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विस्कॉसिटी और लुब्रिकेंट्स का अध्ययन
Sep 18, 2024
लेक्चर नोट्स: लुब्रिकेंट्स और विस्कॉसिटी
विस्कॉसिटी की परिभाषा
विस्कॉसिटी
: इसे किसी फ्लूइड के फ्लो बिहेवियर की माप के रूप में समझा जाता है। यह बताती है कि फ्लूइड कितनी आसानी से फ्लो कर सकता है।
इकाइयां
: पास्कल सेकंड और सेंटिपोइस।
फ्लूइड लेयर्स में इंटरेक्शन
फ्लूइड लेयर्स के बीच इंटरेक्शन फ्लो व रेसिस्टेंस को प्रभावित करता है।
अधिक इंटरेक्शन = अधिक विस्कॉसिटी।
उदाहरण: हनी और वॉटर
हनी
: उच्च विस्कॉसिटी के कारण धीमे से प्रवाहित होता है।
वॉटर
: निम्न विस्कॉसिटी के कारण तेजी से प्रवाहित होता है।
लोड बियरिंग कैपेसिटी
लुब्रिकेंट्स की लोड बियरिंग कैपेसिटी उनकी विस्कॉसिटी पर निर्भर करती है।
उच्च विस्कॉसिटी = उच्च लोड बियरिंग क्षमता।
विस्कॉसिटी और तापमान का संबंध
तापमान बढ़ने से विस्कॉसिटी कम होती है।
विस्कॉसिटी इंडेक्स: यह मापता है कि तापमान के साथ विस्कॉसिटी कितनी बदलती है।
ग्राफिकल विश्लेषण
उच्च तापमान पर कम विस्कॉसिटी इंडेक्स = कम लोड बियरिंग क्षमता।
अधिक स्थिर विस्कॉसिटी इंडेक्स का लुब्रिकेंट विभिन्न तापमानों पर बेहतर प्रदर्शन करता है।
लुब्रिकेंट्स के प्रकार और उनका विस्कॉसिटी इंडेक्स
मिनरल ऑयल
: 100
वेजिटेबल ऑयल
: 200
सिंथेटिक ऑयल
: 300
उच्च विस्कॉसिटी इंडेक्स वाले लुब्रिकेंट्स को प्राथमिकता दी जाती है।
निष्कर्ष
उच्च विस्कॉसिटी इंडेक्स वाले लुब्रिकेंट्स बेहतर होते हैं, विशेषकर विभिन्न तापमान स्थितियों में।
अगले वीडियो में हम लुब्रिकेंट्स की अन्य प्रॉपर्टीज पर चर्चा करेंगे।
धन्यवाद!
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