तो स्फेरिकल वेवफ्रंट हमेशा आप समझ जाइएगा पॉइंट सोर्स के लिए होता है किसी भी वेव फ्रंट का हर एक पॉइंट एक सोर्स ऑफ लाइट की तरह बिहेव करता है बेटा कोई भी ऐसा लाइट सोर्स जिनके बीच में फेज डिफरेंस जीरो या कांस्टेंट हो उसको कोहेरेंट सोर्स कहा जाता है तो मैक्सिमम मिमा का मतलब क्या है जहां पर कंस्ट्रक्टिव इंटरफेरेंस होता है लाइट की इंटेंसिटी मैक्सिमम होती है उसको मैक्सिमा बोलते हैं इंटेंसिटी का फार्मूला आया i1 + i2 + 2 √ i1 i2 क फ और देख लो सारा खेल इसी टर्म का है कि फेज डिफरेंस इवन मल्टीपल ऑफ फ और पाथ डिफरेंस n लडा के बराबर अगर है तो वो कंस्ट्रक्टिव इंटरफेरेंस वो मैक्सिमा की कंडीशन बेटा होती है इंटेंसिटी सेम हो मेरे प्यारे बच्चों तो रिजल्टेंट इंटेंसिटी होती है 4 आन क स् फ / 2 के बराबर राइट हाय एवरीवन वेलकम टू दिस अमेजिंग प्लेटफॉर्म ऑफ फिजिक्स वाला दिस इज शैलेंद्र पांडे योर फिजिक्स एजुकेटर माइंड मैप सीरीज में आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है मेरे प्यारे बच्चों आज के इस सेशन में हम लोग वेव ऑप्टिक्स चैप्टर का माइंड मैप करने वाले हैं यानी आपके दिमाग में वेव ऑप्टिक्स वाले इस पूरे चैप्टर की समरी को लाइन बाय लाइन है ना टॉपिक बाय टॉपिक आपके दिमाग में सेट करने वाले हैं तो यह जो लेक्चर है ये न्यूमेरिकल पॉइंट ऑफ व्यू से बहुत ही तड़ा लेक्चर है इससे आपको पूरा चैप्टर रिवाइज करने में तो इजी होगा ही होगा साथ ही साथ आप उस पर बेस्ड जो न्यूमेरिकल क्वेश्चंस हैं वो न्यूमेरिकल क्वेश्चंस को भी आप कर पाएंगे देखो अगर बोर्ड एग्जामिनेशंस की बात किया जाए अगर 70 में से बोर्ड एग्जामिनेशन में बेटा लगभग 28 29 या मोटा-मोटा मान ले 30 मार्क्स के अगर न्यूमेरिकल आपके आने हैं तो 30 में से 15 मार्क्स के लगभग लगभग क्वेश्चंस ऐसे होते हैं जो सीधे-सीधे फॉर्मूला बेस्ड होते हैं रिमेनिंग जो 15 मार्क्स हैं उसमें से भी सात से आठ नंबर के क्वेश्चंस ऐसे होते हैं जिनमें कोई दो कांसेप्ट लग रहे होते हैं और केवल रिमेनिंग जो सात नंबर है वो थोड़े से तगड़े लेवल के क्वेश्चंस होते हैं तो एटलीस्ट आप न्यूमेरिकल क्वेश्चंस का जो मैक्सिमम पोर्शन है 15 उधर वाला और सात से आठ नंबर इधर वाला इसको आप इन लेक्चर के थ्रू बहुत इजली कर सकते हैं जो रिमेनिंग के जो सात आठ नंबर के क्वेश्चन क् आते हैं उनमें थोड़ा सा और थिंकिंग एबिलिटी चाहिए उनके लिए थोड़ा और प्रैक्टिस चाहिए लेकिन ये जो सेशन है वो न्यूमेरिकल पॉइंट ऑफ व्यू से आपकी बहुत ज्यादा हेल्प करने वाला सेशन साबित होगा अब आ जाइए आज के टारगेट्स देखते हैं आज हम लोग को इस सेशन में कौन-कौन से टॉपिक्स को बेटा कंप्लीट करना है सबसे पहले हम लोग वेवफ्रंट के बारे में पढ़ेंगे क्योंकि वेव ऑप्टिक्स की स्टार्ट ही वेवफ्रंट से ही होती है कि वेवफ्रंट क्या है फिर हाइ गंस थ्योरी की बात करेंगे जो कि वेव ऑप्टिक्स की एक समझ लो बुनियाद है यहीं से वेव ऑप्टिक्स का जन्म हुआ फिर सुपर पोजीशन प्रिंसिपल जो कक इंटरफेरेंस के केस में यूज होता है उसके बाद इंटरफेरेंस ऑफ लाइट और डिफ्रैक्ट ऑफ लाइट ये दोनों वेव नेचर को रिप्रेजेंट करने वाले फेनोमेना है इनके बारे में भी आज की ही इस सेशन में हम लोग बात करेंगे देखो ये चैप्टर बेटा एक ऐसा चैप्टर है जिसमें आप लोगों को जनरली बहुत प्रॉब्लम्स होती हैं क्योंकि रे ऑप्टिक्स तो आप बचपन से पढ़ रहे हो ना 10थ क्लास से ही आप रे ऑप्टिक्स पढ़ रहे हो लेकिन वेव ऑप्टिक्स एक ऐसा कांसेप्ट है एक ऐसी चीज है जिसको आपने सबसे पहली बार अभी यानी कि क्लास 12थ में ही पढ़ रखा है राइट तो आ जाइए आपको इसको मैं डिटेल में बहुत अच्छे से आपको समझाता हूं सब लोग बस समझने की कोशिश करिएगा जो मैं बताऊंगा राइट अगर हम लोग बेटा किसी भी वेव की बात करते हैं जैसे लाइट जो है वो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक ट्रांसवर्स वेव है तो लाइट जब प्रोपेट होती है किसी मीडियम में तो वहां इलेक्ट्रिक फील्ड और मैग्नेटिक फील्ड का वाइब्रेशन हो रहा होता है यानी कि यहां पर हम लोग भी वेव्स की सबसे पहले बात कर रहे हैं अगर किसी भी वेव की बात करो तो वेव का ग्राफ हम लोग कुछ इस तरीके से बना करके दिखाते हैं वेव क्या है वेव एक तरीके का डिस्टरबेंस है जो किसी भी मीडियम में क्रिएट होता है वेव अगर आगे की तरफ बढ़ रही होती है तो मीडियम के जो पार्टिकल्स हैं वो वाइब्रेट हो रहे होते हैं वो डिस्टर्ब हो रहे होते हैं लाइक दिस और लाइक दिस यानी कि वेव के परपेंडिकुलर डायरेक्शन में मीडियम के जो पार्टिकल्स हैं वो वाइब्रेट हो रहे होंगे किसी भी ट्रांसवर्स वेव में और लाइट हमारा ट्रांसवर्स वेव होता है इसलिए यहां पर इस तरीके का वाइब्रेशन आपको इस तरीके का एक वाइब्रेशन जो है वो शो किया गया है यानी कि वेव हमारा इधर की तरफ जा रहा है जबकि पार्टिकल्स जो है वो इस तरीके से वाइब्रेट कर रहे हैं अब यहां पर जो सबसे ऊपर वाला पोजीशन होता है बेटा उन्हें क्रस्ट बोलते हैं सबसे नीचे वाला जो पोजीशन है उनको ट्रो बोलते हैं या ट्रफ भी बोलते हैं तो क्रस्ट एंड ट्रफ के बारे में आप लोगों ने क्लास 11थ में जरूर पढ़ा होगा ठीक है ऊपर वाला पोजीशन क्रस्ट कहलाता है और नीचे वाला जो पोजीशन है वो ट्रो कहलाता है अगर हम लोग क्रस्ट की बात करें तो क्रस्ट वो पोजीशन है जो कि पार्टिकल के मैक्सिमम डिस्प्लेसमेंट वाला पोजीशन है राइट सिमिलरली ट्रो जो है वो पार्टिकल्स के मिनिमम डिस्प्लेसमेंट वाला जो है पार्टिकल है यानी - ए पर जब पार्टिकल होता है सबसे नीचे मैक्सिमम डिस्प्लेसमेंट पर जब पार्टिकल होता है तो वो हमारा ट्रो पोजीशन कहलाता है राइट यानी अगर आप इन वेव्स में सारे उन पार्टिकल्स की पोजीशंस को जॉइन कर दो जो क्रस्ट पर है ध्यान से देखो ये ब्लू लाइन से उन सारे पार्टिकल्स की पोजीशंस को जॉइन किया गया है जो हमारे मैक्सिमम पोजीशन पर है सिमिलरली ये भी सिमिलरली ये भी तो इसी को बेटा वेवफ्रंट कहा जाता है व्हाट इज वेवफ्रंट वेवफ्रंट इज द लोकस ऑफ ऑल दोज पार्टिकल्स व्हिच आर इन सेम फेज ऑफ वाइब्रेशन अगर किसी भी वेव इक्वेशन की बात किया जाए मेरे प्यारे बच्चों तो वेव इक्वेशन को आप लोगों ने क्लास 11थ में पढ़ रखा है y = a ओमेगा t - kxx79 होता है बेटा मैक्सिमम डिस्प्लेसमेंट इन आइर साइड ऑफ़ द मीन पोजीशन यानी कि अगर यह मीन पोजीशन है तो मीन पोजीशन से मैक्सिमम कितना पार्टिकल ऊपर जाएगा या मैक्सिमम कितना वो नीचे जाएगा उसी डिस्प्लेसमेंट को ही हम लोग एंप्लीट्यूड का नाम देते हैं सा के अंदर ये जो कुछ भी लिखा है ऑब् वियस है वो एंगल वाली चीज होगी इसी एंगल वाले टर्म को इसी ओमेगा t - kx2 का नाम देते हैं राइट तो कभी कोई पूछे भाई फेज क्या है तो आप कह सकते हो किसी भी वेव इक्वेशन में सा के अंदर जो एंगल लिखा होता है वही एंगल फेज को रिप्रेजेंट कर रहा होता है फेज के बारे में मैं आपको एक चीज बताऊं तो फेज सिर्फ दो चीजें बताता है सबसे पहला पार्टिकल कहां है ठीक है वेव में जो फेज होता है वह सबसे पहले आपको क्या बताता है पार्टिकल कहां है व्हाट इज द पोजीशन ऑफ द पार्टिकल और दूसरा बेटा बताता है कि पार्टिकल किधर जा रहा है किधर जा रहा है है ना दो चीजों को दो चीजों को रिप्रेजेंट करने का काम यह करता है फेज है ना पार्टिकल कहां है और दूसरा चीज है बेटा पार्टिकल किधर जा रहा है दो चीजों को रिप्रेजेंट करने का काम फेज करता है ये जो y है दिस y रिप्रेजेंट्स डिस्प्लेसमेंट ऑफ द पार्टिकल y जो है वो डिस्प्लेसमेंट ऑफ पार्टिकल को रिप्रेजेंट कर रहा है या जो भी चीज वाइब्रेट हो रही है अगर मैं लाइट की बात करूं तो लाइट के केस में बेटा लाइट जब इधर जाता है तो इलेक्ट्रिक फील्ड वाई डायरेक्शन में वाइब्रेट हो रहा है मैग्नेटिक फील्ड z डायरेक्शन में वाइब्रेट हो रहा है तो ये बात समझ लो इलेक्ट्रिक फील्ड के लिए किया जा रहा है और मैग्नेटिक फील्ड के लिए किया जा रहा है ठीक है तो y क्या है y इज द डिस्प्लेसमेंट ऑफ द पार्टिकल और इलेक्ट्रिक फील्ड और वी कैन से मैग्नेटिक फील्ड तो मेरे प्यारे बच्चों y डिस्प्लेसमेंट हो गया a मैक्सिमम डिस्प्लेसमेंट यानी एंप्लीट्यूड हो गया है ओमेगा t - kx2 कहलाता है अब इसके अंदर घुसते हैं यानी ओमेगा की बात करते हैं ओमेगा जो है वो एंगुलर फ्रीक्वेंसी होती है जिसका फार्मूला 2pf भी होता है या इसी ओमेगा को 2 पा / t ऐसा भी लिखा जा सकता है f का मतलब है फ्रीक्वेंसी फ्रीक्वेंसी का मतलब होता है नंबर ऑफ वेव्स पर यूनिट टाइम यानी पर सेकंड कितनी नंबर ऑफ वेव्स जनरेट हो रही है दैट इज फ्रीक्वेंसी कैपिटल d का मतलब होता है टाइम पीरियड और ये जो k यहां पर है इस k को बोलते हैं प्रोपो केशन कांस्टेंट या इसी को वेव नंबर भी कहा जाता है k का मतलब होता है 2 पा / लडा लडा का मतलब होता है बेटा वेवलेंथ और वेवलेंथ का मतलब होता है दो सक्सेसिव क्रस्ट या दो सक्सेसिव ट्रफ्स के बीच का जो डिस्टेंस है है वो वेवलेंथ कहलाता है या किसी एक वेव की जो लेंथ है वो वेवलेंथ कहलाती है एक वेव की लेंथ का मतलब है जैसे वेव ने यहां से चलना शुरू किया है ठीक है तो वेव का एक लेंथ यहां पर बेटा कंप्लीट होगा देखो एक क्रस्ट और एक ट्रफ मिलाकर यहां पर इसका एक लेंथ कंप्लीट होगा तो एक लेंथ में यानी एक टाइम पीरियड में वेव कितना डिस्टेंस आगे बढ़ जाएगा इसी को वेवलेंथ कहा जाता है राइट तो आई थिंक आपको लैडा भी पता चल गया होगा विजिबल लाइट के लिए वेवलेंथ 4000 से 7000 अंगस्ट्रोम होता है यह भी आप लोग को प होता है तो आई थिंक जो वेव के बारे में बेसिक आईडिया आपको होना चाहिए वह बेसिक आईडिया मैंने आपको दे दिया बाकी और जो आएगा वह डिटेल में मैं आपसे और ज्यादा बात यहां पर करने वाला हूं तो वेवफ्रंट क्या था भाई वेवफ्रंट इज डिफाइंड एज लोकस ऑफ ऑल द पार्टिकल्स व्हिच आर वाइब्रेटिंग इन सेम फेज जैसे आप लोगों ने इलेक्ट्रिक फील्ड वाले चैप्टर में स्टार्टिंग पहले चैप्टर में आपने पढ़ा था ना इक्विपोटेंशियल सरफेस सेकंड चैप्टर में पढ़ा था इक्वि पोटेंशियल सरफेस यानी ऐसा सरफेस जिस पर पूरी सरफेस पर पोटेंशियल सेम हो बिल्कुल उसी तरीके से ऐसा सरफेस ऐसा प्लेन जिस पर पूरे पर फेज की वैल्यू सेम हो उसको हम लोग वेव फ्रंट कहते हैं द परपेंडिकुलर लाइन ड्रॉन एट एनी पॉइंट ऑन द वेव फ्रंट रिप्रेजेंट्स द डायरेक्शन ऑफ प्रोपेगेशन ऑफ द वेव एट दैट पॉइंट एंड इज नोन एज लाइट रे तो कहने का मतलब ये है कि वेव फ्रंट जो है वो हमेशा लाइट रे के परपेंडिकुलर होता है जैसे आपने पढ़ा था इक्विपोटेंशियल सरफेस जो है वो इलेक्ट्रिक फील्ड लाइन के हमेशा परपेंडिकुलर होता है बिल्कुल उसी तरीके से वेवफ्रंट जो है वो लाइट रेज के परपेंडिकुलर होता है राइट अब वेवफ्रंट के बेटा टाइप्स की बात कर ले तो वेवफ्रंट बेसिक अगर बताएं आपके सिलेबस में तो तीन तरह का है पहला है स्फेरिकल वेवफ्रंट दूसरा है सिलेंडर कल वेवफ्रंट और तीसरा है प्लेनर वेवफ्रंट ठीक है अगर ऑब्जेक्ट हमारा एक पॉइंट सोर्स हो अगर ऑब्जेक्ट जो है वो आपका एक पॉइंट सोर्स हो ठीक है यानी एक पॉइंट सोर्स है तो इससे जो लाइट रेज होंगी बेटा वो हर डायरेक्शन में निकलेंगी हर तरफ लाइट रेज निकल रही होंगी ठीक है तो इसके लिए जो वेवफ्रंट आप बनाएंगे दैट