एंड जय हिंद स्टूडेंट वेलकम बैक टू योर ओन चैनल सर तरुण रबानी और आईसीएससी बोर्ड का एकमात्र सलूशन है सर तरुण रबानी तो अंग्रेजों ने कभी भी इसको फर्स्ट वॉर नहीं माना दे नेवर कंसीडर्ड एज द वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस उनका मानना था कि कुछ सिपाही थे देश में जिसको अंग्रेज सिपाहे बोलते हैं हम लोग आम भाषा में सिपाही बोलते हैं अंग्रेज लोग उसको सिप बोलते हैं है ना तो सिप म्यूटन है अर्थात सिपाहियों की बगावत है दे नेवर कंसीडर्ड एज द वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस पर हम भारतवासी हम इंडियन हिस्टोरियंस मानते हैं कि यह पहली आजादी की लड़ाई थी तो अंग्रेजों ने किस तरीके से किस तरीके से भारत में कब्जा किया धीरे-धीरे धीरे राजाओं को लड़ाया कब्जा किया तो बैसे बहुत सारे कारण हैं ऐसे बहुत सारे रीजंस हैं कि हम अंग्रेजों के खिलाफ खड़े हो गए हम सब भारतवासी अंग्रेजों से नाराज हो गए उनमें से कुछ कॉसेस आना शुरू हो रहा है सबसे पहला कॉज है पॉलिटिकल कॉज हां पॉलिटिकल कॉज उसके अंदर आता है पॉलिसी ऑफ एक्सपेंशन अंग्रेजों ने धीरे-धीरे कंट्रोल करना शुरू किया इंडिया को चार तरीके उन्होंने लगाए इंडिया को गुलाम बनाने के लिए इंडिया को कंट्रोल करने के लिए एक बात बहुत ध्यान देना है कि अंग्रेज कौन है यहां पर अंग्रेज कंपनी है जो हमारे भारत को गुलाम बना रहा है वह कोई यस ब्रिटिश कंपनी है नाम है ईस्ट इंडिया कंपनी ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत को गुलाम बनाने की प्रक्रिया शुरू की उ उन्होंने तरीका लगाया आउट राइट वॉर मथा युद्ध करो पहले तो वो ट्रेडर बन के आए थे भारत में भारत के राजाओं से परमिशन ली कि हम सिर्फ क्या करेंगे ट्रेडिंग सेंटर्स खोलेंगे फैक्ट्री डालेंगे और धीरे-धीरे पावरफुल बनते चले गए और शुद्ध शुरू किया युद्ध तो सबसे पहले बैटल ऑफ बक्सर 1764 में जिसमें बंगाल बिहार और उड़ीसा ये तीनों राज्य की दीवानी क्या दीवानी वो दीवानी मस्तानी नहीं नहीं दीवानी मतलब होता है लैंड रेवेन्यू का राइट कलेक्ट करना अर्थात लगान कलेक्ट करने का अधिकार अंग्रेजों के पास आ गया हां हां और क्या मिला एंग्लो मैसूर वॉर में अगेन उन्होंने मैसूर जीत लिया और एंग्लो सिख वॉर में उन्होंने पंजाब जीत लिया तो इस तरीके से उन्होंने शुरुआत की इंडिया को जीतने की हां आउट राइट वॉर मतलब युद्ध करके दूसरा तरीका क्या लगाया सब्सिडियरी अलायंस सब्सिडियरी अलायंस लगाने वाले व्यक्ति का तस्वीर देख सकते हैं लॉर्ड वेलेस बहुत ही चालाक शातिर वैसे भी मैंने कहा अंग्रेज जो थे वो लोमड़ी की तरह थे क्या लोमड़ी की तरह थे और घात लगा करके हमला करते थे चालाकियां से काम करते थे इंडिया को उन्होंने बेईमानी दगाबाजी लूट फसाद करके लूटा क्या लॉर्ड वेसली का एग्जांपल देता हूं लॉर्ड वेसली जब वॉइज रॉय बने देश के गवर्नर बने मतलब इस कंपनी के गवर्नर बने और इंडिया को जब रूल कर रहे थे तो उन्होंने एक तलाकी की क्या चालाकी की कहा कि जो इंडियन स्टेट्स हमसे अलायंस कर करना चाहते हैं हमारे साथ दोस्ती करना चाहते हैं उनका हम स्वागत करते हैं और हमारी पॉलिसी है सब्सिडियरी अलायंस मतलब राजा ने अगर एग्रीमेंट साइन कर दिया मेरे साथ तो हम उसकी रक्षा करेंगे हम मतलब कौन ब्रिटिश और रूलरसोंग्स को हमारे पास सरेंडर कर देगा मतलब उस राजा को जब भी किसी विदेशी देश से दुश्मनी या दोस्ती करनी है कौन डिसाइड करेगा अंग्रेज डिसाइड करेंगे और क्या होगा अब वह किसी भी देश के साथ अलायंस नहीं कर पाएगा किसी दूसरे राजा के साथ सांठगांठ नहीं कर पाएगा और क्या करना अलाउड नहीं होगा उसे किसी के साथ सीक्रेट ट्रीटी नहीं कर सकता और तो और उसे एक ब्रिटिश रेसिडेंट को एक ब्रिटिश नागरिक को अपने राज्य में रखना होगा यह ब्रिटिश रेसिडेंट क्या होगा सारी खुफिया जानकारी अंग्रेजों को देता रहेगा तो एक तरह से राजा क्या एग्रीमेंट साइन करना मतलब गुलाम बनने के बराबर है क्योंकि उसके पास से कोई पावर ही नहीं रहेंगी और तो और उस राजा को अपने राज्य में अंग्रेजों की सेना को रखना पड़ेगा उसका खाना पना सब उसको भरना पड़ेगा तो एक तरह से देखा जाए अंग्रेज की सेना मुफ्त में रहेगी सारा खर्चा कौन करेगा वह भारतीय राजा करेगा सोचिए कितने चालाक है मैं मैंने कहा था लोमड़ी है अंग्रेज मैं गलत नहीं कह रहा हूं आइए और थोड़ा जाने इन अंग्रेजों के बारे में हां अरे गायब हो गए चलिए आगे बढ़ते हैं और अंग्रेजों ने क्या किया डॉक्ट्रिन ऑफ लैप्स अप्लाई किया जी डी से डॉक्ट्रिन डी से लाउज लॉर्ड लाउज नाम के ब्रिटिश गवर्नर ने इसको इंट्रोड्यूस किया हां मैंने कहा ये लोग बहुत चालाक हैं इसने एक नियम बनाया लॉर्ड लजी ने कि अगर कोई इंडियन रूलर हो कोई राजा हो भारत का और उसके पास अपना कोई वारिस ना हो कोई अपना वारिस नहीं हो अर्थात कोई अपनी संतान ना हो जो राजगद्दी पर बैठ सके तो उसके किंगडम को अंग्रेजी सरकार अर्थात ब्रिटिश कंपनी का वो राज्य मान लिया जाएगा अरे ये कैसा नियम है अजीब सा बच्चे मेरे होना है नहीं होना है मेरा राज्य तुम्हारा कैसे हो सकता है यह इंडियन रूलरसोंग्स हा रानी झांसी जो कि झांसी नाम के राजा की रानी थी लक्ष्मीबाई जी उनके पास अपनी संतान नहीं थी जब राजा की अकाल मृत्यु हो गई असमय मृत्यु हो गई तो रानी के पास अपना कोई गो अपना कोई पुत्र नहीं था और अंग्रेजों ने अपना झंडा लहराने के लिए आ गए वहां पर यह देखिए अंग्रेज पहुंच गए रानी के दरबार में कि खाली करो दरबार यहां पर अब ब्रिटिश हुकूमत चलेगी रानी बोली ऐसे कैसे चलेगी भाई आ जाओ तुमको युद्ध लड़ना तो लड़ेंगे तुम से ऐसे तो ना तुम्हें राज्य दे देंगे अरे राज्य मेरा तुम कौन हो तो डिसाइड करने वाले यही हुआ ही सच में ऐसा ही हुआ ऐसा ही रानी लक्ष्मीबाई अंग्रेजों से युद्ध लड़ी आइए थोड़ा सा इनके बारे में डिटेल बताऊंगा इसके बाद इसीलिए कहा था पूरा वीडियो देखना है तभी यह चैप्टर क्रिस्टल क्लियर हो जाएगा कहानी के रूप में आपके दिमाग में क्या हो जाएगा यह कहानी चले जाएगी फिर आपको याद नहीं करना पड़ेगा ठीक है और वो चैप्टर पढ़ना भी नहीं पड़ेगा हिस्ट्री की बुक से सच कह रहा हूं पूरी बुक को मैं मैंने एकदम सिंपलीफाइड वर्जन में यहां ला दिया है सच कह रहा हूं एंटायस ऑफ हिस्ट्री का एक-एक चैप्टर हम ऐसे ही करने वाले हैं बहुत मजेदार तरीके से करेंगे हर एक चीज आपके पास सामने होगी स्क्रीन पे होगी विद इमेज एंड विथ ऑल इंफॉर्मेशन तो झांसी के साथ ऐसा किया तो सातारा को भी ऐसा ही कर दिया जैतपुर के राजा के साथ भी यही किया संबलपुर उदयपुर नागपुर इन सब राजाओं के साथ ऐसा ही डॉक्ट्रिन ऑफ लैप्स नियम के तहत इनके राज्य को उन्होंने कब्जा कर लिया तो आप सोचिए किसी के राज्य को आप ऐसा कब्जा करोगे राजा खुश होगा वहां की प्रजा खुश होगी जवाब है नहीं तो बगावत तो करेगा ही करेगा युद्ध तो तुमसे करेगा ही करेगा एक और रीजन है