कि वह लगेगा लगे विल आउट डियर वेलकम टू पर लेटेंड इस एंड इस दोस्त अवेटेड लेक्चर जिसके लिए तुम लोगों प्राणेव पर पूरी कहानी की तरह जैसे हमें हिस्ट्री पढ़ते आ रहे हैं आज हम देखेंगे प्रिंट कल्चर एंड द वर्ल्ड ठीक है यह हमारे चैप्टर हिस्ट्री का बड़ा ही सतानाला चैप्टर पर मैं इसको बहुत इंटरेस्टिंग तरीके से बताऊंगा और देखो तुम्हें याद रहना लेंगे कौन से समझना लेंगे समझना लेंगे तो मैं सबसे दिल से दिल तक समझा दूंगा पर कुछ ऐसे चीजें जो तुमको अपने दिमाग के अंदर बिठानी पड़ेंगे मैं तुमको दिल से दिल तक समझा जरूर दूंगा कि ये तुमको याद ही करना है अच्छा मेक शॉर कि अगर तुम्हें लोगों को सब्सक्राइब कर लो लो ठीक है क्योंकि ऐसे ख़तरनाक तगड़े वीडियोस इस चैनल के पर आते जाएंगे मुझे इस टाइम फॉलो कर सकते हो एड द रेट कौन प्रण है ना स्लाइड के अंदर हमने सोचा कि यह सब चीजें ऐड नहीं करते हम डायरेक्ट लिया थे हैं स्क्रीन की तरफ में देखो इधर हां देखो सिंपल सी बात है अभी जिंदगी के अंतर हमको चीज में प्रिंट देखते हैं देखो और यह देखो मेरी यह वूडी देख लो ना मस्त लगे नहीं लगे एकदम देखो चारों तरफ से प्रिंटेड यहां से प्रिंटेड यहां से प्रिंटेड अब मालों कि जैसे यह जो प्रिंट अब जो भी बगर लिखी है इसको पर पता नहीं तो कोई पर पीछे लिखा है दिखा रहा है यह वॉलपेपर जो है तो मैं इसको ध्यान से देखो अभी तो स्क्रीन हट गए तो थोड़ा देखेगा यह जो वॉलपेपर इस पर प्रिंट है बहुत जमाने में पुराने जमाने में प्रिंटिंग कैसे काम करती थी है ना वह चीज हमको दे चलो लेट्स विगिन प्रिंट कल्चर एंड द मॉडरन वर्ल्ड की भी प्रिंट का जो कल्चर है जो सबसे पहले प्रिंटिंग का हुई दुनिया के अंदर देरे देर चलकर प्रिंट कहां तक आई वह सारी चीज वह सारा सीनरियो आज हम इस लेक्शन के अंदर कवर करने वा पर बेटकर मत देखना इसको नींद आएगी वरना नींद तो नहीं आएगी यार मैं कोशिश करता हूं कि नींद है चलो सबसे पहले हम देखते हैं कि दुनिया की सबसे पहली प्रिंटेड बुक्स कहां पर मिलते थे दो फर्स्ट प्रिंटेड बुक्स पर फोल्ड एंड स्टिज ठीक है कैसे होती प्रिंटिंग बताता हूं सबसे पहले क्या होता था कि यहां पर जो चाइनी आपको पूरी बिना आदमी लोगों के बिना मैन पार के बिना लेबर्स के वो प्रिंटिंग पॉसिबल नहीं थी तो इसलिए प्रिंटिंग बहुत कम स्केल्प होते थे पर हम देख रहे हैं कि प्रिंटिंग स्टार्ट कहां से है ठीक है चलो ये AD 594 की बात है मतलब अभी 594 या नहीं बहुत स्किल्ड लेबर्स थे, आप देखो कि कोई किताब लिख दी बढ़िया सी, मान लो हमने मेहनत करके किताब लिख दी, अब उस टाइम पर प्रिंटर तो था नहीं, तो एक-एक किताब को बनाने में कहीं-कहीं दिन, कहीं-कहीं हफ़ते, इन फैक्ट कहीं-कहीं महिने भ आप से लिखते हैं बहुत अच्छे लेटिंग लेते हैं वह कैलिग्रा अब देखो चाइनल इंपीरियल स्टेट इन चाइनल यह था मेजर प्रोडूसर इंपीर चाना भली एक राजा के अंदर काम करता था पर चाना के अंदर फिर भी उन्हें बियोरोकरेटिक सिस्टम बेटर रहता है बियोरोकरेटिक सिस्टम मतलब कि जैसे आज हमारे पास में IAS, IPS ऐसे पोजिशन्स होती हैं तो तब भली चाना एक राजा के अंदर चल रहा था पर फिर भी उस राजा ने ये make sure किया था कि हम नीचे जो पूरी hierarchy बना है वो बियोरोकरेटिक बना है मतलब कि एकजाम हो और एकजाम के अंदर लोग आएं और जो अच्छी position पर है उनको बड़ी position देते हैं जैसे नहीं होता था अब अगर पढ़ेंगे कहां से पढ़ेंगे किताबों से ठीक है तो सबसे पहले जो चाइनल के अंदर जो बुक्स फैलना लगी वह इसी एक्जाम के कारण फैलना लगी यह हमारे लिए बहुत इंपोर्टेंट है कि यहां से दिरे-दिरे करके भाई इन किताबें थी तो लोगों ने इतनी किताबें इतने इस पर कैसे प्रिंट कि उसकी हिस्ट्री कहां से वह हम यहां पर जाने की कोशिश करते हैं अब देखो धीरे-धीर करके प्रिंट सिर्फ ऐसा नहीं थी कि सिर्फ पढ़ने आले स्कॉलर्स के उन्होंने अपनी खुद की किताबे चापना चालू कर दी, ठीक है, धिरे जितने भी नए reading culture जो आया, देखो, writing culture क्यों बड़ा, क्योंकि reading culture आया, print culture, print culture क्यों होगा important, जब तक reading culture नहीं होगा, तब तक print culture होगा ही ना, अरे भाई print culture तब ही होगा ना, जब लोगों के अ शंगाई जो है वो हब बन गया पूरे प्रिंट कल्चर का जो भी बड़ी मशीन सान लगे दिखेंगे आइए तो बता रहा हूँ ठीक है हेंड प्रिंटिंग धीरे निकल कि मेकैनिकल प्रिंटिंग पर आगे मतलब शुरू में तो हेंड प्रिंटिंग हो रही है जो भाई मैंने तो बताया प्रिंट का जो तरीका यह हेंड प्रिंटिंग वाला था अब धीरे करके मेकैनिकल प्रिंटिंग पर आने लग दूसरा ही मोटिव था कि हमको अपने रिलीजन को प्रोपागेट करना है मैं अगर अपने रिलीजन को आगे और फेमस करना चाहता हूँ और लोगों के लिए फैलाना चाहता हूँ तो मुझे उनको सिखाना पड़ेगा जैसे बुद्धियस मिशनरी चाहिए यह इन्होंने जब पान के अंदर इंट्रोडूस किया तो सबसे पहले चाहिए अब चाहिए जब पान में कैसे आया जब पान में को आप देखो जब पान सारी कंट्रीज दुनिया की अलग-अलग अपना काम करी थी चाने के अंदर प्रिंट की बड़ी सही चीज आई तो लोगों की दिमाग में चमका कि यह बड़ी टेक्नोलॉजी है तो तुम सोचो उस टाइम पर प् प्रिंटर से फालतू दो जाएगी नहीं कि चाइना वाला नस्टर की चलाएगी काम करो ऐसी दे दो जपानीया उसको नहीं बिना फायदे के तो कोई कुछ करता है