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कंपनी और उसकी विशेषताएँ

हेलो हेलो एवरीवन वेलकम टू माय चैनल सबस्क्राइब नहीं तो आज मैं आपको पढ़ाने वाली हूं कंपनी और उसकी फीचर्स क्या होती है अच्छी मुझे बहुत ज्यादा रिक्वेस्ट आ रही थी कंपनी लॉ और कॉर्पोरेट लॉक ही रिस्टार्ट करने के लिए तो आज से मैं यह सीरीज स्टार्ट कर रही हूं और हां मैंने इससे पहले बिजनस लौकी स्टैटिसटिक्स कि बहुत से वीडियोस बनाई है अगर आप लोगों ने वह वीडियोज नहीं देखी है तो मैं उसका लिंक ऊपर आई बटन नीचे डिस्क्रिप्शन बॉक्स और पिंग कमैंट्स में दे दूंगी तो आप लोग चेक कर लीजिए काया और हां अगर आपको मोटिवेशनल स्टोरीज देखना अच्छा लगता है तो मेरा एक और चैनल है जिसका लिंक डिस्क्रिप्शन बॉक्स में दे दूंगी विदाउट वेस्टिंग टाइम लेट्स गेट स्टार्टेड सबसे पहले हम यह पता होना चाहिए कि जो यह कंपनी है यह कहां से हुआ कहां से आया है यह जो यह कंपनी है यह कंपनी कंपनी का मतलब होता है यह दो व्हाट्सएप पे है और पेरिस चिकन का मतलब होता है टुगेदर एंड पनीर का मतलब होता है ब्रेड ओके तो वर्ड कंपनी का मतलब होता है कि जब ग्रुप ऑफ़ पर्सन जो एक साथ आते हैं वह 18 का मतलब होता Khana चिकेन तो कंपनी वर्ड कंपनीज वर्ड से आया है नेक्स्ट मीनिंग कंपनी होता क्या कंपनी क्वांटिटी एडिशन होता है का मतलब होता है अपनी इच्छा से बनाया हुआ एसोसिएशन आफ पर्सन जिसमें एसोसिएशन होते हैं लोग लोगों का एडिशन होता है फॉर्म्ड फॉर द परपस ऑफ और वह क्यों बनाया जाता है वह एसोसिएशन जिनका मकसद होता है प्रॉफिट ऑन करना विद न इन्वेस्टमेंट आफ कैपिटल और वह कुछ इनवेस्टमेंट करते हैं कैपिटल की फॉर्म में और विशिष्ट ट्रांसफरेबल इन शेयर्स चिकना जगह कैपिटल इनवेस्ट करते हैं तो उन्हें शेयर्स मिलते हैं वह शेयर्स लेते हैं कंपनी के चिकन और वह ट्रांसफरेबल होते हैं ऑफर लिमिटेड लायबिलिटी ओके जो कंपनी होती है उसकी लाइबिलिटी जाती है वह लिमिटेड होती है यह गैस की फीचर्स में पढ़ेंगे यह सिंपल इसका मीनिंग इन स्टूडेंट रजिस्ट्रेशन आर्टिफिशल पर्सन अंडर कंपनीज एक्ट जो कंपनी होती है नोटिफिकेशन पर्सन पर्सन पर्सन होती है कंपनी से यह सारे फीचर्स करके बहुत इंपोर्टेंट है अगर आपको में लिखा जाता है कंपनी ने बहुत जरूरी है और आप भी लिखेंगे तो आपको ज्यादा होंगे तो यह कंपनी क्या कहते हैं कि कंपनी है कंपनी कंपनी रजिस्टर्ड कंपनी कंपनी कंपनी कंपनी कंपनी से पहले कंपनी बनाने के लास्ट है अगर उस टाइम पर कोई कंपनी लॉ के अंदर उसे कंपनी कहते हैं तो कंपनी में हूं अपनी है जो नोटिफिकेशन रजिस्टर हुई है और वह कंपनी भी आती है जो नोटिफिकेशन पहले बनी गई थी बनाई गई थी पुराने लॉटरी सेंटर ओके अब जो फीचर करैक्टेरिस्टिक्स आफ कंपनी क्या फीचर्स से क्या करैक्टेरिस्टिक जाएंगे सारे फीचर्स हम एक-एक करके पढेंगे सबसे पहले कंपनी एक इनकॉरपोरेटेड एसोसिएशन ऑफ कर सकते हैं ठीक है कंपनी