वेवफ्रंट विल बी स्फेरिकल वेव फ्रंट यानी इसको सेंटर मानकर एक सर्टेन रेडियस का अगर मैं एक स्फीयर बना दूं तो वही कहलाएगा स्फेरिकल वेव फ्रंट तो मैं आपको यहां पर बताऊं अगर एक पॉइंट सोर्स है अगर पॉइंट सोर्स है तो लाइट रे बेटा हर डायरेक्शन में निकलेगा लाइक दिस हर डायरेक्शन में लाइट रेज निकल रही होंगी देखो हर पॉसिबल डायरेक्शन में ऐसा और इसके लिए जो वेव फ्रंट होगा दैट वेव फ्रंट विल बी स्फेरिकल वेवफ्रंट तो इस स्फेरिकल वेवफ्रंट हमेशा आप समझ जाइएगा पॉइंट सोर्स के लिए होता है स्फेरिकल वेव फ्रंट सिंपल सी बात है स्फेरिकल वेवफ्रंट बिलोंग टू पॉइंट सोर्स जबी भी पॉइंट सोर्स होगा वेवफ्रंट कैसा होगा बेटा स्फेरिकल होगा ठीक है जैसे सिंगल आइसोलेटेड चार्ज के लिए इक्विपोटेंशियल सरफेस कैसा था याद करो स्फेरिकल राइट अब बात आई सर अगर कोई लीनियर हो जाए तब यानी कि अगर हमारा जो सोर्स ऑफ लाइट है वो ट्यूब लाइट के जैसा हो लीनियर सोर्स ऑफ लाइट हो तब क्या होगा तो अगर इस तरीके का है लीनियर सोर्स है तो उससे लाइट रे देखो हर डायरेक्शन में ऐसे ऐसे निकल रही होगी इधर की तरफ लाइट रेज निकल रही होंगी ऐसे ही बेटा इधर की तरफ भी लाइट रेज निकल रही होंगी लाइक दिस यह लाइट रेज का डायरेक्शन हो गया अब इसके लिए अगर आप वेव फ्रंट बनाओगे आप सोचो इन सभी लाइट रेज के परपेंडिकुलर अगर अपने को बनाना है तो वो वेव फ्रंट से सिलेंडर कल शेप का होगा बेटा सिलेंडर कल शेप का होगा तो यह आपका बन जाएगा सिंड्रेल वेव फ्रंट क्लियर है दिस विल बिकम सिलेंडर कल वेवफ्रंट सिलेंडर कल वेव फ्रंट और तीसरी कंडीशन बेटा यह है कि अगर हमारा लाइट सोर्स जो है वो इनफिनिटी पर है लाइट सोर्स अगर बहुत ज्यादा दूर है तो वहां से आने वाली जो लाइट रेज होती है वो पैरेलल टू धर हो जाती है राइट यानी कि अगर ऑब्जेक्ट हमारा जो लाइट सोर्स है अगर वो इनफिनिटी पर है तो लाइट रेज जो है वो पैरेलल टू इच अदर हो जाएगी और इस कंडीशन में अगर आपसे कोई बोले कि भाई वेवफ्रंट बनाओ तो दैट वेव फ्रंट शुड बी अ प्लेनर वेव फ्रंट ऐसा जो वेव फ्रंट होगा बेटा वह प्लेनर वेव फ्रंट होगा लाइक दिस ठीक है तो यह हो गया हमारा प्लेन वेव फ्रंट या प्लेनर वेव फ्रंट प्लेनर वेवफ्रंट जो है बेटा उसको मैं किसी बहुत बड़े से ध्यान से सुनना किसी बहुत बड़े से स्फेरिकल या सिलिंडर कल वेवफ्रंट का एक छोटा सा पार्ट भी मैं मान सकता हूं तो प्लेन वेवफ्रंट कैन बी कंसीडर्ड एज अ स्मॉल पार्ट ऑफ स्फेरिकल और सिलेंडर कल वेवफ्रंट जरा इमेजिन करो किसी बहुत बड़े से स्फीयर का एक छोटा सा पार्ट काट के अगर ले आओगे ना तो वो भी बिल्कुल प्लेन की ही तरह होगा जैसे हमारा अर्थ अर्थ हमारा बहुत बड़ा स्फीयर होता है ठीक तो अर्थ का अगर एक छोटा सा पार्ट हम लोग कंसीडर करके करके देखें तो वो छोटा सा पार्ट हमेशा प्लेन दिखाई पड़ता है जिस प्लेन पर हम लोग चलते हैं रहते हैं अपना घर बनाते हैं हम लोग को तो पूरा अर्थ कभी भी स्फेरिकल फील ही नहीं हुआ क्यों क्योंकि इसका रेडियस बहुत बड़ा है तो जब बेटा रेडियस बहुत बड़ा होता है इन दोनों केसेस में तो इनका छोटा सा जो पार्ट है वही प्लेनर वेवफ्रंट कहलाता है तो अल्टीमेटली यहां पर मैंने आपको लॉजिक क्या सिखाया लॉजिक ये मैंने आपको सिखाया कि अगर पॉइंट सोर्स है अगर पॉइंट सोर्स है तो बेटा लाइट रे हर पॉसिबल डायरेक्शन में निकलेगी और वो वेवफ्रंट हमारा कैसा होगा दैट विल बी अ स्फेरिकल वेवफ्रंट अगर लाइन सोर्स होगा जैसा ट्यूबलाइट होता है तो उससे भी लाइट रे हर पॉसिबल डायरेक्शन में निकलेगी परपेंडिकुलर टू दैट लाइन सोर्स तो इस वजह से सिलेंडर कल वेवफ्रंट बनेगा और अगर हमारा सोर्स एट इंफिनिटी हो अगर सोर्स एट इंफिनिटी हो यानी कि लाइट सोर्स जो है अगर वो इंफिनिटी पर हो तो आने वाली लाइट रेज पैरेलल टू ईच अदर हो जाएंगी और इस तरीके का प्लेन वेवफ्रंट मेरे प्यारे बच्चों फॉर्म हो जाएगा तो यहां पर यही चीज़ आपको बताया गया है कि अगर पॉइंट सोर्स है तो स्फेरिकल वेवफ्रंट लाइन सोर्स है तो सिलेंडर वेवफ्रंट और अगर स्मॉल पार्ट ऑफ़ द वेवफ्रंट है तो वह प्लेन वेवफ्रंट कहलाता है या ऑब्जेक्ट हमारा इंफिनिटी पर अगर हो तो लिखा हुआ है देखो एट इंफाइटिंग होंगे कई बार इन वेवफ्रंट्स का बेटा बिहेवियर भी पूछा जाता है कि इनका बिहेवियर लेंस के साथ प्रिज्म के साथ मिरर के साथ कैसा होगा तो उसको एक बार आप लोग अच्छे से रिवाइज करिएगा अब आ जाते हैं वेव नेचर ऑफ लाइट के बारे में देखो लाइट एक ऐसा एनर्जी है है ना एनर्जी का एक फॉर्म है जिसके पास पार्टिकल नेचर भी है जिसके पास वेव नेचर भी है तो लाइट के वेव नेचर को सबसे पहले एक्सप्लेन करने का काम हाइगर साहब ने किया था हाइगर साहब ने यह कहा था भाई किसी भी वेवफ्रंट का हर एक पॉइंट किसी भी वेव फ्रंट का हर एक पॉइंट एक सोर्स ऑफ लाइट की तरह बिहेव करता है जैसे अगर मान लो ये एक वेव फ्रंट है तो उनका मतलब यह था कि इस वेवफ्रंट का यह जो पॉइंट है यह भी एक सोर्स ऑफ एनर्जी है और क्योंकि यह एक पॉइंट सोर्स है भाई एक पॉइंट है तो यह ओबवियस है पॉइंट सोर्स होगा तो इस पॉइंट सोर्स से जो वेवफ्रंट क्रिएट होगा वो स्फेरिकल वेवफ्रंट होगा सिमिलरली बेटा इस वेवफ्रंट का ये वाला जो पॉइंट है ये भी एक सोर्स है तो ये भी स्फेरिकल वेवफ्रंट क्रिएट करेगा ये वाला जो पॉइंट है ये भी एक सोर्स है इसलिए ये भी एक वेवफ्रंट क्रिएट करेगा अब अगर मुझे मैं ध्यान से समझूं देखो ये वेवफ्रंट था हमारा जिसका नाम है ए राइट अब अगर हमें फर्द नया वेव फ्रंट चाहिए तो नए वेव फ्रंट के लिए आपको क्या करना पड़ेगा यहां पर सेम सेम फेज वाले पार्टिकल्स को या पॉइंट्स को जॉइन करना पड़ेगा तो देखो ये वाला ये वाला और ये वाला ये तीनों ही ऐसे हैं जो भैया एक्सट्रीम कंडीशंस पर है है ना तो ये एक नया वेव फ्रंट बेटा मिल गया तो इसका मैं नाम लिख सकता हूं a ड बी ड तो यहां पर हम लोग लिख सकते हैं कि दिस एड बी ड इज न्यू वेवफ्रंट a ड बड हमारा कैसा है बेटा इट इज न्यू वेव फ्रंट यानी कि ये जो थ्योरी है है ना ये जो हाइगेंस थ्योरी है हाइगेंस थ्योरी क्या कहती है किसी भी वेव फ्रंट का किसी भी वेव फ्रंट का हर एक पॉइंट खुद में एक लाइट सोर्स की तरह बिहेव करता है और इन पॉइंट से जो अ सेकेंडरी वेव्स निकलती हैं वो वेव्स हर पॉसिबल डायरेक्शन में ट्रेवल करती हैं विद द स्पीड ऑफ लाइट तो कहने का मतलब है अगर ये एक इंसीडेंट वेवफ्रंट है तो इस वेवफ्रंट का हर एक पॉइंट खुद में एक लाइट सोर्स है जिससे ढेर सारी लाइट रेज हर पॉसिबल डायरेक्शन में देखो लाइट रे अगर मैं दिखाऊं तो इससे लाइट रे इधर भी निकलेगी इधर भी निकलेगी इधर भी निकलेगी ठीक है इधर भी निकलेगी इधर भी जाएगी लाइट रे हर पॉसिबल डायरेक्शन में बेटा इससे ट्रेवल कर रही होगी ठीक है बिल्कुल इसी तरीके से यहां भी लाइट रे जो है हर पॉसिबल डायरेक्शन में ट्रेवल कर रही होगी यही कारण है कि अगर एक रूम में किसी एक कोने में अगर आप एक बल्ब भी जलाते हो हो तो वो लाइट पूरे रूम में फैल जाती है क्योंकि ये नए-नए वेव फ्रंट्स ऐसे बनते रहेंगे ठीक है अब ए वाले वेवफ्रंट से नया वेवफ्रंट बन गया हमारा a'b ' अब इस a'b ' वेव फ्रंट का हर एक पॉइंट फिर से एक लाइट सोर्स की तरह बिहेव करेगा बेटा तो एक नया वेवफ्रंट बनेगा फिर से उसका हर एक पॉइंट नए सोर्स की तरह बिहेव करेगा तो एक नया वेवफ्रंट बनेगा तो अल्टीमेटली जो वेवफ्रंट था ना इस तरीके का ए वो वेवफ्रंट ऐसे ऐसे ऐसे ऐसे आगे की तरफ जो है वो बढ़ता चला जाएगा ठीक है तो इस तरीके से से लाइट का प्रोपेगेशन होता रहता है सर क्या ये हमेशा इसी तरीके के वेव फ्रंट में होगा सर प्लेनर वेवफ्रंट में ही होगा नहीं बेटा हर वेवफ्रंट की बात है जैसे मान लो ये हमारा एक स्फेरिकल वेवफ्रंट है लेट अस सपोज इट इज स्फेरिकल वेवफ्रंट है ना इस वेवफ्रंट का हर एक पॉइंट भी सोर्स ऑफ लाइट की तरह बिहेव करेगा ये भी एक सोर्स ऑफ लाइट है तो इससे भी एक स्फेरिकल वेवफ्रंट क्रिएट हुआ ये भी एक सोर्स ऑफ लाइट है इससे भी एक स्फेरिकल वेवफ्रंट क्रिएट हुआ ये भी एक सोर्स ऑफ लाइट है इससे भी स्फेरिकल क्रिएट हुआ यह भी एक सोर्स ऑफ लाइट है इससे भी स्फेरिकल वेवफ्रंट जो है वो क्रिएट हो गया राइट तो हमारा प्रीवियस वेवफ्रंट था ए इस ए का हर एक पॉइंट एक सोर्स की तरह बिहेव किया तो एक नए-नए वेव फ्रंट्स क्रिएट हो गए हैं अब अगर हमें फर्द नया वेव फ्रंट चाहिए तो उसके लिए हमें क्या करना पड़ेगा सेम फेज वाले सारे पार्टिकल्स को जॉइन करना पड़ेगा तो सेम फेज वाला यह है यह है यह है यह है इन सबको बेटा आए जॉइन करते हैं जैसे आप जॉइन करेंगे तो इस वेव फ्रंट के पैरेलल एक नया वेव फ्रंट आपको और मिल जाएगा जिसका नाम मैं लिख रहा हूं a ड बी ड तो देखो नया वेवफ्रंट मिल गया अब इस नए वेवफ्रंट का हर एक पॉइंट बेटा फिर से लाइट सोर्स की तरह बिहेव करेगा तो एक नया वेवफ्रंट मिलेगा उसका हर एक पॉइंट जो है वो फिर से वेव सोर्स की तरह बिहेव करेगा तो एक नया वेव फ्रंट मिलेगा तो कहीं पर आप एक सिंगल पॉइंट सोर्स भी अगर पूरे रूम में रखोगे तो इस रूम इस पॉइंट से इस ट्यूब लाइट से इस बल्ब से लाइट रे या वेव फ्रंट्स देखो ऐसे-ऐसे वेव फ्रंट जो है निकलते रहेंगे निकलते रहेंगे निकलते रहेंगे निकलते रहेंगे और पूरे कमरे में पूरे आपके उस रूम में जो लाइट रेज हैं जो वेव फ्रंट्स हैं वो बेटा फैल जाएंगे आई होप आपको यह बात समझ में आई होगी आइए पॉइंट्स को पढ़ते हैं हाइगेंस प्रिंसिपल इज द बेसिस ऑफ द वेव थ्योरी ऑफ़ द लाइट इट टेल्स हाउ अ वेव फ्रंट प्रोपेट थ्रू अ मीडियम कि किसी भी मीडियम में वेवफ्रंट आखिर कैसे प्रोपेगेशन करता है अकॉर्डिंग टू हाइगेंस प्रिंसिपल ईच पॉइंट ऑन द वेव फ्रंट इज सोर्स ऑफ सेकेंडरी वेव्स ठीक है प्राइमरी तो वो हो गई ना जहां से मेन जो सोर्स ऑफ लाइट है दैट इज प्राइमरी सोर्स उसके बाद वेव फ्रंट का हर एक पॉइंट खुद में एक सोर्स ऑफ लाइट है तो उसको नाम दिया गया सेकेंडरी वेव सोर्स है ना तो ये देखो सेकेंडरी वेव्स वहां से जनरेट हो रही होंगी व्हिच ऐड अप टू गिव वेव फ्रंट एट एनी लेटर टाइम यानी किसी बाद वाले समय में अगर आप उन्हीं को ऐड करते जाओगे तो आपको नए-नए वेवफ्रंट्स ये नया वेवफ्रंट ये वाला नया वेवफ्रंट ऐसे-ऐसे आपको नए-नए वेवफ्रंट्स मिलते चले ले जाएंगे ये हाइगेंस कंस्ट्रक्शन है बेटा ये आपको आना चाहिए बनाना आप लोगों से कई बार पूछा जाता है अब यहां पर ये जो प्रिंसिपल हमारा है हाइगर साहब की जो थ्योरी है इस थ्योरी के तीन इंपॉर्टेंट अंश हैं सबसे पहला अंपन देखो क्या है ईच पॉइंट ऑन द वेवफ्रंट एक्ट एज अ फ्रेश सोर्स ऑफ न्यू डिस्टरबेंस कॉल्ड सेकेंडरी वेव्स और वेवलेट्स ठीक है हर एक पॉइंट एक सोर्स की तरह बिहेव करेगा जो कि सेकेंडरी वेव्स क्रिएट करेगा या सेकेंडरी वेवलेट्स भी आप नाम दे सकते हैं सेकेंडरी वेव्स स्प्रेड आउट इन ऑल पॉसिबल डायरेक्शंस विद द स्पीड ऑफ लाइट इन द गिवन मीडियम यानी यह भी स्पीड ऑफ लाइट से ही ट्रेवल करेंगे हर पॉसिबल डायरेक्शंस में ट्रेवल करेंगे जिधर जिधर जा सकते हैं न्यू वेवफ्रंट एट एनी लेटर टाइम इज गिवन बाय द फॉरवर्ड एनवेलप फॉरवर्ड एनवेलप का मतलब क्या है बेटा इट इज टेंज शियल सरफेस टू दैट स्फेरिकल वेव फ्रंट्स स्फेरिकल ये जो