लाइब्रेरी और शिक्षा आयोग के नोट्स

Aug 5, 2024

लाइब्रेरी और शिक्षा आयोग पर व्याख्यान नोट्स

स्थापना और आयोग

  • राधा कृष्णन आयोग (शिक्षा आयोग) 1948 में स्थापित हुआ।
  • लाइब्रेरी एडवाइजरी कमेटी 1957 में बनी, अध्यक्ष केपी सिन्हा
  • रंगनाथन कमेटी 1957 में बनी, यह अकादमिक लाइब्रेरी से संबंधित थी।
  • मुदालियर आयोग 1952 में माध्यमिक शिक्षा से संबंधित।

लाइब्रेरी डेवलपमेंट प्लान

  • भारत के लिए लाइब्रेरी डेवलपमेंट प्लान डॉक्टर एस रंगनाथन द्वारा तैयार किया गया, प्रकाशित 1948 में।

ग्रंथों का संग्रह

  • रंगनाथन कमेटी ने सार्वजनिक पुस्तकालयों को ग्रंथों का गति हीन संग्रह कहा।

आयोगों का गठन

  • सलर आयोग 1917 में गठित हुआ।
  • मुदालियर आयोग 1952 में बना।
  • कोठारी आयोग 1966 में गठित हुआ।

भारतीय पुस्तकालय आंदोलन

  • भारतीय पुस्तकालय आंदोलन का जनक डॉक्टर एस रंगनाथन को माना जाता है।

लाइब्रेरी की भूमिका

  • "लाइब्रेरी हर संस्थान का हृदय है" - डॉक्टर एस राधाकृष्णन

विभिन्न आयोगों के उद्देश्य

  • मुदालियर आयोग और कोठारी आयोग अकादमिक लाइब्रेरी के लिए बने थे।
  • राधाकृष्णन आयोग 1948 में बना, जबकि मुदालियर आयोग 1952 में।

ग्रंथालय अधिनियम

  • भारत के कई राज्यों में ग्रंथालय अधिनियम पारित हो चुके हैं।
  • तमिलनाडु में 1948 में सबसे पहले पुस्तकालय अधिनियम पारित हुआ।

पुस्तकालय संघों की स्थापना

  • आंध्र प्रदेश पुस्तकालय संघ की स्थापना 1914 में हुई।
  • महाराष्ट्र पुस्तकालय संघ की स्थापना 1921 में हुई।
  • भारतीय पुस्तकालय संघ की स्थापना 12 सितंबर 1933 को हुई।

महत्वपूर्ण पुरस्कार और योगदान

  • मार्गरेट मान अवार्ड कैटलॉगिंग और क्लासिफिकेशन में दिया जाता है।
  • कार्नेगी मेडल लाइब्रेरी एसोसिएशन द्वारा प्रदान किया जाता है।

विभिन्न प्रश्नों के उत्तर

  • भारतीय पुस्तकालय संघ के पहले अध्यक्ष रंगनाथन थे।
  • जनरल ऑफ लाइब्रेरी साइंस का प्रकाशन आईएल द्वारा किया जाता है।

आगे की तैयारी

  • सभी विद्यार्थियों को आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी जारी रखने की सलाह।
  • बिहार और दिल्ली सबोर्डिनेट सर्विस सिलेक्शन बोर्ड के लिए नोटिफिकेशन मई में जारी होने की संभावना।

समापन

  • विद्यार्थियों को लाइक, सब्सक्राइब और शेयर करने के लिए कहा गया।
  • अगले क्लास में महत्वपूर्ण प्रश्नों का हल किया जाएगा।

नोट: सभी महत्वपूर्ण जानकारी को ध्यान में रखते हुए प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार रहें।