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इंद्रा सागर डैम की जानकारी
Sep 9, 2024
इंद्रा सागर डैम
परिचय
इंडिया का सबसे बड़ा डैम: इंद्रा सागर डैम
सक्रिय रिजर्वायर क्षमता: 9.75 क्यूबिक किलोमीटर
दुनिया का 11वां सबसे बड़ा डैम
स्थान: मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी पर
निर्माण लागत: 4,300 करोड़ रुपये (2005 में)
अन्य प्रमुख डैम्स
सरदार सरोवर डैम
:
ऊँचाई: 163 मीटर
रिजर्वायर क्षमता: 5.76 क्यूबिक किलोमीटर
तहरी डैम
(उत्तराखंड):
ऊँचाई: 260 मीटर
रिजर्वायर क्षमता: 3.54 क्यूबिक किलोमीटर
हिराकुड डैम
(ओडिशा):
लंबाई: 4.8 किलोमीटर
कुल लंबाई: 25.8 किलोमीटर
रिजर्वायर क्षमता: 5.9 क्यूबिक किलोमीटर
इंद्रा सागर डैम का महत्व
मध्य प्रदेश और गुजरात में ताजगी पानी लाने का स्रोत
नर्मदा का औसत वार्षिक प्रवाह: 40.96 क्यूबिक किलोमीटर
मॉनसून के दौरान प्रवाह का 90% हिस्सा (जून से सितंबर)
सिंचाई और हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के लिए महत्वपूर्ण
डैम के निर्माण की प्रक्रिया
1945-46 में नर्मदा के पानी को हार्नेस करने के लिए जांच शुरू
1951 में Central Waterways and Power Commission का गठन
1960 के दशक में मध्य प्रदेश और गुजरात ने पुनासा साइट पर पानी को हार्नेस करने के लिए योजनाएँ बनाई
1978 में 12 मल्टीपर्पज डैम्स के निर्माण का मास्टर प्लान बना
डैम निर्माण के तकनीकी कार्यप्रणाली
क्षमता के प्रकार
: सक्रिय और सर्चार्ज क्षमता
डैम का निर्माण बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई और हाइड्रोइलेक्ट्रिसिटी जनरेशन के लिए किया जाता है
पानी को कैनाल्स के माध्यम से पुनर्निर्देशित किया जाता है
इंद्रा सागर डैम का संरचना
1987 से 1992 तक कॉफर डैम का निर्माण हुआ
1992 में वास्तविक डैम का निर्माण शुरू
2003 में डैम तैयार हुआ, 2005 में कमीशन किया गया
653 मीटर लंबा और 92 मीटर ऊँचा डैम
हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर जनरेशन
पावर स्टेशन की क्षमता: 1000 मेगावाट
125 मेगावाट की 8 टर्बाइन
पानी की गति से टर्बाइन को घुमाना और बिजली उत्पादन करना
Francis type टर्बाइन का उपयोग
डैम के लाभ और विवाद
7.4 करोड़ क्यूबिक मीटर पीने का पानी उपलब्ध
2800 स्क्वायर किलोमीटर भूमि को सिंचाई मिलती है
स्थानीय निवासियों की पुनर्वास संबंधी समस्याएं
नर्मदा बचाव आंदोलन के तहत स्थानीय लोगों का विरोध
पर्यावरणीय प्रभाव
डैम निर्माण से पारिस्थितिकी, मछली और जलवायु पर प्रभाव
जलवायु परिवर्तन और जलवायु संकट के बीच संतुलन बनाए रखना जरूरी
ऊर्जा उत्पादन के अन्य विकल्प
न्यूक्लियर ऊर्जा को पर्यावरण के अनुकूल विकल्प माना गया
न्यूक्लियर ऊर्जा से होने वाले उत्सर्जन को काफी कम
जैविक ऊर्जा और सौर ऊर्जा के लाभ और चुनौतियां
निष्कर्ष
इंद्रा सागर डैम एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है, लेकिन इसके साथ कई सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दे जुड़े हुए हैं।
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