वेव फ्रंट्स हैं इन पर टेंज मेंशियस सरफेस अगर आप बनाओगे तो यही फॉरवर्ड एनवेलप है राइट तो कह रहे हैं न्यू वेवफ्रंट एट एनी लेटर टाइम इज गिवन बाय द फॉरवर्ड एनवेलप फॉरवर्ड एनवलप मतलब क्या है टेंज शियल सरफेस इन द फॉरवर्ड डायरेक्शन ऑफ द सेकेंडरी वेवलेट्स एट दैट टाइम तो ये तीन पॉइंट्स बेटा बहुत अच्छे से आपको आने चाहिए दिस इज़ वेरी इंपॉर्टेंट देख लीजिएगा आपके एग्जाम में टू दी पॉइंट ये पूछा जा सकता है कि हाइगेंस प्रिंसिपल क्या है थोड़ा इसको एक्सप्लेन करिए राइट तो आपको ऐसे ही एक्सप्लेन करना होगा अब सबसे पहली बार वेव ऑप्टिक्स में आपके पास रिफ्लेक्शन और रिफ्रैक्ट इन दोनों का प्रूफ आता है बाय यूजिंग हाइ गंस प्रिंसिपल जो आपने वेव थ्योरी अभी पढ़ रखी है उसी वेव थ्योरी के बेसिस पर रिफ्लेक्शन रिफ्लेक्शन का प्रूफ आइए आपको दिखाता हूं रिफ्लेक्शन के केस में देखो बेटा क्या होता है कि ये लाइट रे आई ये लाइट रे आई और ये दोनों लाइट रेज पैरेलल टू ईच अदर हैं ठीक है देखो लाइट रेज का क्या होता है ये हम लोग को बहुत अच्छे से पता है कि भैया लाइट रे आएगी ये भी नॉर्मल है ये भी नॉर्मल है दोनों लाइट रेज रिफ्लेक्ट हो जाएंगी क्योंकि लाइट रेज पैरेलल आई थी तो जाने वाली लाइट रेज भी पैरेलल हो जाएगी क्यों क्योंकि ये जो रिफ्लेक्टिंग सरफेस हमारा है दिस इज अ प्लेन रिफ्लेक्टिंग सरफेस क्योंकि ये एक प्लेन मिरर जैसा है इसलिए पैरेलल आने वाली जो लाइट है वो पैरेलल ही चली जाएगी यही रेगुलर रिफ्लेक्शन भी होता है बेटा ठीक है लेकिन यहां पर लाइट रे के बेसिस पर एक्सप्लेनेशन हमें नहीं देना है हमें क्या करना है हमें वेव फ्रंट्स के बेसिस पर एक्सप्लेनेशन देना है तो सभी लोग मेरी बात को बहुत ही कंसंट्रेशन के साथ सुनेंगे वरना मामला गड़बड़ हो सकता है देखो ये जो आने वाली लाइट रे है और ये वाली जो आने वाली लाइट रे है लाइट रे के बेटा परपेंडिकुलर क्या होता है वेवफ्रंट तो ये हमने सबसे पहला वेवफ्रंट बनाया और ये वेवफ्रंट कौन सा है दिस इज इंसीडेंट वेवफ्रंट ये आने वाला वेवफ्रंट है देखो इंफाइटिंग बेटा प्लेन वेवफ्रंट तो ये प्लेन वेवफ्रंट आ रहा है जिसके इस पॉइंट का नाम b है और इस पॉइंट का नाम a है जब ये वेवफ्रंट आ रहा है बेटा तो b पॉइंट जो है वेव फ्रंट का वो मिरर पर पहले इंसीडेंट हो गया है जबकि a वाला पॉइंट अभी हवा में है ठीक है अब जब b वाला इंसीडेंट हो चुका है तो वो तो तुरंत यहां से रिफ्लेक्ट होएगा भाई है ना ये तो यहां से रिफ्लेक्ट होगा ठीक है जितने टाइम टा में ये यहां से यहां पहुंचेगा ठीक उतने ही टाइम में ये a से लेकर c तक पहुंच जाएगा मेरी बात को फिर से ध्यान से सुनना मैं क्या कहना चाहता हूं पैरेलल लाइट रेज आ रही है तो ये इंसीडेंट वेवफ्रंट है वेव फ्रंट का बी पॉइंट इंसीडेंट हो चुका है लेकिन ए वाला अभी हवा में है लेकिन ये ए वाला चलते-चलते c तक पहुंचेगा ना कुछ टाइम इसको लगेगा यहां से यहां तक पहुंचने में तो लेट अस सपोज इसको t टाइम लग गया a से लेकर c तक पहुंचने में तो बेटा इसने कितनी डिस्टेंस ट्रेवल कर लिया ध्यान से सोचना जरा c t के बराबर है ना c क्या है दैट इज स्पीड ऑफ द लाइट इन एयर या वैक्यूम कह लो कि वैक्यूम में लाइट की स्पीड c के बराबर है t टाइम लगा तो ए वाला ये जो डिस्टेंस है बेटा वो c के बराबर हो गया राइट अब जितने टाइम में वो a से c पहुंचा है सेम उतने ही टाइम में अगर आप ये वाला डिस्टेंस आप ले लो ठीक है उतने ही डिस्टेंस का एक आर्क बना दो यानी उतने ही टाइम में ये जो b वाला था वो रिफ्लेक्ट होकर कहां पहुंच जाएगा d तक पहुंच जाएगा तो बेटा ये एक वेवफ्रंट हमें मिल गया एंड दिस वेवफ्रंट इज रिफ्लेक्टेड वेव फ्रंट यानी कि इंसीडेंट वेवफ्रंट ऐसे आया था और रिफ्लेक्टेड वेवफ्रंट ऐसे जा रहा है राइट तो ये हमारा डायग्राम है डायग्राम की खूब प्रैक्टिस करो कम से कम 10 बार प्रैक्टिस करो ताकि आप इसको कभी भी मतलब कभी भी आपसे गलत नहीं होना चाहिए ठीक है क्योंकि इसके पूछे जाने के चांस बेटा बहुत ज्यादा हैं ये डेरिवेशन बोर्ड एग्जाम में इसमें से और अगला जो रिफ्रैक्ट सिखाएंगे दो में से कोई एक 100% तुम्हारे एग्जाम में आएगा इसलिए इसको बिल्कुल अच्छे से प्रैक्टिस आप कर डालिए ठीक है देखो फिर से समझा रहा हूं ये इंसीडेंट वेवफ्रंट है वेवफ्रंट का b पॉइंट पहले इंसीडेंट हो गया लेकिन a हवा में है जितने टाइम में a जो है वो c तक पहुंचेगा उतने ही टाइम में ये जो b है वो d तक पहुंच जाएगा ये भी डिस्टेंस c के बराबर ये भी डिस्टेंस c के बराबर है और अब यहां से ये लाइट रे जा रही है ये वाली लाइट रे जा रही है और ये हमारा जो है वो रिफ्लेक्टेड वेव फ्रंट हो गया ठीक अब अगर हम लोग ट्रायंगल कंसीडर कर ले ट्रायंगल b ए और ट्रायंगल सडी b ध्यान से देखो b ए और cd90 है भाई ये वेव फ्रंट है तो लाइट रे के परपेंडिकुलर ये भी वेवफ्रंट है ये भी लाइट रे के परपेंडिकुलर ठीक ये जो bcd4 बाई प्रॉपर्टी बाई कांग्रुअस r एए राइट एंगल हाइपोटेन्यूज सेम हो और कोई एक साइड सेम हो तो आरएचएस कांग्रुअस की प्रॉपर्टी होती है दोनों ट्रायंगल आपके कांग्रुअस कांग्रुअस तो एंगल abcb1 एंगल आ तो ये बेटा कितना होगा ये तो वेव फ्रंट है ना इस लाइट रे के परपेंडिकुलर होगा तो दिस एंगल विल बी 90 - i राइट अब ये नॉर्मल है और ये मिरर है तो ये वाला एंगल भी 90 है ये अगर 90 - i है तो मेरे प्यारे बच्चों ये वाला एंगल जरा आप सोच लो कितना होगा दिस एंगल इज i बिल्कुल इसी तरीके से ये r है तो ये 90 - r होगा और ये बचा हुआ जो एंगल है दिस एंगल विल बी r तो बेटा ये एंगल i हो गया ये एंगल r हो गया यहीं से प्रूफ हो गया है कि भाई एंगल i जो है वो हमारा एंगल r के बराबर होता है राइट आई होप आपको समझ में आ गया होगा ये एग्जाम में पूछा जाता है बेटा प्रैक्टिस खूब कर लेना अगला है रिफ्रैक्टाइल रिफ्रैक्ट ऑफ लाइट का मतलब तो आप सिंपल समझते हो भाई जब लाइट एक मीडियम से दूसरे मीडियम में जाती है स्पीड चेंज होती है इस वजह से लाइट का पाथ चेंज हो जाता है वो नॉर्मल की तरफ बेंड हो जाती है या फिर नॉर्मल से अवे बेंड हो जाती है इसी फेनोमेना को रिफ्रैक्ट ऑफ लाइट बोलते हैं रिफ्रैक्ट ऑफ लाइट को प्रूफ करने का मतलब है आप स्नेल्स लॉ को प्रूफ कर दो मतलब सा i / सा r अगर कांस्टेंट प्रूफ कर दोगे तो मामला चकाचक है ठीक तो आ जाइए उसी को प्रूफ करने की कोशिश करते हैं ये मान लो एक इंटरफेस है इंटरफेस कोई भी ऐसा प्लेन होता है जो दो डिफरेंट मीडियम को सेपरेट करता है ऊपर रर मीडियम है नीचे डेंसर मीडियम है रेयरर मीडियम वो होता है जिसमें लाइट की स्पीड ज्यादा हो डेंसर वो होता है जिसमें लाइट की स्पीड कम हो लेट अस सपोज ये हमारा एयर है और डेंसर मीडियम को आप वाटर कंसीडर कर सकते हो ग्लास भी कंसीडर कर सकते हो राइट तो ऊपर एयर नीचे वाटर बांध लेते हैं ये देखो आने वाली लाइट रेज है ये लाइट रे आई ये लाइट रे आई तो इन दोनों के परपेंडिकुलर बेटा यह हमारा इंसीडेंट वेव फ्रंट है यह हमारा ये हमारा क्या है दिस इज आवर इंसीडेंट वेवफ्रंट ये और वेवफ्रंट का बस एक ही डेफिनेशन है वेवफ्रंट जो है वो हमेशा लाइट रे के क्या होता है बेटा परपेंडिकुलर वेवफ्रंट ऑलवेज परपेंडिकुलर टू लाइट एक ही डेफिनेशन है ये हमारा इंसीडेंट वेवफ्रंट है अब इस वेवफ्रंट का a पॉइंट इंसीडेंट हो चुका है जबकि b अभी हवा में है तो b को c तक पहुंचने में कुछ टाइम लगेगा लेट अस सपोज t टाइम लगा और इसने कितना डिस्टेंस ट्रैवल कर लिया है v1t के बराबर कितना डिस्टेंस बेटा ट्रेवल कर लिया v1t के बराबर v1 क्यों लिख रहा हूं क्योंकि अब यहां मीडियम चेंज हो रहा है पहले वाले मीडियम में लाइट की स्पीड v1 मानते हैं दूसरे वाले मीडियम में लाइट की स्पीड v2 मान लेते हैं क्योंकि दूसरा मीडियम एयर है डेंसर मीडियम है तो ओबवियस है इस वाले मीडियम में लाइट की स्पीड कम होगी यानी कि ऑब् वियस है v1 ज्यादा है और बेटा v2 हमारा जो है वो कम है राइट तो v1t वाला ये जो डिस्टेंस है ये ज्यादा होगा राइट अब इसको क्या है इसको भी अंदर ट्रेवल करना था भाई जितने टाइम में ये यहां से यहां जाएगा तो ये भी तो कुछ मूव करेगा लेकिन दूसरे वाले मीडियम में क्योंकि स्पीड कम है तो ये कम डिस्टेंस ट्रेवल करता है इसने v2 ट्रैवल किया उसने v1t ट्रेवल किया है और मेरे प्यारे बच्चों ये हमारा रिफ्रैक्टेड वेव फ्रंट हो गया वेव फ्रंट का डेफिनेशन यहां भी फॉलो हो रहा है कि वेव फ्रंट हमेशा लाइट रे के क्या होता है परपेंडिकुलर होता है ये वेव फ्रंट लाइट रे के परपेंडिकुलर बना रहे इसी वजह से इस लाइट रे को नॉर्मल की तरफ बेंड होना पड़ा जरा सोचो कुछ बच्चे सोचेंगे सर ऐसे कैसे मान ले देखो मान लो ये लाइट रे जो आ रही है इसको आप एकदम सीधे ले जाओ भाई आपको क्या पता रिफ्रैक्ट क्या होता है हम तो प्रूफ कर रहे हैं ना भाई हमें तो नहीं पता तो तो लाइट रे मान लो एकदम ऐसे सीधे-सीधे जा रही है राइट जितने टाइम में इसने v1t ट्रेवल किया उतने ही टाइम में ये भी v2 t ट्रेवल करेगा क्लियर है सही है भाई अब जरा आप सोचो क्या अगर आप इसको वेवफ्रंट बोल रहे हो तो क्या ये एंगल आपको 90 दिख रहा है क्या ये एंगल आपको 90 दिख रहा है नहीं ये एंगल तो 90 से बड़ा दिखाई पड़ रहा है अगर ये एंगल 90 से बड़ा दिखाई पड़ रहा है तो आखिर क्या तरीका है कि ये एंगल 90 के बराबर हो जाए क्योंकि वेव फ्रंट तो हमेशा लाइट रे के परपेंडिकुलर होता है इसको तो 90 करना पड़ेगा 90 करने का एक ही तरीका है क्या कि ये वाली जो लाइट रे है इस लाइट रे को आप थोड़ा सा बेंड कर दो टुवर्ड्स द नॉर्मल जैसे ही बेंड होगा अब ये एंगल बेटा कितना हो गया नाउ दिस एंगल इज 90 तो ये डायग्राम की खूब प्रैक्टिस करो जैसे ये एंगल i था ये वाला भी हमारा एंगल i हो जाएगा सिमिलरली ये वाला r है तो ये हमारा बेटा 90 - r हो जाएगा ये एंगल 90 है ही है तो ये रिमेनिंग एंगल जो है ट्रायंगल का वो r के बराबर हो जाएगा ट्रायंगल के तीनों एंगल्स 180 के बराबर होते हैं सम है ना तो ये अगर r है तो ये 90 - r होगा ये 90° है तो ये 90 ये 90 - r 180 में सबै करो दोनों को r आ जाएगा तो ये एंगल i हो गया ये एंगल r हो गया अब यहां से इस वाले ट्रायंगल abc2 bc1 हाइपोटेन्यूज है वो हमारा bc-c के बराबर है ये जो bcc950 के बराबर है बेटा दैट इज इक्वल टू v1t / बा ए सिमिलरली sinc-sind t / v2 t आएगा ये देखो t से t भी कटेगा अल्टीमेटली sins.com सारा खेल डायग्राम का है डायग्राम को बहुत बार प्रैक्टिस करिए बना बना करके बहुत प्यारा डायग्राम आपके बोर्ड एग्जाम में बनना चाहिए और मैं बता रहा हूं बेटा आएगा जरूर ये बात ध्यान रखना राइट अब आ जाओ सीधे-सीधे इंटरफेरेंस की तरफ बढ़ते हैं तो वेव्स की एक प्रॉपर्टी होती है जिसका नाम है सुपरपोजिशन ऑफ वेव्स क्लास 11थ में भी आप लोगों ने पढ़ रखा है कि सुपरपोजिशन ऑफ वेव्स क्या होता है सुपरपोजिशन का मतलब है कि जब एक साथ किसी मीडियम में दो या दो से ज्यादा वेव्स चल रही हो ये मान लो पहला वेव है ठीक ये मान लो दूसरा वेव है ठीक है दो वेव्स एक साथ मीडियम में अगर चल रही हो तो दोनों जब एक साथ चल रही होंगी तो ये जो दोनों वेव्स हैं ये सुपर पोज करेंगी यानी कि जब ये दोनों वेव्स एक ही प्लेस पर आ जाएंगी