और वो है एलेज्ड मिसरूल इसका मतलब है इल्जाम लगाना कि आप लोग रूल अच्छा नहीं करते हैं इसीलिए य रूल हमको दे दीजिए अवत के राजा पर उन्होंने इल्जाम लगाया ऐसा लड लजी ने किया था अवध के राजा अवध वैसे यूपी को ही कहते हैं यूपी का वो हिस्सा जो लखनऊ के पास का हिस्सा है उसे अवध कहते हैं हां जहां पे अयोध्या है भगवान श्री राम का मंदिर ठीक है ना वही हिस्सा अवध है है ना अली में ओरिजिनल यूपी वही है अवध तो अवध को लॉर्ड लौज ने इसलिए कब्जा कर लिया क्योंकि जो अव अवध के राजा थे उन पे इल्जाम लगाया गया कि आप अच्छे से राज्य चला नहीं पा रहे हैं और राजा की जो आर्मी थी नवाब की आर्मी थी उसको भी डिसबैंड कर दिया गया सैनिकों को बेदखल कर दिया गया और अंग्रेजों ने वहां के जमींदार की सारी लैंड भी अपने कब्जे में ले ली ताकि अधिक से अधिक लैंड रेवेन्यू लगान कलेक्ट कर सके और खूब हाई लैंड टैक्स लगा दिया फूड प टैक्स लगा दिया हाउसेस प टैक्स लगा दिया इवन फेरीज पे टैक्स लगा दिया जो मार्केट्स होती है ना उन सब पे टैक्स लगा दिया क्या करने के लिए सिर्फ पैसा पैसा पैसा अंग्रेजों ने ऐसा करने के लिए किया आता है यह तो पहला रीजन था कि किस तरीके से अंग्रेजों ने भारत को गुलाम बनाने की कोशिश की पॉलिटिकल कॉसेस चल रहा है दूसरा पॉलिटिकल कॉज है डिस रेस्पेक्ट शोन टू बहादुर शाह हां बहादुर शाह हमारे भारत के एंपरर थे उस समय भाई जो दिल्ली का राजा है वह भारत का राजा है और बहादुर शाह जो कि मुगल किंग थे उनका पहले तो कॉइन से चित्र हटा दिया गया हां पहले राजाओं का चित्र बना होता था फेस बना होता था कॉइन पे हटा दिया गया अंग्रेजों ने अपना एक नया कॉइन बनाया जिसमें बहादुर शाह जफर का चित्र हटा दिया और उस समय लास्ट मुगल रूलर थे और लॉर्ड लाउज ने अनाउंसमेंट किया कि बहादुर शाह जफर अब रेड पोर्ट में नहीं रहेंगे आप यह इमेज देख पा रहे हैं रेड फूट जो लाल किला जैसे आज भी आप जानते हैं है ना भारत का कह सकते हैं गर्व है लाल किला जहां पर प्रधानमंत्री ध्वजा लहराते हैं ना 15 अगस्त को उसी की बात कर रहा हूं तो राजा पहले वही रहते थे देश का राजा हां जो भी दिल्ली का राजा होगा वह देश का राजा होगा तो कहा गया नहीं नहीं नहीं अब आप यहां नहीं रह सकते हैं और क्या बेज्जती की गई उनकी लॉर्ड केनिंग ने ही कि बहादुर शाह के मरने के बाद उसके सक्सेसर्स को इंपीरियल टाइटल नहीं मिलेगी अर्थात उनके सक्सेसर्स को अब राजा की पदवी नहीं मिलेगी किंग या बादशाह या सुल्तान यह टाइटल नहीं मिलेगी अब वो राजा के नाम से नहीं जाने जाएंगे और इससे ब्रिटिश क्या करना चाहते थे मुसलमानों को हर्ट करना चाहते थे इससे सारे मुसला मुसलमान यस हर्ट फील किए और जीनत महल जो कि वाइफ ऑफ बहादुर शाह है आप देख पा रहे हैं सीन में ये यह जीनत महल है और यह रहे हमारे एंपरर बहादुर शाह जी तो जीनत महल को भी बहुत बुरा लगा बशा को है ना और उन्होंने प्लानिंग करना शुरू कर दिया कि कैसे अंग्रेजों के खिलाफ बगावत करें आइए और पॉलिटिकल कॉज सुने आप इनसे मिलिए परम यस कह सकता हूं परम आदरणीय पेशवा बाजीराव पेशवा कौन होते हैं एक्चुअली प्राइम मिनिस्टर टू द मराठा आर कॉल्ड एस पेशवा तो पेशवा जो कि मराठा के लीडर होते हैं प्राइम मिनिस्टर होते हैं इनका भी अपमान किया गया कैसे नाना साहेब जो कि अडॉप्टेड सन थे किसके बाजीराव टू के बाजीराव टू कौन है द लास्ट पेशवा मराठा के लास्ट पेशवा थे बाजीराव टू तो बाजीराव टू को पेंशन दिया जाता था हां एंगलो मराठा वॉर के बाद बाजीराव टू को पेंशन मिलता था ठीक है पर जब बाजीराव कहां चला गया पर जब बाजीराव टू मर गए और उनकी खुद की संतान नहीं थी तो उनके गोद लिए पुत्र उनके अडॉप्टेड पुत्र थे कौन उनके अडॉप्टेड पुन थे नाना साहिब तो ब्रिटिशर्स ने नाना साहिब को पेंशन देने से मना कर दिया और नाना साहिब को अपना पुश्तैनी घर जो कि पुणे में है जहां पर उनका एक तरह से कहे महल है वहां से छोड़ कर के आना पड़ा और कानपुर में रहने लगे जी हां पेशवा बाजीराव के अडॉप्टेड सन थे नाना साहिब जी तो इस तरीके से नाना साहिब को भी क्या किया गया अन्याय झेलना पड़ा ब्रिटिशर्स का और तो और जब नाना साहिब ने देखा कि ब्रिटिशर्स उनको मदद नहीं कर रहे हैं तो उन्होंने उसके खिलाफ प्लॉटिंग करना शुरू कर दिया बहुत सारे राजाओं को उन्होंने क्या किया फाइनेंस किया मदद किया ताकि वो क्या करें अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध लड़ सके हां ये एक बहुत ही कह सकते हैं वीर योद्धा थे एब्सेंट सोव निटी ऑफ दी ब्रिटिश हां एब्सेंट सोटी ऑफ द ब्रिटिश मतलब होता है अंग्रेज भारत में रूल तो कर रहे थे ब्रिटिश गवर्नमेंट रूल कर रही थी पर व कंपनी के रूप में रूल कर रही थी एक्चुअली में यह ब्रिटिश कंपनी के पीछे किसका पावर था ब्रिटिश क्वीन का पावर था सच में तो एक तरह से अंग्रेजों ने भारत पे अपना कब्जा भी जमा रखा था भारत प रूल भी कर रहे थे और कहां से रूल कर रहे थे ब्रिटेन से भारत को इससे कोई भी फायदा नहीं मिल रहा था इसका नाम रखा गया है अब्सेंटी हां नेक्स्ट है सोशो रिलीजियस कॉसेस अर्थात धर्म धार्मिक कारण कि क्यों हम अंग्रेजों के खिलाफ फर्स्ट वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस की क्यों आइए उनमें पहला कारण है इंटरफेरेंस विद द सोशल कस्टम्स जो हमारा इंडियन कस्टम्स था उस जमाने में उनमें से एक कस्टम था सती सिस्टम सती में जो वूमेंस होती थी वह अपने पति के चिता में जिंदा जल जाती थी सही कह रहा हूं मैं सुनने में थोड़ा डरावना लग रहा है पर बात सच है जो सती हुआ करती थी वह अपने पति के मृत्यु के समय उनकी चिता में जिंदा जल जाती तो सती मैया बन जाती थी हालांकि बहुत ही रूह कांपने वाली चीज है कि एक जिंदा स्त्री को जला देना पर यह परंपरा थी उस जमाने में और विलियम बेंटिक हां लॉर्ड विलियम बेंटिक ने राजा राम रॉय के हां के इन्फ्लुएंस में आकर एक कानून बना कर के इसको बैन कर दिया 1829 में बैन हुआ अब वैसे तो मैं कहूंगा आज की नजर से कहूंगा तो बहुत अच्छा हुआ कि सती नाम की परंपरा जो कि डेंजरस परंपरा थी एक तरह से हां डेंजरस परंपरा थी उसको बंद कर दिया गया पर उस समय तो लोगों को बहुत बुरा लगा बहुत बुरा लगा कि हमारे धर्म के मामले में क्यों आ रहे हैं आप और तो और विडो री मैरिज एक्ट बनाया अंग्रेजों ने ईश्वरचंद विद्यासागर हां ये एक बहुत महान रिफॉर्मर थे जिनके इन्फ्लुएंस में अंग्रेजों ने यह कानून बनाया जिसमें विडोस को विधवाओं को सम्मान दिलाने के लिए उनको शादी करने का अधिकार दे दिया गया और तो और वेस्टर्न एजुकेशन सेंटर्स खुले गए गर्ल्स के लिए तो इससे इंडियंस थोड़ा नाराज हो गए ये था सोशल कॉलेज कॉसेस और क्या कारण है फियर फ्रॉम द मॉडर्न इनोवेशंस एप्प्रिहेंशंस मतलब होता है डर देखो इंडिया में उस समय टेक्नोलॉजी नई थी नहीं है ना अंग्रेजों के पास पहले से ही इंडस्ट्रियल रेवोल्यूशन आ चुका