रजिस्टर्ड एसोसिएशन आफ पर्सन अंडर कंपनीज नो सिंगल इंडिविजुअल एंड कंपनी कंपनी कंपनी कंपनी कंपनी बनाने के लिए अगर तो हम प्राइवेट कंपनी बनाने जा रहे हैं प्राइवेट लिमिटेड कंपनी तो उस केस में कम से कम दो लोग होना जरूरी है और अगर हम पब्लिक लिमिटेड कंपनी बनाने जा रहे हैं तो उसमें कम से कम सात लोग होना जरूरी है और उस कंपनी की रजिस्ट्रेशन बहुत जरूरी है जैसे ही टो इनकॉरपोरेट होती है ठीक है तो उसकी रजिस्ट्रेशन कराना भी बहुत ज्यादा जरूरी है तो कंपनी ज्योति है वह लेकिन कोऑपरेटिव एसोसिएशन होता है रुका धन आर्टिफिशल पर्सन बाय लॉ ऐंड कंपनी जाती है नैचुरल पर्सन तो होता नहीं है ठीक है तो यह आर्टिफिशल पर्सन होता है लौकी नजर में इसको आर्टिफिशल इसलिए कहते हैं क्योंकि इसका बर्थ जो है वह नैचुरल बर्थ नहीं होता जैसे इंसान पैदा होता है वैसे कंपनी पैदा नहीं होती तो नैचुरल बर्थ नहीं होता है तो एक आर्टिफिशल पर्सन है लेकिन यह लीगल पर्पसस माना जाता है कंपनी क्योंकि कंपनी जो है अपने नाम पर कॉन्ट्रैक्ट में एंटर भी कर सकती है अपने नाम पर प्रॉपर्टीज खरीद सकती है सीईओ एंड कैन बे इश्यूड शिव का मतलब होता है कि अपने नाम पर किसी और कंपनी पर किसी और पर्सन पेश कर सकती है और कंपनी के ऊपर भी केस किया जा सकता है तो इटिशन आर्टिफिशल पर्सन डायलॉग नेक्स्ट अब इसमें देखो थर्ड पॉइंट है हमारा टैबलेट लीगल एंटी बैक्टीरियल एंटी का मतलब होता है कि कंपनी की पहचान उसके मेंबर्स की पहचान से अलग है ठीक है कंपनी की अपनी सेपरेट एंटिटी है मेंबर्स के अपनी सेपरेट एंटिटी है मेंबर्स और कम अपने पर्स में वहीं हम क्वांटिटी सेम नहीं है कंपनी को सेलिब्रेट आईटी आफ्टर इंसिडेंट कॉर्पोरेट जैसे ही कंपनी होती है उसकी एंट्री हो जाती है यह उसके दादा क्लियर हो जाएगा रिजल्ट कंपनी कैनन प्रिंटर कॉन्ट्रैक्ट मैंने आपको बताया है कि कंपनी की अपनी अलग पहचान होती है वह किसी भी कांटेक्ट में एंटर कर सकते हैं कोई भी प्रॉपर्टी खरीद सकती है किसी के ऊपर केस कर सकती है और उसके ऊपर भी केस किया जा सकता है ओके तो कंपनी में सारे एक्ट कर सकती है जो कि नैचुरल पर्सन करता है एक इंडिविजुअल करता है इंटर कोर्स ऑफिस अब इसमें एक है सॉल्व वर्सेस रोमन का यह बहुत ही इंपोर्टेंट केस है तो यह केस क्या फालतू कि इसमें क्या था कि 108 नंबर नाम का प्रश्न था ठीक है उसने क्या किया वह उसका जो काम था वह जूस का काम करता था शूज क्या बेचने का उसका काम करता था वहां उसने क्या कहा उसने उस फोल्डर कंपनी उसने कंपनी बनाई कंपनी का नाम झालामंड कंपनी जिसमें उसकी वाइफ डॉटर और उसके चार बेटे मेंबर से उसने क्या कर अपना बिजनेस जो है वह इस कंपनी को बेच दिया जो शूज का बिजनस था कि इतने में बेटा थर्टी थाउजेंड में जो कंपनी बनी सोलन सोलन कंपनी बनी उन्होंने क्या करा उन्होंने बदले में कंपनी अपना बिजनेस लेने उसका बिजनस लेने के बदले में उसको थर्टी थाउजेंड बचना तो 3000 पासवर्ड गैस देने की जगह उन्होंने क्या करा सोलोमन को ट्वेंटी-20 के शेयर जरूर कर दिए और 1000 के डिबेंचर्स शुरू कर दिया सलमान को कंपनी कुछ टाइम तक तो कंपनी चली लेकिन उसके बाद कंपनी से नहीं चल पाई तो कंपनी बंद हो गई इससे साइनअप कर दिया गया फाइनल लास्ट में बहुत ज्यादा नुकसान हो गया था जो कंपनी के और जो कंपनी की लाइबिलिटी 04 400 के अनसिक्योर्ड ग्रेटेस्ट पंजाबी कंपनी नोएडा होती है तो सबसे पहले पेमेंट जो होती है वह वेंचर्स की उसके बाद सिक्योर मीटर्स को पेमेंट दी जाती है लेकिन यहां पर क्रेडिट से उन्होंने कहा कि जो पेमेंट की जाए हमें इसकी करके हमको पेमेंट सबसे पहले होनी चाहिए कि होनी चाहिए क्योंकि तो कंपनी है तो इसलिए जो पेमेंट होनी चाहिए सबसे पहले होनी चाहिए तो यहां पर यह डिसाइड हुआ और कंपनी का आपस में कोई लेना देना नहीं तो सबसे पहले जो पेमेंट की जाएगी की जाएगी जो कि उसके बाद अगर कुछ बच्चे को मिले तो यहां पर यह डिसाइड हुआ और कंपनी दोनों डिफरेंट एंटिटीज है हों उसमें कोई वह नहीं है ठीक है सबसे पहले जो पेमेंट होगी और डिबेंचर्स को होगी उसके बाद अनसिक्योर्ड करैक्टर्स करूंगी यहां पर यह डिसाइड हुआ चाहे यहां पर के बच्चों के साथ शेयर से लेकिन फिर भी जो कंपनी के लिए सब्सक्राइब का मतलब होता है जो इंपॉर्टेंट फीचर है कंपनी की इसका मतलब यह है कि कंपनी में चाहे जितने भी शेयर होल्डर्स या जितने भी डायरेक्टर जाए उसका कंपनी के असिस्टेंट कोई फर्क नहीं पड़ता कंपनी कंटिन्यू और किसी की डेथ हो जाती है या फिर इंस्टॉलमेंट हो जाता है निकल जाता है उसका जाती है आ जाता है एंट्री अपडेट हो जाता है तो उस केस में भी कंपनी पर कोई असर नहीं पड़ता है मेंबर्स आते हैं मेंबर जाते हैं लेकिन कंपनी कंटिन्यू रहती है जैसे कि शोल्डर के केस में होता है अगर शोल्डर की डेथ हो जाती है तो उस केस में जो शोल्डर एंड बिजनेस होता है वह बंद हो जाता है लेकिन कंपनी के केस में ऐसा नहीं होता है कंपनी के केस में प्रपंचों से फैशन होता है कंपनीज हैव कंट्रीब्यूटेड काम करती है नेक्स्ट इसको मंज़िल कंपनी होती है वही पर्सन ने सिग्नेचर तो नहीं कर सकती है ना वह अपने आप ही तो नहीं कर सकती है तो कंपनी की एक टीम बनाई जाती है ठीक है जिसके ऊपर कंपनी का नाम गैंगरेप किया जाता है जिसमें कंपनी का नाम लिखा जाता है और वह होती है वह कंपनी के सारे इंपॉर्टेंट डॉक्यूमेंट्स पर लगाई जाती है उससे यह पता चलता है कि कंपनी जो है उस कॉन्ट्रैक्ट के लिए है जिसके ऊपर होगी उसके उस कॉन्ट्रैक्ट के लिए कंपनी होगी वो होगी तरह से माना जाता है जैसे ही कंपनी के सी लग गई किसी डॉक्यूमेंट पर मींस कंपनी है उसके ऊपर साइन कर दिए देखो यह पहले तो मैंडेटरी था कि हर कंपनी को अपनी कोमल बनाने की बनानी है लेकिन कंपनीज एक्ट अमेंडमेंट जो आएगा 2015 का उसने कंपनी को को मंज़िल बनाना मैंडेटरी जो है उसको हटा दिया उसको ऑप्शनल बना दिया गया