तो इससे क्या होगा वेव्स का ये जो एंप्लीट्यूड है वो बढ़ जाएगा ये वाला वेव अगर इंडिविजुअली ट्रेवल कर रहा है तो देखो करेगा क्या जैसे एक वेव ये है ठीक या मैं इसको और अच्छे से थोड़ा आपको सिखाता हूं मेरी बात को समझिए ठीक है जैसे ये वेव है सबसे पहला ये हमारा वेव है ये वेव में ये y डायरेक्शन है भैया ये x डायरेक्शन है सबको पता है इस वेव का एंप्लीट्यूड मान लो टू है ठीक है तो ऊपर टू हो गया नीचे -2 हो गया इस वेव का मतलब यह है कि जब ये वेव बेटा ऐसे आएगी ठीक है तो ये पार्टिकल्स को 2 सेंटीमीटर ऊपर और 2 सेंटीमीटर नीचे तक मूव कराएगी राइट मान लो ये वेव आई राइट है वेव आई पार्टिकल 2 सेंटीमीटर ऊपर गया 2 सेंटीमीटर फिर नीचे आया फिर यहां + 2 पे गया फिर -2 पे आया + 2 पे गया -2 पे आया पार्टिकल ऐसे ऐसे ऐसे ऐसे ऐसे कर ही रहा है कर ही रहा है कर ही रहा है अब एक दूसरा वेव आया अब एक दूसरा वेव आया जो थोड़ा सा और खड़ूस टाइप का था इस वेव ने कहा नहीं नहीं मैं तो पार्टिकल को 3 सेंटीमीटर ऊपर ले जाऊंगा और तीन नीचे भी ले जाऊंगा ठीक है ये समझ लो आपके स्कूल के दो मास्टर टाइप के हो गए ये आपके स्कूल के दो मास्टर हैं है एक मास्टर साहब जब आते हैं तो आपको 2 सेंटीमीटर ऊपर 2 सेंटीमीटर नीचे नहीं यानी कि आपको ऐसे-ऐसे उठक बैठक करना पड़ता है ऐसे-ऐसे उठक बैठक आपको करना पड़ता है ये दूसरे मास्टर साहब आए दूसरी जब वेव आई तो वेव का मतलब भी क्या है भैया मीडियम में डिस्टरबेंस मास्टर भी वैसा ही होता है जैसे आया क्लास में डिस्टरबेंस है ना बच्चे जो कर रहे होते हैं बेचारे डिस्टर्ब हो जाते हैं तो दूसरे मास्टर साहब हमारे आए दूसरा जब वेव आया बेटा तो दूसरे वेव ने भी पार्टिकल को डिस्प्लेस कराया लेकिन इस वेव की वजह से पार्टिकल 3 सेंटीमीटर 3 सेंटीमीटर एक मास्टर साहब आए जिनको देखते ही आपको ये बताया गया है कि भैया उठक बैठक करना है 2 सेंटीमीटर दो नीचे दो ऊपर दो नीचे राइट दूसरे मास्टर साहब को देख के आपको सिखाया गया 3 सेंटीमीटर 3 सेमी नीचे 3 सेमी ऊपर 3 सेमी नीचे राइट अब इमेजिन करो अगर ये दोनों अभी क्या हो रहा है देखो ऐसे ऐसे ऐसे ऐसे चल रहा है ऐसे ऐसे चल रहा है अब ये दोनों मास्टर साहब एक साथ आ गए अब जब दोनों मास्टर साहब एक साथ आ जाएंगे मेरे प्यारे बच्चों तो 2 सेंटीमीटर तो आप पहले वाले को देखकर ऊपर जाओगे और दूसरे वाले को देख के आप 3 सेंटीमीटर और ऊपर जाएंगे यानी कि ये जो ऐसे ऐसे जो वेव चल रहा है जैसे ही दोनों वेव्स ने सुपर पोजीशन किया अब भैया 5 सेंटीमीटर ऊपर और 5 मीटर नीचे क्या आप लोगों को यह बात समझ में आ गई है क्या आप लोगों को यह बात समझ में आ गई है 2 सेंटीमीटर ऊपर इसकी वजह से 3 सेंटीमीटर उस ऊपर उसकी वजह से तो टोटल जो वेव है वो 5 सेंटीमीटर ऊपर जाएगा 5 सेंटीमीटर नीचे जाएगा यानी कि जब दो या दो से ज्यादा वेव्स एक साथ किसी मीडियम में सेम डायरेक्शन में अगर वो ट्रेवल कर रही हो और किसी मीडियम में एक साथ साइमल नियस अगर पाई जाएंगी तो ये दोनों वेव्स अपनी इन इंडिविजुअलिटी को खो देंगी यानी दोनों वेव्स अब गायब अब एक नई वेव यहां पर आएगी इन दोनों की जगह बेटा एक नई वेव का जनरेशन होगा और वो वेव पार्टिकल को 5 सेंटीमीटर 5 सेंटीमीटर ऊपर ले जाएगी और 5 सेंटीमीटर मेरे प्यारे बच्चों को नीचे ले जाएगी यानी ये दोनों वेव्स की जो ओरिजिन था मतलब इनका जो अस्तित्व था एक्जिस्टेंस जो था वो खत्म नया वेव शुरू है ना दोनों देखो जब पहले वाले मास्टर साहब आते थे तो आप 2 सेंटीमीटर दो नीचे दूसरे वाले आते थे 3 सेमी ऊपर तीन नीचे जब दोनों एक साथ आए तो आप पांच ऊपर जा रहे हैं पांच नीचे आ रहे हैं पांच ऊपर पांच नीचे बात समझ में आ रही यानी इन दोनों वेव्स का जो इंडिविजुअलिटी था इनका जो अपना अस्तित्व था खत्म अब एक नया वेव यहां पर शुरू हो जाएगा यानी कि मेरे प्यारे बच्चों यानी कि मेरे प्यारे बच्चों इसको मैं हटा रहा हूं ठीक है यानी कि आप कह सकते हैं कि y वेक्टर जो है यानी कि रिजल्टेंट डिस्प्लेसमेंट ऑफ द पार्टिकल इज इक्वल टू द वेक्टर सम ऑफ द डिस्प्लेसमेंट्स ड्यू टू इंडिविजुअल वेव अब बात सर वेक्टर सम क्यों कह रहे हो बेटा क्योंकि यहां पर जो दोनों मास्टर साहब थे यानी कि यहां पर जो दोनों वेव्स थे दोनों का क्रस्ट पहले था ये देखो क्रस्ट था दोनों का ही बेटा क्रस्ट पहले था यानी कि दोनों के लिए आपको सिखाया गया था कि जब मास्टर साहब को देखना 2 सेंटीमीटर ऊपर जाना मास्टर आपको देखना 3 सेंटीमीटर पहले ऊपर जाना फिर नीचे आना यही सिखाया गया था ठीक है अब दूसरे कैटेगरी के टीचर्स लाए गए यानी दूसरी वेव्स लाई गई मेरे प्यारे बच्चों लेकिन इन वेव्स में मामला अलग है यहां पर पहले इनका क्रस्ट आ रहा है जबकि यहां पर पहले इनका ट्रू आ रहा है यानी इनके केस में आपको सिखाया गया कि इनको देखते ही 2 सेंटीमीटर पहले ऊपर जाना फिर नीचे आना और इनके केस में सिखाया गया भैया इनको देखते ही पहले 3 सेंटीमीटर नीचे जाना और बाद में 3 सेंटीमीटर ऊपर आना तो मेरे प्यारे बच्चों इस कंडीशन में इस कंडीशन में जरा सभी लोग समझने की कोशिश करो जैसे ही ये वाले मास्टर साहब आपकी क्लास में घुस आप 2 सेंटीमीटर ऊपर दो नीचे दो ऊपर दो नीचे और जैसे ही ये वाले घुस पहले 3 सेंटीमीटर नीचे फिर 3 सेंटीमीटर ऊपर फिर 3 सेंटीमीटर नीचे फिर 3 सेंटीमीटर ऊपर बात समझ में आ रही है राइट अब जब सोचो जब ये दोनों मास्टर साहब आएंगे तब क्या होगा जब दोनों मास्टर साहब एक साथ आएंगे तब क्या होगा तो अब जो पार्टिकल होगा 2 सेंटीमीटर ऊपर तीन नीचे यानी पार्टिकल ओवरऑल कहां दिखाई पड़ेगा -1 पर पार्टिकल ओवरऑल कहां दिखाई पड़ेगा -1 पर और मैक्सिमम कहां दिखाई पड़ सकता है बेटा सोचो मैक्सिमम पार्टिकल हमें कहां पर दिखाई पड़ सकता है जरा सोच लीजिए अगर यहां पर -1 पर है आप जरा इमेजिन करो इमेजिन करो ये 2 सेंटीमीटर ले जा रहे हैं वो 3 सेमी ऊपर ले जा रहे हैं है ना वो 3 सेमी ऊपर ले जा रहे हैं तब क्या होगा तो ये जो पार्टिकल हमारा है अब ये वाइब्रेट कर रहा होगा लेकिन इनिशियली ये जो पार्टिकल है ये कहां पर जाएगा -1 पर तो अल्टीमेटली ये दोनों वेव्स गायब हो जाएंगे और इनकी जगह पर एक एक नई वेव्स आ जाएंगी यही है बेटा हमारा प्रिंसिपल ऑफ सुपरपोजिशन तो जरा पढ़िए व्हेन टू और मोर वेव्स ट्रेवलिंग थ्रू अ मीडियम एंड सुपर पोज देन दे लूज देयर इंडिविजुअल आइडेंटिटी ये जो दोनों वेव्स हैं ये दोनों वेव्स अपनी इंडिविजुअल आइडेंटिटी को लूज कर देंगी खुद के अस्तित्व को गायब कर देंगी और एक नई वेव शुरू हो जाएगी मेरे प्यारे बच्चों ठीक है एंड रिजल्टेंट वेव इज फॉर्म्ड हुज डिस्प्लेसमेंट इज इक्वल टू द वेक्टर सम ऑफ द डिस्प्लेसमेंट्स ऑफ द इंडिविजुअल वेव यानी कि रिजल्टेंट वेव के केस में जो डिस्प्लेसमेंट है वो इंडिविजुअल वेव्स के डिस्प्लेसमेंट के वेक्टर सम के बराबर होगा क्लियर है आई होप अब आपको ये सुपर पोजीशन समझ में आया होगा तो नेक्स्ट कांसेप्ट हमारा है इंटरफेरेंस ऑफ लाइट इंटरफेरेंस ऑफ लाइट के लिए सबसे पहले कुछ कंडीशंस है दो कंडीशंस है सबसे पहली कंडीशन ये है कि जो दोनों लाइट वेव्स जो इंटरफेयर करने वाली हैं उन दोनों लाइट वेव्स की फ्रीक्वेंसी सेम होनी चाहिए ठीक है और दूसरी कंडीशन है उन दोनों लाइट वेव्स के बीच का जो फेज डिफरेंस है वो कांस्टेंट या फिर जीरो होना चाहिए यानी पहली टर्म्स एंड कंडीशन हमारे पास बेटा क्या है दे मस्ट हैव सेम फ्रीक्वेंसी इंटरफेरेंस करने के लिए लाइट वेव्स की जो पहली प्रॉपर्टी क्या है उनकी फ्रीक्वेंसी सेम होनी चाहिए और बेटा दूसरी प्रॉपर्टी यह है दे मस्ट हैव दे मस्ट हैव कांस्टेंट और जीरो पेज डि डिफरेंस बिटवीन देम दे मस्ट हैव कांस्टेंट और जीरो पेज डिफरेंस बिटवीन देम तो बेटा अगर पहली वेव है मान लो y1 = a1s ओमेगा t के बराबर ठीक है तो दूसरी जो वेव होनी चाहिए दैट शुड बी a2 सा अब देखो ओमेगा दोनों का सेम है क्योंकि ओमेगा मतलब 2pf ओमेगा मतलब एंगुलर फ्रीक्वेंसी तो अगर f सेम है तो ओमेगा भी सेम होगा यानी कि फ्रीक्वेंसी सेम होना चाहिए तो ओमेगा तो दोनों का सेम होगा इनके बीच में फेज डिफरेंस कांस्टेंट हो या जीरो हो तो एक स्टैंडर्ड केस ले लेते हैं कांस्टेंट मान लेते हैं तो मैंने फेज डिफरेंस कितना कर दिया बेटा फाई के बराबर फेज क्या होता है सा के अंदर वाला एंगल इसका एंगल है ओमेगा t इसका एंगल है ओमेगा t + फ तो डिफरेंस कितने का है बेटा फाई के बराबर यही फाई कहलाता है फेज डिफरेंस यही फाई क्या कहलाता है भैया यही फाई कहलाता है फेज डिफरेंस यानी एंगल्स में डिफरेंस ठीक है इसी को फेज एंगल भी बोलते हैं इसी को फेज डिफरेंस भी तुम लिख सकते हो एक ही बात है आल्सो नोन एज फेज डिफरेंस राइट तो मेरे प्यारे बच्चों इट इज द फेनोमेना अब सुनो सुनो सुनो सुनो क्या होता है जब एक साथ दो या दो से ज्यादा ऐसी लाइट वेव्स जिनकी फ्रीक्वेंसी सेम है जिनके बीच का फेज डिफरेंस जीरो या कांस्टेंट के बराबर है जब इनका सुपर पोजीशन होगा तो उस प्लेस पर लाइट की इंटेंसिटी का रीडिप ब्यूशन होगा यानी इस वाले लाइट की अपनी जो इंटेंसिटी है दूसरी वाली लाइट की अपनी जो इंटेंसिटी है वो टोटल जोड़ लिया जाएगा और अब इस टोटल इंटेंसिटी का क्या होगा री डिस्ट्रीब्यूशन होगा फिर से बांटा जाएगा जैसे फॉर एग्जांपल मान लो दो बच्चे हैं एक के पास ₹1000000 ठीक तो इनका ₹1 हमने ले लिया इनका 00 भी हमने ले लिया और अपने पास से भी इसमें ₹1 मिला दिया कि ठीक है बच्चे हैं मेला देखने जाना है मान लो दशहरा हुआ था मेला देखने जाना है दो बच्चे जिद्द कर रहे थे घर में कि हमको भाई मामा हमको जाना है मेला देखने बताओ क्या करें ठीक तो हमने कहा ठीक है ऐसा करो तुम्हारे पास कितने रुपए हैं 100 तुम्हारे पास कितने हैं ₹ लाओ ₹1 मैंने और मिला दिया अपने पास से टोटल कितने हो गए ₹5000000 का बेटा री डिस्ट्रीब्यूशन होगा ₹5000000 दे दे हो सकता है एक को पूरे 500 दे दे और एक को ना दे अभी क्या हो सकता है इसको 500 दे दिया और इसको नहीं दिया यानी कि यहां पर भी यही काम होता है बेटा लाइट की इंटेंसिटी का री डिस्ट्रीब्यूशन होता है किसी पॉइंट पर लाइट की इंटेंसिटी मैक्सिमम तो किसी पॉइंट पर लाइट की इंटेंसिटी मिनिमम हो जाती है कहीं पर लाइट दिखाई पड़ेगी तो बगल में अंधेरा दिखाई पड़ेगा फिर लाइट दिखाई पड़ेगी फिर अंधेरा दिखाई पड़ेगा फिर लाइट दिखाई पड़ेगी फिर अंधेरा दिखाई पड़ेगा इसी पैटर्न को इंटरफेरेंस पैटर्न कहा जाता है तो मेरे प्यारे बच्चों लाइट डार्क लाइट डार्क लाइट डार्क लाइट डार्क ये वाला काम होने लगता है इसी को इंटरफेरेंस ऑफ लाइट कहा जाता है पढ़ो इट इज द फिनोमेना ऑफ री डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ इंटेंसिटी ऑफ लाइट ऑन अकाउंट ऑफ सुपरपोजिशन ऑफ द लाइट वेव्स कमिंग फ्रॉम टू को रेंट सोर्स ऑफ लाइट सर ये कोहेरेंट क्या होता है बेटा कोई भी ऐसा लाइट सोर्स जिनके बीच में फेस डिफरेंस जीरो या कांस्टेंट हो उसको कोहेरेंट सोर्स कहा जाता है लेकिन अगर फेज डिफरेंस जीरो या कांस्टेंट ना हो तो उसको इनकोहेरेंट लाइट सोर्स कहा जाता है सर ये फ्रीक्वेंसी कैसे सेम होगी बेटा फ्रीक्वेंसी इज द प्रॉपर्टी ऑफ सोर्स फ्रीक्वेंसी किसकी प्रॉपर्टी है भाई साहब सोर्स की प्रॉपर्टी है तो