नहीं दुनिया के अंदर हमेशा से तो इसलिए जो बुद्धिस्ट मिशनरी सीजो अपने लगा था तब लोगों के चाहिए तक भी पिछल होनी चाहिए बढ़िया फोटो वोट वह तो मजा है तो इसलिए फोटो आना लग गया उसके अंदर 19th century के अंदर बहुत सारे पेंटिंग्स हो गए ठीक है अर्बन कल्चर के ऊपर लाइबरी एक्सटर मतलब हर चीज के सिल्क रूट क्या है? सिल्क रूट ऐसे रास्तों का सेट है जिसके तुरू पहले सिल्क आया करता था है ना? मतलब भाई ओविसी बात है यूरोप अलग है जपान अलग है तो यहां से यहां तक आने के लिए जो रास्ता था अब इस सिल्क रूट से किताबे भी आने लग गई रूट मतलब वही रास्ता मतलब बहुत सा रास्ता जैसे कि भाई मुंबई से दिल्ली जाने के रूट होंगे मतलब एक रास्ता होगा दूसरा होगा तीसरा होगा पर ओवरॉल देखा जाता है तो यह एक ही पेरिफरी तो यहाँ रूट होगा और यहाँ रूप होगा और मार्को पोलो जो की बहुत ही बड़ी एक्सप्लोर्ट था भाई ये ध्यान से सुनो मार्को पोलो है इसके लिए रिस्पॉंसिबल अगर त� प्रिंट कल्चर या फिर पहली बार चाइनीज पेपर या फिर पहली बार जो ये पूरा कल्चर है प्रिंटिंग की टेकनोलॉजी कौन लेके आया था? ये लाया था मारको पोलो, मारको पोलो क्यों था? बड़ी एकस्प्लोरर था, ठीक है, मारको पोलो वो इंसान था जो बिलकुल बोलता ने चल वरो पहाड़ पे चलते, एकस्प्लोर करते जिन्दगी, तो ये वो इथा, इसने कहे कि एरफोन्स लगा अपने कान के अंदर और प्रिमेज कुछ ना कुछ ज्ञान लेकर ठीक है अभी तो क्या रिल बना दी ठीक है चलो यह कई सालों के एक्सपोरेशन चायना तक रहा और चायना से फिर इटलीय में आ गया और इटलीय में आने का दिव ब्रॉग प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी लेकर वहीं चीज थी जो कि शुरू से ही सिर्फ अमीरों के पास में थी धीरे करके गरीबों के पास में आए तो अभी जब यूरोप में नई नहीं चीज आई तो सोचो तुम खुद सोचो अगर इंडिया के अंदर एकदम से कोई नहीं चीज आगई तो इनिशियल जब कार्स आई थी इंडिया में तो सिर्फ अमीर लोगों के पास में थी तो धीरे करके सब लोगों के पास में आए तो सिमिलरली जो प्रिंट वहाँ पर पहुंचे तो लोगों का दिमाग फट गया बोली कि यह तो बहुत तगडी चीज है बतना हाथ से तो अमीरों ने बोला कि यह क्या कार लेकर आएगा, इस पर जाओ सोने जवारात की वो लेकर आओ, इसको सोने से पेंट करो या फिर गोल्ड प्लेटिंग करो, तो सिमिलरली अमीरों ने बोला कि थोड़ा लक्जेर एडिशन बनाओ, तो लक्जेर एडिशन बनाओ वेल्लम के लोगों के पास दिए जरिए सब लोगों के लिए बटने लगे वह लोग वह लोगों के पास दिए जरिए सब लोग वह और मेरे लिए writing करेगा मतलब जो ��हुत ही बढ़िया famous books होंगे ना वो books लाएगा वो उन books मेंसे देख के अपनी book में चापेगा और मेरे लिए special edition बनाएगा customized ये रही सी शौक होते थे लोगों के तो पहले scribes जो थे या पहले जो skilled handwriters थे इनको सिर्फ अमीर European वो करते वेल्डी पेटरंस नहीं रखते थे पर ये जितने भी बुक्सेलर्स थे ना वो बुक्सेलर्स भी अपने पास रखने लग गए करीब 50 स्क्राइब जो थे वो एक बुक्सेलर के लिए काम करता था तो मालों मैं एक बड़ा बुक्सेलर हूँ तो मैंने 50 स्क्राइब को नहीं जिसका पैसे को कमीन है पर गुटन बच्चन से ही वाइन और ऑलिव प्रेस देखिए मतलब वाइन प्रेस मतलब जिसमें वाइन बनती है बिल्कुल हाइड्रोलिक प्रेस जो हम बोलते हैं वैसे बहुत ही खतरनाक प्रेस है या ऑलिव प्रेस जिससे ऑलिव ओयल बनता ह इसका जो बच्चपंच से नॉलेज था बच्चपंच से नॉलेज और जो पैसा था इसके पास में तो इसके आप हमेशा से यह ऑलिफिट और वाइंड प्रिंटिंग बेसिकली शुरू में कह रहा था कि hand written manuscript होती थी, मतलब जो हाथ से लिखी होती थी, अब हाथ से तो लिख दी, मैंने मानलो हाथ से लिख 10 copy बना के बेज दी, अब अगर मानलो 1000 लोगों की demand है, तो मैं 1000 लोगों के लिए हाथ से लिख के तो बना नहीं स वो चीज यहाँ पर आ गई अब यहाँ पर वो वैसे फेमस हो लगी धीरी है ना पर अब गुटनबर को लगा कि हमना एक बढ़िया चीज बनाते हैं जिसको बोलते हैं प्रिंटिंग प्र कि विद अडेटेशन टेक्निक एक्निक एक्सिसिटिंग आट प्रोडीसिंग बुक्स बैंक वॉट एंटर डिस्प्रेस मतलब इससे पूरा-पूरा पूरा-पूरा पूरा तो इसलिए हमारे लिए कुछ एक्स्ट्रा एडिशन था तो अमीरों की हमेशा से अलग-अलग क्वाईस थी, रही सोकते थांट थे, उन्होंने गया बोला, उन्होंने बोला कि बई पेज में तुम प्रिंटिंग यहाँ कर दो, यहाँ पोर्शन खाली रहें दो और इस पोर् यह 1450 और 1550 के बीच में printing presses कई सारी countries में आने लग गया हैं यूरोप में यूरोप एक बड़ा सा continent है इसमें बहुत सारी countries हैं तो यूरोप में जैसे इसे धीरे करके फैला तो अलग जगों पर फैलना चालू हो गया ठीक है सबसे पहले याद रखो कौन लाया Marco Pol अब दिखें अगर नगी तो प्रिंट रेवोलूशन प्रिंट कल्चर कैसे चेंज हो गया अब जो प्रिंट कल्चर जैसे ही आया वैसे ही क्या चीजें दुनिया में चेंज होने लगी वह देखेंगे कई सारी यूरोप में लिटरसी रेट बढ़ने लग गया ओविसिबल बात है कि बुक्स इतनी एक्सेसिबल हो जाएगी तो लिटरसी रेट बढ़ी आएगा ना पहले स लिटरेसी तो बेसिकली चर्चर दिफरेंट डेनोमिनेशन चैनल करने लगे कि यह अलग-अलग जगह पर अपनी जो नॉलेज इसको फैलने के लिए स्कूल सेट अप करना गया गल स्कूल सेट अप होंगे तो अब इस बात लिटरेसी रेट बड़ी पूरी एनर्जी के साथ में अब देखो सिर्फ अब देखो प्रिंट टेक्नोलॉजी तो मिल