडिस वाली को यह जानों तो इस पर बहुत कंफ्यूजन हुई क्योंकि हम लोगों को जगह नहीं मिले थे हमारे को तो हमें लगा शायद यह कुछ हो इंपोर्टेंट तो हमें कोई ऐसी जगह नहीं मिली प्रक्लोजिस को बहुत कंफ्यूजन है कि हर रपा का राजा हुआ करता था एक राजा था या कई राजा थे तो यह लेट्स डिस्कुस दिस चाहिए ना तो यह सब काम को अपनी देख रेट में कराएंगे जैसे तो अपने घर पर इंटेरियल डिजाइनिंग कराते हो तो डिजाइनर आएंगे चेक करके जाएंगे तो कोई है देख और उनके भी वह किसी कंपनी में काम करेंगे उनके भी है तो वीडियो पैड़ है गौन था पता ही नहीं हमारे को हरपा के अंदर तो काफी सोचा जाता है कि भाई है गौन होगा तो यह यह रहा है यह फोटो के अंदर यह स्टोन सेट्विट इसको इन्होंने कह रही है कि आर्केलोजिस्ट ने का प्रेस किंग हमें पक्का नहीं पता है प्रेस किंग क्योंकि यह जो पर्टिकुलर स्टैचू है यह मैसोपोटामिया में प्रेस किंग होते लीटर अभी तो इसना बढ़िया सिस्टम चल रखा है कुछ लोग कहते हैं कि एक सिंगल रूलर ह प्रश्न का एक राजाओं का वह अपने अंडर पर सब करवा रहा है कुछ लोग कहते सब की अलग राजाओं हैं मोहिंदी दारों का अलग राजाओं हरपा का अलग चनदरों का अलग बालकोटर नागेश्वर का अलग तो यह चीज भी आपको नहीं इस सही लगती क� पत्थर से ठखाऊंगा कोई आएगा मैं ना ले ठखाऊंगा नहीं मैं क्यों पैसे खर्च करूंगे फालतुक है कोई कहाई का कि 90 डिग्री पर सडके में बनवाओ कोई कहाई का सडके बनवाओ क्यों मैं सारे ऐसा रहा मैं पैसे जो है उड़ाऊंगा तो ऐसा तो न बात करते हैं कि शायद वन स्टेट हो वह सकता है स्टेट ही हो इनका डिमोक्रेसी वगैरह भी हो या फिर एक ही जो है पर्टिकुलर एक बॉडी ऑफ सिटिजन्स हो जो मिलकर डिसीजन लेते हो पूरा सिस्टम चला जिससे हमारे कंट्रीज में नाइन टॉपिक पर लास्ट नहीं है तो एंड ऑफ लाइजेशन कि हर अपने सिविलाइजेशन खत्म कैसे हुई कि मैंने आपको बताया 1921 के बाद से इसकी खत्म होने की शुक्राइब हो गई थी वह हमें पता चला कि ऐसे लेटर हरपन कल्चर में लेटर हरपन कल्चर में कैसे हमें पता चला कि यह खत्म हो रहा था अब जो पॉपुलेशन थी कि उजराध हर्यान और वेस्ट उत् प्रोप्लेशन यह मोहिल जोदारों है अब यहां पहुंच जा रही थी वेस्ट की तरफ यूपी की तरफ यहां पर इस तरफ पर जो है हर्याना गुजरात की तरफ पॉपुलेशन पहुंच जा रही थी अब पॉपुलेशन पहुंच रही थी कोई बात नहीं बड़ बन दो गए अब एग्रीकल्चर ज्यादा देखने लगा बड़े-बड़े शहर संदर संदर ग्रेट बार फ्रेंड रिजियल सब दिखने हमारे को बंद हो गई मतलब इनका कल चार डिट्रोइट हो रहा पैसा खत्म हो गया दिक्कत आ गई कोई जिस वैसे नहीं बनाए हमारा लेटर हरपन कल्चर तो हम समझ में आ गया यह सिवालिजेशन एंड की तरफ जा रही थी अब यह चेंजेस क्यों आए होंगे कुछ लोग के तरह क्लाइमेट चेंज हुआ होगा इस वजह से