जब तक सोर्स सेम है फ्रीक्वेंसी क्या है भैया फ्रीक्वेंसी इज सोर्स प्रॉपर्टी जब तक बेटा सोर्स सेम होगा तब फ्रीक्वेंसी भी सेम होगा अगर सोर्स अलग है मेरे प्यारे बच्चों तो फ्रीक्वेंसी भी जो है वो अलग हो जाती है अब बताइए सर सोर्स का मतलब क्या है सोर्स का मतलब है फादर सेम फ्रीक्वेंसी हमेशा उन लाइट सोर्सेस की हो सकती है जिनका फादर सेम हो यानी कि एक बाप की दो बेटे सगे बेटे है ना यानी कि दो जो सगे भाई हैं वही दो सगे भाई की फ्रीक्वेंसी सेम हो सकती है मतलब दोनों का डीएनए सेम हो सकता है बिल्कुल इसी तरीके से एक ही लाइट सोर्स से अगर कुछ जुगाड़ करके तुम दो सोर्स बना लो तभी उनकी फ्रीक्वेंसी सेम होगी अदर वाइज फ्रीक्वेंसी सेम नहीं होगी तो सर क्या मैं 100 10000 वाट के दो बल्ब ले आऊं सर मैं बाजार से सर 100 वाट का एक बल्ब लाया एक सर यह भी 100 वाट का ले आया सर क्या दोनों की फ्रीक्वेंसी सेम होगी नहीं बेटा लाइट का जो एमिशन है वो एटॉमिक फेनोमेना है इस बल्ब का हर एक एटम लाइट इमिट कर रहा होता है तो हर एक एटम सेम हो जाए यह जरूरी नहीं है मेरे प्यारे बच्चों ठीक है तो देखो तो सर आखिर क्या किया जाए सर 100 100 वाट के दो बल्ब ले आए सर सेम कंपनी के सर बल्ब लेया चलेगा नहीं कंपनी से मतलब नहीं है मतलब है एक सोर्स ऑफ लाइट लाओ ठीक उसके सामने एक बड़ा सा पर्दा टांगो एक बड़ा सा वाइट कलर का पर्दा टांगो और इस पर्दे में दो छेद करो इस पर्दे में दो छेद करो जैसे ही दो छेद करोगे तीन ये हो जाएगा सीन ये हो जाएगा पर्दे में दो छेद करो सेफ्टी पिन लो दो टो छेद कर दो ठीक है तो एक स्लिट ये बन गई एक स्लिट ये बन गई इन्हीं छेद को कहा जाता है स्लिट पढ़े लिखो की लैंग्वेज है उसी को स्लिट कहा जाता है ठीक है अब यहां से जब लाइट रे इस वाली स्लिट में आएगी यहां से लाइट रे इस वाली स्लिट में आएगी ये हमारा स्लिट s1 है ये हमारा स्लिट s2 है जैसे ही लाइट इसमें जाएगी जैसे ही वेवफ्रंट इसमें एंटर करेगा उस वेवफ्रंट का हर एक पॉइंट बोलो लाइट सोर्स की तरह बिहेव करेगा राइट यानी इस वाले स्लिट से भी लाइट निकलेगी इस वाले स्लिट से भी लाइट निकलेगी और दोनों स्लिट्स से क्योंकि लाइट रे निकल रही है और दोनों का जो फादर है जो मेन पैरेंट सोर्स है वो सेम है तो ये दोनों से निकलने वाली जो लाइट रेज हैं उनकी फ्रीक्वेंसी सेम हो जाएगी है ना तो आपको बात समझ में आई होगी कोहेरेंट सोर्स क्या है तो जरा सुनो जहां पर लाइट की इंटेंसिटी मैक्सिमम होती है वहां पे कंस्ट्रक्टिव इंटरफेरेंस होता है और जहां पर लाइट की इंटेंसिटी मिनिमम होती है वहां पर डिस्ट्रक्टिव इंटरफेरेंस मेरे प्यारे बच्चों होता है देखो डिटेल में ये चैप्टर बता रहा हूं क्योंकि अभी हो सकता है आप लोगों ने स्कूल में ना पढ़ा हो है ना इस चैप्टर को और ये चैप्टर है थोड़ा सा अलग तरीके का बच्चों को काफी टफ लगता है इसलिए डेरिवेशन तो नहीं कराऊंगा यहां पर लेकिन आपको वो सारे कांसेप्ट डिटेल में समझा दूंगा जो आपके दिल दिमाग में बस जाएगा आप लोग कमेंट करके बताना आपको बात समझ में आई कि नहीं आई इनकोहेरेंट और कोहेरेंट सोर्सेस ऑफ लाइट तो बिल्कुल सेम चीज है भैया अगर फेज डिफरेंस जीरो या कांस्टेंट है तो कोहेरेंट सोर्स ऑफ लाइट और अगर फेज डिफरेंस जीरो या कांस्टेंट नहीं है तो उसको इनकोहेरेंट सोर्स ऑफ लाइट कहा जाता है जबकि इंटर इंटरफेरेंस के लिए सोर्सेस मस्ट बी कोहेरेंट ठीक है इंटरफेरेंस कराने के लिए सोर्सेस कैसे होने चाहिए दे मस्ट बी कोहेरेंट अब बात आई सर व्हाट आर द कंडीशंस ऑफ सस्टेंड इंटरफेरेंस सर इंटरफेरेंस बना रहे इसके लिए कंडीशंस क्या है तो बेटा कंडीशन ये है सबसे पहले कंटीन्यूअसली लाइट आनी चाहिए यानी सोर्स जो है वो कंटीन्यूअसली लाइट को इमिट करते रहे फ्रीक्वेंसी उनकी सेम होनी चाहिए फेज डिफरेंस उनके बीच का जीरो या कांस्टेंट होना चाहिए और उनका एंप्लीट्यूड भी सेम होना चाहिए एंप्लीट्यूड सेम होने का मतलब सर क्या है मतलब बेटा ये है कि y1 अगर पहला वेव है a ओमेगा t तो आइडियल आइडियल दूसरा जो वेव है दैट मस्ट बी a ओमेगा t + फ यानी दोनों का ये जो एंप्लीट्यूड है वो सेम होना चाहिए इससे होगा क्या इससे होगा ये कि जब कंस्ट्रक्टिव इंटरफेरेंस होगा जब कंस्ट्रक्टिव इंटरफेरेंस होगा तो बेटा लाइट की इंटेंसिटी वहां पर मैक्सिमम होगी जब कंस्ट्रक्टिव इंटरफेरेंस होगा लाइट की इंटेंसिटी मैक्सिमम होगी और जब डिस्ट्रक्टिव इंटरफेरेंस होगा जब डिस्ट्रक्टिव इंटरफेरेंस होगा तो लाइट की इंटेंसिटी मिनिमम होगी नो डाउट लेकिन वो मिनिमम इंटेंसिटी की वैल्यू कितनी होगी बेटा जीरो यानी कि जहां कंस्ट्रक्टिव इंटरफेरेंस हुआ वहां ढेर सारी लाइट ब्राइटनेस है और जहां नहीं हुआ डिस्ट्रक्टिव हुआ वहां पे जीरो लाइट अंधेरा फिर लाइट अंधेरा लाइट अंधेरा लाइट अंधेरा तो बेटर कंट्रास्ट क्रिएट होता है कंट्रास्ट समझते हो ना लाइट ड हम लोग पहनते हैं है ना इसीलिए पहनते हैं कि बेटर फील आए कि भैया वाइट टीशर्ट है ब्लैक पैंट है या कोई लाइट शर्ट है डार्क पैंट है ठीक है ये इसीलिए किया जाता है कि एक बेटर कंट्रास्ट हो मतलब आंखों को सूद लगे मतलब अच्छा लगे देखकर ये ना हो कि एकदम वो जो नहीं निऑन कलर आता ग्रीन वाला एकदम चमचमा आता हुआ पहन लिया नीचे भी वही पहन लिया तो भैया वो सबके ऊपर नहीं सही लगता है वो रणवीर सिंह भाई के ऊपर ही अच्छा लगता है तो वो यार सुपरस्टार है वो कुछ भी पहन ले अच्छा लगेगा लेकिन हम तुम पहन लेंगे अ एकदम नियन ग्रीन वाला वो पन के नहीं जो एकदम चमकता रहता वो नहीं मजा आएगा राइट कहने का मतलब क्या है बेटर कंट्रास्ट के लिए अगर दोनों का एंप्लीट्यूड मेरे प्यारे बच्चों सेम है तो मिनिमम इंटेंसिटी जीरो होगी और मैक्सिमम इंटेंसिटी मैक्सिमम होगी तो ब्राइटनेस होगा डार्कनेस होगा ब्राइटनेस होगा डार्कनेस होगा राइट और अगर दोनों का एंप्लीट्यूड ये सेम नहीं है तो ज्यादा लाइट कम लाइट ज्यादा लाइट कम लाइट ज्यादा लाइट कम लाइट ये ज्यादा लाइट और कम लाइट वाला जो बवाल है ना यह समझ में ज्यादा अच्छे से नहीं आता बेटा इसकी बजाय ज्यादा लाइट बिल्कुल लाइट नहीं है वाइट ब्लैक वाइट ब्लैक लाइट है नहीं है लाइट है नहीं है ये समझ में आता है राइट इसीलिए कहा जाता है या तो पढ़ो या तो मत पढ़ो पढ़ो या तो ना मत पढ़ो ये मत करो ज्यादा पढ़ लिया कभी कम पढ़ लिया ज्यादा पढ़ लिया कम पढ़ लिया नहीं ये नहीं या तो पढ़ो या तो मत पढ़ो दो में एक ही काम करो बीच वालों का कोई गुजारा बेटा नहीं है तो अब आ जाओ कंडीशंस ऑफ मैक्सिमा एंड मिनिमाप क्या है जहां पर कंस्ट्रक्टिव इं इ फरेंस होता है लाइट की इंटेंसिटी मैक्सिमम होती है उसको मैक्सिमा बोलते हैं जहां डिस्ट्रक्टिव इंटरफेरेंस होता है लाइट की इंटेंसिटी मिनिमम होती है वहां पर मिनीमा उसको कहा जाता है और मेरे प्यारे बच्चों अगर उन दोनों जो वेव्स थी है ना जिनका एंप्लीट्यूड a1 और a2 के बराबर था तो पहली वेव अगर मैं यहां पर मान लू a1 सा ओमेगा t के बराबर दूसरी वेव अगर मैं मान लू a2 सा ओमेगा t + फ के बराबर और इन दोनों वेव्स का सुपर पोज करवा दूं तो y जो है रिजल्टेंट जो डिस्प्लेसमेंट है वो y1 + y2 के बराबर हो जाएगा y1 की वैल्यू है ना a1s ओमेगा t y2 की वैल्यू है a2s ओमेगा t + फ तो आपको मैंने क्या सिखाया जब भी भी सुपर पोजीशन होगा तो ये दोनों वेव्स अपनी इंडिविजुअलिटी को खो देंगी और एक नई वेव का जन्म होगा उस नई वेव का एंप्लीट्यूड आएगा कैपिटल a के बराबर ठीक है सा फ्रीक्वेंसी सेम रहेगी तो ओमेगा सेम रहेगा प्लस उनका एंगल जो है वो थीटा नहीं यहां पर हां ठीक है थीटा के बराबर उनका एंगल हो जाएगा राइट तो ये हमारा बेटा रिजल्टेंट वेव बन जाएगा इन दो वेव्स को जोड़कर रिजल्टेंट वेव हमारा ये आ जाएगा अब बात आई सर ये जो रिजल्टेंट एंप्लीट्यूड आया सर इसकी वैल्यू क्या है तो बेटा रिजल्टेंट एंप्लीट्यूड को निकालने के लिए हम लोगों ने वैसे तो पूरा ट्रिग्नोमेट्री लगाया है सा a + b का फार्मूला लगाया ओपन करो पूरा डेरिवेशन करो तो इस a की वैल्यू निकल कर के वही आती है चांस की बात है जो पैरेललोग्राम्स लॉ वेक्टर एडिशन में रिजल्ट आता है यानी कि इसका जो एंप्लीट्यूड है वो a1 है इसका एंप्लीट्यूड a2 है उनके बीच का जो फेज एंगल है वो फा के बराबर है तो अगर आप इनका रिजल्टेंट निकालो तो एंप्लीट्यूड का स्क्वायर आएगा a1 स् + a2 स् + 2 a1 a2c फ राइट तो ये होता है ना r स् = a स् + b स् + 2ab क थीटा के बराबर बिल्कुल वही वाला फॉर्मूला यहां पर आ गया यानी कि रिजल्टेंट एंप्लीट्यूड निकालना बहुत ज्यादा आसान है अब बाता आइ सर ये इनका फेज डिफरेंस कितना होगा तो फेज डिफरेंस के लिए भी हमारे पास एंगल है कि यह tan3a अगर आप निकालना चाहते हो तो tan3a का फार्मूला है a2s फ / a1 + a2 क फ के बराबर ये भी बेटा पैरेललोग्राम्स लॉ वाला फॉर्मूले से ही ये भी निकल करके आया है राइट ठीक है सर ये बात समझ में आ गई सर लेकिन सर डेफिनेशन में बोला गया इंटरफेरेंस के कि देयर विल बी री डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ इंटेंसिटी ऑफ लाइट सर इसका मतलब क्या है सर लाइट की इंटेंसिटी क्या होती है बेटा किसी भी लाइट की जो इंटेंसिटी है इसका मतलब उस लाइट में कितनी एनर्जी है यूनिट एरिया में यूनिट टाइम में सो अमाउंट ऑफ द लाइट एनर्जी इंसीडेंट पर यूनिट एरिया पर यूनिट टाइम इज नोन एज इंटेंसिटी ऑफ द लाइट इंटेंसिटी जो है वो डायरेक्टली प्रोपोर्शनल टू स्क्वायर ऑफ द एंप्लीट्यूड होता है जितना ज्यादा वेव में डिस्टरबेंस हो रहा है मीडियम में डिस्टरबेंस हो रहा है इंटेंसिटी उतनी ज्यादा है मेरे प्यारे बच्चों तो ये प्रोपोर्शनल हटेगा तो एक कांस्टेंट आएगा जनरली उस कांस्टेंट को k मान लिया जाता है तो इंटेंसिटी ऑफ लाइट जो है उसको के स्क्वा माना जाता है जहां पे k प्रो लिटी कांस्टेंट है वैल्यू नहीं पता बस कांस्टेंट इतना पता है राइट तो अगर इस पूरे एक्सप्रेशन में k का मल्टीप्लाई कर दिया जाएगा तो ये बन जाएगा k स् यानी i ये बनेगा k1 स् i1 ka2 स् i2 यहां पर k को ही लिखेंगे अ √ k * √ k तो बनेगा टू टाइम्स अंडर √ ka1 जरा ध्यान से देखो अगर दोनों तरफ अंडर रूट ले लू मैं तो अंडर रूट i की वैल्यू कितनी आएगी बेटा अंडर √ k टाइम्स a के बराबर तो अगर यहां पे लिखा हुआ है अ √ ka1 इसका मतलब क्या है अ √ i1 यहां लिखा अर √ ka2 इसका मतलब अ √ i2 तो यह दोनों टर्म्स अंडर रूट के अंदर हो गए और बन गया c फ तो मेरे प्यारे बच्चों हमारे पास इंटेंसिटी का एक आ गया फॉर्मूला दिस इज़ द फॉर्मूला ऑफ इंटेंसिटी ऑफ लाइट इंटेंसिटी का फॉर्मूला आया i1 + i2 + 2 √ i1 i2c फ और देख लो सारा खेल इसी टर्म का है अगर सिंपल i1 + i2 हुआ होता तो भैया ₹1 इनसे लिए सॉरी कितना एग्जांपल में मैंने बोला था हां 100 इनसे लिए 300 इनसे लिए राइट टोटल कितने लिए थे 00 अगर वही 00 को बांट देते 200 200 तो फिर वहां तो कोई खास खेल नहीं हुआ ना खेल तो यह हुआ 100 इन से लिया 300 इन से लिया 100 खुद मिलाया या छोटे बच्चे अगर है तो जनरली क्या करते 50 इससे लिया 50 इससे लिया 500 मैंने मिलाया टोटल हो गया 00 वो ₹ 6600 को जो है बांट दिया तो बच्चे भी खुश है ना मेला देखने के लिए उनको मजा आ गया वही काम यहां पर हो रहा है i1 