अल्लाह हु अकबर उम्मती उम्मत की वक्त आज भी कब्र में उम मत की मेरे आका सल्लल्लाहु अलैही सलाम [संगीत] [संगीत] आपकी भी शमी कहेंगे या सांप की सामी कहेंगे तो हिंदुस्तान के कुछ ऐसे इलाके हैं जहां पर शेर और शेर को ekatthe नहीं वो talafool कर पाते अदा नहीं कर पाते निजामुद्दीन औलिया रहीम बारगाह में गया वहां कहते निजामुद्दीन अल्लाह नाराज नहीं हुआ अल्लाह ने नाराजगी बार-बार जिब्रील को वापस मैंने तो कुरान naazill किया ना लेकिन अल्लाह ने नाराजगी का इजहार नहीं किया बल्कि मोहब्बत जमानत वाली तीन duaaen देता हूं हज़रत सुलेमान अली सलाम को भी एक जमानत वाली दुआ दी गई की जो दुआ करेगा काबुल हो जाएगी बाकी अंबिया को एक-एक दुआ दी गई हुजूर इब्राहिम अली सलाम ने अपनी औलाद के लिए दुआ की या अल्लाह मेरी औलाद में अंबिया rasulon की तबाही की दुआ की उनकी dushmanon को अल्लाह ने तबाह कर दिया सबकी duaaen कुबूल हुई लेकिन हर नबी ने जो दुआ किया अपने लिए की या अपनी औलाद के लिए की आपने dushmanon की हालत के लिए की unhen एक दुआ मिली लेकिन क्यों बचा के रखिए सवाल पैदा होता है बाकी हम भी आप भी अपनी उम्मती से प्यार करते हैं लेकिन उन्होंने अपनी ummaton के लिए वह दुआ बचाकर क्यों नहीं राखी एक दुआ थी उम्मत के लिए बचा कर रखते ना हम भी आपको पता था हम भी आज जानते द की उसे लाजपाल को लाज है आकाश सल्लल्लाहु अलैही vasllam है नदियों के लिए भी नबी हैं अल हज़रत का वह कलम याद आया [संगीत] [संगीत] अंदाज़ देखें तेवर देखे हुजूर पूछना चाहता हूं [संगीत] [संगीत] तुम्हारा हमारा नबी जैसे सबका खुदा एक है अच्छा मैं अर्ज कर रहा था [संगीत] [संगीत] [संगीत]