Transcript for:
Pragmatics

Welcome back friends Friends, आज का हमारा topic interesting होने के साथ साथ काफी important है और वो topic है pragmatics Friends, pragmatics linguistics की एक branch है और पूरे linguistics के field में pragmatics का बहुत बड़ा role है बहुत ज़्यादा influence है Pragmatics का concept काफी पुराना है क्योंकि pragmatic का जो word है वो itself Greek word pragma से निकला है जिसका मत्ब है action अब ये आपको वीडियो में आगे चलके पता चलेगा कि इसका मतलब action क्यूं है फ्रेंड्स ग्रीग हिस्टोरियन पॉलिबस उन्होंने पहले पहल अपनी writings को pragmatics कहा था लेकिन pragmatics एक अलग field of study के इत्पार से 1970 में emerge हुआ तो दोस्तों ये तो हो गया pragmatics का short सा introduction अब हम आते हैं pragmatics के main concept की तरफ फ्रेंड्स pragmatics की definition पढ़ने से पहले हम एक example को समझेंगे दोस्तों मान लो कि आप किसी जगा से गुजर रहे हैं और आपकी नजर shop पर लगे किसी sign board पर पड़ती है जिस पर लिखा होता है baby and toddler sale अब आप सोचें कि आपको उस sign board से क्या समझ में आएगा कि ये किस चीज की shop है क्या आप ये समझेंगे कि इदर baby sale हो रहे हैं हो सकता है आप ऐसा समझ भी लें अगर आप में वो pragmatical competence नहीं है मतलब अगर आपको pragmatics नहीं आती चलें एक second के लिए हम मान लेते हैं कि आपको उस sign board का मतलब बिल्कुल ठीक ठीक समझ में आ गया और वो ये था कि इस shop पर बच्चों के garments या accessories वगेरा की sale लगी हुई है friends अब इदर आता है हमारा main point तो दोस्तों बात ये है कि उस shop पर बच्चों के garments या accessories available हैं ये बात sign board पर तो नहीं लिखी हुई थी बलके आपने खुद से sign board को देख के खुद से उसका एक मत्तब निकाला तो दोस्तों यही तो है pragmatics जिसमें आपने खुद से वो hidden message या hidden meaning समझना होता है जो आपके सामने लिखा हुआ नहीं होता So अब हम देखेंगे definition को कि pragmatics की simple definition क्या है So pragmatic is a study of hidden meaning in a language Pragmatics में हम language में छुपे हुए hidden meanings को study करते हैं so this is all about pragmatics friends अब हम discuss करेंगे context को तो friends जैसे हमने पढ़ा था कि pragmatics में हम hidden meanings को study करते हैं तो ये hidden meanings हमें ऐसे ही समझ नहीं आ जाते इसको समझने में context हमारी काफी help करते है context basically किसी भी चीज़ का background knowledge होता है context ही हमें बताता है कि किसी भी बात का किसी भी जगा क्या मतलब हो सकता है दोस्तों मान लो कि आप class लेने college गए किसी भी वज़ा से आप late हो गए आप class में पुंचे तो class start हो चुकी थी आपने class का door open किया teacher की तरफ देखा तो teacher ने no के expression में सर हिला दिया मतलब teacher ने बगएर कुछ बोले सर हिला के ना कर दी आपने door बंद किया और class से बाहर आके बैठ गए फ्रेंड्स अब असल पॉइंट इसमें क्या है वो पॉइंट यह है कि ना तो आपने टीचर को कुछ बोला ना टीचर ने आपको कुछ बोला क्योंकि आपको ये बैकग्राउंड नॉलेज था कि आज मैं लेट आया हूँ इसी वज़ासे टीचर ने मुझे एंट्री अलाउ दोनों को context की वज़ासे ये बात पता थी कि teacher को ये पता था कि इसको मैंने क्यों नहीं आने दिया और आपको ये पता था कि teacher ने मुझे क्यों नहीं जाने दिया So this is called context दोस्तों context की two type हो सकती है physical context और linguistic context Physical context से हमें किसी भी चीज की location देखकर बात समझ आती है मतलब चीज को physically देखकर समझ आती है For example, अगर किसी building पर bank लिखा है तो हमें पता है कि इस bank से मतलब वो financial building है जहां लोगों के पैसे रखे या उनको निकाल के दिये जाते हैं और second is linguistic context दोस्तों, linguistic context में हम किसी भी word का मतलब उसके आसपास use हो रहे हैं words उसके आसपास use हो रही है language को देख के पता लगाते हैं for example