आ2 को जोड़ा उसके साथ थोड़ा अपने आप भी मिलाया राइट तो यही है जो इंटरफेरेंस करा रहा है इसी को इंटरफेरेंस टर्म कहा जाता है इसी को इंटरफेरेंस टर्म कहा जाता है मेरे प्यारे बच्चों राइट इसी को इंटरफेरेंस टर्म कहा जाता है यही वो टर्म है जो इंटरफेरेंस कराएगा जब ये क फ मैक्सिमम होगा जब ये क फ + 1 के बराबर होगा ये इंटेंसिटी मैक्सिमम हो जाएगी जब ये क फ -1 के बराबर होगा यही वाली इंटेंसिटी जो है वो मिनिमम हो जाएगी तो यही वो टर्म है जो इंटरफेरेंस बेटा करवा रहा है अब आ जाओ कंडीशंस ऑफ मैक्सिमा कंडीशंस ऑफ मैक्सिमा यही है कि जब वो क फ तुम्हारा वन के बराबर हो जाए क फ वन के बराबर तभी हो सकता है जब ये फई एंगल जीरो हो जाए 2 पाई हो जाए 4 पाई हो जाए 6 पा हो जाए यानी कि ये जो अंदर एंगल है दैट मस्ट बी इवन मल्टीपल ऑफ पाई अगर वो इवन मल्टीपल ऑफ पाई होगा तभी क फव होगा तो इवन बनाने के लिए हमने उसको क्या लिखा जनरल फॉर्म में 2n पा अगर फेज डिफरेंस 2n पा के बराबर हो जहां पर यह n क्या है यह n इंटी जर है ज़ीरो हो सकता है वन हो सकता है टू हो सकता है थ्री हो सकता है एंड सो ऑन एक बच्चे ने मेरे से पूछा सर यह n तो इवन नहीं है बेटा जब टू का मल्टीप्लाई कर ही दिया है तो अब वन भी रखोगे यहां पे धरो वन तुम तो कितना आएगा 2p टू रखो कितना आएगा 4p 3 रखो कितना आएगा 6p तो वो हमेशा इवन ही आएगा यानी कि जब फेज डिफरेंस इवन मल्टीपल ऑफ पा हो 2n पा के बराबर हो तो वहां पर कंस्ट्रक्टिव इंटरफेरेंस होता है वहां पर इंटेंसिटी मैक्सिमम होती है वहां पर मैक्सिमा फॉर्म होता है ठीक अब बताइए सर ये पाथ डिफरेंस क्या चीज है बेटा फेज डिफरेंस और पाथ डिफरेंस में एक रिलेशन होता है फेज डिफरेंस का और पाथ डिफरेंस का रिलेशन है कि डेल्टा फाई जो है वो 2 पा / लडा * डेल्टा एक के बराबर होता है जहां पर डेल्टा फई जो है वो फेज डिफरेंस है डेल्टा फ जो है मेरे प्यारे बच्चों वो फेज डिफरेंस है डेल्टा एक् जो है वो हमारा पाथ डिफरेंस है डेल्टा एक् जो है बेटा वो पाथ डिफरेंस के बराबर है राइट और ये रिलेशन आया कि डेल्टा फ जो है वो 2 पाई बा लडा इन डेल्टा एक् के बराबर सर थोड़ा समझ में कम आया सर ये पाथ डिफरेंस डिफरेंस क्या चल रहा है सर फेज डिफरेंस पाथ डिफरेंस स समझ देखो एक बात समझो एक बात समझो बेटा फेज डिफरेंस को समझना थोड़ा हम सबके लिए कठिन है क्योंकि वो एंगल एंगल वाली चीज है अपने को ज्यादा नहीं आता ठीक है कोई बात नहीं देखो इधर समझो समझा दूंगा ये क्या था भैया स्लिट था क्यों बनाया ताकि सोर्स की जो फ्रीक्वेंसी ये सेम हो जाए और बेटा इसके सामने यहां पर हम क्या रखेंगे एक स्क्रीन रखेंगे ये सर आप क्या बना रहे हैं ये मैं वाडी ए यानी यंगस डबल स्लिट एक्सपेरिमेंट का मैं सेटअप बना रहा हूं यंगस डबल स्लिट एक्सपेरिमेंट डबल स्लिट दो स्लिट तो ये रही पहली स्लिट s1 ये रही दूसरी स्लिट s2 यहां से बेटा लाइट रे निकली यहां से लाइट रे इसमें निकली इसमें लाइट रे आई है इस तरीके से ठीक है तो ये जो दोनों हमारे स्लिट्स हैं इन दोनों स्लिट्स पर वेवफ्रंट भी आया होगा अगर इस तरीके की भाई पॉइंट सोर्स है तो वेवफ्रंट बेटा कैसा रहा होगा इससे स्फेरिकल इस तरीके का स्फेरिकल वेवफ्रंट यहां पहुंचा होगा ठीक है इस स्लिट से अब ढेर सारी लाइट रेज हर डायरेक्शन में निकलेंगी इससे इधर इधर इधर इधर इधर इधर हर डायरेक्शन में बेटा लाइट रे निकलेगी इससे भी लाइट रे हर पॉसिबल डायरेक्शन में निकलेगी ठीक है क्योंकि इसका हर एक पॉइंट पॉइंट एज अ सोर्स ऑफ लाइट बिहेव करेगा इसका भी हर एक पॉइंट वेव फ्रंट का हर एक पॉइंट एक सोर्स की तरह बिहेव करेगा लेकिन इतनी ज्यादा लाइट रेज मैं बना दूंगा तो यार खिचड़ी पक जाएगी तुम्हें कुछ समझ में नहीं आएगा इसलिए मैं क्या कर रहा हूं इतनी ज्यादा लाइट रेज बनाने की बजाय सिर्फ एक-एक लाइट रे आपको इंटरफेयर करा के दिखा रहा हूं ध्यान से देखो ये हमारा समझ लो एक हिसाब से एक्सेस है राइट इट इज अ सिंपल एक्सेस ये सिंपल एक्सिस है मान लो यहां से आने वाली एक लाइट रे यहां पहुंची है और ये वाली लाइट रे भी यहां पर पहुंची है और इस जगह पर बेटा क्या हुआ है इंटरफेरेंस हुआ है यहां पर इंटरफेरेंस हुआ है तो इस जगह पर या तो लाइट की इंटेंसिटी मैक्सिमम होगी या तो यहां पर लाइट की इंटेंसिटी मिनिमम होगी ठीक है स्लिट और स्क्रीन के बीच के डिस्टेंस को बेटा कैपिटल d मान लिया जाता है ठीक है और दोनों स्लिट्स के बीच के डिस्टेंस को स्मल d हम लोग अज्यू कर लेते हैं राइट अब मेरी बात को बहुत ध्यान से सुनो ये जो पहली वाली ये जो रे है भई यहां दो रेज चल रही है ना बेटा यहां पर पर दो रेज चल रही है पहली रे ये ऊपर वाली ये फर्स्ट रे है और नीचे वाली ये जो रे है वो सेकंड रे है जरा सोचो दोनों रेज में फेज डिफरेंस कितना है इसको पहचानना थोड़ा कठिन है ठीक है अपने को ज्यादा नहीं आता लेकिन पाथ डिफरेंस क्या हम समझ सकते हैं हां सर साफ दिख रहा है सर नीचे वाली जो वेव है सर नीचे वाली जो रे है सर उसने ज्यादा चला है ठीक है बेटा क्या ss1 और ss2 सही है सेम है हां सर सेम है वो तो साफ दिख रहा है उसको सेम किया भी जा सकता कोई बड़ी बात नहीं है ss1 और ss2 तक कोई पाथ डिफरेंस नहीं है पाथ डिफरेंस कब क्रिएट हुआ जब वो s1 से p और s2 से p पहुंचा तो सर पाथ डिफरेंस क्या हुआ पाथ डिफरेंस को डेल्टा x से डिनोट करेंगे एंड दैट इज़ s2p - s1p पाथ डिफरेंस कितना है बेटा दैट इज s2p - s1p और यह जो s2p - s1p होता है इसको निकालने का तरीका मैं आपको बताऊं यहां से अगर आप एक एक परपेंडिकुलर ड्रॉ कर दो परपेंडिकुलर अगर ड्रॉ कर दो तो ये जरा ध्यान से देखो इस पॉइंट को नाम मैं क दे रहा हूं ये जो s2p और s1p को अगर सबै करोगे तो बेटा वो लगभग लगभग s2 क के बराबर आ जाएगा दैट विल बी इक्वल टू s2 क सर ऐसा क्यों बोल रहे हो सर ऐसा मैं इसलिए बोल रहा हूं क्योंकि ध्यान से देखो इतने को अगर छिपा दे तो ये जो q p है और ये जो s1p है लगभग लगभग सेम है तो एक्स्ट्रा यही तो है भाई यही तो है एक्स्ट्रा तो यही हो गया पाथ डिफरेंस सर ये वाली रे ने चला है 1 मीटर इस वाली रे ने सर चला है 1.2 मीटर तो डिफरेंस कितने का हुआ 2 मीटर के बराबर यही प2 मीटर जो है वो बेटा पाथ डिफरेंस कहलाता है पाथ डिफरेंस और फेज डिफरेंस में रिलेशन आपने क्लास 11 में पढ़ रखा है एंड दैट रिलेशन इज फेज डिफरेंस इज 2 पा / लड * पाथ डिफरेंस अगर पाथ डिफरेंस ज्यादा है तो बेटा फेज डिफरेंस भी ज्यादा होता है ठीक है तो फेज डिफरेंस डायरेक्टली प्रोपोर्शनल टू पाथ डिफरेंस एक बढ़ेगा दूसरा वाला भी बढ़ेगा राइट तो अगर पाथ डिफरेंस निकालना आता है तो फेज डिफरेंस बोलो अब तो फार्मूले से निकाल लोगे अब यहां तो मामला उल्टा है कि अगर फेज डिफरेंस 2n पा के बराबर है सर तो पाथ डिफरेंस कितना होगा तो निकालो ना यार निकालो पाथ डिफरेंस अभी हमने क्या पढ़ा फेज डिफरेंस जो है वो 2 पा / लडा * पाथ डिफरेंस के बराबर डेल्टा प भी लिख सकते हो तो पाथ डिफरेंस कितना आएगा सर ये आएगा लडा / 2 पा इंटू फेज डिफरेंस के बराबर फेज डिफरेंस कितना है सर फेज डिफरेंस है 2n पा के बराबर राइट 2n पा के बराबर देखो 2 पा से 2 पा कट गया वैल्यू कितनी बची n लडा के बराबर तो अगर पाथ डिफरेंस n लडा के बराबर हो या फिर फेज डिफरेंस 2n पा के बराबर हो तो लाइट की इंटेंसिटी बेटा मैक्सिमम हो जाती है ठीक है एंप्लीट्यूड मैक्सिमम हो जाता है a1 + a2 राइट इंटेंसिटी भी मैक्सिमम हो जाती है और उस मैक्सिमम इंटेंसिटी का फार्मूला है i1 + i2 + 2 अंडर √ i1 i2 क फ कितना हो गया व के बराबर क्लियर है ये दोनों फॉर्मूले तुम्हें पता होने चाहिए ये एकदम रटा होना चाहिए कि फेज डिफरेंस इवन मल्टीपल ऑफ पा और पाथ डिफरेंस n लडा के बराबर अगर है तो वो कंस्ट्रक्टिव इंटरफेरेंस वो मैक्सिमा की कंडीशन बेटा होती है नेक्स्ट है मिनीमा की कंडीशन मिनीमा कब हो पाएगा मिनीमा तब पॉसिबल है जब वो क फ मिनिमम हो जाए क फ -1 हो जाए कब ऐसा हो सकता है जब यह फई एंगल पाई हो 3 पा हो 5 पा हो 7 पा हो सर समझ गए क्या ऑड मल्टीपल ऑफ पाई जब ऑड मल्टीपल ऑफ पा होगा तो उसको जनरल फॉर्म में हम क्या लिख सकते हैं 2n - 1 पा या 2n + 1 पा अगर -1 लिखा है तो n की शुरुआत वन से होगी बेटा ठीक है 1 2 3 4 एंड सो ऑन अगर यहां 2n + 1 पा तुमने लिखा है तो फिर शुरुआत किससे होगी रो से शुरुआत होगी वो तुम्हारे ऊपर है जैसा तुम्हें अच्छा लगे बिल्कुल सेम मेथड से आप पाथ डिफरेंस निकालेंगे दैट इज 2n - 1 ल / 2 राइट फिर मिनिमम एंप्लीट्यूड यहां पर हो जाएगा दैट इज a1 - a2 और सोचो अगर दोनों का एंप्लीट्यूड सेम होता आइडियल केस में तो मिनिमम एंप्लीट्यूड कितना हो जाता जीरो के बराबर और मिनिमम इंटेंसिटी जो है वो बेटा कितनी हो जाती i1 + i2 - 2 √ i1 i2 यानी इसको मैं बोल सकता हूं अ √ i1 - √ i2 काल स्क्वायर ठीक है मैक्सिमम इंटेंसिटी को बोल सकते हैं अ √ i1 + √ i2 का होल स्क्वायर राइट तो आई थिंक आपको मैक्सिमा और मिनिमाप समझ में आ गई होंगी अब यहां पर हमें बता रहे हैं कि भाई वही यंगस डबल स्लिट एक्सपेरिमेंट यहां से लाइट रे इस स्लिट पर आएगी इस स्लिट पर आएगी वहां से कहीं एक पॉइंट पर लाइट रे जाकर के इंटरफेयर करेगी वहां पर इंटरफेरेंस हो रहा है तो इस पॉइंट p पर या तो कंस्ट्रक्टिव होगा या तो डिस्ट्रक्टिव होगा यहां भी वही चीज को समझाया गया है ध्यान से आप समझ लो ये देखो एक पर्दा है इस पर्दे में बेटा दो छेद किए गए हैं इन्हीं दोनों छेद से लाइट रे निकल रही होगी यही दोनों स्लिट्स कहलाते हैं तो आपको यहां बता रहे कंडीशन फॉर मैक्सिमम इंटेंसिटी तो मैक्सिमम इंटेंसिटी की कंडीशन भैया बता चुके हैं हम या तो 2n पाई हो और यह मिनिमम के लिए क्या होगा 2n + 1 पाई के बराबर हो अगर प्व ले रहे हो तो n की शुरुआत कहां से होगी जीरो से मैंने कहा था इसीलिए दोनों तुम्हें मैंने बता दिया लिख के यहां पर भी n की शुरुआत कहां से होगी जीरो से 1 2 3 4 एंड सो ऑन राइट लेकिन पीछे वाले इस केस में शुरुआत कहां से हुई थी वन से क्योंकि मैंने माइनस लिया था दोनों ही तरीके हैं ये भी सही है वो भी सही है ठीक है तो चाहे इस लाइड से पढ़ लेना चाहे उससे पढ़ लेना तुम्हारे ऊपर है अब आ जाओ फ्रिंज विथ की बात करते हैं फ्रिंज विथ की बात करते हैं कि आखिर आखिर कहीं पर सर कंस्ट्रक्टिव होगा कहीं पर मैक्सिमम इंटेंसिटी होगी सर कहीं पर मिनिमम इंटेंसिटी होगी राइट तो मैक्सिमम इंटेंसिटी कब हो सकती है है ना और मिनिमम इंटेंसिटी कब हो सकती है पहले आपको आ जाओ मैं वो चीज बता देता हूं हां यहां पर यहां पर सबसे पहले वह चीज दिया हुआ है यह एक स्लाइड जो है आपका वोह वो वो यहां पर आ जाना चाहिए ठीक है यहां पर हां चलो यहां पर ये स्लाइड आपका आ जाना चाहिए देखो यहां से लाइट रे आई है पहली वाली स्लेट पर यहां से आई है दूसरे वाली स्लेट पर और फाइनली ये दोनों लाइट रेज जो है वो प पॉइंट पर जाकर के इंटरफेयर कर रही हैं अगर पाथ डिफरेंस n लडा के बराबर हो और मेरे प्यारे बच्चों पाथ डिफरेंस का फार्मूला होता है पाथ पाथ डिफरेंस जिसको आप डेल्टा एक से डिनोट कर रहे थे वो पाथ डिफरेंस अगर निकाल दिया जाए तो पाथ डिफरेंस x का जो फार्मूला यहां पर निकल कर के आया दैट इज इक्वल टू दैट इज