रिसोर्सेस एंड हो गई होंगे कुछ कहते तो वो खराब हो गया हो इसलिए कुछ कहते हैं एंटायर सिविलाइजेशन कोलाप्स हो गई होगी ठीक है कुछ कहते हैं हरपण स्टेट केम टू एंड एंड एस इस डिसिपीरेंस ऑफ सील्स क्रिप्ट डिस्टिंक्टिव बीड एंड पॉइंट कुछ कहते हैं कि हरपण सि� एंड हो गई हो ठीक है और बहुत चेंज आ गए थे अर्ली हरपण कल्चर से मेचूर में मेचूर बहुत बढ़िया रहा लेट में देखो क्या चला गया वेट सिस्टम जो था इतना बढ़िया कि भाई इतने इतने शॉट वर्डेसिंग उसके भी वेट है गया था ठीक है तो विद इस हम समझ चुके हैं कैसे जो है हर पाफ जो है एंड हो गया था अब अगर हम बात करें 10.1 topic पे आते हैं या फिर 10 topic पे आते हैं discovering the Harappan civilization अब पूरा chapter पढ़ लिया है ऐसा था ऐसे शहर थे ऐसा था इंडियास वेली सिविलाइजेशन, आप ये जानोगे कि इसको डिसकवर किसने करा था, पता कैसे चला कि इंडिया की जमीन के नीचे इतनी एंशन्ट सिविलाइजेशन है, तो शुरुआत होती है कनिंगम जी से, ये है अलेक्जेंडर कनिंगम, अकाउंट लेव बाई चाइनीज बुद्देस पिलग्रहम तो चाइनीज बुद्देस पिलग्रहम का जो लिखावा जो भी एक पर्टिकुलर हमारे पास है कहीं के भी हिस्ट्री को ठीक है कौन से पिलग्रहम सपूर्व के चाइनीज बुद्देस पिलग्रहम इंडिया आया थ यह क्या है इंडिया की ठीक है और वह जो बुद्धिस पिलग्रिम इंडिया आए थे चाइनीज बुद्धिस पिलग्रिम वह फोर्ट से सेवन सेंचुर�� सीए के अंदर और हमारा हर अपना कब का है 2620 का वाइस आप उससे भी पहले का और यह क्या है फोर्ट सेवन से पुरानी चीजें को प्रतलगाने के लिए तो करेंगे हम हमेशा कंफ्यूजन में रहते थे कई बार ऐसा होता था कि करने हम क्या करते थे कोई भी चीज अगर इंडिया में से निकलती है तो उसका जो है रेफरेंस लेते थे कि देखता कोई सील निकल रहे हैं, कभी कोई बर्तन निकल रहे हैं, निकलते रहते थे, बट ये लोग फ्रेम में बिठा नहीं पा रहे थे, कि ये कौन से जमाने का है, क्या बहुत पुराने जमाने की कोई जेस निकले, क्यों, क्यों कि कनिंग हम तो चाइनीस पिल्ग्रिम टेक्स को ह तो कनिंग हमने उस सील को अगर बिठाने की कोशिश करी, तो उन्हें समझ में नहीं आया, क्योंकि वो Chinese Pilgrim Test को यूज़ कर देते, और हम उससे 3000 साल पीछे की बात कर रहे थे, ठीक है, अब इंडिया की हिस्ट्री बेगेन हुई, अभी तक लोगों को लगता से बट ऐसा नहीं था अभी बहुत पुराने थे हम लोग और 3000 साल पहले जाना था लगभग आप मान लो हमारी शुरुआत हुई थी सिंदुगाटी से यानि कि इंडियल वाले से ठीक है जी अब करेंगे मैंने स्कूल इसमें आगे आपको टॉपिक थी या चाइनीस प्रिलिग्रम टेक्स को रेफर करते थे तो इसलिए हमारे इंड इसका अब शीरू करते हैं अपना टॉपिक नमबर 10.2 A New Old Civilization इस टॉपिक में तुम्हें ये पता चलेगा कि हरपा के बारे