था औद्योगिक क्रांति दुनिया में ब्रिटेन के पास सबसे पहले आई थी अर्थात दुनिया में सबसे पहले और सबसे बड़ी इंडस्ट्रीज कहां खुली थी ब्रिटेन में वहीं पे इन्वेंशन सारे हुए थे तो अंग्रेजों ने रेलवे बनाई अंग्रेजों ने टेलीग्राफ पोल चालू किए भारत में तो टेलीग्राफ पोल जब लगाए गए तो लोगों के अंदर एक अफवा फैला दी गई या फैल गई कि ये जो टेलीग्राफ के खंबे लगाए गए हैं हां जो टेलीफोन के खंबे होते हैं तार के खंबे वो लगाए गए लोगों को हैंग करने के लिए जो भी ब्रिटिश के खिलाफ बोलेगा बड़ी अजीब बात है अफवा तो जानते हैं कभी-कभी फैल जाती है दूसरा क्या था रेलवे में जो टिकट लो ले लेगा वह रेलवे के कंपार्टमेंट में ट्रेन के कंपार्टमेंट में बैठ सकता है और जो पक्के ऑर्थोडॉक्स इंडियंस थे उनको लगा जो कट्टर जिसे कहते हैं ना कट्टर इंडियंस थे उनको लगा कि ये हमारे धर्म भ्रष्ट करने के लिए बनाया गया ऐसा जान मुझ का रेलवे का क्योंकि इसमें जो भी टिकट ले लेगा वो चाहे हाई कास्ट का हो लो कास्ट का हो सबको टिकट जिसको मिल गई बैठने का अधिकार है और हाई कास्ट वाले उस समय लो कास्ट को पसंद नहीं करते थे उस समय भारत में ऊंच नीच की बड़ी परंपरा चलती थी उस समय समझ गए तो इससे इंडियंस को बहुत बुरा महसूस हो रहा था उन्हें लगा कि ब्रिटिशर्स ने जानबूझकर रेलवे चलाई है ताकि हायर कास्ट और लोअर कास्ट साथ-साथ बैठे और उनका धर्म भ्रष्ट हो जाए देखा ये इंडियन की सोच थी उस जमाने में तो इससे उनको बुरा लगा इंडियंस को और क्या हुआ अंग्रेज हर वक्त चालाकी चलते थे मैंने कहा लोमड़ी थे अंग्रेज वो उन्होंने पॉलिसी चलाई रेसियल डिस्क्रिमिनेशन की अर्थात धर्म के आधार पर रेस के आधार पर वो इंडियंस को कभी पसंद नहीं करते थे वो कहते थे कि हम लोग वाइट्स हैं और हम लोग सुपीरियर हैं वो अपने आप को हमेशा ऊंचा और महान मानते थे और इंडियंस को सबसे काला भद्दा गंदा मानते थे हमारे ही देश में रहते थे हमारा ही अन्न जल खाते थे और हमसे ही क्या करते थे बदतमीजी करते थे इंडियंस के साथ बहुत मिसबिहेव करते थे मुसलमानों को तो उन्होंने कह रखा था कि मुसलमान बहुत क्रूअल होते हैं अनफेथफुल होते हैं और इवन यूरोपिय को इल ट्रीट करने का आदित थी इंडियंस के साथ बड़ा बदतमीजी से बिहेव करते थे हां इंडियंस एंड डॉग्स आर नॉट अलाउड उन्होंने अपनी प्लेसेस प लिख रखा था जहां उनके बीच हुआ करते थे हां जहां पे स्विमिंग एरिया होते थे उनके या जहां पर उनके रेस्टोरेंट्स होते थे या इवन ट्रेन के कंपार्टमेंट होते थे वहां इंडियस नहीं जा सकते हैं गए तो लाठियों से मारेंगे बहुत बेइज्जत करेंगे हां डिस्क्रिमिनेट करते थे हमसे हमेशा दूर रहे हमसे हमेशा वो लोग क्या करते थे दूर रहते थे हमें बहुत मिसबिहेव करते थे सच में नौकरों से भी बुरा हमारे सा ट्रीटमेंट करते थे अंग्रेज तो हम क्या छोड़ेंगे उनको क्या है ना जब युद्ध की बारी आएगी तो हम भी छोड़ेंगे नहीं उनको और क्या हुआ एक्टिविटीज ऑफ मिशनरीज अब आप सीन प देख पाएंगे अंग्रेजों ने एक और शुरू किया तरीका इंडियंस को कन्वर्ट करने का और किसको भेजा मिशनरीज को तो 1813 एक ऐसा ईयर है जिसके बाद मिशनरीज एक्शन बहुत बढ़ गया मतलब ब्रिटिशर्स ने इंडियंस को कन्वर्ट कराने के लिए इंडियंस को क्रिश्चियनिटी में कन्वर्ट करने के लिए क्या किया अपने अपने कह सकते हैं क्रिश्चन धर्म गुरुओं को भेजा अब आप स्क्रीन प देख सकते हैं कि आदिवासियों को पुअर्न धीरे-धीरे कन्वर्ट करना शुरू भी कर दिया तो इस तरीके से इंडियंस को बहुत बुरा लगा कि आप हमारे धर्म के काम में भी टांग ड़ा रहे हैं और तो और वेस्टर्न एजुकेशन का लोगों के अंदर डर था खास करके जो इस्लामिक पढ़ाने वाले लोग हैं हां जो मदर दरसा में पढ़ते हैं अर्थात जो मुसलमान धर्म गुरु वाले जो टीचर्स होते हैं और स्कूल्स होते हैं उनको भी बुरा लगा और जो वेदांत पढ़ने वाले गुरूज होंगे अर्थात जहां हिंदू पढ़ाई कढ़ाई जाती होगी धर्म ग्रंथ पढ़ाए जाते होंगे उनको भी बड़ा बुरा लगा कि यह कौन सा नया एजुकेशन आ गया भाई इंग्लिश यह वेस्टर्न कल्चर और ये क्रिश्चियन एजुकेशन वाला कल्चर हमारे देश में नहीं चलेगा तो इस तरीके से इंडियंस को बहुत नाराजगी हुई उनके फॉरेन कल्चर फॉरेन लिटरेचर क्योंकि पढ़ाया जाने लगा हमारे भारत में इसका बहुत बहुत बहुत कह सकते हैं बहुत नाराज थे इंडियस उस समय और सही भी था वैसे आइए अभी तक हमने पढ़ा दो कॉसेस पढ़ लिए पॉलिटिकल कॉसेस पढ़ लिया सोशो इकोनॉमिक कॉसेस पढ़ लिया अब हम पढ़ने जा रहे हैं इकोनॉमिक कॉज आइए इकोनॉमिक्स मतलब पैसे से संबंधित कॉज अंग्रेजों ने हमें एक्सप्लोइट किया हमारे रिसोर्सेस को हमारे देश में पाए जाने वाले रिसोर्सेस का अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया कुछ एग्जांपल देता हूं जैसे एग्रीकल्चर को भारत में जो कॉटन उगता था जो रुई उगती थी भारत में जो सिल्क पाया जाता था उसको यहां से लेकर के अपने देश भेज देते थे क्योंकि उनके पास इंडस्ट्रीज थी उन इंडस्ट्रीज में कॉटन से कॉटन टेक्सटाइल सिल्क से सिल्क गुड्स बना कर के वो दुनिया में भर में बेचते थे देखा कितने चालाक थे हमसे ही रॉ कच्चा कॉटन और रॉ सिल्क ले जाते थे अपनी इंडस्ट्रीज में और तो और यहां पर जो इंडिगो है टी है ये हमारे देश में उगता था और इसको पैक करके अपने देश ले जाते थे और वहां प्रोसेस करके पूरी दुनिया भर में बेच के खूब पैसे कमाते थे इवन हमें भी बेचते थे हमारा ही सामान हमारा ही कच्चा कॉटन लेकर के फिनिश गुड बना कर के हमें ही लाकर के फाइनल प्रोडक्ट बेच देते थे इतने दुष्ट थे अंग्रेज हमसे ही फूड ग्रीन खाते थे देखा इंडिया में रेडीमेड ब्रिटिश मेड गुड्स को लाया गया ताकि हमारे देश के इंडस्ट्रीज वाले बर्बाद हो जाए जो हमारे यहां जो इंडियन गुड्स थे हैंडीक्राफ्ट खास करके हमारे यहां बनता था हाथ की बनी चीज बनती थी वो सब बर्बाद हो गई क्योंकि मशीन मेड गुड्स सस्ते होते थे और बहुत लार्ज क्वांटिटी में बनाए जा सकते थे और वो क्वालिटी में भी अच्छे होते थे और इंडियंस बर्बाद हो गए हैंडमेड गुड्स उनसे कंपटीशन ही नहीं कर पाए क्योंकि हाथ वाले गुड्स जानते हैं हाथ से बनी साड़ी हाथ से बना कपड़ा इमेजिन करिए कितना टाइम लेता है और मशीन तो जानते हैं कितना तेज काम करती है तो ब्रिटिशर्स के पास मशीन का ताकत था उनके पास मॉडर्न मशीने थी उस जमाने में रॉ मटेरियल हमारे देश चले जा रहे थे वहां गुड्स बनाया और हमारे देश में लाके बेच दिया हम तो दोनों तरफ से बर्बाद हो गए सस्ते में सामान भी दे दिया अपना और महंगा सामान हमारे देश में हम ही को बेचा जा रहा है तो जिस तरह से इंडियन आर्टिजंस बर्बाद हो गए इंडियन इंडस्ट्रीज बर्बाद हो गई और देश में बेरोजगारी आ गई हां लोगों के पास काम ही नहीं है क्योंकि सारा मशीन मेंड गुड्स भारत में आके बन के बिक रहा है और क्या किया अंग्रेजों ने ड्रेन ऑफ वेल्थ हमारे देश से वेल्थ ले जाना