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पोलूशन कंट्रोल सिस्टम के प्रकार
Aug 25, 2024
टाइप्स ऑफ पोलूशन कंट्रोल सिस्टम
Introduction
आज का विषय: पोलूशन कंट्रोल सिस्टम के प्रकार
दो मुख्य प्रकार:
सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल सिस्टम
डिस्ट्रिब्यूटेड कंट्रोल सिस्टम
सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल सिस्टम
डेटाबेस की संरचना
:
पूरा डेटा एक जगह पर होता है।
इसमें सॉफ्टवेयर और कोड होते हैं।
डेवलपर्स का काम
:
डेवलपर्स कोड को अपडेट करते हैं।
चेंजेस करने के बाद उन्हें डेटाबेस में डालते हैं।
मास्टर सर्वर
:
इसे मास्टर या रिमोट सर्वर भी कहते हैं।
यह सेंट्रल डेटा स्टोर करता है।
कार्यप्रणाली
:
डेवलपर अपडेट करता है और चेंजेस मास्टर को बताता है।
सभी चेंजेस मास्टर से साझा होते हैं।
डिस्ट्रिब्यूटेड कंट्रोल सिस्टम
स्थानीय डिपॉजिटरी
:
इसमें एक मास्टर और लोकल डिपॉजिटरी होती है।
लोकल डिपॉजिटरी सिस्टम की मेमोरी में होती है।
कार्यप्रणाली
:
मास्टर से डेटा खींचा जाता है।
डेवलपर्स स्थानीय डिपॉजिटरी से काम करते हैं।
यदि मास्टर डेमेज हो जाता है, तो लोकल डिपॉजिटरी सुरक्षित रहती है।
सेंट्रलाइज्ड और डिस्ट्रिब्यूटेड कंट्रोल सिस्टम में अंतर
सादगी
:
सेंट्रलाइज्ड सिस्टम सरल और समझने में आसान है।
सभी डेटा एक स्थान पर होता है।
जटिलता
:
डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम में चेंजेस के लिए ज्यादा प्रक्रियाएँ होती हैं।
अपडेट्स लोकल डिपॉजिटरी से होते हैं।
इंटरनेट की आवश्यकता
:
सेंट्रलाइज्ड सिस्टम को इंटरनेट की आवश्यकता होती है।
डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम ऑफलाइन भी काम कर सकता है।
डेटा करप्शन का असर
:
सेंट्रलाइज्ड सिस्टम में डेटा करप्शन से पूरी प्रणाली प्रभावित होती है।
डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम में लोकल डिपॉजिटरी बचाव का कार्य करती है।
निष्कर्ष
प्रभावी उपयोग
:
वर्तमान में हम डिस्ट्रिब्यूटेड कंट्रोल सिस्टम का उपयोग करते हैं।
वीडियो का समापन
:
आगे और जानकारी और इंस्टॉलेशन की प्रक्रिया बताई जाएगी।
धन्यवाद!
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