गई है ना अब जैसे अभी वीडियो है YouTube है तो YouTube के अंदर वीडियो डालने की टेक्नोलॉजी तो मिल गई पर पहले सिर्फ एक टाइप की वीडियो आना लग गया अब देखो जैसे कि यह कांटेंट में आप जैसे यह वीडियो बना रहा हो तो यह जो वीडियो यह तुम लोगों को टार्केट कर रहा है मतलब यह किसको टार्केट कर रहा है क्लास टेंथ यह को क्लास नाइन टेंथ क्लास 11 12 के बच्चों तो इंग्लियन में पेनी चैप बुक्स आती थी पेनी चैप बुक्स मतलब पेनी से ही समझ रहा है कि पेनी मतलब कौड़ियों के दाम मतलब बहुत ही सस्ती मिलती थी है ना क्या होता था कि पेटी पेडलर्स नोने चैप मैन तो बेसिकल अब ध्यान से सुनो इंग्लियन के अंद जो चौराहा पर या फिर सिग्नल्स पर बुक बेचते हैं उन तो जो ऐसे लोगों तो घर जाकर कितावे बेचते हैं आज भी बहुत सारे लोग जो घर जाकर कितावे बेचते हैं तो ऐसे लोगों का पेडलर बोलते थे पेडलर का नाम देता था चैप मैन यह फ्रांस के अंदर बिलर्थ ब्लू लो प्राइस बुक्स देखे बेसिकली इसमें लो प्राइस थी और नाम से समझा रहा है कि इसमें ब्लू कलर के कवर्स थे तो यह सस्ती बुक भी बहुत फेमस होने लगी रोमैंसेस प्रिंटेड ऑन फोर्ट टू सिक्स पेजेस छोटी-छोटी किताबे बढ़ने लगी छोटी-छोटी बढ़ने लगी छोटी-छोटी बढ़ने लगी छोटी-छोटी प्रियोडिकल अगर कोई न्यूस पपर डेली आ रहा है तो वह क्या हो गया प्रियोडिकल आ गया मतलब वह चीज जो आपको होती रूसो अगर तुम लोगों ने नाइंद में फ्रेंड्स रोलेशन पढ़ा होगा तो तुम्हें पता होगा रूसो ने भी एक बुक लेकर थी बहुत ही फेमस ठीक है तो इनके जो आइडियास थे ये सब बटने लग गए धीरी जरे इनके जो आइडियास थे दस साइंस रीज जो कि किसने दिखा है किसने बोला है लुई सेबेस्टियन मर्शियर इस व्यक्ति ने ये एक स्टेटमेंट बोली है ट्रेंबल देरफोर टारेंट्स ओफ द वर्ल्ड अब यहां से शुरुबात होती भाईया कि प्रिंट ने कैसे अच्छे अच्छों की सरकार गिरा दी प्रिंट ने कैसे गरीब से गरीब इंसान की जो सोच थी कि जब तक प्रिंट नहीं था तुम सोचो कि मैं एक राजा हूँ और कोई भी ऐसा सोच, अब फोन, वाटसएप, प्रिंट, व्रिंट, कुछ भी नहीं है, तो मेरी जो प्रताडणाएं हैं, मैं जो गंदे काम करूँगा, वो लोगों तक पहुँचेंगे कैसे, आम जनता के लिए तो मैं भगवान हूँ ना, पर हो सकता है के खिलाफ questions उठने लग गया, है ना, क्योंकि आम जनता को किताब ही मिल गई, आम जनता ने पढ़ा कि ओ भाई साब ये जिस राजा को मैं भगवान मान रहा है, ये तो ऐसा निकला, जब तक कि किताब नहीं होती, तब तक उसको कैसे पता चलता कि राजा ऐसा है, तो print के करान क्यों?
क्योंकि print culture आ गया है अब हर एक इंसान तुम्हारे जो अत्याचार है उसके बारे में जान सकेगा तो tremble, tremble मतलब काप जाना, थर्थला जाना बिल्कुल ऐसे डेर में रहना कि अरे भाई साफ क्यों होने वाला है tyrants of the world, ठीक है? therefore books को progress और enlightenment के लिए बहुत सारे लोग मानते थे कि books हमसे बहुत सारा knowledge मिलेगा Louis Sebastian Mercier ने बोला है कि printing press जो है वो सबसे ज़दा powerful engine है जिससे progress और public opinion आ सकता है विशेष प्रिंट का बहुत बड़ा हाथ रहेगा लोगों के दिमाग में गुस्सा पैदा करेगा इसलिए यह लाइन बोली प्रिंट कल्चर और फ्रेंच रेवोलिशन अब देखो फ्रेंच रेवोलिशन के अंदर भी प्रिंट कल्चर का बहुत इंपोर्टेंट रूल था अलग पेंटिंग जो है या फ्रांस को हमने यूरोप का हमने जो रिवाल रेवलूशन के अंदर भी देखा था कि अलग पेंटिंग से डिनोट किया गया और अलग जगे से बाते जो है वो फैलने चालू ही लोगों के अंदर भावना अलग तो अब जैसे प्रिंट कल्चर आया तो प्रिंट कल्चर आते से जो तीन मेन आर्ग्यूमेंट हर बुक के अंदर लिखी जाती थी देखो अब लोग जो जागर कोना लग गए अब लोगों को असलियत बतानी है अब जो असलियत है तो लोगों के दिमाग में जब आई तो सब उन लोगों ने criticize करना चालू कर दे कि भाई किसी भी चीज को है ना मालो कोई religion भी है मालो अगर कोई church कोई सी चीज कर रहा है तो इसके अगर कुछ practices गलत है तो पहले कोई हावास नहीं उठा सकता था सबको लगता था कि भाई यही सही है पर अब चुंकि जो अच्छे intellect सोचन एक्ट्रेल में जो हमारे साथ हो रहा हो गलत हो सकता है ठीक है देखिए फॉर रूल ऑफ रीजन राधर थें कस्टम इन्होंने अब यह जो पहले आर्ग्यूमेंट है कि सबने रूल ऑफ रीजन डिमांड कर रूल ऑफ रीजन मतलब कि भी इसका रीजन क्या है ना जैसे कोई बहुत सारी चीजें होती हैं, मतलब जैसे कि कोई भी छोटे मोटे चीजें होती हैं, तुमको पता ही है, ठीक है, जैसे कि बहुत सारी धारना यह भी बोलती है, कि जब एक लड़की मेंस्ट्रोल साइकल में होती है, उसके पीरेट चल रहे होते हैं, तो पहले लोग मानते थे, बाद में भी मानते हैं, पर लोगों ने तब बोला कि मान तो लेंगे, पर अब reason तो बताओ, तो ये जो थी, ये जो wrong number, oh my god, देखे रहे हैं, तुमने असमें जो wrong number लगता है, wrong number पर लोगों ने question लगाना चालू करते हैं, कि भी wrong number है तो, ठीक है, इन् चलो बहुत ही बेटा दूसरा प्रिंट क्रिएटेड न्यू कॉल्चर ऑफ डायलोग एंड डिबेट अब लोग डिबेट कर सकते हैं अब लोग जो अलग-अलग प्रकार से अपनी भावनां को रख सकते हैं सिर्फ रिलीजन की बात नहीं कर रहा हूं इसके अलावा भी मालो क तो यह चीज बड़ी इंपोर्टेंट तो तीन टाइप के लिए पहला तो यह कि रूल ऑफ रीजन चाहिए दूसरा यह