ग्लोबल वार्मिंग और डूबते शहर

Jul 12, 2024

ग्लोबल वार्मिंग और डूबते शहर

परिचय

  • समय के साथ पृथ्वी की भूगोल बदल रही है।
  • ग्लोबल वार्मिंग के कारण समुद्र का पानी बढ़ रहा है।
  • भविष्य में कई छोटे-बड़े शहर पानी के नीचे होंगे।

ग्लोबल वार्मिंग के आंकड़े

  • 1880 से 2022 तक पृथ्वी का औसत तापमान 1.4 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया।
  • पिछले 20 सालों में हर साल पिछली साल से अधिक गर्म रहा।
  • ग्लोबल वार्मिंग का मुख्य कारण मानव गतिविधियाँ हैं, जैसे कि:
    • वनों की कटाई (Deforestation)
    • जीवाश्म ईंधन का उपयोग (Fossil Fuels)
  • जीवाश्म ईंधन जलाने से मुख़्तलिफ़ गैसें वातावरण में जाकर ग्रीन हाउस इफ़ेक्ट पैदा करती हैं।
  • इसके नतीजे में ग्लेशियर पिघल रहे हैं और समुद्र का स्तर बढ़ रहा है।

समुद्र स्तर बढ़ने के प्रभाव

  • 1800-1900: समुद्र स्तर में 6 सेमी वृद्धि।
  • 1900-2000: समुद्र स्तर में 19 सेमी वृद्धि।
  • 2000-2022: समुद्र स्तर तेजी से बढ़ रहा है।
  • अनुमान: 2100 तक, समुद्र स्तर 2.5 मीटर बढ़ सकता है।
  • यदि सभी ग्लेशियर पिघले तो समुद्र स्तर 70 मीटर तक बढ़ सकता है।

प्रभावित शहर एवं क्षेत्र

2100 तक

  • बैंकॉक: 1.5 मीटर ऊंचाई; डूब जाएगा।
  • ढाका: गंगा नदी के किनारों पर आबादी पानी में डूब जाएगी।
  • बाकू: ज्यादातर तटीय क्षेत्र डूब जाएगा।
  • सिंगापुर: कई परियोजनाएं और पोर्ट पानी में डूब जाएंगे।
  • नीदरलैंड: एम्स्टर्डम और रॉटरडम पानी में डूब जाएंगे।
  • मालदीव: सारे द्वीप पानी में डूब जाएंगे।

5000 साल

  • अगर सभी ग्लेशियर पिघले:
    • पूरा बांग्लादेश बे ऑफ बंगाल में डूब जाएगा।
    • भारत: कोलकाता, मालदा, पटना, मुज़फ्फरनगर पानी में होंगे।
    • नेपाल और भूटान का क्षेत्र तट बन जाएगा।
    • चेन्नई: 200 फीट पानी के नीचे।
    • मुंबई: लोढ़ा ट्रम्प टॉवर 15 मंजिल तक पानी में।
    • गुजरात: द्वीप बन जाएगा।
    • पाकिस्तान: सिंध प्रांत और कराची पानी में डूब जाएंगे।
    • ग्वादर बंदरगाह सिर्फ एक छोटा सा द्वीप बनेगा।

निष्कर्ष

  • ग्लोबल वार्मिंग के गंभीर परिणाम होंगे।
  • हमें इस पर ध्यान देना चाहिए और उचित कदम उठाने चाहिए।