में पता कैसे चला भाई इंडिस वाले Civilization है ऐसे किसको आके पता चल गया तो क्या हुआ था राखलदाज बेनर जी जी और दूसरे है दयाराम सहानी जी तो दोनों के नाम याद रख लो यह वह आर्केलोजिस्ट जिनकी वजह से हम जान पाए हमारी हरपंच सिविलाइजेशन को तो राखलदाज बेनर जी जो थे वह क्या है वह एक बर घूम र यहीं पर मोहिंद जोड़ारों के पास वाली जगह पर और वहां पर से जो है वहीं पर सिर्फ सील्स मिलनी शुरू होती है ठीक है एक आदमी को यह सील टाइप मिले तो मैं थोड़ा स्टोरी फॉरमेंट में बता रही हूं जिससे तुम्हें और अच्छे से समझ जाए तो भाई यहां से सील्स मिल रही थी हरपा के पास में से राखलताश बेनर जी को जो है मोहिंद जोड़ारों के तब तक उसका नाम वह थोड़ी था वह घूम रहे थे तो लोग वह देख रहे थे कि लोग ना इटे ले लेकर आए जा रहे हैं इट लेकर आए इटों से अपने घर बना रहे हैं तो लोगों से पूछा कि आप यह इट कहां से ला रहे हो यह कहां की है ऐसी बेग्ड दो हमारे ग्रेट आर्केलॉजिस्ट दयाराम सहारी जी इनको मिली थी सील हरपा से एंड राखल ताजमेनर जी को सिमिलर सील्स मिली थी मोहेंज़वदारों से और इसी से समझ में आया कि अच्छा हरपा मोहेंज़वदारों यह सेम कल्चर है यानी एक ही सिविलाइजेशन है अलग-अलग नहीं है तो हमें से समझ में आ गया ठीक है अब 1924 के अंदर जो जॉन मार्शल डायरेक्टर जेनरल से एसआई के उन्हें बुलाया जाता है और वह जो है फिर जो है बहुत सारी इजेक्टिवेशन फ़र्ट और 1924 को जॉन मार्शल जो डायरेक्टर जनरल थे इस आई के उस समय पर अनॉट्स करते हैं डिस्कवरी ऑफ न्यू सिविलाइजेशन इन द इंडिस वैल्यू टू वर्ल्ड तो पूरे दुनिया में एलान कर दिया जाता है कि भाई इंडिया की जो है सिविलाइजेशन रहा करती पर मार्शल के लिए कहा कि मार्शल इंडिया और मार्शल ने इंडिया को 3000 साल और पुराना कर दिया मतलब कि पहले ऐसा कहा जाता था कि इंडिया की स्ट्री कब से है वैसे हमारी स्ट्री तो और भी बहुत आपको पता है हमारी स्ट्री कितनी रूट है हमारे बट स्टिल ऐसा बोला जाता था कि जो हमारी हिस्ट्री है वह गंगा वैली के साथ से ऐसे पता चला तो हम तीन हजार साल और पुराने हो गए थे ठीक है और पक्का यकीन इसलिए हो गया कि हाँ भाई ये कोई ऐसी civilization है क्योंकि तुम्हें पता है हमारी कुछ seals और कुछ ऐसे ही type की seals Mesopotamia में भी मिलती थी और Mesopotamia में उन्हें identify नहीं कर पाते थे कि ये Mesopotamia में कहां से आई है फिर जब पता चला है हमारे Indus Valley वालों की है तो वही प अब जॉन मार्शल जो डारेक्टर जनर वनी ऐसा ही के उन्होंने इंडियन आर्केलोजी में वो बहुत चेंजिस लेकर आए वो फर्स्ट प्रोफेशनल आर्केलोजिस थे जिन्होंने इंडिया में काम करा वो बहुत एक्सपीरियंस थे ग्रीस में और क्रेच में उन्होंन ठीक है, बट इनके काम करने के