मनोज मुंतशिर का श्री कृष्ण पर व्याख्यान

Aug 20, 2024

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर मनोज मुंतशिर का व्याख्यान

श्री कृष्ण का महत्व

  • श्री कृष्ण का जन्म 9 मई को हुआ था।
  • उनके जीवन का प्रकाश सदियों से समस्त संसार को आलोकित करता रहा है।
  • 55 हजार वर्षों बाद भी श्री कृष्ण उतने ही प्रासंगिक हैं।
  • हमें उनके जीवन से सीखना चाहिए।

कृष्ण और कर्ण

  • कृष्ण और कर्ण के जीवन में समानताएँ और भिन्नताएँ।
  • समानताएँ:
    • दोनों राजकुमार, लेकिन अभाव में जीवन।
    • जन्म के साथ ही माता-पिता से दूर।
    • दोनों का जीवन संघर्षपूर्ण।
  • भिन्नताएँ:
    • कर्ण ने अपने अतीत की कड़वाहट को नहीं भुलाया।
    • कृष्ण ने अपनी नियति को स्वीकार किया।
  • परिणाम:
    • कर्ण अधर्म के पक्ष में लड़ते हुए मरे।
    • कृष्ण ने पांडवों की विजय का शंखनाद किया।

जीवन के सबक

  • स्वीकृति vs. क्रोध:
    • कृष्ण ने स्वीकृति को अपनाया, जबकि कर्ण ने क्रोध।
  • जीवन का चुनाव:
    • हम कर्ण की तरह रो सकते हैं या कृष्ण की तरह जीवन को उत्सव बना सकते हैं।
  • जीवन का बैंक:
    • मेहनत के बिना सफलता नहीं मिल सकती।

कृष्ण का व्यक्तित्व

  • कृष्ण का जीवन त्याग और पुरुषार्थ का प्रतीक है।
  • उन्होंने सब कुछ लिया, लेकिन जब राष्ट्र धर्म की आवाज उठी, तो सब कुछ छोड़ दिया।
  • वो माखन चुराते हैं, लेकिन जब जरूरत पड़े तो त्याग भी करते हैं।

निष्कर्ष

  • श्री कृष्ण से हमें सिखने को बहुत कुछ है।
  • माँ से बड़ा कोई नहीं है।
  • जीवन के पाठ जो कृष्ण ने सिखाए।

धन्यवाद

  • मनोज मुंतशिर ने श्रोताओं का आभार व्यक्त किया।
  • संगीत का उपयोग व्याख्यान में किया गया।