वो पहला टाइम था ऐसा पहला टाइम था जब हमारे देश में सरप्लस हो रहा था सरप्लस मतलब होता है हमारा एक्सपोर्ट्स ज्यादा था हम बेच ज्यादा रहे थे यह अलग बात है कि हम इंग्लैंड को ही बेच रहे थे और इंपोर्ट कम कर रहे थे पर उसका जो पैसा है वह भारत को नहीं मिलना था वो तो ब्रिटिश खर्चा कर दे रहे थे तो ट्रांसफर ऑफ वेल्थ फ्रॉम इंडिया टू इंग्लैंड भारत से सारी वेल्थ कहां जा रही है लूट के पैसा कहां जा रहा है इंग्लैंड जा रहा है ठीक है ना और बदले में हमें कुछ फायदा भी नहीं मिल रहा है कुछ रिटर्न गुड्स भी नहीं मिल रहे बदले में अरे गोल्ड दे दो कुछ दे दो बदले में नहीं नहीं कभी ऐसा नहीं हुआ हमारी जो कहते हैं ना कॉटेज इंडस्ट्री जिसको हम कहते घर-घर की इंडस्ट्री जिसे कहते हैं हथ कगा जिसे कहते हैं हैंडीक्राफ्ट हाथ से बना तो ब्रिटिशर्स ने इनको बर्बाद कर दिया इनको खत्म कर दिया कैसे खत्म किया क्योंकि इंडिया के जो सिल्क थे टेक्सटाइल बनाने वाली कंपनियां थी जो घर में हाथ से बनाने वाले लोग थे इनको बिजनेस नहीं करने दिया इनको बर्बाद कर दिया क्योंकि ब्रिटिश मेड गुड्स सस्ते आते थे इंडस्ट्री से बड़ा कपड़ा जो फाइन फैब्रिक बन के आता था वो बहुत सस्ता होता था और हाथ से जो खादी के बने कपड़े होते थे बहुत महंगे होते थे बनने में भी समय लगता है और महंगे भी होते थे तो इंडियन हैंडीक्राफ्ट बर्बाद हो गए आर्टिजंस बर्बाद हो गए क्योंकि उनको सपोर्ट करने के लिए जो लैंडलॉर्ड हुआ करते थे पहले राजा हुआ करते थे कोई जमींदार होते थे चीफ टेंस होते थे ये हैंडीक्राफ्ट के काम करने वालों को बहुत पैसा देते थे जैसे राजा वाजा जो थे ना अपने आर्टिजंस को अपने कारीगर्स को खूब पैसे धन दौलत देते थे कि जाओ मेरे लिए काम करो हां मेरे लिए नए-नए जैकेट्स बनाओ कपड़े बनाओ हां मुकुट बनाओ अब राजा ही नहीं रहे क्योंकि सारा राज्य तो धीरे-धीरे करके अंग्रेजों ने कब्जा कर रखा था और अंग्रेजों को इंडियन गुड्स तो चाहिए नहीं उनको तो ब्रिटिश मेट गुड्स चाहिए तो इस तरह से जो आर्टिस थे कलाकार थे हां कारीगर थे बर्बाद पूरी तरह से तबाह हो गए बेचारे कितने चालाकी से अंग्रेजों ने क्या किया मैंने कहा ना लोमड़ी है अंग्रेज मैंने गलत नहीं कहा था और बताता हूं तुमको इंडियन पीजेंट्री पीजेंट्री मतलब होता है फार्मिंग कि न को वर्कर्स को बर्बाद कर दिया कैसे इन्होंने पीजेंस पर खूब सारा टैक्स लगाया पीजेंस पर बर्डन लगाया अगर गवर्नमेंट मतलब कंपनी जो उस समय चल रही थी वो ट्रेड के लिए कुछ पैसे कम पड़ते थे या वर के लिए पैसे चाहिए होते थे तो टैक्स बढ़ा करके किसानों पर जिसको हम कहते लगान लगा कर के किसानों से अपना पैसा वसूल लेती थी मतलब जो भी उन्होंने इंडिया में युद्ध लड़े तो युद्ध में जो पैसे खर्चे होते थे अंग्रेजों के व कहां से वसूल होती थी हमारे ही किसानों से देखा इंडियन फार्मर्स तो इतना मजबूर हो गया इतना कर्जदार हो गया इतना इप्ड हो गया कि कई बार उन्हें अपनी जमीन छोड़कर भागना पड़ा या जमीने बेच देनी पड़ी जो हमारे जमींदार हुआ करते थे जो राजाओं वाले जमींदार हुआ करते थे व बहुत अच्छे होते थे वह किसानों की मदद भी करते थे उनके बुरे वक्त में उनको फाइनेंस भी दे देते थे पर यह जो ब्रिटिश जमींदार आए जो नए लैंडलॉर्ड आए वो बहुत ही गंदे थे वो अंग्रेजों के लो लोग थे और वो कसाई टाइप के लोग थे बहुत क्रूर टाइप के लोग लोग थे ये किसी भी इंडियंस पर दया नहीं करते थे हाई लैंड टैक्स चार्ज करते थे और जो ना देता था तो उसको या तो मार देते थे या खत्म कर देते थे क्योंकि पुलिस भी उनके साथ थी नतीजा सारे किसान या तो कर्ज में डूब डाब गए मर गए बर्बाद हो गए या जमीनें छोड़ के भाग गए हां टेनेंट्स मतलब किराएदार दे हैव टू रन अवे क्योंकि बहुत हाई लैंड रेवेन्यू लगा दिया एक सीन देखिए जरा सा आप इस फोटो को इमेज को देखिए अब आप देखेंगे कि किस तरीके से बेरोजगार लोग चारों उ तरफ घूम रहे हैं क्योंकि इंडिया में कोई इंडस्ट्री है ही नहीं इंडिया में अनइंप्लॉयमेंट है जो छोड़ा बड़ा काम था भी वह थोड़ा मिलिट्री में काम था जुडिशल पोस्ट था पर वहां भी ज्यादा लोगों की जरूरत नहीं थी तो अनइंप्लॉयमेंट बहुत ज्यादा थी क्योंकि ब्रिटिशर्स हाई पोस्ट में इंडियंस को रखते ही नहीं थे अगर सैनिकों को भी रखा तो लोअर पोस्ट पर रखा सिर्फ सि पोय की पोस्ट पर रखा इंडियंस इंडियंस इसीलिए आज हो गए कि एक तो हमारी इंडस्ट्रीज खत्म हो गई हमारी टेक्सटाइल इंडस्ट्री हैंडीक्राफ्ट वर्क हमारा कॉटेज इंडस्ट्री बर्बाद हो गया हमारे यहां काम ही कुछ नहीं है और लोग भी क्या है खाली बैठे बेरोजगार बैठे खेती भी नहीं चल रही है ये स्थिति थी अनइंप्लॉयमेंट चारों तरफ फैला हुआ था अब आप देखिए इंडिगो जो हमारे इंडियन फार्मर्स थे उनको नील इंडिगो मतलब होता है नील नील जानते हैं एक पेड़ होता है इंडिगो का जिससे नील बनाई जाती है जो कपड़ों को डालने से क्या होता है कपड़े वाइट हो जाते हैं हां उजाला चार बूंदों वाला सुना है या रॉबिन ब्लू नाम सुना है ये दोनों नील के कंपनिया है भारत की इस समय करंट रॉबिन ब्लू और मैंने दूसरा नाम लिया उजाला चार बूंदों वाला कपड़े में डालो और उजाला आ जाए वो इंडिगो है तो इंडिगो फार्मर्स पर बहुत अत्याचार हुआ अंग्रेज पहले इंडिगो इंडिया से ही ले जाते थे यहां से ही इंडिगो उगाते थे फार्मर्स को मजबूर करते थे कि आप इंडिगो गाइए और इसको ले जाते थे अपनी इंडस्ट्रीज में ठीक है और फार्मर्स के साथ बहुत इन ह्यूमन बहुत क्रुल ट्रीटमेंट करते थे इंडिगो एक बहुत ही कह सकते सोइल एस्टिव क्रॉप था किसान उगाना नहीं चाहते थे क्योंकि इंडिगो का कोई पैसा भी नहीं मिलता था फार्मर्स को मजबूर किया जाता था कि आप इंडिगो उगाओ हमें लगान के रूप में पैसे नहीं चाहिए इंडिगो चाहिए क्योंकि इंडिगो उनकी इंडस्ट्रीज के लिए रॉ मटेरियल था देखिए कितने चालाक है फार्मर्स अंग्रेज और क्या हुआ हमारे देश में एक नया उन्होंने एक कानून बनाया नाम रखा इनाम कमीशन क्या था इस इनाम कमीशन में 18520 लैंडलॉर्ड्स की संपत्तियों को जप्त कर लिया गया बाप रे अंग्रेजों ने एक कानून बनाया कहा कि अगर आपके पास आप लैंडलॉर्ड हैं अगर आपके पास इस संपत्ति का कोई प्रूफ है कि यह प्रॉपर्टी यह लैंड ये एरिया आपका है तो सबूत दिखाइए नहीं तो यह सारी जमीन मेरी हो जाती अब बताइए कितनी चालाकी से जैसे डॉक्ट्रिन ऑफ लैप्स में कहा कि या तो अपनी संतान होगी तुम्हारी और नहीं तो तुम्हारा राज्य मेरा हो जाएगा देखा कैसे कैसे नियम बना रहे हैं वैसे ही यह भी नियम है क्या बोला लैंडलॉर्ड्स को कि लैंडलॉर्ड्स तुम हमें एक सबूत दो टाइटल एविडेंस दो टाइटल एविडेंस मतलब होता है जमीन का कागज दिखाओ दिखाओ कहां प्रूफ है तुम्हारे पास लिखित में कोई कागज पहले जमाने में राजा वाजा तो जानते हो ऐसे ही दान कर देते थे ठीक है ये 10 गांव तुम्हारे ये पांच बगा जमीन तुम्हारी ऐसे ही होता था ना