तरीके में एक गड़बड हो गई थी, इक्जाक्वेशन जो ये करते थे, वो होरिजॉंटली करते थे, यूनिफॉर्मली, और ये जो है न, स्टार्टिग्राफी जो होती थी, उसको स्टार्टिग्राफी क्या होती है, ये इस वाले माउंड माउंड क्यों आता है मिट्टी का ठेरा मान लो समझ गए अब जैसे कि भाई हम इस जम लोग यहां जी रहे हैं हम गए तो हमारे ऊपर एक और लोग आएंगे फिर और लोग आएंगे फिर और लोग आएंगे फिर और लोग आएंगे तो मिट्टी की लेयर्स रहती होती है और हम लोग नीचे दबते चले जाते हैं ऐसे ही चोड़े वाले वाले थे उनके बाद अगली पी जो लेयर होगी उसमें से अलग इंफोर्मेशन पता चलीगी जितनी ताजी लेयर होगी वह नए जमाने की जितनी पुरानी लेयर होगी वह पुराने जमाने की होगी तो जब आपको खुदाई करके चीजें मिलते हैं जैसे मैंने खुदाई करें मुझे पॉट मिला मिली जो है पथर की बनी वी या किसी भी चीज की बनी वी तो मतलब चम्मच जादा पुरानी है उस पॉट से अब उन्होंने क्या करा जॉर मार्शल ने वो होरिजॉन्टली जो है जो है वो डिक करते रहे ठीक है तो ही जो है ये देख सकते हो आप एक्जाकिवेशन करीए तो उन्होंने जो है स्टाटिग्राफी फॉल्ड नहीं करी और करनी चाहिए थी जो आर्टिफिकेट्स रिकवर होते हैं सेम ग्रूप से उन्हें सेम रख जगह पर रखा जाता है कि भाई यह देखो जैसे यह स्टाटिग्राफी की लियर है यह इसकी फर्स्ट लियर है तो यह नीचे लियर से मिले कि वह पुराना जितने ऊपर से वह नया अब भाई जो भी बर्तनों ने मिल रहे थे जिस भी लियर क्योंकि John Marshall ने Stratigraphy को follow नहीं करा था, अब आते हैं New Techniques Question 10.3 Next Topic पे, कि भाई इस गलती को सुधारने के लिए आता है, R.E.M. Wheeler, जो Director General ASI के अगले बनते हैं, जो थे 1944 में, उन्होंने इस problem को जो है, Restify करा, इसे Pinpoint करा, कि भाई ये गलत हो रहा है, और वो जो है, उन्होंने Stratigraphy को जो है, एक्साइटिवेशन करने शुरू करें और वह एक्स आर्मी ब्रिगेडियर थे तो वह मिलिटरी का प्रोफेक्शन जो होता है ना पर फैक्शन वह लेकर आए हमारी इसके अंदर हमारी अर्केलॉजिक अंदर अब धीरे-धीरे अगर हम प्रेजेंट की बात करें इस नियुक्त पर सिविलाइजेशन की इंडियल इंडियल इंडि ऐसा नहीं है कि अब हमारे आप एक्सएक्वेशन नहीं होती है हमारे इंडिया में जित्ती भी साइड चैट जैसे गुजरात में राजस्था में डोलावीरा और यह जो है नागेशवर बालाकोट हमारे लोथल इन में अभी भी बहुत एक्सएक्वेशन चलती रहती टो गैदर द पास्ट अब देखो आर्टीफेक्ट तो बहुत सारे मिल जाते हैं बट भाई उसको समझना भी तो जरूरी है तो आर्केलोजिस्ट ऐसा क्या करते हैं जिससे वो जितने भी जो है चीजें उनको बाहर निकली खुदाई करके तो वो समब करके हमें कैसे समझाते ह इन अंडिस्टेंडिंग द एंचेंड सिविलाइजेशन अब यूजिली क्या हुआ मैसोपोटामियान