the bank is too overgrown मतलब bank काफी जादा उग चुकी है काफी जादा grow हो गई है अब इदर आपको doubt हो जाएगा कि ये किस bank की बात हो रही है भाई बैंक कब से उगने और कटने लगे अब इस sentence में आप बैंक से मतलब पैसों वाला बैंक कभी भी नहीं लोगे क्योंकि word बैंक के साथ अगर कोई cash, debit, credit, bank closed, bank open जैसे word यूज़ होते तो पता लग जाता कि ये पैसों वाले बैंक की बात हो रही है बट इस sentence में बैंक के साथ जो word overground यूज़ हुआ है उसको देखे आपको समझ में आएगा कि ओहो ये तो river bank की बात हो रही है, मतलब दरिया के किनारे की बात हो रही है, कि उदर जो किनारे पे ज्ञाडी हैं, वो काफी जादा उप जुकी हैं, so इसी को हम linguistic context या co-text भी कहते हैं, friends, now we will discuss about dixies, friends, आपने जो एक main theme है हमारे इस पूरे lecture का, कि हम hidden meanings देख रहे हैं, कि word किदर किदर hidden होते हैं, meanings कैसे hide होते हैं, उसको तो उसी के थीम पर हम इस कंसेप्ट को डिक्सिस को डिस्कस करेंगे फ्रेंड्स डिक्सिस वह वर्ड यह वह लिंग्विस्टिक एक्सप्रेशन होते हैं जो हम किसी चीज की तरफ इशारा करने के लिए या किसी चीज की तरफ पॉइंट आउट करने के लिए यूज करते हैं इसी वजह से इनको डाइटिक एक्सप्रेशन भी बोला जाता है डिक्सिस थ्री टाइप्स के होते हैं फर्स्ट एज पर संदित ये वो words होते हैं जो किसी person की तरफ इशारा करते हैं for example, I, we, he, she, they वगैरा ये सब person dixies हैं friends, अब इस word ही कोई देख लें अब ये word ही दुनिया में किसी भी इंसान का name नहीं है but ही जहां भी use होगा आपको ये पता लग जाएगा कि ये किसी person की बात हो रही है For example, अगर आपके friend ने आपके घर आना हो तो आप उसे ये नहीं कहेंगे कि at which time you will come बलके आप simply उससे ये पूछेंगे कि when will you come So, ये words when, now, then ये सब words time की तरफ इशारा करते हैं And that's why they are called temporal dixies Friends, third is spatial dixies ये वो words हैं जो किसी location की तरफ इशारा करते हैं for example अगर आपने अपने दोस्त से पूछना है कि हम कहां जा रहे हैं बई तो आप ये नहीं कहेंगे कि at which place we are going आप simply उसे ये पूछेंगे कि where we are going क्योंकि place की तरफ इशारा करने के लिए आपके पास words हैं तो आप उसे simple पूछेंगे कि where we are going तो ये words like वेर हो गया, हेर हो गया, देर हो गया, ये सब special dixies हैं. Friends, next concept is about cataphora and anaphora. Friends, ये बहुत ही easy और उतने ही important concept हैं. पहले आप एक example को समझें कि ये concept important क्यों है. तो दोस्तो, my best friend, इस topic पर essay तो सबने कभी न कभी लिखा होगा.

अगर आप ये essay लिखना start करें, वो essay के my best friend, friend is John, he is brave, he is intelligent और ऐसे so on लिखते रहें लेकिन दोस्तों point यह है कि अगर मैं पूरे ऐसे में से एक line कट कर दूं जिसमें आपने अपने दोस्त का name mention किया था आपने लिखा था कि my best friend is John अगर मैं उस line को ही कट कर दूं तो क्या उसका name कट करने के बाद दुनिया में कोई इंसान है जो बता सकता है कि यह किस friend की बात हो रही है क्योंकि name के बगएर सिरफ ही से कैसे पता चलेगा कि ये कौन है बट अगर name written होगा तो पता लग जाएगा कि ये किस की तरफ reference जा रहा है सो ये तो होगे इसकी importance कि actual name के बगएर हमें पता ही नहीं लग सकता कि ये किस की बात हो रही है अब हम discuss करेंगे पहले anaphora को anaphora हम उसे कहते हैं कि जब हम किसी चीज का reference पहले दे दें और बाद में बेशक ही ही करते रहें लाइक जॉन इस गुड बॉय, ही लिव्स नेर मी, ही इस इंटेलिजेंट, सो अन। मतलब नेम हमने पहले बता दिया, उसका reference पहले दे दिया. बट जो cataphora है, उसमें हम reference बाद में देते हैं. For example, he lives near me and he is my best friend John. इसमें हम name बाद में बताते हैं. So, this is called anaphora and cataphora.