इक्वल टू d लड / d राइट ये वैल्यू यहां निकल कर आती है लेकिन जाने दो उसमें इतना ज्यादा तुम्हें नहीं जाना है आपको यहां पर सीधे पोजीशन पता करना है कि भैया ब्राइट फ्रिंज कहां पर बनेगा तो जब पाथ डिफरेंस जब पाथ डिफरेंस आपका n लडा के बराबर हो जाए ठीक है यानी कि x d अप d ये जो x d अपि d होता है ना जिसको आप पाथ डिफरेंस कहते हो अगर ये पाथ डिफरेंस n लडा के बराबर हो जाए सर पाथ डिफरेंस क्या है वही जो सिखाया था यहां से परपेंडिकुलर डालोगे ये q पॉइंट है ये जो s2 क है बेटा इसी s2 क की वैल्यू निकल कर के आती है x d / d d क्या था स्लिट के बीच की दूरी कपिल d क्या था स्लिट और स्क्रीन के बीच की दूरी तो बेटा ये बन जाएगा xd1 d n लडा के बराबर यहां से x की वैल्यू आ जाएगी n लडा अप d राइट n लडा / d ध्यान रहे कपिल d क्या है क्या है अगर आप एंगुलर पोजीशन उसका पूछोगे तो भाई थीटा बराबर आर्क अपन रेडियस होता है तो वहां पर कैपिटल d से क्या होगा डिवाइड हो जाएगा कैपिटल d से डिवाइड करोगे तो ये वाला d कट जाएगा n लड / d आ जाएगा लेकिन ध्यान रहे आपको कि ये जो पोजीशन है ब्राइट फ्रिंज का जो पोजीशन है वो जो x है दैट x इज प्रोपोर्शनल टू वेवलेंथ ऑफ द लाइट क्लियर बिल्कुल इसी तरीके से डार्क फ्रिंज कहां पर फॉर्म होगा तो डार्क फ्रिंज के लिए हमारे पास फार्मूला क्या है 2n + 1d लडा / 2d के बराबर ये सब डिराइवर होकर आता है ध्यान रहे n की जो वैल्यू होगी वो जीरो से शुरू होगी 0 1 2 3 एंड सो ऑन अगर माइनस लिखा होता तो वन से शुरू होती यहां पर जो n है वो n तुम्हारा रो से ही शुरू होगा 0 1 2 3 एंड सो ऑन के बराबर राइट बिल्कुल इसी तरीके से एंगुलर पोजीशन अगर आप पूछेंगे तो एंगुलर पोजीशन हमारा हो जाएगा ना 2n + 1 लड / 2d के बराबर और फ्रिंज विड्थ का मतलब होता है दो ब्राइट फ्रिंजेस के बीच की दूरी है ना दो ब्राइट फ्रिंजेस के बीच की दूरी या दो डार्क फ्रिंजेस के बीच की दूरी तो वो निकल कर आती है बेटा d लडा / d यहां भी ध्यान देने वाली बात यह है कि जो फ्रिंज विड्थ है दैट इज डायरेक्टली प्रोपोर्शनल टू वेवलेंथ ऑफ द लाइट कई बार हमसे कहते हैं कि पूरा का पूरा यंगस डबल सेड एक्सपेरिमेंट उठाकर किसी लिक्विड में डाल दिया बोलो विड्थ पर क्या फर्क पड़ेगा तो जो विड्थ है क्योंकि वो वेवलेंथ के प्रोपोर्शनल है और किसी मीडियम में जाने पर वेवलेंथ रिफ्रैक्टिव इंडेक्स टाइम्स घट जाता है यानी अगर आपने इस पूरे अपेट को उठाकर किसी लिक्विड में डाला जिसका रिफ्रैक्टिव इंड इक्स म के बराबर है तो उसमें जाने के बाद लाइट का वेवलेंथ जो है वो लडा अपॉन म हो जाता है इसलिए वहां पर फ्रिंज विड्थ जो होगी मेरे प्यारे बच्चों वो भी म्य टाइम्स डिक्रीज हो जाएगी ठीक है फ्रिंज विथ का आपको असली फील देखो दिलाते हैं यहां पर हम सबने अभी निकाला ना कि जब ये एक् जब ये x एडी लडा अपल d के बराबर हो जाएगा तब वहां पर भाई कंस्ट्रक्टिव इंटरफेरेंस होगा यानी कि सबसे पहला कंस्ट्रक्टिव इंटरफेरेंस बेटा n की वैल्यू रो से शुरू होती 01 2 तो सबसे पहला कंस्ट्रक्टिव इंटरफेरेंस कहां होगा x = 0 पर राइट सबसे पहला कहां x = 0 पर अगला कहां पर होगा n की वैल्यू वन रखो बेटा तो d लड / d पर यानी यहां से यहां से d लड / d पर राइट तो अकॉर्डिंग टू दिस डायग्राम देखो यहां पर सबसे पहला क्या फॉर्म हुआ है मैक्सिमा फिर फिर अगला मैक्सिमा देखो यहां पर फॉर्म हुआ है ये देखो यहां पर फॉर्म हुआ है तो ये ये वाला जो डिस्टेंस है बेटा ये डिस्टेंस कितना हो गया d लडा / d के बराबर ठीक है अगला ब्राइट कहां पर फॉर्म होगा 2 d लडा अप d के बराबर तो नेक्स्ट ब्राइट देखो ये बना है यहां पर ठीक है तो ये वाला डिस्टेंस कितना हो गया बेटा दिस डिस्टेंस इज 2d लडा / d बिल्कुल वैसे ही नीचे भी बनेगा है ना और ऐसे ही डार्क के लिए भी बनेगा अगर मैं डार्क की बात करूं तो जरा चेक कर लो पहला डार्क कहां बनेगा पहला डार्क फ्रिंज कहां बनेगा n की वैल्यू जीरो रखो d ल / 2d पर तो अगला कहां बनेगा वन रखो यहां पर तो 3d ल / 2d के बराबर यानी कि यानी कि यानी कि पहला डार्क बेटा यहां बना डार्क को मैं अलग कलर से दिखा रहा हूं चलो पिंक से दिखा रहा हूं ये डार्क बना तो ये डिस्टेंस कितना हो गया d ल / 2d राइट अगला डार्क कहां बना भैया यहां पर बना है तो ये वाली जो डिस्टेंस है बेटा ये कितनी है दिस इज 3d ल / 2d के बराबर क्लियर है तो ये ये वाला जो पेज है ये वाला जो मैटर है इसको बहुत अच्छे से डिटेल्स में सेट कर लेना तो आपको यह पता चल जाएगा कि भाई ये जो फ्रिंज विड्थ है दैट फ्रिंज विड्थ इज d लड / d एंगुलर फ्रिंज विड्थ की बात करोगे कैपिटल d से डिवाइड होगा जब भी भी एंगुलर की बात आपसे करें कैपिटल d से डिवाइड कर देना बस थीटा बराबर आर्क अपन रेडियस होता है कैपिटल d से डिवाइड कर देना ये हमारा लडा / d के बराबर आ जाएगा राइट कभी-कभी हमसे कहते हैं मैक्सिमम इंटेंसिटी और मिनिमम इंटेंसिटी का रेश बता दो तो i मैक्स / i मिनिमम जो है वो a1 + a2 स् और a1 - a2 का स्क्वा इस रेशो के बराबर होता है इसी को और ज्यादा अगर आप सिंपलीफाई करोगे ना तो r + 1 / r - 1 के होल स्क्वायर के बराबर भी होगा वयर दिस r इज द रेशो ऑफ एंप्लीट्यूड ये जो r है वो a1 / a2 के बराबर बेटा होता है तो ये बन जाएगा i मैक्स / i मिनिमम जो है वो r + 1 / r - 1 स्क्वा या इस तरीके से भी आप लिख सकते हो कई क बार हमसे यह कहा जाता है कि जैसे एक स्लिट ये है ये स्लिट है s1 एक दूसरा स्लिट है बेटा इतना चौड़ा अब अगर तुमने स्लिट का विड्थ बढ़ा दिया अब इसका जो विड्थ है वो w1 है इसका जो विड्थ है ओबवियस है आपको दिख रहा है ना वो ज्यादा विड्थ है अगर विथ आपने बढ़ा दिया तो आने वाली लाइट ज्यादा आएगी भाई इससे लाइट रेज ज्यादा निकलेंगी इससे ज्यादा लाइट एंटर करेगी तो आने वाली लाइट की जो इंटेंसिटी है वो बढ़ जाएगी सो इंटेंसिटी ऑफ द लाइट इज डायरेक्टली प्रोपोर्शनल टू विथ इंटेंसिटी जो है वो विथ के डायरेक्टली प्रोपोर्शनल है तो i1 / i2 जो है वो w1 / w2 के बराबर है व्हिच इज इक्वल टू a1 स् / a2 स् क्योंकि इंटेंसिटी प्रोपोर्शनल टू a स् भी होता है तो मेरे प्यारे बच्चों इस बात को ध्यान रखिएगा यहीं से आपसे इस तरह का क्वेश्चन पूछा जा सकता है आपको विड्थ का रेशो दे देगा विड्थ का रेशो अगर पता होगा तो वहां से आप a1 / a2 यानी r जो कि a1 / a2 होता है आप उसकी वैल्यू निकाल सकते हैं एंड दैट इज अ √ w1 / w2 राइट जब ये रेशो मिल जाएगा तो आपसे ये मैक्सिमम और मिनिमम इंटेंसिटी का रेशो पूछा जा सकता है ठीक है सो दैट विल बी r + 1 / r - 1 काल स्क्वायर यूजिंग दिस सेम फार्मूला तो ध्यान रहे ये स्लाइड आपके लिए इंपॉर्टेंट है न्यूमेरिकल पॉइंट ऑफ व्यू से यहां न्यूमेरिकल आपसे बन सकता है अगला है कि सर अगर मैं वाइट लाइट का इंटरफेरेंस करा दूं तो क्या होगा मेरे प्यारे बच्चों वाइट लाइट इज कंपोज्ड ऑफ ऑल कलर्स वाइट लाइट में सारे कलर्स होते हैं विप ग्यर वॉयलेट इंडिगो ब्लू ग्रीन येलो ऑरेंज रेड सारे ही कलर्स वाइट लाइट में होते हैं तो जब वाइट लाइट का इंटरफेरेंस होता है तो ध्यान रहे सबसे पहला कंस्ट्रक्टिव इंटरफेरेंस कहां होता है x = 0 पर ठीक है तो x = 0 पर सभी का कंस्ट्रक्टिव इंटरफेरेंस होगा यानी वॉयलेट इंडिगो ब्लू ग्रीन येलो ऑरेंज रेड सबका कंस्ट्रक्टिव होगा x = 0 पर ठीक है यानी सेंटर लाइन पर तो सेंटर लाइन पर जब सारे कलर्स का कंस्ट्रक्टिव होगा तो वहां पर हमें वाइट कलर दिखाई पड़ रहा होगा राइट तो हमें वाइट कलर दिखाई पड़ेगा बाकी उसके ऊपर और उसके नीचे बनेगी खिचड़ी क्यों सर खिचड़ी बनेगी क्यों क्योंकि बेटा जो फ्रिंज विड्थ होता है वो वेवलेंथ पर डिपेंडेंट है दैट इज d लडा अपडी राइट वेवलेंथ पर डिपेंडेंट है और हर कलर का वेवलेंथ अलग-अलग है तो पता चला किसी का मैक्सिमा यहां पर है किसी का मैक्सिमा यहां पर है किसी का यहीं पर है किसी का यहां है किसी का उसके ऊपर किसी का उसके ऊपर है किसी का मिनीमा यहां है पता चला किसी कलर का मैक्सिमा यहां है वहीं पर किसी दूसरे का मिनिम वहां है किसी दूसरे का मैक्सिमा वहां है तो अल्टीमेटली खिचड़ी भक जाएगी ट तो जरा पढ़ो जरा इंटरफेरेंस पैटर्न विद द वाइट लाइट वाइट लाइट कंसिस्ट ऑफ ऑफ कलर्स फ्रॉम द वायलेट टू रेड विद वेवलेंथ रेंज फ्रॉम 4000 टू 7000 एस्ट्रम डिफरेंट कंपोनेंट ऑफ़ द कलर्स ऑफ वाइट लाइट प्रोड्यूस देयर ओन डि इंटरफेरेंस पैटर्न सारे कलर अपना-अपना इंटरफेरेंस पैटर्न जो है फॉर्म कर रहे होंगे एट द सेंटर ऑफ द स्क्रीन द पाथ डिफरेंस इज ज़ीरो सेंटर वाले पॉइंट पर पाथ डिफरेंस ज़ीरो है सभी के लिए सो ब्राइट फ्रिंज ऑफ़ द डिफरेंट कलर्स ओवरलैप एट सेंटर सभी का ब्राइट फ्रिंज सभी का कंस्ट्रक्टिव इंटरफेरेंस जो है वो सेंटर पर हो रहा होगा कंसीक्वेंटली द सेंट्रल फ्रिंज इज वाइट सेंटर पर जो फ्रिंज बनेगा वो पॉइंट हमेशा वाइट होगा क्लियर है फिर बात आई नाउ फ्रिंज विड्थ ये जो फ्रिंज विड्थ है क्योंकि ये फ्रिंज विथ बेटा लैडा पर डिपेंडेंट है वेवलेंथ पर डिपेंडेंट होता है ये फ्रिंज विड्थ ठीक है दिस इज डायरेक्टली प्रोपोर्शनल टू लैडा सिंस वॉयलेट कलर हैज लोएस्ट वेवलेंथ वॉयलेट का वेवलेंथ सबसे कम है तो सबसे पास यानी सेंट्रल वाइट जो बना है ना ब्राइट फ्रिंज उसके सबसे पास अगर कोई बनेगा तो वो वॉयलेट कलर का बनेगा और सबसे दूर अगर कोई बनेगा तो व रेड कलर का बनेगा क्योंकि उसका वेवलेंथ सबसे ज्यादा होता है आफ्टर अ फ्यू फ्रिंजेस इंटरफेरेंस पैटर्न इज़ लॉस्ट ड्यू टू लार्ज ओवरलैपिंग तो आपको बस यही लिखना है इंटरफेरेंस पैटर्न इज़ लॉस्ट ड्यू टू लार्ज ओवरलैपिंग ऑफ़ द फ्रिंजेस एंड यूनिफॉर्म वाइट इलुमिया पूरे स्क्रीन पर वाइट वाइट जो है दिखाई पड़ेगा क्योंकि अल्टीमेटली सबका खिचड़ी जो है वो पक चुका है राइट अब अगर कभी भी तुमसे कहा जाए कि भाई वेव्स जो हैं उनकी इंटेंसिटी सेम है अगर i1 i2 के बराबर है और व i0 के बराबर हो जाए तो फार्मूला क्या था बेटा i = i1 + i2 + 2 √ i1 i2c फ तो इसको सिंपलीफाई जब करोगे तो बनेगा 2i + 2i c फ 2i कॉमन कर लो 1 + c फ और 1 + क फ को हम लोग क स्वार है ना 2c स् फ / 2 ऐसा भी लिख सकते हैं तो अगर दोनों लाइट वेव्स की इंटेंसिटी सेम हो मेरे प्यारे बच्चों तो रिजल्टेंट इंटेंसिटी होती है 4i c स् फ / 2 के बराबर राइट अब आ जाओ डिफ्रैक्ट ऑफ लाइट पर देखो इतना था इंटरफेरेंस ऑफ लाइट इंटरफेरेंस ऑफ लाइट एक बहुत इंपॉर्टेंट टॉपिक है पूछा जाता है ठीक है यह बात ध्यान रहे इंटरफेरेंस ऑफ लाइट हमेशा एनर्जी के कंजर्वेशन को सपोर्ट करता है अब आ जाओ डिफ्रेक्शन ऑफ़ लाइट डिफ्रेक्शन ऑफ़ लाइट का मतलब यह है कि जब भी भी लाइट रे किसी भी सॉलिड के कॉर्नर से पास हो रही होती है तो वह बेंड होकर ऐसे रीजन में चली जाती है जहां उसको नहीं जाना था जैसे लाइट का नॉर्मल नेचर देखो क्या है यह बेटा एक स्लिट है यह एक स्लिट है तो लाइट रे ऐसे आएगी स्लिट से पास होगी ऐसे निकल जाएगी ठीक है जो लाइट रे इधर आएगी स्लिट उसको अब्जॉर्ब कर लेगी जो इधर आएगी उसको भी अब्जॉर्ब कर लेगी यानी सिर्फ इतने रीजन से ही लाइट रे निकल रही होगी तो ये वाला जो रीजन है बेटा यह आपका इलुमिनाटी रे गई है दिस इज इल्यूमिनेटेड इल्यूमिनेटेड रीजन यानी कि यहां