कि अब डिबेट चालो चलो और यह अब लोगों का मजाग बढ़ना चालो चलो और यह अंडरग्राउंड बड़ी चलती थी ना क्योंकि भी सामने के सामने तो बेचना था लाइक और सब्सक्राइब करें अब नाइनटीन सेंचुरी तक यूरोप के अंदर जो लिटरेसी रेट बढ़ने लगे, 19th century मतलब 1800 से लेकिन 1900 का जो समय था, ये जो 100 साल थे, इसके अंदर लिटरेसी रेट यूरप के अंदर बहुत आय हो गया, अब इसके अंदर तीन मेजर ग्रूप से चिल्रन, विमेन वर्कर, देखो अभी तक जो हमने देखा, वर्कर्स के अंदर कैसे प्रिंट होती थी तो चिलरन की जिंदगी में या प्रिंट कल्चर की जिंदगी में टेक्सबुक बहुत इंपोर्टेंट थी दूसरा चिलरन के लिए ना सबसे पहली यह क्वेश्चन बन सकता है वन नंबर का ध्यान से आप एक मांस के वन सकता है कि बच्चों के लिए सबसे पहली डेडिकेटेड प्रेस कौन सी वनी कि यह एक प्रिंटिंग नोवल बनाएगी अभी तक जो हमने देखी हो तो सब मुद्दपर बात करें पर डेडिकेटेड बच्चों के लिए कौन से बनी थी फ्रांस में 1857 के अंदर यह किसने बनाए थी ग्रिम ब्राधर्स ने ग्रिम ब्रोस लिखा है तो ग्रिम ब्राधर्स जो थे यह चालू करती ह उन्हें स्टोरी सेट अप करने चालू और इन्होंने क्या अलग किया इन्होंने उसमें से वल्गर चीज जटा दी इनको लगा कि बच्चों को बेच रहे हैं तो इसमें एडल्ट वाला कंटेंट लगे जो भी वल्गर हो गया गाली गलेच हो गया उसे भटा दो अभी तुम देखते हो ना कि तो एक मूवी तो होती जो कि एडल्ट होती है जो तुमको थेटर में देखने को लगते हैं जिस पर ए लिखा होता है जब वो टीवी पर आती हो तो वो यू ए हो जाती है मतलब कि वो ब तो मेरे दोस्त ने पड़ी मुझे भी लाकर दो बुक तो ऐसे करके आगे बढ़ना लग गया बहुत ही प्रैक्टिकल चीज है बहुत ही प्रैक्टिकल है इसमें कोई में रॉकेट साइंस नहीं बता रहा हूं बिल्कुल सिंपल सी बात है विमेन अब विमेन की बात कर अब व भी होती है तो बता देंगे तुमको शायद सखी नाम है ऐसा कुछ नाम है मेरी सखी या इस टाइप की काफी सारी मैगजीन है आज भी है ठीक है तो उन मैगजीन के अंदर क्या होता है मैनवर्स होते हैं बिहेवियर होता है कि लिखना चालू करेंगे तब वह विमेन के अलगी पर्सनलिटी आगे आई तो अब जो है मेल जो मेल्स है यह जो मैंन है वह भी जब उन किताबों को पढ़ेगा उनको पता चलेगी भाई साहब एक औरत के दिमाग में यह चलता है कि तब तक तो लोगों नहीं आते हैं अपना काम करते हैं तो ऐसे करके जब बुक लिखना चालू कि यह बड़ा मेजर वह था ठीक है अब यह विमेन जब मैंने लिखेंगे तो विमेन को हमेशा नीचे रखेंगे और अपने आपको पर रखेंगे अपने आपको सुपीरियर बताएंगे पर जब विमेन लिखेंगे तो वो अपने नजरे से लिखेंगे तो उन्होंने जब लिखना चालू किया तब उन्हें यह चार ची इसके में स्ट्रेंथ जब खड़ी होती है तो उसके में स्ट्रेंथ होती है डिटर्मिनेशन विडिटर्मिनेशन विडिटर्मिनेशन विडिटर्मिनेशन विडिटर्मिनेशन गई सारे गरीफ workers भी होंगे तो इनके लिए कहाँ आएगा जैसे children के लिए school में कहाँ आएगा फिर folktales में कहाँ आएगा विमेन के लिए घर में जो किताबे थी वहाँ पर काम आए manuals housekeeping ठीक है बच्चों को कैसे समालना है अच्छी recipes वो सारी चीज़ों में काम आए तो workers की सिंदगी में print जो है या books जो है वो कहाँ काम आए तो भाई देखो 19th century के अंदर libraries immersion होने लग गई वाइट कॉलर्ड workers और artisans जो कि वर्किंग क्लास में थे जो खुद से एडुकेटेड जो एडुकेटेड थे ना जिनने खुद से पढ़ के अपना एडुकेशन आज लिया था वह अपनी कहाने लिखना चालू कर दी तो उन्होंने ठीक है जैसे 19th सेंचरी के अंदर क्या हुआ लोग भी रिखना चालू करते कि वह प्रिंट एक ऐसी चीज है कि हर प्रिंट आप से लिख सकते हैं तो आप सोचे मेरी बात सुनो अभी YouTube एक ऐसी चीज है कि हम पर कोई भी व्यक्ति आकर अपना चैनल क्रिएट करके अपने व्यूज अपने भावनों को लेकर जाएगा ना, अब मान लो कि अब concert करता है, अब जैसे गांधी जी ना अगर मान लो कोई meeting करवाई है, है ना, concert तो नहीं बोलोगा, पर एक meeting करवाई है, जहाँ पर उन्हें लोगों को बुलाया तो हजारों की भीड़ा आ जाएगी, पर एक आम इंस अब फर्थ इनोवेशन की बात करते हैं कि आगे और कैसे इनोवेशन हो इसके अंदर लेट एट अब देखो अभी हमने देख ले कि प्रिंट में क्या प्रिंट का क्या इंपैक्ट रहा अब हम प्रिंट के अंदर क्या नई टेक्नोलॉजी है वो देखते हैं प क्यों? क्योंकि पहला iPhone ने एक नीव तो बना दी, कि भाई ऐसा होना चाहिए, पर धीरे-धीर करके इसमें technological improvements आता है कर है तो वैसे ही इसमें भी technological improvements आया है, Richard M. Ho, नाम याद रखो, कौन वो व्यक्ति था जिसने Power Driven Cylindrical Press को और अच्छा किया, innovate किया, वो था Richard M. Ho, क्या effect हो इ आठ हजार शीट्स प्रिंट हो सकती हैं तुम सोचो कितना ज्यादा रेवोलूशन आ गया ठीक है चलो लेट नाइटीन सेंचरी मतलब यह कुछ नाइटीन फिटी के बाद वाले समय में क्या हुआ ऑफसेट प्रेस आने लग गया जिसमें छह कलर प्रिंट हो सकते थे एक ट्वेंडीएस सेंचर में एलेक्ट्रिकली ऑपरेटेड प्रेस एक्सिलेटेड प्रिंटिंग ऑप्शन तो क्या हुआ अब ट्वेंडीएस सेंचर मेंटिन हंड्रेड से लेकिन टू थाउजन तक एलेक्ट्रिक प्रेस का टाइम आ गया मतलब अब एलेक्ट्रिकली पर प्रिंट ने क्या चेंजेस किया है अब हम देख रहे हैं कि प्रिंट के अंदर क्या-क्या चेंजेस है मतलब प्रिंट कैसे टेक्नोलॉजिकल