Friends, now we will discuss about presupposition. Friends, presupposition वो knowledge या वो information होती है जो speaker आपको direct नहीं बताता, बलके वो knowledge या वो information उसकी बात में छुपी हुई होती है, hide होती है, या simply उसकी बात में वो बात implied होती है. अगर आपके किसी new class fellow से introduction होता है और वो आपको कहे कि मेरा जो भाई दुबई रहता है उसने मुझे कहा कि आप study करो वरना मेरा कनेडा वाला भाई तो मान ही नहीं रहा था कि मुझे study करनी चाहिए अब उसकी इस बात में दो बातें hide हैं एक ये कि उसके अलावा उसकी family में उसके भाई भी हैं दूसरा ये कि उसके दो भाई हैं हलाके आपके classmate ने directly आपको ये बात नहीं बताई के मेरे अलावा मेरे भाई भी हैं family में, मेरे दो भाई हैं, उसने आपको ये चीज़ें directly नहीं बताई, but ये सब उसकी बातों में hidden था, so this is called presupposition. Next is reference and inference.

Friends, reference तो simply यही होता है कि हम किसी चीज़ को किसी और चीज़ के name के साथ refer करते हैं, for example, Mr. Kawasaki ये name Mr. Kawasaki उस person की तरफ उस बंदे की तरफ इशारा है उस बंदे की तरफ reference है जो बहुत तेज और loud voice में bike चलाते हैं so हमने उसका क्या नाम रख दिया Mr. Kawasaki और friends जिस चीज का name use करके हम reference दे रहे होते हैं मतलब इधर हमने bike का एक brand Kawasaki का name use करके उस बंदे का नाम Kawasaki रख दिया Mr. Kawasaki जिस चीज का name use करके हम reference दे रहे होते हैं उसको हम referent कहते हैं मतलब इधर जो bike का brand है Kawasaki वो क्या है referent है and then we have inference friends inference में जो listener है उसको additional information चाहिए होती है किसी भी बात को pick करने के लिए उसको समझने के लिए for example आपका friend आपके room में आए और बोले कोई चीज आपके table से उठा के बोले के what is this ये क्या है इन ब्लू कलर विद रफ स्ट्रफ मतलब अब आप नोटिस करें कि वो उसने की चीज उठाई और उस चीज के बारे में आपको वो इनफॉर्मेशन दे जा रहा है अडिशनल इनफॉर्मेशन दे रहा है कि बे ये क्या है ब्लू कलर में रफ से स्ट्रफ में तो ये जो अडि� तो इस विशेष है दोस्तों, प्रग्मेटिक्स में विशेष अग्राम का विशेष है वह बहुत वापस है विशेष अग्राम दो ताइप हैं विशेष अग्राम दूर और विशेष अग्राम दूर तो पहले हम विशेष अग्राम को देखेंगे फ्रेंट्स, डिरेक्ट स्पीच एक्ट्स का मतलब है कि जो हमने बोला डिरेक्ट उसका वही मतलब था जो हमने बोला मतलब उस बात का वही फंक्षन था फोर एक्जेंपल, आप और आपका दोस्त कहीं मिले और उसने आप से कहा it's very cold today आज बहुत थंड है तो इसका सीधा और direct मतलब यह है कि वो आपको weather के बारे में बता रहा है और weather के बारे में बताना चाहता है लेकिन जो indirect speech acts हैं उसमें बात का मतलब कुछ और ही होता है फॉर एक्जेंपल थंड का मौसम है आप अपने room को बंद करके blanket में बैठे हैं आपका दोस्त बाहर से आया उसने door open किया और door को बंद करना भूल गया आपने उसे कहा it's very cold outside अब ये लफ़त सुनते ही आपके friend ने जल्दी से door बंद कर दिया even के आपने उसे सिरफ यही बताया के बाहर बहुत ठंड है but वो समझ गया के मुझे door बंद करने का बोला गया है मतलब हमने indirectly उसे door बंद करने का बोला so this is indirect speech acts friends अब हम discuss करेंगे कि concept of politeness क्या है so politeness को discuss करने से पहले पॉलाइटनेस के जो सबसे related और close concept है जिसे समझना ज़रूरी है वो है concept of face हम पहले उसको discuss करेंगे so friends face is basically one's self image face हम कहते हैं किसी की भी self image को हर इंसान की अपनी एक