फाइनेंशियल फ्रीडम
फाइनेंशियल फ्रीडम का मतलब कोई भी काम न करते हुए अपनी जरूरतों को पूरी करने के लिए पैसे का होना। इसे समय खरीदना भी कहते हैं।
कमाई और निवेश के विकल्प
- जेनरिक मेडिसिन: 75% ग्रॉस मार्जिन। दवा का डिस्ट्रीब्यूशन शुरू कर सकते हैं।
- पैसिव इनकम के माध्यम:
- कोर्स, डिजिटल चैनल्स (यूट्यूब, सोशल मीडिया) से कमाई।
- High-Yielding Bonds, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स, रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट्स (REITs)।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvITs)।
फाइनेंशियल फ्रीडम के लाभ
- अपना समय खरीदना: परंपरागत तरीके से नौकरी में समय बेचने के बजाय इनवेस्टमेंट और पासिव इनकम से समय खरीद सकते हैं।
- बिजनेस इन्वेस्टमेंट:
- सोलार बिजनेस, फ्लोटिंग सोलार पैनल्स।
- कोयला व्यापार और माइनिंग।
- एसेट ऑलॉकेशन, रोजमर्रा की जरूरतों को ध्यान में रखकर बिजनेस करने की सलाह।
- रोज की चीजों में निवेश जैसे डायबिटीज की दवा।
- माइनिंग और अन्य ट्रेडिंग बिजनेस में भाग लेना।
नए इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस
- हाई यील्डिंग बॉन्ड्स प्लेटफॉर्म्स: विंट वेल्थ, ग्रिप इन्वेस्ट, जिराफ, पावर अप, पर एनम आदि।
- सॉवरेन गोल्ड बांड्स: गोल्ड के कीमत की वृद्धि और 3% प्रति वर्ष का ब्याज।
- रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (REITs): कमर्शियल बिल्डिंग्स, हॉस्पिटैलिटी एसेट्स (होटल्स), विस्तृत रियल एस्टेट प्रॉपर्टीज।
- इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvITs): सड़क निर्माण और टोल कलेक्शन।
- मेडिकल सेक्टर: डायबिटीज और पेट साफ करने की दवाओं में निवेश, जेनरिक मेडिसिन का डिस्ट्रीब्यूशन।
बिजनेस की सिफारिशें
- टीम्स की महत्वपूर्ण भूमिका: संगठन और लोकल इकोसिस्टम को मैनेज करना।
- ग्राउंड लेवल की समस्याओं का समाधान: कोयला व्यापार, ट्रेडिंग बिजनेस।
- अपनी स्किल्स पर काम करना: AI, डिजिटल कंटेंट क्रिएशन, सोशल मीडिया प्रजेंस।
- अपॉर्चुनिटी: सरकार की स्थिरता और इंटरनेशनल इन्वेस्टमेंट प्लान्स के कारण, अगला 20 साल भारत में अपॉर्चुनिटी का समय।