एडवांस हो अभी तक हमने देखा इतना देख रहे हैं कि प्रिंट के कारण क्या-क्या चीजें चेंज हो अब हम देखते हैं कि प्रिंट के टेक्नोलॉजिकल कैसे-क कुछ सोचो कि 1920 का time मतलब first world का time है अब जब world war चल रहा है तब लोगों की बाहरी economic हालत तो बिलकुल निल बटे सननाटा है लोगों के घर में पैसा तो है नहीं फूटी कॉड ही नहीं खर्चा करने के लिए ताकि एटलीस सस्तीर लोग खरीद पाएं क्योंकि अल्टिमेटली एंटरेटेनमेंट चाहिए है ना भाई तुमको किताब चाहिए तुमको एंटरेटेनमेंट चाहिए तब तो कॉलिटी थी नहीं अब तो तुम सिर्फ सोचोगे कि भाई हम प्रणे भेगा वीडियो सिर्फ तो बुक के दो एडिशन्स होते हैं एक हाड कवर और एक पेपर बैक सस्ती होती है पेपर बैक मतलब कि इसके अंदर चुका वर पेपर का होता है कागस का होता है इस टाइप का होता है जैसे कि यह पेपर बैक बुक है यह क्या है यह एक पेपर बैक बुक है क्यो कौन-कौन से लोगों के क्या-क्या भावना है अब आते हैं इंडिया के अंदर अब देखो बिफॉर देज ऑफ प्रिंट हम मैनुस्क्रिप्स वर्नेकिलर मतलब लोकल लैंग्वेज मतलब जो उस जगह पर कौन-कौन से लोकल लैंग्वेज जो तीए तो संस्कृत अरेबिक पर्शन कई एंचर प्रेसर्वेशन देख अब एक मान लो कि यह है ना मान लो कि यह एक वह है तुम्हारा पाम लीज पाम इसको ने पेपर बना लिया अब मैंने इसके पर कुछ लिख दिया, अब जब मैंने इसके पर कुछ लिखा, तो ये पेपर ऐसा कैसा तो कहीं भी फिका जाएगा, कोई भी इसको पढ़ने नहीं आएगा, तो इसल हमने कहा कि एक पेपर तो घूमने के लिए आसान होगा, तो हमने ऐसे करके पेपर को स्टिच करना चालू कर दिया, मतलब धागे से स्टिच करना च अब जब मैंने धागे से इन सारे पेपरोक्स तो अब वैसे बात है कि इसका घूमना थोड़ा difficult हो जाएगा, अब ये easily तो घूम नहीं पाएगा, क्योंकि एक बड़ी वो बन गई है, या फिर जो थोड़ी महंगी चीज होते तो उसमें कहता था कि हमने इनको धागे से बान बहुत और बहुत एक्सपेंसिफ थी और स्क्रिप्ट जो थी अलग-अलग स्टाइल में लिखे थी अब मेरी हेंड्राइटिंग है तो आप यह क्या लिखा है यह बगवास लिखे तो हर किसी को समझ नहीं था अब जैसे प्रिंटेड मटरेल तो सब समझ सकते ज्यादा नेटवर्क था विलेजेस का पहली बैंगल जो बैंगल और जो साइड था ना जो बैंगल और जो प्रेजेंट बांगलादेश है वह बहुत डेवलप्ट से शुरू से है ना मतलब वहां पर ना लोगों को पहले से एडूकेशन की इंपोर्टेंस पता थी तो वहां टीचर आ गया टीचर को जो याद टीचर ने पढ़ा दिया थोड़ा बहुत पढ़ा दिया वह चौक और पैम से लिख दिया बोर्ड पर बच्चों उसको उतार लिया ठीक है वैसा होता था अब मिड सिक्स्टीन सेंचुरी में मिड सिक्स्टीन सेंचुरी मतलब बस तुमको वह याद रखना है कि यह मतलब सेंचुरी कौन से विशेष प्रेस आई इंडिया के अंदर आई अब तो सबसे पहले मैंने तुमको बताना कि भाई सबसे पहले लोगों ने जो प्रिंट है उसको कैसे फैलाया थ्रू रिलीजियस प्रोपोगेशन मतलब अपने रिलीजियन को आगे बढ़ाना चाहता था तो सिमिलरली इंडिया के अंदर भी सबसे पहले गोआ के अंदर पुर्� पर इन तो था नहीं उस टाइम पर नहीं पहाड़ चाहते हो वह आईशिप्स है शिप्स है तो जो भी शिप्स है जो सबसे पहले उनको पोर्ट मिला हो गौन मिला होगा तो गौन में आकर बस गए वह ठीक है कैथॉलिक प्रीस ने अपनी फर्स्ट तमिल प्रिंट के फिर प्रिंट करेंगे अब साथ इंडिया में वह पंजाम प्रिंट करेंगे ठीक है वह इसी लाइंग प्रिंट करेंगे यहां पर चल दिया और साथ इंडिया में क्या आएगी भी पानी से कनेक्टर तो साथ इंडिया था ऊपर आप पानी से कनेक्टर था ठीक है चलो पर देखो पहले जो अंग्रेजों का राज था ना वो सिर्फ एक company थी तो English History में company ने क्या किया प्रेसल्स जो है अपनी प्रेसल्स इंपोर्ट करना चालू कर दी इंद लिट 17th century ठीक है अब एक weekly magazine आई Bengal Gazette नाम से कौन बनाता था इसको JM Augustus Hickey ठीक है ये जो थी अब तुम ध्यान से सुनो अब हम एक अलग प्रकार के किताबों के उपर देखो मेरी बात सुनो सबसे पहले जो थे जो रिलीजन अपने रिलीजन के आइडर फैलना चाहते थे उन्होंने भी काम किया और धीरे-धीरे जो इंग्लिश थे मतलब जो इंग्लिश गवर्नमेंट जो है ब्रिटिश गवर्नमेंट जो है वह कुछ किताब चाहते इंडिया के दर्द तो क्यों चाहेगी खुद सोचो कि इसलिए चाहिए कि इंडियन को लगी कि ब्रिटिश हमेशा ऊपर हम जो है नीचे बिरेदेर करके उनको भी वह धारना बिठाने दिमाग के दिमाग क तो लोगों के अंदर फिर बावना जा गया ने राज बावन के बराबर है ठीक है तो ऐसा करके डालम डोल हमेशा चलता था तो जेम्स ओगस्ट से सीखी जो एक एसाज में था जो की थोड़ा अच्छा आदमी था या ना मतलब उसको ये चीजे पसंद आ र उसकी और उसकी वाइफ के बीच के जो गॉसेप्स होते थे वो इसने चापना चाली कर दी, मतलब बड़ा, बड़ा मसालेदर आदमी था यह, तब से बिलकुल इसके अंदर था कि वहीं हम तो बिलकुल चुल करना वाला content मनाएंगे, अब गुस्सा आ गया, भाई, जो गवर् हिकी जो था इसने जैसे हमारे बारे में उल्टी सीधी चीजे प्रिंट किये और लोगों के अंदर पता चली है वैसे हम अपने बारे में अच्छी चीजे प्रिंट कर सकते हैं तो इसने अपने बारे में अच्छी चीजे प्रिंट करना चालू कर दी जहांपर इसने सैंक्शन ठीक है 18th century के end तक कई सारी newspapers और generals आने लग गया ठीक है तो basically start कहां से गया था start ये gossip से start हुआ था अब धीरे देर करके colonial government या नहीं कि British government कुछ न