लोगों को जमीन मिल गई मिल गई कोई लिखित तो होती थी तो उस समय लैंडलॉर्ड के पास कागज ही नहीं थे कहां प्रूफ होता उस जमाने में रिटर्न क वर्क थोड़ा नहीं होता था ओवरल बहुत सारी चीजें चल जाती थी जुबानी बस वैल्यू होती थी कह दिया तो कह दिया लोगों ने अब 20 हज एस्टेट्स 200 हज ऐसे बड़ी-बड़ी संपत्तियों को लैंडलॉर्ड्स को छीन लिया गया इसीलिए छीन लिया गया क्योंकि उनके पास उसके पेपर नहीं थे ये था इनाम कमीशन तो क्या ये लोग खुश होंगे क्या यह छोड़ेंगे अंग्रेजों को एकदम नहीं यही लोग सब अंग्रेजों के खिलाफ फर्स्ट वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस में एकजुट हो जाएंगे यह सब लोग आइए कुछ और कारण जानते हैं जिसका नाम है मिलिट्री कॉज हां मिलिट्री में भी इंडियंस के साथ हमेशा अन्याय हो रहा था जरा पहला अन्याय सुनिए इल ट्रीटमेंट ऑफ इंडियन सोल्जर्स जो ईस्ट इंडिया कंपनी थी उसमें जो सिपाही काम करते थे जिसको सिप बोलते थे उनके साथ साथ बहुत मिसबिहेवियर होता था वो अपने ब्रिटिश सैनिकों के बराबर थे ऐसा नहीं है कि ब्रिटिश सैनिक बहुत होशियार होता थे ना ना ना वो इंडियंस के बराबर ही थे सिपाही तो वो भी थे बट इंडियन सिपाही को कम पैसा मिलता था कम अच्छा खाना मिलता था और खराब घर मिलता था दे वर पुरली पेड इल फेड देखा खाना भी ठीक से नहीं मिलर सिपाहियों का हमारे इंडियंस को और घर भी अच्छा नहीं है कर रहे है ना अन्याय हमारे साथ मैंने कहा था लोमड़ी है वो लोग सिर्फ अपने लोगों के साथ यस अच्छा करते थे और क्या किया इन्होंने कानून बनाया देखिए इसमें देख पाएंगे आप कि सैनिकों को मजबूर किया गया कि समुंद्र को लांगो क्या था इस कानून का नाम जनरल सर्विस एलिमेंट एक्ट 186 इस कानून को बनाया गया इसमें कहा गया कि इंडियन सोल्जर्स को अगर सर्विस के लिए ड्यूटी के लिए युद्ध लड़ने के लिए कहीं देश के बाहर समुद्र के पार भेजना पड़ेगा तो उन्हें जाना पड़ेगा अब समुंद्र के पार जलदेव को लांग पहले य टैबू माना जाता था हां टैबू मतलब होता है अपशगुन पहले ब्राह्मण अपशगुन मानते थे सी को क्रॉस करना अपशगुन समझते हैं ना हां बुरा मानते थे ना ना ना जल देव है हम जल को नहीं लांगें पर अंग्रेजों ने कानून बनाया और इंडियंस को मजबूर किया कि तुम्हें अब जाना पड़ेगा विदेशी में सर्विस विदेश में अगर जाना पड़ेगा युद्ध लड़ने देखा तो इंडियन सिपाहियों ने भी यस चुनचुन के बदला लेंगे जितना जखम दोगे जितने घाव दोगे अंग्रेजों उतने तुम्हें टुकड़े करेंगे यस इंडियन सिपाई खून से उबल रहे थे अंदर ही अंदर उबल आइए देखिए और क्या कारण है इनके उबलने का एक कारण यह भी है लार्जर प्रोपोर्शन ऑफ इंडियन इन द ब्रिटिश आर्मी हां हमारी सेना में जो ब्रिटिश सेना थी उस समय उसमें 1 4000 था मतलब 4000 सैनिकों में एक अंग्रेज सैनिक हुआ करता था सोचिए किसकी ताकत ज्यादा होगी हम इंडियंस की तो लाजी नाम के जो जो गवर्नर थे उन्होंने इवन सजेस्ट भी किया था कि ब्रिटिश संख्या जल्दी से बढ़ाओ ठीक है ना और आर्म्स ज्यादातर जो सोफिस्टिकेटेड आर्म्स से हथियार थे वो इंडियंस को नहीं दिए जाते थे ना अंग्रेज नहीं देते थे और तो और लिटिल प्रोस्पेक्ट ऑफ प्रमोशन इंडियंस का देखिए पोस्ट कितना नीचे है सिर्फ सिपाही टाइप का पोस्ट या मैक्सिमम सूबेदार का पोस्ट इसका मतलब जितनी ऊंची पोस्ट हुआ करती थी सब अंग्रेजों ने अपने पास रखी थी ऑल हायर रैंक्स वर रिजर्व्ड फॉर दी ब्रिटिश इंडियन सिपाहियों को काम तो लेंगे उनसे भारत जीतने में मदद यही बचारे कर रहे हैं है ना पर इनका सम्मान नहीं करेंगे इनको प्रॉपर पैसे नहीं देंगे इनको प्रॉपर घर नहीं देंगे है ना क्या फायदा होगा जब इज्जत नहीं मिलेगी तो तो मैंने कहा बगावत करेंगे हम तो बगावत करेंगे और तो और अभी तक हम समझ रहे थे कि अंग्रेजों को हराना असंभव है हमने मान रखा था कि ब्रिटिशर्स आर इनविंसन पर जब फर्स्ट अफगान वॉर हुआ जब पंजाब वॉर हुआ जब क्रिमिया में वॉर हुआ वहां संथाल लोगों ने जो हमारे आदिवासी हमारे भारत के आदिवासी है गर्व से कहो हमारे भारत में ऐसे आदिवासी हैं हमारे भाई बंधु हां यह ट्राइबल मैन है जो सिर्फ तीर धनुष से लेकर रहते हैं इस संथाल ट्राइबल हमारे भारत के ये आदिवासी हैं ये बंधु ये ट्राइब मेंस जो बिहार और बंगाल में रहते हैं इनको भी अंग्रेज हरा नहीं पाए सच कह रहा हूं इनको अंग्रेज कभी हरा नहीं पाए पूरी तरीके से क्योंकि इन्होंने गोरिल्ला युद्ध करके अंग्रेजों की सेनाओं को हरा रखा था जंगल में घुसने का अंग्रेजों के पास किसी के पास हिम्मत नहीं था ऑल ग्रेटनेस ऑफ संथाल ट्राइब मैन तो हमने ये सीख लिया कि अंग्रेजों को इसका मतलब है हराया जा सकता है क्योंकि पहली हमारी गलतफहमी थी हमारे अंदर एक मिथ भरा हुआ था कि अंग्रेजों को हराया नहीं जा सकता है तो ये मिथ हमारा टूट गया मिथ मतलब होता है एक गलत सूचना एक गलत इंफॉर्मेशन हमारे दिमाग में बैठी हुई थी ये सीन देखिए कैसे वो हार रहे हैं आइए अब एक और और सबसे इंपॉर्टेंट रीजन आने वाला है जिसको आपको जानना जरूरी है और वो रीजन है इमीडिएट कॉज क्या हुआ कि 1857 में सॉरी 1857 में आते-आते ये भयंकर युद्ध ले लिया फर्स्ट वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस हो गया तो उसका सबसे बड़ा कारण था यह बंदूक हां यह बंदूक एनफील्ड राइफल के नाम से जानी जाती है और इस एनफील्ड राइफल में जो गं थी जो बुलेट्स होती है उसको काटिज कहते हैं बुलेट का एक बॉक्स टाइप का होता है उसे कहते हैं काटिज उसको ऐसे मुंह से टियर करना पड़ता है और फिर गन के अंदर फिट करना पड़ता है और फिर गोलियां चलानी होती है समझ गए तो उस काटिज को जो बंदूक में फिट करते हैं वो काटिज किससे लगी हुई थी उसके ऊपर फैट्स ऑफ काउ एंड पिग लगा था अर्थात उसको ग्रीस ऑफ मतलब फैट ऑफ काउन पिक से लगाया गया था तो इससे इंडियंस को मुंह में लगाना था इंडियंस काव की रिस्पेक्ट करते हैं स्पेशली हिंदू और पिग को मुस्लिम मुस्लिम्स एस अ टैबू मानते हैं अपशगुन मानते हैं नतीजा क्या हुआ हां नतीजा यह हुआ कि उन्हो दोनों ने यूज करने से मना कर दिया बोला इस कार्ट को हम यूज नहीं करेंगे क्योंकि इस काटिज को मैंने कहा मुंह से टियर करके बंदूक में फिट करना होता था तब गोलियां चलानी होती थी पहले जमाने की बंदूकें बहुत बड़ी हुआ करती थी ना तो उन्होंने चलाने से मना कर दिया और अंग्रेजों ने युद्ध करना शुरू कर दिया कि नहीं ये तो चलानी पड़ेगी और यहीं से शुरू होने वाला है बगावत आइए शुरुआत करते हैं बगावत बगावत ऑफ 18507 आओ मंल पांडे जी पहला इंडियन सिपोल जिसने अपने ऑफिसर को बैरकपुर नाम के एक छोटे से एक छोटा सा एक मिलिट्री स्टेशन है जहां पर सैनिक रहते हैं बैरकपुर हां यह वेस्ट बंगाल में है वहां पर इन्फेंट्री में यह काम करते थे मंगल पांडे जी ब्रिटिश सैनिक थे सिप थे हमारे देश में और इन्होंने जब अपने ऑफिसर को मना कर दिया तो उन्होंने इनको ऊपर पनिशमेंट