कि कंपनी चाहे तो अपनी कोमल रख सकती है चाहे कुछ नहीं रख सकती अगर कंपनी अपनी को मंज़िल नहीं बनाती है तो उस केस में सारे इंपोर्टेंट डॉक्यूमेंट के ऊपर या तो दो डायरेक्टर साइन करेंगे या फिर एक ट्रैक्टर यह कंपनी सेक्रेटरी सेंड करेगा ओके तो इसको अभिनेत्री नहीं कर दिया और ऑप्शनल कर दिया गया है नेक्स्ट लिमिटेड लायबिलिटी का मतलब होता है कि अगर कंपनी की कंपनी होती है तो इसके पेमेंट करनी होती है पेमेंट करनी होती है तो उस केस में शेयर होल्डर्स के पर्सनल प्रॉपर्टी नहीं की जा सकती हैं उनकी क्वालिटी सिर्फ उतने तक लिमिटेड होती है जितने तक के शेयर खरीदे वह उन्होंने कंपनी में उनकी पर्सनल प्रॉपर्टी को कोई लालच नहीं है कोई नुकसान नहीं है इन फाइनेंस कंपनी लिमिटेड ने कितने पैसे दिए और जितने के रहते हैं अभी शेयर्स पर करने की उनकी पर्सनल प्रॉपर्टी को कोई भी नहीं सकता है कंपनी के पर्सनल प्रॉपर्टी से इसका मतलब होता है लिमिटेड लाइबिलिटी से शेयर खरीदे कंपनी में ₹10 का ₹1000 तक लिमिटेड कंपनी है और उसको पेमेंट करने को बोला जाए तो उसकी सजा तक हो सकती है उससे ज्यादा नहीं जा सकता लेकिन उसकी पर्सनल प्रॉपर्टी जा सकता है क्योंकि लाइबिलिटी लिमिटेड टो इन्वेस्ट इन शेयर्स ओं तरफ मेंबर्स चिक यह मैं पहले भी थोड़ा सा आपको बता चुकी हूं कि कंपनी फ्रॉम करने के लिए अगर आप अपनी कंपनी बना रहे हो तो आपको कम से कम साथ मेंबर्स की जरूरत है पब्लिक लिमिटेड कंपनी बनाने के लिए और मैक्सिमम नंबर की कोई लिमिट नहीं है वह ली कंपनी में लेकिन प्राइवेट कंपनी के केस में आपको कम से कम दो लोग चाहिए प्राइवेट कंपनी बनाने के लिए और मैक्सिमम इसमें 200 तक लोग हो सकते हैं जो कि हमारा अभी कंपनी रख 201 के तहत कि मैक्सिमम नंबर प्राइवेट कंपनी में मेंबर टू अंदर तक हो सकते हैं ओके नेट सप्रेशन आफ ओनरशिप इन मैनेजमेंट कंपनी के मैनेजमेंट अलग-अलग होता है कैसे होता है होते हैं शेयर होल्डर ने कंपनी के और मैनेजमेंट किसके हाथ में है बोर्ड आफ डायरेक्टर्स के साथ कंपनी आर्टिफिशल जूलरी पर्सन होती है वह अपने तो मैंने नहीं कर सकती ना क्योंकि इस चैनल पर नहीं है तोते कंपनी के वह बहुत दूर-दूर रहते हैं जरूरी नहीं है कि जगह के शेयर होल्डर और शेयर होल्डर्स बहुत दूर-दूर जगहों के भी हो सकते हैं तो फिर वह एक साथ कैसे मैनेज करेंगे कंपनी को तो वह क्या करते हैं वह कंपनी को मैनेज करने के लिए अपने रिप्रेजेंटेटिव रखते हैं काम करने के लिए और उन काम करने वाले रिप्रेजेंटेटिव को क्या बोला जाता है डायरेक्टर ठीक है डायरेक्टर जो थे बोर्ड आफ डायरेक्टर्स होते हैं वह कंपनी को मैनेज करते हैं ठीक है तो कंपनी के केस में ऑपरेशन होता है उन वरशिप फॉर मैनेजमेंट पर चिकन और वैसे भी जो अ शेयरहोल्डर्स होते हैं उनका मकसद होता है कंपनी में प्रॉफिट कमाना ना कि कंपनी को रन करना उसको रंग ऑन करता है बोर्ड आफ डायरेक्टर्स तो इसलिए कंपनी में नसीब