कुछ अपनी books print कर दी उसके against में फिर किसी और न book print कर दी फिर उसके against में किसी और न print कर दी मतलब ये जो लड़ाई थी इसके कर� अब रिलीजियस रिफॉर्म एंड पब्लिक डिबेट्स, अब देखते हैं भई कैसे रिलीजियस रिफॉर्म आए, ठीक है, और पब्लिक डिबेट्स, मतलब क्या हुआ, देखो अब्युसी बात है कि रिलीजियन हम फॉलो करते आ रहे हैं सदियों से, अब कोई माध उसकी ये बात सही भी है या नहीं, कहीं सारे लोगों ने क्रिटिसाइज की और कहीं सारे लोगों ने उनको काउंटर किया, मतलब मालो कि मैंने क्रिटिसाइज कि इस धर्म की ये चीज अच्छी नहीं है, तो उस धर्म के फॉलोर ने क्रिटिसाइज करके बोला होगा कि नहीं तब यूट्यूब तो था नहीं तब इंस्ट्राइब तो नहीं तो तब किताबों के दूर कोंट्रोवर्सी होती थी जैसे वह तुमने देखाओ वह ना बड़ा तुमको पता हो कि रफ्तार रेमीवी की कोंट्रोवर्सी है बड़ी वीव गेम खेलते बैठके तो क्या होता है कि देखो कई सारे रिफॉर्मर्स वह लोग होते हैं जो कि रिलीजियन को अच्छा करना चाहते हैं वह मॉडरनाइज करना चाहते हैं कि जो पुरानी प्रैक्टिस गलत उनको बंद करके नहीं प्रैक्टिस है जैसे कि कौन-कौन विडो इमोलेशन विडो मतलब होता है सती प्रथा ठीक है यह क्या होता है इसका सिंपल वर्ड है सती जो वाइफ उसको भी जीने का कोई इदिकार नहीं है तो वो उस औरत को जिंदा जला देते थे उसके अड़ती पर तुमने अगर मंगल पांड़े मूवी देखे तो उसमें एक सीन भी आता शिर्मा तो बेसिकली क्या होता है कि जब भी अंतिम संस्कार होता है किसी भी आद वह जिंदा जला देता था और तब नारे लगते थे सती माता की जय मतलब उसको माता ट्रीट करते थे उसको भगवान के तरह ट्रीट करता था और फिर उसको पूरा तैयार करते थे पूरे दुलहन के जोड़े में तैयार करके उसको जला देते थे जिंदा अब जुखाकर करते रहते और ज्यादा ऑब्बेस बात है कोई भी और चाहेगी कि जिंदा जला दिया जाए जस्ट ले और उसका पति मर गया तो भाई वह तो डंग्स के प्यार उसे प्यार भी नहीं कर पाए तो फिर भी तुम इसका ग्राम चला दिया उसकी तो जिंदगी खत्म हो गई ना तो यह कितनी गंदी प्रैक्टिस है पर लोगों ने इसके खिलाफ जस्ट बिकोस कि वो एक बड़ी कास्ट में पैदा हुआ है वो पंडित क्यों बन सकता है मैं क्यों नहीं बन सकता है मैं क्यों प्रीष नहीं बन सकता है राम मोहन राय ने एक बुक निकाली संबत कॉमधी ठीक है संबत कॉमधी जो बुक है इसके अंदर इन्होंने अलग अल� जाती है अच्छी चीज चलते रहने चाहिए तो ऐसे करके कंटर से देखिए तू पर जहां और संसूल अक इस सेम टाइम पर जुजाती निश्चित बांबे समाचार अब तुम बोलों कि बांबे समाचार बांबे में चाहिए तब नहीं गुजरात निश्चित गुजरात लैंग्वेज में था नॉर्थ इंडिया के अंदर उलामा कौन है उलामा स्कॉलर्स है तो आप सबको लगा कि हमारे रिलिजियन के बारा बाहर देंगे मतलब सब लोगों को अपने रिलिजियन में कन्वर्ट कर लेंगे तो हमारे रिलिजियन का क्या होगा तो इसमें जो उलामा थे वो डरने लग गया फ्रिंट कल्चर का तो उनका डर के कारण उनको बुक चापना चालू कर दी लोगों के अंदर आये कि भाई हमको कन्वर्ट नहीं होना है इन्होंने कहा कि सस्ते बाई कि ठीक है और होली स्क्रिप्चर जैसे कि मान लो कुरान शरीर तो कुरान शरीर का ने बहुत ही सिंपल ट्रांसलेशन किया ताकि लोगों को समझ में कि कुरान शरीर है कि एक्चुली वरना सिर्फ उनको तो कोई भी करना कर जाएगा तो उनको पता तो फत्वाई कानून था जिसके अंदर लोगों को बताया गया था कि आपको कैसे अपने रिलिजियन को प्रोटेक्ट करना है ठीक है अब सारे रिलिजियन में चीज आने लगे वर्नेकलर रेंग्वेजिस में कई सारे किताब आने लगे जैसे कि राम चरीत मानस तुलसी दास अब 16th century में राम चरीत मानस ले गई थी तुलसी दास वारा अब तुलसी दास की जो किताब है वो कलकता में प्रे� अब उसको अगर कोई गरीब इंसान पढ़ना चाहता है वो पढ़ सकता है एटीन एटीस तक नवल किशोर प्रेस एट लकनो और श्री वैंकरटेशोर प्रेस इन भोपाल पब्लीज नूमरस रिलिजिस टेक्स इन वर्नेकुलर्स प्रेस अब जैसे से ज़ादा तर लोग पढ़ने लग गए वैसे ही ज़ादा तर लोग लिखने भी लग गए तो जब लोग लिखने लग गए तो उन्होंने अपने experiences और अपनी life के बारे में लिखना चालू कर दिया यूरोप के अंदर एक literary firm जो थी उसने मतलब इंडिया के ने लिटररी फॉर्म जो दिर्दर करके आगे बढ़ने लगे ठीक है अलग-अलग जैसे कि अब नए लिटररी फॉर्म जैसे बाइट इसे अलग-अलग फॉर्म ऑफ कांटेंट होता है जैसे पहले सिर्फ मूवी लोगों की महाभरत के अंदर जो यह रामान के अंदर जो वह होता है स्वयंवर वाला सीन होता है वह स्वयंवर वाला सीन के किताब बन गई और उसको लोगों ने बेच दिया पूरी किताब की बजाए ताकि वह सस्ती बड़े लोगों को इंटरेस्ट बेहतर तो जो लोग illiterate है देखो image तो हर कोई समझ सकता है मैं अगर किसी illiterate आदमी को बताऊंगा मान लो कि मेरा एक photo दिखाओंगा तो समझ जाएगा कि यह एक लड़के का photo है बाले उसको परना लिखना नहीं आता उसको मेरा नाम लिखना नहीं आता पर उसको समझ में तो आ जा� तो क्या हुआ पूर वूड एंड करेंगे जो कि वूड ब्लॉग बना रहते थे उन्होंने क्या किया दे सेट अप शॉप नेर लेटर प्रेसेस एंड वर एंप्लॉट बाय प्रिंट शॉप तो यह जो पूर वूड एंड करेंगे वर्ष थे इन्होंने क्या किया कि प्रिंटिंग करेंगे बाम इमेजेस या फिर विजुअल चीज प्रिंट करके बेचेंगे चीप प्रिंट और कैलेंडर अब देखो क्या हुआ कि चीप प्रिंट जो इंपोर्टेंट पेंटिंग जैसे कि बहुत लेट से