वालों की हमें भाषा समझ आ गई थी आपने देखा ना इलेवेंस में पढ़कर आयों के जो टैबलेट पर लिखा था हमने पढ़ लिया सुमीरियान बागर उनकी भाषा हम समझ गए अब हमें हरपा की तो लैंग्वेज समझ में नहीं आई अब हमें हरपंस के जो हरपा के बारे में हमारे पास सिर्फ जो विजिबल आइटम्स थी ना जैसे कि पेड़ पेड़ नहीं पॉट हो गया ज्वैलरी हो गई बीड हो गए इटे हो गई या कोई बिल्डिंग निकल गई जैसे ग्रेट बार निकला उनके बारे में जानने के लिए हमारे पास सिर्फ यही तरीका होता था ठीक है तो अब जो है हमारे जितने भी आर्केलोजिस्ट होते हैं जो भी मटीरियल मिलता है उसक हैं वुड़क ठीक है या फिर वह जो है स्टोन के हैं बर्ट के बने हैं मेटल के हैं तो यह क्लॉस लेथर वाले तो डिकंपोज हो चुके हैं आज के समय तक बस जो स्टोन के बर्ट क्ले के और मेटल की चीज है वहीं हमें अभी मिली है ठीक है और हमें मिलते हैं और फिर उनको हम जो है वैल्यूबल एटिफेक्ट जो है उनको हम कह देते हैं ठीक है अब जैसे कि आप देखो कुछ-कुछ ऐसे एरियां से हमारे हरपा के और मोहिंद जादारों के वहां साथ पर होट्स मिले हैं पोड़ में ना गिड़े होंगे उससे वो लोग पहचान लेते थे next topic पर आते है 11.1 classifying finds अब जितना भी जो है खुदाई करके culture बाहर आया culture मतलब objects बाहर आया उसको classify करने के लिए Archaeologists तीन तरीके अपनाते हैं पहला इस box में लिखा है, second is box में, third is box में सबसे पहला पढ़ते हैं One simple classification of material is in terms of material सबसे पहले हम material को उसके और ऑब्जेक्ट को उसके मटेरियल पर क्लासिफिए करते हैं पथर का है यह मेटल का है यह बोन का है यह आईवरी का है ऐसे हम उनको क्लासिफाई करते हैं दूसरा होता है उसको क्लासिफाई करने का तरीका हमारे पास में आर्केलोजिस्ट इसाइड करते हैं कि वह जो पर्टिकुलर ऑब्जेक्ट है वह क्या है इसका इस्तेमाल क्या है क् कुलहड़ी बनी हुई है वह कोई हथोड़ा बनावा है वह टूल है वह कोई ओर्नमेंट है ज्वेलरी है या फिर वह कोई रिचुअल पर्पस इसका है और ज्यादातर जिनका यूज समझ में नहीं आता था ना उनको रिचुअल पर्पस इसका कहते थे कि यह एग्लीजियस पर्पस की आइटम है जिसका समझ में नहीं आता था कि प्रेसिडेंट का क्या यूज होग बेस्ड ऑन दर इसेम लेस्ट विद प्रेसेंट तीसरा हमारे पर तरीका होता है बहुत अलगाने की बहुत परिकुल चीज किस काम में आती होगी आज के यूज से जैसे कि सिलबट्टे दिखें तो हमने देखा है आज के समय में हम सिलबट्टे जो है और मसाले कूट करते होंगे तो जो साइडल को अंस हो गए और साथी के साथ में ब्लेड हो गई पॉट्स हो गए यह सब चीजों को हमने पता लगा है भाई आज-कल ऐसी उसका तो तब भी ऐसे ही यूज करते होंगे वे कवरेंग आर्टिफेक्ट इस जिस तो बिंगर एक चीज होती है उसके