होती है मैनेजमेंट लिमिटेड कंपनी का जो कंपनी करेगी उसके डॉक्यूमेंट होता है बहुत इंपॉर्टेंट डॉक्यूमेंट्स मेमोरेंडम आफ एसोसिएशन उसमें लिखा है कि कंपनी के क्या होंगे कंपनी क्या काम करेगी कि उसका क्या बिजनेस होगा तो कोई भी कंपनी उस लिमिटेशंस आफ एक्शन को क्रॉस नहीं कर सकती मींस कंपनी को वही काम करना पड़ेगा जो उसके मुमेंटम में लिखा गया है कंपनी अपनी मर्जी से कोई भी नया बिजनेस स्टार्ट नहीं कर सकती या फिर अपने एक्टिविटी को चेंज नहीं कर सकती ऐसे नहीं है कि मैं फ्रंट में लिखा है कि हमने टायर बना रही है तो ऐसा नहीं है कि कंपनी कल को कागज बनाना स्टार्ट करते नहीं कंपनी को उसी को फॉलो करना पड़ेगा जो ऑब्जेक्टिव संक्रमण प्रिंटर में मेंशन है ठीक है तो उसके एक्शंस होते हैं वह लिमिटेड होते हैं मींस उनको अपनी व्यक्ति उसके अकॉर्डिंग ही काम करना पड़ता है नेक्स्ट ट्रांसफर गिल्टी आफ शेयर्स सेक्शन 4 को आता है कंपनी 2018 का शेयर डिबेंचर के अगर इंटरेस्ट ऑफ मेंबर इन ए कंपनी इस साल में मूवेबल प्रॉपर्टी मिंस आफ क्लांस पर कर सकते हो कंपनी के शेयर एक से दूसरे पर्सन को चिक्की अगर आपके आर्टिकल्स आफ कंपनीज टो प्रोवाइड करते हैं देखो पब्लिक कंपनी के केस में आप शेयर जो है एक शेयर होल्डर दूसरे शेयर होल्डर को इसलिए ट्रांसफर कर सकता है लेकिन प्राइवेट कंपनी के इस प्रशिक्षण से और रिस्ट्रिक्शंस कहां जीवन है वह आर्टिकल्स आफ एसोसिएशन ऑफ द कंपनी में रिबन ओके तो थोड़ी सी रिस्ट्रिक्शन है प्राइवेट वाले में उसमें तरफ ट्रांसफर करने में मिनट अगर आपकी कन्वेंशन है तभी कर सकते लेकिन पब्लिक कंपनी के समीप इजली ट्रांसफर कर सकते हैं शेयर एक शेयर होल्डर इसलिए अपने शेयर दूसरे शेयरहोल्डर्स को बेच सकता है नेक्स्ट टर्मिनेशन आफ एक्जिस्टेंस लाइक इट इज रहेगा जैसे कंपनी लॉ की तरफ वो वैसे ही कंपनी खत्म भी हो सकती है इस तरह से आप चाहे तो इसे टर्मिनेट कर सकता है नेक्स्ट कंपनी कंपनी तो जरूर होती है लेकिन नॉर्थ इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन कहता है कि कंपनी के फंडामेंटल राइट्स कंपनी को क्योंकि कंपनी के दो अच्छा होता है वह सारा रिकार्ड उठाता है सिंगल इंडिविजुअल करता है क्योंकि वह उसका ओनर होता है लेकिन कंपनी के केस में बहुत सारे शेयर होल्डर जो होता है ना वह सारे शेयरहोल्डर्स में डिवाइड हो जाता तो उसके बटन नहीं करता तो उसके बटन होगा लेकिन अगर आप डिवाइड बहुत लोगों के बीच में बटन नहीं तो यह चीज कंपनी के होती है तो इसलिए कंपनी हिस्ट्री इन्वेस्टमेंट कंपनी क्योंकि उसके लिए दूसरों के कंपैरीजन में डिवाइड हो जाता है तो यह हमारी कंपनी की टॉपिक बिल्कुल क्लियर हो जाता है तो आप मुझे कमेंट सेक्शन में लिख सकते हैं और हां अगर आपको समझ आता है और आप आगे बढ़ना चाहते हैं तो आप मेरे वीडियो को लाइक कर सकते हैं कर सकते हैं है और मेरे चैनल को सबस्क्राइब कर सकते हैं सौंफ थैंक यू अ