की जिस परे उन्होंने अपने ऑफिसर्स पर अटैक कर दिया मंगल पांडे ने अटैक कर दि दिया उनको पकड़ करके एग्जीक्यूट कर दिया गया हां उसी बैरकपुर में एग्जीक्यूट कर दिया सारे सैनिकों में विद्रोह आ गया उन्होंने बगावत कर दी सारे सैनिकों ने और अपने ही कमांडरों को वहां प ब्रिटिश कमांडरों को खत्म कर दिया वहां से आग फैली और पहुंची मेरठ मेरठ सेंटर बन जाएगा मेरठ दिल्ली के बहुत नजदीक एक छोटा सा शहर है हां यूपी का एक शहर है यहां पर 75 सॉरी 85 सोल्जर ने जब विरोध करना शुरू किया तो यहां पर भी सिपाहियों को अरेस्ट किया गया और सारे सिपाही जब एकजुट हो गए पूरे मेरठ कैंट को हां जहां पर मिलिट्री एस्टेब्लिशमेंट होता है उसको पूरा कब्जा कर लिया अपने ऑफिसर्स को उन्होंने भून डाला सारे ऑफिसर ब्रिटिश ऑफिसर्स को खत्म कर दिया और अपने सारे सिपाहियों को बंधुओं को आजाद कर दिया सब आजाद हो गए और कहां जा रहे हैं आजाद हो करके यह सब पहुंचेंगे दिल्ली क्योंकि दिल्ली में बैठे हुए हैं हमारे देश के राजा और उन्होंने दिल्ली पहुंचकर इन दिल्ली में यस मेरठ से दिल्ली आए सैनिकों का बहादुर शाह जफर ने भी स्वागत किया और इन लोगों ने राजा को एंपरर ऑफ इंडिया डिक्लेयर कर दिया इन सिपाहियों ने मेरठ से आए सिपाहियों ने डिक्लेयर कर दिया कि अब हमारे देश का शासक हमारे देश का राजा कोई और नहीं बहादुर शाह जफर जी हैं बहादुर शाह जफर ज्यादा समय तक वैसे मैंने कहा बहुत एजेट राजा थे बहुत ज्यादा समय तक राजा राज्य नहीं कर पाए उन्होंने संघर्ष जरूर किया ब सेना को बहुत तगड़ी तरीके से रोका पर ब्रिटिश के पास सपोर्ट था ब्रिटिश गवर्नमेंट की तरफ से वहां से उनके पास वेपंस हथियार प्लानिंग और उनके पास बहुत सारा मैनपावर था इवन बहुत सारे इंडियन राजाओं ने भी उनका सपोर्ट कि ब्रिटिशर्स का सपोर्ट किया सच कह रहा हूं बहुत सारे इंडियन किंग ने भी सपोर्ट किया नतीजा हमारी जो सेना थी व हारने लगी जो बहादुर शाह जफर जी है वो हार लिए गए और इनको पकड़ लिया गया दिल्ली पर वापस कब्जा हो गया और बहादुर शाह जफर को यंगून भेज दिया गया हां वर्मा में है यंगून है ना और जिसको जहां पर उनकी डेथ हुई मान किया था तो बेगम हजरत महल ने रिवोल्ट को लीड किया वहां पर उन्होंने क्या किया अंग्रेजों के लिए बहुत लोहा लिया अंग्रेजों से और पर बाद में क्योंकि अंग्रेजी सेना बहुत ताकतवर थी उन्होंने लखनऊ को वापस अपने कब्जे में ले लिया जब बेगम हजरत महल को नेपाल जाना पड़ा जान बचाने के लिए उसी तरह से कानपुर के लीडर थे नाना साहिब जी पेशवा बाजीराव के अडॉप्टेड सन नाना साहिब नाना साहिब ने मदद की थी हर तरीके से मैन पावर से रिसोर्सेस से मदद की थी फ्रीडम फाइटर्स को जो यह देशभक्ति लड़ाई लड़ रहे थे उनको हर तरफ से शपथ सपोर्ट करते थे पर नाना साहिब भी कानपुर से नेपाल चले गए अपनी जहां पर उनके बाद उनको ज्यादा पता नहीं चल पाया उनके बारे में इधर सेंट्रल इंडिया में क्या हुआ देखिए रानी लक्ष्मीबाई तो खूब लड़ी मरदानी वह तो झांसी वाली रानी थी चमक उठी सन 57 की वह तलवार पुरानी थी याद आया तो रानी झांसी इसलिए फेमस है क्योंकि वह एक लेडी हो कर के अंग्रेजों से लोहा लड़ती हैं और एक समय आता है जब अंग्रेजों को भी वो हरा चुकी होती है बट उनके ही यस अंग्रेजों द्वारा उनके सिपाहियों को खरीद लिया जाता है और उनका वो किले का दरवाजा खोल देते हैं रानी रानी की गद्दारी रानी के जो सैनिक होते हैं उनके साथ जो गद्दारी कर देते हैं उससे वह निकल कर के ग्वालियर चले जाती है ग्वालियर में उनका अंग्रेजों से भयंकर युद्ध होता है और अपने आप को और अपने गोद लिए पुत्र को समाप्त कर देती हैं और मधले दम तक आखिरी दम तक वो अंग्रेजों के हाथ जिंदा नहीं आती हां रानी झांसी अपने आप को समाप्त कर लेती है तांत तोपे जो कि रानी झांसी के साथ लड़ते हैं कालपी में जाकर के हां कालपी एक प्लेस का नाम है और बहुत बहुत कह सकते हैं शूरवीर कमांडर थे हां कमांडर ऑफ पेशवा बाजीराव और तात्या तोपे को भी पकड़ लिया जाता है और कुछ प्लेसेस है जहां जहां बगावत हुआ बरली में खान बहादुर जी ने अंग्रेजों से जो लोहा लिया हां खान बहादुर जी ने बिहार में कुंवर सिंह ने फैजाबाद में अहमद दुल्ला ने तो अलग-अलग जगहों पे ऐसा नहीं है कि किसी एक जगह प य रिवोल्ट हुआ भारत के अनेक राज्यों में हिस्सों में अंग्रेजों को हम लोग ने लोहे के चने चपवा दिए आइए जाने क्या हुआ रिवोल्ट का एंड क्या हुआ नतीजा क्या निकला आपको क्या मालूम है चलिए आइए देखते हैं पहला एंड यह हुआ कि अब अंग्रेजों को समझ में आ गया कि इंडियंस को दमन करने रोकने के लिए यह जो कंपनी है अकेले काफी नहीं है तो ईस्ट इंडिया कंपनी को क्या कर दिया जाएगा बंद अब कौन चलाएगा हमारे देश को ब्रिटिश क्राउन हां एंड ऑफ कंपनी रूल मैंने अभी तक बताया था अभी हमारे देश को कौन रूल कर रहा था ईस्ट इंडिया कंपनी तो अब ब्रिटिश क्राउन के पास है अर्थात देश को रूल कौन करेगी अंग्रेज रानी रूल करेगी ब्रिटिश क्राउन रूल करेगा और सेक्रेटरी ऑफ स्टेट और 15 मेंबर इंडियन काउंसिल यह ब्रिटिश पार्लियामेंट को जवाब देगी अब देश को चलाएगा कौन सेक्रेटरी सेक्रेटरी ऑफ स्टेट नाम का एक पद होगा जो देश को चलाएगा जिसके साथ 15 मेंबर्स होंगे देश का पहला वॉइस रॉयल लॉर्ड केनिंग ही होंगे हां इससे पहले लॉर्ड केनिंग ही लॉर्ड कनिंग ही क्या थे 1857 में पहले गवर्नर थे और वही पहले वॉइस रॉय बन जाएंगे हां गवर्नर पद हटा के क्या नाम दे दिया गया बस पद चेंज कर दिया नाम चेंज कर दिया है व्यक्ति चेंज नहीं किया है लॉर्ड केनिंग ी है और क्या किया भारत में तय किया गया कि भारत में सिविल सर्विसेस शुरू होंगी सिविल सर्विसेस मतलब कि भारत में हां आईसीएस के एग्जाम होंगे और क्या हुआ देखिए क्वीन विक्टोरिया को आप देख सकते हैं इमेज पे क्वीन विक्टोरिया अंग्रेजों की रानी यही है ब्रिटिश क्राउन तो क्या कहा गया गवर्नमेंट अब नॉन इंटरवेंशन करेगी अब किसी भी धर्म के मामले में टांग नहीं ड़ आएगी और सारे लोगों को एक जैसा ट्रीट करेगी भारत के सभी लोगों के साथ सम्मान से बिहेव करेगी याद रखिएगा एकदम फॉक्स है क्या है फॉक्स है मतलब जो कहते हैं ठीक उल्टा करते हैं जो कहा इन्होंने सब उल्टा किया कहा इंटरवेंशन नहीं करेंगे धर्म के मामले में सारे इंडिय को इक्वली ट्रीट करेंगे हुआ उल्टा डिवाइड एंड रूल शुरू कर दिया इसके बाद मतलब इंडियंस को लड़ा हो हिंदू मुस्लिम एक हो रहे थे उस समय फर्स्ट वॉर इंडिपेंडेंस तक बोला इन दोनों को लड़ा डालो आपस में ये लोग आपस में ही लड़ते रहेंगे आजादी की मांग तो कभी कर ही नहीं पाएंगे और यही किया उन्होंने चला के कहा इंडियंस को ट्रीट इक्वली करेंगे कभी नहीं किया कभी किसको फेवर करते कभी किसको फेवर करते जिनसे इनका काम होता बस उसको फेवर करते बस कभी इक्वल ट्रीट नहीं किया तो क्वीन विक्टोरिया का प्रोक्लेमेशन तो सब उल्टा ही था और क्या हुआ हमारे देश में एक बहुत बड़ा चेंज आया पेशवा शिप खत्म क्योंकि नाना साहेब लास्ट थे वो चले गए मुगल किंगडम खत्म मुगल साम्राज्य खत्म मुगल शिप खत्म हो गई हां क्योंकि लास्ट मुगल एंपरर थे बहादुर शाह जफर और क्या हुआ जो राजाओं वाले राज्य थे जितने भी जो वैसे एग्जांपल दिया मैंने नागपुर झांसी सतारा ऐसे बहुत सारे राजाओं वाले राज्य थे जिन्हें प्रिंसी स्टेट्स कहते हैं इनको कहा गया कि डॉक्ट्रिन ऑफ अनेक्स सेक्शन और डॉक्ट्रिन ऑफ लैप्स अब हम नहीं करेंगे जो लॉर्ड लाजी ने डॉक्ट्रिन ऑफ लैप्स बनाया था अब उसे हम बंद करते हैं अबन करते हैं और कहा गया जो इंडियन प्रिंस जो भारत का राजा अंग्रेजों के प्रति वफादार है और हमारी मदद कर रहा है हम उनको रिवॉर्ड देंगे हम उनको इनाम देंगे अब उनको हम अलाउ करते हैं इंडियन किंग्स को कि वो अपना संतान चाहे वो अपना हो चाहे गोद लिया हो सबको राजा बना सकते हैं देखा कितने चालाक थे लोमड़ी थे मैंने ने कहा था अंग्रेज क्वीन विक्टोरिया को एंप्रेस ऑफ इंडिया घोषित कर दिया गया भारत की साम्राज्य क्या भारत की सम्राज्ञी राजा होता तो सम्राट बोलते हैं ना तो साम्रगी बना दिया गया क्वीन विक्टोरिया को और इंडियन राजाओं को कहा गया कि आप जूनियर पार्टनर बन कर के क्राउन का पार्टनर बनके इनके चेले चपाती बनके इनके अंडर में काम करिए आप लोग और ऐसा हुआ भी इंडियन क्रंग सच में उन्हीं के अंडर में चले गए आइए पॉलिसी एंड डिवाइड एंड रू अंग्रेजों ने शुरू किया फूट डालो और मजे करो लड़ा इन दोनों को आपस में देखा तो उन्होंने इंडियंस को कभी-कभी परेशान करने के लिए क्लेवर क्या किया कभी ब्रिटिश ने मुसलमानों को मदद करना शुरू कर दिया हि को हिंदुओं को अलग कर दिया और कभी इसका उल्टा किया इन्होंने दोनों के बीच नफरत पैदा कर दी इल ट्रीटमेंट और हेट पैदा कर दी जो कभी खत्म ना हो पाई कभी नहीं खत्म हो पाई रेशल ए अर्थात अंग्रेजों ने हमेशा अपने आप को रेश सुपीरियर माना उन्होंने माना कि ब्रिटिशर्स रेश सुप्रीम है वो इंडियंस के साथ कभी भी घुल मिल नहीं पाए कभी नहीं घुल मिल पाए वह अपना आपको को हमेशा हमसे ऊंचा मानते थे वह रेलवे कंपार्टमेंट होटल हो पार्क्स हो क्लब हो सब में एक प्लेस बना देते थे कहते थे यूरोपिय ओनली अर्थात ऐसी प्लेस जहां पर इंडियस आ नहीं सकते हैं बताओ हमारे देश में रह रहे हैं हमारी भूमि में रह रहे हैं हमारी फॉरेन पॉलिसी तो हम नहीं तय कर पाएंगे हम डिसाइड नहीं कर पाएंगे कौन से राजा के साथ दोस्ती करें किस राजा के साथ क्या करें बिजनेस करें ना ना ना कौन डिसाइड करेगा ब्रिटिशर्स इवन फॉरेन कंट्रीज आसपास जो नेपाल है बर्मा है इन सब से भी क्या किया जा रहा था हमको दूर किया गया था ठीक है ना हम लोग को इनसे भी लड़ाई लड़नी पड़ी थी सच में यह सब हमारे पड़ोसी देश थे दोस्त मुल्क थे पर फिर भी हमको इनसे लड़ाई लड़नी पड़ी और क्या करना पड़ा अंग्रेजों ने इंडियंस को अनवर्थी कहा गया अंग्रेजों ने तय कर दिया कि इंडियंस अब भरोसे के लायक नहीं है क्योंकि उनको यह समझ में आ गया कि इंडियंस को बहुत समय तक दबाया या कंट्रोल नहीं किया जा सकता है और क्या होने लगा अंग्रेजों ने अपना पॉलिसी चेंज कर दिया पॉलिसी लगाया नॉन इंटरफेरेंस इंड रिलीजस अफेयर्स हम अब भारत के धर्म के मामलों में जैसे सती सिस्टम उन्होंने बंद करा दिया था विडो रीमैरिज शुरू कर दिया था नहीं अड़ाए जाओ तुम लोग की जो मर्जी करना है करो और आर्मी में बहुत बड़ा चेंज लाया बहुत चेंज लाया अपनी आर्मी में कह सकते हैं पूरी आर्मी को ही ऑर्गेनाइज कर दिया क्योंकि आर्मी से ही शुरू हुआ था बगावत याद रखिएगा और यूरोपियन का संख्या इंक्रीज कर दिया गया अब रोपिन की संख्या कर दी गई ट बंगाल में और 2:5 देखा मतलब अब यूरोपिय की मात्रा बहुत बढ़ा दी एक तरह से कह सकते हैं लगभग सेम रेशो कर दी दिया मतलब जितने ब्रिटिशर्स उतने इंडियंस सोचिए अब उनको समझ में आ गया और क्या करने लगे यूरोपिय वर केप्ट इन अ ज्योग्राफिकली एंड मिलिटर कल पोजीशन मतलब जो की पोजीशंस होती हैं जैसे कहते हैं ना कि सेना के हिसाब से जो इंपॉर्टेंट पद होते हैं वो सब यूरोपिय के लिए अर्थात अंग्रेजों के लिए रिजर्व थे इंडियंस को पोस्ट नहीं देंगे और इंडियंस को कहा गया कि आपको कोई भी सोफिस्टिकेटेड वेपंस या अनेशन आपके अंडर में नहीं रहेंगे किसी भी इंडियन के अंदर में कोई जो कहते बहुत खतरनाक या घातक हथियार घातक बंदूक इंडिय के हाथ में नहीं रहेंगी व सब बश के पास रहे ठीक है ना डिस्क्रिमिनेशन किया जाने लगा कास्ट के बेसस पर रीजन के बेसस पर और आर्मी में भी क्या होने लगा भेदभाव होने लगा कहा था ना जो बोलेगी उल्टा करेंगी और भेदभाव शुरू कर दिया आर्मी में भी है ना जैसे मुसलमानों की एक अलग आर्मी बनाई सिखों की अलग रेजीमेंट बनाई सच कह रहा हूं अलग-अलग रेजीमेंट जानबूझकर बनाई ताकि व लोग लड़ते रहे इंडियन पेपर्स को न्यूज़ पेपर्स को क्या कर दिया गया प्रिवेंट किया गया फ्रॉम रिचिंग द सोल्जर्स सोल्जर्स को किसी भी तरीके की कोई भी देश की जानकारी ना मिल सके ताकि उनको पता ना चले कि देश में क्या चल रहा है समझ गए इतने चालाक थे अंग्रेज और क्या किया इन्होंने देश का इकोनॉमिक एक्सप्लोइटेशन बरकरार रखा इंडिया को एक ऐसी कॉलोनी बनाया जो उनके लिए रॉ मटेरियल सप्लायर बने और उनके लिए मार्केट बन जाए तो हर तरह से भारत को क्या कर दिया अंग्रेजों ने बर्बाद कर दिया इंडियंस में जो सेक्रेटरी ऑफ सर्विस और जो मेंबर काउंसिल थे इन सबके लिए खूब सारा पैसा लगता था पर वो सारा पैसा कहां से आता था भारत से तो अंग्रेजों के जो जितने भी सिविल सर्वेंट्स है हाईयर पोजीशंस के लोग हैं इन सब की ऊंची ऊंची सैलरी इंडियास के रिसोर्सेस से जा रही थी मतलब देश को अंदर ही अंदर खोकला किए जा रहे थे जो हमारे फार्मर्स थे वो दिन बदन और गरीब पीजेंट्स मतलब फार्मर्स होता है वो गरीब से गरीब तर होते जा रहे थे कई बार उन्होंने रिवोल्ट भी किया पर उनको कुचल दिया गया उनको दफना दिया गया मार दिया गया इंडियन आर्टिन इंडस्ट्रीज थी अर्थात हैंडीक्राफ्ट स्पिनिंग वीविंग सबको सबको अंग्रेजों ने चलने ही नहीं दिया क्योंकि मशीन मेड गुड्स सस्ते होते थे और बहुत अच्छी क्वालिटी के होते थे नतीजा इंडियन हैंडीक्राफ्ट चला ही नहीं जैसे आजकल चाइनीज मिड गुंडिया में खूब आ गए हैं और उनके चक्कर में इंडियन जो कंपनिया है उनके सामने मुकाबला नहीं कर पा रही क्योंकि उनके गुड्स सस्ते हैं इंडियन कंपनी के मुकाबले हां यह अलग बात है कि हमारी कंपनी के आगे उनकी क्वालिटी खराब है थोड़ी क्वालिटी अच्छी नहीं है उनकी और इंडियंस को क्या मजबूर किया गया इंडियंस को मजबूर किया गया कि वह बहुत ज्यादा टैक्स भरे इंडिया में अंग्रेजों ने सिर्फ रेलवे ध्यान से सुनिए सिर्फ रेलवे कोल माइंस प्लांटेशन जूट मिल्स और शिपिंग सिर्फ इसमें ही पैसा लगाया क्योंकि इससे उनकी इंडस्ट्री को फायदा हो रहा था वहां