पर लाइट रे एंटर कर गई है यह लाइट का नॉर्मल नेचर है जहां पर लाइट रे नहीं गई वहां पर ज्योमेट्री शैडो बनेगा यहां भी ज्योमेट्री शैडो बन रहा होगा ठीक है लाइट के सामने अगर कोई स्मॉल सा ऑब्स्ट कल एक छोटा सा रख दिया जाए तो ये ऑब्स्ट कल आने वाली लाइट रे को अब्जॉर्ब कर लेगा तो इधर से लाइट रे तो जा नहीं पाएगी सिर्फ इसके कॉर्नर और इसके ऊपर से लाइट रेस जाएंगी ठीक है तो ये वाला जो रीजन है और ये वाला जो रीजन है ये पूरा का पूरा रीजन बेटा इल्यूमिनेटेड रीजन हो गया दिस इज आईआर रीजन इलुमिनाटी मतलब यहां पे लाइट रे गई है ठीक है ये वाला जो रीजन है इस रीजन में लाइट रे नहीं गई है तो यहीं पर ज्योमेट्री शैडो फॉर्म हो जाएगा लेकिन लाइट का नेचर ऐसा देखा गया है देखो ये अभी तक जो मैंने बताया ये लाइट का नॉर्मल नेचर है क्या कि लाइट ऑलवेज ट्रेवल इन स्ट्रेट लाइन लेकिन ऑब्जर्वेशन ये कहता है कि जब लाइट रे किसी सॉलिड के कॉर्नर से पास होती है तो बेंड होकर बेटा हल्का सा शैडो वाले रीजन में भी एंटर कर जाती है यहां से जब पास होती है तो भी हल्का सा इधर की तरफ एंटर कर जाती है तो लाइट रेखा कॉर्नर से जब वो लाइट रे पास हो हल्का ह सा बेंड होकर ज्योमेटिक शैडो वाले रीजन में एंटर कर जाना ही डिफ्रेक्शन ऑफ लाइट कहलाता है पढ़ो द फेनोमेना ऑफ बेंडिंग ऑफ द लाइट अराउंड द शार्प कॉर्नर्स एंड स्प्रेडिंग इन द रीजंस ऑफ ज्योमेटिक शैडो इज कॉल्ड डिफ्रेक्शन ऑफ लाइट इसी को लाइट का डिफ्रेक्शन बोलते हैं डिफ्रेक्शन दो तरीके का है फ्रेनल डिफ्रेक्शन और फ्रॉन हफ्स डिफ्रेक्शन तो अपने सिलेबस में फ्रॉन हफ्स डिफ्रेक्शन है जिसमें सिंगल स्लिट डिफ्रेक्शन होता है यानी कि एक ये लेंस है इस लेंस के फोकस पर अगर हम हम लोग बेटा सोर्स ऑफ लाइट रख दें इस लेंस के फोकस पर अगर हम लोग सोर्स ऑफ लाइट रख दें तो यहां से निकलने वाली लाइट रेज पैरेलल टू प्रिंसिपल एक्सिस हो जाएंगी अगर लाइट रे पैरेलल टू प्रिंसिपल एक्सिस हो जाएंगी तो ये जो इंसीडेंट वेव फ्रंट है चेक करो ये जो वेव फ्रंट है जो इंसीडेंट वेवफ्रंट है दिस इंसीडेंट वेवफ्रंट विल बिकम प्लेन वेवफ्रंट ये इंसीडेंट वेवफ्रंट बेटा कैसा बनेगा प्लेन वेवफ्रंट बन जाएगा हम लोग के सिलेबस में प्लेन वेवफ्रंट यानी फ्रॉन हॉफर डिफ्रेक्शन ही है ध्यान रहे तो प्लेन वेवफ्रंट ही हमको चाहिए अब ये क्या है बेटा ये एक स्लिट है प्लेन वेवफ्रंट आएगा स्लिट का हर एक पॉइंट जो है वो वेवफ्रंट इंसिडेंट जब होगा तो वेवफ्रंट का हर एक पॉइंट एक सोर्स ऑफ लाइट की तरह बिहेव करेगा हर एक पॉइंट से लाइट रे निकल रही होगी अब आप सोचो मैक्सिमम लाइट रे एकदम सीधे जाएगी और क्योंकि ये वाला जो लेंस है इस लेंस के फोकस पर स्क्रीन रखा हुआ है इस वाले लेंस के फोकस पर स्क्रीन रखा हुआ है तो पैरेलल आने वाली लाइट रे बेटा फोकस पर कन्वर्ज होगी और मैं आपको बताऊं मोर देन 95 पर लाइट यहां पर आएगी इसलिए इस पॉइंट का नाम होता है सेंट्रल ब्राइट इसका नाम क्या है इसका नाम है सेंट्रल ब्राइट है ना यहां पर हमेशा मैक्सिमा फॉर्म होता है और आने वाली जो लाइट रे है मोर देन 95 पर लाइट जो है वो सेंट्रल ब्राइट पर जाएगी उस सेंटर वाले पॉइंट पर बेटा जा रही होगी उसको सेंट्रल मैक्सिमा भी कहते हैं देखो देखो देखो मोर देन 95 लाइट का नेचर ये था जो पहले बताया था ये जो येलो वाला काम है ना ये केवल लेस दन 5 पर लाइट का खेल है यानी डिफ्रेक्शन लेस देन 5 पर लाइट का ही खेल होता है तो बेटा मोर दन 90 पर लाइट जो है वो इस सेंटर पर जाएगा तो सेंट्रल ब्राइट बोल सकते हो या इसको सेंट्रल मैक्सिमा भी कहा जा सकता है अब अब उन उस लाइट की बात करते हैं जो हल्का-फुल्का डिफ्रैक्ट हो गई मान लो थीटा एंगल ये डिफ्रैक्ट हो गई तो ये वाली जो लाइट रे ऐसे आई वो यहां पर इस पॉइंट पर अब इंटरफेरेंस करेगी और यहां पर या तो कंस्ट्रक्ट होएगा या तो डिस्ट्रक्टिव होगा तो उसके लिए बेटा देखो सिखाया क्या गया हम लोग को ये सिखाया गया कि अब पोजीशंस ऑफ मैक्सिमा आपको बता रहे हैं देखो इंटरफेरेंस का ना अपोजिट रिजल्ट यहां डिफ्रैक्ट में देखने को मिलता है ठीक है लेकिन ऐसा नहीं कि इंटरफेरेंस वाला फेनोमेना यहां फॉलो नहीं हो रहा है बिल्कुल हो रहा है लेकिन उतना ज्यादा डेप्थ में जाकर के आपको नहीं सीखना है आपको ये बस दिमाग में आपके होना चाहिए कि जो रिजल्ट हमने इंटरफेरेंस में निकाला था क्या निकाला था कंस्ट्रक्टिव इंटरफेरेंस के लिए पाथ डिफरेंस n लडा होता है और फेज डिफरेंस 2np के बराबर होता है ठीक है डिस्ट्रक्टिव के लिए 2n + 1 ल / 2 होता है राइट तो बिलकुल वही वाली चीज़ यहां देखने को देखो मिल रहा है 2n + 1 ल / 2 या n + 1 / 2 ल ऐसा लिख सकते हो अगर a जो कि क्या है पाथ डिफरेंस है जो कि पाथ डिफरेंस है पाथ डिफरेंस कैसे मिलेगा अगर आप यहां से एक परपेंडिकुलर ड्रॉ कर दो तो यह जो है डिस्टेंस यही है बेटा पाथ डिफरेंस दिस इज़ डेल्टा p यह पाथ डिफरेंस a के बराबर है क्योंकि a क्या है स्लिट्स के बीच बीच की दूरी है इस एंगल को थीटा माना गया है अगर यह a है ये एंगल थीटा है तो बेटा ये सामने वाली साइड साइड है यही a थीटा होगी तो पाथ डिफरेंस जो कि a थीटा है अगर वो n + 1/2 लडा या फिर वो 2n + 1 लड / 2 के बराबर अगर हो जाए तो यहां पर मैक्सिमा फॉर्म होगा ये रिजल्ट वहां पर डिस्ट्रक्टिव इंडेफरेंस का था लेकिन यहां पर उससे मैक्सिमा मिलता है ठीक है और मिनिम जो मिलेगा वो a थीटा अगर n लडा के बराबर हो जाए सो दिस इज द कंडीशन ऑफ मिनीमा राइट ठीक है तो आप लोग को आई थिंक बात समझ में आ गई होगी उल्टा रिजल्ट है ध्यान रखना अगर ये n लड है तो वहां पर मिनिम फॉर्म होएगा अगर वो 2n + 1 ल / 2 है तो वहां पर मैक्सिमा फॉर्म होगा और ध्यान रहे जब बात डिफ्रैक्ट में करते हैं तो n की वैल्यू रो देखो इसमें तो वैसे भी नहीं होगी यहां भी n की वैल्यू रो नहीं होगी क्यों क्योंकि रो पर हमेशा क्या फॉर्म होता है सेंट्रल ब्राइट यहां पर जीरो वाला जो पोजीशन है जहां पर वहां सबसे पहला कंस्ट्रक्टिव इंटरफेरेंस बन रहा था ना वो यहां पहले से बुक्ड है ऑलरेडी रिजर्व्ड आप रेस्टोरेंट में पहुंचे हैं पहले से ये रिजर्व्ड है भैया इसमें कोई बैठ नहीं सकता यहां पर मोर देन 95 पर लाइट पहले से आके बैठी है उसमें आप कुछ कर नहीं सकते हो तो यह वाला जो खेल है इसको हम लोग बोलते हैं सेकेंडरी मैक्सिमा ठीक है सो दीज आर द पोजीशंस ऑफ दीज आर द पोजीशंस ऑफ सेकेंडरी मैक्सिमा भैया मोर देन 95 पर लाइट जहां गई है सेंट्रल राइट पर वही तो है प्राइमरी मैक्सिमा है ना तो ये बेटा क्या है ये सेकेंडरी मैक्सिमा का पोजीशन है बाकी मिनीमा तो ठीक है ये मिनीमा का पोजीशन बेटा होता है क्लियर है ठीक है अब इंटेंसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कर्व की मैं आपको बात बताऊं सेंटर पर सबसे ज्यादा लाइट की इंटेंसिटी है सबसे ज्यादा लाइट कहां पर है सेंटर पर है क्योंकि मोर दन 95 पर लाइट तो यहीं पर है लेस दन 95 पर लाइट इधर-उधर बट रही है तो इसके बाद देखो इंटेंसिटी बहुत तेजी से घटती है फिर और घटती फिर और घटती फिर और घटती घटते घटते घटते घटते इ डिफरेंस का डिफ्रेक्शन का पैटर्न गायब हो जाता है राइट अब जरा चेक करो जीरो पर सबसे पहले क्या बना था हमारा मैक्सिमा बना था ठीक है ये प्राइमरी मैक्सिमा है फिर हमारा सबसे पहला सेकेंडरी मैक्सिमा कहां बना है वो यहां पर बना है दैट इज 3 लड / 2a पर ठीक है 3 ल / 2a पर पहला सेकेंडरी मैक्सिमा बना फिर यहां पर 5 ल / 2a पर दूसरा मैक्सिमा बना 7 ल / 2a पर तीसरा बना ऐसे ही बेटा यहां पर ठीक पहला मिनिम कहां पर बना ल / a पर दूसरा मिमा कहां बना 2 ल / a 3 ल / 4 ठीक है तो एक बात ध्यान रखना अगर इसकी इंटेंसिटी i नॉ है इसकी इंटेंसिटी को कुछ i1 मैं बोल दूं इसकी इंटेंसिटी को मैं i2 बोल दूं इसकी इंटेंसिटी को बेटा i3 में बोल दूं तो ध्यान रहे अगर आप रेशो निकाल रहे हो i0 i1 i2 इन सबका अगर रेशियो आप देखना चाहते हो अगर मैं इसकी इंटेंसिटी को वन मानूं तो इसकी इंटेंसिटी जो है वो 1/21 होगा उसकी इंटेंसिटी 1/6 होगा ठीक है उसकी इंटेंसिटी 1/11 होगा यानी बहुत तेजी से इंटेंसिटी जो है वो डिक्रीज हो रही है इस इंटेंसिटी का 21 गुना कम ये इसका 61 गुना कम ये इसका 121 गुना कम ये बहुत तेजी से बेटा इंटेंसिटी घटती जाएगी इसका कोई प्रूफ तुम्हें नहीं पढ़ना है ना तुमसे ये पूछा जाएगा बस मैंने आपको आपकी नॉलेज के लिए बता दिया है ठीक है ये बुक में आपको एसल अरोरा में लिखा मिल जाएगा तो वहीं से मैं भी आपको बता रहा हूं राइट ये स्ट्रेट फॉरवर्ड है इसके डेरिवेशन में नहीं जाना है डिफ्रैक्ट में ज्यादा तुम्हारे सिलेबस में है ही नहीं डिफ्रैक्ट में आपसे थोड़ा मोड़ा बस इसी पर बेस्ड न्यूमेरिकल्स पूछे जाएंगे ठीक है तो इसको थोड़ा अच्छे से आप समझ लेना वो भी इसके डेरिवेशन पे नहीं इस पर न्यूमेरिकल पूछे जाने के चांस आपसे ज्यादा हैं डेरिवेशन अगर पूछेंगे तो बस यही डायग्राम पाथ डिफरेंस कैसे निकालो ये वैल्यूज कैसे आई बस इससे ज्यादा आपसे डिफ्रैक्ट में नहीं पूछा जाएगा एक क्वेश्चन यहां बड़ा इंपॉर्टेंट है इंटरफेरेंस और डिफ्रैक्ट में क्या डिफरेंस है तो ये आप सभी लोग बहुत अच्छे से पढ़िए इतना पढ़ाने सिखाने के बाद आप लोग इंटरफेरेंस और डिफ्रेक्शन में डिफरेंस बहुत अच्छे से कर सकते हैं अच्छा एक चीज और समझो एक चीज और समझो जो इंटेंसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कर्व आपने डिफ्रेक्शन में सीखा है अगर मैं इंटरफेरेंस की बात आपसे करूं मतलब इंटरफेरेंस के लिए अगर मैं यही कर्व बनाऊं तो इंटरफेरेंस के केस में बेटा मामला देखो अलग है इंटरफेरेंस के केस में देखो मामला अलग है इंटरफेरेंस के केस में होता क्या है कि ये जो मैक्सिमम इंटेंसिटी है ना वो सबके लिए सेम है मैक्सिमम इंटेंसिटी आई मैक्स सबके लिए सेम है इंटरफेरेंस के केस में कोई भी प्राइमरी या सेकेंडरी जैसी चीज नहीं ही होती है वहां पर चाहे इसकी थिकनेस देखो इसकी थिकनेस देखो इसी को फ्रिंज विथ कहते हैं व्हिच इज इक्वल टू d लडा / d लेकिन यहां पर जब बेटा देखोगे तो इसकी जो विड्थ है ठीक है इसकी जो एंगुलर विड्थ देखो निकल कर के आई है दैट इज 2 ल / a राइट जबकि सेकेंडरी की अगर आप विड्थ देखेंगे तो दैट विल बी लडा / a सेकेंडरी की विड्थ जो है वो लडा / a के बराबर है क्लियर तो यहां पर डिफरेंस है प्राइमरी की विड्थ दो गुनी है सेकेंडरी के कंपैरिजन में लेकिन इंटरफेरेंस में ऐसा कुछ भी नहीं होता इंटरफेरेंस में सभी की विड्थ जो है वो सेम होती है ठीक है ठीक है डिफ्रेक्शन में क्या है कॉर्नर में बेंडिंग हो रही इंटरफेरेंस में ऐसा कुछ नहीं तो डिफरेंसेस आप बड़े अच्छे से जो है बना करके लिख सकते हैं आपको आपकी हर बुक में इंटरफेरेंस और डिफ्रेक्शन में जो डिफरेंस है वो मिल जाएगा वहां से जरूर पढ़ लेना वो एक क्वेश्चन है अगर टीचर के मन में आया तो आपको बोर्ड एग्जाम में दे सकते हैं आई होप इस चैप्टर के सारे कांसेप्ट आपको क्लियर हो गए होंगे कमेंट करके जरूर बताइएगा कि क्या सारे कॉन्सेप्ट्स आपको अच्छे से समझ में आ गए हैं ठीक है मिलते हैं भाई अपने अगले लेक्चर में दैट इज़ डुअल नेचर ऑफ रेडिएशन एंड मैटर तब तक के लिए गुड बाय एंड टेक केयर