कि मोनालिसा की पेंटिंग अब मोनालिसा की प नहीं सकता है तो उसकी जो चीप कॉपी जो सस्ती कॉपी जो मार्केट में बटना चाल हो गए तो ऐसे बहुत सारी ऐसे इमेजेस हो गई है ना जिसको बहुत ही सस्ते में प्रिंट करके मतलब डूप्लिकेट करके लोगों के सिंपल बेचना अब अलग-अलग ideas, modernity, tradition, religion, politics इन सारे के ऊपर अलग-अलग ideas लोगों को आना लग गया है, अब बात आएं तो यह बड़ा फेमस हो गया और पॉलिटिकल जब अब मान लोग कि कोई भी इंसान है तो पूरी न्यूज नहीं पड़ेगा पर वह कैरीक्रेचर देखकर समझ में उसको आ जाएगा कि मोदी जी ने क्या बोला है ठीक है या किसके बारे में क्या बात हो रही है किसके पहले यह बताता हूं कई सारे कैरीक्रेचर उन्होंने एडूकेटेड इंडियन्स की जो फैसिनेशन थी है ना मतलब जो जो एडुकेट होते थे, उनको लगता था बहुत बढ़ी है, हमारा कल्चर घटिया है, ठीक है, तो जो वेस्टरन कल्चर की बहुत ज़्यादा ऐसे बिल्कुल वो करते थे ना कि बही ये ही सबसे बढ़ी कल्चर है, तो कई सारे लोग आया, उन्होंने ना उनके खिलाफ में कि वह अदर्श एक्सप्रेस फिर आफ सोशल चेंज कई सारे लोग डर की भावना भी एक्सप्रेस में लगता है तुमको बताना कि एक चित्र जो है वह आधार कहाने बता सकता है तो सेम चीज एक एक्रिकेट्र जो है वह कई पूरी-पूरी कहाने एक चित्र में पू कहीं बार क्या था था, there were imperial caricatures lampooning nationalists as well as nationalist cartoons criticizing imperialists, का मतब क्या है, देखो simple बात है, simple बात है एक हो गया भाई, imperial लोग, ठीक है एक हो गया nationalist लोग, imperial लोग मतलब वो ही अंग्रेज लोग क्या करते थे यह इनकी बेजती करते कार्टून बनाते थे और यह लोग क्या करते थे इनकी बेजती करते कार्टून बनाते थे वह यह ठीक है जैसे कि कई सारी कैरिक्रिचर्स थे जो कि नेशनलिस्ट लोग बनाते थे इनकी बेवकूफ साबिद जो लिबरल हस्मेंट ना लिबरल फाथर जो अपनी बेटी को जो अपनी पत्नी को फ्री छोड़ देते हैं कई तो बिल्कुल और्थोडक्स की नहीं अपनी पत्नी कहीं बाहर नहीं जाएगी बस गर काम करेंगे तो जो लोग थोड़ी लिबरल होते हैं ना जो ऐसा था कि हां नहीं भी फ्री लड़कियों को भी इकॉल पेमस होना लगी ठीक है और इससे भी पता चला कि विमें को एडिकेट करना चाहिए देवा टो कैरिटेड सिलेबस एंड एटाइस सूटेबल रीडिंग मैटर विच कुट बी यूज़ फॉर होम बेस्कूलिंग ठीक है तो क्या हुआ कि से एक्स प्रॉपर सिलेबस जाना कि इन जर्नल के अंदर लोगों ने ऐसा कॉल्डेंट चाहूंगे कि विमेंट वह घर के घर में पड़ सके ठीक है अब देखो पड़ ले इस बात को सेंस है कोई सेंस बात करने पर पर फिर भी लोग मानते थे ठीक है और दूसरी जिनके लोग मानते थे कि जो विमेनों करप्ट हो जाएंगे करप्ट हो जाएंगे मतलब कि बिल्कुल भर्ष्ट हो जाएंगे मतलब उनकी जो बिल्कुल कैरेक्टर पर क्वेश्चन उठाना चालू रज सुंदरी देबी एक बहुती यंग मैरिड लड़की थी, जो की बहुती एक और्थोडक्स हाउसडोड में जी की शादी हो गई थी, मतलब यंग मतलब ये 17, 18, 20 साले टाइप्स की होंगी उस टाइम पे, और उस टाइम पे उनकी शादी हो गई, और और्थोडक्स समय में वह बहुत अत्याचार करता है आपको क्योंकि कोई भी एक्सेप्ट नहीं करता नहीं है पर फिर भी तब भी उसने क्या उसने किचन के अंदर बैठ के पढ़ना चालू किया अब जब उसने पढ़ना चालू किया ना तो देरे-देर करके उसने क्या देरे-देर करके लोग साउजर में शादी हो गई अब विमेन की बात करते हैं कि कैसे विमेन का रूल इसमें आ गए बड़ा, 18-16 से लेके कई सार और कैलाश बाशिनी देवी भाई देखो यह नाम याद करते चलना तुमको मैं तुमको समझा दरूर दूंगा जैसे अभी यालास इंसिडेंट रिपोर्ट लेकर बैठे रहो जो भी डेट नाम और क्या चीज की डेट नाम क्या चीज देट नाम डेट नाम ऐसे करके तो उसको इससे रेफर करना कि इस इसमें क्या के चीजें हैं और क्या के चीजें नहीं हैं तो ऐसे में तुम्हारी जो डेट्स और जो नाम है भाई वह नेक्स्ट लेवल तरीके से आद हो जाएंगे ठीक है चलो आगे बढ़ते हैं अ देखो तो यह कैलाज बाचिनी देवी जो है तो यह चीज बताइए तो यह चीज बत एट एटीन एटीज में प्रेजेंट दे महाराश यहाँ पर तारा भाई शिंदे और पंडित राम भाई उन्होंने बहुत ही पैशनेट एंगर के साथ में लिखा कि कैसे अपर कास्ट की महिलों के साथ में भी या अपर कास्ट की जो महिला हैं जो कि स्पेशली विडों से जो तो आप बीती, यानि कि जिसके पर बीती है, वो लोगों ने आप लिखना चालू कर दिया यहाँ पर, जैसे तमिल नौवल लिखी गई, तो क्या लिखा इन्होंने, for various reasons my world is small, more than half of my life's happiness has come from books, भाई यह देखो कितनी disheartening statement है, basically एक तमिल नौवल है, इसमें एक औरत ने लिखा लार्ज सेगमेंट जो है वो एडुकेशन विमेन पर आने लगे जर्नल जो है वो डिस्कॉशन अब धीरे-धीरे जैसे-जैसे लोगों के अंदर पॉपल देखो जी बात है प्रिंटिंग प्रेस चलना लाइट में को क्या चाहिए पैसा उसको पता है कि भी पैसा तब आएग तो ऐसी बुक्स के ऊपर चापना चालू करते हैं उसके ऊपर क्या-क्या मुद्दे थे विमेंस एडुकेशन का मुद्दा था विडो होड़ यानी कि जो विद्वा हो जाती है उसका आगे क्या मतलब विडो उसको भी पूरी अपनी लाइफ आगे अच्छे से पूरी वो करन ना मतलब वही खाने पीने की चीजें शॉट स्टोरी और जो टाइम पास करना लिए चीज वह सारी भी इसमें लगे लेंगे पंजाब की बात करते पंजाब के अंदर राम चड़ा जो थे उसने सबसे