जो ब्रिटिश में इंडस्ट्रीज है उनको फायदा बस इसीलिए वरना वो इसमें भी पैसा नहीं लगाते उन्होंने कभी कोई ऐसा काम नहीं किया जिससे भारत का लाभ होने वाला है वो अपने लाभ के लिए ये सब काम कर रहे थे यहां पर राइज ऑफ नेशनलिज्म अब देश में एक नई ज्वाला एक नई रोशनी एक नया क्रांति पैदा होगा क्योंकि हमारे देश के इतने वीर सपूत मारे गए हैं इतने महान महान देश के सपूत रानी लक्ष्मी भाई नाना साहेब मंगल पांडे इन्होंने आने वाली जनरेशन के अंदर एक नया जोश एक नया खून एक नई ताकत भर दी थी कि अब हम अंग्रेजों से दबने वाले नहीं है समझ गए ना अब झुकेगा नहीं ये स्पिरिट डाल दी नेशनलिज्म की देश प्रेम की स्पिरिट जग गई इस वॉर के बाद हां ये वॉर एक तरह से कहे आगे आने वाला जो कह सकते हैं गांधी जी के साथ जो मूवमेंट होने वाला था उसके लिए एक नई कहते हैं ना एक नई ताकत देखे गया था ऊर्जा देके गया था और इंडियंस में एक गड़बड़ कर दिया बस अंग्रेजों की चालाकी एक काम आ गई और वो चालाकी ये थी क्या करो गल्फ बिटवीन हिंदू एंड मुस्लिम हिंदू और मुसलमानों को एक दूसरे से लड़ाऊ और ये उनका काम कर गया ब्रिटिश पॉलिसी ऑफ डिवाइड रूल से दो अलग कम्युनिटीज बटने चले गई दूर जाते चले गई उन्होंने डेलिबरेशन अटेम्प्ट किया कि दोनों लड़ते रहे कभी साथ आ ही ना पाए और इसका इफेक्ट भी हुआ इसका इफेक्ट भी हुआ चलिए क्या बुरा इफेक्ट आया फर्स्ट वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस का कुछ बुरा था क्या अच्छा तो मैंने बहुत बता दिया आपको है ना आपको बता दिया कि क्या इंपैक्ट पड़ा क्या इफेक्ट पड़ा आपने देख लिया कुछ बुराइयां नहीं हां कुछ बुराई है इस मूवमेंट में सबसे बड़ी बुराई थी कि इस मूवमेंट का कोई प्लान नहीं था यह अराइजिंग अलग-अलग हिस्सों में हो रही थी कोई कानपुर में लड़ रहा है कोई लखनऊ में लड़ रहा है कोई दिल्ली में कोई प्लानिंग नहीं है कि आओ हम लोग एक साथ मिलकर के अटैक पड़ ना ना ना कोई कहीं भी कुछ भी कर रहा है कोई एक कॉमन लीडर नहीं था इनका याद रखिएगा देयर वाज अ नो कॉमन गोल बस एक ही गोल था बस अंग्रेजों को मारना है और कोई गोल नहीं था समझ गए और ईस्ट इंडिया कंपनी में जो आदमी काम कर रहे थे वो खास करके जैसे लॉरेंस निकोलसन जनरल हैवलॉक ये सब आर्मी के कमांडर हैं ये बहुत ही एक्सपीरियंस्ड कमांडर हैं इन्होंने बहुत सारे टफेस्ट बेडल जीते भी हैं तो इसीलिए ये भारत पे कब्जा वापस कर पाए और क्या हुआ जो ब्रिटिश एंपायर था अर्थात अंग्रेजों का राज्य जो है वह हमारे पास से बहुत ज्यादा ताकत रखता है पैसों में भी मटेरियल में भी मैन पावर में भी हर चीज में उनके पास हमसे ज्यादा अच्छा था था था मैंने कहा आज हमारे से बराबर नहीं है याद रखिएगा आज की इंडिया की बात करो मुझसे हमारे आगे तो बौना है बच्चा है ग्रेड ब्रिटेन समझ ग ना वो लोमड़ी आज हमारी मुट्ठी में है समझ गए ना क्योंकि आज इंडियन सी हम रूल कर रहे हैं आज हमारा ही प्राइम मिनिस्टर है ऋषि सुनक जी आपने नाम सुना होगा प्राइम मिनिस्टर ऑफ ब्रिटेन सच में एक भारतीय नागरिक है तो आज वो देश भी हमारी मुट्ठी में है समझ गए ना हर दिन कहते हैं ना एक समान नहीं होते हैं कहते हैं ना तो देखो तुम्हारे सामने है जो देश हमको गुलाम बनाया था आज हमारे भारत का सपूत वहां पर वहां का प्राइम मिनिस्टर है और वहां पर आज भी इंडियन आबादी बहुत ज्यादा मात्रा में हां इंडियस बहुत ज्यादा है वहां पर चलो और बताता हूं तो ब्रिटिशर्स ने जीत तो या मानता हूं और ये मूवमेंट नेशन वाइड मूवमेंट नहीं था एक्चुअली खास करके साउथ इंडिया में इसका स्प्रेड बहुत कम था साउथ में वेस्ट में स्प्रेड कम था सिंध और राजस्थान को तो पता ही नहीं था ये दो ऐसे स्टेट थे पहले सिंध भी इंडिया में था अभी आजकल पाकिस्तान में है इनको तो पता ही नहीं था कि देश में क्या चल रहा है और बल्कि नेपाल ने तो उल्टा मदद भी की थी ब्रिटिश की और बम्बे और मद्रास की आर्मी ने भी ब्रिटिश की मदद की थी देखा तो सिंध राजस्थान को पता ही नहीं है कि देश में लड़ाई चल रही है फर्स्ट व इंडिपेंडेंस चल रहा है और कुछ इंडियन स्टेट्स बिग जमीदार ने भी मूवमेंट को जवाइन करने से मना कर दिया था कुछ एग्जांपल देता हूं चेन्नई हो गए मुंबई हो गया है ना कोलकाता हो गया यहां के जो मनी लैंडर्स थे इन्होंने क्या किया ब्रिटिशर्स को सपोर्ट किया पैसे से सपोर्ट किया समझ गए बहुत सारे एजुकेटेड इंडियंस नहीं चाहते थे कि देश में अराइजिंग हो सच लीजिए और लास्ट में द अराइजिंग वाज सपोज टू बिगिन इन मई बट क्योंकि अपराइज सडन थी और ग्रीस काटिज का इंसिडेंट अचानक हो गया इमीडिएट कॉज हो गया एक विस्फोट हो गया अचानक देश में यह जो मंगल पांडे वाला केस था इससे अचानक क्या हो गया यह यह वॉर शुरू हो गया तो इस वॉर के बारे में कहा गया है मैंने कहा हमारे देश के जो राइटर्स है महान लेखक है उन्होंने इससे बोला है हमेशा कि ये एक ऐसा वॉर था जिसे हम कह सकते हैं आजादी की लड़ाई पर मैंने कहा अंग्रेज कभी भी इसको वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस नहीं माने दे नेवर हेल्ड इट एज अ वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस क्यों उन्होंने क्यों नहीं माना क्योंकि उनको लगा सिर्फ सिपाही इस में पार्टिसिपेट कर रहे हैं और हमने क्यों माना इंडियन हिस्टोरियंस ने इसे कहा कि ये वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस है ये अपराइज ंग है क्यों क्या रीजन दिया क्योंकि फर्स्ट मास अराइजिंग था भारत के हर समाज के लोग हर सेक्शन के लोग इसमें पार्टिसिपेट करते हैं अंग्रेजों से मुकाबला करते हैं क्योंकि उन सबका दुश्मन एक है अब वो चाहे फार्मर्स हो चाहे लैंडलॉर्ड्स हो हां वो पीजेंट्स हो मिडल मैन हो और सैनिक हो सबने से लड़ाई लड़ी और क्या हुआ इट पेव द वे फॉर द राइज ऑफ मॉडर्न नेशनल मूवमेंट और इसके बाद तो मैंने कहा देश प्रेम की अलग ज्योति एक अलग देश प्रेम जो भारत में नेशनलिज्म है वो जन्म ले लेगा हां इसके बाद के चैप्टर्स आप पढ़ेंगे ग्रोथ ऑफ नेशनलिज्म चलिए तो दिस ब्रिंग्स टू द एंड ऑफ द एंटायस पर दी लेटेस्ट सिलेबस ऑफ 2024 और मैं आपको यकीन दिला देता हूं कि इसी एक्साइटमेंट के साथ इसी एनर्जी के साथ आपको सारे लेसंस मिलेंगे और यहीं मिलेंगे हां अगले वीडियोस को आप कुछ समय बाद देखेंगे इसी जगह पोस्ट होता हुआ और आपके लिए सर तरुण रूपानी एकदम नए तरीके से एक नए कांसेप्ट के साथ सारे लेसन वज ला रहे हैं और आपसे कहूंगा अगर आपने चैनल में जवाइन नहीं किया है सब्सक्राइब नहीं किया है तो प्लीज सब्सक्राइब कर लीजिएगा और डिस्क्रिप्शन में आपको दे दे रहा हूं मैं लिंक हमारे नए लेसंस वीडियोस उनके बारे में डिटेल मिलने वाला है कहां इसी इसी इसी के डिस्क्रिप्शन में हां और आपको देता हूं स्टडी मटेरियल जहां पे ढेर सारे फ्री कंटेंट्स आपके लिए अपलोडेड हैं चलिए मिलते हैं बाय टेक केयर एंड