DNA प्रतिकृति की प्रक्रिया
परिचय
- DNA प्रतिकृति का अर्थ: मूल DNA अणु से दो समान DNA प्रतियों का उत्पादन।
- यह एक नियंत्रित प्रक्रिया है जिससे डीएनए की प्रति बनती है।
सेमी-कंजर्वेटिव प्रकृति
- 1958 में सेल-सेल और स्टैनलेट द्वारा प्रमाणित।
- एक पेरेंटल DNA स्ट्रैंड अलग होता है, जिससे एक नया स्ट्रैंड जुड़ता है।
- एक नई DNA प्रतियों में से एक स्ट्रैंड मूल होता है, जबकि दूसरा नया होता है।
एंजाइमों की भूमिका
- DNA प्रतिकृति में चार प्रमुख एंजाइम शामिल हैं:
- हेलिकेज एंजाइम (Unzipping enzyme): DNA स्ट्रैंड को अलग करता है।
- DNA पोलिमरेज़ (Builder enzyme): नए DNA स्ट्रैंड का निर्माण करता है।
- RNA प्राइमेज: RNA के छोटे सेगमेंट (प्राइमर) को जोड़ता है।
- लिगेज (Glowing enzyme): ओकाज़ाकी फ्रेगमेंट्स को जोड़ता है।
DNA स्ट्रैंड की संरचना
- DNA के दोनों स्ट्रैंड्स में एंटी-पारलल पोलारिटी होती है।
- जो स्ट्रैंड 5' से 3' दिशा में जाता है, दूसरा 3' से 5' दिशा में जाता है।
प्रतिकृति का चरण
-
ओरिजिन की पहचान:
- हेलिकेज एंजाइम हाइड्रोजन बांड तोड़ता है और एक Y-आकार का संरचना (Replication Fork) बनाता है।
-
नए स्ट्रैंड का निर्माण:
- DNA पोलिमरेज़ नए स्ट्रैंड का निर्माण करता है।
- उसे प्राइमर की आवश्यकता होती है, जिसे RNA प्राइमेज प्रदान करता है।
- प्राइमर को जोड़ने के बाद, DNA पोलिमरेज़ नए स्ट्रैंड का निर्माण करता है।
-
लीडिंग और लैगिंग स्ट्रैंड:
- लीडिंग स्ट्रैंड: लगातार बनाया जाता है।
- लैगिंग स्ट्रैंड: छोटे ओकाज़ाकी फ्रेगमेंट्स में बनाया जाता है।
-
RNA प्राइमर को हटाना:
- DNA पोलिमरेज़ RNA प्राइमर को हटाता है और डीएनए न्यूक्लियोटाइड्स जोड़ता है।
-
ओकाज़ाकी फ्रेगमेंट्स का जोड़ना:
- DNA लिगेज ओकाज़ाकी फ्रेगमेंट्स को जोड़ता है।
प्रूफ रीडिंग और DNA मरम्मत
- DNA पोलिमरेज़ नए स्ट्रैंड का निर्माण करते समय गुणवत्ता की जांच करता है।
- किसी भी त्रुटि को ठीक करता है।
निष्कर्ष
- DNA प्रतिकृति की प्रक्रिया जटिल होती है और इसमें कई एंजाइमों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
- यूकेरियोटिक जीवों में कई ओरिजिन होते हैं जबकि प्रोक्रियोटिक जीवों में एक ही ओरिजिन होता है।
यह नोट्स DNA प्रतिकृति की प्रक्रिया को समझने में मदद करेंगे।