पहली एक फास्ट सेलिंग बुक लॉन्च की जिसका नाम था इस तरह जो विमेन के अगेंस्ट थी, ऐसी किताबे भी आए, अभी विमेन के अगेंस्ट ही है न, मतलब ये तो सिखा रहा है कि कैसे अच्छी वाइव्स बनो, ओबिडिंट वाइव्स बनो, अपने पती की बात सुनो, ऐसा जरूरी थोड़ी है, ठीक है, फिर Khalsa Tract Society पबलिश ची ब� मतलब विमेन के क्वालिटीज बता गया थी मतलब इन शॉट बैंगॉल के अंदर एक एंटायर एरिया इन सेंट्रल कलकत्ता द बटल एक यहां पर आप सस्ती किताबें ले सकते हो किसी भी किसी चीज के पर मतलब आपको बिल्कुल थोक के दाम पर मिल जाएगी तो आप खरीद सकते हैं बढ़िया इसीलिए पेडलर जो गए गजाते के बेचते हैं मतलब पेडलर के करते हैं वहां से बहुत तरह बुक्स करें ल तो यहां से मैं ट्रेल करते था उनको बुक्स मिलने लगे काफी इजीली वेलेबल होगी बुक्स है ना 19 भाई सोचो तुम हमने कहां से स्टार्ट कि चाइना से चाइना के अंदर भाई कैसे पहले प्रिंट होती थी एक वो वूड से उसको रगड के प्रिंट होती थी कि जो अमीर लोग थे उन्हें क्या गाउं में जाकर लाइब्रेरी सेट अप करना लगाई क्यों कि उनके लिए प्रेस्टीज की बात है ना वह लोग बोलेंगे ना कि अरे वह साहबने प्रणे साहबने की लाइब्रेरी प्रणे साहब की देने में बड़ा सा मेरा फोटो लग बुक्स प्रिंट करना चालू किया बुक्स लिखी अपनी किसके खिलाफ थी वो उसका नाम था गुलामगिरी अब तुम नाम से समझ सकते हो गुलामगिरी गुलामगिरी का मतलब है कि कैसे कास्ट सिस्टम के कारण लोगों को गुलाम बनाया जाता है मतलब जो अपर कास्ट के हैं वो ये मान के चलते हैं कि हम सबके मालिक हैं और ये लोग कास्ट वाले हैं हमारे गुलाम हैं तो ऐसी गुलामी तो कास्ट के ऊपर कौन-कौन से किताब लिखे गई? गुलामगिरी, गुलामगिरी किसने लिखी? जोतुबाफूले नहीं, भाई एक नंबर का उपस्थान है, गुलामगिरी वो लिटन बाय जोतुबाफूले, इट वास अगेंस्ट द इंजस्टिसेस ओफ कास्ट सिस्टम, यह नाम बुक्स का तुमको आधार जो लास्ट का चैप्टर का बात है उसमें चीजें बोरिंग चीजें जिसमें नाम आधार रखना पड़े इंपरेट काफी इंटरसिंग भी पोयम सब अनाधर कानबुर मिल वर्कर जिसने लिखी सुदर्शन चक्र बिट्वीन नाइन टीवर ब्रॉड टोगेदर एंड पब्लिश कलेक्शन कॉल्ड सची कविताएं ठीक है सेंसर चिप अब बात बताओ तो suppression of expression मतलब कि जो भी मैं express करना चाहता हूँ उसको suppress कर दिया गया जैसे मालो मैंने अपनी किताब के अंदर खुलम खुला लिखा है कि मालो कि अंग्रेज जो है वो बहुत ही घटिया है अब जो अंग्रेज हैं उनको पढ़के मजा तो आएगा नहीं तो अंग्रेज का करेंगे कि उस किताब तो आपके अगेंस की चीजों बंद कर दो अब पहले था नहीं इतना बड़ा अब अगर चलती ना जाएगा पहले लोग लोगों ने चलो बटन ट्वेंटी इस कलकता सुप्रीम कोट ने पास चलते रेगुलेशन टू कंट्रोल प्रेस फ्रीडम ठीक है ठीक है बिगेन एंकरिजिंग पीपल पब्लिकेशन न्यूसपपर देट फूड सेलिब्रेट बिरिटिश रूल ए इन 1835 फेस विद अर्जेंट पेटिशन ठीक है तो बेसिकली क्या कहना चाहिए कि कलकाता सुप्रीम कोर्ट के अंदर कई सारे रेगुलेशन पास कर दी प्रेस लॉस विशेष करते तो प्रेस वह थोड़ी खाली छोड़ते हैं थॉमस मक्यूले यह एक लिबरल को लिनाव इस लिए लिबरल मतलब कि भाई यह थोड़ा ओपन में डेट को लगता था कि नहीं यार लोगों को अपने व्यूज़ एक्सप्रेस करने का रिवॉर्ड बता गया यह थी शुरुआत इंडिया के इंडिपेंडेंस के तरफ और जब ऐसा हुआ तब लुट ब्रिटिश दिमाग फड़ गई कि भाई 18 में लोग जो हैं इंडिया के लोग वह थोड़े ना वह हैं हमको भगाने के ताकम हैं तो इंग्लिशमैन ने क्या किया इंग्लिशमैन जो नेटिव प्रेस थी जो नेटिव प्रेस मतलब जो इंडिया के इंडिया में जो नेटिव प्रेस थी जो लोकल प्रेस थी अब वो लोकल प्रेस बात है इंडिया के बारे में चापेगी और अंग्रेजों को बुरा बताएगी लेकिन भी आरेलैंड में ऐसा होता है तो हम भी ऐसा करते हैं ठीक है गवर्नमेंट ने कहकर एक्सटेंसिव राइट लेंगे सेंसर रिपोर्ट में तब हर एक किताब चाहिए पिछला पिछली रिपोर्ट सबमिट करनी पड़ेगी कि भाई पर आग को कौन रोख सकता है?
ठीक है तुम एक रोकोगे हम सौंख खड़े कर देंगे तो वही चीज है ठीक है नेशनलिस्ट न्यूसपेपर और बढ़ने लग गए लोगों के अंदर जब भावना डेवलपोइंट तो और बढ़ने लग गए तो अंग्रेज किस को रोकेगी भाई किस को रोकेगी एक को र जो नेशनलिस्ट क्रिटिसिजम था उसके अगेंद फिर अगेंद वह हातापाई करना चालू कर दी अंग्रेजों ने जब उसको सप्रेस करना चालू कर दो लोगों ने अपने आवश्याद तो अंग्रेजों ने कुछ नुखुछ हातापाई की बंद वहीं मारा कुटी यह स वहां से हटा दिया गया तो बाल गंगदार तिलक ने किताब लिखी जो कि इनकी सिंपति के लिए किताब का नाम करता है केसरी किताब के अंदर इनके साथ में सिंपति शोकी कि बाई इनके साथ कितना गलत हुआ है अब देखो उन्होंने शोकी तो उनको इंप्रिजन कर प्रिंट कल्चर में क्या का चेंज है यह हमने देखा तो यह दो चीज हमने यूरोप के अंदर देखी सिमिलरली फिर इंडिया के अंदर में हमने यह चीज देखी कि कैसे अलग रिलीजिस बातों पे चेंज है पर चाहिए कि तुम इंटरवेशन पर कर लो और इंस्ट्राइड फॉर लेंगे तो मुझे एडिट कांवल जाएगा फॉर पूरा का पूरा एक साथ कवर कर लेता है, बिल्कुल जो चैप्टर का सार होता है, वो एक वीडियो में तुमको कवर हो जाता है, क्योंकि तुम्हारे पास भी फुरसत कई बार नहीं होते है, आटा और नौनो घंटे के लेक्शन देखने की, तो इसलिए मेरा मोटिविव होत हम लग मिलते हैं तब तक लिए गुडबाई टेक केर जय हिंद वन