बाद जो बैठ के रिसर्च होती है ना पेपर पर क्या कैसे क्या काम में आता होगा वह होता है असल का ठीक है आर्केलोजिस्ट ऑल्सएड ट्राइट इडेंटिफाइड फंक्शन ऑफ आर्टीफेक्ट फंक्शन भी पता लगाते हैं वह यह जानकर कि वह पर्टिकुलर चीज कहां से मिली है भाई इट के भट्टे में से मिली है किसी नाली में पर यह लोग ऐसे बोलों पता लगाते हैं समझ आर्केलोजिस्ट है फूट एक रिकॉर्स ऑफ इंडारेक्ट एविडेंस ऑल्सू तबी कभी अ पास्ट की जीजों को बताने के लिए वह इंडारेट एविडेंस लेते हैं जैसे कपड़ा कॉटन का कपड़ा हरप्पा के लोग ऑफिस पहनते होंगे कपड़े तो ठीक है तो कॉटन का कपड़ा जो था उसको पता लगाने के लिए आप हमारे को कॉटन तो नहीं मिल सकता डिकंपोज हो जाता है तो उन्होंने देखा कि जो टेट्यूज थे उसके ऊपर कपड़े के जो है बना रखे थे स्कैट्यूज से दूसरे चर्चर थे उन्होंने ऐसे कपड़ा पहन रखा था नेक्स्ट जो है आर्केलोजिस्ट ऑल्सूट पर प्रेम्स आफ रेफरेंस वहीं है आप सीन नहीं प्रश्न प्लेस बोथ इन कल्चरल सीक्वेंस इट वॉट साथी के साथ ने आर्केलोजिस्ट को जो है क्लासिफाई करने के लिए और पक्का यकीन करने के लिए किसी भी स्टोरिकल चीज पर थोड़ी रिफरेंस भी चाहिए होती है जैसे अकर निघम क्या प्रदा तो याकि हो गया हां भी हां दिस इस द करेक्ट सिविलाइजेशन वी आईट ऑपिंग टॉकिंग अब तो रेफरेंस होता है स्टैचूस कल्चर को देखकर पता लगा लेते हैं हम वह आर्टिफेक्ट पर्टिकुलरली कहां से मिला है घर में से क्या है और यह किस यूज में आता होगा ठीक है तो उनको यही लगता है और उनको देखकर भी ऐसा लगता है कि यह शायद कुछ रिलीजियस पर्पस की आइटम्स है यह रिलीजियस सिंफिकेंस के ऑब्जेक्ट से तो हम देखते हैं हमारे तो है रिलीजियस सिंफिकेंस के ऑब्जेक्ट कौन-कौन से मिले हमें हडपा से ठीक है तो सबसे पहले हमें मिला एरोकाटा फिगर एक वॉमिन का जिसने सर पर हेविली जॉइल्ड इलाबोरेट हेड ड्रेस पहनी है कुछ एक ताज टाइप का ऐसा एज यू के इन इस फोटो ठीक है तो इन इसको जो है हमारे अर्किलोजिस्ट ने कहा कि यह मदर गॉड़ेस है तो उनको उन्होंने रेफर कर दिया यह मदर गॉड़ेस है क्योंकि इस टाइप का जो यह स्टेचू मिला अब नाओ दिस एस टेचू तो इसका क्या सिग्निफिकेंस है अब एक ये भी स्टेचू मिला था ठीक है यह जो है स्टोन का बनावा स्टेचू और वन है नहीं पर है तो इस वाले जो है स्टेचू को बोला गया प्रीस्ट किंग क्यों बोला गया प्रीस्ट किंग क्योंकि बाकी सिविलाइजेशन में जिसे मेसोपोटामियल सिविलाइजेशन वगैरा में हमने कुछ इस टा तो हमने इनको रिलिजिस सिंग्रीफिकेंस मानकर ने प्रीस्ट किंग कहा ठीक है नेक्स्ट जो है हमारे को जो है ग्रेट बात अब ग्रेट बात की तो ग्रेट बात कितना बड़ा जो है ये स्ट्रक्चर हमार को अपने आखों के सामने मिला तो ग्रेट बात को भी ऐसा ही कहा जाता है कि ग्रेट बात