आर्थिक सिद्धांत और मांग का अध्ययन

Aug 3, 2024

नोट्स: इकोनॉमिक्स की लेक्चर

लॉ ऑफ डिमांड

  • डिमांड की परिभाषा: हमारी आवश्यकताओं और इच्छाओं का माप।
  • लॉ ऑफ डिमांड: सभी चीजें समान होने पर, जैसे-जैसे किसी प्रोडक्ट की कीमत बढ़ेगी, कंज्यूमर की डिमांड घटेगी।
    • उदाहरण: अगर नोटबुक की कीमत ₹100 से ₹200 हो जाती है, तो डिमांड कम हो जाएगी।
    • दूसरी ओर, अगर कीमत घटती है, तो डिमांड बढ़ती है।
    • उदाहरण: टमाटर की कीमत ₹40 से ₹30 हो जाती है, तो डिमांड बढ़ जाएगी।

इनफीरियर गुड्स

  • परिभाषा: ऐसे प्रोडक्ट जिनकी डिमांड इनकम बढ़ने पर घट जाती है।
  • उदाहरण: एक व्यक्ति कम आय में स्थानीय चाय ब्रांड खरीदता है, लेकिन उच्च आय पर वह टाटा गोल्ड चाय खरीदता है।

गिफ़ एंड गुड्स

  • परिभाषा: अनिवार्य वस्तुएं जो हम नहीं छोड़ सकते, जैसे ब्रेड और चावल।
  • विशेषता: इनकी डिमांड कीमत घटने पर बढ़ती है।

डिमांड के निर्धारक

  1. कीमत: प्रोडक्ट की कीमत का प्रभाव।
  2. उपभोक्ता आय: आय में वृद्धि से डिमांड बढ़ सकती है।
  3. स्वाद और प्राथमिकताएँ: चाय या कॉफी का चुनाव।
  4. संबंधित वस्तुओं की कीमतें: चाय और कॉफी की कीमतें।
  5. भविष्य की अपेक्षाएँ: जैसे भविष्य में कीमतों के बढ़ने की उम्मीद।

सब्स्टीट्यूट गुड्स और कम्प्लीयंट गुड्स

  • सब्स्टीट्यूट गुड्स: ऐसे प्रोडक्ट जो एक-दूसरे के स्थान पर उपयोग हो सकते हैं।
  • कम्प्लीयंट गुड्स: ऐसे प्रोडक्ट जो एक-दूसरे के साथ उपयोग होते हैं।
    • उदाहरण: चाय के साथ दूध।

इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड

  • परिभाषा: कीमत के परिवर्तन पर डिमांड का माप।
  • इलास्टिक डिमांड: कीमत में वृद्धि पर डिमांड कम होती है।
  • इन इलास्टिक डिमांड: जरूरी वस्तुओं की डिमांड, भले ही कीमत बढ़े।

लॉ ऑफ सप्लाई

  • परिभाषा: जब किसी प्रोडक्ट की कीमत बढ़ती है, तो उसकी सप्लाई भी बढ़ती है।
  • उदाहरण: नोटबुक की कीमत बढ़ने पर विक्रेता अधिक बेचना चाहता है।

मार्केट इक्विलिब्रियम

  • परिभाषा: जब डिमांड और सप्लाई समान होती है।
  • सरप्लस: जब कीमत बढ़ने पर सप्लाई अधिक हो जाती है।
  • शॉर्टेज: जब कीमत कम होने पर डिमांड अधिक हो जाती है।

इंडस्ट्री और एग्रीकल्चर

  • इंडस्ट्री: मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर।
  • एग्रीकल्चर: प्रमुख फूड क्रॉप्स और कमर्शियल क्रॉप्स।

पब्लिक फाइनेंस

  • परिभाषा: गवर्नमेंट का रेवेन्यू और एक्सपेंडिचर।
  • टैक्सेशन: सरकार के आय स्रोत।
  • डेफिसिट: जब एक्सपेंडिचर आय से अधिक हो जाता है।

अनइंप्लॉयमेंट

  • परिभाषा: रोजगार की कमी।
  • प्रकार: फिक्शनल, स्ट्रक्चरल, साइक्लिक, और सीज़नल।

इंटरनेशनल ट्रेड

  • परिभाषा: विभिन्न देशों के बीच सामान और सेवाओं का आदान-प्रदान।
  • महत्व: आर्थिक विकास, बाजार की पहुंच, और उपभोक्ता विकल्प।

नीति आयोग और फाइव ईयर प्लान

  • नीति आयोग: योजना आयोग का स्थान।
  • फाइव ईयर प्लान: भारत के आर्थिक विकास के लिए योजनाएँ।
    • पहला योजना (1951-1956): कृषि पर ध्यान।
    • दूसरा योजना (1956-1961): औद्योगिक विकास।
    • तीसरा योजना (1961-1966): हरित क्रांति।

निष्कर्ष

  • आर्थिक विकास: गरीबी कम करना, रोजगार बढ़ाना, और सामाजिक न्याय।
  • चुनौतियाँ: जलवायु परिवर्तन, कौशल की कमी, और औद्योगिक विकास।

ये नोट्स आपके अध्ययन और पुनरावलोकन के लिए सहायक होंगे। आप अपने अनुसार इस जानकारी को और विस्तार से लिख सकते हैं।