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भगवान विष्णु का अंतिम अवतार कल्की
Jul 11, 2024
भगवान विष्णु का अंतिम अवतार कल्की
चिरंजीवीस का निमंत्रण
व्यास और परशुराम जी ने चिरंजीविस को संभाला में जन्म की खबर दी।
चिरंजीवीस का परिचय एवं भूमिका
हनुमान जी
लगभग 9 लाख वर्षों से पृथ्वी पर मौजूद।
राम-सीता की सेवा हेतु धर्म रक्षा के लिए अमरता का वरदान।
4 लाख वर्षों से केसरी नंदन हनुमान समाधि में।
संदेश मिलते ही संभाला के लिए निकले।
विभीषण जी
रावण के भाई, लंका के राजा।
भगवान विष्णु का रूप धारण कर विभीषण को धर्म मार्ग दिखाने का आदेश।
विभीषण भी संदेश मिलते ही यात्रा के लिए तैयार।
कृपाचार्य जी
कौरवों और पांडवों के गुरु।
महाभारत युद्ध में कौरवों की ओर से लड़े।
श्रीकृष्ण ने चिरंजीवी होने का वरदान दिया।
संदेश मिलते ही रवाना हुए।
राजा महाबली
प्रहलाद के वंशज, विष्णु भक्त।
विष्णु के अवतार वामन से अमरता का वरदान।
पाताल लोक के राजा।
परशुराम जी के आदेश अनुसार संभाला आने का फैसला।
महर्षि मार्कंडेय जी
16 वर्ष में शिव जी से काल मुक्त होने का वरदान।
उत्तराखंड में ध्यान में लीन।
संदेश पाकर संभाला जाने के लिए तैयार।
अश्वत्थामा जी
द्रोणाचार्य के पुत्र, महाभारत योद्धा।
भगवान श्रीकृष्ण के श्राप के कारण कलयुग अंत तक भटकने का श्राप।
संदेश पाकर क्रोध और दर्द में व्यास और परशुराम जी से मिले।
फैसला किया कि संभाला जाएंगे पर क्षमा मांगने नहीं, पीड़ा के उद्देश्य को जानने के लिए।
कल्की की शिक्षा
कम उम्र से दिव्य लक्षण प्रदर्शित किए।
महान ऋषि गुरु के गुरुकुल में शिक्षा और युद्ध की ट्रेनिंग प्राप्त करने भेजे गए।
परशुराम जी ने युद्ध कला और वेदों का गहन ज्ञान प्रदान किया।
क्लासिकल हथियार और मार्शल आर्ट की शिक्षा।
दिव्य शक्तियों वाले हथियारों का उपयोग।
शिव जी से उपहार
तीन महत्त्वपूर्ण उपहार:
रत्न मारु तलवार: दिव्य शक्ति, कल्की का प्रतीक।
देवदत्त नामक दिव्य घोड़ा: योद्धा का साथी।
बुद्धिमान तोता: ज्ञान स्वामी और मार्गदर्शक।
सिंहल द्वीप की यात्रा
सिंहल द्वीप जाकर पद्मा जी से विवाह।
शिवजी ने वासना दृष्टि से परे विवाह का वरदान दिया।
आगामी महायुद्ध
अगली वीडियो में कली पुरुष और कल्की के बीच महायुद्ध।
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