social image होती है और हर इंसान चाहता है कि उसे उसी image के according society में accept किया जाए पहचाना जाए treat किया जाए इसी को हम प्रेग्मेटिक्स में face कहते हैं अब बात हमने start की थी politeness से तो दोस्तों प्रेग्मेटिक्स में politeness का मतलब बिल्कुल अलग है प्रेग्मेटिक्स में politeness वो behavior है जिसके थूँ हम अगले बंदे की self image का ख्याल करते हुए उसको जहन में रखते हुए उसके साथ कोई बात या कोई हरकत करते हैं अब हमें पता चल गया कि politeness और face क्या है face is self image face से related टू मेन कॉनसेप्ट फेस थ्रेटनिंग एक्ट एंड फेस सेविंग एक्ट हम इनको डिस्कस करेंगे तो फ्रेंड्स जैसे हमें पता है कि फेस मतलब होता है सेल्फ इमेज तो अगर हमने कोई ऐसा act किया, कुछ ऐसा बोला जिससे अगले की self image danger zone में चली गई, मतलब उसकी self image को खत्रा हो गया, तो इसे हम face threatening act कहते हैं, for example, मान लो कि आपके सामने कोई इंसान बैठ है, और आप उस इंसान के मुकाबले में socially powerful नहीं है, मतलब आप कोई उसके officer नहीं है, आप कोई ब� आपकी social position उससे strong नहीं है तो ऐसे में अगर आप उसको direct कोई बात कहेंगे मतलब अगर आप उसको कह देंगे give me that pen तो pragmatics के हि��ाब से आपने ये हरकत करके उसकी self image खतरे में डाल दी और इसको हम face threatening act कहते हैं friends face threatening acts में mostly direct speech acts यूज होते हैं मतलब directly किसी को कुछ कहा देना तो अगर हमारे पास फेज सेविंग एक्ट प्रेस फेज सेविंग एक्ट में हम अगले परसन के लिए कोई थ्रेट वाली बात नहीं करते या जो थ्रेट है उसे बहुत मिनिमाइज कर देते हैं मतलब कोई ऐसी बात नहीं करते कि जिससे अगले को लगे कि ये बन्दा मुझे indirect speech acts use करते हैं मतलब indirectly कुछ कहते हैं for example could you please give me that paper अब इदर हमने अगले बंदे पे कोई धोंस नहीं डाली बलके हमने उसे simple कहा कि अगर आप मुझे paper दे सकते हैं तो दे दे so this is called face saving act so friends at the last हम negative और positive face के concept को देखेंगे कि ये क्या होता है so friends जब भी मैं negative face की बात करूँगा तो इसमें नेगिटिव का मतलब बुरा नहीं है, बैड नहीं है, बलके ये नेगिटिव इसलिए है कि ये पॉजिटिव का ओपोजिट है, इसलिए हम इसे नेगिटिव कहते हैं. So, basically, नेगिटिव face क्या है? नेगिटिव face एक need का नाम है, ये एक need है इंसान की और वो need ये है कि हम पर कोई चीज इंपोज ना की जाए जोर जबरदस्ती, कोई बात जोर जबरदस्ती मानने के लिए ना कही जाए. तो जब हम किसी को इस तरह कुछ कहते हैं मतलब sorry कहके या उसे बता के कि मुझे पता है आप busy हो मैं आपको disturb नहीं करना चाहता तो हमें यह पता होता है कि वो person negative face है और हमने इसे कोई बात ऐसी नहीं कहनी जिससे उसे लगे कि ये मुझे पर कोई चीज इंपोज कर रहे हैं तो यह तो होता है negative face अब हम आते हैं positive face की तरफ दोस्तो negative face लोग भी होते हैं और positive face भी लोग होते हैं वो कोई भी हो सकते हैं तो अब हम देखते हैं positive face को positive face यह भी एक need है यह need यह है कि इंसान connected रहना चाता है मान लो मैंने अपने friend को कहा के यार चलो हम यह काम साथ में मिलके करते हैं मतलब हम कोई मसला है वो साथ में मिलके solve करते हैं क्योंकि आपका और मेरा problem same हैं हम मिल जुल के ये चीज को solution की तरफ लेके जाते हैं इसको solve करते हैं मतलब हमें पता है कि हमारा friend positive face है वो इसी तरह मिल जुल के काम कर लेगा so this is called positive face so friends I hope के आपको आज का lecture अच्छे से समझ आ गया होगा so see you in next video thanks for watching