भी रिचुअल बात के लिए साती के साथ में फायर आल्टर्स क्या होते हैं गाईस आप कह सकते हो जो हवन कुंड होते हैं तो फायर आल्टर्स भी हमारे को मिले हैं काली बंगन लोथल में तो रिलीजियस सिंग्निफिकेंस की भी बहुत सीधे हमारे को जो है ऑब्जेक्ट हो गए और स्ट्रक्चर्स हो गए हमें मिले हैं हमारे हरपण वैली सिविलाइजेशन से अटेंट्स एफ ऑल्सो बिन मेट टू रिकंस्ट्रक्ट लोग वह पहचानने की कोशिश की जाती है सील्स को देखकर और जो है बाकी चीजों को देखकर तो जैसे कि यह सील्स आप देखते हैं पर कुछ ना कुछ दर्शाया गया जैसे आपने एक सील देखिए स्टार्टिंग में उस पर बोल बनी थी और कुछ-कुछ रिखा हुआ था तो वैसे सील्स पर कुछ ना कुछ हमें दर्शायावा मिला है तो सील्स में काफी सारे सील्स ऐसे मिली थी जिन पर कुछ वर्ड सीन्स बनेवे थे कुछ रिलीजियन से रिलेटेड लग रहे थे वह रिलीजियस लग रहे थे तो उन्हें आर्टेलोजिस्ट पहचानना शुरू करा ठीक है जैसे कि एक जो है सील मिली उस पर ऐसा दिख रहा था जैसे नीचर की काफी सारी ऐसी सील दिखें हमें और हमें एविडेंस मिले कि यह लोग तो भाई यह यूनिकॉन को जानते थे वन हॉन्ड वाला जो वह घोड़ा होता है ना तो यह यूनिकॉन को जानते थे तो क्या बड़ी बात है गए इसको सब्सक्राइब इन उन वन डिपेक्ट कर रखे सील के ऊपर साथी के साथ में कुछ सील से जहां पर क्या है जहां पर एक मैंन है जो यॉगिक पोस्ट्र में है यह देखो आप यह यॉगिक पोस्ट्र में है ठीक है इनके आसपास में बहुत सारे एनिमल्स है जिसके यहां पर बहुत सारे एनिमल्स एलीफेंट भी बना हुआ है और राइनोसोरस भी लग रहा तो आप ठीक है अब इस सील को अर्केलोर्जिस्ट ने कहा कि यह है प्रोटोशिवा की शील यह जो सील है यह प्रोटोशिवा की सील है तो यान तो ऐसा लगा कि यह जो सील है यहां पर हमारे जो शिव जी है उनको डिपेक्ट करा गया है अब ऐसा उन्हें क्यों लगा तो जिस तरीके से यहां पर योगिक पोस्चर में जो है दिखाया गया है तो अर्किलोजिस्ट ने कहा कि यह हैं कि क्या हां सही में यह जो हमने निकाला है कि हां यह रिलीजियस आर्टिफेक्ट है क्या यह सही है नहीं है तो जब तब इन्होंने रिगवेदा को स्टडी करा तो उसके बाद जो है इन्होंने रिगवेदा का रिफेरेंस लेकर का कि नहीं शायद जो हमने यह जो सील देखिए प्रोटोशिवा की यह सील है नहीं यह जो सील है इसमें शायद हमारे भगवान शिव डिपेक्ट नहीं हो रहे हैं यह फिर उन्होंने क्या का आर्केलोजिस्ट ने कि यह कौन है यह है कोई वहां के शेमन शेमन होते हैं वह जिनके पास कुछ पैवर्स होती है ना वह चीज है जो अभी आर्केलोजिस्ट समझ नहीं पाए हैं तो जो कि भाई क्या होता होगा तो उसको मैंने आपको क्या बताएगी किसमें रख देते हैं रिलीजियस बिलीव की चीजों है आर्टिफेक्स में रखते हैं उन पर अभी-अभी स्टडी और करनी है हमारे को तब जाकर हम वह आपको समझ पाए लेट्स