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आईसी814 हाईजैकिंग के विवाद और विश्लेषण
Sep 30, 2024
आईसी814 हाईजैकिंग पर वेब सीरीज का विश्लेषण
मुख्य बिंदु
आईसी814 हाईजैकिंग पर एक नई वेब सीरीज रिलीज हुई है।
दर्शकों की चिंता: हाईजैकर्स के असली नामों के बजाय कोड नेम का उपयोग।
कोड नेम: डॉक्टर, चीफ, बरगर, भोला, शंकर।
नेटफ्लिक्स के कंटेंट हेड को बुलाया गया है।
कोड नेम का विवाद
उच्चारण किया गया कि ये कोड नेम असली नामों की जगह क्यों रखे गए।
मुख्य हाईजैकर्स के असली नाम:
डॉक्टर: शाहिद अख्तर सईद (कराची)
चीफ: इब्राहिम अधर (मसूद अजहर का भाई)
बरगर: सन्नी एहमद काजी (कराची)
भोला: जहूर इब्राहिम मिस्त्री (कराची)
शंकर: शाकिर (सुकूर सिटी)
कहते हैं कि जब ये हाईजैकिंग हो रही थी, तब भारत सरकार को इनकी पहचान का पता था।
प्रोपेगेंडा और सूचना का विवेचन
वेब सीरीज में ISI की भूमिका को सही तरीके से नहीं दर्शाया गया।
ISI को पूरी तरह से क्लीन चिट दी गई।
वास्तविकता में, ISI का हाईजैकिंग में महत्वपूर्ण रोल था।
वेब सीरीज का आखिरी दृश्य: ओसामा बिन लादेन के घर में पार्टी का आयोजन।
26/11 पर भी इसी तरह का प्रोपेगेंडा देखने को मिलता है जिसमें अजमल कसाब का वास्तविक नाम छिपाया जाता है।
हास्य और मानवता का प्रदर्शन
हाईजैकर्स का व्यवहार:
हास्यप्रद तरीके से बातचीत की गई।
तालिबान की forces को अच्छे तरीके से प्रस्तुत किया गया।
हाइजैकर्स के मानवीय व्यवहार को दिखाने की कोशिश की गई।
हाइजैकर्स की क्रूरता:
एक पैसेंजर का गला काटने की घटना।
निष्कर्ष
यह वेब सीरीज तथ्यात्मक रूप से गलत और मिसिनफॉर्मेशन से भरी हुई है।
लेखक की योजना: इस विषय पर किताबें खरीदना और संबंधित समाचार रिपोर्ट पढ़ना।
आगे की योजना
इस विषय पर और अध्ययन करने के लिए किताबें और चार्ट शीट्स की खरीद।
उच्च स्तर पर प्रोपेगेंडा और गलत सूचना के मुद्दे पर ध्यान।
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